शुरुआत में ट्रंप ने सोचा था मध्यस्ता करवाने का बयान देने से दबदबा बनेगा! उसे मालूम नहीं था जल्दबाजी में दिया ये बयान अमरीका को साजिश का हिस्सा होने के आरोप में फंसा देगा।
ट्रंप का युद्ध रुकवाने वाला बयान अमरीका के लिए तब गले की फांस बनता है जब पाकिस्तान के उस क्षतिग्रस्त परमाणु ठिकाने पर अमरीकी जांच टीम पहुंचती है। जिससे विश्वभर में ये चर्चा छिड़ गई के, “भारत-पाक युद्ध में अमरीका को ऐसा कौनसा नुकसान हो रहा था जिसके लिए वह युद्ध रुकवाने के लिए हड़कंप में आ गया।”
जबकि इस घटना से कुछ दिन पहले ही ट्रंप का भारत-पाक के बीच शुरू हुए युद्ध को लेकर एक अहम बयान आया था के, “भारत-पाक युद्ध में अमरीका दखल नहीं देगा, दोनों देश अपना-अपना देखें उन्हें क्या करना है।” …लेकिन अपने इसी बयान से एकदम पलटी बजती है किरणा हिल्स में स्थित अमेरिकन परमाणु ठिकानों पर हुए मिसाइल अटैक के बाद।
दुनिया का शक,, विश्वास में तब्दील होना शुरू हो जाता है जब यह जानकारी भी निकलकर आती है, परमाणु ठिकाने वाले ‘किरणा हिल्स’ की सुरक्षा के लिए जो एयर डिफेंस सिस्टम सरगोधा एयरबेस में तैनात है वह अमरीकी वायुरक्षा प्रणाली है!
…किरणा हिल्स के परमाणु ठिकानों पर भारत द्वारा ब्रह्मोस मिसाइल दागने से एक दिन पहले ही,, भारतीय सुखोई विमान ने अपने वायुक्षेत्र में रहते हुए रुद्रम मिसाइल दाग कर सरगोधा एयरबेस में तैनात तथाकथित अमरीकी एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त कर दिया था, जो अमरीका द्वारा काफी समय से पाकिस्तान को दे रखा था।
2) परमाणु ठिकाने वाले इस पूरे किरणा पहाड़ी श्रृंखला को ही अमरीकी निगरानी में लेने का पाकिस्तान से समझौता पूर्व प्रेसिडेंट क्लिंटन प्रशासन द्वारा 1995 में हुआ था।
युद्ध विराम और ट्रंप के मध्यस्थता वाले बयान से दुनिया को यह मैसेज चला गया के पाकिस्तान में तैनात परमाणु कार्यक्रम अमरीका के ही अड्डे हैं। दुनिया इस घिनौने सच को नहीं पचा पाएगी के अमरीका ने पाकिस्तान जैसे आतंकी देश को परमाणु हथियार सौंपा और यह राज़ वर्षों से हमसे छिपाया गया। इस धारणा को और पुख्ता करता है ट्रंप का मध्यस्थता वाला बयान… जो स्पष्ट करने लगा पाकिस्तान स्थित अपने परमाणु अड्डे बचाने के लिए ही अमरीका ने ये बीच बचाव किया है।
• शक की सुइयां अब अमरीका की ओर हैं… कमान से निकला तीर और कहे गए बोल वापिस आ नहीं सकते… पर फिर भी मध्यस्था वाले बयान से यू-टर्न लेने हेतु हड़बड़ी की कोशिश जरूर की है प्रेसिडेंट ट्रंप ने।
ट्रंप का युद्ध रुकवाने वाला बयान अमरीका के लिए तब गले की फांस बनता है जब पाकिस्तान के उस क्षतिग्रस्त परमाणु ठिकाने पर अमरीकी जांच टीम पहुंचती है। जिससे विश्वभर में ये चर्चा छिड़ गई के, “भारत-पाक युद्ध में अमरीका को ऐसा कौनसा नुकसान हो रहा था जिसके लिए वह युद्ध रुकवाने के लिए हड़कंप में आ गया।”
जबकि इस घटना से कुछ दिन पहले ही ट्रंप का भारत-पाक के बीच शुरू हुए युद्ध को लेकर एक अहम बयान आया था के, “भारत-पाक युद्ध में अमरीका दखल नहीं देगा, दोनों देश अपना-अपना देखें उन्हें क्या करना है।” …लेकिन अपने इसी बयान से एकदम पलटी बजती है किरणा हिल्स में स्थित अमेरिकन परमाणु ठिकानों पर हुए मिसाइल अटैक के बाद।
दुनिया का शक,, विश्वास में तब्दील होना शुरू हो जाता है जब यह जानकारी भी निकलकर आती है, परमाणु ठिकाने वाले ‘किरणा हिल्स’ की सुरक्षा के लिए जो एयर डिफेंस सिस्टम सरगोधा एयरबेस में तैनात है वह अमरीकी वायुरक्षा प्रणाली है!
…किरणा हिल्स के परमाणु ठिकानों पर भारत द्वारा ब्रह्मोस मिसाइल दागने से एक दिन पहले ही,, भारतीय सुखोई विमान ने अपने वायुक्षेत्र में रहते हुए रुद्रम मिसाइल दाग कर सरगोधा एयरबेस में तैनात तथाकथित अमरीकी एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त कर दिया था, जो अमरीका द्वारा काफी समय से पाकिस्तान को दे रखा था।
2) परमाणु ठिकाने वाले इस पूरे किरणा पहाड़ी श्रृंखला को ही अमरीकी निगरानी में लेने का पाकिस्तान से समझौता पूर्व प्रेसिडेंट क्लिंटन प्रशासन द्वारा 1995 में हुआ था।
युद्ध विराम और ट्रंप के मध्यस्थता वाले बयान से दुनिया को यह मैसेज चला गया के पाकिस्तान में तैनात परमाणु कार्यक्रम अमरीका के ही अड्डे हैं। दुनिया इस घिनौने सच को नहीं पचा पाएगी के अमरीका ने पाकिस्तान जैसे आतंकी देश को परमाणु हथियार सौंपा और यह राज़ वर्षों से हमसे छिपाया गया। इस धारणा को और पुख्ता करता है ट्रंप का मध्यस्थता वाला बयान… जो स्पष्ट करने लगा पाकिस्तान स्थित अपने परमाणु अड्डे बचाने के लिए ही अमरीका ने ये बीच बचाव किया है।
• शक की सुइयां अब अमरीका की ओर हैं… कमान से निकला तीर और कहे गए बोल वापिस आ नहीं सकते… पर फिर भी मध्यस्था वाले बयान से यू-टर्न लेने हेतु हड़बड़ी की कोशिश जरूर की है प्रेसिडेंट ट्रंप ने।
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : सोमवार
दिनांक: 26 मई 2025
सूर्योदय : 5:45 प्रात:
सूर्यास्त : 7:01 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : कृष्ण
तिथि : चतुर्दशी 12:12 अपराह्न तक फिर अमावस्या
नक्षत्र : भरणी 8:23 प्रातः तक फिर कृत्तिका
योग : शोभन 7:01 प्रातः तक फिर अतिगण्ड
राहुकाल : 7:25 - 9:04 प्रातः तक
विशेष : वट सावित्री व्रत
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
दिन : सोमवार
दिनांक: 26 मई 2025
सूर्योदय : 5:45 प्रात:
सूर्यास्त : 7:01 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : कृष्ण
तिथि : चतुर्दशी 12:12 अपराह्न तक फिर अमावस्या
नक्षत्र : भरणी 8:23 प्रातः तक फिर कृत्तिका
योग : शोभन 7:01 प्रातः तक फिर अतिगण्ड
राहुकाल : 7:25 - 9:04 प्रातः तक
विशेष : वट सावित्री व्रत
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
भूतेशं भूतनाथं च भूतप्रेतविनाशनम्।
भूधर भूपतिं शान्तं शूलपाणिमहं भजे॥
कैलासवासिनं रौद्रं फणिराजविभूषणम्।
फणिबद्धजटाजूटं प्रणमामि सदाशिवम्॥
नीलकण्ठं दशभुजं त्र्यक्षं धूम्रविलोचनम्।
दिगम्बरं दिशाधीशं नमामि विषभूषणम्॥
ॐ नमः शिवाय
जयतु भारत राष्ट्रम्
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 26 मई ज्येष्ठ कृष्णपक्ष की उदया तिथि चतुर्दशी और सोमवार है चतुर्दशी आज दोपहर 12:12 तक रहेगी उसके बाद अमावस्या लग जायेगीआज श्राद्ध आदि की अमावस्या है आज सुबह 8:24 तक भरणी नक्षत्र रहेगा उसके बाद कृतिका नक्षत्र लग जायेगा इसके अलावा आज शनि जयंती व वटसावित्री का व्रत रखा जाएगा।
🌳🐍🙏🙏🐍🌳
भूधर भूपतिं शान्तं शूलपाणिमहं भजे॥
कैलासवासिनं रौद्रं फणिराजविभूषणम्।
फणिबद्धजटाजूटं प्रणमामि सदाशिवम्॥
नीलकण्ठं दशभुजं त्र्यक्षं धूम्रविलोचनम्।
दिगम्बरं दिशाधीशं नमामि विषभूषणम्॥
ॐ नमः शिवाय
जयतु भारत राष्ट्रम्
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 26 मई ज्येष्ठ कृष्णपक्ष की उदया तिथि चतुर्दशी और सोमवार है चतुर्दशी आज दोपहर 12:12 तक रहेगी उसके बाद अमावस्या लग जायेगीआज श्राद्ध आदि की अमावस्या है आज सुबह 8:24 तक भरणी नक्षत्र रहेगा उसके बाद कृतिका नक्षत्र लग जायेगा इसके अलावा आज शनि जयंती व वटसावित्री का व्रत रखा जाएगा।
🌳🐍🙏🙏🐍🌳
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : मंगलवार
दिनांक: 27 मई 2025
सूर्योदय : 5:34 प्रात:
सूर्यास्त : 6:47 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : कृष्ण
तिथि : अमावस्या 8:32 प्रातः तक फिर प्रतिपदा
नक्षत्र : रोहिणी
योग : सुकर्मा 10:53 रात्रि तक फिर धृति
राहुकाल : 3:29 - 5:08 सांय तक
विशेष : शनि जयंती
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
दिन : मंगलवार
दिनांक: 27 मई 2025
सूर्योदय : 5:34 प्रात:
सूर्यास्त : 6:47 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : कृष्ण
तिथि : अमावस्या 8:32 प्रातः तक फिर प्रतिपदा
नक्षत्र : रोहिणी
योग : सुकर्मा 10:53 रात्रि तक फिर धृति
राहुकाल : 3:29 - 5:08 सांय तक
विशेष : शनि जयंती
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
मई 27, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
अमृतत्वस्य तु नाशास्ति वित्तेन ।
धन से अमरत्व प्राप्त नहीं किया जा सकता ।
जय श्री बजरंगबली
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
अमृतत्वस्य तु नाशास्ति वित्तेन ।
धन से अमरत्व प्राप्त नहीं किया जा सकता ।
जय श्री बजरंगबली
जय श्री राम
सव्यहस्ते गदायुक्तं वामहस्ते कमण्डलुम्।
उद्यद्दक्षिणदोर्दण्डं हनुमन्तं विचिन्तयेत्॥
भान्विन्दोश्चरणारविन्दयुगलं कौपीनमौञ्जीधरं काञ्चिश्रेणिधरं दुकूलवसनं यज्ञोपवीताजिनम्।
हस्ताभ्यां धृतपुस्तकं च विलसद्धारावलिं कुण्डलं यश्चालं विशिखं प्रसन्नवदनं श्रीवायुपुत्रं भजे॥
ॐ श्री सीतारामाभ्यां नमः
ॐ श्री पवनतनये नमः
जयतु भारत राष्ट्रम्
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 27 मई ज्येष्ठ कृष्णपक्ष की उदया तिथि अमावस्या और मंगलवार है अमावस्या आज सुबह 8:32 तक रहेगी आज रात 10:54 तक सुकर्मा योग रहेगा और देर रात 2:51तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा। आज स्नान दान की भौमवती अमावस्या है इसके साथ ही उदयातिथि के अनुसार आज शनि जयंती और ज्येष्ठ माह का तीसरा बड़ा मंगल है।
🌺🚩🙏🙏🚩🌺
उद्यद्दक्षिणदोर्दण्डं हनुमन्तं विचिन्तयेत्॥
भान्विन्दोश्चरणारविन्दयुगलं कौपीनमौञ्जीधरं काञ्चिश्रेणिधरं दुकूलवसनं यज्ञोपवीताजिनम्।
हस्ताभ्यां धृतपुस्तकं च विलसद्धारावलिं कुण्डलं यश्चालं विशिखं प्रसन्नवदनं श्रीवायुपुत्रं भजे॥
ॐ श्री सीतारामाभ्यां नमः
ॐ श्री पवनतनये नमः
जयतु भारत राष्ट्रम्
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 27 मई ज्येष्ठ कृष्णपक्ष की उदया तिथि अमावस्या और मंगलवार है अमावस्या आज सुबह 8:32 तक रहेगी आज रात 10:54 तक सुकर्मा योग रहेगा और देर रात 2:51तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा। आज स्नान दान की भौमवती अमावस्या है इसके साथ ही उदयातिथि के अनुसार आज शनि जयंती और ज्येष्ठ माह का तीसरा बड़ा मंगल है।
🌺🚩🙏🙏🚩🌺
शशि थरूर के बयान ने इंटरनेट पर मचाई धूम, ट्रंप को बताया. देखें वीडियो
न्यूयॉर्क 26 मई । शशि थरूर ने 24 मई 2025 को न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में भाषण दिया. थरूर का ये भाषण ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा था. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई की सराहना की, जिसमें पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए.
थरूर ने कहा, “मैंने लिखा था कि कठोर लेकिन चालाकी से मारना चाहिए, और भारत ने ऐसा ही किया.” उन्होंने पाकिस्तान की आतंकवाद में भूमिका की निंदा की. थरूर ने बुश, क्लिंटन, ओबामा जैसे अमेरिकी राष्ट्रपतियों की तारीफ की, लेकिन एक “सज्जन” (संभवतः ट्रंप) को गरिमाहीन बताया.
शशि थरूर ने कहा, “यह मेरी जगह नहीं है, क्योंकि मुझे एक भारतीय राजनेता के रूप में बोलना होता है. इसलिए मुझे विदेशी राजनेताओं पर, खासकर उनकी जमीन पर, टिप्पणी करने से बचना चाहिए. फिर भी, यह एक तथ्य है कि हर व्यक्ति की अपनी राजनीतिक रुचि होती है. मेरी निजी तौर पर कोई राजनीतिक रुचि नहीं है.
उन्होंने कहा - मैं यहां (अमेरिका में) कर (टेक्स) नहीं देता, न ही मैं यहां का नागरिक बनना चाहता हूं, जबकि मेरे पास ऐसा करने का अधिकार था. इसलिए, मैं अमेरिका की प्रवासी या कर नीति पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. ये दोनों विषय नीति-निर्धारण से जुड़े हैं, और हर किसी की इन पर अपनी राय हो सकती है."
शशि थरूर आगे कहते हैं, "लेकिन, किसी व्यक्ति का आचरण मुझे प्रभावित करता है. एक अमेरिकी नेता का व्यवहार ऐसा होना चाहिए जिससे आप सहमत हो सकें, या कम से कम प्रभावित हो सकें. मुझे चार-पांच अमेरिकी राष्ट्रपतियों से मिलने का अवसर मिला, जब मैं संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा था.
मेरी मुलाकात जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश, जॉर्ज डब्ल्यू. बुश, बिल क्लिंटन और बराक ओबामा से हुई. इन नेताओं में एक विशेष व्यक्तित्व और नेतृत्व की क्षमता दिखती थी. यह बात राजनीति से परे है इनमें से दो डेमोक्रेट थे और दो रिपब्लिकन. उनके भीतर एक स्टेट्समैन जैसी गरिमा, बौद्धिक क्षमता और नेतृत्व का भाव था. लेकिन एक “सज्जन” में मुझे ये सारे गुण पूरी तरह से नदारद लगते हैं. और यह मेरा निजी मत है.”
न्यूयॉर्क 26 मई । शशि थरूर ने 24 मई 2025 को न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में भाषण दिया. थरूर का ये भाषण ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा था. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई की सराहना की, जिसमें पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए.
थरूर ने कहा, “मैंने लिखा था कि कठोर लेकिन चालाकी से मारना चाहिए, और भारत ने ऐसा ही किया.” उन्होंने पाकिस्तान की आतंकवाद में भूमिका की निंदा की. थरूर ने बुश, क्लिंटन, ओबामा जैसे अमेरिकी राष्ट्रपतियों की तारीफ की, लेकिन एक “सज्जन” (संभवतः ट्रंप) को गरिमाहीन बताया.
शशि थरूर ने कहा, “यह मेरी जगह नहीं है, क्योंकि मुझे एक भारतीय राजनेता के रूप में बोलना होता है. इसलिए मुझे विदेशी राजनेताओं पर, खासकर उनकी जमीन पर, टिप्पणी करने से बचना चाहिए. फिर भी, यह एक तथ्य है कि हर व्यक्ति की अपनी राजनीतिक रुचि होती है. मेरी निजी तौर पर कोई राजनीतिक रुचि नहीं है.
उन्होंने कहा - मैं यहां (अमेरिका में) कर (टेक्स) नहीं देता, न ही मैं यहां का नागरिक बनना चाहता हूं, जबकि मेरे पास ऐसा करने का अधिकार था. इसलिए, मैं अमेरिका की प्रवासी या कर नीति पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. ये दोनों विषय नीति-निर्धारण से जुड़े हैं, और हर किसी की इन पर अपनी राय हो सकती है."
शशि थरूर आगे कहते हैं, "लेकिन, किसी व्यक्ति का आचरण मुझे प्रभावित करता है. एक अमेरिकी नेता का व्यवहार ऐसा होना चाहिए जिससे आप सहमत हो सकें, या कम से कम प्रभावित हो सकें. मुझे चार-पांच अमेरिकी राष्ट्रपतियों से मिलने का अवसर मिला, जब मैं संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा था.
मेरी मुलाकात जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश, जॉर्ज डब्ल्यू. बुश, बिल क्लिंटन और बराक ओबामा से हुई. इन नेताओं में एक विशेष व्यक्तित्व और नेतृत्व की क्षमता दिखती थी. यह बात राजनीति से परे है इनमें से दो डेमोक्रेट थे और दो रिपब्लिकन. उनके भीतर एक स्टेट्समैन जैसी गरिमा, बौद्धिक क्षमता और नेतृत्व का भाव था. लेकिन एक “सज्जन” में मुझे ये सारे गुण पूरी तरह से नदारद लगते हैं. और यह मेरा निजी मत है.”
पाकिस्तान भले ही चीन के हथियारों पर अपनी ताकत दिखाता हो, लेकिन सच यही है कि वो चीन पर पूरी तरह से निर्भर है जिस दिन चीन चाहेगा उसके हथियारों की सप्लाई को रोक देगा और भविष्य में चीन इस मजबूरी का पूरा फायदा भी उठा सकता है। अगर आप अमेरिका को देखें, अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा हथियारों का सौदागर है। वो यूक्रेन को भी हथियार बेच रहा है। यूरोपीय देशों को भी हथियार बेच रहा है। भारत को भी बेच रहा है और दुनिया के ना जाने कितने देशों को वो हथियार बेच रहा है और इस समय उसके हथियारों के लिए वेटिंग लिस्ट है। दुनिया के बड़े-बड़े देश वेटिंग लिस्ट में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। आज अगर हम उनसे कोई विमान खरीदते हैं, कोई और चीज खरीदते हैं, कोई हथियार खरीदते हैं तो उसकी डिलीवरी कई साल के बाद होती है। हम फ्रांस से अगर राफेल खरीदते हैं तो उसकी डिलीवरी कई-कई साल के बाद हमें मिलती है। यानी आप कतार में हैं। आप वेटिंग लिस्ट में हैं। अगर आपको हथियार आज चाहिए तो आप क्या करेंगे? आप खरीदने भी जाएंगे तो वो देश आपको कहेंगे कि हथियार आपको 3 साल के बाद मिलेगा। 4 साल 5 साल के बाद आपको मिलेगा लेकिन भारत अब इस बात को समझ चुका है। भारत की चुनौती यह है कि अमेरिका के बड़े-बड़े हथियारों के लिए वेटिंग लिस्ट है और रशिया इस समय खुद यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ रहा है। उसके पास भी इतनी गुंजाइश नहीं है कि वो जब चाहे भारत को हथियार दे सके। इसलिए भारत हथियारों के मामले में अब आत्मनिर्भर बनकर दुनिया को भी एक संदेश दे रहा है और बता रहा है कि भारत के हथियार किसी से कम नहीं है आगे चलकर भविष्य में जब हम युद्ध लड़ेंगे तो अपने दम पर लड़ेंगे। हथियारों की हमारी अपनी सप्लाई चेन होगी और अमेरिका, रशिया या कोई और देश हमारे हथियारों की सप्लाई चेन को तोड़ नहीं पाएगा। क्योंकि अमेरिका के हथियारों के लिए तो एक बहुत लंबी वेटिंग लिस्ट है। रशिया यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में खुद ही उलझा हुआ है तो वो हमें क्या हथियार देगा और इजरायल भी गाजा में खुद युद्ध लड़ रहा है। तब भारत के हथियारों के पास दुनिया में इस समय चमकने का एक बहुत सुनहरा मौका है। आज भारत खुद के ड्रोन बना रहा है। हेलीकॉप्टर बना रहा है। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बना रहा है। एयर डिफेंस सिस्टम बना रहा है। तोप, टैंक, गोला बारूद सब कुछ बना रहा है और अब वो AK203 राइफल और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों का उत्पादन भी उत्तर प्रदेश में कर रहा है।
आत्मा और शरीर
शरीर नाशवान
होने के कारण शोक करना व्यर्थ है।
क्योंकि आत्मा अच्छेद है।
आत्मा अदाह्य अकेलद्य और अशोष्य है।
आत्मा सर्वव्यापक अचल स्थिर और सनातन है।
आत्मा अचिन्त्य है।
विकार रहित है।
आत्मा के लिए चिंता करना सर्वथा अयुक्त है।
और यही उपदेश
प्रभुश्रीरामजी ने तारा को दिया
छिति जलपावक गगन समीरा |
पंच रचित अति अधम सरीरा ||
प्रगट सो तनु तव आगे सोवा |
जीव नित्य केहि लगि तुम्ह रोवा ||
उपजा ग्यान चरन तब लागी |
लीन्हेसि परम् भगति बर मांगी ||
इससे यह हो गया कि
शरीर या आत्मा किसी के लिए शोक करने की आवश्यकता नही है।
गीता के अनुसार
वासासिं जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृहणाति नरोSपराणि |
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा न्यन्यानि संयाति नवानि देही ||
जैसे मनुष्य
पुराने वस्त्रो को त्याग कर दूसरे नए वस्त्रो को धारण करता है
वैसे ही जीवात्मा पुराने शरीरो को त्याग कर दूसरे नए शरीर को ग्रहण करता है।
रामचरन दृढ प्रीति करि बालि कीन तनु त्याग |
सुमन माल जिमि कंठ ते गिरत न जानइ नाग ||
जय श्री हरि🙏
शरीर नाशवान
होने के कारण शोक करना व्यर्थ है।
क्योंकि आत्मा अच्छेद है।
आत्मा अदाह्य अकेलद्य और अशोष्य है।
आत्मा सर्वव्यापक अचल स्थिर और सनातन है।
आत्मा अचिन्त्य है।
विकार रहित है।
आत्मा के लिए चिंता करना सर्वथा अयुक्त है।
और यही उपदेश
प्रभुश्रीरामजी ने तारा को दिया
छिति जलपावक गगन समीरा |
पंच रचित अति अधम सरीरा ||
प्रगट सो तनु तव आगे सोवा |
जीव नित्य केहि लगि तुम्ह रोवा ||
उपजा ग्यान चरन तब लागी |
लीन्हेसि परम् भगति बर मांगी ||
इससे यह हो गया कि
शरीर या आत्मा किसी के लिए शोक करने की आवश्यकता नही है।
गीता के अनुसार
वासासिं जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृहणाति नरोSपराणि |
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा न्यन्यानि संयाति नवानि देही ||
जैसे मनुष्य
पुराने वस्त्रो को त्याग कर दूसरे नए वस्त्रो को धारण करता है
वैसे ही जीवात्मा पुराने शरीरो को त्याग कर दूसरे नए शरीर को ग्रहण करता है।
रामचरन दृढ प्रीति करि बालि कीन तनु त्याग |
सुमन माल जिमि कंठ ते गिरत न जानइ नाग ||
जय श्री हरि🙏
मार धूड़ में लठ्ठ......
ये हमारी न्यायपालिका के AC चेम्बर में बैठने वाले भतीजो की मानसिकता झलक रही है कि वे राष्ट्र हित की राष्ट्र की अस्मिता की व राष्ट्र के सुरक्षा की , राष्ट्र की रणनीति की कितनी अहमियत रखते है ।
ये अंग्रेजी कानून की दासता में भाई भतीजावाद का जबरन कोलेजियम सिस्टम से जज बन कर न्याय नही मनघडंत फैसले देते है ।
इनको इतना ही राष्ट्रीय रणनीति बनाने का कानून बनाने का शौक है तो इन्हें किसी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ कर सांसद बन संसद में चले जाना चाहिये ।
जनता का राष्ट्रपति महोदया से निवेदन है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के विरुद्ध फैसले देने वाले ऐसे जजों पर नकेल कसे । इनके ऊपर भी जाँच चले व इनके फैसलों के लिये भी इन्हें उत्तरदायी ठहराये । इनका चयन upsc के माध्यम से करने का आदेश जारी करावे नही तो इन जजों को बर्खास्त करावे ।
ये हमारी न्यायपालिका के AC चेम्बर में बैठने वाले भतीजो की मानसिकता झलक रही है कि वे राष्ट्र हित की राष्ट्र की अस्मिता की व राष्ट्र के सुरक्षा की , राष्ट्र की रणनीति की कितनी अहमियत रखते है ।
ये अंग्रेजी कानून की दासता में भाई भतीजावाद का जबरन कोलेजियम सिस्टम से जज बन कर न्याय नही मनघडंत फैसले देते है ।
इनको इतना ही राष्ट्रीय रणनीति बनाने का कानून बनाने का शौक है तो इन्हें किसी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ कर सांसद बन संसद में चले जाना चाहिये ।
जनता का राष्ट्रपति महोदया से निवेदन है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के विरुद्ध फैसले देने वाले ऐसे जजों पर नकेल कसे । इनके ऊपर भी जाँच चले व इनके फैसलों के लिये भी इन्हें उत्तरदायी ठहराये । इनका चयन upsc के माध्यम से करने का आदेश जारी करावे नही तो इन जजों को बर्खास्त करावे ।
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : बुधवार
दिनांक: 28 मई 2025
सूर्योदय : 5:26 प्रात:
सूर्यास्त : 7:10 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : शुक्ल
तिथि : द्वितीया 1:54 रात्रि तक फिर तृतीया
नक्षत्र : मृगशिरा 12:28 रात्रि तक फिर आर्द्रा
योग : धृति 7:08 सांय तक फिर शूल
राहुकाल : 12:18 - 2:01 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
दिन : बुधवार
दिनांक: 28 मई 2025
सूर्योदय : 5:26 प्रात:
सूर्यास्त : 7:10 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : शुक्ल
तिथि : द्वितीया 1:54 रात्रि तक फिर तृतीया
नक्षत्र : मृगशिरा 12:28 रात्रि तक फिर आर्द्रा
योग : धृति 7:08 सांय तक फिर शूल
राहुकाल : 12:18 - 2:01 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
मई 28, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
विवेकख्यातिरविप्लवा हानोपायः।
निरंतर अभ्यास से प्राप्त निश्चल और निर्दोष विवेकज्ञान हान(अज्ञानता) का उपाय है।
जय श्री गणेश
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
विवेकख्यातिरविप्लवा हानोपायः।
निरंतर अभ्यास से प्राप्त निश्चल और निर्दोष विवेकज्ञान हान(अज्ञानता) का उपाय है।
जय श्री गणेश
जय श्री राम
सृणिंवहन्तं षडक्षरात्मानमनल्पभूषं मुनीश्वरैर्भार्गवपूर्वकैश्च।
संसेवितं देवमनाथकल्पं रूपं मनोज्ञं शरणं प्रपद्ये॥
वेदान्तवेद्यं जगतामधीशं देवादिवन्द्यं सुकृतैकगम्यम्।
स्तम्बेरमास्यं नवचन्द्रचूडं विनायकं तं शरणं प्रपद्ये॥
ॐ श्री गणाधिपतये नमः
जयतु भारत राष्ट्रम्
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 28 मई को ज्येष्ठ शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि और बुधवार है द्वितीया आज देर रात 1:55 तक रहेगी आज शाम 7:09 तक धृति योग रहेगा आज दिन के समय चंद्रमा वृषभ राशि निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे साथ ही आज रात 12:29 तक मृगशिरा नक्षत्र रहेगा।
🌺🐀🙏🙏🐀🌺
संसेवितं देवमनाथकल्पं रूपं मनोज्ञं शरणं प्रपद्ये॥
वेदान्तवेद्यं जगतामधीशं देवादिवन्द्यं सुकृतैकगम्यम्।
स्तम्बेरमास्यं नवचन्द्रचूडं विनायकं तं शरणं प्रपद्ये॥
ॐ श्री गणाधिपतये नमः
जयतु भारत राष्ट्रम्
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 28 मई को ज्येष्ठ शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि और बुधवार है द्वितीया आज देर रात 1:55 तक रहेगी आज शाम 7:09 तक धृति योग रहेगा आज दिन के समय चंद्रमा वृषभ राशि निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे साथ ही आज रात 12:29 तक मृगशिरा नक्षत्र रहेगा।
🌺🐀🙏🙏🐀🌺
2029 के प्रधानमंत्री को लेकर देश की राजनीति में चर्चाएं अभी से शुरू हो चुकी हैं। नरेंद्र मोदी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और राहुल गांधी—ये चारों नाम वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में प्रमुखता से उभर रहे हैं। नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, उनकी कार्यशैली और संगठन पर पकड़ को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर वे चुनाव लड़ते हैं, तो 2029 में भी प्रधानमंत्री बनने के प्रबल दावेदार होंगे। फिलहाल बीजेपी में उनके समकक्ष कोई और चेहरा दिखाई नहीं देता।
2024 के चुनावों के बाद यह बहस भी तेज हुई है कि क्या यह मोदी जी का आखिरी कार्यकाल होगा, या वे 2029 तक भी सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे। अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस जैसे वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि मोदी जी ही 2029 में भी पार्टी का चेहरा रहेंगे, जिससे यह संकेत मिलता है कि उनके उत्तराधिकारी की कोई तत्काल योजना नहीं बनाई जा रही है।
ममता बनर्जी का नाम भी एक संभावित प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर उभर रहा है। पश्चिम बंगाल में उनकी लोकप्रियता और लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद, वे विपक्षी राजनीति की एक सशक्त नेता बन चुकी हैं। उन्होंने 2024 के चुनाव में भी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश की थी और उनकी स्वीकार्यता राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ी है। अगर विपक्ष किसी साझा चेहरे पर सहमति बनाता है, तो ममता बनर्जी एक मजबूत दावेदार बन सकती हैं।
अखिलेश यादव ने 2024 के चुनाव में समाजवादी पार्टी को नई ऊंचाई दी है और वे उत्तर भारत में विपक्ष के प्रमुख नेता के रूप में उभरे हैं। हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर अभी उन्हें और समर्थन और अनुभव की जरूरत है। फिर भी, अगर विपक्ष एकजुट होता है, तो वे एक अहम भूमिका निभा सकते हैं।
राहुल गांधी कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर लगातार सक्रिय हैं, लेकिन 2014, 2019 और 2024 के चुनाव परिणामों में उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। हालांकि 2024 में कांग्रेस की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन प्रधानमंत्री पद के लिए उन्हें विपक्ष और जनता दोनों का और अधिक समर्थन हासिल करना होगा।
राजनीति में परिस्थितियां तेज़ी से बदलती हैं। 2029 तक कौन कहां खड़ा होगा, यह कहना अभी मुश्किल है। मोदी जी की सक्रियता, विपक्ष की रणनीति, जनता की प्राथमिकताएं और देश के मुद्दे—इन सब पर निर्भर करेगा कि अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा। अगर मोदी जी चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें हराना आसान नहीं होगा।
2024 में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से विपक्ष को नई ऊर्जा मिली है। अगर वह संगठित होता है और एक मजबूत चेहरा सामने लाता है, तो मुकाबला कड़ा हो सकता है। लेकिन मौजूदा हालात में मोदी जी का पलड़ा अब भी भारी दिखता है।
आखिर में, लोकतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी निर्णायक होती है। 2029 में प्रधानमंत्री कौन बनेगा, यह पूरी तरह से वोट और राजनीतिक समीकरणों पर निर्भर करेगा।
2024 के चुनावों के बाद यह बहस भी तेज हुई है कि क्या यह मोदी जी का आखिरी कार्यकाल होगा, या वे 2029 तक भी सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे। अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस जैसे वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि मोदी जी ही 2029 में भी पार्टी का चेहरा रहेंगे, जिससे यह संकेत मिलता है कि उनके उत्तराधिकारी की कोई तत्काल योजना नहीं बनाई जा रही है।
ममता बनर्जी का नाम भी एक संभावित प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर उभर रहा है। पश्चिम बंगाल में उनकी लोकप्रियता और लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद, वे विपक्षी राजनीति की एक सशक्त नेता बन चुकी हैं। उन्होंने 2024 के चुनाव में भी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश की थी और उनकी स्वीकार्यता राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ी है। अगर विपक्ष किसी साझा चेहरे पर सहमति बनाता है, तो ममता बनर्जी एक मजबूत दावेदार बन सकती हैं।
अखिलेश यादव ने 2024 के चुनाव में समाजवादी पार्टी को नई ऊंचाई दी है और वे उत्तर भारत में विपक्ष के प्रमुख नेता के रूप में उभरे हैं। हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर अभी उन्हें और समर्थन और अनुभव की जरूरत है। फिर भी, अगर विपक्ष एकजुट होता है, तो वे एक अहम भूमिका निभा सकते हैं।
राहुल गांधी कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर लगातार सक्रिय हैं, लेकिन 2014, 2019 और 2024 के चुनाव परिणामों में उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। हालांकि 2024 में कांग्रेस की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन प्रधानमंत्री पद के लिए उन्हें विपक्ष और जनता दोनों का और अधिक समर्थन हासिल करना होगा।
राजनीति में परिस्थितियां तेज़ी से बदलती हैं। 2029 तक कौन कहां खड़ा होगा, यह कहना अभी मुश्किल है। मोदी जी की सक्रियता, विपक्ष की रणनीति, जनता की प्राथमिकताएं और देश के मुद्दे—इन सब पर निर्भर करेगा कि अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा। अगर मोदी जी चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें हराना आसान नहीं होगा।
2024 में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से विपक्ष को नई ऊर्जा मिली है। अगर वह संगठित होता है और एक मजबूत चेहरा सामने लाता है, तो मुकाबला कड़ा हो सकता है। लेकिन मौजूदा हालात में मोदी जी का पलड़ा अब भी भारी दिखता है।
आखिर में, लोकतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी निर्णायक होती है। 2029 में प्रधानमंत्री कौन बनेगा, यह पूरी तरह से वोट और राजनीतिक समीकरणों पर निर्भर करेगा।
बांग्लादेश और पाकिस्तान से होने वाली अवैध घुसपैठ का एक और इलाज है...
"नसबंदी"
जैसे ही भारत के किसी भी कोने में कोई अवैध घुसपैठिए पकडे जाते हैं, सरकार को उनकी पक्की नसबंदी कर देनी चाहिए और उन्हें वापस बार्डर के रास्ते उनके देश भेज देना चाहिए.
इससे दो लाभ होंगे;
पहला : घुसपैठियों में भय पैदा होगा और भारत में घुसने से घबराएंगे।
दूसरा: अवैध घुसपैठिया जिसकी नसबंदी हो चुकी है, वह भारत में तो क्या उनके देश में भी बच्चे पैदा नहीं कर सकेंगे।
भारत में यदि दुबारा घुसेगा तो भी डेमोग्राफी चेंज नहीं कर पाएगा. नसबंदी सबसे ताकतवर हथियार हैं.
जितनी भी महिलाएं जो भारत में रहकर पाकिस्तान के मुस्लिमों के बच्चे भारत में पैदा कर रही है, उनकी भी नसबंदी की जाए क्योंकि पाकिस्तान के बच्चे पालने का ठेका भारत सरकार ने नहीं लिया और इन घुसपैठियो का वोटर लिस्ट से नाम हटाया जाए।
"नसबंदी"
जैसे ही भारत के किसी भी कोने में कोई अवैध घुसपैठिए पकडे जाते हैं, सरकार को उनकी पक्की नसबंदी कर देनी चाहिए और उन्हें वापस बार्डर के रास्ते उनके देश भेज देना चाहिए.
इससे दो लाभ होंगे;
पहला : घुसपैठियों में भय पैदा होगा और भारत में घुसने से घबराएंगे।
दूसरा: अवैध घुसपैठिया जिसकी नसबंदी हो चुकी है, वह भारत में तो क्या उनके देश में भी बच्चे पैदा नहीं कर सकेंगे।
भारत में यदि दुबारा घुसेगा तो भी डेमोग्राफी चेंज नहीं कर पाएगा. नसबंदी सबसे ताकतवर हथियार हैं.
जितनी भी महिलाएं जो भारत में रहकर पाकिस्तान के मुस्लिमों के बच्चे भारत में पैदा कर रही है, उनकी भी नसबंदी की जाए क्योंकि पाकिस्तान के बच्चे पालने का ठेका भारत सरकार ने नहीं लिया और इन घुसपैठियो का वोटर लिस्ट से नाम हटाया जाए।
#महान_क्रांतिकारी , स्वतंत्रता सेनानी और हिन्दू संस्कृति के प्रखर समर्थक "#_स्वातंत्र्यवीर_सावरकर" की जयंती पर विशेष...
""""""
जो वर्षों तक लड़े जेल में , उनकी याद करें ।
जो फाँसी पर चढ़े खेल में , उनकी याद करें ।।
याद करें काला पानी को , अंग्रेजों की मनमानी को ।
कोल्हू में जुट तेल पेरते , सावरकर की बलिदानी को ।।
पूर्व प्रधानमंत्री #अटल_बिहारी बाजपेयी जी की ये पंक्तियाँ अनन्य देशभक्त , क्रांतिकारी वीर सावरकर के अदम्य साहस और भारतमाता के प्रति सर्वस्व समर्पित कर देने के उनके जज्बे का स्मरण कराती है | वीर सावरकर का व्यक्तित्व बहुआयामी था , वे क्रांतिकारी होने के साथ - साथ मौलिक चिंतक , समाजसुधारक , इतिहासकार व लेखक भी थे ।
( 28 मई 1883) को जन्म के बाद अपने माता - पिता से शिवाजी, महाराणा प्रताप तथा पेशवाओं की वीरगाथाएं सुन - सुनकर बड़े हुए | वीर सावरकर के व्यक्तित्व ने भारतीय युवाओं के हृदयँ में क्रांति की ज्वाला जगा दी थी....बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में जब स्वराज्य का नाम लेना भी देशद्रोह माना जाता था , पूर्ण स्वतंत्रता की पहली आवाज सावरकर ने ही बुलंद की थी | विदेशी वस्त्रों की पहली होली पूना में सावरकर जी ने 1905 में जलाई...अंग्रेजों ने वंदे मातरम् बोलने व लिखने पर प्रतिबन्ध लगा रखा था , ऐसे में भी लन्दन में 1857 की क्रांति के उपलक्ष्य में आयोजित स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के लिए छापे गए आमंत्रण पत्र पर " वंदे मातरम् " लिखकर उन्होंने अंग्रेजों को खुली चुनौती दी | बैरिस्टरी उत्रीर्ण करने के बाद ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति वफादार रहने की शपथ लेने से इनकार करने पर उन्हें अपनी बैरिस्टर डिग्री से वंचित रहने का गौरव भी प्राप्त है | सावरकर द्वारा लिखित '1857 का स्वतंत्रता संग्राम ' नामक ओजस्वी पुस्तक विश्व की प्रथम पुस्तक है , जिससे भयभीत अंग्रेज सरकार ने उसके प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंध लगा दिया था ।
#सावरकर ने ही भारत का पहला राष्ट्रध्वज तैयार कर उसे जर्मनी के स्टुटगार्ड नामक स्थान पर अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में मैडम भीखाजी कामा के द्वारा सन 1907 में फहरवाया था इंग्लैंड में उन्हें गिरफ्तार कर मुकदमा चलाने के लिए पानी के जहाज द्वारा भारत लाया जा रहा था | उस जहाज से गहरे समुद्र में छलांग लगाकर अंग्रेजी सैनिकों को चकमा देने के उनके साहसिक प्रयास ने सारे विश्व में खलबली मचा दी थी | अंग्रेजी सैनिकों की गोलियों की बौछार के बीच में वे तैरते हुए फ़्रांस की भूमि पर पहुँच गए थे | अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध क्रांति का बिगुल बजाने के अपराध में एक ही जन्म में दो - दो आजन्म सश्रम कारावास की सजा पाने वाले सावरकर न केवल पहले अपितु अकेले भारतीय थे | उनकी सारी सम्पतियां अंग्रेजों ने जब्त कर ली थी , उनके परिवार को भीषण कष्टों का सामना करना पड़ा | उनके अन्य दो भाइयों को भी क्रांति में भाग लेने पर अंग्रेजों ने जेल में दाल दिया था।
खतरनाक मुजरिम मानते हुए सावरकर को कालापानी ( सेक्युलर जेल , अंडमान व निकोबार ) भेज दिया गया | जेल में सावरकर को कोल्हू में बैल की तरह जोतकर तेल पिरवाया जाता था | मूँज कुटवाकर जब तक हांथों से खून न टपकने लगे उसकी रस्सी बटवाई जाती थी | उनके बड़े भाई गणेश सावरकर भी उन दिनों सेक्युलर जेल में ही बंद थे परंतु वर्षों तक दोनों भाइयों को मिलने तक नहीं दिया गया | जेल में अमावनीय अत्याचारों का वर्णन सावरकर जी ने "माझी जन्मठेप" ( मेरा आजीवन कारावास ) नामक पुस्तक में किया है | लेखन सामग्री के आभाव में उन्होंने जेल की कोठरी की दीवारों पर कीलों और काँटों की मदद से ' कमला काव्य ' जैसी उत्कृष्ट कृति की रचना की |
#कालापानी में भीषण शारीरिक और मानसिक यातनाएं सहते हुए भी सावरकर जी ने अपनी प्रबल देशभक्ति की ज्योति को जगाये रखा | यह अत्यंत खेद का विषय है की इतने कष्टों व त्याग के बाद भी सावरकर जी को कांग्रेस द्वारा अनेकों बार उपेक्षित , अपमानित व प्रताड़ित किया गया | यह अदभुत क्रांतिवीर 26 फ़रवरी 1966 को हमेशा - हमेशा के लिए विदा हो गया परंतु उनका चरित्र भारतीय युवाओं को युगों - युगों तक प्रेरित करता रहेगा।
#वन्देमातरम् ।।
""""""
जो वर्षों तक लड़े जेल में , उनकी याद करें ।
जो फाँसी पर चढ़े खेल में , उनकी याद करें ।।
याद करें काला पानी को , अंग्रेजों की मनमानी को ।
कोल्हू में जुट तेल पेरते , सावरकर की बलिदानी को ।।
पूर्व प्रधानमंत्री #अटल_बिहारी बाजपेयी जी की ये पंक्तियाँ अनन्य देशभक्त , क्रांतिकारी वीर सावरकर के अदम्य साहस और भारतमाता के प्रति सर्वस्व समर्पित कर देने के उनके जज्बे का स्मरण कराती है | वीर सावरकर का व्यक्तित्व बहुआयामी था , वे क्रांतिकारी होने के साथ - साथ मौलिक चिंतक , समाजसुधारक , इतिहासकार व लेखक भी थे ।
( 28 मई 1883) को जन्म के बाद अपने माता - पिता से शिवाजी, महाराणा प्रताप तथा पेशवाओं की वीरगाथाएं सुन - सुनकर बड़े हुए | वीर सावरकर के व्यक्तित्व ने भारतीय युवाओं के हृदयँ में क्रांति की ज्वाला जगा दी थी....बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में जब स्वराज्य का नाम लेना भी देशद्रोह माना जाता था , पूर्ण स्वतंत्रता की पहली आवाज सावरकर ने ही बुलंद की थी | विदेशी वस्त्रों की पहली होली पूना में सावरकर जी ने 1905 में जलाई...अंग्रेजों ने वंदे मातरम् बोलने व लिखने पर प्रतिबन्ध लगा रखा था , ऐसे में भी लन्दन में 1857 की क्रांति के उपलक्ष्य में आयोजित स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के लिए छापे गए आमंत्रण पत्र पर " वंदे मातरम् " लिखकर उन्होंने अंग्रेजों को खुली चुनौती दी | बैरिस्टरी उत्रीर्ण करने के बाद ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति वफादार रहने की शपथ लेने से इनकार करने पर उन्हें अपनी बैरिस्टर डिग्री से वंचित रहने का गौरव भी प्राप्त है | सावरकर द्वारा लिखित '1857 का स्वतंत्रता संग्राम ' नामक ओजस्वी पुस्तक विश्व की प्रथम पुस्तक है , जिससे भयभीत अंग्रेज सरकार ने उसके प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंध लगा दिया था ।
#सावरकर ने ही भारत का पहला राष्ट्रध्वज तैयार कर उसे जर्मनी के स्टुटगार्ड नामक स्थान पर अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में मैडम भीखाजी कामा के द्वारा सन 1907 में फहरवाया था इंग्लैंड में उन्हें गिरफ्तार कर मुकदमा चलाने के लिए पानी के जहाज द्वारा भारत लाया जा रहा था | उस जहाज से गहरे समुद्र में छलांग लगाकर अंग्रेजी सैनिकों को चकमा देने के उनके साहसिक प्रयास ने सारे विश्व में खलबली मचा दी थी | अंग्रेजी सैनिकों की गोलियों की बौछार के बीच में वे तैरते हुए फ़्रांस की भूमि पर पहुँच गए थे | अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध क्रांति का बिगुल बजाने के अपराध में एक ही जन्म में दो - दो आजन्म सश्रम कारावास की सजा पाने वाले सावरकर न केवल पहले अपितु अकेले भारतीय थे | उनकी सारी सम्पतियां अंग्रेजों ने जब्त कर ली थी , उनके परिवार को भीषण कष्टों का सामना करना पड़ा | उनके अन्य दो भाइयों को भी क्रांति में भाग लेने पर अंग्रेजों ने जेल में दाल दिया था।
खतरनाक मुजरिम मानते हुए सावरकर को कालापानी ( सेक्युलर जेल , अंडमान व निकोबार ) भेज दिया गया | जेल में सावरकर को कोल्हू में बैल की तरह जोतकर तेल पिरवाया जाता था | मूँज कुटवाकर जब तक हांथों से खून न टपकने लगे उसकी रस्सी बटवाई जाती थी | उनके बड़े भाई गणेश सावरकर भी उन दिनों सेक्युलर जेल में ही बंद थे परंतु वर्षों तक दोनों भाइयों को मिलने तक नहीं दिया गया | जेल में अमावनीय अत्याचारों का वर्णन सावरकर जी ने "माझी जन्मठेप" ( मेरा आजीवन कारावास ) नामक पुस्तक में किया है | लेखन सामग्री के आभाव में उन्होंने जेल की कोठरी की दीवारों पर कीलों और काँटों की मदद से ' कमला काव्य ' जैसी उत्कृष्ट कृति की रचना की |
#कालापानी में भीषण शारीरिक और मानसिक यातनाएं सहते हुए भी सावरकर जी ने अपनी प्रबल देशभक्ति की ज्योति को जगाये रखा | यह अत्यंत खेद का विषय है की इतने कष्टों व त्याग के बाद भी सावरकर जी को कांग्रेस द्वारा अनेकों बार उपेक्षित , अपमानित व प्रताड़ित किया गया | यह अदभुत क्रांतिवीर 26 फ़रवरी 1966 को हमेशा - हमेशा के लिए विदा हो गया परंतु उनका चरित्र भारतीय युवाओं को युगों - युगों तक प्रेरित करता रहेगा।
#वन्देमातरम् ।।
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : गुरुवार
दिनांक: 29 मई 2025
सूर्योदय : 5:26 प्रात:
सूर्यास्त : 7:10 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : शुक्ल
तिथि : तृतीया 11:18 रात्रि तक फिर चतुर्थी
नक्षत्र : आर्द्रा 10:38 रात्रि तक फिर पुनर्वसु
योग : शूल 3:46 सांय तक फिर गण्ड
राहुकाल : 2:01 - 3:45 सांय तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
दिन : गुरुवार
दिनांक: 29 मई 2025
सूर्योदय : 5:26 प्रात:
सूर्यास्त : 7:10 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : शुक्ल
तिथि : तृतीया 11:18 रात्रि तक फिर चतुर्थी
नक्षत्र : आर्द्रा 10:38 रात्रि तक फिर पुनर्वसु
योग : शूल 3:46 सांय तक फिर गण्ड
राहुकाल : 2:01 - 3:45 सांय तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम