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ब्राह्मण की ौ | Brahman Ki Gau
Title ब्राह्मण की ौ | Brahman Ki Gau Author अज्ञात – Unknown Keywords साहित्य / Literature #बरहमण #क #ग #Brahman #Gau ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post ब्राह्मण की ौ | Brahman Ki Gau appeared first on eBookmela. upload by free hindi books

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ौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi
ौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF Detailsगौ माता की आरती | Gau Mata Ki AartiPDF Nameगौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.49 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
ौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से ौ माता की आरती / Gau Mata Ki Aarti PDF प्राप्त कर सकते हैं। श्री ौ माता का पूजन करने से ौ माता का आशीर्वाद तो मिलता ही है साथ ही साथ भगवान् श्री कृष्ण की कृपा भी प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म में ौ माता को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। यह आरती ौ माता की बहुत मधुर आरती है।माना जाता है कि ौ माता के शरीर में तैंतीस कोटि देवता निवास करते हैं। ौ माता के आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। यदि आप भी ोपाष्टमी के दिन ौ माता की पूजा करना चाहते हैं, तो पूजन के अंत में श्री ौ माता जी की आरती अवश्य करें।ौ माता की आरती लिरिक्स | Gau Mata Ki Aarti in Hindi Lyricsॐ जय जय ौमाता,मैया जय जय ौमाता जो कोई तुमको ध्याता,त्रिभुवन सुख पातासुख समृद्धि प्रदायनी,ौ की कृपा मिले जो करे ौ की सेवा,पल में विपत्ति टलेआयु ओज विकासिनी,जन जन की माई शत्रु मित्र सुत जाने,सब की सुख दाईसुर सौभा्य विधायिनी,अमृती दु्ध दियो अखिल विश्व नर नारी,शिव अभिषेक कियोममतामयी मन भाविनी,तुम ही जग माता जग की पालनहारी,कामधेनु मातासंकट रो विनाशिनी,सुर महिमा ाईगौ शाला की सेवा,संतन मन भाईगौ मां की रक्षा हित,हरी अवतार लियो ौ पालक ौपाला,शुभ संदेश दियोश्री ौमाता की आरती,जो कोई सुत ावे पदम् कहत वे तरणी,भव से तर जावेोपाष्टमी पूजन मंत्र | Gau Mata Puja Mantraलक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।घृतं वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।घृतक्षीरप्रदा ावो घृतयोन्यो घृतोद्भवाः।घृतनद्यो घृतावर्तास्ता मे सन्तु सदा ृहे॥घृतं मे हृदये नित्यं घृतं नाभ्यां प्रतिष्ठितम्।घृतं सर्वेषु ात्रेषु घृतं मे मनसि स्थितम्॥ावो ममा्रतो नित्यं ावः पृष्ठत एव च।ावो मे सर्वतश्चैव गवां मध्ये वसाम्यहम्॥सुरूपा बहुरूपाश्च विश्वरूपाश्च मातरः।ावो मामुपतिष्ठन्तामिति नित्यं प्रकीर्तयेत्॥यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजङ्गमम्।तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम्॥सर्वकामदुधे देवि सर्वतीर्थीभिषेचिनि।पावने सुरभि श्रेष्ठे देवि तुभ्यं नमोस्तुते ॥You may also like :ोपाष्टमी व्रत कथा | Gopashtami Ki Katha PDF in Hindiगोवत्स द्वादशी की कहानी | Govatsa Dwadashi Ki Kahani PDF in HindiYou can download Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#ग #मत #क #आरत #Gau #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post ौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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माहुर गडावरी तुझा वास | Mahur Gadavari Aarti PDF in Marathi
माहुर गडावरी तुझा वास | Mahur Gadavari Aarti PDF Detailsमाहुर गडावरी तुझा वास | Mahur Gadavari AartiPDF Nameमाहुर गडावरी तुझा वास | Mahur Gadavari Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.51 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
माहुर गडावरी तुझा वास | Mahur Gadavari Aarti Marathi PDF SummaryMahur Gadavari Aarti is a very well-known Aarti in Marathi. You should sing this aarti after the Durga Puja so that you can get the desired result from your Durga Pujan. There are many people who used this aarti as a ringtone in their phone because it is very sweet and effective.माहूर गदावरी आरती ही मराठीतील एक अतिशय प्रसिद्ध आरती आहे. तुम्ही दुर्ा पूजेनंतर ही आरती ायला पाहिजे जेणेकरून तुम्हाला तुमच्या दुर्ा पूजनाचा अपेक्षित परिणाम मिळेल. असे बरेच लोक आहेत ज्यांनी या आरतीचा उपयो त्यांच्या फोनमध्ये रिंगटोन म्हणून केला कारण ती खूप ोड आणि प्रभावी आहे. माहुर गडावरी तुझा वास देवीची आरती / Mahur Gadavari Aarti Lyrics in Marathi PDFमाहुर गडावरी माहुर गडावरी तुझा वास । भक्त येती ते दर्शनास ॥ धृ॥पिवळे पातळ पिवळे पातळ बुट्टीदारअंी चोळी ती हिरवीार ।पितांबराची पितांबराची खोविली कास ॥ भक्त येती ॥बिंदी बिजवरा ं बिंदी बिजवरा ं भाळी शोभे ।काफ बाल्याने कान ही साजे ।इच्या नथेला इच्या नथेला हिरवे घोस ॥ भक्त येती ॥सरीठुसीत ं सरीठुसीत मोहनमाळ ।जोडवे मासोळ्या पैंजन चाळ ।पट्टा सोन्याचा ं पट्टा सोन्याचा शोभे कमरेस ॥ भक्त येती ॥जाईजुईची ं जाईजुईची आणिली फुले ।तुरे हार माळीने ुंफीयेले ।गळा शोभे तो ं रुप शोभे तो ं । आनंदास ॥ भक्त येती ॥हिला बसायला ं हिला बसायला चांदीचा पाट ।हिला जेवायला चांदीचे ताट ।पुरण पोळीची पुरण पोळीची आवड सुरस ॥ भक्त येती ॥मुखी तांबुल पाचशे पानांचा ।मुखकमली रं लालीचा ।खणानारळाची खणानारळाची ओटी तुला ॥ भक्त येती ॥विष्णुदासाची ं विष्णुदासाची विनवणी तुला ।माझ्या जनार्दनी चरणी माता भगिनींना ं माता भगिनींना सौभा्यदायीव्हावे अखंड अखंडीत पावनीसदा उधळती ं सदा उधळती ं हळदीला ॥भक्त येती ॥You can download माहुर गडावरी आरती pdf / Mahur Gadavari Aarti PDF by clicking on the following download button.#महर #गडवर #ग #तझ #वस #Mahur #Gadavari #Aarti #PDF #MarathiThe post माहुर गडावरी तुझा वास | Mahur Gadavari Aarti PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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