धर्म ज्ञान : जय श्री राम
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सत्य पंथ का करी प्रचारा॥
देश धर्म का करि विस्तारा ||
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साभार...
इसे आप भारत अमेरिका के शीत युद्ध की औपचारिक शुरुआत कह लीजिये।

डोनाल्ड ट्रम्प एप्पल के पीछे पड़े है कि भारत मे यदि उत्पादन किया तो अमेरिका मे 25% टेरीफ लग जाएंगे। ट्रम्प मंचों से चीख चीख कर मेक इन इंडिया का विरोध कर रहे है।

लेकिन ट्रम्प मोदी के दोस्त थे,आई लव इंडिया बोलते थे फिर क्या हुआ?

जड़ पर जाने के लिये आपको 1972 के साल मे जाना होगा,अमेरिका मे जनसंख्या बहुत कम थी और वो उद्योग जगत की पहली पसंद था।अमेरिका मे मजदूर कम थे और जो थे महंगे थे।

भारत से संबंध बिगड ही चुके थे,ऐसे मे अमेरिका ने चीन से संबंध ठीक किये और अमेरिकी कम्पनियो ने अपनी प्रोडक्शन यूनिट चीन मे शिफ्ट की जहाँ सस्ते मजदूर थे।इससे अमेरिकी कम्पनियो ने अरबो का फायदा कमाया।

इन कम्पनियो की वज़ह से चीन का कल्चर बदल गया,चीन के लोग भी थोड़े स्किल्ड हो गए और आज आप चीन को देख ही रहे है।हालांकि अमेरिका को आज उसी बात का अफ़सोस भी है।

दरसल अब अमेरिका मे आबादी बढ़ गयी है,बेरोजगारी बढ़ रही है।अमेरिका चाहता है कि एप्पल जैसी सभी बड़ी कम्पनिया चीन से अमेरिका आ जाये मगर ये कम्पनिया जानती है कि मजदूरी भारत मे सस्ती है।

अमेरिका के लिये उसकी कम्पनिया सिरदर्द बन चुकी है,फायदे के आगे देश को नहीं देख रही।अमेरिका को ये भी डर है कि चीन वाली गलती भारत के संदर्भ मे भी ना हो जाए,पता चला भारत भी अमेरिका के प्रभुत्व के लिये चुनौती बन जाए।

इसलिए अब आप तैयार रहिये,अमेरिका मे सरकारे किसी की भी आये वो हमारे लिये खतरा ही रहेगी।डोनाल्ड ट्रम्प आज भी जो बाइडन के मुकाबले बहुत अच्छे है,जो बाइडन के समय जो हो रहा था वो डरा देने वाला था।

ट्रम्प और बाइडन मे जो अंतर आया है वो बस नैतिकता का है,ट्रम्प सामने से हमला कर रहे है बाइडन छिपकर कर रहे थे।

राहुल गाँधी का वो बयान मत भूलिए जो उसने सितंबर 2024 मे अमेरिका मे दिया था,"भारत मे सिखो को पगड़ी नहीं पहनने देते,उन्हें मारा जाता है"।

यदि आप कांग्रेसी भी हो तो भी आपको पता है ये सफ़ेद झूठ है।भारत की छवि बिगाड़ने वाला ये बयान तब का है ज़ब अमेरिका और कनाडा की कूटनीतिक तलवारे भारत पर चल रही थी।

भरसक प्रयास था कि अमेरिका सद्दाम हुसैन की तर्ज पर भारत मे भी तख्तापलट करने की सोचे और प्रयास हुए भी।अडानी की केन्या वाली डील रद्द करवाई गयी,हो जाती तो अप्रत्यक्ष रूप से भारत के हाथ अफ्रीका मे पहुँच जाते।

अडानी को इजरायल के बंदरगाह की एक्सेस रोकने की कोशिश भी हुई थी, हिंडनबर्ग का ड्रामा कौन भुला है? कोरोना वैक्सीन पर भारतीय कम्पनियो के खिलाफ क्या क्या साजिशे नहीं हुई।

अमेरिका और राहुल गाँधी का एक साथ भारतीय उद्योगपतियों के प्रति हमलावर होना बहुत बड़ा संयोग था जो किसी ने शायद देखा ही नहीं।राहुल गाँधी के माध्यम से भारत मे गृहयुद्ध की संभावनाओं को बल भी दिया जा रहा है।

इसलिए ज़ब ज़ब पाड़ा दौड़ने का प्रयास करता है दिल्ली वाले मोटा भाई नेशनल हेराल्ड से नकेल कस देते है।

राहुल गाँधी कंट्रोल हो जायेगा,लेकिन अमेरिकी सरकार की खुन्नस अपनी जगह बनी रहनी है।वे प्रयास करेंगे कि अमेरिका की जगह कोई अन्य देश प्रभावशाली ना बने,हमें चाहिए कि प्रयास करते रहे।हम राजनीतिक और आर्थिक साक्षर बने।

हम जातियों मे ना बंटे,दंगे ना हो,निरंतर उद्योग धंधे विकसित होते रहे,सरकारो से नौकरी की जगह उद्योग की मांग करें नौकरी स्वतः पैदा हो जायेगी।देश जैसे जैसे आत्मनिर्भर बनेगा,ट्रम्प हो या बाइडन हमें फर्क नहीं पड़ेगा।राम राम रहेगी सभी को!
मानव जीवन
तपश्चर्या के लिए है
जो तप नहीँ करता
उसका पतन होता है।
मानव जीवन का लक्ष्य
भोग नहीँ भजन है ईश्वर भजन है।
समभाव और सद्भाव सिद्ध करने के लिए सत्संग की जरुरत है।
समभावतभी सिद्ध होता है जब प्रत्येक जड़ चेतन की ओर ईश्वर की भावना जागे।
मानव अवतार परमात्मा की आराधना और तप करने के लिए है।
पशु भी भोँगो का उपयोग करते हैँ।
यदि मनुष्य केवलभोग के पीछे ही दीवाना हो जाए तो फिर उसमेँ और पशु मेँ क्या अन्तर रह जायेगा ?
प्रभु ने मनुष्य को बुद्धि दी है ज्ञान दिया है।
पशु को कुछ नहीँ दिया है।
आने वाले कल की चिन्ता मानव कर सकता है पशु नहीँ।
न तो देव तप कर सकते हैँ न पशु।
देव पुण्य का उपभोग कर सकते हैँ।
तपश्चर्या केवल मनुष्य ही कर सकते है।
मनुष्य विवेकपूर्ण भोग का भी उपभोग कर सकता है।
मनुष्य जीवन विविध प्रकार के तप करने के लिए है।
तप कई प्रकार के हैँ।
कष्ट सहते हुए सत्कर्म करना तप है।
उपासना भी तप है।
पूर्णिमा अमावस्या एकादशी आदि पवित्र दिन माने गये हैँ।
इन दिनो उपवास करना चाहिए।
उपवास का अर्थ उप(समीप) वास(रहना) अर्थात् ईश्वर के समीप रहना।
परोपकार मे शरीर को लीन करना भी तप है।
तप की महत्ता गीता जी मे कहा गया है
!!! भावसंशुद्धिरित्येतत्तपो मानसमुच्यते !!!
भावसंशुद्धि बड़ तप है।
सभीमेँ ईश्वर का भाव रखना भी तप है।
सभी मेँ ईश्वर विराजते हैँ ऐसा अनुभव करनामहान तप है
अर्थात् अन्तःकरण की पवित्रता से हृदय मेँ सदा सर्वदा शान्तिऔर प्रसन्नता रहेगी।
प्रिय और सत्य बोलना वाणी का तप है।
पवित्रता सरलता ब्रह्मचर्य और अहिँसा आदि शरीर सम्बन्धी तप है।
जय श्री राम🙏
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : शुक्रवार
दिनांक: 30 मई 2025
सूर्योदय : 5:25 प्रात:
सूर्यास्त : 7:11 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : शुक्ल
तिथि : चतुर्थी 9:23 रात्रि तक फिर पंचमी
नक्षत्र : पुनर्वसु 9:28 रात्रि तक फिर पुष्य
योग : गण्ड 12:56 अपराह्न तक फिर वृद्धि
राहुकाल : 10:35 - 12:18 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
 मई 30, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय  हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
जीवेषु करुणा चापि मैत्री तेषु विधीयताम् ।
जीवों पर करुणा एवं मैत्री कीजिये।
जय माता दी
जय श्री राम
साभार...
कभी संसद के अंदर #भारतीय_नारी का चेहरा था स्वर्गीय #सुषमा_स्वराज जी का...
बिंदी,मांग में सिंदूर...साड़ी
एक हिन्दू सुहागन महिला..
करवाचौथ पर मीडिया के कैमरे हमेशा उनके घर पहुँचते...

नेक नेता... वरिष्ठ मंत्री के तौर तमाम देशों में गयी
उनका UN में दिया कालज़यी भाषण भी आप देख सकते हैं..... देश बदले... भेष कभी नहीं
जहाँ गयीं विशुद्ध भारतीय हिन्दू सुहागन महिला के चिन्ह स्पष्ट साथ होते थे...

अब आप वर्तमान नेत्रियों,प्रवक्ता आदि पर गौर करें...
कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत्र हों,अलका लम्बा,रागिनी नायक या अन्य
सपा की नेत्री... प्रवक्ता..
राजद की...
कम्युनिस्ट की तो बात ही करना बेकार है...

क्या आपने आज तक इन्हे भारतीय हिन्दू सुहागन के रूप में देखा??
मांग में सिंदूर दिखा कभी?
या मंगलसूत्र...?
करवाचौथ व्रत का फोटो?
बिंदी आदि......?

ये कैसी हिन्दू सुहागिनें हैं जो कोई सुहाग चिन्ह न रखती.... पता न चलता पतिदेव हैं भी इनके या लपेट के चाट लिए.....

आखिर क्यों इन्हे भारतीय हिन्दू परंपरा से बैर है??

और जिन औरतों को ये सुहाग चिन्ह बोझ,पिछड़ा होना,गवारू आदि लगते हों...
उनसे क्या ही उम्मीद की जाये कि इन्हे भारतीय हिन्दू समाज में सुहागन स्त्री के लिए सिंदूर का महत्त्व पता होगा...

स्वाभाविक है ये #सिंदूर का मज़ाक ही उड़ाएंगी.... आलोचना करेंगी...

ब्रज में कहावत है "रां$ के पाँव सुहागन लागे... हो जा बहना मो सी ही"
अब ये तो यही चाहेंगी भारत की हिन्दू औरतें भी इनकी तरह विधवा भेष ले घूमें!

बाकी कमाल मोदी जी का इन जीवित पति विधवाओं को भी सिंदूर लगवा दे रहे हैं राजनीती के चलते ही सही...
राम राम रहेगी सभी को!
*असदुद्दीन ओवैसी: 14.5 करोड़ मुसलमान हमारे मुल्क में, पाक का झूठ मत मानो*

असदुद्दीन ओवैसी ने सऊदी अरब में खोली पोल
मुस्लिम भाईचारे का चोला पहनकर दुनिया को छलने वाला पाकिस्तान जब-तब मुस्लिम देशों की हमदर्दी बटोरने की कोशिश करता है, लेकिन इस बार उसकी पोल सऊदी अरब में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने खोल दी है। रियाद में पाकिस्तान की चालों को न सिर्फ बेनकाब किया, बल्कि सऊदी अधिकारियों को सख्त लहजे में चेताया भी। सऊदी अरब की राजधानी रियाद में भारत के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक के दौरान ओवैसी ने खुलकर कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को खुला समर्थन देता है और उसका हर दाव सिर्फ झूठ पर टिका होता है।
ओवैसी ने बताया कि सऊदी अरब में करीब 27 लाख भारतीय रहते और काम करते हैं और भारतीय समुदाय वहां एक अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने सऊदी प्रतिनिधियों को चेताते हुए कहा कि भारत में करीब 14.5 करोड़ मुसलमान रहते हैं और पाकिस्तान जो कुछ भी उनके बारे में प्रचार करता है, वह पूरी तरह से गलत है। ओवैसी ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान को सऊदी अरब ने हाल ही में 2 अरब डॉलर की मदद और 3 अरब डॉलर का कर्ज दिया है, लेकिन उस पैसे का कोई फायदा आम पाक जनता को नहीं मिला।
साभार...
भारत जापान को पछाड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।स्टॉक मार्केट रॉकेट बनकर उड़ रहा है।

खबर सुकून वाली है लेकिन बस एक ही आंकड़ा है जो व्यथित करता है,जापान की आबादी 12 करोड़ है हमारी 150 करोड़।

हर जापानी साल का 29 लाख रूपये कमा रहा है और हम 2.5 लाख भी नहीं। खैर इसमें ये भी एक फैक्टर है कि जापान के सर्विस सेक्टर मे काम करने वालो की डिमांड ज्यादा है जबकि लोग कम है।

इस वज़ह से जॉब पैकेज अच्छे ही होते है लेकिन ये एक्सक्यूज़ तब काम करता ज़ब हमारी भी प्रति व्यक्ति 12 लाख रूपये सलाना के आसपास होती।

औसत भारतीय परिवार मे चार लोग होते है उनमे से एक कमाता है मान लो उसकी सैलरी 60 हजार भी है घर के खर्चे तो ठीक चल रहे है लेकिन ज़ब प्रति व्यक्ति आय की गणना होंगी तो इसे 15 हजार रूपये महीना ही गिना जाएगा और कुछ पश्चिमी मूर्ख इसे #पोवर्टी बोलेंगे।

भारत मे परिवारो मे रहने की परंपरा है,बच्चे नौकरी पर लगते है तो चाहते है कि पिता अब जॉब छोड़ दे और लाइफ एन्जॉय करें।इन सामाजिक मूल्यों के बीच प्रतिव्यक्ति आय सदा ही चुनौती रहेगी।परिवार का हर व्यक्ति कमाये ये पश्चिम का कॉन्सेप्ट है।

इसलिए इन आंकड़ों को देखना है या नहीं वो आप तय कीजिये,मैं इतना कह सकता हुँ कि हम खुद को अपने स्तर पर निखारे।भारत मे बड़े राज्यों मे सबसे ज्यादा प्रतिव्यक्ति आय हरियाणा और गुजरात की है जो 4.5 लाख रूपये के आसपास है।

हम प्रयास करते है कि अगले 10 सालो मे अन्य राज्य भी इस आंकड़े के करीब आ जाए,जाहिर है तब तक गुजरात हरियाणा और आगे भाग चुके होंगे तब हम उस नंबर का पीछा करेंगे।इस तरह से काम करें तो दूर भविष्य मे आर्थिक असमानता का मुद्दा हल हो सकता है।

इन आंकड़ों मे एक डरा देने वाला तथ्य यह है कि भारत के यदि टॉप 5% उद्योगपति ये देश छोड़ दे तो हमारी प्रतिव्यक्ति आय 1 लाख के इर्द गिर्द रह जायेगी जो भयावह है क्योंकि ये अफ़्रीकी देशो से नीचे हो जायेगी।

इसलिए ज़ब कोई नेता पूंजीवाद के विरुद्ध बात करके सामजिक न्याय और समानता का ढ़ोल पीटे तो आप समझ जाइये कि आप किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रोपोगंडा के शिकार हो रहे है।क्योंकि वोट की राजनीति ने आज तक किसी को न्याय नहीं दिलाया है।

दूसरा डर जो मन मे होना चाहिए वो ये कि समाज नशे से जितना दूर हो उतना ठीक।शराब का चलन आज भी कायम है ये जहर है,40-45 की आयु तक लोगो के लीवर गल रहे है।ज़ब इस आयु का व्यक्ति मरता है तो वो परिवार को नहीं देश को भी नुकसान देकर जा रहा है।

इस आयु मे समाज आशा करता है कि वह अब रिटर्न मे समाज को कुछ देगा फिर चाहे वो नई तकनीक हो,नया व्यापार हो,नया आविष्कार हो या नया विचार हो लेकिन शराब यहाँ आतंकवादी से कम किरदार नहीं निभाती।

तीसरी आवश्यक बात है कि महिलाओ को आगे आने दे क्योंकि वे जनसंख्या मे आधी है,इतिहास गवाह है रानी कैकयी युद्ध मे अपने पति दशरथ की सारथी बनी है,राज दरबारो मे महिलाओ ने शास्थार्थ मे पुरुषो को मात दी है। महिलाओ को घर मे कैद रखना हमारी परंपरा नहीं है।

मुग़ल काल की मजबूरियों को आप प्रथा का नाम नहीं दे सकते,ये दासत्व का प्रतीक है किसी स्थानीय शान का नहीं।

बढ़ते तलाक,विवाह उपरांत संबंध और घर के आपसी झगड़ो के लिये नारी सशक्तिकरण उत्तरदायी नहीं है अपितु सामाजिक विचारो मे हो रहा परिवर्तन उसका दोषी है।

कई लोग शायद उक्त विचारों से सहमत ना हो और खैर सामाजिक मुद्दों से मुझे भी अभी मतलब नहीं है,क्योंकि यह लेख आज राष्ट्र को मजबूत और जग सिर मोर बनाने की बात पर लिखा है।

बहरहाल ये तीन वे बिंदु है जिन पर हमें मंथन या यू कहे पुनः मूल्यांकन की आवश्यकता है।सरकार तो एक इंजन है ही लेकिन नागरिको को भी उस इंजन का अग्रदीप बनना होगा।राम राम रहेगी सभी को!
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : शनिवार
दिनांक: 31 मई 2025
सूर्योदय : 5:25 प्रात:
सूर्यास्त : 7:12 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : शुक्ल
तिथि : पंचमी 8:15 रात्रि तक फिर षष्ठी
नक्षत्र : पुष्य 9:07 रात्रि तक फिर अश्लेषा
योग : वृद्धि 10:43 प्रातः तक फिर ध्रुव
राहुकाल : 8:52 - 10:35 प्रातः तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
मई 31, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय  हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
सन्तुष्टो भार्यया भर्ता भर्त्रा भार्या तथैव च
यस्मिन्नेव नित्यं कल्याणं तत्र वै ध्रुवम् ॥
जिस परिवार में पति अपनी पत्नी से और पत्नी अपने पति से सुखी होती है,
वहां कल्याण निश्चित रूप से स्थायी होता है।
जय श्री शनिदेव
जय श्री राम
'संपति सब रघुपति कै आही' के ध्येय वाक्य को आत्मसात कर जगत कल्याण करने वाली, पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होलकर जी की 300वीं जन्म जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि प्रणाम!

सनातन संस्कृति का संवर्धन करने वाली लोकमाता अहिल्याबाई जी वीरांगना, कुशल तीरंदाज व श्रेष्ठ शासिका थीं।

लोकमाता ने मंदिरों और घाटों के निर्माण के साथ भूखों के लिए अन्नक्षेत्र, प्यासों के लिए प्याऊ व कुओं का निर्माण कराया तथा शास्त्रों के मनन-चिंतन और प्रवचन हेतु मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति की।

धर्म पथ पर चलते हुए लोक कल्याण करने वाली लोक राजमाता को उनकी धर्मपरायणता, न्यायप्रियता, स्वावलंबन, स्वरोजगार, सुशासन, संवेदनशीलता, संस्कृति संवर्द्धन और मातृभूमि की सेवा में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा!

#AhilyaBaiHolkarAt300
साभार...
डोमेस्टिक फ्रंट पर मोदी को ठिकाने लगाने की दर्जनों कोशिशें कर मुँह की खाने के बाद कांग्रेस को लगा कि वो अपने विदेशी मित्रों की सहायता से मोदी प्रशासन की फॉरेन-पालिसी को विफल ठहरा के उन्हे घुटने टेकने पर मजबूर कर देगी,और उसके बाद तो युवराज संविधान-रक्षा,जाति जनगणना,आँचा-पाँचा चोदराग बघारते हुए आराम से PM की कुर्सी तक पहुँच जायेंगे।

अब कांग्रेस का दुर्भाग्य यह है कि उसके शहजादे जैसा कोई मूर्ख नशेड़ी आज विदेशमंत्री नही है।चीन से लेकर अमेरिका और यूरोप तक को जीनियस Dr S. Jaishankar जी ने अकेले पानी पिला रखा है,और बहुत कोशिशों के बावजूद वैश्विक मंच पर उनके सामने कोई कुछ धुरखेल कर नही पाता. . . जैसे ही कोई गोरा भारत या भारतीय हितों या नीतियों के बारे मे मुँह खोलता है,जयशंकर जी बेहद ब्रूटल और क्रूड तरीके से - कड़वे से कड़वे शब्दों मे प्रतिक्रिया देते हुए सीधे उसके मुँह मे ही दे देते हैं घचाक से।

कांग्रेस भी अब समझने लगी है कि जब तक विदेशमंत्रालय इस एक्सट्रीमली कैपेबल एक्स-डिप्लोमैट के हाथों मे है,मोदी को इस डिपार्टमेंट मे पटखनी नही दी जा सकती।इसीलिये आपने गौर किया होगा कि फिलहाल कांग्रेस मोदी से भी अधिक हमलावर जयशंकर जी पर दिख रही है।उसका एजेंडा एक ही है — कि कुछ तो ऐसा ब्लंडर हो जाय जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की थू-थू हो और वह अलग थलग पड़ जाये,और तब वो सफेद टीशर्ट वाला अर्ध-इटालियन मूर्ख माइक उठा कर विदेशनीति पर लेक्चर छाँटते हुए - देश को बरगलाते हुए खुद को एक फॉरेन-पालिसी माएस्त्रो की तरह पोज कर सके।

कांग्रेस बस एक बात समझ नही रही. . . कि जिस दिन जयशंकर जी को वक्त मिल गया और उन्होने इनके लल्ला को वन-ऑन-वन के लिये रिंग मे घसीट लिया,बस उसी दिन शहजादे का बड़े जतन से ओढ़ा हुआ “इंटेलेक्चुअल” का नकाब फट के तार-तार हो जायेगा,और उसके भीतर से जो गधा निकलेगा उसे देख कर सारा देश कहकहे लगायेगा।

कांग्रेस जयशंकर जी को धमका रही है कि — “सोच लो, रिस्क है!”. . . . और मै बस उस दिन के इंतजार मे हूँ जब जयशंकर जी शहजादे को गिरेबान से पकड़ लेंगे,और राजमाता की आँख मे आँख डाल के कहेंगे — “रिस्क तो इसमे भी है कालीन भईया”!!!
साभार...
अब तो संत भी दक्षिणा में द्रव्य के बजाय पीओके मांगने लगे।सबने सुन ही लिया होगा आर्मी चीफ उपेन्द्र द्विवेदी जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य महाराज से दीक्षा मंत्र लेने गए थे।जगद्गुरु ने वही बीजमंत्र सेनाध्यक्ष को दिया जो सीता माता ने महावीर बजरंगबली को दिया था।अब मंत्र की शक्ति तो सबको पता ही है।हनुमानजी ने लंका जला दी और फिर रामजी ने रावण का दैत्य वंश ही निपटा दिया।

समझ लीजिए कि जब जगद्गुरु ने ही सेनापति से पीओके दक्षिणा में मांग लिया तब पीओके का भविष्य क्या होगा।पीओके तो 140 करोड़ देशवासी 78 वर्षों से मांग रहे हैं।एक बात साफ साफ बता दें कि 2047 में जब भारत अपनी स्वाधीनता की 100वीं वर्षगांठ मना रहा होगा तब तक #पीओके का "शब्द" भी मर चुका होगा।मतलब साफ है।पूरा कश्मीर स्वाधीनता की शताब्दी में शामिल होगा।पीओके अतीत हो जाएगा,इतिहास बन जाएगा।राजनाथ सिंह ने कहा भी है कि वह दिन करीब है जब पीओके खुद कहेगा - मैं भारत हूं ।

यूँ तो पूरी दुनिया जान चुकी है लेकिन भारत में कुछ बेशर्म अभी भी सबूत मांग रहे हैं।अज़रबैजान में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ़ ने खुद सार्वजनिक सभा में सबूत दे दिए कि भारत ने हमारे एयरबेस और एयरपोर्ट तबाह कर दिए।यह तब हुए जब सवेरे की नमाज़ के बाद पाकिस्तान की सेना हमले की योजना बना रही थी?समझे आप!पहले नमाज फिर हमला?यही तो आतंकवादी करते हैं।यही तो जिहाद है ?

शाहबाज ने अपनी जुबान से बता दिया कि पाकिस्तान की सरकार,पाकिस्तान की जनता और आतंकवादी सब एक हैं। भारत ने अपनी सेनाओं का शौर्य बखान करने के लिए 7 दल विदेशों में भेजे हैं। उसी की नकल करते हुए शाहबाज शरीफ़ अपने बुजदिल सेनाध्यक्ष मुनीर को साथ लेकर चार देशों में भीख मांगते घूम रहे हैं।वे कितना झूठ फैला रहे हैं, उसका प्रमाण पाकिस्तान का मीडिया और सोशल मीडिया दे रहा है।

अब ईर्ष्या और जलन की हद देखिए कि हमारे कईं विपक्षी नेता शाहबाज और मुनीर के झूठ को सही मानकर भारत सरकार और अपनी सेना के शौर्य से झुलसे जा रहे हैं।सबूत पर सबूत ही नहीं मांग रहे,संसद का विशेष सत्र बुलाकर ऊलजलूल पैंतरे दिखाने का मौका भी तलाश रहे हैं।सिर फिरी राजनीति के इस दौर में अपनों पर शक करने वाले राजनैतिक रूप से कितना ज्यादा खो रहे हैं,इसका पता उन्हें आने वाले चुनावों में चलेगा।आश्चर्य की बात है कि विपक्ष अभी भी जनता के मिज़ाज से वाकिफ नहीं हो पाया है?
राम राम रहेगी सभी को!
साभार....
राहुल गांधी और पवन खेड़ा ने न सिर्फ झूठ का जाल बुना,बल्कि भारत की आर्थिक रीढ़ पर तीखा वार किया। उनकी हरकतें नापाक इरादों और सस्ती सुर्खियों की भूख का नंगा नाच थीं।
सेबी को निशाना बनाया,उसे पक्षपाती ठहराकर उसकी साख पर कीचड़ उछाला।
#माधबी_बुच को बदनाम किया,उनके नाम को बेवजह घसीटा।
उनके पति के निवेश को #अडानी के साथ जोड़कर सनसनीखेज तमाशा रचा।
#हिंडनबर्ग की उस फर्जी रिपोर्ट को सच का तमगा पहनाया,जिसका मकसद ही बाजार को डुबोना था।
लेकिन लोकपाल ने साफ कर दिया: कोई भ्रष्टाचार नहीं,कोई साठगांठ नहीं,कोई सबूत नहीं।ये सारे इल्जाम सिर्फ सियासी ड्रामे थे,जो झूठ की बुनियाद पर खड़े किए गए।
अब असल नुकसान की बात:
इन लोगों ने सेबी पर जनता का भरोसा तोड़ने की साजिश रची,सिर्फ इसलिए ताकि अखबारों में उनकी तस्वीर छपे।
सुप्रीम कोर्ट की निष्पक्षता पर उंगली उठाई,जिसने सेबी की जांच को पहले ही हरी झंडी दी थी।
एक विदेशी सट्टेबाज की मनगढ़ंत रिपोर्ट को हवा दी,जिसने भारतीय बाजार को डुबोकर छोटे निवेशकों की कमर तोड़ी।
नियामक प्रक्रिया को सियासी रंग देकर दुनिया भर में ये जहर फैलाया कि भारत भ्रष्ट कॉरपोरेट्स का अड्डा है।
और ये सब बिना एक टुकड़ा सबूत के!
ये महज गंदी राजनीति नहीं थी—ये भारत की आर्थिक स्थिरता पर सुनियोजित हमला था,जिसे ये लोग सामाजिक न्याय का मुखौटा पहनाकर बेच रहे थे।
अडानी को तो कुछ नहीं हुआ,लेकिन तुमने भारत की संस्थागत साख को लहूलुहान करने की कोशिश की।और अब,उसी सिस्टम ने तुम्हारी पोल खोल दी,जिसे तुमने बदनाम करने की साजिश रची थी।
शर्म आनी चाहिए।माफी मांगो देश से।
पर ये कायर तो माफी क्या मांगेंगे,बस अगला झूठ गढ़ने में जुट जाएंगे।पर हमें आपको मिलकर इन देश विरोधियों का सच आम जनमानस के सामने लाना ही होगा।राम राम रहेगी सभी को!
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : रविवार
दिनांक: 01 जून 2025
सूर्योदय : 5:25 प्रात:
सूर्यास्त : 7:12 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : शुक्ल
तिथि : षष्ठी 7:58 रात्रि तक फिर सप्तमी
नक्षत्र : अश्लेषा 9:35 रात्रि तक फिर मघा
योग : ध्रुव 9:10 प्रातः तक फिर व्याघात
राहुकाल : 5:29 - 7:12 सांय तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम