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श्री सूर्यगडांग सूत्र – द्वितीयांगम् | Shri Suryagadanga Sutra – Dwitiyangam | धनपति राय सिंह – Dhanpati Rai Singh, सुधर्म स्वामी – Sudharm Swami
Title श्री सूर्यगडांग सूत्र – द्वितीयांगम् | Shri Suryagadanga Sutra – Dwitiyangam Author धनपति राय सिंह – Dhanpati Rai Singh, सुधर्म स्वामी – Sudharm Swami Keywords Genre not Defined. Suggest Genre #शर #सरयगडग #सतर #दवतयगम #Shri #Suryagadanga #Sutra #Dwitiyangam Download eBook Read OnlineThe post श्री सूर्यगडांग सूत्र – द्वितीयांगम् | Shri Suryagadanga Sutra – Dwitiyangam
| धनपति राय सिंह – Dhanpati Rai Singh, सुधर्म स्वामी – Sudharm Swami
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श्री तन्त्रालोकः – खण्ड 6 | Shri Tantraloka – Vol. 6 | अभिनव गुप्ता – Abhinav Gupta, मधुसूदन कौल शास्त्री – Madhusudan Kaul Shastri, राजानक जयरथ – Rajanak Jayarath
Title श्री तन्त्रालोकः – खण्ड 6 | Shri Tantraloka – Vol. 6 Author अभिनव गुप्ता – Abhinav Gupta, मधुसूदन कौल शास्त्री – Madhusudan Kaul Shastri, राजानक जयरथ – Rajanak Jayarath Keywords Genre not Defined. Suggest Genre #शर #तनतरलक #खणड #Shri #Tantraloka #Vol Download eBook Read OnlineThe post श्री तन्त्रालोकः – खण्ड 6 | Shri Tantraloka – Vol. 6
| अभिनव गुप्ता – Abhinav Gupta, मधुसूदन कौल शास्त्री – Madhusudan Kaul Shastri, राजानक जयरथ – Rajanak Jayarath
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श्री पंचाशक धर्मसंग्रहणी – उपदेशपद | Shri Panchashak Dharma Sangrahani – Updeshapad | हरिभद्र सूरी – Haribhadra Suri
Title श्री पंचाशक धर्मसंग्रहणी – उपदेशपद | Shri Panchashak Dharma Sangrahani – Updeshapad Author हरिभद्र सूरी – Haribhadra Suri Keywords Genre not Defined. Suggest Genre #शर #पचशक #धरमसगरहण #उपदशपद #Shri #Panchashak #Dharma #Sangrahani #Updeshapad Download eBook Read OnlineThe post श्री पंचाशक धर्मसंग्रहणी – उपदेशपद | Shri Panchashak Dharma Sangrahani – Updeshapad
| हरिभद्र सूरी – Haribhadra Suri
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श्री रामायणम् – अरण्यकाण्डम् ( भाग 4 ) | Shri Ramayanam – Aranyakandam ( Part 4 ) | महर्षि वाल्मीकि – Maharshi valmiki, श्रीपाद दामोदर सातवलेकर – Shripad Damodar Satwalekar
Title श्री रामायणम् – अरण्यकाण्डम् ( भाग 4 ) | Shri Ramayanam – Aranyakandam ( Part 4 ) Author महर्षि वाल्मीकि – Maharshi valmiki, श्रीपाद दामोदर सातवलेकर – Shripad Damodar Satwalekar Keywords Genre not Defined. Suggest Genre #शर #रमयणम #अरणयकणडम #भग #Shri #Ramayanam #Aranyakandam #Part Download eBook Read OnlineThe post श्री रामायणम् – अरण्यकाण्डम् ( भाग 4 ) | Shri Ramayanam – Aranyakandam ( Part 4 )
| महर्षि वाल्मीकि – Maharshi valmiki, श्रीपाद दामोदर सातवलेकर – Shripad Damodar Satwalekar
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श्री जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्रम् – भाग 2 | Shri Jambudweepa Pragyapti Sutram – Part 2 | शान्तिचन्द्र गणि – Shantichandra Gani
Title श्री जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्रम् – भाग 2 | Shri Jambudweepa Pragyapti Sutram – Part 2 Author शान्तिचन्द्र गणि – Shantichandra Gani Keywords Genre not Defined. Suggest Genre #शर #जमबदवप #परजञपत #सतरम #भग #Shri #Jambudweepa #Pragyapti #Sutram #Part Download eBook Read OnlineThe post श्री जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्रम् – भाग 2 | Shri Jambudweepa Pragyapti Sutram – Part 2
| शान्तिचन्द्र गणि – Shantichandra Gani
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श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF in Hindi
श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF Detailsश्री मंगल चालीसा | Mangal Dev ChalisaPDF Nameश्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDFNo. of Pages4PDF Size0.52 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख में आपको श्री मंगल चालीसा / Mangal Dev Chalisa PDF प्रदान कर रहे हैं। यह चालीसा मंगल देव को समर्पित है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल देव की महादशा अथवा अन्तर्दशा चल रही है, उन्हे इस चालीसा का पाठ नित्य – प्रतिदिन अवश्य करनी चाहिए। यदि आप प्रतिदिन पाठ करने में असमर्थ हैं, तो काम से कम प्रति मंगलवार इस चालीसा का पाठ अवश्य करें।जिन जातकों की कुंडली में मंगलदोष उपस्थित है तथा उनके जीवन में मंगलदोष के कारण अनेक प्रकार की समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं, तो आपको श्री मंगल चालीसा के पाठ से लाभ होगा। इस चालीसा का पाठ करने से मांगलिक होने के कारण से उत्पन्न होने वाली विवाह सम्बंधित समस्याओं का भी नाश होता हैं।मंगल ग्रह चालीसा | Mangal Grah Chalisa Lyrics PDFमंगल मूरति जय जय हनुमंता, मंगल-मंगल देव अनंता।हाथ व्रज और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेऊ साजे।शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जगवंदन।लाल लंगोट लाल दोऊ नयना, पर्वत सम फारत है सेना।काल अकाल जुद्ध किलकारी, देश उजारत क्रुद्ध अपारी।रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।भूमि पुत्र कंचन बरसावे, राजपाट पुर देश दिवावे।शत्रुन काट-काट महिं डारे, बंधन व्याधि विपत्ति निवारे।आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक ते कांपै।सब सुख लहैं तुम्हारी शरणा, तुम रक्षक काहू को डरना।तुम्हरे भजन सकल संसारा, दया करो सुख दृष्टि अपारा।रामदण्ड कालहु को दण्डा, तुम्हरे परसि होत जब खण्डा।पवन पुत्र धरती के पूता, दोऊ मिल काज करो अवधूता।हर प्राणी शरणागत आए, चरण कमल में शीश नवाए।रोग शोक बहु विपत्ति घराने, दुख दरिद्र बंधन प्रकटाने।तुम तज और न मेटनहारा, दोऊ तुम हो महावीर अपारा।दारिद्र दहन ऋण त्रासा, करो रोग दुख स्वप्न विनाशा।शत्रुन करो चरन के चेरे, तुम स्वामी हम सेवक तेरे।विपति हरन मंगल देवा, अंगीकार करो यह सेवा।मुद्रित भक्त विनती यह मोरी, देऊ महाधन लाख करोरी।श्रीमंगलजी की आरती हनुमत सहितासु गाई।होई मनोरथ सिद्ध जब अंत विष्णुपुर जाई।श्री मंगल चालीसा पाठ विधि | Shri Mangal Chalisa Path Vidhiसर्वप्रथम स्नान आदि से निर्वत्त होकर शुद्ध हो जाएँ।
अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएँ।
एक लकड़ी की चौकी रखें।
लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
उस पर मंगलदेव व श्री हनुमान जी का चित्र अथवा मूर्ति स्थापित करें।
अब उनके समक्ष श्री मंगल चालीसा का पाठ करें।
पाठ संपन्न होने पर आरती करें तथा आशीर्वाद ग्रहण करें।You may also like :मंगलवार की आरती | Mangalvar Vrat Aarti PDF in Hindiमंगलवार व्रत कथा | Mangalvar Vrat Katha in Hindi PDF in Hindiऋणमोचक मंगल स्तोत्र | Rinmochan Mangal Stotra PDF in Hindiमंगल भौम प्रदोष व्रत कथा | Mangal Pradosh Vrat Katha 2021 PDF in HindiYou can download Mangal Dev Chalisa in Hindi PDF by clicking on the following download button.#शर #मगल #चलस #Mangal #Dev #Chalisa #PDF #HindiThe post श्री मंगल चालीसा | Mangal Dev Chalisa PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF in Hindi
श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF Detailsश्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki AartiPDF Nameश्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.80 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस लेख के माध्यम से आप श्री गोवर्धन महाराज की आरती PDF प्राप्त कर सकते हैं। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के अगले दिन श्री गोवर्धन महराज की पूजा की जाती है। उत्तरप्रदेश के मथुरा गोवेर्धन पर्वत को श्री गोवर्धन महाराज के रूप में जाना जाता है। श्री गोवेर्धन महराज की सात कोस (२१ किलोमीटर) की परिक्रमा लगाई जाती है।यदि आप भी अपने घर पर गोवेर्धन महराज की पूजा करते हैं, तो वह वर्ष भर आपके घर में अन्न आदि की कोई कमी नहीं होने देते हैं तथा व्यक्ति की अवांछित घंटनों से रक्षा करते हैं। श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो, यह आरती गोवेर्धन भगवान् की सर्वाधिक प्रचलित व लोकप्रिय आरती है। इस आरती को गाकर आप श्री गोवेर्धन देव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।श्री गोवर्धन महाराज आरती लिरिक्स PDF | Shri Govardhan Maharaj Tere Mathe Mukut Viraj Raho Lyrics PDFश्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,तोपे चढ़े दूध की धार।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरी सात कोस की परिकम्मा,चकलेश्वर है विश्राम।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,ठोड़ी पे हीरा लाल।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ,तेरी झाँकी बनी विशाल।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण,करो भक्त का बेड़ा पार।तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। गोवर्धन पूजा मंत्र | Govardhan Puja Mantraओम कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।।प्रणत: क्लेशनाशय गोविंदाय नमो नम:।।नम: भगवते वासुदेवाय कृष्णायक्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:।गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।घृत वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।You may also like :गोवर्धन पूजा व्रत कथा | Govardhan Puja Vrat Katha PDF in Hindiगोवर्धन पूजा विधि | Govardhan Puja Vidhi PDF in HindiYou can download Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#शर #गवरधन #महरज #तर #मथ #मकट #वरज #रह #Govardhan #Maharaj #Aarti #PDF #HindiThe post श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहो | Govardhan Maharaj Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Puja Vidhi PDF in Hindi
श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Puja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/11/small/-----diwali-laxmi-puja-vidhi-982.jpg">श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Puja Vidhi</a>PDF Name<b>श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Puja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.51 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, श्री लक्ष्मी पूजन विधि PDF / Diwali Laxmi Puja Vidhi PDF प्राप्त कर सकते हैं। श्री लक्ष्मी पूजन का दिवाली के दिन बहुत अधिक महत्व है। लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त करने के लिए दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन तो आवश्यक है ही साथ ही आपको प्रतिदिन भी माता लक्ष्मी का पूजन अवश्य काना चाहिए।यदि आप भी अपने घर पर श्री लक्ष्मी पूजन करना चाहते हैं तो यहां दी गयी पूजा विधि का प्रयोग कर सकते हैं। भिन्न – भिन्न क्षेत्रों के अनुसार श्री लक्ष्मी पूजा विधि भी अलग – अलग हो सकती है। अतः आप अपने पारम्परिक तरीके से भी दीपावली के दिन श्री लक्ष्मी माता की पूजा कर सकते है। आप भी एक सुखी जीवन के लिए दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा अवश्य करें।श्री लक्ष्मी पूजन विधि | Diwali Laxmi Pujan Vidhi PDFदिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन से पहले घर की साफ-सफाई करें और पूरे घर में वातावरण की शुद्धि और पवित्रता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।साथ ही घर के द्वार पर रंगोली और दीयों की एक शृंखला बनाएं।पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति रखें या दीवार पर लक्ष्मी जी का चित्र लगाएं।चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखें।माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति पर तिलक लगाएं और दीपक जलाकर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें ।माता महालक्ष्मी की स्तुति करें।इसके साथ देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी विधि विधान से पूजा करें।महालक्ष्मी पूजन पूरे परिवार को एकत्रित होकर करना चाहिए।महालक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरण की पूजा करें।पूजन के बाद श्रद्धा अनुसार ज़रुरतमंद लोगों को मिठाई और दक्षिणा दें।दिवाली लक्ष्मी पूजन मंत्र | Diwali Laxmi Puja Mantra Hindi<strong>श्री लक्ष्मी बीज मंत्र :</strong>ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।<strong>श्री लक्ष्मी महामंत्र :</strong>ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।ऊं आद्यलक्ष्म्यै नम:ऊं विद्यालक्ष्म्यै नम:ऊं सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:ऊं अमृतलक्ष्म्यै नम:ऊं कामलक्ष्म्यै नम:ऊं सत्यलक्ष्म्यै नम:ऊं भोगलक्ष्म्यै नम:ऊं योगलक्ष्म्यै नम:<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/lakshmi-pujan-samagri-list/">लक्ष्मी पूजन सामग्री लिस्ट PDF | Lakshmi Pujan Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/lakshmi-sahasranama-stotram/">श्री लक्ष्मी सहस्रनाम स्तोत्र | Lakshmi Sahasranama Stotram PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/mahalakshmi-stotram/">श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/siddhi-lakshmi-stotram/">सिद्ध लक्ष्मी स्तोत्र | Siddhi Lakshmi Stotram PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/shri-lakshmi-chalisa-hindi/">श्री लक्ष्मी चालीसा | Shri Lakshmi Chalisa PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/mahalaxmi-aarti-hindi/">श्री महालक्ष्मी आरती | Mahalakshmi Aarti PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/lakshmi-suktam-pdf/">लक्ष्मी सूक्त | Lakshmi Suktam PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/ashtalakshmi-stotram-sanskrit/">अष्टलक्ष्मी स्तोत्र | Ashtalakshmi Stotram PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/mahalakshmi-kavacham-pdf/">श्री महालक्ष्मी कवच | Sri Mahalakshmi Kavacham PDF</a><strong>You can download Diwali Laxmi Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#शर #लकषम #पजन #वध #Diwali #Laxmi #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%8d%e
श्री कृष्ण कवच | Krishna Kavacham PDF in Hindi
श्री कृष्ण कवच | Krishna Kavacham PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-krishna-kavacham-663.jpg">श्री कृष्ण कवच | Krishna Kavacham</a>PDF Name<b>श्री कृष्ण कवच | Krishna Kavacham PDF</b>No. of Pages<b>5</b>PDF Size<b>0.48 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
श्री कृष्ण कवच | Krishna Kavacham Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, आप इस लेख के माध्यम से श्री कृष्ण कवच PDF प्राप्त कर सकते हैं। श्री कृष्ण कवच भगवान् श्री कृष्ण को समर्पित एक बहुत ही चमत्कारी स्तोत्र है। इस स्तोत्र के द्वारा आप अपने जीवन में आने वाले अनेक प्रकार के कष्टों का नाश कर सकते हैं। कृष्ण जी को हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व दिया गया है।श्री कृष्ण हिन्दू धर्म में अत्यधिक पूजे जाने वाले देवों में से एक हैं। भगवान् श्री कृष्ण की कृपा होने पर व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार के शुभकर्मो का आगमन होता है तथा जीवन प्रसन्नता से भर जाता है। श्री कृष्ण कवच का विधिपूर्वक पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में वैवाहिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। कृष्ण कवच इन हिंदी / Krishna Kavacham Lyricsप्रणम्य देवं विप्रेशं प्रणम्य च सरस्वतीम् ।प्रणम्य च मुनीन् सर्वान् सर्वशास्त्रविशारदान् ॥ १॥श्रीकृष्णकवचं वक्ष्ये श्रीकीर्तिविजयप्रदम् ।कान्तारे पथि दुर्गे च सदा रक्षाकरं नृणाम्  ॥ २॥स्मृत्वा नीलाम्बुदश्यामं नीलकुञ्चितकुन्तलम् ।बर्हिपिञ्छलसन्मौलिं शरच्चन्द्रनिभाननम् ॥ ३॥राजीवलोचनं राजद्वेणुना भूषिताधरम् ।दीर्घपीनमहाबाहुं श्रीवत्साङ्कितवक्षसम् ॥ ४॥भूभारहरणोद्युक्तं कृष्णं गीर्वाणवन्दितम् ।निष्कलं देवदेवेशं नारदादिभिरर्चितम् ॥ ५॥नारायणं जगन्नाथं मन्दस्मितविराजितम् ।जपेदेवमिमं भक्त्या मन्त्रं सर्वार्थसिद्धये   ॥ ६॥सरर्वदोषहरं पुण्यं सकलव्याधिनाशनम् ।वसुदेवसुतः पातु मूर्धानं मम सरर्वदा  ॥ ७॥ललाटं देवकीसूनुः भ्रूयुग्मं नन्दनन्दनः ।नयनौ पूतनाहन्ता नासां शकटमर्द्दनः  ॥ ८॥यमलार्जुनहृत्कर्णौकि कपोलौ नगमर्द्दनः ।दन्तान् गोपालकः पोतु जिह्वां हय्यङ्गवीनभुक् ॥ ९॥ओष्ठं धेनुकजित्पायादधरं केशिनाशनः ।चिबुकं पातु गोविन्दो बलदेवानुजो मुखम् ॥ १०॥अक्रूरसहितः कण्ठं कक्षौ दन्तिवरान्तकः ।भुजौ चाणूरहारिर्मे करौ कंसनिषूदनः ॥ ११॥वक्षो लक्ष्मीपतिः पातु हृदयं जगदीश्वरः ।उदरं मधुरानाथो नाभिं द्वारवतीपतिः ॥ १२॥रुग्मिणीवल्लभः पृष्ठं जघनं शिशुपालहा ।ऊरू पाण्डवदूतो मे जानुनी पार्थसारथिः  ॥ १३॥विश्वरूपधरो जङ्घे प्रपदे भूमिभारहृत् ।चरणौ यादवः पातु पातु विघ्नोऽखिलं वपुः ॥ १४॥दिवा पायाज्जगन्नाथो रात्रौ नारायणः स्वयम् ।सरर्वकालमुपासीरिस्सर्वकामार्थसिद्धये ॥ १५॥इदं कृष्णबलोपेतं यः पठेत् कवचं नरः ।सर्वदाऽऽर्तिभयान्मुक्तः कृष्णभक्तिं समाप्नुयात् ॥ १६॥इति श्रीकृष्णकवचं सम्पूर्णम् । श्री कृष्ण आरती / Krishna Aarti in Hindi Lyricsगले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।लतन में ठाढ़े बनमाली;भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चन्द्र सी झलक;ललित छवि श्यामा प्यारी की॥श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥आरती कुंजबिहारी कीश्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ x2कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।गगन सों सुमन रासि बरसै;बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग;अतुल रति गोप कुमारी की॥श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥आरती कुंजबिहारी कीश्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ x2जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा।स्मरन ते होत मोह भंगा;बसी सिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच;चरन छवि श्रीबनवारी की॥श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥आरती कुंजबिहारी कीश्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ x2चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू।चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू;हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद, कटत भव फंद;टेर सुन दीन भिखारी की॥श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥आरती कुंजबिहारी कीश्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ x2आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥<strong>You can download Krishna Kavacham PDF by clicking on the following download button.</strong>#शर #कषण #कवच #Krishna #Kavacham #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%83%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%a3-%e0%a4%95%e0%a4%b5%e0%a4%9a-krishna-kavacham-pdf-in-hindi">श्री कृष्ण कवच |…
श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram PDF in Hindi
श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/---mahalakshmi-stotram-661.jpg">श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram</a>PDF Name<b>श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.06 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/general/">General</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
श्री महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के द्वारा श्री महालक्ष्मी स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं । श्री महालक्ष्मी स्तोत्र माता लक्ष्मी को समर्पित एक बहुत ही दिव्य स्तोत्र है । यह स्तोत्र बहुत अधिक प्रभावशाली है । यदि आप अपने जीवन में निर्धनता से बहुत अधिक पीड़ित हैं, तो आपको इस दिव्य स्तोत्र का पाठ अपने जीवन में अवश्य करना चाहिए ।यदि आप इस स्तोत्र का प्रभाव तुरंत देखना चाहते हैं, तो प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करें । यदि आप प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ करने में असमर्थ हैं, केवल शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी के समक्ष घी का दीपक लगाकर इसका पाठ करें । देवी लक्ष्मी की कृपा से आपके जीवन में सभी प्रकार के सुखों का आगमन होता है । श्री महालक्ष्मी स्तोत्र संस्कृत / Mahalakshmi Stotram Lyrics in Hindiश्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रम्ॐश्रीरामजयम् ।ॐ सद्गुरुश्रीत्यागराजस्वामिने नमो नमः ।ॐ श्रीरूपायैच विद्महे । शुभदायैच धीमहि ।तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥श्रींबीजपूजिते देवि हरिवक्षस्थलालये ।सर्वसौमङ्गलाधात्रि महालक्ष्मि नमोस्तु ते ॥ १॥विद्यालक्ष्मि सुधासारे ज्ञानलक्ष्मि वसुप्रदे ।भद्रे लक्ष्मि नमस्तुभ्यं मोक्षलक्ष्मि प्रसीद मे ॥ २॥सर्वलक्षणलक्षण्ये सौमङ्गल्यसुविग्रहे ।स्वस्तिवाक् श्रीः शुचीरूपे शान्तिरूपे सुखास्पदे ॥ ३॥अष्टैश्वर्यप्रदे लक्ष्मि अष्टलक्ष्मि सुपूजिते ।नित्यैश्वर्यवरे लक्ष्मि नित्यानन्दस्वरूपिणि ॥ ४॥धनधान्यसुसन्तानधैर्यसौन्दर्यरूपिणि ।तनुरारोग्यसौभाग्यसानन्दसिद्धिदायिनि ॥ ५॥उषोरागजये लक्ष्मि उषोगानप्रसादिनि ।सन्ध्यासुरागसङ्गीते सन्ध्यादीपप्रकाशिनि ॥ ६॥गीतवाद्यप्रिये लक्ष्मि गतकर्मजसत्पदे ।ओङ्कारसदनेमातः कुरुदृष्टिप्रसादनम् ॥ ७॥नादोङ्कारस्वरूपेश्रीः सुनादस्वरसालये ।नादसुस्वरमाधुर्येनादान्तःप्रशमालये ॥ ८॥मनःस्फूर्तिकरे लक्ष्मि मनःसारसवासिनि ।मनःपुष्पार्चितेमातर्मनोमयमदम्बिके ॥ ९॥आदिलक्ष्मि मदम्ब त्वं रक्ष मां कुरु त्वत्कृपाम् ।आधिव्याध्यार्तिपङ्काद्विमोचनं कुरु शाश्वतम् ॥ १०॥पङ्केरुहविशालाक्षि कटाक्षेण विमोचय ।सदा मां पातु मालक्ष्मि सदा तिष्ठ मया सह ॥ ११॥जन्ममृत्युजरातापजालाद्विमोचनं कुरु ।कुरु मेत्वयि लीनं श्रीः कुरु जन्मनिवारणम् ॥ १२॥इहसौख्ये सुमाङ्गल्येपरमोक्षप्रदायिनि ।श्रीमन्नारायणानन्दे लक्ष्मि तुभ्यं नमो नमः ॥ १३॥मङ्गलं श्रीमहालक्ष्म्यैशुभलक्ष्म्यैसुमङ्गलम् ।मङ्गलं मङ्गलाङ्कायैमात्रे नित्यं सुमङ्गलम् ॥ १४॥त्यागराजगुरुस्वामिशिष्यापुष्पाकृतस्तुतिः ।महालक्ष्मीबहुप्रीता सुमाङ्गल्या शुभप्रदा ॥ १५॥इति सद्गुरुश्रीत्यागराजस्वामिनः शिष्यया भक्तया पुष्पया कृतंश्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रं गुरौ समर्पितम् ।ॐ शुभमस्तु । श्री महालक्ष्मी आरती / Shri Mahalakshmi Aarti Lyrics in Hindiॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवतहरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता) x २उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-मातासूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐजय लक्ष्मी माता x २दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाताजो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाताॐ जय लक्ष्मी माता x २तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाताकर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राताॐ जय लक्ष्मी माता x २जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आतासब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराताॐ जय लक्ष्मी माता x २तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाताखान-पान का वैभव, सब तुमसे आताॐ जय लक्ष्मी माता x २शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जातारत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाताॐ जय लक्ष्मी माता x २महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाताउर आनन्द समाता, पाप उतर जाताॐ जय लक्ष्मी माता x २ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवतहरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता x २<strong>You can download Mahalakshmi Stotram PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#शर #महलकषम #सततर #Mahalakshmi #Stotram #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/
श्री सरस्वती वंदना | Saraswati Vandana Lyrics PDF in Hindi
श्री सरस्वती वंदना | Saraswati Vandana Lyrics PDF Detailsश्री सरस्वती वंदना | Saraswati Vandana LyricsPDF Nameश्री सरस्वती वंदना | Saraswati Vandana Lyrics PDFNo. of Pages3PDF Size0.37 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
श्री सरस्वती वंदना | Saraswati Vandana Lyrics Hindi PDF Summaryयदि आप श्री सरस्वती वंदना pdf डाउनलोड करना चाहते हैं, तो इस लेख के द्वारा आसानी से इसे प्राप्त कर सकते हैं। माता सरस्वती विद्या व ज्ञान की देवी हैं। हिन्दू धर्म में माता सरस्वती का बहुत ही विशेष स्थान है। किसी भी प्रकार के पूजन में गणेश जी व सरस्वती माँ पूजन अवश्य किया जाता है। माता सरस्वती की कृपा से व्यक्ति विद्द्वान होता है।सरस्वती वंदना बहुत ही मधुर है तथा इसके गायन से देवी सरस्वती बहुत शीघ्र प्रसन्न होती हैं तथा आप पर कृपा करती हैं। यदि आप पर सरस्वती माता की कृपा होती जाती है, तो माता जी आपकी सभी अज्ञानता का नाश कर देती हैं तथा आपको ज्ञान अर्जित करने में कोई समस्या नहीं आती। अतः देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए इस सुन्दर सरस्वती वंदना का गायन अवश्य करें। सरस्वती वंदना संस्कृत / Saraswati Vandana Shlok in Sanskritया कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दितासा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥सरस्वती माता की आरती / Saraswati Mata Aarti Lyrics in Hindiॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय…..बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ जय…..देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया।पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ जय…..विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय…..धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो।ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ जय…..मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें।हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥ जय…..जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..You can download Saraswati Vandana Lyrics PDF in Hindi by clicking on the following download button.#शर #सरसवत #वदन #Saraswati #Vandana #Lyrics #PDF #HindiThe post श्री सरस्वती वंदना | Saraswati Vandana Lyrics PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन | Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics PDF in Hindi
श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन | Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics PDF Detailsश्री रामचन्द्र कृपालु भजमन | Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman LyricsPDF Nameश्री रामचन्द्र कृपालु भजमन | Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics PDFNo. of Pages3PDF Size0.51 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन | Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन PDF | Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics PDF in Hindi श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन एक अत्यधिक मधुर स्तुति हैं। यह भगवान राम जी को समर्पित सबसे अधिक प्रचलित स्तुति है। यदि आप प्रति दिन इस स्तुति को अपने घर में लयबद्ध होकर गाते हैं, तो न केवल श्री राम जी की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि हनुमान जी भी बहुत प्रसन्न होते हैं। यह स्तुति गाने और सुनने में बहुत ही अधिक कर्णप्रिय होती है। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन PDF | Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।आप को प्रतिदिन अपने घर में परिवार के साथ बैठकर यह स्तुति जानी चाहिए। इसके प्रभाव से घर में सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि आप प्रतिदिन इस स्तुति का गायन करने में असमर्थ हैं, तो कम से कम मंगलवार के इसका पाठ अवश्य करना चाहिए। यह स्तुति मानसिक रोगों का हरण कर लेती तथा व्यक्ति को शांति का अनुभव कराती है।श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन PDF | Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman PDF in Hindiश्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।।। सोरठा ।।जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।श्री रामचंद्र स्तुति का पाठ कैसे करें?सर्वप्रथम स्नान अदि करके के शुद्ध हो जाएब जाएँ।तत्पश्चात पूर्वमुखी होकर बैठ जाएँ।अब एक लड़की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं।तदोपरांत श्री राम जी की स्थापना करें।अब उनके सम्मुख श्री राम स्तुति का गायन करें।अब अंत में आरती करें तथा आशीर्वाद ग्रहण करें।श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन PDF | Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics PDF in HindiYou can download श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन PDF | Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics PDF in Hindi by clicking on the following download button.#शर #रमचनदर #कपल #भजमन #Shri #Ram #Chandra #Kripalu #Bhajman #Lyrics #PDF #HindiThe post श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन | Shri Ram Chandra Kripalu Bhajman Lyrics PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF in Hindi
श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF Detailsश्री दुर्गा आरती | Durga AartiPDF Nameश्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.42 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti Hindi PDF SummaryFriends, here we have uploaded the Durga Aarti PDF in Hindi / श्री दुर्गा आरती PDF for our devotees. Mother’s grace always remains on the person who duly worships Maa Durga on the holy festival of Navratri. Being pleased with her devotees, the mother takes away all their sorrows. Different forms of the mother are worshiped on every day of Navratri. It is very important to sing Durga Maa Aarti during the puja. In this article, we have also given a download link for Durga Ji Ki Aarti PDF / दुर्गा जी की आरती PDFLight a lamp of camphor or cow’s ghee in the plate of worship while performing the aarti of Durga Maa. Do play it even while performing the aarti of the mother. Sing the aarti Along with the aarti, you must blow conch shell and bell. If Shanghnaad and bells are played during the aarti, their sound destroys the negative energy inside the house.श्री दुर्गा आरती PDF | Durga Ji Ki Aarti PDFॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, निर्मल से दोउ नैना, चन्द्रबदन नीको ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कनक समान कलेवर,,रक्ताम्बर राजै ।
रक्त पुष्प गलमाला, लाल कुसुम गलमाला, कण्ठन पर साजै ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्परधारी ।
सुर नर मुनिजन सेवत, सुर नर मुनिजन ध्यावत, तिनके दुखहारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, मधुर विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।चण्ड मुण्ड संघारे, शोणित बीज हरे ।
मधुकैटभ दोउ मारे, मधुकैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, चारों वेद बखानी, तुम शिव पटरानी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरू ।
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा, अरु बाजत डमरू ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता ।
भक्तन की दुख हरता, संतन की दुख हरता, सुख-सम्पत्ति करता ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी ।
मनवांछित फल पावत, मनइच्छा फल पावत, सेवत नर नारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत, धोळा गिरी पर राजत, कोटि रतन ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।श्री अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गावै, मैया प्रेम सहित गावें ।
कहत शिवानन्द स्वामी, रटत हरिहर स्वामी, मनवांछित फल पावै ।।ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत , मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।दुर्गा जी की आरती PDF | Durga Ji Ki Aarti PDFनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Durga Aarti PDF in Hindi / श्री दुर्गा आरती PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#शर #दरग #आरत #Durga #Aarti #PDF #HindiThe post श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री दुर्गा अष्टक | Durga Ashtakam PDF in Hindi
श्री दुर्गा अष्टक | Durga Ashtakam PDF Detailsश्री दुर्गा अष्टक | Durga AshtakamPDF Nameश्री दुर्गा अष्टक | Durga Ashtakam PDFNo. of Pages5PDF Size0.71 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
श्री दुर्गा अष्टक | Durga Ashtakam Hindi PDF SummaryDurga Ashtakam is one of the best ways to please Goddess Durga for improving your life standards. You can gain mental and physical solidity by reciting Durga Ashtakam Every day in the home. Goddess Durga is considered to be a furious form of Devi Adi Shakti but Goddess Durga is so kind to her devotees.You can recite it through the pdf file which is given below in this article. You can save yourself from various kinds of bottlenecks that you are facing in your life. There are a lot of benefits of reciting this Ashtakam but few of these are given in this article.श्री दुर्गा अष्टकम स्तोत्र / Durga Ashtakam Lyrics in Hindiदुर्गे परेशि शुभदेशि परात्परेशिवन्द्ये महेशदयिते करूणार्णवेशि ।स्तुत्ये स्वधे सकलतापहरे सुरेशिकृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥ १॥ दिव्ये नुते श्रुतिशतैर्विमले भवेशिकन्दर्पदाराशतसुन्दरि माधवेशि ।मेधे गिरीशतनये नियते शिवेशिकृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥ २॥ रासेश्वरि प्रणततापहरे कुलेशिधर्मप्रिये भयहरे वरदाग्रगेशि ।वाग्देवते विधिनुते कमलासनेशिकृष्णस्तुतेकुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥ ३॥ पूज्ये महावृषभवाहिनि मंगलेशिपद्मे दिगम्बरि महेश्वरि काननेशिरम्येधरे सकलदेवनुते गयेशिकृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥ ४॥ श्रद्धे सुराऽसुरनुते सकले जलेशिगंगे गिरीशदयिते गणनायकेशि ।दक्षे स्मशाननिलये सुरनायकेशिकृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥ ५॥ तारे कृपार्द्रनयने मधुकैटभेशिविद्येश्वरेश्वरि यमे निखलाक्षरेशि ।ऊर्जे चतुःस्तनि सनातनि मुक्तकेशिकृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितऽखिलेशि ॥ ६॥ मोक्षेऽस्थिरे त्रिपुरसुन्दरिपाटलेशिमाहेश्वरि त्रिनयने प्रबले मखेशि ।तृष्णे तरंगिणि बले गतिदे ध्रुवेशिकृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥ ७॥ विश्वम्भरे सकलदे विदिते जयेशिविन्ध्यस्थिते शशिमुखि क्षणदे दयेशि ।मातः सरोजनयने रसिके स्मरेशिकृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥ ८॥ दुर्गाष्टकं पठति यः प्रयतः प्रभातेसर्वार्थदं हरिहरादिनुतां वरेण्यां ।दुर्गां सुपूज्य महितां विविधोपचारैःप्राप्नोति वांछितफलं न चिरान्मनुष्यः ॥ ९॥॥ इति श्री मत्परमहंसपरिव्राजकाचार्यश्रीमदुत्तरांनायज्योतिष्पीठाधीश्वरजगद्गुरू-शंकराचार्य-स्वामि-श्रीशान्तानन्द सरस्वती शिष्य-स्वामि श्री मदनन्तानन्द-सरस्वतिविरचितं श्री दुर्गाष्टकं सम्पूर्णम्॥ श्री दुर्गा अष्टक पाठ के लाभ / Benefits Reciting Durga Ashtakam PDF in Hindiइस अष्टक के पाठ से जातक की शरीरिक व मानसिक कष्ट दूर होते हैं।यदि आप प्रतिदिन इस अष्टक का पाठ कर सकते हैं, तो यह आपके जीवन में चमत्कारी परिवर्तन कर सकता है।श्री दुर्गा जी की कृपा प्राप्त करने के लिए यह सरल साधन है।यदि आपके दुश्मन आपको परशान कर रहे हैं तो इस अष्टक पाठ अवश्य करें।इस अष्टक के पाठ से आप देवी दुर्गा की कृपा द्वारा मनोरथ पूर्ण कर सकते हैं।You can download Durga Ashtakam PDF in Hindi by clicking on the following download button.#शर #दरग #अषटक #Durga #Ashtakam #PDF #HindiThe post श्री दुर्गा अष्टक | Durga Ashtakam PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga Stuti PDF in Hindi
श्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga Stuti PDF Detailsश्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga StutiPDF Nameश्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga Stuti PDFNo. of Pages12PDF Size11.3 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
श्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga Stuti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं Durga Stuti PDF in Hindi / श्री दुर्गा स्तुति पाठ PDF जिसके नियमित पाठ करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार दुर्गा स्तुति का नियमित जप देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे शक्तिशाली तरीका है। सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह स्नान करने के बाद और देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले दुर्गा स्तुति का मतलब हिंदी में समझना चाहिए। इस पोस्ट में दिए गए लिंक के द्वारा आप दुर्गा स्तुति इन हिंदी PDF / Chaman Ki Durga Stuti PDF उनलोड कर सकते हैं।दुर्गा स्तुति / Durga Stuti Book PDF के नियमित पाठ से मन को शांति मिलती है और आपके जीवन से सभी बुराई दूर होती है और आप स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बनते हैं।दुर्गा स्तुति इन हिंदी PDF | Durga Stuti PDFजय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे।
जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे॥1॥जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे।
जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे॥2॥जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे।
जय देवि पितामहविष्णुनते जय भास्करशक्रशिरोवनते॥3॥जय षण्मुखसायुधईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते।
जय दु:खदरिद्रविनाशकरे जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे॥4॥जय देवि समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे।
जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिवरे॥5॥एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:।
गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा॥6॥श्री दुर्गा स्तुति पाठ PDF | Durga Stuti PDF in Hindiमहर्षि व्यास द्वारा लिखा गया मां दुर्गा का यह स्त्रोत कल्याणकारी है। इसका पाठ करने से मनुष्य हर संकट से दूर रहता है मां भगवती की कृपा हमेशा बनी रहती है।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Durga Stuti PDF in Hindi / श्री दुर्गा स्तुति पाठ PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#शर #दरग #सतत #पठ #Durga #Stuti #PDF #HindiThe post श्री दुर्गा स्तुति पाठ | Durga Stuti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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