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धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF in Hindi
धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF Detailsधन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari AartiPDF Nameधन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.48 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप धन्वंतरि जी की आरती PDF प्राप्त कर सकते हैं। भगवान् धन्वंतरि जी को स्वाथ्य का देवता माना जाता है। धन्वंतरि जी को प्रसन्न करने के लिए उनका विधि – विधान से पूजन करना चाहिए। धन्वंतरि जी की पूजा – अर्चना करने से विभिन्न प्रकार की स्वाथ्य सम्बन्धी समस्याओं का नाश होता हैं।धन्वन्तरि जी की पूजा वैसे तो आप प्रतिदिन कर सकते हैं, लेकिन यदि आप प्रतिदिन पूजन करने में असमर्थ हैं तो कम से कम धनतेरस के दिन तो आपको भगवान् श्री धन्वंतरि जी का पूजन अवश्य करें। यह पूजन करने से आप अपने जीवन में अच्छे स्वास्थ्य को आकर्षित करते हैं तथा आपका परिवार भी स्वास्थ्य रहता है। भगवान धन्वंतरि जी की आरती / Dhanvantari Aarti Lyrics in Hindi PDFजय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि जी देवा।जरा-रोग से पीड़ितजन-जन सुख देवा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम समुद्र से निकले,अमृत कलश लिए।देवासुर के संकटआकर दूर किए॥जय धन्वन्तरि देवा…॥आयुर्वेद बनाया,जग में फैलाया।सदा स्वस्थ रहने का,साधन बतलाया॥जय धन्वन्तरि देवा…॥भुजा चार अति सुन्दर,शंख सुधा धारी।आयुर्वेद वनस्पति सेशोभा भारी॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम को जो नित ध्यावे,रोग नहीं आवे।असाध्य रोग भी उसका,निश्चय मिट जावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥हाथ जोड़कर प्रभुजी,दास खड़ा तेरावैद्य-समाज तुम्हारेचरणों का घेरा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥धन्वन्तरिजी की आरतीजो कोई नर गावे।रोग-शोक न आए,सुख-समृद्धि पावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥ भगवान धन्वंतरि के मंत्र / Bhagwan Dhanvantari Mantraॐ श्री धनवंतरै नम:ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धनवंतराये:,अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय,त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप,श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री अष्टचक्र नारायणाय नमःॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः,सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम,कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम,वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम. धन्वंतरि पूजा मुहूर्त / Dhanvantari Puja Muhuratपूजन का शुभ समय शाम 5 बजे से 06:30 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा शाम 06:30 मिनट से रात 08:11 मिनट का समय भी पूजा के लिए शुभ है।You can download Dhanvantari Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#धनवतर #ज #क #आरत #Dhanvantari #Aarti #PDF #HindiThe post धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDF in Hindi
करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDF Detailsकरवा चौथ आरती | Karva Chauth AartiPDF Nameकरवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.55 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप करवा चौथ आरती PDF / Karwa Chauth Aarti PDF in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं। करवा चौथ माता का व्रत संपन्न करने के लिए पूजा के अंत में करवाचौथ माता की आरती करना अत्यधिक आवश्यक है। यह आरती करवा चौथ के दिन गायी जाती है। करवा चौथ का व्रत सुहागिनें अपने पति की लम्बी आयु के लिए करती हैं।इस व्रत में सारे दिन कुछ भी खाया – पिया नहीं जाता तथा रात्रि में करवा चौथ मईया का पूजन करके चन्द्रमा को अर्घ्य देने के पश्चात इस व्रत को संपन्न किया जाता है। जब भी करवाचौथ मईया का पूजन करें तो पूजनोपरांत इस आरती का गायन अवश्य करें। इससे आपका पूजन संपन्न माना जायेगा तथा आपको उसका पूर्ण लाभ प्राप्त होगा।करवा चौथ आरती PDF | Karwa Chauth Aarti PDF in Hindiऊँ जय करवा मइया, माता जय करवा मइया ।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ।।ऊँ जय करवा मइया।सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी ।।
ऊँ जय करवा मइया।कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती ।।ऊँ जय करवा मइया।होए सुहागिन नारी,  सुख सम्पत्ति पावे।गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।ऊँ जय करवा मइया।करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे।व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।ऊँ जय करवा मइया।You may also like :चौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF in Hindiकरवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत की कहानी | Karwa Chauth Vrat Ki Kahani PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF in HindiYou can download करवा चौथ आरती PDF / Karwa Chauth Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#करव #चथ #आरत #Karva #Chauth #Aarti #PDF #HindiThe post करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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કરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth Aarti PDF in Gujarati
કરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth Aarti PDF Detailsકરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth AartiPDF Nameકરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth Aarti PDFLanguageGujaratiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
કરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth Aarti Gujarati PDF SummaryDear users, today we are going to share કરવા ચોથ ની આરતી PDF / Karwa Chauth Aarti PDF in Gujarati language with you. In this article, you can read the complete Karwa Chauth Mata Aarti in Gujarati language. This is the famous festival of India in which married women get nirjala fast for the long life of their husbands. In this fast women observed Nirjala fast and east something after giving the arag to the moon. Every married woman in India observed this fast. In this post you can download the કરવ ચોથ આરતી PDF / Karwa Chauth Aarti in Gujarati PDF directly by using the link below.કરવા ચોથ ની આરતી PDF | Karwa Chauth Aarti PDF in Gujaratiઓહ જય કરવ મૈયા, માતા જય કરવ મૈયા.જે તમારા માટે ઉપવાસ કરે છે, તે નૈયાને પાર કરે છે.ઓહ જય કરવ મૈયા.તમે સમગ્ર વિશ્વની માતા છો, તમે રુદ્રાણી છો.તમારો મહિમા, વિશ્વના તમામ જીવો.
ઓહ જય કરવ મૈયા.કાર્તિક કૃષ્ણ ચતુર્થી, જે સ્ત્રી ઉપવાસ કરે છે.પતિ દીર્ઘ આયુષ્ય ધરો, બધા દુ:ખ દૂર થાય.ઓહ જય કરવા મૈયા.તમે એક પરિણીત સ્ત્રી બનો, સુખ અને સંપત્તિ મેળવો.ગણપતિજી ખૂબ જ દયાળુ છે, તમામ અવરોધો નાશ પામ્યા છે.ઓહ જય કરવા મૈયા.કરવ મૈયાની આરતી, જેઓ ઉપવાસ પછી ગાય છે.ઉપવાસ પુરાણ બને, બધી પદ્ધતિઓ આશીર્વાદિત બને.ઓહ જય કરવ મૈયા.કરવ ચોથ આરતી PDF | Karwa Chauth Aarti in Gujarati PDFHere you can download the કરવા ચોથ ની આરતી PDF / Karwa Chauth Aarti PDF in Gujarati by click on the link given below.#કરવ #ચથ #ન #આરત #Karwa #Chauth #Aarti #PDF #GujaratiThe post કરવા ચોથ ની આરતી | Karwa Chauth Aarti PDF in Gujarati appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi
गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF Detailsगंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki AartiPDF Nameगंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.39 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप श्री गंगा मैया की सुन्दर आरती की पीडीऍफ़ डाउनलोड कर सकते हैं। हिन्दू धर्म में गंगा मैया का बहुत अधिक महत्व है। माना जाता है कि माता गंगा जनकल्याण के लिए स्वर्गलोक से पृथ्वीलोक पर आयी हैं। माता गंगा को पृथ्वीलोक पर लाने का श्रेय भगीरथ जी को जाता है, वह भगवान् श्री राम जी के पूर्वज थे।यह गंगा मैया की बहुत प्रचलित आरती है जिसका गायन गंगा माँ से सम्बंधित विभिन्न अवसरों पर किया जाता है। यदि आप भी जीवन में गंगा माँ की तरह निर्मल रहना चाहते हैं, तो आपको इस आरती का गायन अवश्य करना चाहिए। गंगा मैया की यह आरती ऋषिकेश पर भी की जाती है। आप यही जानते ही होंगे की हरिद्वार की गंगा आरती भारत समेत पूरे विश्व में प्रसिद्द है। आप भी इस आरती को घर में करके इसका लाभ उठा सकते हैं। गंगा माता जी की आरती / Ganga Ji Ki Aarti PDFॐ जय गंगे माता,मैया जय गंगे माता।जो नर तुमको ध्याता,मनवांछित फल पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी,जल निर्मल आता।शरण पड़े जो तेरी,सो नर तर जाता॥ॐ जय गंगे माता॥ पुत्र सगर के तारे,सब जग को ज्ञाता।कृपा दृष्टि हो तुम्हारी,त्रिभुवन सुख दाता॥ॐ जय गंगे माता॥ एक बार जो प्राणी,शरण तेरी आता।यम की त्रास मिटाकर,परमगति पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ आरती मातु तुम्हारी,जो नर नित गाता।सेवक वही सहज में,मुक्ति को पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ पवित्र गंगा स्तोत्रम / Ganga Stotram in Hindi PDF देवि सुरेश्वरि भगति गंगे त्रिभुवनतारिणि तरलतरंगे ।शंकरमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ।।1।। भागीरथि सुखदायिनि मातस्तव जलमहिमा निगमे ख्यात: ।नाहं जाने तव महिमानं पाहि कृपामयि मामज्ञानम ।।2।। हरिपदपाद्यतरंगिणि गंगे हिमविधुमुक्ताधवलतरंगे ।दूरीकुरू मम दुष्कृतिभारं कुरु कृपया भवसागरपारम ।।3।। तव जलममलं येन निपीतं परमपदं खलु तेन गृहीतम ।मातर्गंगे त्वयि यो भक्त: किल तं द्रष्टुं न यम: शक्त: ।।4।। पतितोद्धारिणि जाह्रवि गंगे खण्डितगिरिवरमण्डितभंगे ।भीष्मजननि हेमुनिवरकन्ये पतितनिवारिणि त्रिभुवनधन्ये ।।5।। कल्पलतामिव फलदां लोके प्रणमति यस्त्वां न पतति शोके ।पारावारविहारिणि गंगे विमुखयुवतिकृततरलापांगे ।।6।। तव चेन्मात: स्रोत: स्नात: पुनरपि जठरे सोsपि न जात: ।नरकनिवारिणि जाह्रवि गंगे कलुषविनाशिनि महिमोत्तुंगे ।।7।। पुनरसदड़्गे पुण्यतरंगे जय जय जाह्रवि करूणापाड़्गे ।इन्द्रमुकुट मणिराजितचरणे सुखदे शुभदे भृत्यशरण्ये ।।8।। रोगं शोकं तापं पापं हर मे भगवति कुमतिकलापम ।त्रिभुवनसारे वसुधाहारे त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे ।।9।।अलकानन्दे परमानन्दे कुरु करुणामयि कातरवन्द्ये ।तव तटनिकटे यस्य निवास: खलु वैकुण्ठे तस्य निवास: ।।10।। वरमिह: नीरे कमठो मीन: कि वा तीरे शरट: क्षीण: ।अथवा श्वपचो मलिनो दीनस्तव न हि दूरे नृपतिकुलीन: ।।11।। भो भुवनेश्वरि पुण्ये धन्ये देवि द्रवमयि मुनिवरकन्ये ।गंगास्तवमिमममलं नित्यं पठति नरो य: सजयति सत्यम ।।12।। येषां ह्रदये गंगाभक्तिस्तेषां भवति सदा सुख मुक्ति: ।मधुराकान्तापंझटिकाभि: परमानन्द कलितललिताभि: गंगास्तोत्रमिदं भवसारं वांछितफलदं विमलं सारम ।शंकरसेवकशंकरचितं पठति सुखी स्तव इति च समाप्त: ।।You can download Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#गग #मय #क #आरत #Ganga #Maiya #Aarti #PDF #HindiThe post गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDF in Marathi
दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDF Detailsदुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari AartiPDF Nameदुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDFNo. of Pages1PDF Size0.22 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityAvailable atplanetread.orgDownload LinkAvailable Downloads26
दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti Marathi PDF SummaryFriends, today we are going to upload the Durge Durgat Bhari Aarti PDF / दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF to help you. Navratri festival is celebrated from Ashwin Shukla Pratipada to Navami. Worship of the Goddess, fasting, pooja, worship, salutation, chanting, home-havan is done all over the country according to our own methods, clans, customs, and traditions. Aarti of Goddess Durga should be sung regularly with full devotion to get the power of Mata Durga. Maa Durga will help you to win every battle of life and give victory in all your endeavors. Below we have given the download link for दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF / Durge Durgat Bhari Aarti Lyrics PDF in Hindiमां दुर्गा की शक्ति प्राप्त करने के लिए पूरी श्रद्धा के साथ नियमित रूप से मां दुर्गा की आरती करनी चाहिए। मां दुर्गा आपको जीवन की हर लड़ाई जीतने में मदद करेंगी और आपके सभी प्रयासों में जीत दिलाएंगी|दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF | Durge Durgat Bhari Aarti PDF in Marathiदुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी ।अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी ॥वारी वारीं जन्ममरणाते वारी ।हारी पडलो आता संकट नीवारी ॥ १ ॥जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी ।सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी ॥ धृ. ॥त्रिभुवनी भुवनी पाहतां तुज ऎसे नाही ।चारी श्रमले परंतु न बोलावे काहीं ॥साही विवाद करितां पडिले प्रवाही ।ते तूं भक्तालागी पावसि लवलाही ॥ २ ॥प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासां ।क्लेशापासूनि सोडी तोडी भवपाशा ॥अंबे तुजवांचून कोण पुरविल आशा ।नरहरि तल्लिन झाला पदपंकजलेशा ॥ ३ ॥Durge Durgat Bhari Aarti Lyrics PDF in HindiHere you can download the Durge Durgat Bhari Aarti PDF / दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF by click on the link given below.#दरग #दरघट #भर #आरत #Durge #Durgat #Bhari #Aarti #PDF #MarathiThe post दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF in Hindi
श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF Detailsश्री दुर्गा आरती | Durga AartiPDF Nameश्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.42 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti Hindi PDF SummaryFriends, here we have uploaded the Durga Aarti PDF in Hindi / श्री दुर्गा आरती PDF for our devotees. Mother’s grace always remains on the person who duly worships Maa Durga on the holy festival of Navratri. Being pleased with her devotees, the mother takes away all their sorrows. Different forms of the mother are worshiped on every day of Navratri. It is very important to sing Durga Maa Aarti during the puja. In this article, we have also given a download link for Durga Ji Ki Aarti PDF / दुर्गा जी की आरती PDFLight a lamp of camphor or cow’s ghee in the plate of worship while performing the aarti of Durga Maa. Do play it even while performing the aarti of the mother. Sing the aarti Along with the aarti, you must blow conch shell and bell. If Shanghnaad and bells are played during the aarti, their sound destroys the negative energy inside the house.श्री दुर्गा आरती PDF | Durga Ji Ki Aarti PDFॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, निर्मल से दोउ नैना, चन्द्रबदन नीको ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कनक समान कलेवर,,रक्ताम्बर राजै ।
रक्त पुष्प गलमाला, लाल कुसुम गलमाला, कण्ठन पर साजै ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्परधारी ।
सुर नर मुनिजन सेवत, सुर नर मुनिजन ध्यावत, तिनके दुखहारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, मधुर विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।चण्ड मुण्ड संघारे, शोणित बीज हरे ।
मधुकैटभ दोउ मारे, मधुकैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, चारों वेद बखानी, तुम शिव पटरानी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरू ।
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा, अरु बाजत डमरू ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता ।
भक्तन की दुख हरता, संतन की दुख हरता, सुख-सम्पत्ति करता ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी ।
मनवांछित फल पावत, मनइच्छा फल पावत, सेवत नर नारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत, धोळा गिरी पर राजत, कोटि रतन ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।श्री अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गावै, मैया प्रेम सहित गावें ।
कहत शिवानन्द स्वामी, रटत हरिहर स्वामी, मनवांछित फल पावै ।।ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत , मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।दुर्गा जी की आरती PDF | Durga Ji Ki Aarti PDFनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Durga Aarti PDF in Hindi / श्री दुर्गा आरती PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#शर #दरग #आरत #Durga #Aarti #PDF #HindiThe post श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi
ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF Detailsओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri AartiPDF Nameओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDFNo. of Pages6PDF Size0.43 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF नियमित रूप से ओम जय अम्बे गौरी आरती का जप करना माँ अम्बे को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है। अम्बे माता आद्य शक्ति है जो सर्वोच्च शक्ति है। वह माँ दुर्गा की अभिव्यक्ति है और देवी पार्वती का दूसरा नाम है। ‘ओम जय अम्बे गौरी’ एक हिंदू भजन (आरती) है जो भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती देवी को समर्पित है। यहाँ से आप बड़ी आसानी से Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF / ओम जय अम्बे गौरी आरती हिंदी PDF डाउनलोड कर सकते हैं।सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह स्नान करने के बाद और देवी अम्बे की मूर्ति या तस्वीर के सामने अम्बे आरती गाना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले अम्बे आरती का मतलब हिंदी में समझना चाहिए।ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindiजय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी….. जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।
जय अम्बे गौरी,…।
मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।
जय अम्बे गौरी,…।कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।
जय अम्बे गौरी,…।केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी। सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।
जय अम्बे गौरी,…।कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।
जय अम्बे गौरी,…।शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।
जय अम्बे गौरी,…।चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे। मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
जय अम्बे गौरी,…।ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी। आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।
जय अम्बे गौरी,…।चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू। बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
जय अम्बे गौरी,…।तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
जय अम्बे गौरी,…।भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
जय अम्बे गौरी,…।श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।
जय अम्बे गौरी,…।अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै। कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।
जय अम्बे गौरी,…।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi / ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF हिंदी भाषा में डाउनलोड कर सकते हैं।#ओम #जय #अमब #गर #आरत #Jai #Ambe #Gauri #Aarti #PDF #HindiThe post ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi
जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----jai-ambe-gauri-aarti-391.jpg">जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti</a>PDF Name<b>जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF</b>No. of Pages<b>6</b>PDF Size<b>0.75 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं जय अम्बे गौरी आरती PDF / Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi जय अम्बे गौरी आरती बहुत ही प्रचलित आरती है, जिसको देवी माता के विभिन्न पर्वों पर गाय जाता है। इस आरती को बहुत से लोग नियमित रूप से घर में गाते हैं। अम्बे माता आद्य शक्ति है जो सर्वोच्च शक्ति है। वह माँ दुर्गा की अभिव्यक्ति है और देवी पार्वती का दूसरा नाम है। इस आरती का गायन करने से देवी माँ शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप जय अम्बे गौरी आरती PDF / Jai Ambe Gauri Aarti in Hindi PDF बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। jदेवी दुर्गा के आशीर्वाद से शत्रुओं का नाश होता है। नवरात्रि में पूजन के बाद जय अम्बे गौरी pdf का पाठ अवश्य करना चाहिए। आरती के बिना पूजन संपन्न नहीं होता है। प्रत्येक पूजन के अंत में आरती करना आवश्यक होता है। आरती करने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।जय अम्बे गौरी आरती PDF | Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindiजय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी।तुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥जय अम्बे गौरीमाँग सिन्दूर विराजत,टीको मृगमद को।उज्जवल से दो‌उ नैना,चन्द्रवदन नीको॥जय अम्बे गौरीकनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै।रक्तपुष्प गल माला,कण्ठन पर साजै॥जय अम्बे गौरीकेहरि वाहन राजत,खड्ग खप्परधारी।सुर-नर-मुनि-जन सेवत,तिनके दुखहारी॥जय अम्बे गौरीकानन कुण्डल शोभित,नासाग्रे मोती।कोटिक चन्द्र दिवाकर,सम राजत ज्योति॥जय अम्बे गौरीशुम्भ-निशुम्भ बिदारे,महिषासुर घाती।धूम्र विलोचन नैना,निशिदिन मदमाती॥जय अम्बे गौरीचण्ड-मुण्ड संहारे,शोणित बीज हरे।मधु-कैटभ दो‌उ मारे,सुर भयहीन करे॥जय अम्बे गौरीब्रहमाणी रुद्राणीतुम कमला रानी।आगम-निगम-बखानी,तुम शिव पटरानी॥जय अम्बे गौरीचौंसठ योगिनी मंगल गावत,नृत्य करत भैरूँ।बाजत ताल मृदंगा,अरु बाजत डमरु॥जय अम्बे गौरीतुम ही जग की माता,तुम ही हो भरता।भक्‍तन की दु:ख हरता,सुख सम्पत्ति करता॥जय अम्बे गौरीभुजा चार अति शोभित,वर-मुद्रा धारी।मनवान्छित फल पावत,सेवत नर-नारी॥जय अम्बे गौरीकन्चन थाल विराजत,अगर कपूर बाती।श्रीमालकेतु में राजत,कोटि रतन ज्योति॥जय अम्बे गौरीश्री अम्बेजी की आरती,जो को‌ई नर गावै।कहत शिवानन्द स्वामी,सुख सम्पत्ति पावै॥जय अम्बे गौरी<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/kalash-sthapana-vidhi-hindi/">कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-vidhi-hindi/">नवरात्री पूजा विधि | Navratri Durga Puja Vidhi PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/maa-shailputri-aarti-pdf/">शैलपुत्री माता की आरती | Maa Shailputri Aarti PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/maa-shailputri-vrat-katha-hindi/">माता शैलपुत्री की कथा | Shailputri Mata Ki Vrat Katha PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-vidhi/">नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि PDF</a>Jai Ambe Gauri Aarti PDF<strong>You can download जय अम्बे गौरी आरती PDF / Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#जय #अमब #गर #आरत #Jai #Ambe #Gauri #Aarti #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%9c%e0%a4%af-%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%ac%e0%a5%87-%e0%a4%97%e0%a5%8c%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a5%80-jai-ambe-gauri-aarti-pdf-in-hindi">जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www.ebookmela.c…
कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi
कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDF Detailsकात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi AartiPDF Nameकात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDFNo. of Pages2PDF Size0.26 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi / कात्यायनी देवी की आरती PDF जिसे आप माँ कात्यायनी की पूजा करते समय गा सकते हैं। मां कात्यायनी की पूजा सुख और शांति प्रदान करने वाली होती है। धर्म के अनुसार मां कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था। पुराणों के अनुसार असुरों का संहार करने, भक्तों को अभय दान देने और देवताओं का कल्याण करने के लिए ही माता ने नौ रूप का अवतार लिया था।नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग माताओं की पूजा की जाती हैं। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार कात्यायनी मां की पूजा मन को मजबूत करने के साथ-साथ इंद्रियों को वश में करने का काम करती हैं। धर्म के अनुसार अविवाहित व्यक्तियों के लिए मां कात्यायनी की पूजा बेहद लाभदायक होती है।कात्यायनी देवी की आरती PDF | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindiजय जय अंबे जय कात्यायनी ।
जय जगमाता जग की महारानी ।।बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा ।।कई नाम हैं कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।।हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की ।।झूठे मोह से छुड़ानेवाली।
अपना नाम जपानेवाली।।बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो।।हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी ।।जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi / कात्यायनी देवी की आरती PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#कतययन #दव #क #आरत #Katyayani #Devi #Aarti #PDF #HindiThe post कात्यायनी देवी की आरती | Katyayani Devi Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF Detailsमंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva AartiPDF Nameमंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.84 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti Hindi PDF SummaryFriends, in this article we have given the download link for मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi to help you. This is a famous devotional song in honour of Maa Kali Devi. This beautiful bhajan was sung by Narendra Chanchal. Devotees sang this bhajan in Navratri during the worship of Maa Kali Devi. The lyrics of this bhajan was written by Balbir Nirdosh and music was given by Surinder Kohli.मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindiमंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन के भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।बुद्धि विधाता तू जग माता,
मेरा कारज सिद्ध करे,
चरण कमल का लिया सहारा,
शरण तुम्हारी आन पड़े ।
जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर,
तब तब आय सहाय करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।गुरु के वार सकल जग मोहयो,
तरूणी रूप अनूप धरे,
माता होकर होकर पुत्र खिलावे,
कही भार्या भोग करे ।
शुक्र सुखदाई सदा सहाई,
संत खड़े जयकार करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये,
भेट देन तेरे द्वार खड़े,
अटल सिहांसन बैठी मेरी माता,
सिर सोने का छत्र फिरे ।
वार शनिचर कुमकुम बरणी,
जब लुकड़ पर हुकुम करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये,
रक्त बीज को भस्म करे,
शुम्भ निशुम्भ को क्षण में मारे,
महिषासुर को पकड दले ।
आदित वारी आदि भवानी,
जन अपने को कष्ट हरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।कुपित होयकर दानव मारे,
चण्डमुण्ड सब चूर करे,
जब तुम देखी दया रूप हो,
पल में सकंट दूर करे ।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता,
जन की अर्ज कबूल करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।सात बार की महिमा बरनी,
सब गुण कौन बखान करे,
सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी,
अटल भवन में राज करे ।
दर्शन पावे मंगल गावे,
सिद्ध साधक तेरी भेंट धरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे,
शिव शंकर हरी ध्यान धरे,
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती,
चंवर कुबेर डुलाय रहे ।
जय जननी जय मात भवानी,
अटल भवन में राज करे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े ।मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।
सुन जगदम्बे कर ना विलम्बे,
संतन के भडांर भरे,
संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,
जय काली कल्याण करे ।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती PDF / Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#मगल #क #सव #सन #मर #दव #आरत #Mangal #Seva #Sun #Meri #Deva #Aarti #PDF #HindiThe post मंगल की सेवा सुन मेरी देवा आरती | Mangal Ki Seva Sun Meri Deva Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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