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कांजी मत विवेचन | Kanji Mat Vivechan
Title कांजी मत विवेचन | Kanji Mat Vivechan Author चांदमल चुडीवाल – Chandmal Chudeeval Keywords साहित्य / Literature #कज #मत #ववचन #Kanji #Mat #Vivechan ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post कांजी मत विवेचन | Kanji Mat Vivechan appeared first on eBookmela. upload by free hindi books

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शैव मत | Shaiv Mat
Title शैव मत | Shaiv Mat Author अज्ञात – Unknown Keywords पौराणिक / Mythological, हिंदू – Hinduism #शव #मत #Shaiv #Mat ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post शैव मत | Shaiv Mat appeared first on eBookmela. upload by free hindi books

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सत्संग के बिखरे मोती | Satsang ke Bikhre Moti
Title सत्संग के बिखरे मोती | Satsang ke Bikhre Moti Author हनुमान प्रसाद पोद्दार – Hanuman Prasad Poddar Keywords इतिहास / History, धार्मिक / Religious #सतसग #क #बखर #मत #Satsang #Bikhre #Moti ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post सत्संग के बिखरे मोती | Satsang ke Bikhre Moti appeared first on eBookmela. upload by free hindi books

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गुरु और माता पिता भक्त बालक | Guru And Mata Pita Bakht Balk | हनुमान प्रसाद पोद्दार – Hanuman Prasad Poddar
Title गुरु और माता पिता भक्त बालक | Guru And Mata Pita Bakht Balk Author हनुमान प्रसाद पोद्दार – Hanuman Prasad Poddar Keywords धार्मिक / Religious, साहित्य / Literature #गर #और #मत #पत #भकत #बलक #Guru #Mata #Pita #Bakht #Balk ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post गुरु और माता पिता भक्त बालक | Guru And Mata Pita Bakht Balk
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गौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi
गौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF Detailsगौ माता की आरती | Gau Mata Ki AartiPDF Nameगौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.49 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
गौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से गौ माता की आरती / Gau Mata Ki Aarti PDF प्राप्त कर सकते हैं। श्री गौ माता का पूजन करने से गौ माता का आशीर्वाद तो मिलता ही है साथ ही साथ भगवान् श्री कृष्ण की कृपा भी प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म में गौ माता को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। यह आरती गौ माता की बहुत मधुर आरती है।माना जाता है कि गौ माता के शरीर में तैंतीस कोटि देवता निवास करते हैं। गौ माता के आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। यदि आप भी गोपाष्टमी के दिन गौ माता की पूजा करना चाहते हैं, तो पूजन के अंत में श्री गौ माता जी की आरती अवश्य करें।गौ माता की आरती लिरिक्स | Gau Mata Ki Aarti in Hindi Lyricsॐ जय जय गौमाता,मैया जय जय गौमाता जो कोई तुमको ध्याता,त्रिभुवन सुख पातासुख समृद्धि प्रदायनी,गौ की कृपा मिले जो करे गौ की सेवा,पल में विपत्ति टलेआयु ओज विकासिनी,जन जन की माई शत्रु मित्र सुत जाने,सब की सुख दाईसुर सौभाग्य विधायिनी,अमृती दुग्ध दियो अखिल विश्व नर नारी,शिव अभिषेक कियोममतामयी मन भाविनी,तुम ही जग माता जग की पालनहारी,कामधेनु मातासंकट रोग विनाशिनी,सुर महिमा गाईगौ शाला की सेवा,संतन मन भाईगौ मां की रक्षा हित,हरी अवतार लियो गौ पालक गौपाला,शुभ संदेश दियोश्री गौमाता की आरती,जो कोई सुत गावे पदम् कहत वे तरणी,भव से तर जावेगोपाष्टमी पूजन मंत्र | Gau Mata Puja Mantraलक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।घृतं वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।घृतक्षीरप्रदा गावो घृतयोन्यो घृतोद्भवाः।घृतनद्यो घृतावर्तास्ता मे सन्तु सदा गृहे॥घृतं मे हृदये नित्यं घृतं नाभ्यां प्रतिष्ठितम्।घृतं सर्वेषु गात्रेषु घृतं मे मनसि स्थितम्॥गावो ममाग्रतो नित्यं गावः पृष्ठत एव च।गावो मे सर्वतश्चैव गवां मध्ये वसाम्यहम्॥सुरूपा बहुरूपाश्च विश्वरूपाश्च मातरः।गावो मामुपतिष्ठन्तामिति नित्यं प्रकीर्तयेत्॥यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजङ्गमम्।तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम्॥सर्वकामदुधे देवि सर्वतीर्थीभिषेचिनि।पावने सुरभि श्रेष्ठे देवि तुभ्यं नमोस्तुते ॥You may also like :गोपाष्टमी व्रत कथा | Gopashtami Ki Katha PDF in Hindiगोवत्स द्वादशी की कहानी | Govatsa Dwadashi Ki Kahani PDF in HindiYou can download Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#ग #मत #क #आरत #Gau #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post गौ माता की आरती | Gau Mata Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF in Hindi
सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----maa-siddhidatri-ki-katha-619.jpg">सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha</a>PDF Name<b>सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.44 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं सिद्धिदात्री माता की कथा PDF / Maa Siddhidatri Katha PDF सिद्धिदात्री माता की पूजा नवरात्रि के अंतिम दिन नवमी पर की जाती है। नवरात्रि नवमी के दिन माँ सिद्धिदात्री के लिए व्रत भी किया जाता है। यह दिन उन साधकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो किसी भी प्रकार की सिद्धि अथवा साधना करना चाहते हैं। जैसा कि माँ सिद्धिदात्री का नाम है, वह विभिन्न प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं।हमने इस लेख के अंत में माता सिद्धिदात्री की व्रत कथा का वर्णन किया है तथा उसको पीडीऍफ़ फाइल के रूप में भी दिया गया है। यदि आप नवमी के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा करना चाहते हैं, तो इस व्रत कथा को अवश्य पढ़ें तथा माता को प्रसन्न करें। माता सिद्धिदात्री के पूजन के साथ ही नवरात्रि महोत्सव का समापन हो जाता है।माँ सिद्धिदात्री की कथा PDF / Siddhidatri Mata Katha PDFएक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था। साथ ही मां सिद्धिदात्री की कृपा ने भगवान शिव का आधा शरीर देवी हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाए। मां दुर्गा का यह अत्यंत शक्तिशाली स्वरूप है। शास्त्रों के अनुसार, देवी दुर्गा का यह स्वरूप सभी देवी-देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है। कहते हैं कि दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवतागणम भगवान शिव और प्रभु विष्णु के पास गुहार लगाने गए थे। तब वहां मौजूद सभी देवतागण से एक तेज उत्पन्न हुआ। उस तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ। जिन्हें मां सिद्धिदात्री के नाम से जाते हैं।पौराणिक मान्यता के अनुसार मां सिद्धिदात्री के पास अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व सिद्धियां हैं। माता रानी अपने भक्तों को सभी आठों सिद्धियों से पूर्ण करती हैं। मां सिद्धिदात्री को जामुनी या बैंगनी रंग अतिप्रिय है। ऐसे में भक्त को नवमी के दिन इसी रंग के वस्त्र धारण कर मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से माता की हमेशा कृपा बनी रहती हैं।आठ सिद्धियों के नामअणिमामहिमागरिमालघिमाप्राप्तिप्राकाम्यईशित्ववशित्वमाँ सिद्धिदात्री का श्लोकया देवी सर्वभू‍तेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।माँ सिद्धिदात्री आरती PDF / Maa Siddhidatri Ki Aarti PDF in Hindiजय सिद्धिदात्री मां तू सिद्धि की दाता।तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता।तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।।कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है।।रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।तू सब काज उसके करती है पूरे।कभी काम उसके रहे ना अधूरे।।तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली।।हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।।<strong>You can download सिद्धिदात्री माता की कथा PDF / Maa Siddhidatri Katha PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#सदधदतर #मत #क #कथ #Maa #Siddhidatri #Katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be-maa-s">सिद्धिदात्री माता की कथा | Maa Siddhidatri Ki Katha PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www.ebookmela.co.in">eBookmela</a>. upload by <a href="https://www.ebookmela.co.in/author/
कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi PDF in Hindi
कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/maa-katyayani-vrat-katha-pooja-vidhi-724.jpg">कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi</a>PDF Name<b>कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>3</b>PDF Size<b>0.34 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi Hindi PDF SummaryIn this article, we are going to share Maa Katyayani Devi Vrat Katha PDF in Hindi / कात्यायनी माता कथा PDF to help you. The story of Mata Katyayani is done on the sixth day of Navratri. According to mythology, there was a Maharishi Katyayana who had no daughter. One day he did severe penance with the desire to have Bhagwati Jagadamba as his daughter. Mother Jagadamba was pleased with her severe penance and she was born as Mata Katyayani to Maharishi Katyayan and became famous as Maa Katyayani. Below we have provided the download link for कात्यायनी देवी पूजा विधि PDF / Katyayani Devi Pooja Vidhi PDF in Hindi.Maa Katyayani, who was born as a daughter to Maharishi Katyayan, was a very virtuous girl. There was no virtuous, beautiful and knowledgeable girl like him in the whole world.कात्यायनी माता कथा PDF | Maa Katyayani Devi Vrat Katha PDF in Hindiपौराणि कथा के अनुसार महार्षि कात्यायन ने मां आदिशक्ति की घोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां ने उन्हें उनके यहां पुत्री रूप में जन्म लेने का वरदान दिया था। मां का जन्म महार्षि कात्यान के आश्राम में ही हुआ था। मां का लालन पोषण कात्यायन ऋषि ने ही किया था। पुराणों के अनुसार जिस समय महिषासुर नाम के राक्षस का अत्याचार बहुत अधिक बढ़ गया था। उस समय त्रिदेवों के तेज से मां की उत्पत्ति हुई थी। मां ने ऋषि कात्यायन के यहां अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन जन्म लिया था। इसके बाद ऋषि कात्यायन ने उनका तीन दिनों तक पूजन किया था।मां ने दशमी तिथि के दिन महिषासुर का अंत किया थाइसके बाद शुम्भ और निशुम्भ ने भी स्वर्गलोक पर आक्रमण करके इंद्र का सिंहासन छिन लिया था और नवग्रहों को बंधक बना लिया था। अग्नि और वायु का बल पूरी तरह उन्होंने छीन लिया था। उन दोनों ने देवताओं का अपमान करके उन्हें स्वर्ग से निकल दिया था। इसके बाद सभी देवताओं ने मां की स्तुति की इसके बाद मां ने शुंभ और निशुंभ का भी वध करके देवताओं को इस संकट से मुक्ति दिलाई थी। क्योंकि मां ने देवताओं को वरदान दिया था कि वह संकट के समय में उनकी रक्षा अवश्य करेंगी।कात्यायनी देवी पूजा विधि PDF | Katyayani Devi Pooja Vidhi PDF in Hindiमां कात्यायनी की पूजा करने से पहले साधक को शुद्ध होने की आवश्यकता है। साधक को पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।इसके बाद पहले कलश की स्थापना करके सभी देवताओं की पूजा करनी चाहिए। उसके बाद ही मां कात्यायनी की पूजा आरंभ करनी चाहिए।पूजा शुरु करने से पहले हाथ में फूल लेकर या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ मंत्र का जाप करते हुए फूल को मां के चरणों में चढ़ा देना चाहिए।इसके बाद मां को लाल वस्त्र,3 हल्दी की गांठ,पीले फूल, फल, नैवेध आदि चढाएं और मां कि विधिवत पूजा करें। उनकी कथा अवश्य सुने।अंत में मां की आरती उतारें और इसके बाद मां को शहद से बने प्रसाद का भोग लगाएं। क्योंकि मां को शहद अत्याधिक प्रिय है । भोग लगाने के बाद प्रसाद का वितरण करें।<strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Maa Katyayani Devi Vrat Katha PDF in Hindi / कात्यायनी माता कथा PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।</strong>#कतययन #मत #कथ #Maa #Katyayani #Vrat #Katha #Pooja #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be-maa-katyayani-vrat-katha-pooja-vidhi-pdf-in-hindi">कात्यायनी माता कथा | Maa Katyayani Vrat Katha & Pooja Vidhi PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://www.ebookmela.co.in">eBookmela</a>. upload by <a …
रेणुका माता आरती | Renuka Mata Aarti PDF in Marathi
रेणुका माता आरती | Renuka Mata Aarti PDF Detailsरेणुका माता आरती | Renuka Mata AartiPDF Nameरेणुका माता आरती | Renuka Mata Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.71 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
रेणुका माता आरती | Renuka Mata Aarti Marathi PDF Summaryअश्विन शुक्ल प्रतिपदा ते नवमी पर्यंत नवरात्रोत्सव साजरा केला जातो। देवीची उपासना, उपवास, पूजा, उपासना, नमस्कार, जप, होम-हवन देशभर आपल्या स्वतःच्या पद्धती, कुळ, रीतिरिवाज आणि परंपरेनुसार केले जाते। रेणुकामातेचा उल्लेख महाभारत, हरिवंश आणि भागवत पुराणात आढळतो। रेणु राजाने शांती आणि उत्तम आरोग्यासाठी यज्ञ केला। यज्ञाच्या अग्नीतून रेणुका देवीचा जन्म झाला।रेणुका लहानपणापासूनच अत्यंत तेजस्वी, चपळ आणि लाघवी होती. वयाच्या आठव्या वर्षी अगस्ती ऋषींनी रेणु राजाला रेणुकेचा विवाह जमदग्नींबरोबर करण्याचे सुचवले। जमदग्नी हे रुचिक मुनी आणि सत्यवती यांचे पुत्र होते; खडतर तप करून त्यांनी देवांचे आशीर्वाद संपादन केले होते। लग्न झाल्यावर रेणुका आणि जमदग्नी मुनी सध्याच्या बेळगाव जिल्ह्याच्या सौंदत्ती भागात असलेल्या रामशृंग पर्वतराजीमध्ये राहत होते। रेणुका जमदग्नी मुनींना पूजाअर्चेत मदत करत असे। रेणुका मातेची आरती जय जय जगदंबे / Renuka Mata Aarti Lyrics in Marathiजय जय जगदंबे | श्री अंबे | रेणुके कल्पकदंबे | जय जय || धृ ||अनुपम स्वरुपाची तुझी धाटी | अन्य नसे या सृष्टी |तुज सम रूप दुसरे, परमेष्टी | करिता झाला कष्टी |शशीरस रसरसला ,वदनपुटी | दिव्य सुलोचन दृष्टी |सुवर्ण रत्नांच्या, शिरी मुकुटी | लोपती रविशशी कोटी |गजमुखी तुज स्तविले हेरंबे | मंगल सकळारंभे || जय जय || १ ||कुमकुम चिरी शोभे मळवटी | कस्तुरी टिळक लल्लाटी |नासिक अति सरळ, हनुवटी | रुचिरामृत रस ओठी |समान जणू लवल्या, धनुकोटी | आकर्ण लोचन भ्रुकुटी |शिरी नीट भांगवळी, उफराटी | कर्नाटकची घाटी |भुजंग नीळरंगा, परी शोभे | वेणी पाठीवर लोंबे || जय जय || २ ||कंकणे कनकाची मनगटी | दिव्य मुद्या दश बोटी |बाजूबंद जडे बाहुबटी | चर्चुनी केशर उटी | सुगंधी पुष्पांचे हार कंठी |बहु मोत्यांची दाटी | अंगी नवी चोळी, जरीकाठी | पीत पितांबर तगटी |पैंजण पदकमळी, अति शोभे | भ्रमर धावती लोभे || जय जय ||३ ||साक्षप तू क्षितिच्या तळवटी | तूचि स्वये जगजेठी |ओवाळीत आरती, दिपताटी | घेऊनी कर संपुष्टी |करुणामृत हृदये, संकटी | धावसी भक्तांसाठी |विष्णूदास सदा, बहुकष्टी | देशील जरी नीजभेटी |तरी मग काय उणे, या लाभे | धाव पाव अविलंबे || जय जय || ४ ||Benefits of Reciting Renuka Mata AartiThis Aarti brings health, wealth and prosperity.You can gain confidence by reciting this Aarti.Goddess saves you from enemies if you recite it regularly.You can seek the special blessings of Goddess Renuka by this Aarti.There are uncountable spiritual benefits of worshipping Goddess Renuka.You can download Renuka Mata Aarti in Marathi PDF by clicking on the following download button.#रणक #मत #आरत #Renuka #Mata #Aarti #PDF #MarathiThe post रेणुका माता आरती | Renuka Mata Aarti PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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चंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF in Hindi
चंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF Detailsचंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki AartiPDF Nameचंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.71 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
चंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti Hindi PDF Summaryनवरात्री के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। माँ चंद्रघंटा का यह स्वरूप परम सौम्य व शांतिदायक है। चंद्रघंटा देवी के मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। देवी ग्रंथों में इन्हें स्वर्ण वर्ण कहा गया है। इनके दस हाथ होते हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। सिंह माता चंद्रघंटा का वाहन है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है।देवी चंद्रघंटा के दिन लोग इनका व्रत करते हैं तथा पूजन करते हैं। देवी के पूजन के अंत में आरती अवश्य करनी चाहिए। देवी चंद्रघंटा की आरती बहुत ही मधुर एवं प्रचलित है। प्रचलित होने के कारण यह आरती नवरात्री के तीसरे दिन प्रत्येक घर में गयी जाती है। देवी चंद्रघंटा के पूजन व उपवास के व्यक्ति के सौंदर्य में वृद्धि होती है। मां चंद्रघंटा की आरती / Maa Chandraghanta Aarti Lyricsजय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम।पूर्ण कीजो मेरे काम॥चन्द्र समाज तू शीतल दाती।चन्द्र तेज किरणों में समाती॥मन की मालक मन भाती हो।चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो॥सुन्दर भाव को लाने वाली।हर संकट में बचाने वाली॥हर बुधवार को तुझे ध्याये।श्रद्दा सहित तो विनय सुनाए॥मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।सन्मुख घी की ज्योत जलाएं॥शीश झुका कहे मन की बाता।पूर्ण आस करो जगत दाता॥कांचीपुर स्थान तुम्हारा।कर्नाटिका में मान तुम्हारा॥नाम तेरा रटू महारानी।भक्त की रक्षा करो भवानी॥ माँ चंद्रघंटा बीज मंत्र / Maa Chandraghanta Beej Mantraया देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।चंद्रघंटा माता का श्लोक / Maa Chandraghanta Shlokaपिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता |प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ||माँ चंद्रघंटा पूजा विधि / Chandraghanta Mata Puja Vidhiसर्वप्रथम प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करने के पश्चात पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें।अब मां चंद्रघंटा माता का ध्यान करें और उनके समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।अब माता रानी को अक्षत, सिंदूर, पुष्प आदि चीजें अर्पित करें।इसके बाद मां को प्रसाद के रूप में फल और मिष्ठान अर्पित करें।अब मां चंद्रघंटा की आरती करें।अंत में देवी माँ से आशीर्वाद ग्रहण करें।You can download Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#चदरघट #मत #क #आरत #Chandraghanta #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post चंद्रघंटा माता की आरती | Chandraghanta Mata Ki Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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संतोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti PDF in Hindi
संतोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti PDF Detailsसंतोषी माता आरती | Santoshi Mata AartiPDF Nameसंतोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti PDFNo. of Pages6PDF Size0.71 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
संतोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं संतोषी माता आरती PDF / Santoshi Mata Aarti PDF in Hindi सनातन धर्म में अनेक देवी – देवताओं का वर्णन आता है किन्तु हमारे हिन्दू धर्म में ऐसे भी देवी – देवता प्रचलित हैं जिनका उल्लेख वैदिक धर्म ग्रंथो में नहीं आता है। संतोषी माता जी भी उन्ही देवी में से एक हैं। जिनकी स्थानीय लोगो में अत्यधिक मान्यता है। संतोषी माता जी की कृपा प्राप्त करने एवं उन्हें प्रसन्न करने हेतु उनके भक्त अनेक प्रकार के उपाय करते हैं। जिनमे से संतोषी आरती का भी अपना ही एक विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि संतोषी माता आरती का पाठ करने से भक्तों के अनेक प्रकार के कष्ट तत्काल ही दूर हो जाते है।संतोषी माता की चालीसा और आरती एवं व्रत का नियमत रूप से पालन करने से भी मनुष्य के जीवन के सारे दुःख दूर होते हैं एवं घर में प्रसन्नता, शांति एवं सौहार्द का वातावरण बना रहता है। यहाँ हमने आपके लिए श्री संतोषी माता आरती भी उपलब्ध की है जिसे आप नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करके निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं। श्री संतोषी माता आरती हिंदी पीडीऍफ़ डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।संतोषी माता आरती PDF | Santoshi Mata Aarti Lyrics PDF in Hindi ॥ आरती श्री सन्तोषी माँ ॥जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता।अपने सेवक जन को,सुख सम्पत्ति दाता॥जय सन्तोषी माता॥सुन्दर चीर सुनहरीमाँ धारण कीन्हों।हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार कीन्हों॥जय सन्तोषी माता॥गेरू लाल छटा छवि,बदन कमल सोहे।मन्द हंसत करुणामयी,त्रिभुवन मन मोहे॥जय सन्तोषी माता॥स्वर्ण सिंहासन बैठी,चंवर ढुरें प्यारे।धूप दीप मधुमेवा,भोग धरें न्यारे॥जय सन्तोषी माता॥गुड़ अरु चना परमप्रिय,तामे संतोष कियो।सन्तोषी कहलाई,भक्तन वैभव दियो॥जय सन्तोषी माता॥शुक्रवार प्रिय मानत,आज दिवस सोही।भक्त मण्डली छाई,कथा सुनत मोही॥जय सन्तोषी माता॥मन्दिर जगमग ज्योति,मंगल ध्वनि छाई।विनय करें हम बालक,चरनन सिर नाई॥जय सन्तोषी माता॥भक्ति भावमय पूजा,अंगीकृत कीजै।जो मन बसै हमारे,इच्छा फल दीजै॥जय सन्तोषी माता॥दुखी दरिद्री, रोग,संकट मुक्त किये।बहु धन-धान्य भरे घर,सुख सौभाग्य दिये॥जय सन्तोषी माता॥ध्यान धर्यो जिस जन ने,मनवांछित फल पायो।पूजा कथा श्रवण कर,घर आनन्द आयो॥जय सन्तोषी माता॥शरण गहे की लज्जा,राखियो जगदम्बे।संकट तू ही निवारे,दयामयी अम्बे॥जय सन्तोषी माता॥सन्तोषी माता की आरती,जो कोई जन गावे।ऋद्धि-सिद्धि, सुख-सम्पत्ति,जी भरकर पावे॥जय सन्तोषी माता॥श्री संतोषी माता आरती PDF / Santoshi Mata Aarti Hindi PDF डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।#सतष #मत #आरत #Santoshi #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post संतोषी माता आरती | Santoshi Mata Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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ब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti PDF in Hindi
ब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----maa-brahmacharini-mata-aarti--490.jpg">ब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti</a>PDF Name<b>ब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.39 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
ब्रह्मचारिणी माता की आरती | Maa Brahmacharini Mata Aarti Hindi PDF Summaryनवरात्रि महोत्सव के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माँ की पूजा-अर्चना की जाती है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। ब्रह्मचारिणी माता का स्वभाव बहुत ही समय है तथा वह तप की मुद्रा में रहती हैं।ब्रह्मचारिणी देवी का पूजन करने के पश्चात् उनकी आरती करना भी बहुत ही आवश्यक है। नवरात्रि के समय पूजन करते समय देवी ब्रह्मचारिणी पूजन का विशेष महत्व हैं। जो व्यक्ति साधना के मार्ग पर चलना चाहते हैं, उन्हें देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा अवश्य करनी चाहिए तथा माता की कृपा प्राप्त करते हुए साधना करनी चाहिए। माँ ब्रह्मचारिणी की आरती लिरिक्स / Maa Brahmacharini Aarti in Hindi Lyricsजय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता।जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥ब्रह्मा जी के मन भाती हो।ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा।जिसको जपे सरल संसारा॥जय गायत्री वेद की माता।जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥कमी कोई रहने ना पाए।कोई भी दुख सहने न पाए॥उसकी विरति रहे ठिकाने।जो तेरी महिमा को जाने॥रद्रक्षा की माला ले कर।जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर॥आलस छोड़ करे गुणगाना।माँ तुम उसको सुख पहुँचाना॥ब्रह्मचारिणी तेरो नाम।पूर्ण करो सब मेरे काम॥भक्त तेरे चरणों का पुजारी।रखना लाज मेरी महतारी॥माँ ब्रह्मचारिणी बीज मंत्रॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥Om Devi Brahmacharinyai Namah॥माँ ब्रह्मचारिणी वैदिक मंत्रदधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥माँ ब्रह्मचारिणी स्तुतिया देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥<strong>You may also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/durga-saptashati-kavach-hindi/">दुर्गा सप्तशती कवच हिंदी में | Durga Saptashati Kavach PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/jai-ambe-gauri-aarti/">जय अम्बे गौरी आरती | Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/kalash-sthapana-vidhi-hindi/">कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-vidhi-hindi/">नवरात्री पूजा विधि | Navratri Durga Puja Vidhi PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/maa-shailputri-aarti-pdf/">शैलपुत्री माता की आरती | Maa Shailputri Aarti PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/maa-shailputri-vrat-katha-hindi/">माता शैलपुत्री की कथा | Shailputri Mata Ki Vrat Katha PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-vidhi/">नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि PDF</a><a href="https://pdffile.co.in/shri-durga-chalisa-hindi/">श्री दुर्गा चालीसा | Shri Durga Chalisa PDF in Hindi</a><a href="https://pdffile.co.in/108-names-of-maa-durga-hindi/">माँ दुर्गा के 108 नाम | 108 Names of Maa Durga PDF in Hindi</a><strong>You can download Maa Brahmacharini Aarti PDF by clicking on the following download button.</strong>#बरहमचरण #मत #क #आरत #Maa #Brahmacharini #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%ac%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%a3%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%b0%e0%a4%a4">ब्रह्मचारिणी…
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF in Hindi
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF Detailsशैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata AartiPDF Nameशैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.72 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं शैलपुत्री माता की आरती PDF / Shailputri Mata Aarti PDF नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा आराधना की जाती है। इनके पिता का नाम पर्वतराज हिमालय है। पर्वतराज हिमलाय जी की पुत्री होने के कारण ही इन्हें शैलपुत्री माता कहा जाता है। देवी शैलपुत्री का वाहन वृषभ अथवा बैल है। माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएँ हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इस पोस्ट में दिए गए लिंक के द्वारा आप शैलपुत्री माता आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDF डाउनलोड कर सकते हैं।शैलपुत्री माता ने अपने पूर्व जन्म में प्रजापति दक्ष की कन्या के जन्म लिया था, तब इनका एक नाम ‘सती’ भी था। इनका विवाह भगवान भोलेनाथ शंकर जी से हुआ था। देवी शैलपुत्री के पूजन से नवदुर्गा महोत्सव का आरम्भ होता है। अतः इनकी पूजा विधि – विधान से करनी चाहिए।शैलपुत्री माता की आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDFशैलपुत्री माँ बैल असवार।करें देवता जय जय कार॥शिव-शंकर की प्रिय भवानी।तेरी महिमा किसी ने न जानी॥पार्वती तू उमा कहलावें।जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।दया करें धनवान करें तू॥सोमवार को शिव संग प्यारी।आरती जिसने तेरी उतारी॥उसकी सगरी आस पुजा दो।सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥घी का सुन्दर दीप जला के।गोला गरी का भोग लगा के॥श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें।प्रेम सहित फिर शीश झुकायें॥जय गिरराज किशोरी अम्बे।शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥मनोकामना पूर्ण कर दो।चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥शैलपुत्री माता की आरती कैसे करें?सर्वप्रथम नवदुर्गा पूजन हेतु घटस्थापना करें।अब देवी माँ का आवाहन करें।देवी माँ को पुष्प, चन्दन, अक्षत आदि अर्पित करें।तत्पश्चात देवी शैलपुत्री माँ की कथा पढ़ें।अब देवी शैलपुत्री की आरती करें।अंत में सपरिवार देवी माँ का आशीर्वाद ग्रहण करें।You may also like :कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindiनवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in HindiYou can download शैलपुत्री माता की आरती PDF / Shailputri Mata Aarti PDF by clicking on the following download button.#शलपतर #मत #क #आरत #Shailputri #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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