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भाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja Vidhi PDF in Hindi
भाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja Vidhi PDF Detailsभाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja VidhiPDF Nameभाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja Vidhi PDFNo. of Pages4PDF Size0.63 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
भाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja Vidhi Hindi PDF Summaryनमस्कार पाठकों, इस लेख के माध्यम से भाई दूज की पूजन विधि PDF प्राप्त कर सकते हैं। पञ्चदिवसीय दीपावली महोत्सव के अंतर्गत भाई दूज का पर्व भी आता है। यह पर्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं तथा सूखा गोला आदि भेंट करती हैं और भाईयों की कलाई पर कलावा बांधती हैं।यदि आप भी अपने भाईयों की कुशलता व सम्पन्नता की कामना करती हैं, तो भाई दूज के अवसर पर उनका तिलक पूजन आदि अवश्य करें। इस लेख में दी गयी पूजा विधि के अनुसार आप पूजन कर सकते हैं। अलग – अलग क्षेत्रों के अनुसार पूजा विधि में कुछ परिवर्तन आ सकते हैं। अतः आप पहले से पूजन करते हुए आये हैं तो अपने परिवार में प्रचलित विधि के अनुसार ही पूजा करें।भैया दूज पूजन विधि | Bhaiya Dooj Puja Vidhi PDFबहनें सुबह जल्दी उठकर स्नान कर भगवान विष्णु और गणेश जी की अराधना करें।इस दिन भाई के हाथों में सिंदूर और चावल का लेप लगाया जाता है।उसके बाद भाई के हाथों में पान के पांच पत्ते, सुपारी और चांदी का सिक्का रखा जाता है।फिर भाई के हाथ पर कलावा बांधा जाता है।बहन कलावा बांधते हुए भाई की दीर्घायु और खुशहाल जीवन की कामना के लिए मंत्र पढ़ती है।कहीं कहीं बहनें भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं।फिर इसके बाद कलावा बांधती हैं।मिठाई या माखन मिश्री से भाई का मुंह मीठा किया जाता है।कई जगह इस दिन शादीशुदा बहन के घर भाई जाकर भोजन करते हैं और उन्हें उपहार देते हैं।भाई दूज पूजा सामग्री | Bhai Dooj Puja Samagriभाई दूज के पूजन में निम्नलिखित सामग्री का प्रयोग होता है –इसमें आरती की थाली,टीका,चावल,नारियल यानि सूखा नारियल,मिठाई,कलावा,दीया,धूपरुमाल।You can download Bhai Dooj Puja Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.#भई #दज #पज #वध #Bhai #Dooj #Puja #Vidhi #PDF #HindiThe post भाई दूज पूजा विधि | Bhai Dooj Puja Vidhi PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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भाई दूज की कहानी | Bhai Dooj Story PDF in Hindi
भाई दूज की कहानी | Bhai Dooj Story PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%88-%E0%A4%A6%E0%A5%82%E0%A4%9C-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80-%7C-bhai-dooj-story-432.jpg">भाई दूज की कहानी | Bhai Dooj Story</a>PDF Name<b>भाई दूज की कहानी | Bhai Dooj Story PDF</b>No. of Pages<b>6</b>PDF Size<b>0.87 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
भाई दूज की कहानी | Bhai Dooj Story Hindi PDF Summaryनमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको भाई दूज की कहानी PDF / Bhai Dooj Ki Katha in Hindi PDF के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। हिंदुओं के लिए, प्रत्येक त्योहार के पीछे की कहानी उनकी संस्कृति के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसका बहुत गहरा महत्व और मूल्य है। अधिकांश भारतीय त्योहार विशिष्ट पात्रों और व्यक्तित्वों से जुड़े होते हैं जो जनता को त्योहार के वास्तविक महत्व को समझने और जानने में मदद करते हैं। सभी महत्वपूर्ण भारतीय त्योहारों की तरह, भाई दूज की भी एक कहानी है, जिसने अपनी अनूठी उपस्थिति और ताकत के साथ एक जगह बनाई है। यहाँ से आप Bhai Dooj Story PDF in Hindi बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं वो भी बिना किसी परेशानी के।पीढ़ियों से, भाई दूज की कहानी पीढ़ी दर पीढ़ी या तो मुंह से बोलकर या ध्यान से संग्रहीत शास्त्रों के माध्यम से पारित की गई है। कहानी का वर्णन भाई दूज पूजा के अंत का प्रतीक है।भाई दूज की कहानी PDF | Bhai Dooj Story PDF in Hindiभाई दूज की पौराणिक कथा कुछ इस प्रकार है, सूर्य देव की पत्नी संज्ञा की दो संतान उत्पन्न हुई थी। एक पुत्र यमराज तथा एक पुत्री यमुना। जब संज्ञा सूर्य देव के तेज़ को सहन नहीं कर पाई तो उन्होंने अपनी छायामूर्ति का निर्माण किया तथा उस छायामूर्ति को अपनी दोनों संताने सौंप कर चली गईं। उधर, यमुना जो अपने भाई यमराज से बेहद स्नेह करती थीं, वह सदैव अपने भाई यमराज के घर जाती थी। प्रत्येक सुख दुःख में उसका साथ देती थी। फिर विवाह के बाद यमुना अपने भाई यमराज को अपने घर आने के लिए भी आमंत्रित करती थी, लेकिन व्यस्तता के कारण यमराज उसके घर नहीं जा पाते थे। एक बार की बात है जब कार्तिक शुक्ल की द्वितीया को यमराज अपनी बहन के घर पहुंच गए।अपनी बहन के घर जाने से पहले यमराज ने नरक में निवास करने वाले जीवों को भी मुक्त कर दिया था। इसके बाद जब यमराज अपनी बहन के घर गए  तो उनकी बहन यमुना ने उनका खुशी से स्वागत तथा आदर सत्कार किया और उनके मस्तक पर तिलक लगाया। अपने भाई के आगे भोजन व पकवान आदि प्रस्तुत किए। जब यमराज अपनी बहन यमुना के घर से चलने के लिए उठे, तब उन्होंने अपनी बहन से मनोवांछित वरदान मांगने का अनुरोध किया।अपने भाई यमराज के अधिक अनुरोध करने पर यमुना जी बोली, “भैया, यदि आप मुझे वर देना चाहते हैं तो मुझे आज यह वर दीजिए कि आज के दिन प्रत्येक वर्ष आप मेरे घर पधारेंगे तथा मेरा आतिथ्य सत्कार स्वीकार करेंगे। इसके साथ ही आज के दिन जो भाई अपनी बहन के घर जाकर आतिथ्य सत्कार स्वीकार करेगा तथा अपनी बहन के हाथों से तिलक आदि करवाकर मिष्ठान स्वीकार करेगा, उसे कभी आपका भय नहीं रहेगा। इसके साथ ही यमुना ने अपने भाई यमराज से यह भी वरदान मांगा कि जो भाई बहन आज के दिन यमुना जी में डुबकी लगाएंगे, वो स्वयं यमराज के प्रकोप से बचने की क्षमता प्राप्त करेंगे। यमराज जी ने अपनी बहन यमुना जी की सारी बातें स्वीकार कर ली और उन्हें उनकी इच्छानुसार वरदान दिया। कहते हैं कि तभी से हिन्दू समाज में भाई बहन का यह पवित्र त्योहार भाई दूज मनाया जाने लगा।भाई दूज पूजा विधि PDF | Bhai Dooj Puja Vidhi PDF in Hindiसनातन हिंदु धर्म में रक्षाबंधन की तरह ही भाईदूज का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं। इस दिन भाई की लंबी उम्र और उज्जवल भविष्य के लिए पहले पूजा की थाली, फल, फूल, दीपक, अक्षत, मिठाई, सुपारी आदि चीजों से सजाना लें। इसके पश्चात, घी का दीपक जलाकर भाई की आरती करें और शुभ मुहूर्त देखकर तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद भाई को पान, मिठाई आदि चीज खिलाएं।<strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप भाई दूज की कहानी PDF / Bhai Dooj Ki Katha in Hindi PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।</strong>#भई #दज #क #कहन #Bhai #Dooj #Story #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%a6%e0%a5%82%e0%a4%9c
भाई दूज की कथा | Bhai Dooj Ki Katha PDF in Hindi
भाई दूज की कथा | Bhai Dooj Ki Katha PDF Detailsभाई दूज की कथा | Bhai Dooj Ki KathaPDF Nameभाई दूज की कथा | Bhai Dooj Ki Katha PDFNo. of Pages6PDF Size0.87 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable Downloads26
भाई दूज की कथा | Bhai Dooj Ki Katha Hindi PDF SummaryDear Readers, today we are going to upload the भाई दूज की कथा PDF / Bhai Dooj Ki Katha PDF in Hindi for you. Bhai Dooj is a very important festival celebrated in India, which is celebrated in every corner of India. Bhai Dooj is a Hindu festival celebrated in India and Nepal. This festival is celebrated by the followers of Hindu religion. This festival shows the importance of the sacred relationship of brother and sister. The rituals and celebrations of this day are similar to popular celebrations like ‘Raksha Bandhan’. On this special occasion, brothers give many gifts to their sisters and in return sisters give sweets to their brothers. Below we have provided the download link for Bhai Dooj Ki Katha in Hindi PDF.On this day every sister puts tilak on her brother’s forehead and feeds him sweets etc. In such a situation, today we have brought Bhai Dooj fasting story for you.भाई दूज की कथा PDF | Bhai Dooj Ki Katha PDF in Hindiछाया भगवान सूर्यदेव की पत्नी हैं जिनकी दो संतान हुई यमराज तथा यमुना. यमुना अपने भाई यमराज से बहुत स्नेह करती थी. वह उनसे सदा यह निवेदन करती थी वे उनके घर आकर भोजन करें. लेकिन यमराज अपने काम में व्यस्त रहने के कारण यमुना की बात को टाल जाते थे।एक बार कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन करने के लिए बुलाया तो यमराज मना न कर सके और बहन के घर चल पड़े। रास्ते में यमराज ने नरक में रहनेवाले जीवों को मुक्त कर दिया। भाई को देखते ही यमुना ने बहुत हर्षित हुई और भाई का स्वागत सत्कार किया। यमुना के प्रेम भरा भोजन ग्रहण करने के बाद प्रसन्न होकर यमराज ने बहन से कुछ मांगने को कहा। यमुना ने उनसे मांगा कि- आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे यहां भोजन करने आएंगे और इस दिन जो भाई अपनी बहन से मिलेगा और बहन अपने भाई को टीका करके भोजन कराएगी उसे आपका डर न रहे।यमराज ने यमुना की बात मानते हुए तथास्तु कहा और यमलोक चले गए। तभी से यह यह मान्यता चली आ रही है कि कार्तिक शुक्ल द्वितीय को जो भाई अपनी बहन का आतिथ्य स्वीकार करते हैं उन्हें यमराज का भय नहीं रहता।Bhai Dooj Ki Katha in Hindi PDFभाई दूज शुभ मुहूर्त:भाई दूज का शुभ मुहूर्त 1:10 बजे से शुरू होकर 3:18 बजे तक है। इस दिन की तिथि 16 नवंबर को सुबह 7:06 बजे शुरू होकर 17 नवंबर को 3:56 बजे तक होगी।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप भाई दूज की कथा PDF / Bhai Dooj Ki Katha PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।#भई #दज #क #कथ #Bhai #Dooj #Katha #PDF #HindiThe post भाई दूज की कथा | Bhai Dooj Ki Katha PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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