सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF in Hindi
सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----maa-siddhidatri-ki-katha-619.jpg">सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha</a>PDF Name<b>सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.44 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png">✔</a>Downloads26
सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं सिद्धिदात्री माता की कथा PDF / Maa Siddhidatri Katha PDF सिद्धिदात्री माता की पूजा नवरात्रि के अंतिम दिन नवमी पर की जाती है। नवरात्रि नवमी के दिन माँ सिद्धिदात्री के लिए व्रत भी किया जाता है। यह दिन उन साधकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो किसी भी प्रकार की सिद्धि अथवा साधना करना चाहते हैं। जैसा कि माँ सिद्धिदात्री का नाम है, वह विभिन्न प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं।हमने इस लेख के अंत में माता सिद्धिदात्री की व्रत कथा का वर्णन किया है तथा उसको पीडीऍफ़ फाइल के रूप में भी दिया गया है। यदि आप नवमी के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा करना चाहते हैं, तो इस व्रत कथा को अवश्य पढ़ें तथा माता को प्रसन्न करें। माता सिद्धिदात्री के पूजन के साथ ही नवरात्रि महोत्सव का समापन हो जाता है।माँ सिद्धिदात्री की कथा PDF / Siddhidatri Mata Katha PDFएक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था। साथ ही मां सिद्धिदात्री की कृपा ने भगवान शिव का आधा शरीर देवी हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाए। मां दुर्गा का यह अत्यंत शक्तिशाली स्वरूप है। शास्त्रों के अनुसार, देवी दुर्गा का यह स्वरूप सभी देवी-देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है। कहते हैं कि दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवतागणम भगवान शिव और प्रभु विष्णु के पास गुहार लगाने गए थे। तब वहां मौजूद सभी देवतागण से एक तेज उत्पन्न हुआ। उस तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ। जिन्हें मां सिद्धिदात्री के नाम से जाते हैं।पौराणिक मान्यता के अनुसार मां सिद्धिदात्री के पास अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व सिद्धियां हैं। माता रानी अपने भक्तों को सभी आठों सिद्धियों से पूर्ण करती हैं। मां सिद्धिदात्री को जामुनी या बैंगनी रंग अतिप्रिय है। ऐसे में भक्त को नवमी के दिन इसी रंग के वस्त्र धारण कर मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से माता की हमेशा कृपा बनी रहती हैं।आठ सिद्धियों के नामअणिमामहिमागरिमालघिमाप्राप्तिप्राकाम्यईशित्ववशित्वमाँ सिद्धिदात्री का श्लोकया देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।माँ सिद्धिदात्री आरती PDF / Maa Siddhidatri Ki Aarti PDF in Hindiजय सिद्धिदात्री मां तू सिद्धि की दाता।तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता।तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।।कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है।।रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।तू सब काज उसके करती है पूरे।कभी काम उसके रहे ना अधूरे।।तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली।।हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।।<strong>You can download सिद्धिदात्री माता की कथा PDF / Maa Siddhidatri Katha PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#सदधदतर #मत #क #कथ #Maa #Siddhidatri #Katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be-maa-s">सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www.ebookmela.co.in">eBookmela</a>. upload by <a href="https://www.ebookmela.co.in/author/…
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सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं सिद्धिदात्री माता की कथा PDF / Maa Siddhidatri Katha PDF सिद्धिदात्री माता की पूजा नवरात्रि के अंतिम दिन नवमी पर की जाती है। नवरात्रि नवमी के दिन माँ सिद्धिदात्री के लिए व्रत भी किया जाता है। यह दिन उन साधकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो किसी भी प्रकार की सिद्धि अथवा साधना करना चाहते हैं। जैसा कि माँ सिद्धिदात्री का नाम है, वह विभिन्न प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं।हमने इस लेख के अंत में माता सिद्धिदात्री की व्रत कथा का वर्णन किया है तथा उसको पीडीऍफ़ फाइल के रूप में भी दिया गया है। यदि आप नवमी के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा करना चाहते हैं, तो इस व्रत कथा को अवश्य पढ़ें तथा माता को प्रसन्न करें। माता सिद्धिदात्री के पूजन के साथ ही नवरात्रि महोत्सव का समापन हो जाता है।माँ सिद्धिदात्री की कथा PDF / Siddhidatri Mata Katha PDFएक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था। साथ ही मां सिद्धिदात्री की कृपा ने भगवान शिव का आधा शरीर देवी हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाए। मां दुर्गा का यह अत्यंत शक्तिशाली स्वरूप है। शास्त्रों के अनुसार, देवी दुर्गा का यह स्वरूप सभी देवी-देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है। कहते हैं कि दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवतागणम भगवान शिव और प्रभु विष्णु के पास गुहार लगाने गए थे। तब वहां मौजूद सभी देवतागण से एक तेज उत्पन्न हुआ। उस तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ। जिन्हें मां सिद्धिदात्री के नाम से जाते हैं।पौराणिक मान्यता के अनुसार मां सिद्धिदात्री के पास अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व सिद्धियां हैं। माता रानी अपने भक्तों को सभी आठों सिद्धियों से पूर्ण करती हैं। मां सिद्धिदात्री को जामुनी या बैंगनी रंग अतिप्रिय है। ऐसे में भक्त को नवमी के दिन इसी रंग के वस्त्र धारण कर मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से माता की हमेशा कृपा बनी रहती हैं।आठ सिद्धियों के नामअणिमामहिमागरिमालघिमाप्राप्तिप्राकाम्यईशित्ववशित्वमाँ सिद्धिदात्री का श्लोकया देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।माँ सिद्धिदात्री आरती PDF / Maa Siddhidatri Ki Aarti PDF in Hindiजय सिद्धिदात्री मां तू सिद्धि की दाता।तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता।तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।।कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है।।रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।तू सब काज उसके करती है पूरे।कभी काम उसके रहे ना अधूरे।।तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली।।हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।।<strong>You can download सिद्धिदात्री माता की कथा PDF / Maa Siddhidatri Katha PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#सदधदतर #मत #क #कथ #Maa #Siddhidatri #Katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be-maa-s">सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www.ebookmela.co.in">eBookmela</a>. upload by <a href="https://www.ebookmela.co.in/author/…