ओम वेद अर्थर्ववेद | Om Ved Athrvaved | क्षेमकरणदास त्रिवेदी – Kshemakarandas Trivedi
Title ओम वेद अर्थर्ववेद | Om Ved Athrvaved Author क्षेमकरणदास त्रिवेदी – Kshemakarandas Trivedi Keywords धार्मिक / Religious, भाषा / Language, साहित्य / Literature #ओम #वद #अरथरववद #Ved #Athrvaved ईबुक डाउनलोड करें ऑनलाइन पढ़ेंThe post ओम वेद अर्थर्ववेद | Om Ved Athrvaved
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ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi
ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF Detailsओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri AartiPDF Nameओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDFNo. of Pages6PDF Size0.43 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable ✔Downloads26
ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF नियमित रूप से ओम जय अम्बे गौरी आरती का जप करना माँ अम्बे को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है। अम्बे माता आद्य शक्ति है जो सर्वोच्च शक्ति है। वह माँ दुर्गा की अभिव्यक्ति है और देवी पार्वती का दूसरा नाम है। ‘ओम जय अम्बे गौरी’ एक हिंदू भजन (आरती) है जो भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती देवी को समर्पित है। यहाँ से आप बड़ी आसानी से Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF / ओम जय अम्बे गौरी आरती हिंदी PDF डाउनलोड कर सकते हैं।सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह स्नान करने के बाद और देवी अम्बे की मूर्ति या तस्वीर के सामने अम्बे आरती गाना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले अम्बे आरती का मतलब हिंदी में समझना चाहिए।ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindiजय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी….. जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।
जय अम्बे गौरी,…।
मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।
जय अम्बे गौरी,…।कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।
जय अम्बे गौरी,…।केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी। सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।
जय अम्बे गौरी,…।कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।
जय अम्बे गौरी,…।शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।
जय अम्बे गौरी,…।चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे। मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
जय अम्बे गौरी,…।ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी। आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।
जय अम्बे गौरी,…।चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू। बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
जय अम्बे गौरी,…।तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
जय अम्बे गौरी,…।भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
जय अम्बे गौरी,…।श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।
जय अम्बे गौरी,…।अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै। कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै।।
जय अम्बे गौरी,…।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi / ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF हिंदी भाषा में डाउनलोड कर सकते हैं।#ओम #जय #अमब #गर #आरत #Jai #Ambe #Gauri #Aarti #PDF #HindiThe post ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON
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ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF Detailsओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri AartiPDF Nameओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDFNo. of Pages6PDF Size0.43 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityDownload LinkAvailable ✔Downloads26
ओम जय अम्बे गौरी आरती | Om Jai Ambe Gauri Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF नियमित रूप से ओम जय अम्बे गौरी आरती का जप करना माँ अम्बे को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है। अम्बे माता आद्य शक्ति है जो सर्वोच्च शक्ति है। वह माँ दुर्गा की अभिव्यक्ति है और देवी पार्वती का दूसरा नाम है। ‘ओम जय अम्बे गौरी’ एक हिंदू भजन (आरती) है जो भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती देवी को समर्पित है। यहाँ से आप बड़ी आसानी से Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF / ओम जय अम्बे गौरी आरती हिंदी PDF डाउनलोड कर सकते हैं।सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह स्नान करने के बाद और देवी अम्बे की मूर्ति या तस्वीर के सामने अम्बे आरती गाना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले अम्बे आरती का मतलब हिंदी में समझना चाहिए।ओम जय अम्बे गौरी आरती PDF | Om Jai Ambe Gauri Aarti PDF in Hindiजय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी….. जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।
जय अम्बे गौरी,…।
मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।
जय अम्बे गौरी,…।कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै।।
जय अम्बे गौरी,…।केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी। सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।
जय अम्बे गौरी,…।कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति।।
जय अम्बे गौरी,…।शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।
जय अम्बे गौरी,…।चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे। मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
जय अम्बे गौरी,…।ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी। आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।।
जय अम्बे गौरी,…।चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू। बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
जय अम्बे गौरी,…।तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
जय अम्बे गौरी,…।भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
जय अम्बे गौरी,…।श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।
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