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श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली | Durga Ashtottara Shatanamavali PDF in Hindi
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली | Durga Ashtottara Shatanamavali PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/durga-ashtottara-shatanamavali-815.jpg">श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली | Durga Ashtottara Shatanamavali</a>PDF Name<b>श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली | Durga Ashtottara Shatanamavali PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.07 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली | Durga Ashtottara Shatanamavali Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं Durga Ashtottara Shatanamavali PDF in Hindi / श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली PDF जिसमे आपको माँ दुर्गा के सारे नाम पढ़ने को मिलेंगे। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार दुर्गा अष्टोत्तर सता नामावली का नियमित जप देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे शक्तिशाली तरीका है। सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको देवी दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के सामने स्नान करने के बाद सुबह जल्दी दुर्गा अष्टोत्तर सता नामावली का पाठ करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले दुर्गा अष्टोत्तर सता नामावली का मतलब हिंदी में समझना चाहिए।दुर्गा अष्टोत्तर सता नामावली का नियमित पाठ करने से मन को शांति मिलती है और आपके जीवन से सभी बुराई दूर होती है और आप स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बनते हैं।श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली PDF | Durga Ashtottara Shatanamavali PDF in Hindiॐ दुर्गायै नमः
ॐ शिवायै नमः
ॐ महालक्ष्म्यै नमः
ॐ महागौर्यै नमः
ॐ चण्डिकायै नमः
ॐ सर्वज्ञायै नमः
ॐ सर्वालोकेश्यै नमः
ॐ सर्वकर्म फलप्रदायै नमः
ॐ सर्वतीर्ध मयायै नमः
ॐ पुण्यायै नमः ॥10॥
ॐ देव योनये नमः
ॐ अयोनिजायै नमः
ॐ भूमिजायै नमः
ॐ निर्गुणायै नमः
ॐ आधारशक्त्यै नमः
ॐ अनीश्वर्यै नमः
ॐ निर्गुणायै नमः
ॐ निरहङ्कारायै नमः
ॐ सर्वगर्वविमर्दिन्यै नमः
ॐ सर्वलोकप्रियायै नमः ॥20॥
ॐ वाण्यै नमः
ॐ सर्वविध्यादि देवतायै नमः
ॐ पार्वत्यै नमः
ॐ देवमात्रे नमः
ॐ वनीश्यै नमः
ॐ विन्ध्य वासिन्यै नमः
ॐ तेजोवत्यै नमः
ॐ महामात्रे नमः
ॐ कोटिसूर्य समप्रभायै नमः
ॐ देवतायै नमः ॥30॥
ॐ वह्निरूपायै नमः
ॐ सतेजसे नमः
ॐ वर्णरूपिण्यै नमः
ॐ गुणाश्रयायै नमः
ॐ गुणमध्यायै नमः
ॐ गुणत्रयविवर्जितायै नमः
ॐ कर्मज्ञान प्रदायै नमः
ॐ कान्तायै नमः
ॐ सर्वसंहार कारिण्यै नमः
ॐ धर्मज्ञानायै नमः ॥40॥
ॐ धर्मनिष्टायै नमः
ॐ सर्वकर्मविवर्जितायै नमः
ॐ कामाक्ष्यै नमः
ॐ कामासंहन्त्र्यै नमः
ॐ कामक्रोध विवर्जितायै नमः
ॐ शाङ्कर्यै नमः
ॐ शाम्भव्यै नमः
ॐ शान्तायै नमः
ॐ चन्द्रसुर्याग्निलोचनायै नमः
ॐ सुजयायै नमः ॥50॥
ॐ जयायै नमः
ॐ भूमिष्ठायै नमः
ॐ जाह्नव्यै नमः
ॐ जनपूजितायै नमः
ॐ शास्त्रायै नमः
ॐ शास्त्रमयायै नमः
ॐ नित्यायै नमः
ॐ शुभायै नमः
ॐ चन्द्रार्धमस्तकायै नमः
ॐ भारत्यै नमः ॥60॥
ॐ भ्रामर्यै नमः
ॐ कल्पायै नमः
ॐ कराल्यै नमः
ॐ कृष्ण पिङ्गलायै नमः
ॐ ब्राह्म्यै नमः
ॐ नारायण्यै नमः
ॐ रौद्र्यै नमः
ॐ चन्द्रामृत परिवृतायै नमः
ॐ ज्येष्ठायै नमः
ॐ इन्दिरायै नमः ॥70॥
ॐ महामायायै नमः
ॐ जगत्सृष्ट्याधिकारिण्यै नमः
ॐ ब्रह्माण्ड कोटि संस्थानायै नमः
ॐ कामिन्यै नमः
ॐ कमलालयायै नमः
ॐ कात्यायन्यै नमः
ॐ कलातीतायै नमः
ॐ कालसंहारकारिण्यै नमः
ॐ योगानिष्ठायै नमः
ॐ योगिगम्यायै नमः ॥80॥
ॐ योगध्येयायै नमः
ॐ तपस्विन्यै नमः
ॐ ज्ञानरूपायै नमः
ॐ निराकारायै नमः
ॐ भक्ताभीष्ट फलप्रदायै नमः
ॐ भूतात्मिकायै नमः
ॐ भूतमात्रे नमः
ॐ भूतेश्यै नमः
ॐ भूतधारिण्यै नमः
ॐ स्वधानारी मध्यगतायै नमः ॥90॥
ॐ षडाधाराधि वर्धिन्यै नमः
ॐ मोहितायै नमः
ॐ अंशुभवायै नमः
ॐ शुभ्रायै नमः
ॐ सूक्ष्मायै नमः
ॐ मात्रायै नमः
ॐ निरालसायै नमः
ॐ निमग्नायै नमः
ॐ नीलसङ्काशायै नमः
ॐ नित्यानन्दिन्यै नमः ॥100॥
ॐ हरायै नमः
ॐ परायै नमः
ॐ सर्वज्ञानप्रदायै नमः
ॐ अनन्तायै नमः
ॐ सत्यायै नमः
ॐ दुर्लभ रूपिण्यै नमः
ॐ सरस्वत्यै नमः
ॐ सर्वगतायै नमः
ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिन्यै नमः ॥ 108 ॥<strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप Durga Ashtottara Shatanamavali PDF in Hindi / श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावली PDF मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।</strong>#शर #दरग #अषटततर #शतनमवल #Durga #Ashtottara #Shatanamavali #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF in Hindi
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF Detailsशैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata AartiPDF Nameशैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.72 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं शैलपुत्री माता की आरती PDF / Shailputri Mata Aarti PDF नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा आराधना की जाती है। इनके पिता का नाम पर्वतराज हिमालय है। पर्वतराज हिमलाय जी की पुत्री होने के कारण ही इन्हें शैलपुत्री माता कहा जाता है। देवी शैलपुत्री का वाहन वृषभ अथवा बैल है। माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएँ हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इस पोस्ट में दिए गए लिंक के द्वारा आप शैलपुत्री माता आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDF डाउनलोड कर सकते हैं।शैलपुत्री माता ने अपने पूर्व जन्म में प्रजापति दक्ष की कन्या के जन्म लिया था, तब इनका एक नाम ‘सती’ भी था। इनका विवाह भगवान भोलेनाथ शंकर जी से हुआ था। देवी शैलपुत्री के पूजन से नवदुर्गा महोत्सव का आरम्भ होता है। अतः इनकी पूजा विधि – विधान से करनी चाहिए।शैलपुत्री माता की आरती PDF | Shailputri Aarti Lyrics in Hindi PDFशैलपुत्री माँ बैल असवार।करें देवता जय जय कार॥शिव-शंकर की प्रिय भवानी।तेरी महिमा किसी ने न जानी॥पार्वती तू उमा कहलावें।जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।दया करें धनवान करें तू॥सोमवार को शिव संग प्यारी।आरती जिसने तेरी उतारी॥उसकी सगरी आस पुजा दो।सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥घी का सुन्दर दीप जला के।गोला गरी का भोग लगा के॥श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें।प्रेम सहित फिर शीश झुकायें॥जय गिरराज किशोरी अम्बे।शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥मनोकामना पूर्ण कर दो।चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥शैलपुत्री माता की आरती कैसे करें?सर्वप्रथम नवदुर्गा पूजन हेतु घटस्थापना करें।अब देवी माँ का आवाहन करें।देवी माँ को पुष्प, चन्दन, अक्षत आदि अर्पित करें।तत्पश्चात देवी शैलपुत्री माँ की कथा पढ़ें।अब देवी शैलपुत्री की आरती करें।अंत में सपरिवार देवी माँ का आशीर्वाद ग्रहण करें।You may also like :कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindiनवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in HindiYou can download शैलपुत्री माता की आरती PDF / Shailputri Mata Aarti PDF by clicking on the following download button.#शलपतर #मत #क #आरत #Shailputri #Mata #Aarti #PDF #HindiThe post शैलपुत्री माता की आरती | Shailputri Mata Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi
नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF Detailsनवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri ListPDF Nameनवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDFNo. of Pages5PDF Size0.75 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List Hindi PDF Summaryनवरात्री एक नौ दिनों तक चलने वाला उत्सव है। देवी दुर्गा की पूजा हेतु कुछ विशेष वस्तुओं की भी आवश्यकता होती है। इन वस्तुओं को पूजन सामग्री कहते हैं। यहाँ हमने नवरात्रि पूजन के दौरान उपयोग की जाने वाली विभिन्न वस्तुओं की सूची तैयार की है, जिसके माध्यम से आप सम्पूर्ण नवरात्रि पूजन कर सकते हैं।नवरात्रि में देवी दुर्गा की विधि – विधान से पूजा – अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में धन, धन्य तथा सम्पन्नता का आगमन होता है। देवी माँ की कृपा से व्यक्ति के बिगड़े काम भी बन जाते हैं तथा घर परिवार पर आने वाली विपत्तियाँ टल जाती हैं। आप भी अपने जीवन में सुख – शांति प्राप्त करने के लिए नवरात्रि पूजन अवश्य करें। नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट 2021 PDFलाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियांसिन्दूरआम के पत्‍तेलाल वस्त्रलंबी बत्ती के लिए रुई या बत्तीधूपअगरबत्तीमाचिसचौकीचौकी के लिए लाल कपड़ानारियलदुर्गासप्‍तशती किताबकलशसाफ चावलकुमकुममौलीश्रृंगार का सामानदीपकघी/ तेलफूलफूलों का हारपानसुपारीलाल झंडालौंगइलायचीबताशे अथवा मिश्रीकपूरउपलेफल/मिठाईदेवी की प्रतिमा या फोटोकलावामेवेआम की लकड़ीजौधूपपांच मेवाघीलोबानगुगललौंगकमल गट्टासुपारीकपूरहवन कुंडनवरात्रि में क्या करें, क्या न करें ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। व्रत करने वाले को फलाहार ही करना चाहिए। इन दिनों व्रत रखने वाले को जमीन पर सोना चाहिए। व्रती को संकल्प लेना चाहिए कि हमेशा क्षमा, दया, उदारता का भाव रखेगा। इन दिनों व्रती को क्रोध, मोह, लोभ आदि दुष्प्रवृत्तियों का त्याग करना चाहिए। नारियल, नींबू, अनार, केला, मौसमी और कटहल आदि फल तथा अन्न का भोग लगाना चाहिए।देवी का आह्वान, पूजन, विसर्जन, पाठ आदि सब प्रातःकाल में शुभ होते हैं, अतः इन्हें इसी दौरान पूरा करना चाहिए।यदि घटस्थापना करने के बाद सूतक हो जाएं, तो कोई दोष नहीं होता, लेकिन अगर पहले हो जाएं, तो पूजा आदि न करें। Kalash Sthapana Muhurat 2021 Octoberआश्विन घटस्थापना बृहस्पतिवार, अक्टूबर 7, 2021 कोघटस्थापना मुहूर्त – 06:17 ए एम से 07:07 ए एमअवधि – 00 घण्टे 50 मिनट्सघटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 11:45 ए एम से 12:32 पी एमअवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्सYou can also like :कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindiनवरात्री पूजा विधि | Navratri Durga Puja Vidhi PDF in Hindiशैलपुत्री माता की आरती | Maa Shailputri Aarti PDF in Hindiनवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindiमाता शैलपुत्री की कथा | Shailputri Mata Ki Vrat Katha PDF in HindiYou can download Navratri Puja Samagri List PDF by clicking on the following download button.#नवरतर #पजन #समगर #लसट #Navratri #Puja #Samagri #List #PDF #HindiThe post नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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ਦੁੱਖ ਭੰਜਨੀ ਸਾਹਿਬ ਪਾਠ | Dukh Bhanjani Sahib da Path PDF in Punjabi
ਦੁੱਖ ਭੰਜਨੀ ਸਾਹਿਬ ਪਾਠ | Dukh Bhanjani Sahib da Path PDF Detailsਦੁੱਖ ਭੰਜਨੀ ਸਾਹਿਬ ਪਾਠ | Dukh Bhanjani Sahib da PathPDF Nameਦੁੱਖ ਭੰਜਨੀ ਸਾਹਿਬ ਪਾਠ | Dukh Bhanjani Sahib da Path PDFNo. of Pages11PDF Size0.05 MBLanguagePunjabiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
ਦੁੱਖ ਭੰਜਨੀ ਸਾਹਿਬ ਪਾਠ | Dukh Bhanjani Sahib da Path Punjabi PDF SummaryDear readers, here we are offering one of the most popular Paath which is known as Dukh Bhanjani Sahib Paath. It is recited hugely around the world by various communities. If you want to learn the teachings that can change your life then you should recite this every day and understand the meaning of Dukh Bhanjani Sahib.Many people are impressed with the Dukh Bhanjani Sahib miracles which others experienced in their life. You can also recite it on your own to also feel the same and take the advantage of these teachings in your day-to-day life. ਦੁੱਖ ਭੰਜਨੀ ਸਾਹਿਬ ਪਾਠ PDFਦੁਖ ਭੰਜਨੀ ਦਾ ਰੁੱਖ ਬਹੁਤ ਪਵਿੱਤਰ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ. ਇਸ ਦਰੱਖਤ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ ਸਿਰਫ ਹਰਿਮੰਦਰ ਸਾਹਿਬ ਦੀ ਇੱਕ ਕਹਾਣੀ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਹੈ. ਘਟਨਾ ਬੀਬੀ ਰਜਨੀ ਦੇ ਪਤੀ ਦੀ ਹੈ। ਬੀਬੀ ਰਜਨੀ ਦਾ ਪਤੀ ਕੋੜ੍ਹ ਤੋਂ ਪੀੜਤ ਸੀ ਅਤੇ ਉਹ ਬਹੁਤ ਦੁਖੀ ਸੀ। ਉਸ ਦਾ ਇਲਾਜ ਕਿਤੇ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ। ਬੀਬੀ ਰਜਨੀ ਦੇ ਪਤੀ ਨੇ ਦਰੱਖਤ ਦੇ ਨੇੜੇ ਸਰੋਵਰ ਵਿੱਚ ਡੁਬਕੀ ਲਗਾਈ ਅਤੇ ਉਹ ਚਮਤਕਾਰੀ cੰਗ ਨਾਲ ਠੀਕ ਹੋ ਗਏ. ਇਹ ਹਰਿਮੰਦਰ ਸਾਹਿਬ ਵਿੱਚ ਸੱਚੇ ਗੁਰੂ ਦੇ ਚਮਤਕਾਰ ਵਰਗਾ ਸੀ.ਹਰ ਕੋਈ ਹੈਰਾਨ ਰਹਿ ਗਿਆ ਅਤੇ ਉਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਰੋਵਰ ਦੇ ਬਹੁਤ ਨਜ਼ਦੀਕ ਇਸ ਦਰਖਤ ਦਾ ਨਾਂ ਦੁਖ ਭੰਜਨੀ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ. ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਲੋਕ ਇਸ ਸਥਾਨ ਤੇ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਰੋਵਰ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦਰਖਤ ਦੇ ਨੇੜੇ ਡੁਬਕੀ ਲਗਾਉਂਦੇ ਹਨ. ਡੁਬਕੀ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਪਵਿੱਤਰ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸੇ ਲਈ ਸੁਨਹਿਰੀ ਮੰਦਰ ਕੰਪਲੈਕਸ ਦੇ ਦਰਸ਼ਨ ਕਰਨ ਵੇਲੇ ਇੱਕ ਵਾਰ ਡੁਬਕੀ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਸਿਫਾਰਸ਼ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ. Dukh Bhanjani Sahib Path Lyrics in Punjabi Gurmukhiਗਉੜੀ ਮਹਲਾ ੫ ਮਾਂਝ ॥ਦੁਖ ਭੰਜਨੁ ਤੇਰਾ ਨਾਮੁ ਜੀ ਦੁਖ ਭੰਜਨੁ ਤੇਰਾ ਨਾਮੁ ॥ਆਠ ਪਹਰ ਆਰਾਧੀਐ ਪੂਰਨ ਸਤਿਗੁਰ ਗਿਆਨੁ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥ਜਿਤੁ ਘਟਿ ਵਸੈ ਪਾਰਬ੍ਰਹਮੁ ਸੋਈ ਸੁਹਾਵਾ ਥਾਉ ॥ਜਮ ਕੰਕਰੁ ਨੇੜਿ ਨ ਆਵਈ ਰਸਨਾ ਹਰਿ ਗੁਣ ਗਾਉ ॥੧॥ਸੇਵਾ ਸੁਰਤਿ ਨ ਜਾਣੀਆ ਨਾ ਜਾਪੈ ਆਰਾਧਿ ॥ਓਟ ਤੇਰੀ ਜਗਜੀਵਨਾ ਮੇਰੇ ਠਾਕੁਰ ਅਗਮ ਅਗਾਧਿ ॥੨॥ਭਏ ਕ੍ਰਿਪਾਲ ਗੁਸਾਈਆ ਨਠੇ ਸੋਗ ਸੰਤਾਪ ॥ਤਤੀ ਵਾਉ ਨ ਲਗਈ ਸਤਿਗੁਰਿ ਰਖੇ ਆਪਿ ॥੩॥ਗੁਰੁ ਨਾਰਾਇਣੁ ਦਯੁ ਗੁਰੁ ਗੁਰੁ ਸਚਾ ਸਿਰਜਣਹਾਰੁ ॥ਗੁਰਿ ਤੁਠੈ ਸਭ ਕਿਛੁ ਪਾਇਆ ਜਨ ਨਾਨਕ ਸਦ ਬਲਿਹਾਰ ॥੪॥੨॥੧੭੦॥ਗਉੜੀ ਮਹਲਾ ੫ ॥ਸੂਕੇ ਹਰੇ ਕੀਏ ਖਿਨ ਮਾਹੇ ॥ਅੰਮ੍ਰਿਤ ਦ੍ਰਿਸਟਿ ਸੰਚਿ ਜੀਵਾਏ ॥੧॥ਕਾਟੇ ਕਸਟ ਪੂਰੇ ਗੁਰਦੇਵ ॥ਸੇਵਕ ਕਉ ਦੀਨੀ ਅਪੁਨੀ ਸੇਵ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥ਮਿਟਿ ਗਈ ਚਿੰਤ ਪੁਨੀ ਮਨ ਆਸਾ ॥ਕਰੀ ਦਇਆ ਸਤਿਗੁਰਿ ਗੁਣਤਾਸਾ ॥੨॥ਦੁਖ ਨਾਠੇ ਸੁਖ ਆਇ ਸਮਾਏ ॥ਢੀਲ ਨ ਪਰੀ ਜਾ ਗੁਰਿ ਫੁਰਮਾਏ ॥੩॥ਇਛ ਪੁਨੀ ਪੂਰੇ ਗੁਰ ਮਿਲੇ ॥You can download Dukh Bhanjani Sahib Path in Punjabi PDF by clicking on the following download button.#ਦਖ #ਭਜਨ #ਸਹਬ #ਪਠ #Dukh #Bhanjani #Sahib #Path #PDF #PunjabiThe post ਦੁੱਖ ਭੰਜਨੀ ਸਾਹਿਬ ਪਾਠ | Dukh Bhanjani Sahib da Path PDF in Punjabi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi
कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/10/small/-----kalash-sthapana-vidhi--993.jpg">कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi</a>PDF Name<b>कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi PDF</b>No. of Pages<b>4</b>PDF Size<b>0.77 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Available at<b>eBookmela</b>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
कलश स्थापना विधि मंत्र | Kalash Sthapana Vidhi Hindi PDF Summaryघटस्थापना नवरात्रि के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। घटस्थापना को कलशस्थापना के रूप में भी जाना जाता है। कलशस्थापना के साथ इस नौ दिनों के उत्सव का आरम्भ होता है। धार्मिक शास्त्रों में अमावस्या तथा रात के समय घटस्थापना वर्जित है। अतः इन दो अवसरों पर घटस्थापना नहीं करनी चाहिए।नवरात्री में दुर्गा पूजा के लिए कलश स्थापना करते समय पूर्ण स्वछता का ध्यान रखना चाहिए। सभी पूजन सामग्री शुद्ध होने चाहिए। कलश स्थापना पूजा के उपरांत उस कलश में देवी का निवास हो जाता है। अतः उस कलश को श्रद्धा भाव से देखना चाहिए तथा उसके पास कोई भी अशुद्ध व्यक्ति या वास्तु नहीं होनी चाहिए। कलश स्थापना विधि और मंत्र PDF 2021नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं।स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद कलश को पूजा घर में रखें।मिट्टी के घड़े के गले में पवित्र धागा बांधे।अब कलश को मिट्टी और अनाज के बीज की एक परत से भरें।कलश में पवित्र जल भरकर उसमें सुपारी, गंध, अक्षत, दूर्वा घास और सिक्के डालें।कलश के मुख पर एक नारियल रखें।कलश को आम के पत्तों से सजाएं।मंत्रों का जाप करें।कलश को फूल, फल, धूप और दीया अर्पित करें।देवी महात्म्यम का पाठ करें।<strong>नवरात्री कलश पूजन मंत्र</strong>गंगे! च यमुने! चैव गोदावरी! सरस्वति!नर्मदे! सिंधु! कावेरि! जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु।।<strong>नवरात्री पूजा संकल्प मंत्र</strong>ॐ विष्णुः विष्णुः विष्णुः, अद्य ब्राह्मणो वयसः परार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे, अमुकनामसम्वत्सरेआश्विनशुक्लप्रतिपदे अमुकवासरे प्रारभमाणे नवरात्रपर्वणि एतासु नवतिथिषुअखिलपापक्षयपूर्वक-श्रुति-स्मृत्युक्त-पुण्यसमवेत-सर्वसुखोपलब्धये संयमादिनियमान् दृढ़ं पालयन् अमुकगोत्रःअमुकनामाहं भगवत्याः दुर्गायाः प्रसादाय व्रतं विधास्ये।बिना मंत्र के नवरात्री कलश स्थापना पूजा कैसे करें ?अगर आप मंत्र नहीं पढ़ना चाहते है तो आप बिना मंत्र के ही गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी, नर्मदा आदि पवित्र नदियों का ध्यान करें और साथ ही वरूण देवता का भी ध्यान करना चाहिए। इसके बाद कलश के मुख पर कलावा बांधे और फिर एक कटोरी से कलश को ढ़क देना चाहिए। इसके बाद ढकी गई कटोरी में जौ भरिए। एक नारियल ले उसे लाल कपड़े से लपेटकर कलावें से बांध देना चाहिए। फिर उस नारियल को जौ से भरी हुई कटोरी के ऊपर स्थापित कर देना चाहिए।कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 2021आश्विन घटस्थापना बृहस्पतिवार, अक्टूबर 7, 2021 कोघटस्थापना मुहूर्त – 06:17 ए एम से 07:07 ए एमअवधि – 00 घण्टे 50 मिनट्सघटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 11:45 ए एम से 12:32 पी एमअवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्सनवरात्रि पूजन सामग्री सूची / Navratri Pujan Samagri List PDF in Hindiघटस्थापना हेतु निम्नलिखित पूजन सामग्री की आवश्यकता होती है –लाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियांसिन्दूरआम के पत्‍तेलाल वस्त्रलंबी बत्ती के लिए रुई या बत्तीधूपअगरबत्तीमाचिसचौकीचौकी के लिए लाल कपड़ानारियलदुर्गासप्‍तशती किताबकलशसाफ चावलकुमकुममौलीश्रृंगार का सामानदीपकघी/ तेलफूलफूलों का हारपानसुपारीलाल झंडालौंगइलायचीबताशे अथवा मिश्रीकपूरउपलेफल/मिठाईदेवी की प्रतिमा या फोटोकलावामेवेआम की लकड़ीजौधूपपांच मेवाघीलोबानगुगललौंगकमल गट्टासुपारीकपूरहवन कुंड<strong>You can also like :</strong><a href="https://pdffile.co.in/navratri-puja-samagri-list/">नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट | Navratri Puja Samagri List PDF in Hindi</a><strong>You can download Navratri Kalash Sthapana Vidhi PDF in Hindi by clicking on the following download button.</strong>#कलश #सथपन #वध #मतर #Kalash #Sthapana #Vidhi #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%95%e0%a4%b2%e0%a4%b6-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%bf-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0-kalash-sthapana-vidhi-p">कलश स्थापना…
పొలాల అమావాస్య వ్రత కథ | Polala Amavasya Vrath Katha PDF in Telugu
పొలాల అమావాస్య వ్రత కథ | Polala Amavasya Vrath Katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/09/small/polala-amavasya-vrath-katha-262.jpg">పొలాల అమావాస్య వ్రత కథ | Polala Amavasya Vrath Katha</a>PDF Name<b>పొలాల అమావాస్య వ్రత కథ | Polala Amavasya Vrath Katha PDF</b>No. of Pages<b>2</b>PDF Size<b>0.33 MB</b>Language<b>Telugu</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
పొలాల అమావాస్య వ్రత కథ | Polala Amavasya Vrath Katha Telugu PDF SummaryFriends, here we are going to upload the పొలాల అమావాస్య వ్రత కథ PDF / Polala Amavasya Vrath Katha PDF in Telugu for our daily users. This vratha is observed on Shravana Amavasya. The people of Telangana and Andhra Pradesh performed Polala Amavasya Vratha. At the place of worship, Aliki is adorned with cow dung, a beautiful ending with rice, a kandamokka is placed there, four torahs with turmeric are placed there, first Ganesha is worshiped, then Mangalagauri Devi or Santanalakshmidevi is invoked into the kandamokka and Shodashopacharya is offered to her. In this article, we have given the download link for Polala Amavasya Vrath Katha Telugu PDF.పొలాల అమావాస్య వ్రత కథ PDF | Polala Amavasya Vrath Katha Telugu PDFఅనగా అనగా ఒక ఊర్లో ఓ బ్రహ్మణమ్మ . ఆమెకు ప్రతి సంవత్సరం పిల్లలు పుడుతునారు . పోతున్నారు. పుట్టగానే పోతున్న సంతానానికి ధుఖించి ఆ బ్రహ్మణమ్మ ఊరి వెలుపల పోచక్క తల్లి చుట్టు ప్రతి ఏట పిల్లల్ని బొంద పెడుతున్నది . ఈ పొలలమావాస్యకు పుడుతున్నారు , మళ్లీ పొలలమావాస్యకి చనిపోతున్నారు . నోముకుందామని ఎవర్ని పేరంటం పిలిచినా రామంటునారు . ఈ విధంగా బాధపడుతున్న ఇల్లాలుకు మళ్లీ ఎప్పటివలె సంతానం మైనది, చనిపోయింది.ఆ పిల్లను తీసుకుని పోచమ్మ దగ్గర బొంద పెట్టేందుకు పోయింది. అప్పుడు పోచక్క తల్లి ఈ ఊర్లలో వాళంత నాకు మొక్కేందుకు వస్తారు . పాయసం , వడలు నైవేద్యం తెస్తారు . ఎడ్లకు రంగులు వేసి నెమలి పించం పెట్టి గాలి , ధూళి తగలకుండా ప్రదక్షణం చేయిస్తారు . పాలేర్లు కల్లు తెస్తారు . వాళ్ళ పెళ్ళాలు కడవలతో పానకం తెస్తారు . నువ్వెందుకు శవాలు నా చుట్టూ బొంద పెడుతున్నావని ప్రశ్నించింది .అమ్మా! పోచక్క తల్లి వేయి కళ్ళ తల్లివి నీకు తెలియనిది ఏముంది. నేను పూర్వ జన్మలో ఏ పాపం చేసానో నాకు పుట్టిన సంతానం ఎప్పటికప్పుడు మరణిస్తునారు అని బాధ పడింది. అప్పుడు పోచమ్మ తల్లి “బ్రహ్మణమ్మ పోయిన జన్మలో పొలలమావాస్య పేరంటాలు రాక ముందే పిల్లలు ఏడిస్తే ఎవరు చూడకుండా పాయసం, గారెలు పెట్టిందని , పులుసు తీపి సరిపోయిందో లేదో చవిచూసింది అని, మడి, తడి లేకుండా అన్ని అమాంగిలం చేసిందని అందుకే ఆమె పిల్లలు అలా పుట్టి పెరిగి చనిపోయినారని” చెప్పింది.తన అపరాధాన్ని తెలుసుకున్న బ్రహ్మణమ్మ పోచక్క తల్లి కాళ్ళమీద పడి తనను క్షమించమని వేడుకున్నది . అమ్మలక్కలు కలియుగం పుట్టనున్నది, పెరగన్నునది కనుక ఈ వ్రత విధానం మాకు తెలుపమని వేడుకోగా పోచక్క ఇలా తెలిపింది. “శ్రావణమాసం చివర బాధ్ర్రపదమాసం తొలుత వచ్చే అమావస్యని పొలలమావాస్య అంటారు . గోడను ఆవు పేడ పాలతో అలికి, పసుపు కుంకుమతో పొలాలు రాసి, కంద మొక్కని అమ్మగా భావించి 9 వరుసల దారంతో పసుపు కొమ్ము కట్టి, ఆ తోరం పోచక్క తల్లికి కట్టి పూజ చేయాలి.9 వరుసల తోరం పేరంటాలకి ఇచ్చి మనము కట్టించుకోవాలి . పిండి వంటలు నైవేద్యం చేసి అమ్మకి నివేదన చేయాలి . భోజనం అనంతరం తాంబూలం దక్షిణ శక్తి కొలది సమర్పించాలి . ఇలా చేస్తే పిల్లలు మృత్యువాత పడకుండా కలరా, మలేరియా , మశూచి మొదలైన వ్యాధులు రాకుండా పోచక్క తల్లి కాపాడుతుందని ” చెప్పింది. ఈ విధంగా బ్రహ్మణమ్మ ఈ వ్రతంని చేసి తన చనిపోయిన సంతానంని తిరిగిపొందింది.<strong>Here you can download the పొలాల అమావాస్య వ్రత కథ PDF / Polala Amavasya Vrath Katha PDF in Telugu language by click on the link given below.</strong>#పలల #అమవసయ #వరత #కథ #Polala #Amavasya #Vrath #Katha #PDF #TeluguThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%b0%aa%e0%b1%8a%e0%b0%b2%e0%b0%be%e0%b0%b2-%e0%b0%85%e0%b0%ae%e0%b0%be%e0%b0%b5%e0%b0%be%e0%b0%b8%e0%b1%8d%e0%b0%af-%e0%b0%b5%e0%b1%8d%e0%b0%b0%e0%b0%a4-%e0%b0%95%e0%b0%a5-polala-amavasya-vrath-k">పొలాల అమావాస్య వ్రత కథ | Polala Amavasya Vrath Katha PDF in Telugu</a> appeared first on <a href="https://www.ebookmela.co.in">eBookmela</a>. upload by <a href="ht…
यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman Stotra PDF in Hindi
यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman Stotra PDF Detailsयंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman StotraPDF Nameयंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman Stotra PDFNo. of Pages4PDF Size0.58 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman Stotra Hindi PDF Summaryहनुमान जी को न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में बड़ी संख्या में पूजा जाता है। हनुमान जी की पूजा करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी दुखी नहीं रहता। तुलसीदास जी ने कहा है नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।। अतः हनुमान जी का पूजन करने से रोग सहित समस्त प्रकार की पीड़ाओं का नाश होता है। हनुमान जी के भक्तो से श्री राम जी भी प्रेम करते हैं।हनुमान जी को समर्पित अनेकों दिव्य स्त्रोतों में से एक चमत्कारी स्तोत्र का नाम यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र है। यह एक वैदिक स्तोत्र है जिसमें प्रभावशाली श्लोकों को संगलित किया है। इस स्तोत्र को मुख्यतः संस्कृत भाषा में लिखा गया है। इस स्तोत्र का प्रभाव आपको चालीस दिन में दिखाई देने लगता है।Yantrodharaka Hanuman Stotra in Sanskrit PDFश्री हनुमत्स्तोत्रम् व्यासतीर्थविरचितम्नमामि दूतं रामस्य सुखदं च सुरद्रुमम् ।पीनवृत्तमहाबाहुं सर्वशत्रुनिबर्हणम् ॥ १॥नानारत्नसमायुक्तकुण्डलादिविभूषितम् ।सर्वदाभीष्टदातारं सतां वै दृढमाहवे ॥ २॥वासिनं चक्रतीर्थस्य दक्षिणस्थगिरौ सदा ।तुङ्गाम्भोधितरङ्गस्य वातेन परिशोभिते ॥ ३॥नानादेशागतैः सद्भिः सेव्यमानं नृपोत्तमैः ।धूपदीपादिनैवेद्यैः पञ्चखाद्यैश्च शक्तितः ॥ ४॥भजामि श्रीहनूमन्तं हेमकान्तिसमप्रभम् ।व्यासतीर्थयतीन्द्रेण पूजितं प्रणिधानतः ॥ ५॥त्रिवारं यः पठेन्नित्यं स्तोत्रं भक्त्या द्विजोत्तमः ।वांछितं लभतेऽभीष्टं षण्मासाभ्यन्तरे खलु ॥ ६॥पुत्रार्थी लभते पुत्रं यशोऽर्थी लभते यशः ।विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ॥ ७॥सर्वथा मास्तु सन्देहो हरिः साक्षी जगत्पतिः ।यः करोत्यत्र सन्देहं स याति निरयं ध्रुवम् ॥ ८॥इति श्रीव्यासतीर्थविरचितम् हनुमत्स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।You may also like :हनुमान साठिका | Hanuman Sathika PDF in Hindiहनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti Lyricsहनुमान सूक्त | Hanuman Suktamमारुती स्तोत्र | Maruti Stotraएक मुखी हनुमान कवच पाठ | Ek Mukhi Hanuman KavachEk Mukhi Hanuman Kavach EnglishYou can also download Yantrodharaka Hanuman Stotra in Hindi PDF by clicking on the following download button.#यतरदधरक #हनमन #सततर #Yantrodharaka #Hanuman #Stotra #PDF #HindiThe post यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र | Yantrodharaka Hanuman Stotra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDF in Hindi
हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDF Detailsहनुमान जी की आरती | Hanuman AartiPDF Nameहनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDFNo. of Pages4PDF Size0.61 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti Hindi PDF Summaryनमस्कार मित्रों, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको हनुमान जी की आरती PDF / Hanuman Aarti PDF in Hindi के लिए डाउनलोड लिंक दे रहे हैं। किसी भी धार्मिक आयोजन में आरती का बहुत अधिक महत्व होता है। आरती के बिना कोई भी अनुष्ठान संपन्न नहीं होता है। ठीक उसी प्रकार श्री हनुमान पूजन की सम्पन्नता हेतु हनुमान आरती भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। हनुमान जी की आरती हिंदी भाषा में लिखी गयी है, जिसे कोई भी सरलता से पढ़ा व गा सकता है।इस मधुर व दिव्य आरती के गायन से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं तथा हनुमत पूजन व अनुष्ठान का सम्पूर्ण लाभ मिलता है। आरती करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, जैसे आरती करते समय हनुमान जी के एकदम सामने खड़े न होएं बल्कि उनकी दायीं ओर खड़े होकर आरती करें।हनुमान जी की आरती PDF | Hanuman Aarti PDF in Hindiआरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥जाके बल से गिरिवर कांपे।रोग दोष जाके निकट न झांके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई।सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥दे बीरा रघुनाथ पठाए।लंका जारि सिया सुधि लाए॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत बार न लाई॥लंका जारि असुर संहारे।सियारामजी के काज सवारे॥ लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे॥पैठि पाताल तोरि जम-कारे।अहिरावण की भुजा उखारे॥ बाएं भुजा असुरदल मारे।दाहिने भुजा संतजन तारे॥सुर नर मुनि आरती उतारें।जय जय जय हनुमान उचारें॥ कंचन थार कपूर लौ छाई।आरती करत अंजना माई॥जो हनुमानजी की आरती गावे।बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥ श्री हनुमान जी की आरती के लाभइस आरती को प्रतिदिन करने से मानसिक शांति मिलती है।श्री हनुमान जी की आरती को भक्तिभाव से गाने से श्री राम जी भी प्रसन्न होते हैं।हनुमान जी अजर – अमर हैं, अतः उनकी आराधना से वह आपके साथ रहते हैं।किसी भी पूजन का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए आरती करना बहुत आवश्यक है।इस आरती के प्रभाव से घर में सकारत्मकता आती है।You can download हनुमान जी की आरती PDF / Hanuman Aarti PDF in Hindi by clicking on the following download button.#हनमन #ज #क #आरत #Hanuman #Aarti #PDF #HindiThe post हनुमान जी की आरती | Hanuman Aarti PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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मारुती स्तोत्र | Maruti Stotra PDF in Hindi
मारुती स्तोत्र | Maruti Stotra PDF Detailsमारुती स्तोत्र | Maruti StotraPDF Nameमारुती स्तोत्र | Maruti Stotra PDFNo. of Pages4PDF Size0.56 MBLanguageHindiCategoryReligion & SpiritualityAvailable ateBookmelaDownload LinkAvailable Downloads26
मारुती स्तोत्र | Maruti Stotra Hindi PDF Summaryहनुमान जी के विभिन्न दिव्य नामों में से एक नाम मारुती भी हैं। उन्हें मारुती नंदन के रूप में भी जाना जाता है। मारुतिनंदन की कृपा प्राप्त करने हेतु मारुती स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। मंगलवार तथा शनिवार के दिन मारुती स्तोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ होता है। हनुमान जी को भारत समेत देश और दुनिया में बढ़चढ़ कर पूजा जाता है।मारुती स्तोत्र के द्वारा आप बजरंबली को आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं। इस स्तोत्र की रचना मूल रूप से संस्कृत भाषा में की गयी है। अतः इसका पाठ करते समय इसका सही से बिना गलती किये उच्चारण करें, तब ही इसका पूर्ण लाभ आपको प्राप्त होगा। इस स्तोत्र का पाठ करते समय शुद्ध रहें तथा एकाग्रचित होकर ध्यान लगएं। Maruti Stotra in Sanskrit PDF।। श्रीमारुतीस्तोत्रम् ।।ॐ नमो वायुपुत्राय भीमरूपाय धीमते ।नमस्ते रामदूताय कामरूपाय श्रीमते ॥ १॥मोहशोकविनाशाय सीताशोकविनाशिने ।भग्नाशोकवनायास्तु दग्धलङ्काय वाग्मिने ॥ २॥गतिर्निर्जितवाताय लक्ष्मणप्राणदाय च ।वनौकसां वरिष्ठाय वशिने वनवासिने ॥ ३॥तत्त्वज्ञानसुधासिन्धुनिमग्नाय महीयसे ।आञ्जनेयाय शूराय सुग्रीवसचिवाय ते ॥ ४॥जन्ममृत्यूभयघ्नाय सर्वक्लेशहराय च ।नेदिष्ठाय प्रेतभूतपिशाचभयहारिणे ॥ ५॥यातनानाशनायास्तु नमो मर्कटरूपिणे ।यक्षराक्षसशार्दूलसर्पवृश्चिकभीहृते ॥ ६॥महाबलाय वीराय चिरञ्जीविन उद्धृते ।हारिणे वज्रदेहाय चोल्लङ्घितमहाब्धये ॥ ७॥बलिनामग्रगण्याय नमो नः पाहि मारुते ।लाभदोऽसि त्वमेवाशु हनुमन् राक्षसान्तक ॥ ८॥यशो जयं च मे देहि शत्रून्नाशय नाशय ।स्वाश्रितानामभयदं य एवं स्तौति मारुतिम् ।हानिः कुतो भवेत्तस्य सर्वत्र विजयी भवेत् ॥ ९॥इति श्रीवासुदेवानन्दसरस्वतीविरचितं श्रीमारुतिस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।मारुती स्तोत्र का पाठ करने की विधिसबसे पहले नहाधोकर स्वच्छ हो जाएँ।अब पूर्व दिशा की और मुख करके बैठ जाएँ।अब एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।उस पर हनुमान जी की स्थापना करें।श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।ततपश्चात श्री हनुमान स्तोत्र का पाठ करें।अंत में हनुमान आरती करें तथा आशीष ग्रहण करें।You can download the Maruti Stotra in Hindi PDF by clicking on the following download button.#मरत #सततर #Maruti #Stotra #PDF #HindiThe post मारुती स्तोत्र | Maruti Stotra PDF in Hindi appeared first on eBookmela. upload by pdfDON

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सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha PDF in Hindi
सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha PDF Details<a href="https://pdffile.co.in/wp-content/uploads/pdf-thumbnails/2021/06/small/som-pradosh-vrat-katha-217.jpg">सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha</a>PDF Name<b>सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha PDF</b>No. of Pages<b>6</b>PDF Size<b>0.57 MB</b>Language<b>Hindi</b>Category<a href="https://pdffile.co.in/category/religion-spirituality/">Religion & Spirituality</a>Download LinkAvailable <a href="https://s.w.org/images/core/emoji/13.1.0/72x72/2714.png"></a>Downloads26
सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha Hindi PDF Summaryदोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं सोम प्रदोष व्रत कथा PDF / Som Pradosh Vrat katha PDF in Hindi जिसमे आपको बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष (Som Pradosh Vrat) कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं। यहाँ से आप Som Pradosh Vrat Katha Hindi PDF / सोम प्रदोष व्रत कथा पीडीऍफ़ हिंदी भाषा में बड़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।इस बार सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat Katha ) 7 जून, सोमवार के दिन पड़ रहा है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की काफी महिमा बताई गई है। प्रदोष व्रत भोलेशंकर भगवान शिव को समर्पित माना जाता है।Som Pradosh Vrat Katha Hindi PDF | सोम प्रदोष व्रत कथा PDFपौराणिक कथा के अनुसार एक नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी। उसके पति का स्वर्गवास हो गया था। उसका अब कोई सहारा नहीं था इसलिए वह सुबह होते ही वह अपने पुत्र के साथ भीख मांगने निकल पड़ती थी। वह खुद का और अपने पुत्र का पेट पालती थी।एक दिन ब्राह्मणी घर लौट रही थी तो उसे एक लड़का घायल अवस्था में कराहता हुआ मिला। ब्राह्मणी दयावश उसे अपने घर ले आई। वह लड़का विदर्भ का राजकुमार था। शत्रु सैनिकों ने उसके राज्य पर आक्रमण कर उसके पिता को बंदी बना लिया था और राज्य पर नियंत्रण कर लिया था इसलिए वह मारा-मारा फिर रहा था। राजकुमार ब्राह्मण-पुत्र के साथ ब्राह्मणी के घर रहने लगा।एक दिन अंशुमति नामक एक गंधर्व कन्या ने राजकुमार को देखा तो वह उस पर मोहित हो गई। अगले दिन अंशुमति अपने माता-पिता को राजकुमार से मिलाने लाई। उन्हें भी राजकुमार पसंद आ गया। कुछ दिनों बाद अंशुमति के माता-पिता को शंकर भगवान ने स्वप्न में आदेश दिया कि राजकुमार और अंशुमति का विवाह कर दिया जाए। वैसा ही किया गया।ब्राह्मणी प्रदोष व्रत करने के साथ ही भगवान शंकर की पूजा-पाठ किया करती थी। प्रदोष व्रत के प्रभाव और गंधर्वराज की सेना की सहायता से राजकुमार ने विदर्भ से शत्रुओं को खदेड़ दिया और पिता के साथ फिर से सुखपूर्वक रहने लगा। राजकुमार ने ब्राह्मण-पुत्र को अपना प्रधानमंत्री बनाया। मान्यता है कि जैसे ब्राह्मणी के प्रदोष व्रत के प्रभाव से दिन बदले, वैसे ही भगवान शंकर अपने भक्तों के दिन फेरते हैं।Som Pradosh Vrat Subh Muhurt | सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त:त्रयोदशी तिथि की शुरुआत – 24 मई 2021 तड़के 03 बजकर 38 मिनट सेत्रयोदशी तिथि का समापन – 25 मई 2021 रात 12 बजकर 11 मिनटपूजा का शुभ मुहूर्त – शाम 07 बजकर 10 मिनट से रात 09 बजकर 13 मिनट तकSom Pradosh Vrat Pooja Vidhi | सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि:प्रदोष व्रत करने वाले जातकों को सुबह सूर्योदय से पहले बिस्तर त्याग देना चाहिए।  इसके बाद नहा-धोकर पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव का भजन कीर्तन और आराधना करनी चाहिए। इसके बाद घर के ही पूजाघर में साफ-सफाई कर पूजाघर समेत पूरे घर में गंगाजल से पवित्रीकरण करना चाहिए। पूजाघर को गाय के गोबर से लीपने के बाद रेशमी कपड़ों से मंडप बनाना चाहिए। इसके बाद आटे और हल्दी की मदद से स्वस्तिक बनाना चाहिए। व्रती को आसन पर बैठकर सभी देवों को प्रणाम करने के बाद भगवान शिव के मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करना चाहिए।<strong>नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप Som Pradosh Vrat Katha Hindi PDF / सोम प्रदोष व्रत कथा PDF हिंदी भाषा में डाउनलोड कर सकते हैं।</strong>#सम #परदष #वरत #कथ #Som #Pradosh #Vrat #katha #PDF #HindiThe post <a href="https://www.ebookmela.co.in/download/%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%ae-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b7-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be-som-pradosh-vrat-katha-pdf-in-hindi-2">सोम प्रदोष व्रत कथा | Som Pradosh Vrat katha PDF in Hindi</a> appeared first on <a hr…