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गौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi
गौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF Detailsगौ माता की आरती | Gau Mata Ki AartiPDF Nameगौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.49 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
गौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से गौ माता की आरती / Gau Mata Ki Aarti PDF प्राप्त कर सकते हैं। श्री गौ माता का पूजन करने से गौ माता का आशीर्वाद तो मिलता ही है साथ ही साथ भगवान् श्री कृष्ण की कृपा भी प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म में गौ माता को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। यह आरती गौ माता की बहुत मधुर आरती है।माना जाता है कि गौ माता के शरीर में तैंतीस कोटि देवता निवास करते हैं। गौ माता के आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। यदि आप भी गोपाष्टमी के दिन गौ माता की पूजा करना चाहते हैं, तो पूजन के अंत में श्री गौ माता जी की आरती अवश्य करें।गौ माता की आरती लिरिक्स | Gau Mata Ki Aarti in Hindi Lyricsॐ जय जय गौमाता,मैया जय जय गौमाता जो कोई तुमको ध्याता,त्रिभुवन सुख पातासुख समृद्धि प्रदायनी,गौ की कृपा मिले जो करे गौ की सेवा,पल में विपत्ति टलेआयु ओज विकासिनी,जन जन की माई शत्रु मित्र सुत जाने,सब की सुख दाईसुर सौभाग्य विधायिनी,अमृती दुग्ध दियो अखिल विश्व नर नारी,शिव अभिषेक कियोममतामयी मन भाविनी,तुम ही जग माता जग की पालनहारी,कामधेनु मातासंकट रोग विनाशिनी,सुर महिमा गाईगौ शाला की सेवा,संतन मन भाईगौ मां की रक्षा हित,हरी अवतार लियो गौ पालक गौपाला,शुभ संदेश दियोश्री गौमाता की आरती,जो कोई सुत गावे पदम् कहत वे तरणी,भव से तर जावेगोपाष्टमी पूजन मंत्र | Gau Mata Puja Mantraलक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।घृतं वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।घृतक्षीरप्रदा गावो घृतयोन्यो घृतोद्भवाः।घृतनद्यो घृतावर्तास्ता मे सन्तु सदा गृहे॥घृतं मे हृदये नित्यं घृतं नाभ्यां प्रतिष्ठितम्।घृतं सर्वेषु गात्रेषु घृतं मे मनसि स्थितम्॥गावो ममाग्रतो नित्यं गावः पृष्ठत एव च।गावो मे सर्वतश्चैव गवां मध्ये वसाम्यहम्॥सुरूपा बहुरूपाश्च विश्वरूपाश्च मातरः।गावो मामुपतिष्ठन्तामिति नित्यं प्रकीर्तयेत्॥यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजङ्गमम्।तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम्॥सर्वकामदुधे देवि सर्वतीर्थीभिषेचिनि।पावने सुरभि श्रेष्ठे देवि तुभ्यं नमोस्तुते ॥You may also like :गोपाष्टमी व्रत कथा | Gopashtami Ki Katha PDF in Hindiगोवत्स द्वादशी की कहानी | Govatsa Dwadashi Ki Kahani PDF in HindiYou can download Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#ग #मत #क #आरत #Gau #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post गौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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चित्रगुप्त जी की आरती | Chitragupta Aarti PDF in Hindi
चित्रगुप्त जी की आरती | Chitragupta Aarti PDF Detailsचित्रगुप्त जी की आरती | Chitragupta AartiPDF Nameचित्रगुप्त जी की आरती | Chitragupta Aarti PDFNo. of Pages1PDF Size0.03 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable atgodsandprayers.comDownload LinkAvailable Downloads26
चित्रगुप्त जी की आरती | Chitragupta Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको चित्रगुप्त जी की आरती PDF | Chitragupta Aarti PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। भाईदूज के दिन श्री चित्रगुप्त जी का पंचामृत स्नान, श्रृंगार, हवन, आरती तथा कलम-दवात की पूजा की जाती है। भाई का तिलक करने से पहले बहनें चित्रगुप्त जी की पूजा अर्चना करती हैं। चित्रगुप्त की आरती करने से भाई की उम्र लम्बी होती है। अगर घर में उनकी तस्वीर न हो तो चित्रगुप्त जी के प्रतीक एक कलश को स्थापित कर पूजन करें। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप चित्रगुप्त महाराज की आरती PDF / Chitragupta Aarti in Hindi PDF बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।दीपक जलाएं तथा सबसे पहले श्री गणेश की पूजा अर्चना करने के बाद भगवान चित्रगुप्त जी को चंदन, हल्दी, रोली, अक्षत, पुष्प व धूप आदि से विधि-विधान से पूजन करें।चित्रगुप्त जी की आरती PDF | Chitragupta Aarti PDF in Hindiॐ जय चित्रगुप्त हरे,
स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों के इच्छित,
फलको पूर्ण करे॥विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,
सन्तनसुखदायी ।
भक्तों के प्रतिपालक,
त्रिभुवनयश छायी ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत,
पीताम्बरराजै ।
मातु इरावती, दक्षिणा,
वामअंग साजै ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक,
प्रभुअंतर्यामी ।
सृष्टि सम्हारन, जन दु:ख हारन,
प्रकटभये स्वामी ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥कलम, दवात, शंख, पत्रिका,
करमें अति सोहै ।
वैजयन्ती वनमाला,
त्रिभुवनमन मोहै ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥विश्व न्याय का कार्य सम्भाला,
ब्रम्हाहर्षाये ।
कोटि कोटि देवता तुम्हारे,
चरणनमें धाये ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥नृप सुदास अरू भीष्म पितामह,
यादतुम्हें कीन्हा ।
वेग, विलम्ब न कीन्हौं,
इच्छितफल दीन्हा ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥दारा, सुत, भगिनी,
सबअपने स्वास्थ के कर्ता ।
जाऊँ कहाँ शरण में किसकी,
तुमतज मैं भर्ता ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥बन्धु, पिता तुम स्वामी,
शरणगहूँ किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
आसकरूँ जिसकी ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥जो जन चित्रगुप्त जी की आरती,
प्रेम सहित गावैं ।
चौरासी से निश्चित छूटैं,
इच्छित फल पावैं ॥
॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥न्यायाधीश बैंकुंठ निवासी,
पापपुण्य लिखते ।
‘नानक’ शरण तिहारे,
आसन दूजी करते ॥ॐ जय चित्रगुप्त हरे,
स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों के इच्छित,
फलको पूर्ण करे ॥चित्रगुप्त महाराज की आरती PDF | Chitragupta Aarti in Hindi PDFनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप चित्रगुप्त जी की आरती PDF | Chitragupta Aarti PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#चतरगपत #ज #क #आरत #Chitragupta #Aarti #PDF #HindiThe post चित्रगुप्त जी की आरती | Chitragupta Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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लक्ष्मी जी की आरती लिखित में PDF in Hindi
लक्ष्मी जी की आरती लिखित में PDF Detailsलक्ष्मी जी की आरती लिखित मेंPDF Nameलक्ष्मी जी की आरती लिखित में PDFNo. of Pages5PDF Size0.62 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
लक्ष्मी जी की आरती लिखित में Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको लक्ष्मी जी की आरती लिखित में PDF के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। हर कोई घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि के लिए मां लक्ष्मी की उपासना करते हैं । धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन पूजा करने विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। माता लक्ष्मी जी की आरती करने से माता आपके सारे दुखों को मिटा देती हैं तथा आपको आजीवन खुशाल जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं। श्री लक्ष्मी हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं। वह भगवान विष्णु जी की पत्नी हैं। मां पार्वती और सरस्वती के साथ, वह त्रिदेवियोँ मे से एक हैं और धन, सम्पदा, शांति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। दीपावली के त्योहार में उनकी गणेश जी के साथ पूजा की जाती है।लक्ष्मी जी की आरती लिखित में PDFॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता-2उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-मातासूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाताॐ जय लक्ष्मी माता-2दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाताजो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाताॐ जय लक्ष्मी माता-2तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाताकर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राताॐ जय लक्ष्मी माता-2जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आतासब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराताॐ जय लक्ष्मी माता-2तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाताखान-पान का वैभव, सब तुमसे आताॐ जय लक्ष्मी माता-2शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जातारत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाताॐ जय लक्ष्मी माता-2महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाताउर आनन्द समाता, पाप उतर जाताॐ जय लक्ष्मी माता-2ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुमको निशदिन सेवत,मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता-2लक्ष्मी आरती पूजा विधि PDFशुक्रवार के दिन नारायण पाठ करें और मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।मां लक्ष्मी को लाल बिंदी, सिंदूर, लाल चुनरी और लाल चूड़ियां भी अर्पित करें।शुक्रवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनें, लाल रंग शुभ माना जाता है।चावल की पोटली बनाकर हाथ में लेकर ओम श्रीं श्रीये नम: का पांच माला जाप करें. फिर इस पोटली को तिजोरी में रख दें, मां की कृपा बनी रहेगी ।मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हाथ में पांच लाल रंग के फूल लेकर माता का ध्यान लगाना चाहिए. लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव आपके घर में बनी रहेगी।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप लक्ष्मी जी की आरती लिखित में PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#लकषम #ज #क #आरत #लखत #म #PDF #HindiThe post लक्ष्मी जी की आरती लिखित में PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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कुबेर आरती | Kuber Aarti PDF in Hindi
कुबेर आरती | Kuber Aarti PDF Detailsकुबेर आरती | Kuber AartiPDF Nameकुबेर आरती | Kuber Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.43 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
कुबेर आरती | Kuber Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप कुबेर आरती PDF / Kuber Aarti PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं । श्री कुबेर आरती भगवान कुबेर को समर्पित एक लाभकारी आरती है । इस आरती का प्रतिदिन गायन करने से व्यक्ति घर में हमेशा धनवर्षा रहती है । कुबेर को धन – धान्य का दाता माना जाता है । इसका पाठ करने से पूर्व आप कुबेर चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं ।यदि आप प्रतिदिन कुबेर आरती का गायन नही कर सकते तो शुक्रवार के दिन इसका पाठ अवश्य करें । श्री कुबेर आरती के प्रभाव से व्यक्ति को ऋण से मुक्ति मिलती है । जिन व्यक्तियों के घर में आर्थिक समस्याएँ बहुत अधिक मात्रा में उत्पन्न होती हैं, उन्हें इस आरती का प्रयोग अवश्य करना चाहिए ।कुबेर आरती PDF | Kuber Aarti PDF in Hindiऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे।शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े।दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे।योगिनी मंगल गावैं,सब जय जय कार करैं॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥गदा त्रिशूल हाथ में,शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे।दुख भय संकट मोचन,धनुष टंकार करें॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,स्वामी व्यंजन बहुत बने।मोहन भोग लगावैं,साथ में उड़द चने॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥बल बुद्धि विद्या दाता,हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़ेअपने भक्त जनों के,सारे काम संवारे॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥मुकुट मणी की शोभा,मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले।अगर कपूर की बाती,घी की जोत जले॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥यक्ष कुबेर जी की आरती,जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे।कहत प्रेमपाल स्वामी,मनवांछित फल पावे॥ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥श्री कुबेर पूजन मंत्र PDF | Kuber Mantra PDF in Hindiॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतयेधन-धान्यं स्मृद्धि देहि दापय दापय स्वाहा।You may also like :श्री कुबेर चालीसा | Kuber Chalisa PDF in HindiYou can download कुबेर आरती PDF / Kuber Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#कबर #आरत #Kuber #Aarti #PDF #HindiThe post कुबेर आरती | Kuber Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF in Hindi
धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF Detailsधन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari AartiPDF Nameधन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.48 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप धन्वंतरि जी की आरती PDF प्राप्त कर सकते हैं। भगवान् धन्वंतरि जी को स्वाथ्य का देवता माना जाता है। धन्वंतरि जी को प्रसन्न करने के लिए उनका विधि – विधान से पूजन करना चाहिए। धन्वंतरि जी की पूजा – अर्चना करने से विभिन्न प्रकार की स्वाथ्य सम्बन्धी समस्याओं का नाश होता हैं।धन्वन्तरि जी की पूजा वैसे तो आप प्रतिदिन कर सकते हैं, लेकिन यदि आप प्रतिदिन पूजन करने में असमर्थ हैं तो कम से कम धनतेरस के दिन तो आपको भगवान् श्री धन्वंतरि जी का पूजन अवश्य करें। यह पूजन करने से आप अपने जीवन में अच्छे स्वास्थ्य को आकर्षित करते हैं तथा आपका परिवार भी स्वास्थ्य रहता है। भगवान धन्वंतरि जी की आरती / Dhanvantari Aarti Lyrics in Hindi PDFजय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि जी देवा।जरा-रोग से पीड़ितजन-जन सुख देवा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम समुद्र से निकले,अमृत कलश लिए।देवासुर के संकटआकर दूर किए॥जय धन्वन्तरि देवा…॥आयुर्वेद बनाया,जग में फैलाया।सदा स्वस्थ रहने का,साधन बतलाया॥जय धन्वन्तरि देवा…॥भुजा चार अति सुन्दर,शंख सुधा धारी।आयुर्वेद वनस्पति सेशोभा भारी॥जय धन्वन्तरि देवा…॥तुम को जो नित ध्यावे,रोग नहीं आवे।असाध्य रोग भी उसका,निश्चय मिट जावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥हाथ जोड़कर प्रभुजी,दास खड़ा तेरावैद्य-समाज तुम्हारेचरणों का घेरा॥जय धन्वन्तरि देवा…॥धन्वन्तरिजी की आरतीजो कोई नर गावे।रोग-शोक न आए,सुख-समृद्धि पावे॥जय धन्वन्तरि देवा…॥ भगवान धन्वंतरि के मंत्र / Bhagwan Dhanvantari Mantraॐ श्री धनवंतरै नम:ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धनवंतराये:,अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय,त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप,श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री अष्टचक्र नारायणाय नमःॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः,सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम,कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम,वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम. धन्वंतरि पूजा मुहूर्त / Dhanvantari Puja Muhuratपूजन का शुभ समय शाम 5 बजे से 06:30 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा शाम 06:30 मिनट से रात 08:11 मिनट का समय भी पूजा के लिए शुभ है।You can download Dhanvantari Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#धनवतर #ज #क #आरत #Dhanvantari #Aarti #PDF #HindiThe post धन्वंतरि जी की आरती | Dhanvantari Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDF in Hindi
करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDF Detailsकरवा चौथ आरती | Karva Chauth AartiPDF Nameकरवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.55 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप करवा चौथ आरती PDF / Karwa Chauth Aarti PDF in Hindi डाउनलोड कर सकते हैं। करवा चौथ माता का व्रत संपन्न करने के लिए पूजा के अंत में करवाचौथ माता की आरती करना अत्यधिक आवश्यक है। यह आरती करवा चौथ के दिन गायी जाती है। करवा चौथ का व्रत सुहागिनें अपने पति की लम्बी आयु के लिए करती हैं।इस व्रत में सारे दिन कुछ भी खाया – पिया नहीं जाता तथा रात्रि में करवा चौथ मईया का पूजन करके चन्द्रमा को अर्घ्य देने के पश्चात इस व्रत को संपन्न किया जाता है। जब भी करवाचौथ मईया का पूजन करें तो पूजनोपरांत इस आरती का गायन अवश्य करें। इससे आपका पूजन संपन्न माना जायेगा तथा आपको उसका पूर्ण लाभ प्राप्त होगा।करवा चौथ आरती PDF | Karwa Chauth Aarti PDF in Hindiऊँ जय करवा मइया, माता जय करवा मइया ।जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ।।ऊँ जय करवा मइया।सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी ।।
ऊँ जय करवा मइया।कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती ।।ऊँ जय करवा मइया।होए सुहागिन नारी,  सुख सम्पत्ति पावे।गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।ऊँ जय करवा मइया।करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे।व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।ऊँ जय करवा मइया।You may also like :चौथ माता की कहानी इन हिंदी PDF | Chauth Mata Ki Katha PDF in Hindiकरवा चौथ पूजन सामग्री लिस्ट | Karwa Chauth Pooja Items List PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत की कहानी | Karwa Chauth Vrat Ki Kahani PDF in Hindiकरवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Katha PDF in HindiYou can download करवा चौथ आरती PDF / Karwa Chauth Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#करव #चथ #आरत #Karva #Chauth #Aarti #PDF #HindiThe post करवा चौथ आरती | Karva Chauth Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi
गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF Detailsगंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki AartiPDF Nameगंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.39 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti Hindi PDF Summaryप्रिय पाठकों, इस लेख के माध्यम से आप श्री गंगा मैया की सुन्दर आरती की पीडीऍफ़ डाउनलोड कर सकते हैं। हिन्दू धर्म में गंगा मैया का बहुत अधिक महत्व है। माना जाता है कि माता गंगा जनकल्याण के लिए स्वर्गलोक से पृथ्वीलोक पर आयी हैं। माता गंगा को पृथ्वीलोक पर लाने का श्रेय भगीरथ जी को जाता है, वह भगवान् श्री राम जी के पूर्वज थे।यह गंगा मैया की बहुत प्रचलित आरती है जिसका गायन गंगा माँ से सम्बंधित विभिन्न अवसरों पर किया जाता है। यदि आप भी जीवन में गंगा माँ की तरह निर्मल रहना चाहते हैं, तो आपको इस आरती का गायन अवश्य करना चाहिए। गंगा मैया की यह आरती ऋषिकेश पर भी की जाती है। आप यही जानते ही होंगे की हरिद्वार की गंगा आरती भारत समेत पूरे विश्व में प्रसिद्द है। आप भी इस आरती को घर में करके इसका लाभ उठा सकते हैं। गंगा माता जी की आरती / Ganga Ji Ki Aarti PDFॐ जय गंगे माता,मैया जय गंगे माता।जो नर तुमको ध्याता,मनवांछित फल पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी,जल निर्मल आता।शरण पड़े जो तेरी,सो नर तर जाता॥ॐ जय गंगे माता॥ पुत्र सगर के तारे,सब जग को ज्ञाता।कृपा दृष्टि हो तुम्हारी,त्रिभुवन सुख दाता॥ॐ जय गंगे माता॥ एक बार जो प्राणी,शरण तेरी आता।यम की त्रास मिटाकर,परमगति पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ आरती मातु तुम्हारी,जो नर नित गाता।सेवक वही सहज में,मुक्ति को पाता॥ॐ जय गंगे माता॥ पवित्र गंगा स्तोत्रम / Ganga Stotram in Hindi PDF देवि सुरेश्वरि भगति गंगे त्रिभुवनतारिणि तरलतरंगे ।शंकरमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ।।1।। भागीरथि सुखदायिनि मातस्तव जलमहिमा निगमे ख्यात: ।नाहं जाने तव महिमानं पाहि कृपामयि मामज्ञानम ।।2।। हरिपदपाद्यतरंगिणि गंगे हिमविधुमुक्ताधवलतरंगे ।दूरीकुरू मम दुष्कृतिभारं कुरु कृपया भवसागरपारम ।।3।। तव जलममलं येन निपीतं परमपदं खलु तेन गृहीतम ।मातर्गंगे त्वयि यो भक्त: किल तं द्रष्टुं न यम: शक्त: ।।4।। पतितोद्धारिणि जाह्रवि गंगे खण्डितगिरिवरमण्डितभंगे ।भीष्मजननि हेमुनिवरकन्ये पतितनिवारिणि त्रिभुवनधन्ये ।।5।। कल्पलतामिव फलदां लोके प्रणमति यस्त्वां न पतति शोके ।पारावारविहारिणि गंगे विमुखयुवतिकृततरलापांगे ।।6।। तव चेन्मात: स्रोत: स्नात: पुनरपि जठरे सोsपि न जात: ।नरकनिवारिणि जाह्रवि गंगे कलुषविनाशिनि महिमोत्तुंगे ।।7।। पुनरसदड़्गे पुण्यतरंगे जय जय जाह्रवि करूणापाड़्गे ।इन्द्रमुकुट मणिराजितचरणे सुखदे शुभदे भृत्यशरण्ये ।।8।। रोगं शोकं तापं पापं हर मे भगवति कुमतिकलापम ।त्रिभुवनसारे वसुधाहारे त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे ।।9।।अलकानन्दे परमानन्दे कुरु करुणामयि कातरवन्द्ये ।तव तटनिकटे यस्य निवास: खलु वैकुण्ठे तस्य निवास: ।।10।। वरमिह: नीरे कमठो मीन: कि वा तीरे शरट: क्षीण: ।अथवा श्वपचो मलिनो दीनस्तव न हि दूरे नृपतिकुलीन: ।।11।। भो भुवनेश्वरि पुण्ये धन्ये देवि द्रवमयि मुनिवरकन्ये ।गंगास्तवमिमममलं नित्यं पठति नरो य: सजयति सत्यम ।।12।। येषां ह्रदये गंगाभक्तिस्तेषां भवति सदा सुख मुक्ति: ।मधुराकान्तापंझटिकाभि: परमानन्द कलितललिताभि: गंगास्तोत्रमिदं भवसारं वांछितफलदं विमलं सारम ।शंकरसेवकशंकरचितं पठति सुखी स्तव इति च समाप्त: ।।You can download Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#गग #मय #क #आरत #Ganga #Maiya #Aarti #PDF #HindiThe post गंगा मैया की आरती | Ganga Maiya Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDF in Marathi
दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDF Detailsदुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari AartiPDF Nameदुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDFNo. of Pages1PDF Size0.22 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityAvailable atplanetread.orgDownload LinkAvailable Downloads26
दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti Marathi PDF SummaryFriends, today we are going to upload the Durge Durgat Bhari Aarti PDF / दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF to help you. Navratri festival is celebrated from Ashwin Shukla Pratipada to Navami. Worship of the Goddess, fasting, pooja, worship, salutation, chanting, home-havan is done all over the country according to our own methods, clans, customs, and traditions. Aarti of Goddess Durga should be sung regularly with full devotion to get the power of Mata Durga. Maa Durga will help you to win every battle of life and give victory in all your endeavors. Below we have given the download link for दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF / Durge Durgat Bhari Aarti Lyrics PDF in Hindiमां दुर्गा की शक्ति प्राप्त करने के लिए पूरी श्रद्धा के साथ नियमित रूप से मां दुर्गा की आरती करनी चाहिए। मां दुर्गा आपको जीवन की हर लड़ाई जीतने में मदद करेंगी और आपके सभी प्रयासों में जीत दिलाएंगी|दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF | Durge Durgat Bhari Aarti PDF in Marathiदुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी ।अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी ॥वारी वारीं जन्ममरणाते वारी ।हारी पडलो आता संकट नीवारी ॥ १ ॥जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी ।सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी ॥ धृ. ॥त्रिभुवनी भुवनी पाहतां तुज ऎसे नाही ।चारी श्रमले परंतु न बोलावे काहीं ॥साही विवाद करितां पडिले प्रवाही ।ते तूं भक्तालागी पावसि लवलाही ॥ २ ॥प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासां ।क्लेशापासूनि सोडी तोडी भवपाशा ॥अंबे तुजवांचून कोण पुरविल आशा ।नरहरि तल्लिन झाला पदपंकजलेशा ॥ ३ ॥Durge Durgat Bhari Aarti Lyrics PDF in HindiHere you can download the Durge Durgat Bhari Aarti PDF / दुर्गे दुर्घट भारी आरती PDF by click on the link given below.#दरग #दरघट #भर #आरत #Durge #Durgat #Bhari #Aarti #PDF #MarathiThe post दुर्गे दुर्घट भारी आरती | Durge Durgat Bhari Aarti PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF in Hindi
श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF Detailsश्री दुर्गा आरती | Durga AartiPDF Nameश्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDFNo. of Pages3PDF Size0.42 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti Hindi PDF SummaryFriends, here we have uploaded the Durga Aarti PDF in Hindi / श्री दुर्गा आरती PDF for our devotees. Mother’s grace always remains on the person who duly worships Maa Durga on the holy festival of Navratri. Being pleased with her devotees, the mother takes away all their sorrows. Different forms of the mother are worshiped on every day of Navratri. It is very important to sing Durga Maa Aarti during the puja. In this article, we have also given a download link for Durga Ji Ki Aarti PDF / दुर्गा जी की आरती PDFLight a lamp of camphor or cow’s ghee in the plate of worship while performing the aarti of Durga Maa. Do play it even while performing the aarti of the mother. Sing the aarti Along with the aarti, you must blow conch shell and bell. If Shanghnaad and bells are played during the aarti, their sound destroys the negative energy inside the house.श्री दुर्गा आरती PDF | Durga Ji Ki Aarti PDFॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, निर्मल से दोउ नैना, चन्द्रबदन नीको ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कनक समान कलेवर,,रक्ताम्बर राजै ।
रक्त पुष्प गलमाला, लाल कुसुम गलमाला, कण्ठन पर साजै ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्परधारी ।
सुर नर मुनिजन सेवत, सुर नर मुनिजन ध्यावत, तिनके दुखहारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, मधुर विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।चण्ड मुण्ड संघारे, शोणित बीज हरे ।
मधुकैटभ दोउ मारे, मधुकैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, चारों वेद बखानी, तुम शिव पटरानी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरू ।
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा, अरु बाजत डमरू ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता ।
भक्तन की दुख हरता, संतन की दुख हरता, सुख-सम्पत्ति करता ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी ।
मनवांछित फल पावत, मनइच्छा फल पावत, सेवत नर नारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत, धोळा गिरी पर राजत, कोटि रतन ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।श्री अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गावै, मैया प्रेम सहित गावें ।
कहत शिवानन्द स्वामी, रटत हरिहर स्वामी, मनवांछित फल पावै ।।ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत , मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।दुर्गा जी की आरती PDF | Durga Ji Ki Aarti PDFनीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Durga Aarti PDF in Hindi / श्री दुर्गा आरती PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#शर #दरग #आरत #Durga #Aarti #PDF #HindiThe post श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi
ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF Detailsओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri AartiPDF Nameओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDFNo. of Pages6PDF Size0.43 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF नियमित रूप से ओम जय अम्बे गौरी आरती का जप करना माँ अम्बे को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है। अम्बे माता आद्य शक्ति है जो सर्वोच्च शक्ति है। वह माँ दुर्गा की अभिव्यक्ति है और देवी पार्वती का दूसरा नाम है। ‘ओम जय अम्बे गौरी’ एक हिंदू भजन (आरती) है जो भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती देवी को समर्पित है। यहाँ से आप बड़ी आसानी से Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF / ओम जय अम्बे गौरी आरती हिंदी PDF डाउनलोड कर सकते हैं।सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह स्नान करने के बाद और देवी अम्बे की मूर्ति या तस्वीर के सामने अम्बे आरती गाना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले अम्बे आरती का मतलब हिंदी में समझना चाहिए।ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindiजय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी….. जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।
जय अम्बे गौरी,…।
मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।
जय अम्बे गौरी,…।कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।
जय अम्बे गौरी,…।केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी। सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।
जय अम्बे गौरी,…।कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।
जय अम्बे गौरी,…।शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।
जय अम्बे गौरी,…।चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे। मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
जय अम्बे गौरी,…।ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी। आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।
जय अम्बे गौरी,…।चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू। बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
जय अम्बे गौरी,…।तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
जय अम्बे गौरी,…।भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
जय अम्बे गौरी,…।श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।
जय अम्बे गौरी,…।अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै। कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।
जय अम्बे गौरी,…।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi / ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF हिंदी भाषा में डाउनलोड कर सकते हैं।#ओम #जय #अमब #गर #आरत #Jai #Ambe #Gauri #Aarti #PDF #HindiThe post ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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