इस वक्त सबसे ज्यादा डरे घबराए असीम मुनीर है
उसे मालूम है कि भारत ने जो सिंधु नदी के पानी की चोट दी है यह चोट पाकिस्तान पर सबसे बड़ा वार है
पाकिस्तान कह चुका कि हमने इसे युद्ध का ऐलान माना है
अब जब तुमने युद्ध का ऐलान मान लिया तो फ्लाइट बंद कर देने से कोई जवाबी कार्रवाई नहीं होती उसके लेवल की कार्रवाई करो
इधर जल शक्ति मंत्रालय ने भी पांच मोर्चे पर काम करना शुरू कर दिया है साफ कह दिया गया है एक बूंद पानी नहीं जाने देंगे डैम से सिल्ट हटाएंगे वॉटर होल्डिंग कैपेसिटी बढ़ाएंगे बगल में दो-तीन और रिजर्वायर बनाएंगे कैनाल प्रोजेक्ट बनाकर दूसरी नदियों को जोड़ेंगे डैम को और ज्यादा गहरा और चौड़ा किया जाएगा
पाकिस्तान में कोई उद्योग धंधे नहीं है पाकिस्तान बाइक तक नहीं बनता कार की तो दूर की बात है वहां चीन से होंडा बाइक की सप्लाई होती है
पूरा पाकिस्तान एग्रीकल्चर पर निर्भर है
नेहरू की मेहरबानी से पाकिस्तान को खूब पानी मिल रहा था और सर गंगाराम ने यह सोचा नहीं होगा कि कभी देश का बंटवारा होगा तो उन्होंने बड़े पैमाने पर कैनाल का जाल बिछाया उसके बाद अंग्रेजों ने सिंध में बड़े पैमाने पर कैनाल बनाया ताकि खूब खेती हो और अंग्रेज यहां की फसल पूरी दुनिया के बाजार में बेच सके
नेहरू का दिल भारत के लिए नहीं बल्कि पाकिस्तान के लिए धड़कता था इसीलिए वह भारत के कच्छ राजस्थान को सूखा छोड़कर सारा पानी पाकिस्तान को दे दिए
खुद पाकिस्तान के विशेषज्ञ टीवी चैनलों पर बता रहे हैं कि अगर भारत सिर्फ 10% पानी भी रोक दे तो हमारी 30% जमीन बंजर हो जाएगी क्योंकि भारत ने पहले ही सतलज और रवि का पानी पूरी तरह से बंद कर दिया है
और अगर भारत डैम की सफाई कर दे उसकी वॉटर होल्डिंग कैपेसिटी बढ़ा दे और उसे एरिया में दो-तीन और वाटर रिजर्वायर बना दे या फिर कैनाल से सिंधु नदी को चैनेलाइज कर दे तो पाकिस्तान बर्बाद हो जाएगा
नतीजा यह होगा कि पाकिस्तान की जनता खुद जनरल असीम मुनीर के खिलाफ बगावत कर देगी और यह बात असीम मुनीर अच्छी तरह से समझता है इसीलिए उसने अपने पूरे परिवार को अमेरिका भेज दिया और खुद इंतजार कर रहा है कि अब क्या किया जाए
असीम मुनीर यह भी जानता है कि वह एक शिया मुस्लिम है और उसके खिलाफ बगावत का यह सबसे बड़ा हथियार बनेगा कि ये शिया है यह गद्दार है यह भारत के साथ मिलकर हमको बर्बाद किया
उसे मालूम है कि भारत ने जो सिंधु नदी के पानी की चोट दी है यह चोट पाकिस्तान पर सबसे बड़ा वार है
पाकिस्तान कह चुका कि हमने इसे युद्ध का ऐलान माना है
अब जब तुमने युद्ध का ऐलान मान लिया तो फ्लाइट बंद कर देने से कोई जवाबी कार्रवाई नहीं होती उसके लेवल की कार्रवाई करो
इधर जल शक्ति मंत्रालय ने भी पांच मोर्चे पर काम करना शुरू कर दिया है साफ कह दिया गया है एक बूंद पानी नहीं जाने देंगे डैम से सिल्ट हटाएंगे वॉटर होल्डिंग कैपेसिटी बढ़ाएंगे बगल में दो-तीन और रिजर्वायर बनाएंगे कैनाल प्रोजेक्ट बनाकर दूसरी नदियों को जोड़ेंगे डैम को और ज्यादा गहरा और चौड़ा किया जाएगा
पाकिस्तान में कोई उद्योग धंधे नहीं है पाकिस्तान बाइक तक नहीं बनता कार की तो दूर की बात है वहां चीन से होंडा बाइक की सप्लाई होती है
पूरा पाकिस्तान एग्रीकल्चर पर निर्भर है
नेहरू की मेहरबानी से पाकिस्तान को खूब पानी मिल रहा था और सर गंगाराम ने यह सोचा नहीं होगा कि कभी देश का बंटवारा होगा तो उन्होंने बड़े पैमाने पर कैनाल का जाल बिछाया उसके बाद अंग्रेजों ने सिंध में बड़े पैमाने पर कैनाल बनाया ताकि खूब खेती हो और अंग्रेज यहां की फसल पूरी दुनिया के बाजार में बेच सके
नेहरू का दिल भारत के लिए नहीं बल्कि पाकिस्तान के लिए धड़कता था इसीलिए वह भारत के कच्छ राजस्थान को सूखा छोड़कर सारा पानी पाकिस्तान को दे दिए
खुद पाकिस्तान के विशेषज्ञ टीवी चैनलों पर बता रहे हैं कि अगर भारत सिर्फ 10% पानी भी रोक दे तो हमारी 30% जमीन बंजर हो जाएगी क्योंकि भारत ने पहले ही सतलज और रवि का पानी पूरी तरह से बंद कर दिया है
और अगर भारत डैम की सफाई कर दे उसकी वॉटर होल्डिंग कैपेसिटी बढ़ा दे और उसे एरिया में दो-तीन और वाटर रिजर्वायर बना दे या फिर कैनाल से सिंधु नदी को चैनेलाइज कर दे तो पाकिस्तान बर्बाद हो जाएगा
नतीजा यह होगा कि पाकिस्तान की जनता खुद जनरल असीम मुनीर के खिलाफ बगावत कर देगी और यह बात असीम मुनीर अच्छी तरह से समझता है इसीलिए उसने अपने पूरे परिवार को अमेरिका भेज दिया और खुद इंतजार कर रहा है कि अब क्या किया जाए
असीम मुनीर यह भी जानता है कि वह एक शिया मुस्लिम है और उसके खिलाफ बगावत का यह सबसे बड़ा हथियार बनेगा कि ये शिया है यह गद्दार है यह भारत के साथ मिलकर हमको बर्बाद किया
लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर हमले शुरु हो चुके है, युद्ध के पूरे आसार है किसी भी समय हो सकता है... अच्छी बात यही है कि फायरिंग पाकिस्तान ने शुरू की।
1950 मे नेहरूजी ने सिंधु नदी का पानी रुकवा दिया था जिस वजह से पाकिस्तान मे भयावह सूखा पड़ा। इसके बाद नेहरू लियाकत समझौता हुआ और उसके बाद मे थोड़ा पानी छोड़ा गया।
अमेरिका को ये डर था कि पाकिस्तान सूखे के चक़्कर मे सोवियत संघ के खेमे मे ना चला जाए। इसीलिए 1960 मे वर्ल्ड बैंक को गवाह बनाकर ये सिंधु जल संधि की गयी थी, नेहरूजी की इसमें कोई गलती नहीं थी क्योंकि वो दौर अलग था।
भारत युद्ध नहीं झेल सकता था, उस समय तक कश्मीर के अलावा कोई और युद्ध हुआ भी नहीं था। ऐसे मे देखा जाए तो नेहरूजी ने इसे शान्ति का मार्ग देखा होगा।
लेकिन नेहरूजी तो क्या उस पीढ़ी के लोग कभी पाकिस्तान को समझ ही नहीं सके, पाकिस्तान एक देश नहीं है बल्कि एंटी इंडिया मूवमेंट है।
पाकिस्तान ने हजारों बार प्रॉक्सी युद्ध किये, लेकिन पहलगाम मे जो हुआ वो सबसे भयावह तो नहीं था मगर सोशल मीडिया ने अब इस पर एक रस्सी बाँध दी।
ऊपर से अब सरकार भी ऐसी है जिसकी सहनशीलता अब तक की सभी सरकारो मे सबसे कम है, 65 साल बाद आखिर ये संधि खत्म हुई। गर्मी का मौसम है आप पूरा पानी मत रोको मगर यदि 10% भी रोक दिया तो पाकिस्तान की क़ृषि या उद्योग मे से कोई एक सूख जाएगा।
ये समय अब बिना किंतु परंतु सरकार के साथ खड़े होने का है, हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि युद्ध शुरू हो तो सारा काम सेना ही नहीं करेंगी कुछ युद्ध हमें भी लड़ने होंगे।
युद्ध होगा तो सैकड़ो मे या शायद हजारों मे हमारे सैनिक मारे जाएंगे, कृपा करके कुछ लाइक्स या भावनाओं के चक्कर मे उनके, उनकी विधवाओ या उनके माता पिता के फोटो पोस्ट करके देश का मनोबल ना गिराये।
युद्ध होगा तो कई बार ऐसा होगा कि पाकिस्तानी सेना हमारी कुछ चौकियो पर कब्जा कर ले, मैं तो कहता हुँ श्रीनगर तक घुस जाए मगर कोई बेकार मे पेनिक ना मचाये।
युद्ध होगा तो ये तो होगा ही उन्हें खदेड़ा भी जाएगा लेकिन कृपा करके कोई मिस इनफार्मेशन ना फैलाये।
हमारे कई फाइटर जेट्स गिरेंगे, भगवान ना करें हमारा युद्धपोत क्षतिग्रस्त हो जाए लेकिन ज़ब तक सेना या सरकार की तरफ से कोई जानकारी नहीं आती, सिर्फ कुछ ब्लॉग्स और खबरों के आधार पर बेकार मे हाय हाय करने की आवश्यकता नहीं है।
कांग्रेस तो इतनी महान थी, योगीजी होते तो ये कर देते ये सारी समीक्षाये युद्ध के बाद ठीक रहेगी। मैं तो युद्ध से पहले ही कह देता हुँ "जाओ राहुल और योगी ज्यादा अच्छे है, मोदीजी को तो कुछ नहीं आता और वो तो ऐसे है, वो तो वैसे है, सबकुछ आपको, योगीजी को और राहुल गाँधी को आता है।"
अब कृपा करके ज़ब तक युद्ध चले तब तक भगवान के लिये कोई मिस इनफार्मेशन फैलानी मत शुरू कर देना, युद्ध के समय मिस इनफार्मेशन फैलाना भी एक आतंकवाद ही है।
यदि युद्ध के बीच मे भी आपको अपना राइट टू क्रिटिसाइज गवर्नमेंट चाहिए तो आप एक आतंकवादी ही है। जो निंदा करनी है पहले ही कर लो या फिर बाद मे करना।
बस अब तैयार रहिये, युद्ध किसी भी समय छिड़ सकता है। LOC पर पाकिस्तान ने फायरिंग पहली बार नहीं की है मगर इस बार मौसम कुछ और है। मोदी काल मे इतनी भयावह फायरिंग पहली बार हुई है और आज नहीं तो कल पाकिस्तान का सिर फूटने वाला है।
1950 मे नेहरूजी ने सिंधु नदी का पानी रुकवा दिया था जिस वजह से पाकिस्तान मे भयावह सूखा पड़ा। इसके बाद नेहरू लियाकत समझौता हुआ और उसके बाद मे थोड़ा पानी छोड़ा गया।
अमेरिका को ये डर था कि पाकिस्तान सूखे के चक़्कर मे सोवियत संघ के खेमे मे ना चला जाए। इसीलिए 1960 मे वर्ल्ड बैंक को गवाह बनाकर ये सिंधु जल संधि की गयी थी, नेहरूजी की इसमें कोई गलती नहीं थी क्योंकि वो दौर अलग था।
भारत युद्ध नहीं झेल सकता था, उस समय तक कश्मीर के अलावा कोई और युद्ध हुआ भी नहीं था। ऐसे मे देखा जाए तो नेहरूजी ने इसे शान्ति का मार्ग देखा होगा।
लेकिन नेहरूजी तो क्या उस पीढ़ी के लोग कभी पाकिस्तान को समझ ही नहीं सके, पाकिस्तान एक देश नहीं है बल्कि एंटी इंडिया मूवमेंट है।
पाकिस्तान ने हजारों बार प्रॉक्सी युद्ध किये, लेकिन पहलगाम मे जो हुआ वो सबसे भयावह तो नहीं था मगर सोशल मीडिया ने अब इस पर एक रस्सी बाँध दी।
ऊपर से अब सरकार भी ऐसी है जिसकी सहनशीलता अब तक की सभी सरकारो मे सबसे कम है, 65 साल बाद आखिर ये संधि खत्म हुई। गर्मी का मौसम है आप पूरा पानी मत रोको मगर यदि 10% भी रोक दिया तो पाकिस्तान की क़ृषि या उद्योग मे से कोई एक सूख जाएगा।
ये समय अब बिना किंतु परंतु सरकार के साथ खड़े होने का है, हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि युद्ध शुरू हो तो सारा काम सेना ही नहीं करेंगी कुछ युद्ध हमें भी लड़ने होंगे।
युद्ध होगा तो सैकड़ो मे या शायद हजारों मे हमारे सैनिक मारे जाएंगे, कृपा करके कुछ लाइक्स या भावनाओं के चक्कर मे उनके, उनकी विधवाओ या उनके माता पिता के फोटो पोस्ट करके देश का मनोबल ना गिराये।
युद्ध होगा तो कई बार ऐसा होगा कि पाकिस्तानी सेना हमारी कुछ चौकियो पर कब्जा कर ले, मैं तो कहता हुँ श्रीनगर तक घुस जाए मगर कोई बेकार मे पेनिक ना मचाये।
युद्ध होगा तो ये तो होगा ही उन्हें खदेड़ा भी जाएगा लेकिन कृपा करके कोई मिस इनफार्मेशन ना फैलाये।
हमारे कई फाइटर जेट्स गिरेंगे, भगवान ना करें हमारा युद्धपोत क्षतिग्रस्त हो जाए लेकिन ज़ब तक सेना या सरकार की तरफ से कोई जानकारी नहीं आती, सिर्फ कुछ ब्लॉग्स और खबरों के आधार पर बेकार मे हाय हाय करने की आवश्यकता नहीं है।
कांग्रेस तो इतनी महान थी, योगीजी होते तो ये कर देते ये सारी समीक्षाये युद्ध के बाद ठीक रहेगी। मैं तो युद्ध से पहले ही कह देता हुँ "जाओ राहुल और योगी ज्यादा अच्छे है, मोदीजी को तो कुछ नहीं आता और वो तो ऐसे है, वो तो वैसे है, सबकुछ आपको, योगीजी को और राहुल गाँधी को आता है।"
अब कृपा करके ज़ब तक युद्ध चले तब तक भगवान के लिये कोई मिस इनफार्मेशन फैलानी मत शुरू कर देना, युद्ध के समय मिस इनफार्मेशन फैलाना भी एक आतंकवाद ही है।
यदि युद्ध के बीच मे भी आपको अपना राइट टू क्रिटिसाइज गवर्नमेंट चाहिए तो आप एक आतंकवादी ही है। जो निंदा करनी है पहले ही कर लो या फिर बाद मे करना।
बस अब तैयार रहिये, युद्ध किसी भी समय छिड़ सकता है। LOC पर पाकिस्तान ने फायरिंग पहली बार नहीं की है मगर इस बार मौसम कुछ और है। मोदी काल मे इतनी भयावह फायरिंग पहली बार हुई है और आज नहीं तो कल पाकिस्तान का सिर फूटने वाला है।
अप्रैल 27, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
कोऽन्धो योऽकार्यरतः को बधिरो यो हितानि न श्रुणोति।
को मूको यः काले प्रियाणि वक्तुं न जानाति॥
अन्धा कौन है? जो बुरे कार्यों में संलग्न रहता है।
बहरा कौन है? जो हितकारी बातों को नहीं सुनता।
गूँगा कौन है? जो उचित समय पर प्रिय वाक्य बोलना नहीं जानता।
जय श्री सूर्यदेव
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
कोऽन्धो योऽकार्यरतः को बधिरो यो हितानि न श्रुणोति।
को मूको यः काले प्रियाणि वक्तुं न जानाति॥
अन्धा कौन है? जो बुरे कार्यों में संलग्न रहता है।
बहरा कौन है? जो हितकारी बातों को नहीं सुनता।
गूँगा कौन है? जो उचित समय पर प्रिय वाक्य बोलना नहीं जानता।
जय श्री सूर्यदेव
जय श्री राम
अप्रैल 27, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
महाजनस्य संपर्क: कस्य न उन्नतिकारक:।
मद्मपत्रस्थितं तोयं धत्ते मुक्ताफलश्रियम्।।
महाजनों और गुरुओं के संपर्क से कौन उन्नति नहीं करता ? कमल के पत्ते पर पड़ी पानी की एक बूंद मोती की तरह चमकती है।
जय श्री सूर्य देव
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
महाजनस्य संपर्क: कस्य न उन्नतिकारक:।
मद्मपत्रस्थितं तोयं धत्ते मुक्ताफलश्रियम्।।
महाजनों और गुरुओं के संपर्क से कौन उन्नति नहीं करता ? कमल के पत्ते पर पड़ी पानी की एक बूंद मोती की तरह चमकती है।
जय श्री सूर्य देव
जय श्री राम
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : सोमवार
दिनांक: 28 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:44 प्रात:
सूर्यास्त : 6:54 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : शुक्ल
तिथि : प्रतिपदा 9:13 रात्रि तक फिर द्वितीया
नक्षत्र : भरणी 9: 38 रात्रि तक फिर कृत्तिका
योग : आयुष्मान 8:02 रात्रि तक फिर सौभाग्य
राहुकाल : 7:23 - 8:59 प्रातः तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
दिन : सोमवार
दिनांक: 28 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:44 प्रात:
सूर्यास्त : 6:54 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : शुक्ल
तिथि : प्रतिपदा 9:13 रात्रि तक फिर द्वितीया
नक्षत्र : भरणी 9: 38 रात्रि तक फिर कृत्तिका
योग : आयुष्मान 8:02 रात्रि तक फिर सौभाग्य
राहुकाल : 7:23 - 8:59 प्रातः तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
अप्रैल 28, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
सुखमापतितं सेव्यं दु:खमापतितं तथा ।
चक्रवत् परिवर्तन्ते दु:खानि च सुखानि
जीवन में आनेवाले सुख का आनंद लें, तथा दु:ख को भी स्वीकार करें ।
सुख और दु:ख तो एक के बाद एक चक्रवत आते रहते है ॥
जय श्री शिव शंकर
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
सुखमापतितं सेव्यं दु:खमापतितं तथा ।
चक्रवत् परिवर्तन्ते दु:खानि च सुखानि
जीवन में आनेवाले सुख का आनंद लें, तथा दु:ख को भी स्वीकार करें ।
सुख और दु:ख तो एक के बाद एक चक्रवत आते रहते है ॥
जय श्री शिव शंकर
जय श्री राम
भोलेनाथ
2 तरह से तांडव नृत्य करते हैं।
पहला जब वो गुस्सा होते हैं
तब बिना डमरू के तांडव नृत्य करते हैं।
दूसरे तांडव नृत्य करते समय
जब वह डमरू भी बजाते हैं
तो प्रकृति में आनंद की बारिश होती थी।
ऐसे समय में शिव
परम आनंद से पूर्ण रहते हैं।
लेकिन जब वो शांत समाधि में होते हैं
तो नाद करते हैं।
नाद और शिव का अटूट संबंध है।
नाद एक ऐसी ध्वनि है
जिसे "ऊँ" कहा जाता है।
"ऊं"से ही भगवान शिव का जन्म हुआ है।
संगीत के 7 स्वर तो आते-जाते रहते हैं लेकिन उनके केंद्रीय स्वर नाद में ही हैं।
नाद से ही ध्वनि
और ध्वनि से ही वाणी की उत्पत्ति हुई है।
शिव का डमरू "नाद-साधना" का प्रतीक माना गया है।
ॐ नमः शिवाय
हर हर शम्भु
2 तरह से तांडव नृत्य करते हैं।
पहला जब वो गुस्सा होते हैं
तब बिना डमरू के तांडव नृत्य करते हैं।
दूसरे तांडव नृत्य करते समय
जब वह डमरू भी बजाते हैं
तो प्रकृति में आनंद की बारिश होती थी।
ऐसे समय में शिव
परम आनंद से पूर्ण रहते हैं।
लेकिन जब वो शांत समाधि में होते हैं
तो नाद करते हैं।
नाद और शिव का अटूट संबंध है।
नाद एक ऐसी ध्वनि है
जिसे "ऊँ" कहा जाता है।
"ऊं"से ही भगवान शिव का जन्म हुआ है।
संगीत के 7 स्वर तो आते-जाते रहते हैं लेकिन उनके केंद्रीय स्वर नाद में ही हैं।
नाद से ही ध्वनि
और ध्वनि से ही वाणी की उत्पत्ति हुई है।
शिव का डमरू "नाद-साधना" का प्रतीक माना गया है।
ॐ नमः शिवाय
हर हर शम्भु
"शिव"
"कल्याणकारी"
"शुभकारी"।
भगवान शिव के साधक को
मृत्यु रोग और शोक का भय नहीं होता।
यजुर्वेद
शिवजी को शांति दाता कहते हैं।
"शिव"
सृष्टि की स्थापना पालन और विनाश के आधार है। इसी कारण भगवान शिव को महादेव कहा जाता है।
प्रणव के दो भेद
"स्थूल" और "सूक्ष्म"
एक अक्षररूप जो "ओम्" है।
उसे सूक्ष्म प्रणव जानना चाहिये।
और "नमः शिवाय" इस पाँच अक्षरवाले मन्त्र को स्थूल प्रणव समझना चाहिये।
जिसमें पाँच अक्षर व्यक्त नहीं हैं।
वह सूक्ष्म है और जिसमें पाँचों अक्षर सुस्पष्टरूप से व्यक्त हैं
वह स्थूल है।
ऊँ नमः शिवाय
हर हर शम्भु
"कल्याणकारी"
"शुभकारी"।
भगवान शिव के साधक को
मृत्यु रोग और शोक का भय नहीं होता।
यजुर्वेद
शिवजी को शांति दाता कहते हैं।
"शिव"
सृष्टि की स्थापना पालन और विनाश के आधार है। इसी कारण भगवान शिव को महादेव कहा जाता है।
प्रणव के दो भेद
"स्थूल" और "सूक्ष्म"
एक अक्षररूप जो "ओम्" है।
उसे सूक्ष्म प्रणव जानना चाहिये।
और "नमः शिवाय" इस पाँच अक्षरवाले मन्त्र को स्थूल प्रणव समझना चाहिये।
जिसमें पाँच अक्षर व्यक्त नहीं हैं।
वह सूक्ष्म है और जिसमें पाँचों अक्षर सुस्पष्टरूप से व्यक्त हैं
वह स्थूल है।
ऊँ नमः शिवाय
हर हर शम्भु
महाकाल का
शक्तिशाली महामृत्युंजय मन्त्र
मंत्र विचार
इस मंत्र में आए
प्रत्येक शब्द को स्पष्ट करना अत्यंत आवश्यक है।
क्योंकि शब्द ही मंत्र है।
और मंत्र ही शक्ति है।
इस मंत्र में आया प्रत्येक शब्द अपने आप में एक संपूर्ण अर्थ लिए हुए होता है और देवादि का बोध कराता है।
शब्द बोधक
त्र: ध्रुव वसु "यम" अध्वर वसु
ब: सोम वसु "कम्" वरुण
य: वायु "ज" अग्नि
म: शक्ति "हे" प्रभास
सु: वीरभद्र "ग" शम्भु
न्धिम: गिरीश "पु" अजैक
ष्टि: अहिर्बुध्न्य "व" पिनाक
र्ध: भवानी पति "नम्" कापाली
उ: दिकपति "र्वा" स्थाणु
रु: भर्ग "क" धाता
मि: अर्यमा "व" मित्रादित्य
ब: वरुणादित्य "न्ध" अंशु
नात: भगादित्य "मृ" विवस्वान
त्यो: इंद्रादित्य "मु" पूषादिव्य
क्षी: पर्जन्यादिव्य "य" त्वष्टा
मा: विष्णुऽदिव्य "मृ" प्रजापति
तात: वषट
इसमें जो अनेक बोधक बताए गए हैं।
ये बोधक देवताओं के नाम हैं।
हर हर महादेव
शक्तिशाली महामृत्युंजय मन्त्र
मंत्र विचार
इस मंत्र में आए
प्रत्येक शब्द को स्पष्ट करना अत्यंत आवश्यक है।
क्योंकि शब्द ही मंत्र है।
और मंत्र ही शक्ति है।
इस मंत्र में आया प्रत्येक शब्द अपने आप में एक संपूर्ण अर्थ लिए हुए होता है और देवादि का बोध कराता है।
शब्द बोधक
त्र: ध्रुव वसु "यम" अध्वर वसु
ब: सोम वसु "कम्" वरुण
य: वायु "ज" अग्नि
म: शक्ति "हे" प्रभास
सु: वीरभद्र "ग" शम्भु
न्धिम: गिरीश "पु" अजैक
ष्टि: अहिर्बुध्न्य "व" पिनाक
र्ध: भवानी पति "नम्" कापाली
उ: दिकपति "र्वा" स्थाणु
रु: भर्ग "क" धाता
मि: अर्यमा "व" मित्रादित्य
ब: वरुणादित्य "न्ध" अंशु
नात: भगादित्य "मृ" विवस्वान
त्यो: इंद्रादित्य "मु" पूषादिव्य
क्षी: पर्जन्यादिव्य "य" त्वष्टा
मा: विष्णुऽदिव्य "मृ" प्रजापति
तात: वषट
इसमें जो अनेक बोधक बताए गए हैं।
ये बोधक देवताओं के नाम हैं।
हर हर महादेव
ये रोज़-रोज़ इसने बचाया उसने बचाया वाली न्यूज़ आ रही लेकिन बचाया किससे,ना आतंकियों से लड़े ना चोट खाई ना गोली खाई तो किससे बचाया,गोली चलने के बाद जो भाग रहे थे उनके साथ भागने को बचाना बोल रहे और ये मीडिया वाले ऐसे बता रहे जैसे बंदूक की नाल में हाथ डाल कर रोक दिया बचाने को।
राम राम रहेगी सभी को!
राम राम रहेगी सभी को!
#कश्मीरी या कहें #मुस्लिम_कश्मीरी आपको विश्वास दिला रहे हैं कि आप यहां घूमने आइये,वह आपका ध्यान रखेंगे... लेकिन वही कश्मीरी ३६ बरस पूर्व निकाले गए कश्मीरी पंडितों को आने का निमंत्रण नहीं दे रहे हैं वजह हम आप सभी जानते हैं पर कहता कोई नहीं क्योंकि सच स्वीकारना ही नहीं चाहता हमारा हिंदू_समाज और कथित #गंगा_जमुनी तहजीब नामक मूर्खता और #हिंदू_मुस्लिम भाई _भाई जहां हम भाई तो नहीं मात्र उनका #चारा बनकर रह गए हैं उसको ना समझता है ना ही कहता है स्वयं से भी...विचार करिएगा राम राम रहेगी सभी को!
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : मंगलवार
दिनांक: 28 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:47 प्रात:
सूर्यास्त : 6:35 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : शुक्ल
तिथि : द्वितीया 5:35 रात्रि तक फिर तृतीया
नक्षत्र : कृत्तिका 6:49 रात्रि तक फिर रोहिणी
योग : सौभाग्य 3:55 अपराह्न तक फिर शोभन
राहुकाल : 3:23 - 4:59 सांय तक
अक्षय तृतीया
29 अप्रैल की शाम 5:32 से लग जाएगा
और 30 अप्रैल की दोपहर 2:11 बजे तक रहेगा।
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
दिन : मंगलवार
दिनांक: 28 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:47 प्रात:
सूर्यास्त : 6:35 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : शुक्ल
तिथि : द्वितीया 5:35 रात्रि तक फिर तृतीया
नक्षत्र : कृत्तिका 6:49 रात्रि तक फिर रोहिणी
योग : सौभाग्य 3:55 अपराह्न तक फिर शोभन
राहुकाल : 3:23 - 4:59 सांय तक
अक्षय तृतीया
29 अप्रैल की शाम 5:32 से लग जाएगा
और 30 अप्रैल की दोपहर 2:11 बजे तक रहेगा।
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
अप्रैल 29, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
कण्ठे मदः कोद्रवजः हृदि ताम्बूलजो मदः।
लक्ष्मी मदस्तु सर्वाङ्गे पुत्रदारा मुखेष्वपि॥
मदिरा (शराब्) पीने से उसका दुष्प्रभाव कण्ठ पर ( बोलने की क्षमता ) पर पडता है और तंबाकू (पान) खाने से उसका मन पर प्रभाव पड़ता है। परन्तु संपत्तिवान होने का मद (नशा या गर्व) व्यक्तियों न केवल उनके संपूर्ण शरीर पर वरन उनकी स्त्रियों और संतान के मुखों (चेहरों) पर भी देखा जा सकता है।
जय श्री हनुमान
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
कण्ठे मदः कोद्रवजः हृदि ताम्बूलजो मदः।
लक्ष्मी मदस्तु सर्वाङ्गे पुत्रदारा मुखेष्वपि॥
मदिरा (शराब्) पीने से उसका दुष्प्रभाव कण्ठ पर ( बोलने की क्षमता ) पर पडता है और तंबाकू (पान) खाने से उसका मन पर प्रभाव पड़ता है। परन्तु संपत्तिवान होने का मद (नशा या गर्व) व्यक्तियों न केवल उनके संपूर्ण शरीर पर वरन उनकी स्त्रियों और संतान के मुखों (चेहरों) पर भी देखा जा सकता है।
जय श्री हनुमान
जय श्री राम