देव द्रव्य निर्णय [खंड 1] | Dev Drivya Nirnaya [Khand 1] || अज्ञात – Unknown
Title देव द्रव्य निर्णय [खंड 1] | Dev Drivya Nirnaya [Khand 1] Author अज्ञात – Unknown Keywords जैन धर्म / Jain Dharm #दव #दरवय #नरणय #खड #Dev #Drivya #Nirnaya #Khand ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post देव द्रव्य निर्णय [खंड 1] | Dev Drivya Nirnaya [Khand 1]
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रीति काव्य की भूमिका तथा देव और उनकी कविता | Reeti Kavya Ki Bhoomika Tatha Dev Aur Unki Kavita | डॉ. नगेन्द्र – Dr.Nagendra
Title रीति काव्य की भूमिका तथा देव और उनकी कविता | Reeti Kavya Ki Bhoomika Tatha Dev Aur Unki Kavita Author डॉ. नगेन्द्र – Dr.Nagendra Keywords काव्य / Poetry, साहित्य / Literature #रत #कवय #क #भमक #तथ #दव #और #उनक #कवत #Reeti #Kavya #Bhoomika #Tatha #Dev #Aur #Unki #Kavita ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post रीति काव्य की भूमिका तथा देव और उनकी कविता | Reeti Kavya Ki Bhoomika Tatha Dev Aur Unki Kavita
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Title रीति काव्य की भूमिका तथा देव और उनकी कविता | Reeti Kavya Ki Bhoomika Tatha Dev Aur Unki Kavita Author डॉ. नगेन्द्र – Dr.Nagendra Keywords काव्य / Poetry, साहित्य / Literature #रत #कवय #क #भमक #तथ #दव #और #उनक #कवत #Reeti #Kavya #Bhoomika #Tatha #Dev #Aur #Unki #Kavita ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post रीति काव्य की भूमिका तथा देव और उनकी कविता | Reeti Kavya Ki Bhoomika Tatha Dev Aur Unki Kavita
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श्री महावीर देव | Shri Mahaveer Dev | अज्ञात – Unknown
Title श्री महावीर देव | Shri Mahaveer Dev Author अज्ञात – Unknown Keywords जैन धर्म / Jain Dharm, धार्मिक / Religious #शर #महवर #दव #Shri #Mahaveer #Dev ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post श्री महावीर देव | Shri Mahaveer Dev
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श्री महावीर देव | Shri Mahaveer Dev | अज्ञात - Unknown Title श्री महावीर देव | Shri Mahaveer Dev Author अज्ञात - Unknown Keywords जैन धर्म / Jain Dharm, धार्मिक / Religious #शर #महवर #दव #Shri #Mahaveer #Dev
देव और पुरुषार्थ | Dev Aur Purusharth | विद्यानन्द मुनि – Vidhyanand Muni
Title देव और पुरुषार्थ | Dev Aur Purusharth Author विद्यानन्द मुनि – Vidhyanand Muni Keywords धार्मिक / Religious #दव #और #परषरथ #Dev #Aur #Purusharth ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post देव और पुरुषार्थ | Dev Aur Purusharth
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देव और पुरुषार्थ | Dev Aur Purusharth | विद्यानन्द मुनि - Vidhyanand Muni Title देव और पुरुषार्थ | Dev Aur Purusharth Author विद्यानन्द मुनि - Vidhyanand Muni Keywords धार्मिक / Religious #दव #और #परषरथ #Dev #Aur #Purusharth
देवरानी जेठानी | Dev Rani Jethani | अज्ञात – Unknown
Title देवरानी जेठानी | Dev Rani Jethani Author अज्ञात – Unknown Keywords कहानियाँ / Stories #दवरन #जठन #Dev #Rani #Jethani ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post देवरानी जेठानी | Dev Rani Jethani
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Title देवरानी जेठानी | Dev Rani Jethani Author अज्ञात – Unknown Keywords कहानियाँ / Stories #दवरन #जठन #Dev #Rani #Jethani ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post देवरानी जेठानी | Dev Rani Jethani
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देव और बिहारी | Dev Aur Bihari | कृष्णबिहारी मिश्र – KrishnaBihari Mishra
Title देव और बिहारी | Dev Aur Bihari Author कृष्णबिहारी मिश्र – KrishnaBihari Mishra Keywords आलोचनात्मक / Critique, साहित्य / Literature #दव #और #बहर #Dev #Aur #Bihari ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post देव और बिहारी | Dev Aur Bihari
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देव और बिहारी | Dev Aur Bihari | कृष्णबिहारी मिश्र - KrishnaBihari Mishra Title देव और बिहारी | Dev Aur Bihari Author कृष्णबिहारी मिश्र - KrishnaBihari Mishra Keywords आलोचनात्मक / Critique, साहित्य / Literature #दव #और #बहर
श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF in Hindi
श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF Detailsश्री मंगल चालीसा | Mangal Dev ChalisaPDF Nameश्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDFNo. of Pages4PDF Size0.52 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख में आपको श्री मंगल चालीसा / Mangal Dev Chalisa PDF प्रदान कर रहे हैं। यह चालीसा मंगल देव को समर्पित है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव की महादशा अथवा अन्तर्दशा चल रही है, उन्हे इस चालीसा का पाठ नित्य – प्रतिदिन अवश्य करनी चाहिए। यदि आप प्रतिदिन पाठ करने में असमर्थ हैं, तो काम से कम प्रति मंगलवार इस चालीसा का पाठ अवश्य करें।जिन जातकों की कुंडली में मंगलदोष उपस्थित है तथा उनके जीवन में मंगलदोष के कारण अनेक प्रकार की समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं, तो आपको श्री मंगल चालीसा के पाठ से लाभ होगा। इस चालीसा का पाठ करने से मांगलिक होने के कारण से उत्पन्न होने वाली विवाह सम्बंधित समस्याओं का भी नाश होता हैं।मंगल ग्रह चालीसा | Mangal Grah Chalisa Lyrics PDFमंगल मूरति जय जय हनुमंता, मंगल-मंगल देव अनंता।हाथ व्रज और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेऊ साजे।शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जगवंदन।लाल लंगोट लाल दोऊ नयना, पर्वत सम फारत है सेना।काल अकाल जुद्ध किलकारी, देश उजारत क्रुद्ध अपारी।रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।भूमि पुत्र कंचन बरसावे, राजपाट पुर देश दिवावे।शत्रुन काट-काट महिं डारे, बंधन व्याधि विपत्ति निवारे।आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक ते कांपै।सब सुख लहैं तुम्हारी शरणा, तुम रक्षक काहू को डरना।तुम्हरे भजन सकल संसारा, दया करो सुख दृष्टि अपारा।रामदण्ड कालहु को दण्डा, तुम्हरे परसि होत जब खण्डा।पवन पुत्र धरती के पूता, दोऊ मिल काज करो अवधूता।हर प्राणी शरणागत आए, चरण कमल में शीश नवाए।रोग शोक बहु विपत्ति घराने, दुख दरिद्र बंधन प्रकटाने।तुम तज और न मेटनहारा, दोऊ तुम हो महावीर अपारा।दारिद्र दहन ऋण त्रासा, करो रोग दुख स्वप्न विनाशा।शत्रुन करो चरन के चेरे, तुम स्वामी हम सेवक तेरे।विपति हरन मंगल देवा, अंगीकार करो यह सेवा।मुद्रित भक्त विनती यह मोरी, देऊ महाधन लाख करोरी।श्रीमंगलजी की आरती हनुमत सहितासु गाई।होई मनोरथ सिद्ध जब अंत विष्णुपुर जाई।श्री मंगल चालीसा पाठ विधि | Shri Mangal Chalisa Path Vidhiसर्वप्रथम स्नान आदि से निर्वत्त होकर शुद्ध हो जाएँ।
अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएँ।
एक लकड़ी की चौकी रखें।
लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
उस पर मंगलदेव व श्री हनुमान जी का चित्र अथवा मूर्ति स्थापित करें।
अब उनके समक्ष श्री मंगल चालीसा का पाठ करें।
पाठ संपन्न होने पर आरती करें तथा आशीर्वाद ग्रहण करें।You may also like :मंगलवार की आरती | Mangalvar Vrat Aarti PDF in Hindiमंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha in Hindi PDF in Hindiऋणमोचक मंगल स्तोत्र | Rinmochan Mangal Stotra PDF in Hindiमंगल भौम प्रदोष व्रत कथा | Mangal Pradosh Vrat Katha 2021 PDF in HindiYou can download Mangal Dev Chalisa in Hindi PDF by clicking on the following download button.#शर #मगल #चलस #Mangal #Dev #Chalisa #PDF #HindiThe post श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF Detailsश्री मंगल चालीसा | Mangal Dev ChalisaPDF Nameश्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDFNo. of Pages4PDF Size0.52 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख में आपको श्री मंगल चालीसा / Mangal Dev Chalisa PDF प्रदान कर रहे हैं। यह चालीसा मंगल देव को समर्पित है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव की महादशा अथवा अन्तर्दशा चल रही है, उन्हे इस चालीसा का पाठ नित्य – प्रतिदिन अवश्य करनी चाहिए। यदि आप प्रतिदिन पाठ करने में असमर्थ हैं, तो काम से कम प्रति मंगलवार इस चालीसा का पाठ अवश्य करें।जिन जातकों की कुंडली में मंगलदोष उपस्थित है तथा उनके जीवन में मंगलदोष के कारण अनेक प्रकार की समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं, तो आपको श्री मंगल चालीसा के पाठ से लाभ होगा। इस चालीसा का पाठ करने से मांगलिक होने के कारण से उत्पन्न होने वाली विवाह सम्बंधित समस्याओं का भी नाश होता हैं।मंगल ग्रह चालीसा | Mangal Grah Chalisa Lyrics PDFमंगल मूरति जय जय हनुमंता, मंगल-मंगल देव अनंता।हाथ व्रज और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेऊ साजे।शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जगवंदन।लाल लंगोट लाल दोऊ नयना, पर्वत सम फारत है सेना।काल अकाल जुद्ध किलकारी, देश उजारत क्रुद्ध अपारी।रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।भूमि पुत्र कंचन बरसावे, राजपाट पुर देश दिवावे।शत्रुन काट-काट महिं डारे, बंधन व्याधि विपत्ति निवारे।आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक ते कांपै।सब सुख लहैं तुम्हारी शरणा, तुम रक्षक काहू को डरना।तुम्हरे भजन सकल संसारा, दया करो सुख दृष्टि अपारा।रामदण्ड कालहु को दण्डा, तुम्हरे परसि होत जब खण्डा।पवन पुत्र धरती के पूता, दोऊ मिल काज करो अवधूता।हर प्राणी शरणागत आए, चरण कमल में शीश नवाए।रोग शोक बहु विपत्ति घराने, दुख दरिद्र बंधन प्रकटाने।तुम तज और न मेटनहारा, दोऊ तुम हो महावीर अपारा।दारिद्र दहन ऋण त्रासा, करो रोग दुख स्वप्न विनाशा।शत्रुन करो चरन के चेरे, तुम स्वामी हम सेवक तेरे।विपति हरन मंगल देवा, अंगीकार करो यह सेवा।मुद्रित भक्त विनती यह मोरी, देऊ महाधन लाख करोरी।श्रीमंगलजी की आरती हनुमत सहितासु गाई।होई मनोरथ सिद्ध जब अंत विष्णुपुर जाई।श्री मंगल चालीसा पाठ विधि | Shri Mangal Chalisa Path Vidhiसर्वप्रथम स्नान आदि से निर्वत्त होकर शुद्ध हो जाएँ।
अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएँ।
एक लकड़ी की चौकी रखें।
लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
उस पर मंगलदेव व श्री हनुमान जी का चित्र अथवा मूर्ति स्थापित करें।
अब उनके समक्ष श्री मंगल चालीसा का पाठ करें।
पाठ संपन्न होने पर आरती करें तथा आशीर्वाद ग्रहण करें।You may also like :मंगलवार की आरती | Mangalvar Vrat Aarti PDF in Hindiमंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha in Hindi PDF in Hindiऋणमोचक मंगल स्तोत्र | Rinmochan Mangal Stotra PDF in Hindiमंगल भौम प्रदोष व्रत कथा | Mangal Pradosh Vrat Katha 2021 PDF in HindiYou can download Mangal Dev Chalisa in Hindi PDF by clicking on the following download button.#शर #मगल #चलस #Mangal #Dev #Chalisa #PDF #HindiThe post श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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शनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra PDF in Hindi
शनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra PDF Detailsशनिदेव मंत्र | Shani Dev MantraPDF Nameशनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra PDFNo. of Pages4PDF Size0.50 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
शनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, आप इस लेख के द्वारा शनिदेव मंत्र संग्रह PDF प्राप्त कर सकते हैं। इस मंत्र संग्रह में हमने शनि बीज मंत्र, शनि वैदिक मंत्र, शनि तांत्रिक मंत्र, शनि पौराणिक मंत्र तथा शनि गायत्री मंत्र PDF को भी इस संग्रह में संगलित किया गया है। शनिदेव को सामान्यतः लोग एक क्रूर ग्रह मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। शनिदेव एक न्यायप्रिय देवता हैं तथा कर्मों के अनुसार व्यक्ति को कर्मफल देते हैं।हमने अपने प्यारे पाठकों के लिए इस लेख के अंत में Shani Dev Mantra in Hindi PDF Free Download लिंक दिया हुआ है जिसके माध्यम से आप शनि देव के इन दिव्य मन्त्रों के संग्रह को प्राप्त कर सकते हैं तथा उन मन्त्रों का प्रयोग कर शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शनि देव की साढेशाती के समय भी इन मन्त्रों के प्रयोग से अप्रत्याशित लाभ होता है। श्री शनि देव मंत्र जाप / Shani Dev Mantra in Hindi PDF वैदिक शनि मन्त्र / Shani Dev Vedic Mantraॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शं योरभि स्त्रवन्तु न:।Nilanjan Samabhasam Shani Mantra in Hindi PDFनीलांजनसमाभासं रविपुत्र यमाग्रजम,छायामार्तंड सम्भूतं नं नमामि शनैश्चरम।शनि तांत्रिक मन्त्र / Shani Tantrik Mantraॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:शनि बीज मन्त्र / Shani Dev Beej Mantra PDFॐ शं शनैश्चराय नम:शनि गायत्री मन्त्र / Shani Gayatri Mantra PDFऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्शनि मंत्र जाप विधि / Shani Mantra Jaap Vidhiसर्वप्रथम स्नान करके स्वच्छ हो जाएँ।अब एक लकड़ी की चौकी पर काला कपडा बिछाएं।तत्पश्चात शनिदेव की स्थापना करें।अब शनि चालीसा का पाठ करें।तदोपरांत शनि मन्त्रों का यथाशक्ति जाप करें।जाप संपन्न होने पर शनिदेव की आरती करें तथा शनि देव से आसान ग्रहण करें। शनि देव संग्रह PDF प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can get the Shani Mantra in Hindi PDF free download link by clicking on the following download button.;#शनदव #मतर #Shani #Dev #Mantra #PDF #HindiThe post शनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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शनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra PDF Detailsशनिदेव मंत्र | Shani Dev MantraPDF Nameशनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra PDFNo. of Pages4PDF Size0.50 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
शनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, आप इस लेख के द्वारा शनिदेव मंत्र संग्रह PDF प्राप्त कर सकते हैं। इस मंत्र संग्रह में हमने शनि बीज मंत्र, शनि वैदिक मंत्र, शनि तांत्रिक मंत्र, शनि पौराणिक मंत्र तथा शनि गायत्री मंत्र PDF को भी इस संग्रह में संगलित किया गया है। शनिदेव को सामान्यतः लोग एक क्रूर ग्रह मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। शनिदेव एक न्यायप्रिय देवता हैं तथा कर्मों के अनुसार व्यक्ति को कर्मफल देते हैं।हमने अपने प्यारे पाठकों के लिए इस लेख के अंत में Shani Dev Mantra in Hindi PDF Free Download लिंक दिया हुआ है जिसके माध्यम से आप शनि देव के इन दिव्य मन्त्रों के संग्रह को प्राप्त कर सकते हैं तथा उन मन्त्रों का प्रयोग कर शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शनि देव की साढेशाती के समय भी इन मन्त्रों के प्रयोग से अप्रत्याशित लाभ होता है। श्री शनि देव मंत्र जाप / Shani Dev Mantra in Hindi PDF वैदिक शनि मन्त्र / Shani Dev Vedic Mantraॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शं योरभि स्त्रवन्तु न:।Nilanjan Samabhasam Shani Mantra in Hindi PDFनीलांजनसमाभासं रविपुत्र यमाग्रजम,छायामार्तंड सम्भूतं नं नमामि शनैश्चरम।शनि तांत्रिक मन्त्र / Shani Tantrik Mantraॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:शनि बीज मन्त्र / Shani Dev Beej Mantra PDFॐ शं शनैश्चराय नम:शनि गायत्री मन्त्र / Shani Gayatri Mantra PDFऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्शनि मंत्र जाप विधि / Shani Mantra Jaap Vidhiसर्वप्रथम स्नान करके स्वच्छ हो जाएँ।अब एक लकड़ी की चौकी पर काला कपडा बिछाएं।तत्पश्चात शनिदेव की स्थापना करें।अब शनि चालीसा का पाठ करें।तदोपरांत शनि मन्त्रों का यथाशक्ति जाप करें।जाप संपन्न होने पर शनिदेव की आरती करें तथा शनि देव से आसान ग्रहण करें। शनि देव संग्रह PDF प्राप्त करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can get the Shani Mantra in Hindi PDF free download link by clicking on the following download button.;#शनदव #मतर #Shani #Dev #Mantra #PDF #HindiThe post शनिदेव मंत्र | Shani Dev Mantra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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