धर्म ज्ञान : जय श्री राम
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सत्य पंथ का करी प्रचारा॥
देश धर्म का करि विस्तारा ||
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मई 13, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय  हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः ।
चित्त की वृत्तियों के निरोध का नाम योग है ।
जय श्री बजरंगबली
जय श्री राम
भुजङ्गप्रयातस्फुरद्भक्तिगीतं भुजङ्गप्रयातप्रगीतिप्रमोदम्।
भुजङ्गावतारानुजप्रेष्ठभक्तं भजे मारुतिं तं सभक्तं सुभद्रम्॥
सुभद्रं वरानन्दरामानुरागं सुभद्रं स्वरानन्दनामाभिगेयम्।
सुभद्रं वरारामरामोपसेवं सुभद्रं हनूमन्तधीरं भजेहम्॥
श्रीसीतारामभक्ताय रामनामरताय च।
नामगानाभिलोलाय आञ्जनेयाय मङ्गलम्॥
ॐ श्री सीतारामाभ्यां नमः
ॐ श्री पवनतनये नमः
जयतु भारत राष्ट्रम्
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 13 मई को ज्येष्ठ कृष्णपक्ष की प्रतिपदा तिथि और मंगलवार है प्रतिपदा रात 12:36 तक रहेगी 13 मई को पूरा दिन पूरी रात पार कर बुधवार सुबह 6:34तक परिघ योग रहेगा साथ ही सुबह 9:09 तक विशाखा नक्षत्र रहेगा उसके बाद अनुराधा नक्षत्र लग जाएगा इसके अलावा 13 मई से ज्येष्ठ महीने का आरंभ होगा व पहला बड़ा मंगल है।
🌺🌼🙏🙏🌼🌺
सनातन धर्म का
वट वृक्ष "वेद" तो तना है "पुराण"
फूलपत्तियों
और फलों से लदी हुई
बहुत सी टहनियों वाला
हिन्दू धर्म का वटवृक्ष वेदों की गहराई तक फैली जड़ों पर टिका हुआ है।
पर उसका तना क्या है?
उसका तना है पुराण।
अगर हिन्दू धर्म को
एक बहुमंजिला भव्य इमारत कहा जाए तो "वेद" उसकी नींव कहा जाएगा और "पुराण" उसके खम्भे जिसपर उसकी छतें टिकी हुई हैं।
आज संसार में जितना भी हिन्दू धर्म बचा हुआ है सब पुराणों पर अवलम्बित है।
पुराणों को इसमें से हटा दें
तो सनातन वटवृक्ष औंधे मुंह गिर पड़ेगा और सनातन धर्म का महल जमींदोज हो जाएगा।
जय श्री राम
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : बुधवार
दिनांक: 14 मई 2025
सूर्योदय : 5:34 प्रात:
सूर्यास्त : 7:01 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : कृष्ण
तिथि : द्वितीया 2:29 रात्रि तक फिर तृतीया
नक्षत्र : अनुराधा 11:46 पूर्वाह्न तक फिर ज्येष्ठा
योग : परिध 6:33 प्रातः तक फिर शिव
राहुकाल : 12:17 - 1:58 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
मई 14, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय  हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
अश्वस्य भूषणं वेगो मत्तं स्याद् गजभूषणं ।
चातुर्यम् भूषणं नार्या उद्योगो नरभूषणं ॥
घोडे की शोभा (प्रशंसा ) उसके वेग के कारण होती है और हाथी की उसकी मदमस्त चाल से होती है |
नारियों की शोभा उनकी विभिन्न कार्यों मे दक्षता के कारण और पुरुषों की उनकी उद्द्योगशीलता के
कारण होती है |
जय श्री गणेश
जय श्री राम
ॐ शरान्धनुः पाशासृणी स्वहस्तैर्दधानमारक्तसरोरुहस्थम्।
विवस्त्रपत्न्यां सुरतप्रवृत्तमुच्छिष्टमम्बासुतमाश्रयेऽहम्॥
चतुर्भुजं रक्ततनुं त्रिनेत्रं पाशाङ्कुशौ मोदकपात्रदन्तौ।
करैर्दधानं सरसीरुहस्थमुन्मत्तमुच्छिष्टगणेशमीडे॥
ॐ श्री गणाधिपतये नमः
जयतु भारत राष्ट्रम्
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 14 मई को ज्येष्ठ कृष्णपक्ष की द्वितीया तिथि और बुधवार है द्वितीया आज देर रात 2:30तक रहेगी आज पूरा दिन पूरी रात पार कर कल सुबह 7:02 तक शिवयोग रहेगा साथ ही आज दोपहर पहले 11:47तक अनुराधा नक्षत्र रहेगा इसके अलावा आज रात 12:11 मिनट पर सूर्य वृष राशि में प्रवेश करेंगे।
🌺🐀🙏🙏🐀🌺
सीजफायर हुआ।

मजा नहीं आया।

पर युद्ध क्या मजा देता है? नहीं... भारत मजे के लिए युद्ध नहीं करता।

तो हम निराश क्यों हुए?

केवल इसलिए कि

1. पीओके हमारे साथ नहीं मिलाया गया।
2. बलूचिस्तान अलग देश नहीं बना।
3. KP के रूप में नया देश सामने नहीं आया।

पर हमें लाभ क्या हुए?

1. शिमला समझौते से मुक्ति मिली।
2. सिंधु जल समझौते से मुक्ति मिली।
3. भारत की सैन्य श्रेष्ठता स्थापित हुई।
4. तुर्की और अज़रबैजान जैसे देशों की दोस्ती साफ हुई, इन का उम्मत के लिए प्रेम शायद योजनाकार स्पष्ट रूप से समझें, हमारे देशवासी अगर समझेंगे तो इन देशों के पर्यटन को झटका लगेगा।
5. पापिस्तान के परमाणु शक्ति संपन्न होने के ढ़ोल की पोल खुल गई। काठ की हांडी अब अगली बार नहीं चढ़ेगी।

6.भारत को ब्रह्मोस मिसाइल के कई देशों से हजारों करोड़ के ऑर्डर मिले।

और भी फायदे हुए होंगे जो वक्त के साथ सामने आएंगे।

भारत का क्षमाशील होना कमजोर की क्षमा नहीं, वीर की क्षमा है। संसार अब इस बात को समझ चुका होगा।
मैं हमेशा से कहते आया हूँ की दो पार्टिया ऐसी है जिसके समर्थक सबसे बड़े जाहिल है एक तो समाजवादी पार्टी और एक राष्ट्रीय जानता दल उनको कुछ नहीं पता होता की सरकार कैसे चलती है कैसे नीतिया बनती है कैसे क़ानून बनते है वो सब जाहिल बस जाति आधारित नेता के चेहरे पे वोट दे देते है उसका सबसे बड़ा नमूना ये भी है जिसके हर पोस्ट में जाहिलियत झलकती है इसे लगता है POK छोले भटूरे की प्लेट है जो ऑर्डर किया और आ गया, अबे जाहिल ऐसे कदम उठाने से पहले पूरे विश्व को साथ लाना पड़ता है जिसमे कूटनीति काम आती है जो नरेंद्र मोदी जी कर रहे है।
वैसे इनके इंडी अलायन्स के पार्टनर की जब सरकार थी तब ये जम्मू कश्मीर की बात करते थे आज बीजेपी की सरकार है तो POK पे बात होती है इनको ये अंतर नहीं समझ में आता क्योकि ये जाहिल लोग है इनके नेताओ ने इनका जीवन स्तर उचा उठाने के लिए कुछ किया ही नहीं क्योकि उनको पता है की ये पढ़ लिख गए तो हमे जूते से मार के भगायेंगे
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : गुरुवार
दिनांक: 15 मई 2025
सूर्योदय : 5:38 प्रात:
सूर्यास्त : 7:00 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : कृष्ण
तिथि : तृतीया
नक्षत्र : ज्येष्ठा 1:58 अपराह्न तक फिर मूल
योग : शिव 6:54 प्रातः तक फिर सिद्ध
राहुकाल : 1:48 - 3:26 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
*#नए_cji_इन_सवालों_का_क्या_जबाब_देंगे ???*

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को आदेश दिया था कि तीन महीने में विधेयक पर निर्णय करें

अब महामहिम राष्ट्रपति मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से ये 14 सवाल पूछे हैं-

1. राज्यपाल के समक्ष अगर कोई विधेयक पेश किया जाता है तो संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत उनके पास क्या विकल्प हैं?

2. क्या राज्यपाल इन विकल्पों पर विचार करते समय मंत्रिपरिषद की सलाह से बंधे हैं?

3. क्या अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल द्वारा लिए गए फैसले की न्यायिक समीक्षा हो सकती है?

4. क्या अनुच्छेद 361 राज्यपाल द्वारा अनुच्छेद 200 के तहत लिए गए फैसलों पर न्यायिक समीक्षा को पूरी तरह से रोक सकता है?

5. क्या अदालतें राज्यपाल द्वारा अनुच्छेद 200 के तहत लिए गए फैसलों की समयसीमा तय कर सकती हैं, जबकि संविधान में ऐसी कोई समयसीमा तय नहीं की गई है?

6. क्या अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति द्वारा लिए गए फैसले की समीक्षा हो सकती है?

7. क्या अदालतें अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति द्वारा फैसला लेने की समयसीमा तय कर सकती हैं?

8. अगर राज्यपाल ने विधेयक को फैसले के लिए सुरक्षित रख लिया है तो क्या अनुच्छेद 143 के तहत सुप्रीम कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट की सलाह लेनी चाहिए?

9. क्या राज्यपाल और राष्ट्रपति द्वारा क्रमशः अनुच्छेद 200 और 201 के तहत लिए गए फैसलों पर अदालतें लागू होने से पहले सुनवाई कर सकती हैं।

10. क्या सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 142 के द्वारा राष्ट्रपति और राज्यपाल की संवैधानिक शक्तियों में बदलाव कर सकता है?

11. क्या अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल की मंजूरी के बिना राज्य सरकार कानून लागू कर सकती है?

12. क्या सुप्रीम कोर्ट की कोई पीठ अनुच्छेद 145(3) के तहत संविधान की व्याख्या से जुड़े मामलों को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच को भेजने पर फैसला कर सकती है?

13. क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसे निर्देश/आदेश दे सकता है जो संविधान या वर्तमान कानूनों मेल न खाता हो?

14. क्या अनुच्छेद 131 के तहत संविधान इसकी इजाजत देता है कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवाद सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही सुलझा सकता है?
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : शुक्रवार
दिनांक: 16 मई 2025
सूर्योदय : 5:49 प्रात:
सूर्यास्त : 6:57 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : कृष्ण
तिथि : चतुर्थी 5:13 प्रातः तक फिर पंचमी
नक्षत्र : मूल 4:07 सांय तक फिर पूर्वाषाढ़ा
योग : सिद्ध 7:14 प्रातः तक फिर साध्य
राहुकाल : 10:44 - 12:23 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
मई 16, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय  हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
निरपेक्षो निर्विकारो निर्भरः शीतलाशयः ।
अगाधबुद्धिरक्षुब्धो भव चिन्मात्रवासनः ॥
आप सुख साधन रहित, परिवर्तनहीन, निराकार, अचल, अथाह जागरूकता और अडिग हैं, इसलिए अपनी जागृति को पकड़े रहो ।
जय माँ लक्ष्मी
जय श्री राम
चतुर्भुजं रक्ततनुं त्रिनेत्रं पाशाङ्कुशौ मोदकपात्रदन्तौ।
करैर्दधानं सरसीरुहस्थमुन्मत्तमुच्छिष्टगणेशमीडे॥
धनसद्भक्तिदे लक्ष्मि धनसद्बुद्धिदायिनि।
धनकाञ्चनसद्गुण्ये धनलक्ष्मि नमोस्तु ते॥
अष्टादशसुसन्नाम्न्यै अष्टाक्षर्यै सुमङ्गलम्।
मनःकमलवासिन्यै महालक्ष्म्यै सुमङ्गलम्॥
ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ पद्मायै नमः
ॐ प्रकृत्यै नमः
वन्देमातरम्
स्वस्तिर्अस्तु
प्रातर्नमामि
आज 16 मई को ज्येष्ठ कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि और शुक्रवार है चतुर्थी आज पूरा दिन पूरी रात पार कर कल सुबह 5:14 तक रहेगी साथ ही कल सुबह 7:09 तक साध्य योग रहेगा साथ ही आज शाम 4:08 तक मूल नक्षत्र रहेगा इसके अलावा आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत है।
🪷🦉🙏🙏🦉🪷
मई 16, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
भेदे गणा: विनश्येयु: भिन्नास्तु सुजया: परै: तस्मात् संघातयोगेन प्रयतेरन् गणा: सदा।
गणराज्य मे अगर एकता न हो तो वह नष्ट हो जाता है, क्योंकि एकता न होने पर शत्रु को उसे नष्ट करने मे आसानी होती है। इसीलिए गणराज्य हमेशा एक रहना चाहिये।
जय माता दी
जय श्री राम
सनातन धर्म
इतिहास और 18 पुराण
भारतीय ही नहीं
विश्व इतिहास के ग्रन्थ भी संसार में "पुराण" ही हैं।
"पुराणों" को छोड़कर विश्व इतिहास की कोई श्रृंखला नहीं बैठ सकती।
"पुराण" नाम ही स्पष्ट है कि
इसका सम्बन्ध "पुराना" से है।
भारतीय इतिहास के मुख्य ग्रन्थ हैं "रामायण" और "महाभारत"।
पर इन दो ग्रन्थों में केवल उस काल का नहीं पीछे का भी बहुत सा इतिहास है।
रामायण और पूरे महाभारत में अनेक राजवंशों और ऋषियों की परम्पराओं का इतिहास बिखरा हुआ है।
18 पुराणों में से एक "हरिवंश पुराण" महाभारत का ही अंतिम पर्व है जिसमें श्रीराम के जीवन का भी वर्णन है।
अतः "इतिहास" और "पुराण" आपस में गुंथे हुए हैं।
पुराण
केवल इतिहास ही नहीं
बल्कि सनातन संस्कृति के मंथन से निकला अमृत कलश हैं।
हिन्दू धर्म में जितनी भी
"परम्पराएं" "रीतियाँ" "दान दक्षिणा" "सेवा" "परोपकार" आदि "आचार" "वीरता" "दयालुता" "क्षमाशीलता" "वचननिष्ठा" आदि व्यवहार देखा जाता है तो सब "पुराणों" की कथाओं से ही सीखा जाता है। जप-तप-नियम-शुद्धता-भक्ति-गौप्रेम आदि सभी कुछ पुराण से ही सीखा जाता है।
ऐसे में "पुराण" ही हिन्दू समाज के "टॉर्च की रोशनी" की तरह हैं जिन्होंने कलियुग के काले अंधेरे में धर्म को प्रकाश दिखाए रखा।
भारतीय मनीषा कला और विद्याओं का संरक्षण किया।
और गुलामी विधर्मियों के अत्याचार मलेच्छ संस्कृतियों के संसर्ग अन्य ग्रन्थों के लुप्त या लुप्तप्राय हो जाने पर भी हिन्दू होने के बोध को खत्म नहीं होने दिया।
वेद भी स्वयं कहते हैं कि
मनुष्य "पुराणवत आचरण" करें
प्राणो वा आशाया भूयान्यथा वा अरा नाभौ समर्पिता एवमस्मिन्प्राणे सर्वं समर्पितम
प्राणः प्राणेन याति प्राणः प्राणं ददाति प्राणाय ददाति
प्राणो ह पिता माता प्राणो भ्राता प्राणः स्वसा प्राण आचार्य: प्राणो ब्राह्मण: ||
जीव में प्राण ही सर्व श्रेष्ठ है।
जैसे चक्र की नाभि केंद्र में अरे तीलिया समर्पित रहते है।
वैसे ही प्राण में सम्पूर्ण जगत समर्पित है।
प्राण से ही प्राणी और जीवात्मा मनन चिंतन और गमन आदि कर्म की शक्ति प्राप्त करता है।
प्राण ही पिता है।
प्राण ही माता है।
प्राण ही गुरु और ब्राह्मण है।
प्राण ही मित्र बहन भाई है।
और प्राण ही पुत्र तथा पुत्री है।
यदि कोई पुत्र या शिष्य अपने माता पिता के जीवित होते हुए उसे अपशब्द कहे प्रताणित करे या मारे तो उसे "पितृहन्ता" कहा जाता है।
किंतु वही पुत्र
अपने प्राणहीन मृत गुरु और पिता को अग्नि में जलाता है तो उसे अंतिम संस्कार "और्ध्वदेहिक संस्कार" करने का सौभाग्य प्राप्त होना कहा जाता है।
अर्थात
प्राण ही पिता माता और गुरु है।
प्राण ही रिश्ता है।
प्राण ही सम्बन्ध है।
प्राण ही कर्म और कर्तव्य है।
प्राण ही धर्म है।
प्राण ही प्राणी का जीवंत स्वरूप और अस्तित्त्व है।
सब कुछ केवल प्राण में ही निहित है।
प्राण नही तो कुछ भी नही है।
जय श्री कृष्ण
जो मोदी से 100 से ज़्यादा चुनाव हारे हैं वो बता रहे है पाकिस्तान से कैसे लड़ना चाहिए । एक #लोकगणिका बार बार ये बता रही है कि बिहार और बंगाल चुनाव जीतने के लिए पाकिस्तान पर ये हमला किया यहाँ तक कि पहलगाम की घटना का उल्टा नेरेटिव सेट करने में लगी हुई है । अबे मक्खी मच्छरों तुम्हारे भुनभुनाने से कुछ नहीं होगा अब । गुप्त परमाणु ठिकाने पर जो ब्रह्मोस मार कर तीसरे दिन शांति कि स्थापना कर सकता है उसे कूट नीति मत सिखाओ !! तुम पाकिस्तान के फेक वीडियो सर्क्युलेट करो बस ।
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : शनिवार
दिनांक: 17 मई 2025
सूर्योदय : 5:30 प्रात:
सूर्यास्त : 6:57 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : ज्येष्ठ
पक्ष : कृष्ण
तिथि : पंचमी
नक्षत्र : पूर्वाषाढ़ा 5:43 सांय तक फिर उत्तराषाढ़ा
योग : साध्य 7:08 प्रातः तक फिर शुभ
राहुकाल : 8:54 - 10:36 प्रातः तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
मई 17, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय  हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
यावद्बध्दो मरुद देहे यावच्चित्तं निराकुलम्।
यावद्द्रॄष्टिभ्रुवोर्मध्ये तावत्कालभयं कुत
जब तक शरीर में सांस रोक दी जाती है, जब तक मन अबाधित रहता है, और जब तक ध्यान दोनों भौंहों के बीच लगा है, तब तक मृत्यु से कोई भय नहीं है।
जय श्री शनिदेव
जय श्री राम