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अहोई अष्टमी व्रत कथा मराठी | Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Marathi
अहोई अष्टमी व्रत कथा मराठी | Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF Detailsअहोई अष्टमी व्रत कथा मराठी | Ahoi Ashtami Vrat KathaPDF Nameअहोई अष्टमी व्रत कथा मराठी | Ahoi Ashtami Vrat Katha PDFNo. of Pages2PDF Size0.58 MBLanguageMarathiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
अहोई अष्टमी व्रत कथा मराठी | Ahoi Ashtami Vrat Katha Marathi PDF Summaryनमस्कार मित्रांनो, या लेखाद्वारे आम्ही तुमच्यासाठी अहोई अष्टमी व्रत कथा मराठी PDF / Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Marathi डाउनलोड लिंक देत आहोत. अहोई अष्टमीच्या दिवशी माता आपल्या मुलाच्या कल्याणासाठी पहाटेपासून ते संध्याकाळपर्यंत उपवास करतात. सायंकाळच्या वेळी आकाशातील तारे पाहून उपवास मोडला जातो. काही स्त्रिया चंद्राचे दर्शन घेतल्यानंतर उपवास सोडतात परंतु अहोई अष्टमीला चंद्रोदय रात्री उशिरा असल्याने त्याचे पालन करणे कठीण असते.अहोई अष्टमीचा उपवास करवा चौथच्या चार दिवसांनी आणि दिवाळी पूजेच्या आठ दिवस आधी येतो. करवा चौथप्रमाणे उत्तर भारतात अहोई अष्टमी अधिक प्रसिद्ध आहे. अहोई अष्टमीचा दिवस अहोई आथेन म्हणूनही ओळखला जातो कारण हा उपवास अष्टमी तिथीच्या वेळी पाळला जातो, जो महिन्याच्या आठव्या दिवशी असतो. करवा चौथ प्रमाणे, अहोई अष्टमी हा देखील कडक उपवासाचा दिवस आहे आणि अनेक स्त्रिया दिवसभर पाणी देखील घेत नाहीत. आकाशातील तारे पाहूनच उपवास मोडतो.अहोई अष्टमी व्रत कथा मराठी PDF | Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Marathiएकेकाळी एका गावात एक सावकार राहत होता. त्याचे पूर्ण कुटुंब होते. त्यांना 7 मुलगे, एक मुलगी आणि 7 सून होत्या. दीपावलीच्या काही दिवस अगोदर तिची मुलगी तिच्या वहिनींसोबत घर रंगविण्यासाठी जंगलातून स्वच्छ माती आणण्यासाठी गेली होती. जंगलातील माती काढत असताना शाईच्या चिमुकल्याचा खपल्यातून मृत्यू झाला. या घटनेने दु:खी झालेल्या स्याहूच्या आईने सावकाराच्या मुलीला कधीही आई न होण्याचा शाप दिला. त्या शापाच्या प्रभावामुळे सावकाराच्या मुलीच्या गर्भाला बंध पडला.सावकाराची मुलगी शापाने दु:खी झाली. त्यांनी वहिनींना सांगितले की त्यांच्यापैकी कोणीही आपल्या गर्भाला बांधावे. वहिनीचे बोलणे ऐकून धाकटी वहिनी तयार झाली. त्या शापाच्या दुष्परिणामांमुळे त्यांचे मूल फक्त सात दिवस जगले. जेव्हा तिने मुलाला जन्म दिला तेव्हा ती सात दिवसात मरायची. ती अस्वस्थ झाली आणि तिने एका पंडिताला भेटून उपाय विचारला.पंडिताच्या सांगण्यावरून त्यांनी सुरही गायीची सेवा सुरू केली. त्याच्या सेवेवर खूश होऊन गाय एके दिवशी त्याला स्याहूच्या आईकडे घेऊन जाते. वाटेत गरुड पक्ष्याला मारणार आहे, पण सावकाराची धाकटी सून सापाला मारून पक्ष्याला जीवदान देते. तेवढ्यात त्या गरुड पक्ष्याची आई येते. संपूर्ण घटना ऐकून ती प्रभावित होते आणि त्याला स्याहूच्या आईकडे घेऊन जाते.सावकाराच्या धाकट्या सुनेच्या परोपकाराबद्दल आणि सेवेबद्दल स्याहूची आई जेव्हा ऐकते तेव्हा तिला आनंद होतो. मग तिला सात मुलांची आई होण्याचा आशीर्वाद देतो. आशीर्वादाच्या प्रभावाने सावकाराच्या धाकट्या सुनेला सात मुलगे झाले, ज्यातून तिला सात सून झाल्या. त्याचे कुटुंब मोठे आणि भरलेले आहे. ती आनंदी जीवन जगते. अहोई मातेची पूजा केल्यानंतर अहोई अष्टमी व्रताची कथा अवश्य ऐकावी.Here you can download the अहोई अष्टमी व्रत कथा मराठी PDF / Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Marathi by click on the link given below.#अहई #अषटम #वरत #कथ #मरठ #Ahoi #Ashtami #Vrat #Katha #PDF #MarathiThe post अहोई अष्टमी व्रत कथा मराठी | Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Marathi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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अहोई अष्टमी व्रत कहानी | Ahoi Ashtami Vrat Kahani PDF in Hindi
अहोई अष्टमी व्रत कहानी | Ahoi Ashtami Vrat Kahani PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/ahoi-ashtami-vrat-kahani-371.jpg">अहोई अष्टमी व्रत कहानी | Ahoi Ashtami Vrat Kahani</a>PDF Name<b>अहोई अष्टमी व्रत कहानी | Ahoi Ashtami Vrat Kahani PDF</b>No. of Pages<b>5</b>PDF Size<b>0.51 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
अहोई अष्टमी व्रत कहानी | Ahoi Ashtami Vrat Kahani Hindi PDF SummaryIn this article, we are going to share अहोई अष्टमी व्रत कहानी PDF / Ahoi Ashtami Vrat Kahani PDF in Hindi for our daily users. Ahoi Ashtami fast is observed on the eighth day of Krishna Paksha of Kartik month. Mothers keep this fast for their children. By observing this fast according to the law, the health of the child remains good and the child has a long life. Women who observe Ahoi Ashtami fast, offer Arghya to the stars during night time by Karwa.This fast is traditionally very popular all over India and is performed by women on a large scale for their children. If you are also observing this fast, then definitely read the fast story of Shri Ahoi Ashtami Mata.अहोई अष्टमी व्रत कहानी PDF | Ahoi Ashtami Vrat Kahani PDF in Hindiपूजा के दौरान साहूकार की कथा को पढ़ना या सुनना अनिवार्य बताया गया है. इस कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक साहूकार के सात बेटे और सात बहुएं थीं. इस साहूकार की एक बेटी भी थी जो दीपावली में ससुराल से मायके आई थी. दीपावली पर घर को लीपने के लिए सातों बहुएं और बेटी मिट्टी लाने जंगल गईं. बेटी जहां मिट्टी काट रही थी उस स्थान पर स्याहु (साही) अपने सात बेटों से साथ रहती थी.मिट्टी काटते हुए ग़लती से साहूकार की बेटी की खुरपी के चोट से स्याहु का एक बच्चा मर गया. स्याहु इस पर क्रोधित होकर बोली कि तुमने मेरे बच्चे को मारा है, अब मैं तुम्हारी कोख बांध दूंगी. स्याहू की बात से डरकर साहूकार की बेटी अपनी सातों भाभियों से बचाने की गुहार लगाने लगी और भाभियों से विनती करने लगी कि वे उसकी जगह पर अपनी कोख बंधवा लें. सातों भाभियों में से सबसे छोटी भाभी को अपनी ननद पर तरस आ गया और वो उसने स्याहु से कहा कि आप मेरी कोख बांधकर अपने क्रोध को समाप्त कर सकती हैं.स्याहु ने उसकी कोख बांध दी. इसके बाद छोटी भाभी के जो भी बच्चे हुए, वे जीवित नहीं बचे. सात दिन बाद उनकी मौत हो जाती थी. इसके बाद उसने पंडित को बुलवाकर इसका उपाय पूछा गया तो पंडित ने सुरही गाय की सेवा करने की सलाह दी. सुरही सेवा से प्रसन्न होती है और छोटी बहू से पूछती है कि तू किस लिए मेरी इतनी सेवा कर रही है. तब छोटी बहू कहती है कि स्याहु माता ने मेरी कोख बांध दी है जिससे मेरे बच्चे नहीं बचते हैं. आप मेरी कोख खुलवा दें तो आपकी बहुत मेहरबानी होगी.सेवा से प्रसन्न सुरही छोटी बहु को स्याहु माता के पास ले जाती है. वहां जाते समय रास्ते में दोनों थक कर आराम करने लगते हैं. अचानक साहूकार की छोटी बहू देखती है कि एक सांप गरूड़ पंखनी के बच्चे को डंसने जा रहा है. तभी छोटी बहू सांप को मार देती है. इतने में गरूड़ पंखनी वहां आ जाती है और अपने बच्चे को जीवित देखकर प्रसन्न होती है. इसके बाद वो छोटी बहू और सुरही को स्याहु माता के पास पहुंचा देती है. वहां जाकर छोटी बहू स्याहु माता की सेवा करती है. इससे प्रसन्न स्याहु माता, उसे सात पुत्र और सात बहुओं से समृद्ध होने का का आशीर्वाद देती हैं और घर जाकर अहोई माता का व्रत रखने के लिए कहती हैं. इसके प्रभाव से छोटी बहू का परिवार पुत्र और बहुओं से भर जाता है.अहोई अष्टमी शुभ मुहूर्त | Ahoi Ashtami Vrat Shubh Muhurtअहोई अष्टमी रविवार, 28 अक्टूबर, 2021 कोअहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त – 05:39 PM से 06:56 PMअवधि – 01 घण्टा 17 मिनटगोवर्धन राधा कुण्ड स्नान बृहस्पतिवार, अक्टूबर 28, 2021 कोतारों को देखने के लिए सांझ का समय – 06:03 PMअहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय – 11:29 PM<strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप अहोई अष्टमी व्रत कहानी PDF / Ahoi Ashtami Vrat Kahani PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।</strong>#अहई #अषटम #वरत #कहन #Ahoi #Ashtami #Vrat #Kahani #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%85%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%88-%e0%a4%85%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e
अहोई अष्टमी कैलेंडर 2021 | Ahoi Ashtami Calendar 2021 PDF in Hindi
अहोई अष्टमी कैलेंडर 2021 | Ahoi Ashtami Calendar 2021 PDF Detailsअहोई अष्टमी कैलेंडर 2021 | Ahoi Ashtami Calendar 2021PDF Nameअहोई अष्टमी कैलेंडर 2021 | Ahoi Ashtami Calendar 2021 PDFNo. of Pages1PDF Size1.35 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
अहोई अष्टमी कैलेंडर 2021 | Ahoi Ashtami Calendar 2021 Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको अहोई अष्टमी कैलेंडर 2021 PDF / Ahoi Ashtami Calendar 2021 PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। अहोई अष्टमी व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस दिन अहोई माता (पार्वती) की पूजा की जाती है। इस बार 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाएगा। इस दिन संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले पति-पत्नी भी अहोई भी अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं। अहोई अष्टमी का व्रत संतान की सुरक्षा और लंबी आयु के लिए रखा जाता है।माताएं अपनी संतान के लिए यह व्रत करती हैं, इसलिए जिवितपुत्रिका की तरह ही इस व्रत का भी बहुत महत्व माना गया है। मान्यता है कि अहोई अष्टमी का व्रत करने से और कथा सुनने से व्रत का पूर्ण फल मिलता है।अहोई अष्टमी कैलेंडर 2021 PDF | Ahoi Ashtami Calendar 2021 PDF in Hindiअहोई अष्टमी व्रत को लेकर मान्यता है कि नियमों का पालन किए बिना यह व्रत पूरा नहीं हता है। इसलिए अहोई अष्टमी व्रत नियम का जानना और उनका पालन करना जरूरी होता है। यह व्रत प्रमुख रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।अहोई अष्टमी व्रत के नियम PDFअहोई अष्टमी व्रत में तांबे के लोटे से अर्घ्य नहीं दिया जाता है। इस दिन तांबे के लोटे को अशुद्ध मानते हैं। कहते हैं कि अगर कोई व्रती महिला तांबे के लोटे से अर्घ्य देती है तो उसके व्रत का फल नष्ट हो जाता है।इस दिन तारों को अर्घ्य दिया जाता है। कहते हैं कि जिस तरह से करवा चौथ में चंद्रमा को अर्घ्य देने से व्रत पूर्ण होता है, उसी तरह अहोई अष्टमी में तारों को अर्घ्य देकर ही व्रत पूर्ण मानते हैं।अहोई अष्टमी का व्रत निर्जला रखा जाता है। कहते हैं कि जो महिला निर्जला अहोई अष्टमी व्रत करती है, उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है।अहोई अष्टमी के व्रत में नया करवा नहीं लिया जाता है। कहते हैं कि इस व्रत में करवा चौथ के करवे का ही इस्तेमाल करना चाहिए।यह व्रत संतान की खुशहाली के लिए रखा जाता है। कहा जाता है कि अहोई अष्टमी के दिन बच्चों को न ही मारें और ना ही उन्हें अपशब्द बोलें।कहते हैं कि अहोई अष्टमी का व्रत रखने वाली महिला को दिन में नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से पूजा-पाठ का फल नष्ट हो जाता है।मान्यता है कि अहोई अष्टमी के दिन घर में पोंछा नहीं लगाना चाहिए।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप अहोई अष्टमी कैलेंडर 2021 PDF / Ahoi Ashtami Calendar 2021 PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#अहई #अषटम #कलडर #Ahoi #Ashtami #Calendar #PDF #HindiThe post अहोई अष्टमी कैलेंडर 2021 | Ahoi Ashtami Calendar 2021 PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi
अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF Detailsअहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja VidhiPDF Nameअहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.44 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप अहोई अष्टमी पूजा विधि PDF / Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। अहोई अष्टमी का व्रत अथवा किसी भी प्रकार का व्रत जब तक सम्पूर्ण विधि – विधान से न किया जाए तब तक निश्चित परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं। अतः व्रत करने से पूर्व उससे सम्बंधित नियम व विधि को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए पूजा के दौरान कोई भी गलती न हो सके।अहोई अष्टमी व्रत की परम्परा बहुत समय से चली आ रही है। इस व्रत के परिणामस्वरुप बालक दीर्घायु तथा स्वस्थ रहता है। यह व्रत विशेषतः माताएं अपने पुत्र के लिए रखती हैं। इस व्रत में रात्रिकाल में तारों को करवा से अर्घ्य दिया जाता है तथा बालक के लिए मंगल कामना की जाती है। यदि आप भी इस व्रत का पालन कर रहे हैं तो उसकी विधि यहाँ से पढ़ें।अहोई अष्टमी पूजन विधि PDF / Ahoi Ashtami Vrat Pujan Vidhi PDF in Hindiइस दिन माताओं अथवा महिलाओं को सूर्योदय से पूर्व स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए।अहोई माता की पूजा के लिए दीवार या कागज पर गेरू से अहोई माता का चित्र बनाना चाहिए।माता का पूजना संध्याकाल में करें।पूजा के लिए अहोई माता के चित्र के सामने एक चौकी रखकर उस पर जल से भरा कलश स्थापित करें।रोली-चावल से अहोई माता की पूजा करें।अहोई माता को भोग लगाने के लिए महिलाएं दही, आटा, चीनी या गुड़ मिला कर मीठे पुए बनायें।कहीं-कहीं आटे के हलवे का भी भोग लगाया जाता है।रोली से कलश पर स्वास्तिक बनाया जाता है।सात टीके लगाए जाते हैं और फिर हाथों में गेहूं के सात दाने ले कर महिलाएं, माताएं अहोई व्रत कथा को पढ़ें व सुनें।पूजा व व्रत कथा सुनने के बाद कलश के जल से तारों को अर्घ्य अर्पित करें।अहोई माता की विधिवत पूजा करने के बाद स्याहु माला धारण की जाती है।स्याहु की माला में चांदी की मोती और अहोई माता की लॉकेट होती है।पूजा के बाद महिलाएं बायना निकालती हैं और अपनी सास या पंडित को देकर आशीर्वाद लेती हैं।पूजन के अंत में पारण किया जाता है।अहोई अष्टमी पूजा सामग्री PDF / Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDFअहोई माता मूर्ति/चित्रस्याहु मालादीपक करवापूजा रोलीअक्षततिलक के लिए रोलीदूबकलावापुत्रों को देने के लिए श्रीफल माता को चढ़ावे के लिए श्रृंगार का सामान बयानासात्विक भोजनचौदह पूरी और आठ पुओं का भोगचावल की कटोरी,मूलीसिंघाड़ेफलखीरदूध व भातवस्त्रबयाना में देने के लिए नेग (पैसे)You may also like :अहोई अष्टमी व्रत कथा | Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Hindiअहोई अष्टमी माता की आरती / Ahoi Ashtami Mata Ki Aarti PDF in Hindiअहोई अष्टमी पूजा सामग्री | Ahoi Ashtami Puja Samagri PDF in HindiYou can download अहोई अष्टमी पूजा विधि PDF / Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#अहई #अषटम #वरत #पज #वध #Ahoi #Ashtami #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDF in Hindi
अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDF Detailsअहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri ListPDF Nameअहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDFNo. of Pages3PDF Size0.43 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri List Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के द्वारा आप अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट PDF / Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDF in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। अहोई अष्टमी क व्रत भारत के सर्वाधिक प्रचलिति उपवासों में से एक है। इस दिन माताएं अपनी संतान मुख्यतः पुत्र की के स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं आयु वृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत पूर्ण विधि -विधान से व श्रद्धा – भक्ति से संपन्न किया जाता है।यदि आप भी अहोई अष्टमी व्रत का विधि – विधान से पालन करना चाहते हैं तो आपको पूजन के लिए कुछ विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता है। यह सामग्री हमने पीडीऍफ़ फाइल के रूप में सूचीबद्ध की गयी है। यदि आप इस सामग्री को पूजन से पूर्व एकत्रित कर लेते हैं तो आपको पूजन के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती है।अहोई अष्टमी की पूजा सामग्री लिस्ट PDF | Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDFअहोई माता मूर्ति/चित्रस्याहु मालादीपक करवापूजा रोलीअक्षततिलक के लिए रोलीदूबकलावापुत्रों को देने के लिए श्रीफल माता को चढ़ावे के लिए श्रृंगार का सामान बयानासात्विक भोजनचौदह पूरी और आठ पुओं का भोगचावल की कटोरी,मूलीसिंघाड़ेफलखीरदूध व भातवस्त्रबयाना में देने के लिए नेग (पैसे)अहोई माता की आरती / Ahoi Ashtami Aarti Lyricsज़य अहोई माता ज़य अहोई माता।तुमको निसदिन ध्यावत हरि विष्णु धाता॥ब्राहमणी रुद्राणी कमला तू हे है जग दाता।सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता॥माता रूप निरंजन सुख संपत्ती दाता।जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता॥तू हे है पाताल बसंती तू हे है सुख दाता।कर्मा प्रभाव प्रकाशक जज्निदधि से त्राता॥जिस घर तारो वास वही में गुण आता।कर ना सके सोई कर ले मन नहीं घबराता॥तुम बिन सुख ना होवय पुतरा ना कोई पाता।खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता॥सुभ गुण सुन्दर युक्ता शियर निदधि जाता।रतन चतुर्दर्श तौकू कोई नहीं पाता॥श्री अहोई मा की आरती जो कोई गाता।उर् उमंग अत्ती उपजय पाप उत्तर जाता॥You may also like :अहोई अष्टमी माता की आरती / Ahoi Ashtami Mata Ki Aarti PDF in Hindiअहोई अष्टमी व्रत कथा | Ahoi Ashtami Vrat Katha PDF in Hindiअहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि | Ahoi Ashtami Puja Vidhi PDF in HindiYou can download अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट PDF / Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDF in Hindi by clicking on the following download button.#अहई #अषटम #पज #समगर #लसट #Ahoi #Ashtami #Puja #Samagri #List #PDF #HindiThe post अहोई अष्टमी पूजा सामग्री लिस्ट | Ahoi Ashtami Puja Samagri List PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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दुर्गा अष्टमी व्रत कथा | Durga Ashtami Vrat Katha PDF in Hindi
दुर्गा अष्टमी व्रत कथा | Durga Ashtami Vrat Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----durga-ashtami-vrat-katha-347.jpg">दुर्गा अष्टमी व्रत कथा | Durga Ashtami Vrat Katha</a>PDF Name<b>दुर्गा अष्टमी व्रत कथा | Durga Ashtami Vrat Katha PDF</b>No. of Pages<b>3</b>PDF Size<b>0.72 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
दुर्गा अष्टमी व्रत कथा | Durga Ashtami Vrat Katha Hindi PDF SummaryToday we are going to share दुर्गा अष्टमी व्रत कथा PDF | Durga Ashtami Vrat Katha PDF in Hindi with you. Durga Ashtami is one of the most popular festivals in India. There are many people who observe the Ashtami fast and end the fast of Navratri on this day. You can praise Goddess Durga by doing fast on this day and seek her blessings for you and your family. Goddess Durga is the most worshipped goddess in India. In this article, we have given the download link for नवरात्री अष्टमी व्रत कथा PDF | Navratri Ashtami Vrat Katha PDFIf you also want to seek the blessings of Goddess Durga by observing the fast of Durga Ashtami. There are few things you should remember while observing this fast. You should recite the Durga Ashtami Vrat Katha for the completion of your fast.दुर्गा अष्टमी व्रत कथा PDF | Durga Ashtami Vrat Katha PDF in Hindiपौराणिक कथा के अनुसार मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन के लिए मान्यता है कि दुर्गम नाम के क्रूर राक्षस ने अपनी क्रूरता से तीनों लोकों को पर अत्याचार किया हुआ था। उसके आतंक के कारण सभी देवता स्वर्ग छोड़कर कैलाश चले गए थे। दुर्गम राक्षस को वरदान था कि कोई भी देवता उसका वध नहीं कर सकता, सभी देवता ने भगवान शिव से विनती कि वो इस परेशानी का हल निकालें। इसके बाद ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने अपनी शक्तियों को मिलाकर शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन देवी दुर्गा को जन्म दिया। इसके बाद माता दुर्गा को सबसे शक्तिशाली हथियार दिया गया और राक्षस दुर्गम के साथ युद्ध छेड़ दिया गया। जिसमें माता ने राक्षस का वध कर दिया और इसके बाद से दुर्गा अष्टमी की उत्पति हुई। इसलिए दुर्गा अष्टमी के दिन शस्त्र पूजा का भी विधान है।अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त / Durga Puja Muhurat 2021दुर्गा अष्टमी बुधवार, अक्टूबर 13, 2021 कोअष्टमी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 12, 2021 को 09:47 पी एम बजेअष्टमी तिथि समाप्त – अक्टूबर 13, 2021 को 08:07 पी एम बजेअष्टमी कन्या पूजन शुभ मुहूर्तनवरात्रि अष्टमी शुभ मुहूर्त: अमृत काल- 03:23 AM से 04:56 AM तक और ब्रह्म मुहूर्त– 04:41 AM से 05:31 AM तक है।कैसे करें कन्या पूजन ?कन्या पूजन कोई घर पर तो कोई मंदिर में जाकर करता है।शास्त्रों के अनुसार 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं को कंजक पूजा के लिए आमंत्रित करना चाहिए।कन्या पूजन में एक बालक का होना भी जरूरी माना जाता है।कन्या पूजन वाले दिन सबसे पहले माता अम्बे की विधि विधान पूजा कर लें।इसके बाद कन्याओं और बालक के साफ जल से पैर धोएं।फिर कन्याओं और बालक को विराजने के लिए आसन दें।फिर मां दुर्गा के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें और सभी कन्याओं और एक बालक को तिलक लगाएं और हाथ में कलावा बांधें।इसके बाद बालक और कन्याओं को भोजन परोसें।भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा या उपहार दें।फिर सभी कन्याओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हें सम्मान के साथ विदा करें।अष्टमी दिन का चौघड़िया मुहूर्तलाभ – 06:26 AM से 07:53 PM
अमृत – 07:53 AM से 09:20 PM
शुभ – 10:46 AM से 12:13 PM
लाभ – 16:32 AM से 17:59 PMनवरात्री अष्टमी व्रत कथा PDF | Navratri Ashtami Vrat Katha PDF<strong>You can download दुर्गा अष्टमी व्रत कथा PDF | Durga Ashtami Vrat Katha PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#दरग #अषटम #वरत #कथ #Durga #Ashtami #Vrat #Katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%85%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be-durga-ashtami-vrat-kath">दुर्गा अष्टमी व्रत कथा | Durga Ashtami Vrat Katha PDF in Hindi</a> appeared first on <a href="https://w…
दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi
दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF Detailsदुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja VidhiPDF Nameदुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDFNo. of Pages3PDF Size0.79 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi Hindi PDF SummaryIn this article we are going to upload दुर्गा अष्टमी पूजा विधि PDF | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi the Dear readers, you can know about the complete and valid Durga Ashtami Puja Vidhi which is followed by a huge number of people for concluding the fast. Durga Ashtami Puja is a very essential part of Navratri. Your fast is incomplete without this Durga Puja. Below we have provided the download link for Navratri Ashtami Vrat Katha PDF in Hindi / नवरात्री अष्टमी व्रत कथा PDF.Durga Ashtami is very significant for those who are doing any specific Sadhna and Siddhi. They can be reached the ultimate goal of the spiritual world by doing the perfect puja on the occasion of Durga Ashtami during Navratri. If you also want to do Durga Ashtami Puja at your home, you can follow this Puja Vidhi.दुर्गा अष्टमी पूजन की विधि PDF | Durga Ashtami Puja Vidhi PDFदुर्गा अष्टमी के दिन सुबह उठें, गंगाजल डालकर स्नानादि करें.लकड़ी के पाठ लें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएं.फिर मां दुर्गा के मंत्र का जाप करते हुए उनकी प्रतिमा या फोटो स्थापित करें.लाल या ऊड़हल के फूल, सिंदूर, अक्षत, नैवेद्य, सिंदूर, फल, मिष्ठान आदि से मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की पूजा करें.फिर धूप-दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और आरती भी करना न भूलें.इसके बाद हाथ जोड़ें और उनके समक्ष अपनी इच्छाएं रखें.ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.नवरात्री अष्टमी व्रत कथा PDF | Durga Ashtami Vrat Katha PDFसदियों पहले पृथ्वी पर असुर बहुत शक्तिशाली हो गए थे और वे स्वर्ग पर चढ़ाई करने लगे. उन्होंने कई देवताओं को मार डाला और स्वर्ग में तबाही मचा दी. इन सबमें सबसे शक्तिशाली असुर महिषासुर था. तब उसका अंत करने के लिए भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने शक्ति स्वरूप देवी दुर्गा को बनाया. हर देवता ने देवी दुर्गा को विशेष हथियार प्रदान किए. इसके बाद आदिशक्ति दुर्गा ने पृथ्वी पर आकर असुरों का वध किया. मां दुर्गा ने महिषासुर की सेना के साथ युद्ध किया और अंत में उसे मार दिया. उस दिन से दुर्गा अष्टमी का पर्व प्रारम्भ हुआ.मां दुर्गा के विशेष मंत्रसर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते॥ॐ क्लींग ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती ही सा,बलादाकृष्य मोहय महामाया प्रयच्छतिशरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्ति भूते सनातनि।गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते॥शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च॥देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।भयेभ्याहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥You can download Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi / दुर्गा अष्टमी पूजा विधि PDF by clicking on the following download button.#दरग #अषटम #पज #वध #Durga #Ashtami #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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