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लाभ पंचम पूजा विधि | Labh Pancham Puja Vidhi PDF in Hindi
लाभ पंचम पूजा विधि | Labh Pancham Puja Vidhi PDF Detailsलाभ पंचम पूजा विधि | Labh Pancham Puja VidhiPDF Nameलाभ पंचम पूजा विधि | Labh Pancham Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.63 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
लाभ पंचम पूजा विधि | Labh Pancham Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप लाभ पंचम पूजा विधि / Labh Pancham Puja Vidhi प्राप्त कर सकते हैं। माना जाता है कि दिवाली के महापर्व से से गुजराती नववर्ष आरम्भ होता है। दिवाली के उपरांत लाभ पंचमी पर व्यापारी लोग बही खातों की पूजा करते हैं साथ ही शिव परिवार और देवी लक्ष्मी की पूजा कर प्रार्थना करते हैं।लाभ पंचमी का पर्व लाभ यानी फायदे को दर्शाता है और इस प्रकार लोगों के जीवन में योग्यता और अच्छा भाग्य लाने के लिए इस दिन को पहचाना जाता है। गुजरात में लोग मानते हैं कि लाभ पंचमी पर पूजा करने से उनका भाग्योदय होगा। साथ ही उन्हें धन और खुशी का आशीर्वाद भी सभी देवी-देवताओं से प्राप्त होगा। लाभ पंचमी नया काम शुरू करने के लिए भी बहुत ही शुभ दिन माना जाता है।लाभ पंचमी पूजा विधि | Labh Panchami Puja Vidhiलाभ पंचमी व्रत की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठ जाएं और प्रात:काल स्नान करें।उसके बाद सूर्यदेव को जल दें।इसके बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमाओं के समझ बैठ जाएं।भगवान गणपति जी को चंदन, सिंदूर, अक्षत, धूप,दीप और दूर्वा आदि अर्पित करें।इसके बाद मां पार्वती और मां लक्ष्मी को फूल आदि अर्पित करें और माता लक्ष्मी को लाल वस्त्र, इत्र,हल्दी आदि भी अर्पित करें।इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जप करें।साथ ही सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं।इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को पूरा दिन निराहार रहना है।फिर अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत खोलें।आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन विवाहित महिलाओं को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।शिव जी की आरती | Shiv Ji Ki Aarti Lyrics in Hindiॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥ॐ जय शिव ओंकारा॥एकानन चतुराननपञ्चानन राजे।हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे।त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी।त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥ॐ जय शिव ओंकारा॥श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे।सनकादिक गरुणादिकभूतादिक संगे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥कर के मध्य कमण्डलुचक्र त्रिशूलधारी।सुखकारी दुखहारीजगपालन कारी॥ॐ जय शिव ओंकारा॥ब्रह्मा विष्णु सदाशिवजानत अविवेका।मधु-कैटभ दो‌उ मारे,सुर भयहीन करे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥लक्ष्मी व सावित्रीपार्वती संगा।पार्वती अर्द्धांगी,शिवलहरी गंगा॥ॐ जय शिव ओंकारा॥पर्वत सोहैं पार्वती,शंकर कैलासा।भांग धतूर का भोजन,भस्मी में वासा॥ॐ जय शिव ओंकारा॥जटा में गंग बहत है,गल मुण्डन माला।शेष नाग लिपटावत,ओढ़त मृगछाला॥ॐ जय शिव ओंकारा॥काशी में विराजे विश्वनाथ,नन्दी ब्रह्मचारी।नित उठ दर्शन पावत,महिमा अति भारी॥ॐ जय शिव ओंकारा॥त्रिगुणस्वामी जी की आरतिजो कोइ नर गावे।कहत शिवानन्द स्वामी,मनवान्छित फल पावे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥You can download Labh Pancham Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#लभ #पचम #पज #वध #Labh #Pancham #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post लाभ पंचम पूजा विधि | Labh Pancham Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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