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विवेकानन्द साहित्य [ जन्मशती संस्करण ] [ षष्ठ खण्ड ] | Vivekanand Sahitya [ Janmashati Sanskran ] [Vol. 6]
Title विवेकानन्द साहित्य [ जन्मशती संस्करण ] [ षष्ठ खण्ड ] | Vivekanand Sahitya [ Janmashati Sanskran ] [Vol. 6] Author अज्ञात – Unknown Keywords धार्मिक / Religious, साहित्य / Literature, हिंदू – Hinduism #ववकननद #सहतय #जनमशत #ससकरण #षषठ #खणड #Vivekanand #Sahitya #Janmashati #Sanskran #Vol ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post विवेकानन्द साहित्य [ जन्मशती संस्करण ] [ षष्ठ खण्ड ] | Vivekanand Sahitya [ Janmashati Sanskran ] [Vol. 6] appeared first on eBookmela. upload by free hindi books

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स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDF in Hindi
स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDF Detailsस्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja VidhiPDF Nameस्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.61 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi Hindi PDF Summaryआप इस लेख के माध्यम से स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDF प्राप्त कर सकते हैं। स्कन्द षष्ठी का व्रत करने से भगवान् कार्तिकेय जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान् कार्तिकेय जी के विभिन्न पवित्र नामों में से एक नाम स्कन्द भी हैं। स्कन्द भगवान् का पूजन करने से व्यक्ति में साहस की वृद्धि होती है।स्कन्द भगवान् को देवताओं का सेनापति माना जाता है। वह युद्ध के देवता हैं। स्कन्द भगवान् को उनके वाहन मयूर (मोर) के साथ दर्शाया जाता है। यदि आप अपने जीवन में शत्रुओं से पीड़ित हैं, तो स्कन्द षष्ठी का व्रत एवं पूजन अवश्य करें। स्कन्द षष्ठी की पूजा विधि हमने इस लेख में दी है, जिसके माध्यम से आप अपने घर पर पूजन कर सकते हैं।स्कंद षष्ठी व्रत विधि | Skanda Shasti Pooja Vidhiसुबह जल्दी उठें और घर की साफ-सफाई करें।इसके बाद स्नान-ध्यान कर सर्वप्रथम व्रत का संकल्प लें।पूजा घर में मां गौरी और शिव जी के साथ भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा को स्थापित करें।पूजा जल, मौसमी फल, फूल, मेवा, कलावा, दीपक, अक्षत, हल्दी, चंदन, दूध, गाय का घी, इत्र आदि से करें। अंत में आरती करें।शाम को कीर्तन-भजन पूजा के बाद आरती करें।इसके पश्चात फलाहार करें।स्कन्द षष्ठी पूजन मंत्र | Skanda Shashthi Pujan Mantraभगवान् स्कंद का पूजन मंत्र निम्नलिखित हैं –देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥स्कंद षष्ठी का महत्व | Significance of Skanda Shashthiस्कंद षष्ठी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय जी की पूजा करने से ग्रह बाधा से मुक्ति प्राप्त होती है, जिससे ग्रहों की अशुभता के कारण होने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस दिन विधिपूर्वक पूजन व व्रत करने से व्यक्ति को सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। संतान के कष्ट दूर करने की कामना से भी यह व्रत किया जाता है। खासतौर पर दक्षिण भारत में इस तिथि को त्योहार की तरह मनाया जाता है। यहां पर भगवान कार्तिकेय को सुब्रह्मण्यम के नाम से जाना जाता है। इनका प्रिय फूल चंपा है इसलिए इस तिथि को चंपा षष्ठी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर का अंत किया था।स्कंद षष्ठी पूजा मुहूर्त | Skanda Shasthi Puja Muhuartषष्ठी तिथि 15 जून 2021, मंगलवार रात 10.56 बजे से प्रारंभ हो चुकी है। इस तिथि का समापन आज बुधवार रात 10.45 बजे होगा।You may also like :स्कंद षष्ठी व्रत कथा | Skanda Sashti Vrat Katha PDF in HindiYou can download Skanda Shashti Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#सकद #षषठ #पज #वध #Skanda #Shashti #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post स्कंद षष्ठी पूजा विधि | Skanda Shashti Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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स्कंद षष्ठी व्रत कथा | Skanda Sashti Vrat Katha PDF in Hindi
स्कंद षष्ठी व्रत कथा | Skanda Sashti Vrat Katha PDF Detailsस्कंद षष्ठी व्रत कथा | Skanda Sashti Vrat KathaPDF Nameस्कंद षष्ठी व्रत कथा | Skanda Sashti Vrat Katha PDFNo. of Pages4PDF Size0.51 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
स्कंद षष्ठी व्रत कथा | Skanda Sashti Vrat Katha Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप स्कंद षष्ठी व्रत कथा PDF प्राप्त कर सकते हैं। भगवान् कार्तिकेय के विभिन्न्न पवित्र नामों में से एक नाम स्कन्द भी है। भगवान् कार्तिकेय जी की विशेष कृपा प्राप्त करने हेतु स्कन्द षष्ठी का व्रत किया जाता है। स्कन्द भगवान् को युद्ध का देवता तथा देवताओं का सेनापति कहा जाता है।स्कन्द भगवान् की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है तथा व्यक्ति के अंदर आत्मशक्ति का संचार होता है। व्यक्ति में यदि आत्मबल हो तो वह विभिन्न प्रकार के कष्टों से बच सकता है तथा शत्रुओं से भी आत्मरक्षा कर सकते हैं। भगवान् कार्तिकेय का अवतार एक अत्यधिक दुष्ट राक्षस के वध के लिए हुआ था। यदि आप भी स्कन्द षष्टी का व्रत करना चाहते हैं तो स्कन्द षष्टी व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।स्कन्द षष्ठी व्रत कथा | Skanda Sashti Katha PDFपुराणों में कुमार कार्तिकेय के जन्म का वर्णन मिलता है। जब असुरों ने देवलोक में आतंक मचाया हुआ था तब देवगण को असुरों से पराजय का सामना करना पड़ा था। देवताओं के निवास स्थान पर भी असुरों ने अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था। सभी देवगण असुरों को आतंक से इतने परेशान हो चुके थे कि वो सभी मिलकर भगवान ब्रह्मा के पास गए और मदद की प्रार्थना की। तब ब्रह्मा जी ने बताया कि भगवान शिव के पुत्र द्वारा ही इन असुरों का नाश होगा। लेकिन इस समय भगवान शिव माता सती के वियोग में समाधि में लीन थे।तब सभी देवताओं और इंद्र ने शिवजी समाधि से जगाने का प्रयत्न किया और इसके लिए उन्होंने भगवान कामदेव की मदद ली। कामदेव अपने बाण से शिव पर फूल फेंकते हैं जिससे उनके मन में माता पार्वती के लिए प्रेम की भावना विकसित हो।इससे शिवजी की तपस्या भंग हो जाती हैं और वे क्रोध में आकर अपनी तीसरी आंख खोल देते हैं। इससे कामदेव भस्म हो जाते हैं। तपस्या भंग होने के बाद वे माता पार्वती की तरफ खुद को आकर्षित पाते हैं। इसके बाद शिवजी का विवाह माता पार्वती से हो जाता है। इस तरह भगवान कार्तिकेय का जन्म होता है। फिर भगवान कार्तिकेय असुरों के राजा तारकासुर का वध कर देवताओं को उनका निवास स्थान वापस प्रदान करते हैं।भगवान कार्तिकेय की आरती | Lord Kartikeya Aarti in Hindiजय जय आरती
जय जय आरती वेणु गोपाला
वेणु गोपाला वेणु लोला
पाप विदुरा नवनीत चोराजय जय आरती वेंकटरमणा
वेंकटरमणा संकटहरणा
सीता राम राधे श्यामजय जय आरती गौरी मनोहर
गौरी मनोहर भवानी शंकर
साम्ब सदाशिव उमा महेश्वरजय जय आरती राज राजेश्वरि
राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि
महा सरस्वती महा लक्ष्मी
महा काली महा लक्ष्मीजय जय आरती आन्जनेय
आन्जनेय हनुमन्ताजय जय आरति दत्तात्रेय
दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतारजय जय आरती सिद्धि विनायक
सिद्धि विनायक श्री गणेशजय जय आरती सुब्रह्मण्य
सुब्रह्मण्य कार्तिकेय।You can download Skanda Sashti Vrat Katha PDF in Hindi by clicking on the following download button.#सकद #षषठ #वरत #कथ #Skanda #Sashti #Vrat #Katha #PDF #HindiThe post स्कंद षष्ठी व्रत कथा | Skanda Sashti Vrat Katha PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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