समान्तर दृष्टि की राह | Samantar Drishti Ki Rah
Title समान्तर दृष्टि की राह | Samantar Drishti Ki Rah Author डॉ. रवींद्र कुमार पाठक – Dr. Ravindra Kumar Pathak Keywords अन्य / Others, समकालीन / Contemporary #समनतर #दषट #क #रह #Samantar #Drishti #Rah ईबुक डाउनलोड करेंThe post समान्तर दृष्टि की राह | Samantar Drishti Ki Rah appeared first on eBookmela. upload by free hindi books
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जवानो, राह यह है | Jawano, Raah Yah Hai | महात्मा भगवानदीन – Mahatma Bhagwandin
Title जवानो, राह यह है | Jawano, Raah Yah Hai Author महात्मा भगवानदीन – Mahatma Bhagwandin Keywords दार्शनिक / Philosophical #जवन #रह #यह #ह #Jawano #Raah #Yah #Hai ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post जवानो, राह यह है | Jawano, Raah Yah Hai
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Title जवानो, राह यह है | Jawano, Raah Yah Hai Author महात्मा भगवानदीन – Mahatma Bhagwandin Keywords दार्शनिक / Philosophical #जवन #रह #यह #ह #Jawano #Raah #Yah #Hai ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post जवानो, राह यह है | Jawano, Raah Yah Hai
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जवानो, राह यह है | Jawano, Raah Yah Hai | महात्मा भगवानदीन - Mahatma Bhagwandin Title जवानो, राह यह है | Jawano, Raah Yah Hai Author महात्मा भगवानदीन - Mahatma Bhagwandin Keywords दार्शनिक / Philosophical #जवन #रह #यह #ह #Jawano #Raah
श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF in Hindi
श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF Detailsश्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki AartiPDF Nameश्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.80 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस लेख के माध्यम से आप श्री गोवर्धन महाराज की आरती PDF प्राप्त कर सकते हैं। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के अगले दिन श्री गोवर्धन महराज की पूजा की जाती है। उत्तरप्रदेश के मथुरा गोवेर्धन पर्वत को श्री गोवर्धन महाराज के रूप में जाना जाता है। श्री गोवेर्धन महराज की सात कोस (२१ किलोमीटर) की परिक्रमा लगाई जाती है।यदि आप भी अपने घर पर गोवेर्धन महराज की पूजा करते हैं, तो वह वर्ष भर आपके घर में अन्न आदि की कोई कमी नहीं होने देते हैं तथा व्यक्ति की अवांछित घंटनों से रक्षा करते हैं। श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो, यह आरती गोवेर्धन भगवान् की सर्वाधिक प्रचलित व लोकप्रिय आरती है। इस आरती को गाकर आप श्री गोवेर्धन देव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।श्री गोवर्धन महाराज आरती लिरिक्स PDF | Shri Govardhan Maharaj Tere Mathe Mukut Viraj Raho Lyrics PDFश्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,तोपे चढ़े दूध की धार।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरी सात कोस की परिकम्मा,चकलेश्वर है विश्राम।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,ठोड़ी पे हीरा लाल।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,तेरी झाँकी बनी विशाल।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण,करो भक्त का बेड़ा पार।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। गोवर्धन पूजा मंत्र | Govardhan Puja Mantraओम कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।।प्रणत: क्लेशनाशय गोविंदाय नमो नम:।।नम: भगवते वासुदेवाय कृष्णायक्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:।गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।घृत वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।You may also like :गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindiगोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDF in HindiYou can download Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#शर #गवरधन #महरज #तर #मथ #मकट #वरज #रह #Govardhan #Maharaj #Aarti #PDF #HindiThe post श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF Detailsश्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki AartiPDF Nameश्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.80 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस लेख के माध्यम से आप श्री गोवर्धन महाराज की आरती PDF प्राप्त कर सकते हैं। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के अगले दिन श्री गोवर्धन महराज की पूजा की जाती है। उत्तरप्रदेश के मथुरा गोवेर्धन पर्वत को श्री गोवर्धन महाराज के रूप में जाना जाता है। श्री गोवेर्धन महराज की सात कोस (२१ किलोमीटर) की परिक्रमा लगाई जाती है।यदि आप भी अपने घर पर गोवेर्धन महराज की पूजा करते हैं, तो वह वर्ष भर आपके घर में अन्न आदि की कोई कमी नहीं होने देते हैं तथा व्यक्ति की अवांछित घंटनों से रक्षा करते हैं। श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो, यह आरती गोवेर्धन भगवान् की सर्वाधिक प्रचलित व लोकप्रिय आरती है। इस आरती को गाकर आप श्री गोवेर्धन देव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।श्री गोवर्धन महाराज आरती लिरिक्स PDF | Shri Govardhan Maharaj Tere Mathe Mukut Viraj Raho Lyrics PDFश्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,तोपे चढ़े दूध की धार।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरी सात कोस की परिकम्मा,चकलेश्वर है विश्राम।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,ठोड़ी पे हीरा लाल।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,तेरी झाँकी बनी विशाल।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण,करो भक्त का बेड़ा पार।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। गोवर्धन पूजा मंत्र | Govardhan Puja Mantraओम कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।।प्रणत: क्लेशनाशय गोविंदाय नमो नम:।।नम: भगवते वासुदेवाय कृष्णायक्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:।गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।घृत वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।You may also like :गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindiगोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDF in HindiYou can download Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#शर #गवरधन #महरज #तर #मथ #मकट #वरज #रह #Govardhan #Maharaj #Aarti #PDF #HindiThe post श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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राहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDF in Hindi
राहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDF Detailsराहु स्तोत्र | Rahu StotramPDF Nameराहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDFNo. of Pages5PDF Size0.52 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
राहु स्तोत्र | Rahu Stotram Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप राहु स्तोत्र PDF निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह का एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। राहु व्यक्ति के विचारों को प्रभावित करता है तथा लोगों के मस्तिष्क को भ्रमित करता है। यदि राहु ग्रह आपकी कुंडली में प्रतिकूल स्थिति में है तथा नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, तो आपको इस राहु कवच स्तोत्र PDF का पाठ अवश्य करना चाहिए। इस स्तोत्र के प्रभाव से राहु द्वारा आपको प्रतिकूल परिणाम नहीं मिलेंगे।हमने अपने पाठकों की सुविधा के लिए राहु स्तोत्र PDF तैयार की है तथा उसका लिंक इस लेख के अंत में दिया है। आप उस लिंक के माध्यम से इस स्तोत्र को प्राप्त कर सकते हैं तथा इसका पाठ कर सकते हैं। इस स्तोत्र का पाठ करने से आप राहु सम्बंधित समस्याओं से बच सकते हैं तथा जीवन में शांति का अनुभव कर सकते हैं। राहु कवच स्तोत्र PDF / Rahu Stotram Lyrics in Sanskrit PDF ।। राहुस्तोत्रम् ।।अथ राहुस्तोत्रप्रारम्भः ।ॐ अस्य श्री राहुस्तोत्रमहामन्त्रस्य वामदेव ऋषिः ।अनुष्टुप्च्छन्दः । राहुर्देवता ।राहुप्रसादसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।काश्यप उवाच ।शृण्वन्तु मुनयः सर्वे राहुप्रीतिकरं स्तवम् ।सर्वरोगप्रशमनं विषभीतिहरं परम् ॥ १॥सर्वसम्पत्करं चैव गुह्यमेतदनुत्तमम् ।आदरेण प्रवक्ष्यामि श्रूयतामवधानतः ॥ २॥राहुः सूर्यरिपुश्चैव विषज्वाली भयाननः ।सुधांशुवैरिः श्यामात्मा विष्णुचक्राहितो बली ॥ ३॥भुजगेशस्तीक्ष्णदंष्ट्रः क्रूरकर्मा ग्रहाधिपः ।द्वादशैतानि नामानि नित्यं यो नियतः पठेत् ॥ ४॥जप्त्वा तु प्रतिमां रंयां सीसजां माषसुस्थिताम् ।नीलैर्गन्धाक्षतैः पुष्पैः भक्त्या सम्पूज्य यत्नतः ॥ ५॥विधिना वह्निमादाय दूर्वान्नाज्याहुतीः क्रमात्।तन्मन्त्रेणैव जुहुयाद्यावदष्टोत्तरं शतम् ॥ ६॥हुत्वैवं भक्तिमान् राहुं प्रार्थयेद्ग्रहनायकम् ।सर्वापद्विनिवृत्यर्थं प्राञ्जलिः प्रणतो नरः ॥ ७राहो कराळवदन रविचन्द्रभयङ्कर ।तमोरूप नमस्तुभ्यं प्रसादं कुरु सर्वदा ॥ ८॥सिम्हिकासुत सूर्यारे सिद्धगन्धर्वपूजित ।सिंहवाह नमस्तुभ्यं सर्वान्रोगान् निवारय ॥ ९॥कृपाणफलकाहस्त त्रिशूलिन् वरदायक ।गरळातिगराळास्य गदान्मे नाशयाखिलान् ॥ १०॥स्वर्भानो सर्पवदन सुधाकरविमर्दन ।सुरासुरवरस्तुत्य सर्वदा त्वं प्रसीद मे ॥ ११॥इति सम्प्रार्थितो राहुः दुष्टस्थानगतोऽपि वा ।सुप्रीतो जायते तस्य सर्वान् रोगान् विनाशयेत् ॥ १२॥विषान्न जायते भीतिः महारोगस्य का कथा ।सर्वान् कामानवाप्नोति नष्टं राज्यमवाप्नुयात् ॥ १३॥एवं पठेदनुदिनं स्तवराजमेतं मर्त्यः प्रसन्न हृदयो विजितेन्द्रियो यः ।आरोग्यमायुरतुलं लभते सुपुत्रान्सर्वे ग्रहा विषमगाः सुरतिप्रसन्नाः ॥ १४॥इति राहुस्तोत्रं सम्पूर्णम् । राहु स्तोत्र के लाभ / Rahu Stotram Benefits in Hindi PDFराहु स्तोत्रम के पाठ से जातक की कुंडली में राहु की स्थि प्रबल होती है।राहु की अन्तर्दशा व महादशा में भी इसका लाभ होता है।इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से मानसिक समस्याएं दूर होती हैं।राहु की आराधना से जातक की निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।इस स्तोत्र के प्रभाव से आप राहु जनित समस्याओं से बच सकते हैं। You may also like :केतु कवच | Ketu Kavacham PDF in Hindi राहु स्तोत्र PDF निशुल्क प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can download the Rahu Stotram in Hindi PDF by clicking on the following download link.#रह #सततर #Rahu #Stotram #PDF #HindiThe post राहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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राहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDF Detailsराहु स्तोत्र | Rahu StotramPDF Nameराहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDFNo. of Pages5PDF Size0.52 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable ✔Downloads26
राहु स्तोत्र | Rahu Stotram Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप राहु स्तोत्र PDF निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह का एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। राहु व्यक्ति के विचारों को प्रभावित करता है तथा लोगों के मस्तिष्क को भ्रमित करता है। यदि राहु ग्रह आपकी कुंडली में प्रतिकूल स्थिति में है तथा नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, तो आपको इस राहु कवच स्तोत्र PDF का पाठ अवश्य करना चाहिए। इस स्तोत्र के प्रभाव से राहु द्वारा आपको प्रतिकूल परिणाम नहीं मिलेंगे।हमने अपने पाठकों की सुविधा के लिए राहु स्तोत्र PDF तैयार की है तथा उसका लिंक इस लेख के अंत में दिया है। आप उस लिंक के माध्यम से इस स्तोत्र को प्राप्त कर सकते हैं तथा इसका पाठ कर सकते हैं। इस स्तोत्र का पाठ करने से आप राहु सम्बंधित समस्याओं से बच सकते हैं तथा जीवन में शांति का अनुभव कर सकते हैं। राहु कवच स्तोत्र PDF / Rahu Stotram Lyrics in Sanskrit PDF ।। राहुस्तोत्रम् ।।अथ राहुस्तोत्रप्रारम्भः ।ॐ अस्य श्री राहुस्तोत्रमहामन्त्रस्य वामदेव ऋषिः ।अनुष्टुप्च्छन्दः । राहुर्देवता ।राहुप्रसादसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।काश्यप उवाच ।शृण्वन्तु मुनयः सर्वे राहुप्रीतिकरं स्तवम् ।सर्वरोगप्रशमनं विषभीतिहरं परम् ॥ १॥सर्वसम्पत्करं चैव गुह्यमेतदनुत्तमम् ।आदरेण प्रवक्ष्यामि श्रूयतामवधानतः ॥ २॥राहुः सूर्यरिपुश्चैव विषज्वाली भयाननः ।सुधांशुवैरिः श्यामात्मा विष्णुचक्राहितो बली ॥ ३॥भुजगेशस्तीक्ष्णदंष्ट्रः क्रूरकर्मा ग्रहाधिपः ।द्वादशैतानि नामानि नित्यं यो नियतः पठेत् ॥ ४॥जप्त्वा तु प्रतिमां रंयां सीसजां माषसुस्थिताम् ।नीलैर्गन्धाक्षतैः पुष्पैः भक्त्या सम्पूज्य यत्नतः ॥ ५॥विधिना वह्निमादाय दूर्वान्नाज्याहुतीः क्रमात्।तन्मन्त्रेणैव जुहुयाद्यावदष्टोत्तरं शतम् ॥ ६॥हुत्वैवं भक्तिमान् राहुं प्रार्थयेद्ग्रहनायकम् ।सर्वापद्विनिवृत्यर्थं प्राञ्जलिः प्रणतो नरः ॥ ७राहो कराळवदन रविचन्द्रभयङ्कर ।तमोरूप नमस्तुभ्यं प्रसादं कुरु सर्वदा ॥ ८॥सिम्हिकासुत सूर्यारे सिद्धगन्धर्वपूजित ।सिंहवाह नमस्तुभ्यं सर्वान्रोगान् निवारय ॥ ९॥कृपाणफलकाहस्त त्रिशूलिन् वरदायक ।गरळातिगराळास्य गदान्मे नाशयाखिलान् ॥ १०॥स्वर्भानो सर्पवदन सुधाकरविमर्दन ।सुरासुरवरस्तुत्य सर्वदा त्वं प्रसीद मे ॥ ११॥इति सम्प्रार्थितो राहुः दुष्टस्थानगतोऽपि वा ।सुप्रीतो जायते तस्य सर्वान् रोगान् विनाशयेत् ॥ १२॥विषान्न जायते भीतिः महारोगस्य का कथा ।सर्वान् कामानवाप्नोति नष्टं राज्यमवाप्नुयात् ॥ १३॥एवं पठेदनुदिनं स्तवराजमेतं मर्त्यः प्रसन्न हृदयो विजितेन्द्रियो यः ।आरोग्यमायुरतुलं लभते सुपुत्रान्सर्वे ग्रहा विषमगाः सुरतिप्रसन्नाः ॥ १४॥इति राहुस्तोत्रं सम्पूर्णम् । राहु स्तोत्र के लाभ / Rahu Stotram Benefits in Hindi PDFराहु स्तोत्रम के पाठ से जातक की कुंडली में राहु की स्थि प्रबल होती है।राहु की अन्तर्दशा व महादशा में भी इसका लाभ होता है।इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से मानसिक समस्याएं दूर होती हैं।राहु की आराधना से जातक की निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।इस स्तोत्र के प्रभाव से आप राहु जनित समस्याओं से बच सकते हैं। You may also like :केतु कवच | Ketu Kavacham PDF in Hindi राहु स्तोत्र PDF निशुल्क प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।You can download the Rahu Stotram in Hindi PDF by clicking on the following download link.#रह #सततर #Rahu #Stotram #PDF #HindiThe post राहु स्तोत्र | Rahu Stotram PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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