सो दासी रघुबीर कै समुझें मिथ्या सोपि |
छूट न राम कृपा बिनु नाथ कहउँ पद रोपि ||
जो लोग
अपना सर्वस्व लूटने वाले
इन 6 इन्द्रिय रूपी डाकुओं पर तो पहले विजय नहीं प्राप्त करते और ऐसा मानने लगते हैं कि हमने दसों दिशाएँ जीत लीं
वे मूर्ख हैं।
जिस ज्ञानी एवं जितेन्द्रिय महात्मा ने समस्त प्राणियों के प्रति समता का भाव प्राप्त कर लिया उसके अज्ञान से पैदा होने वाले काम-क्रोधादि शत्रु भी मर-मिट जाते हैं।
फिर बाहर के शत्रु तो रहें ही कैसे ?
छूट न राम कृपा बिनु नाथ कहउँ पद रोपि ||
जो लोग
अपना सर्वस्व लूटने वाले
इन 6 इन्द्रिय रूपी डाकुओं पर तो पहले विजय नहीं प्राप्त करते और ऐसा मानने लगते हैं कि हमने दसों दिशाएँ जीत लीं
वे मूर्ख हैं।
जिस ज्ञानी एवं जितेन्द्रिय महात्मा ने समस्त प्राणियों के प्रति समता का भाव प्राप्त कर लिया उसके अज्ञान से पैदा होने वाले काम-क्रोधादि शत्रु भी मर-मिट जाते हैं।
फिर बाहर के शत्रु तो रहें ही कैसे ?
साभार...
सत्ता से मांग करना जनता का अधिकार ही नहीं,दायित्व भी है,खास तौर से भारत में,जहां आप सरकार से हर पांच साल में हिसाब मांगने की अवस्था में नहीं हैं... क्योंकि दूसरा विकल्प नहीं है.यहां स्थिति यह है कि सरकार से चार साल हिसाब मांगिए,पर पांचवे साल सरकार के साथ खड़े नजर आइए..उसके अलावा कोई और उपाय नहीं है.भारत में कोई भी समाधान जिसके केंद्र में भाजपा की सत्ता के अलावा और कोई प्रस्तावित विकल्प है वह समाधान नहीं है,समस्या का भाग है यह मेरा अपना मानना है.
लेकिन शासन की दिशा को लेकर अपनी अपेक्षाओं के साथ मुखर होने की आवश्यकता है.सत्ता को जिस तरह से सड़क पर हिंसक भीड़,और न्यायालयों में मियां लॉर्ड बेबस कर देते हैं,वह देश का मनोबल तोड़ने वाला है.
आइए मिल कर आवाज उठाएं... कि सरकार से हमारी अपेक्षा है कि वह देश की शासन व्यवस्था को भ्रष्ट खानदानी ज्यूडिशियरी के हाथों बंधक बनाए जाने से रोके.कोर्ट का काम न्याय करना है,शासन करना नहीं.उसके लिए हमने सरकार चुनी है.कोर्ट की जवाबदेही जनता और संविधान के प्रति निर्धारित की जाए,और देश को विदेशों से संचालित भ्रष्ट जजों के भरोसे न छोड़ा जाए.
आइए अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाएं... सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर धावा बोलें,एक कॉमन हैशटैग के साथ.
#Make_Judiciary_Accountable
राम राम रहेगी सभी को!
सत्ता से मांग करना जनता का अधिकार ही नहीं,दायित्व भी है,खास तौर से भारत में,जहां आप सरकार से हर पांच साल में हिसाब मांगने की अवस्था में नहीं हैं... क्योंकि दूसरा विकल्प नहीं है.यहां स्थिति यह है कि सरकार से चार साल हिसाब मांगिए,पर पांचवे साल सरकार के साथ खड़े नजर आइए..उसके अलावा कोई और उपाय नहीं है.भारत में कोई भी समाधान जिसके केंद्र में भाजपा की सत्ता के अलावा और कोई प्रस्तावित विकल्प है वह समाधान नहीं है,समस्या का भाग है यह मेरा अपना मानना है.
लेकिन शासन की दिशा को लेकर अपनी अपेक्षाओं के साथ मुखर होने की आवश्यकता है.सत्ता को जिस तरह से सड़क पर हिंसक भीड़,और न्यायालयों में मियां लॉर्ड बेबस कर देते हैं,वह देश का मनोबल तोड़ने वाला है.
आइए मिल कर आवाज उठाएं... कि सरकार से हमारी अपेक्षा है कि वह देश की शासन व्यवस्था को भ्रष्ट खानदानी ज्यूडिशियरी के हाथों बंधक बनाए जाने से रोके.कोर्ट का काम न्याय करना है,शासन करना नहीं.उसके लिए हमने सरकार चुनी है.कोर्ट की जवाबदेही जनता और संविधान के प्रति निर्धारित की जाए,और देश को विदेशों से संचालित भ्रष्ट जजों के भरोसे न छोड़ा जाए.
आइए अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाएं... सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर धावा बोलें,एक कॉमन हैशटैग के साथ.
#Make_Judiciary_Accountable
राम राम रहेगी सभी को!
साभार..
भारत किधर जा रहा है,यह जानने के लिए अधिक दूर नहीं जाना होता.सिर्फ पश्चिम को,यूरोप और अमेरिका को देख लीजिए...जो कुछ भी वहां हो रहा है,वह पांच दस साल में यहां पहुंचने ही वाला है.
इसी वर्ष,मार्च में यूरोप में तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं.#रोमानिया में सबसे अधिक पॉपुलर वोट लेकर आए लीडर #कैलिन_जॉर्जियस्कू को वहां की सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. नहीं,उनके विरुद्ध कोई अपराध नहीं सिद्ध हुआ था.बस उनके #पॉलिटिकल व्यूज को अनुकूल नहीं माना गया.
उसके एक सप्ताह बाद दूसरे नंबर पर वहां की नेशनलिस्ट पार्टी की नेता #डायना_सोसाका को भी इसी आधार पर चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया.
और उसी महीने #फ्रांस की सबसे पॉपुलर नेशनलिस्ट लीडर #मरीन_ली_पेन को भी चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया.मरीन ली पेन ने फ्रांस के चुनावों के पहले चरण में जोरदार जीत हासिल की थी लेकिन दूसरे चरण में सारे विरोधियों ने मिल कर उन्हें सरकार बनाने से रोक दिया.
ये हैं #ज्यूडिशियल_ओवररीच के खतरे.वेस्टर्न डेमोक्रेसीज में यह हालत है कि कोर्ट अपने विरोधियों को कुचलने के लिए पॉलिटिकल लेफ्ट का हथियार बन गया है.आप कोर्ट के हाथ में इतने वाइड स्वीपिंग पॉवर छोड़ेंगे तो उनका वही होना है... वे देश को एक लेफ्टिस्ट #डिक्टेटरशिप में बदल देंगे.#जनमत और #लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा.लिखित कानूनों के आधार पर अपराधियों को दंड देने के अलावा कोर्ट के पास और कोई पॉवर नहीं होने चाहिए.संसद से पारित कानूनों को कोर्ट में बदलने के पॉवर का कोई अर्थ नहीं है. इसकी कोशिश करने वाले जजों को दो टूक शब्दों में यह कहना पड़ेगा कि अपनी हद में रहें.और यह उतना कठिन भी नहीं है.एक दिन के लिए जज साहब की कोठी से सारी सिक्योरिटी हटा ली जाए और कोई भी उनका फोन नहीं उठाए. जहां जाएं,कोई भी उनको पहचानने से इनकार कर दे. चौबीस घंटे में जज साहब पतलून में मूतने लगेंगे.
और सर पर बिठाया,ज्यादा माई लार्ड माई लार्ड किया तो आपको चुनाव ही लड़ने से रोक दिया जाएगा...आपकी शक्ल पसंद नहीं आई...आप चुनाव नहीं लड़ सकते.
दुनिया उधर ही जा रही है...हमें समय रहते दिख जाए तो बेहतर है.
राम राम रहेगी सभी को!
भारत किधर जा रहा है,यह जानने के लिए अधिक दूर नहीं जाना होता.सिर्फ पश्चिम को,यूरोप और अमेरिका को देख लीजिए...जो कुछ भी वहां हो रहा है,वह पांच दस साल में यहां पहुंचने ही वाला है.
इसी वर्ष,मार्च में यूरोप में तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं.#रोमानिया में सबसे अधिक पॉपुलर वोट लेकर आए लीडर #कैलिन_जॉर्जियस्कू को वहां की सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. नहीं,उनके विरुद्ध कोई अपराध नहीं सिद्ध हुआ था.बस उनके #पॉलिटिकल व्यूज को अनुकूल नहीं माना गया.
उसके एक सप्ताह बाद दूसरे नंबर पर वहां की नेशनलिस्ट पार्टी की नेता #डायना_सोसाका को भी इसी आधार पर चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया.
और उसी महीने #फ्रांस की सबसे पॉपुलर नेशनलिस्ट लीडर #मरीन_ली_पेन को भी चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया.मरीन ली पेन ने फ्रांस के चुनावों के पहले चरण में जोरदार जीत हासिल की थी लेकिन दूसरे चरण में सारे विरोधियों ने मिल कर उन्हें सरकार बनाने से रोक दिया.
ये हैं #ज्यूडिशियल_ओवररीच के खतरे.वेस्टर्न डेमोक्रेसीज में यह हालत है कि कोर्ट अपने विरोधियों को कुचलने के लिए पॉलिटिकल लेफ्ट का हथियार बन गया है.आप कोर्ट के हाथ में इतने वाइड स्वीपिंग पॉवर छोड़ेंगे तो उनका वही होना है... वे देश को एक लेफ्टिस्ट #डिक्टेटरशिप में बदल देंगे.#जनमत और #लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा.लिखित कानूनों के आधार पर अपराधियों को दंड देने के अलावा कोर्ट के पास और कोई पॉवर नहीं होने चाहिए.संसद से पारित कानूनों को कोर्ट में बदलने के पॉवर का कोई अर्थ नहीं है. इसकी कोशिश करने वाले जजों को दो टूक शब्दों में यह कहना पड़ेगा कि अपनी हद में रहें.और यह उतना कठिन भी नहीं है.एक दिन के लिए जज साहब की कोठी से सारी सिक्योरिटी हटा ली जाए और कोई भी उनका फोन नहीं उठाए. जहां जाएं,कोई भी उनको पहचानने से इनकार कर दे. चौबीस घंटे में जज साहब पतलून में मूतने लगेंगे.
और सर पर बिठाया,ज्यादा माई लार्ड माई लार्ड किया तो आपको चुनाव ही लड़ने से रोक दिया जाएगा...आपकी शक्ल पसंद नहीं आई...आप चुनाव नहीं लड़ सकते.
दुनिया उधर ही जा रही है...हमें समय रहते दिख जाए तो बेहतर है.
राम राम रहेगी सभी को!
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : बुधवार
दिनांक: 23 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:51 प्रात:
सूर्यास्त : 6:34 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : दशमी 4:37 सांय तक फिर एकादशी
नक्षत्र : घनिष्ठा 11:55 अपराह्न तक फिर शतभिषा
योग : शुक्ल 6:38 सांय तक फिर ब्रह्म
राहुकाल : 12:12 - 1:47 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
दिन : बुधवार
दिनांक: 23 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:51 प्रात:
सूर्यास्त : 6:34 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : दशमी 4:37 सांय तक फिर एकादशी
नक्षत्र : घनिष्ठा 11:55 अपराह्न तक फिर शतभिषा
योग : शुक्ल 6:38 सांय तक फिर ब्रह्म
राहुकाल : 12:12 - 1:47 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
अप्रैल 23, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
युक्ति युक्तं प्रगृह्णीयात् बालादपि विचक्षणः।
रवेरविषयं वस्तु किं न दीपः प्रकाशयेत्॥
बुद्धिमान को बच्चों से भी युक्तिपूर्ण वचन ग्रहण करने चाहिए।
क्या दीप उस वस्तु को प्रकाशित नहीं करता, जिसे सूर्य प्रकाशित नहीं कर सकता ?
जय श्री गणेश
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
युक्ति युक्तं प्रगृह्णीयात् बालादपि विचक्षणः।
रवेरविषयं वस्तु किं न दीपः प्रकाशयेत्॥
बुद्धिमान को बच्चों से भी युक्तिपूर्ण वचन ग्रहण करने चाहिए।
क्या दीप उस वस्तु को प्रकाशित नहीं करता, जिसे सूर्य प्रकाशित नहीं कर सकता ?
जय श्री गणेश
जय श्री राम
अप्रैल 23, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
देहीति वचनद्वारा देहस्था पञ्च देवता: ।
तत्क्षणादेव लीयन्ते धीह्रीश्रीकान्तिकीर्तय: ॥
‘दे’ इस शब्द के साथ , याचना करने से देह में स्थित पांच देवता बुद्धि, लज्जा , लक्ष्मी , कान्ति , और कीर्ति उसी क्षण देह छोडकर जाती है ।
जय श्री गणेश
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
देहीति वचनद्वारा देहस्था पञ्च देवता: ।
तत्क्षणादेव लीयन्ते धीह्रीश्रीकान्तिकीर्तय: ॥
‘दे’ इस शब्द के साथ , याचना करने से देह में स्थित पांच देवता बुद्धि, लज्जा , लक्ष्मी , कान्ति , और कीर्ति उसी क्षण देह छोडकर जाती है ।
जय श्री गणेश
जय श्री राम
नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्।
गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभवासनं च॥
केयुरिणंहारकिरीटजुष्टं चतुर्भुजं पाशवराभयानि।
सृणिं च हस्तं गणपं त्रिनेत्रं सचामरस्त्रीयुगलेन युक्तम्॥
सृणिंवहन्तं षडक्षरात्मानमनल्पभूषं मुनीश्वरैर्भार्गवपूर्वकैश्च।
संसेवितं देवमनाथकल्पं रूपं मनोज्ञं शरणं प्रपद्ये॥
ॐ श्री गणाधिपतये नमः
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
जयतु भारत राष्ट्रम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 23 अप्रैल को वैशाख कृष्णपक्ष की दशमी और बुधवार है दशमी आज शाम 4:44 तक रहेगी आज शाम 6:51 तक शुक्लयोग रहेगा साथ ही आज दोपहर 12:08 तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा,उसके बाद शतभिषा नक्षत्र लग जायेगा इसके अलावा आज शाम 4:44 तक पृथ्वी लोक की भद्रा रहेगी।
🌺🐀🙏🙏🐀🌺
गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभवासनं च॥
केयुरिणंहारकिरीटजुष्टं चतुर्भुजं पाशवराभयानि।
सृणिं च हस्तं गणपं त्रिनेत्रं सचामरस्त्रीयुगलेन युक्तम्॥
सृणिंवहन्तं षडक्षरात्मानमनल्पभूषं मुनीश्वरैर्भार्गवपूर्वकैश्च।
संसेवितं देवमनाथकल्पं रूपं मनोज्ञं शरणं प्रपद्ये॥
ॐ श्री गणाधिपतये नमः
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
जयतु भारत राष्ट्रम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 23 अप्रैल को वैशाख कृष्णपक्ष की दशमी और बुधवार है दशमी आज शाम 4:44 तक रहेगी आज शाम 6:51 तक शुक्लयोग रहेगा साथ ही आज दोपहर 12:08 तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा,उसके बाद शतभिषा नक्षत्र लग जायेगा इसके अलावा आज शाम 4:44 तक पृथ्वी लोक की भद्रा रहेगी।
🌺🐀🙏🙏🐀🌺
परिपक्वता
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों को बदलने का प्रयास करना बंद कर दें इसके बजाय स्वयं को बदलने पर ध्यान केन्द्रित करें।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों को जैसे हैं वैसा ही स्वीकार करें।
परिपक्वता वह है
जब आप यह समझे कि प्रत्येक व्यक्ति उसकी अपनी सोच अनुसार सही हैं।
परिपक्वता वह है
जब आप "जाने दो" वाले सिद्धांत को सीख लें।
परिपक्वता वह है
जब आप रिश्तों से लेने की उम्मीदों को अलग कर दें और केवल देने की सोच रखे।
परिपक्वता वह है
जब आप यह समझ लें कि आप जो भी करते हैं वह आपकी स्वयं की शांति के लिए है।
परिपक्वता वह है
जब आप संसार को यह सिद्ध करना बंद कर दें कि आप कितने अधिक बुद्धिमान है।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों से उनकी स्वीकृति लेना आंरभ कर दे।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों से अपनी तुलना करना बंद कर दें।
परिपक्वता वह है
जब आप स्वयं में शांत है।
परिपक्वता वह है
जब आप जरूरतों और चाहतों के बीच का अंतर करने में सक्षम हो जाए और अपनी चाहतो को छोड़ने को तैयार हों।
आप तब
परिपक्वता प्राप्त करते हैं
जब आप अपनी ख़ुशी को सांसारिक वस्तुओं से जोड़ना बंद कर दें।
जय श्री राम
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों को बदलने का प्रयास करना बंद कर दें इसके बजाय स्वयं को बदलने पर ध्यान केन्द्रित करें।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों को जैसे हैं वैसा ही स्वीकार करें।
परिपक्वता वह है
जब आप यह समझे कि प्रत्येक व्यक्ति उसकी अपनी सोच अनुसार सही हैं।
परिपक्वता वह है
जब आप "जाने दो" वाले सिद्धांत को सीख लें।
परिपक्वता वह है
जब आप रिश्तों से लेने की उम्मीदों को अलग कर दें और केवल देने की सोच रखे।
परिपक्वता वह है
जब आप यह समझ लें कि आप जो भी करते हैं वह आपकी स्वयं की शांति के लिए है।
परिपक्वता वह है
जब आप संसार को यह सिद्ध करना बंद कर दें कि आप कितने अधिक बुद्धिमान है।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों से उनकी स्वीकृति लेना आंरभ कर दे।
परिपक्वता वह है
जब आप दूसरों से अपनी तुलना करना बंद कर दें।
परिपक्वता वह है
जब आप स्वयं में शांत है।
परिपक्वता वह है
जब आप जरूरतों और चाहतों के बीच का अंतर करने में सक्षम हो जाए और अपनी चाहतो को छोड़ने को तैयार हों।
आप तब
परिपक्वता प्राप्त करते हैं
जब आप अपनी ख़ुशी को सांसारिक वस्तुओं से जोड़ना बंद कर दें।
जय श्री राम
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : गुरुवार
दिनांक: 24 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:50 प्रात:
सूर्यास्त : 6:33 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : एकादशी 2:27 अपराह्न तक फिर द्वादशी
नक्षत्र : शतभिषा 10:37 प्रातः तक फिर पूर्वा भाद्रपद
योग : ब्रह्म 3:43 अपराह्न तक फिर इन्द्र
राहुकाल : 1:58 - 3:36 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
दिन : गुरुवार
दिनांक: 24 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:50 प्रात:
सूर्यास्त : 6:33 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : एकादशी 2:27 अपराह्न तक फिर द्वादशी
नक्षत्र : शतभिषा 10:37 प्रातः तक फिर पूर्वा भाद्रपद
योग : ब्रह्म 3:43 अपराह्न तक फिर इन्द्र
राहुकाल : 1:58 - 3:36 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
अप्रैल 24, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
लये संबोधयेत् चित्तं विक्षिप्तं शमयेत् पुनः।
सकशायं विजानीयात् समप्राप्तं न चालयेत् ॥
जब चित्त निष्क्रिय हो जाये, तो उसे संबुद्ध करो। संबुद्ध चित्त जब अशान्त हो,
उसे स्थिर करो। चित्त पर जमे मैल (अहंकार तथा अज्ञानता) को पहचानो।
समवृत्ति को प्राप्त होने पर इसे फिर विचलित मत करो।
जय श्री हरिविष्णु
जय श्री राम
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
लये संबोधयेत् चित्तं विक्षिप्तं शमयेत् पुनः।
सकशायं विजानीयात् समप्राप्तं न चालयेत् ॥
जब चित्त निष्क्रिय हो जाये, तो उसे संबुद्ध करो। संबुद्ध चित्त जब अशान्त हो,
उसे स्थिर करो। चित्त पर जमे मैल (अहंकार तथा अज्ञानता) को पहचानो।
समवृत्ति को प्राप्त होने पर इसे फिर विचलित मत करो।
जय श्री हरिविष्णु
जय श्री राम
सत्यस्वरूपं सत्येशं सत्यबीजं सनातनम्।
सत्याधारं च सत्यज्ञं सत्यमूलं नमाम्यहम्॥
नमो नमस्ते विश्वेश लोकानां प्रभव प्रभो।
सृष्टिस्थित्यन्तहेतुस्त्वं विधिविष्णुहरात्मधृक्॥
यस्य ते दशधा मूर्तिरूर्मिषट्कादिवर्जिता।
ज्योतिः पतिस्त्वमम्भोधिस्तस्मै तुभ्यं नमो नमः॥
ॐ श्री हरये नमः
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
जयतु भारत राष्ट्रम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 24 अप्रैल को वैशाख कृष्णपक्ष की उदया तिथि एकादशी और गुरुवार है एकादशी आज दोपहर 2:33 तक रहेगी आज दोपहर बाद 3:56 तक ब्रह्म योग रहेगा साथ ही आज सुबह 10:49 तक शतभिषा नक्षत्र रहेगा,उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र लग जायेगा इसके अलावा आज वरुथिनी एकादशी का व्रत किया जायेगा।
🪷🐚🙏🙏🐚🪷
सत्याधारं च सत्यज्ञं सत्यमूलं नमाम्यहम्॥
नमो नमस्ते विश्वेश लोकानां प्रभव प्रभो।
सृष्टिस्थित्यन्तहेतुस्त्वं विधिविष्णुहरात्मधृक्॥
यस्य ते दशधा मूर्तिरूर्मिषट्कादिवर्जिता।
ज्योतिः पतिस्त्वमम्भोधिस्तस्मै तुभ्यं नमो नमः॥
ॐ श्री हरये नमः
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
जयतु भारत राष्ट्रम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 24 अप्रैल को वैशाख कृष्णपक्ष की उदया तिथि एकादशी और गुरुवार है एकादशी आज दोपहर 2:33 तक रहेगी आज दोपहर बाद 3:56 तक ब्रह्म योग रहेगा साथ ही आज सुबह 10:49 तक शतभिषा नक्षत्र रहेगा,उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र लग जायेगा इसके अलावा आज वरुथिनी एकादशी का व्रत किया जायेगा।
🪷🐚🙏🙏🐚🪷
!!! बन्धं मोक्षं च या वेत्ति !!!
जो बाहर से
तो यज्ञ दान तीर्थ व्रत आदि उत्तम से उत्तम कार्य करता है
परन्तु भीतर से असत् जड नाशवान् पदार्थों को और स्वर्ग आदि लोकों को चाहता है।
उसके लिये
वे सभी कर्म बन्धं अर्थात बन्धनकारक ही हैं।
केवल परमात्मा से ही सम्बन्ध रखना परमात्मा के सिवाय कभी कभी किसी अवस्था में असत् संसार के साथ लेशमात्र भी सम्बन्ध न रखना मोक्ष अर्थात् मोक्षदायक है।
जय श्री हरि
जो बाहर से
तो यज्ञ दान तीर्थ व्रत आदि उत्तम से उत्तम कार्य करता है
परन्तु भीतर से असत् जड नाशवान् पदार्थों को और स्वर्ग आदि लोकों को चाहता है।
उसके लिये
वे सभी कर्म बन्धं अर्थात बन्धनकारक ही हैं।
केवल परमात्मा से ही सम्बन्ध रखना परमात्मा के सिवाय कभी कभी किसी अवस्था में असत् संसार के साथ लेशमात्र भी सम्बन्ध न रखना मोक्ष अर्थात् मोक्षदायक है।
जय श्री हरि
मूर्ख हिंदुओं।
गंगा जमुनी तहजीब के पैरवीकार मूर्ख हिंदुओं।
भिंडी गिरोह के मूर्ख हिंदुओं।
यह पाक फौज का चीफ असीम मुनीर है।
कह रहा है कि हिंदुओं से नफरत के कारण ही पाकिस्तान का निर्माण हुआ था।
बैठे श्रोताओं से कह रहा है कि यह बात अपने आने वाली पीढ़ियों को भी बताएं।
वह कह रहा है कि कलमा के आधार पर दो ही रियासतें बनी थी।
एक थी रियासत ए तैयबा और
दूसरा है पाकिस्तान
यह वही भाषा बोल रहा है जो जिन्ना बोला करता था कि हिंदू मुसलमान दो कौम हैं, दोनों एक साथ नहीं रह सकते।
इसी मजहबी आधार पर नेहरू गांधी ने भारत के तीन टुकड़े कर दिए थे। लेकिन तीन करोड़ मुसलमानो को भारत में ही रोक लिया था। कलमा के आधार एक और पाकिस्तान बनाने के लिए।
असीम मुनीर का यह भाषण हर पाकी मुसलमान के लिए पाक है और भारत के हर हिंदू के लिए चेतावनी।
भारत के हर स्वाभिमानी हिंदू को सबको सुनना चाहिए।
गंगा जमुनी तहजीब के पैरवीकार मूर्ख हिंदुओं।
भिंडी गिरोह के मूर्ख हिंदुओं।
यह पाक फौज का चीफ असीम मुनीर है।
कह रहा है कि हिंदुओं से नफरत के कारण ही पाकिस्तान का निर्माण हुआ था।
बैठे श्रोताओं से कह रहा है कि यह बात अपने आने वाली पीढ़ियों को भी बताएं।
वह कह रहा है कि कलमा के आधार पर दो ही रियासतें बनी थी।
एक थी रियासत ए तैयबा और
दूसरा है पाकिस्तान
यह वही भाषा बोल रहा है जो जिन्ना बोला करता था कि हिंदू मुसलमान दो कौम हैं, दोनों एक साथ नहीं रह सकते।
इसी मजहबी आधार पर नेहरू गांधी ने भारत के तीन टुकड़े कर दिए थे। लेकिन तीन करोड़ मुसलमानो को भारत में ही रोक लिया था। कलमा के आधार एक और पाकिस्तान बनाने के लिए।
असीम मुनीर का यह भाषण हर पाकी मुसलमान के लिए पाक है और भारत के हर हिंदू के लिए चेतावनी।
भारत के हर स्वाभिमानी हिंदू को सबको सुनना चाहिए।
साभार...
किस बात का भय है इनको?लोग आज थूक रहे हैं,ये कल भी थूकेंगे।वीर ही का #सम्मान होता है यही नियम है,#इमरजेंसी वाली #इंदिरा को उन्हीं लोगों ने पुनः प्रधानमंत्री बनाया जिन्होंने उन्हें हराया था।लोग सामर्थ्यवान का साथ देते हैं।सर्प को पालना सभी दृष्टि में अनुचित है,मुँह कुचलिए।राम राम रहेगी सभी को!
किस बात का भय है इनको?लोग आज थूक रहे हैं,ये कल भी थूकेंगे।वीर ही का #सम्मान होता है यही नियम है,#इमरजेंसी वाली #इंदिरा को उन्हीं लोगों ने पुनः प्रधानमंत्री बनाया जिन्होंने उन्हें हराया था।लोग सामर्थ्यवान का साथ देते हैं।सर्प को पालना सभी दृष्टि में अनुचित है,मुँह कुचलिए।राम राम रहेगी सभी को!
साभार...
ये कोई सामान्य अपराध नहीं जिसकी जांच की जाये और फिर अपराधी को सजा देने के लिये न्यायालय का सहारा लिया जाये।
ये #हिंदुओं और #भारत की #सेना #सरकार के खिलाफ कश्मीर के #मुस्लिम_आतंकियों का सीधा सीधा हल्लाबोल है।
अपराधियों को सजा दी जाती है।दुश्मन को नेस्तनाबूद किया जाता है।
कर पाएंगे?यही एक बड़ा प्रश्न रहेगा जो अभी सभी के मन में है और होना भी चाहिए।राम राम रहेगी सभी को!
ये कोई सामान्य अपराध नहीं जिसकी जांच की जाये और फिर अपराधी को सजा देने के लिये न्यायालय का सहारा लिया जाये।
ये #हिंदुओं और #भारत की #सेना #सरकार के खिलाफ कश्मीर के #मुस्लिम_आतंकियों का सीधा सीधा हल्लाबोल है।
अपराधियों को सजा दी जाती है।दुश्मन को नेस्तनाबूद किया जाता है।
कर पाएंगे?यही एक बड़ा प्रश्न रहेगा जो अभी सभी के मन में है और होना भी चाहिए।राम राम रहेगी सभी को!
साभार...
कश्मीर टार्गेट किलिंग की जड़ें म्यांमार से #रोहिंग्या पलायन और #बंग्लादेशी_घुसपैठ से जुड़ी चीजों से जुड़ती हैं।
पिछले कई सालों से योजनाबद्ध रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों को देश के विभिन्न राज्यों में बसाया जा रहा है।
कश्मीर के बाद केरल और तमिलनाडु दूसरे सबसे बड़े हब।
बहुत पहले हाईस्कूल में पढ़ता था तब ही इस बंग्लादेशी घुसपैठ की समस्या पर मैं अपने दोस्तों से बात किया करता था कि बंग्लादेशी घुसपैठिए असली खतरा हैं क्योंकि उन्हें भारत से कोई वैसा लगाव नहीं जैसा पीढ़ियों से यहां रहते भारतीय मुस्लिमों में भारत के लिए हो सकता है पर अब एक नया अनुभव यह भी है कि यह लगाव भारतीय मुस्लिमों में भी ना के बराबर ही है वर्तमान परिस्थितियों और समय में क्योंकि कथित आजादी से अब तक इस समस्या पर किसी भी सरकार ने उचित ध्यान कभी दिया ही नहीं।
ऊपर से अब #रोहिंग्या आउट ऑफ द स्लैबस आ गए जिन्हें #ISIS #मुस्लिम_ब्रदरहुड और #बोको_हरम जैसे कई बड़े इस्लामिक आतंकी संगठनों का खुला / छिपा समर्थन है।
बंगाल में २० साल पहले राष्ट्रपति शासन लग जाना चाहिए था और नॉर्थ ईस्ट में #अफस्पा कभी हटना नहीं था।गलतियां तो हो चुकी।
आपको पता हो या न पता हो।भारत में पिछले कुछ सालों से सबसे ज्यादा रोहिंग्या #तमिलनाडु और #केरल जैसे समुद्री तट वाले राज्यों में बस चुके हैं। #कश्मीर के बाद। राम राम रहेगी सभी को!
कश्मीर टार्गेट किलिंग की जड़ें म्यांमार से #रोहिंग्या पलायन और #बंग्लादेशी_घुसपैठ से जुड़ी चीजों से जुड़ती हैं।
पिछले कई सालों से योजनाबद्ध रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों को देश के विभिन्न राज्यों में बसाया जा रहा है।
कश्मीर के बाद केरल और तमिलनाडु दूसरे सबसे बड़े हब।
बहुत पहले हाईस्कूल में पढ़ता था तब ही इस बंग्लादेशी घुसपैठ की समस्या पर मैं अपने दोस्तों से बात किया करता था कि बंग्लादेशी घुसपैठिए असली खतरा हैं क्योंकि उन्हें भारत से कोई वैसा लगाव नहीं जैसा पीढ़ियों से यहां रहते भारतीय मुस्लिमों में भारत के लिए हो सकता है पर अब एक नया अनुभव यह भी है कि यह लगाव भारतीय मुस्लिमों में भी ना के बराबर ही है वर्तमान परिस्थितियों और समय में क्योंकि कथित आजादी से अब तक इस समस्या पर किसी भी सरकार ने उचित ध्यान कभी दिया ही नहीं।
ऊपर से अब #रोहिंग्या आउट ऑफ द स्लैबस आ गए जिन्हें #ISIS #मुस्लिम_ब्रदरहुड और #बोको_हरम जैसे कई बड़े इस्लामिक आतंकी संगठनों का खुला / छिपा समर्थन है।
बंगाल में २० साल पहले राष्ट्रपति शासन लग जाना चाहिए था और नॉर्थ ईस्ट में #अफस्पा कभी हटना नहीं था।गलतियां तो हो चुकी।
आपको पता हो या न पता हो।भारत में पिछले कुछ सालों से सबसे ज्यादा रोहिंग्या #तमिलनाडु और #केरल जैसे समुद्री तट वाले राज्यों में बस चुके हैं। #कश्मीर के बाद। राम राम रहेगी सभी को!
हिन्दु और हिन्दू
अद्भुतकोष के अनुसार
"हिन्दु" और "हिन्दू" दोनों शब्द पुल्लिंग है ।
दुष्टों का दमन करने वाले "हिंदू" कहे जाते हैं। सुंदर रूप से सुशोभित और दुष्टों के दमन में दक्ष।
इन दोनों अर्थों में भी
इन शब्दों का प्रयोग होता है
हिंदु हिंदूश्च पुंसि दुष्टानां च विघर्षणे |
रूपशालिनि दैत्यारौ....||
[ अद्भुत कोष ]
हेमंतकवि कोष के अनुसार
हिंदू उसे कहा जाता है कि
जो परंपरा से नारायण आदि देवताओं का भक्त हो।
हिंदूर्हि नारायणादि देवताभक्ततः ||
मेरुतंत्र के अनुसार
जो हीनाचरण को निंद्य समझ कर उसका त्याग करें वह हिंदू कहलाता है।
हीनं च दूषयत्येव हिन्दुरित्युच्यते प्रिये ||
शब्दकल्पद्रुमकोश के अनुसार
हीनता से रहित साधु जाति विशेष हिंदू है।
हीनं दूषयति इति हिन्दू ||
पारिजातहरण नाटक के अनुसार
जो अपनी तपस्या से दैहिक पापों तथा चित्त को दूषित करने वाले दोषों का नाश करता है तथा जो शस्त्रों से अपने शत्रु समुदाय का भी नाश करता है वह हिंदू कहलाता है।
रामकोष के अनुसार
हिंदू दुर्जन नहीं होता न अनार्य होता है ना निंदक ही होता है।
जो सद्धर्म पालक विद्वान और श्रौतधर्म परायण है वह हिंदू है।
हिंदुर्दुष्टो न भवति नानार्यो न विदूषकः |
सद्धर्मपालको विद्वान् श्रौतधर्म परायणः ||
हिंदू शब्द के अर्थ
"सौम्य" "सुंदर" "सुशोभित" "शील निधि" "दमशील" और "दुष्टदलन में दक्ष"
अरबी कोष के अनुसार
हिंदू शब्द का अर्थ "खालिस" अर्थात "शुद्ध होता है"
ना कि चोर आदि मलिन निकृष्ट अर्थ।
यहूदियों के मत में
हिंदूका अर्थ शक्तिशाली वीर पुरुष होता है।
हिन्दु पद वाच्यों की
कतिपय मुख्य परिभाषाएं
****
1: वेदादि शास्त्रों को मानने वाली जाति ही हिंदू जाति है।
जो श्रुति स्मृति पुराण इतिहास प्रतिपादित कर्मों के आधार पर अपनी लौकिक पारलौकिक उन्नति पर विश्वास रखता है वह हिंदू है।
अपने वर्णाश्रम धर्मानुकूल आचार विचार के द्वारा जीवन व्यतीत करने वाला और वेद शास्त्रों को अपना धर्म ग्रंथ मानने वाला ही हिंदू है।
श्रुतिस्मृत्यादिशास्त्रेषु प्रामाण्यबुद्ध्यावलंब्य श्रुत्यादिप्रोक्ते धर्मे विश्वासं-निष्ठां च यः करोति स एव वास्तव हिंदुपदवाच्यः ||
वेदशास्त्रोक्तधर्मेषु वेदाद्युक्ताधिकारिवान् |
आस्थावान् सुप्रतिष्ठिश्च सोऽयं हिंदुः प्रकीर्तितः ||
2: जो गोभक्ति संपन्न है।
वेद और प्रणवादि में जिसकी दृढ़ आस्था है तथा पुनर्जन्मों में जिसका विश्वास है वही वास्तव में हिंदू कहने योग्य है।
इस परिभाषा के अनुसार
"जैन" "बौद्ध" "सिक्ख" आदि हिंदू मान्य हैं।
गोषु भक्तिर्भवेद्यस्य प्रणवादौ दृढामतिः |
पुनर्जन्मनि विश्वासः स वै हिंदुरिति स्मृतः ||
3: श्रुति स्मृति पुराण के अनुसार
निरूपित समस्त दुर्गुणों का दोषोंका जो हनन करें वह हिंदू है।
श्रुत्यादि प्रोक्तानि सर्वाणि दूषणानि हिनस्तीति हिन्दुः ||
4: वृद्धस्मृति के अनुसार
हिंसा से दुखित होने वाला सदाचरण तत्पर वर्ण उचित आचरण संपन्न वेद गोवंश और देव प्रतिमा की सेवा करने वाला हिंदू कहलाने योग्य है।
हिंसया दूयते यश्च सदाचारतत्परः |
वेदगोप्रतिमासेवी स हिंदुमुखशब्दभाक् ||
5: आधुनिक सुधारक हिंदुओं के मत मे
हिंदू शब्द
विचार नवनीत ग्रंथ में RSS के गुरु माने जाने वाले गोलवलकर जी पृष्ठ 44 और 45 पर
हिंदू अपरिभाष्य है।
इस शीर्षक से आप कहते हैं कि
"जैसे सूर्य चंद्र की परिभाषा हो सकने पर भी चरम सत्य की परिभाषा नहीं हो सकती वैसे ही मुसलमान ईसाई की परिभाषा है पर हिंदू अपरिभाषित ही है"
इस बातका खंडन करते हुए
धर्मसम्राट स्वामी श्रीकरपात्रीजी महाराज विचार "पीयूष" नामक ग्रंथ में कहते हैं
जिन ग्रंथों को आप प्रमाण रूप में उपस्थित करते हैं उन्हीं ग्रंथों ने ईश्वर तक की परिभाषाएं बतलाई गई हैं।
सत्यं ज्ञानमनन्तं ब्रह्म |
विज्ञानमानन्दं ब्रह्म || आदि आदि
आश्चर्य है कि
जो हिंदुत्व के संबंध में
कुछ भी नहीं जानता
जो उसकी परिभाषा भी नहीं कर सकता
आज वहीं दुनिया के सामने बढ़-चढ़कर घमंड की बात करता है।
ऐसे संघ समूहों की संसार में कमी नहीं जो संसार में अपने को ही सर्वोत्कृष्ट मानते हैं।
"विचारपीयूष" ग्रंथ के
पृष्ठसं 336 से 348 तक
तथा पृष्ठसं5 से 50 तक
इसी विचारधारा को मानने वाले कुछ लोग कहते हैं कि
सिंधु से लेकर सिंधु पर्वतपर्यंत भारत भूमि को जो पितृभू और पुण्यभू मानता है वही हिंदू है।
किंतु उनकी यह परिभाषा अव्याप्ति अतिव्याप्ति दोषों से पूर्ण है।
इसके अनुसार
प्राचीन काल के वे हिंदू जो दूसरे द्वीपों में रहते थे हिंदू ही नहीं कहे जा सकते।
इसी विचारधारा के कुछ लोग कहते हैं कि
अद्भुतकोष के अनुसार
"हिन्दु" और "हिन्दू" दोनों शब्द पुल्लिंग है ।
दुष्टों का दमन करने वाले "हिंदू" कहे जाते हैं। सुंदर रूप से सुशोभित और दुष्टों के दमन में दक्ष।
इन दोनों अर्थों में भी
इन शब्दों का प्रयोग होता है
हिंदु हिंदूश्च पुंसि दुष्टानां च विघर्षणे |
रूपशालिनि दैत्यारौ....||
[ अद्भुत कोष ]
हेमंतकवि कोष के अनुसार
हिंदू उसे कहा जाता है कि
जो परंपरा से नारायण आदि देवताओं का भक्त हो।
हिंदूर्हि नारायणादि देवताभक्ततः ||
मेरुतंत्र के अनुसार
जो हीनाचरण को निंद्य समझ कर उसका त्याग करें वह हिंदू कहलाता है।
हीनं च दूषयत्येव हिन्दुरित्युच्यते प्रिये ||
शब्दकल्पद्रुमकोश के अनुसार
हीनता से रहित साधु जाति विशेष हिंदू है।
हीनं दूषयति इति हिन्दू ||
पारिजातहरण नाटक के अनुसार
जो अपनी तपस्या से दैहिक पापों तथा चित्त को दूषित करने वाले दोषों का नाश करता है तथा जो शस्त्रों से अपने शत्रु समुदाय का भी नाश करता है वह हिंदू कहलाता है।
रामकोष के अनुसार
हिंदू दुर्जन नहीं होता न अनार्य होता है ना निंदक ही होता है।
जो सद्धर्म पालक विद्वान और श्रौतधर्म परायण है वह हिंदू है।
हिंदुर्दुष्टो न भवति नानार्यो न विदूषकः |
सद्धर्मपालको विद्वान् श्रौतधर्म परायणः ||
हिंदू शब्द के अर्थ
"सौम्य" "सुंदर" "सुशोभित" "शील निधि" "दमशील" और "दुष्टदलन में दक्ष"
अरबी कोष के अनुसार
हिंदू शब्द का अर्थ "खालिस" अर्थात "शुद्ध होता है"
ना कि चोर आदि मलिन निकृष्ट अर्थ।
यहूदियों के मत में
हिंदूका अर्थ शक्तिशाली वीर पुरुष होता है।
हिन्दु पद वाच्यों की
कतिपय मुख्य परिभाषाएं
****
1: वेदादि शास्त्रों को मानने वाली जाति ही हिंदू जाति है।
जो श्रुति स्मृति पुराण इतिहास प्रतिपादित कर्मों के आधार पर अपनी लौकिक पारलौकिक उन्नति पर विश्वास रखता है वह हिंदू है।
अपने वर्णाश्रम धर्मानुकूल आचार विचार के द्वारा जीवन व्यतीत करने वाला और वेद शास्त्रों को अपना धर्म ग्रंथ मानने वाला ही हिंदू है।
श्रुतिस्मृत्यादिशास्त्रेषु प्रामाण्यबुद्ध्यावलंब्य श्रुत्यादिप्रोक्ते धर्मे विश्वासं-निष्ठां च यः करोति स एव वास्तव हिंदुपदवाच्यः ||
वेदशास्त्रोक्तधर्मेषु वेदाद्युक्ताधिकारिवान् |
आस्थावान् सुप्रतिष्ठिश्च सोऽयं हिंदुः प्रकीर्तितः ||
2: जो गोभक्ति संपन्न है।
वेद और प्रणवादि में जिसकी दृढ़ आस्था है तथा पुनर्जन्मों में जिसका विश्वास है वही वास्तव में हिंदू कहने योग्य है।
इस परिभाषा के अनुसार
"जैन" "बौद्ध" "सिक्ख" आदि हिंदू मान्य हैं।
गोषु भक्तिर्भवेद्यस्य प्रणवादौ दृढामतिः |
पुनर्जन्मनि विश्वासः स वै हिंदुरिति स्मृतः ||
3: श्रुति स्मृति पुराण के अनुसार
निरूपित समस्त दुर्गुणों का दोषोंका जो हनन करें वह हिंदू है।
श्रुत्यादि प्रोक्तानि सर्वाणि दूषणानि हिनस्तीति हिन्दुः ||
4: वृद्धस्मृति के अनुसार
हिंसा से दुखित होने वाला सदाचरण तत्पर वर्ण उचित आचरण संपन्न वेद गोवंश और देव प्रतिमा की सेवा करने वाला हिंदू कहलाने योग्य है।
हिंसया दूयते यश्च सदाचारतत्परः |
वेदगोप्रतिमासेवी स हिंदुमुखशब्दभाक् ||
5: आधुनिक सुधारक हिंदुओं के मत मे
हिंदू शब्द
विचार नवनीत ग्रंथ में RSS के गुरु माने जाने वाले गोलवलकर जी पृष्ठ 44 और 45 पर
हिंदू अपरिभाष्य है।
इस शीर्षक से आप कहते हैं कि
"जैसे सूर्य चंद्र की परिभाषा हो सकने पर भी चरम सत्य की परिभाषा नहीं हो सकती वैसे ही मुसलमान ईसाई की परिभाषा है पर हिंदू अपरिभाषित ही है"
इस बातका खंडन करते हुए
धर्मसम्राट स्वामी श्रीकरपात्रीजी महाराज विचार "पीयूष" नामक ग्रंथ में कहते हैं
जिन ग्रंथों को आप प्रमाण रूप में उपस्थित करते हैं उन्हीं ग्रंथों ने ईश्वर तक की परिभाषाएं बतलाई गई हैं।
सत्यं ज्ञानमनन्तं ब्रह्म |
विज्ञानमानन्दं ब्रह्म || आदि आदि
आश्चर्य है कि
जो हिंदुत्व के संबंध में
कुछ भी नहीं जानता
जो उसकी परिभाषा भी नहीं कर सकता
आज वहीं दुनिया के सामने बढ़-चढ़कर घमंड की बात करता है।
ऐसे संघ समूहों की संसार में कमी नहीं जो संसार में अपने को ही सर्वोत्कृष्ट मानते हैं।
"विचारपीयूष" ग्रंथ के
पृष्ठसं 336 से 348 तक
तथा पृष्ठसं5 से 50 तक
इसी विचारधारा को मानने वाले कुछ लोग कहते हैं कि
सिंधु से लेकर सिंधु पर्वतपर्यंत भारत भूमि को जो पितृभू और पुण्यभू मानता है वही हिंदू है।
किंतु उनकी यह परिभाषा अव्याप्ति अतिव्याप्ति दोषों से पूर्ण है।
इसके अनुसार
प्राचीन काल के वे हिंदू जो दूसरे द्वीपों में रहते थे हिंदू ही नहीं कहे जा सकते।
इसी विचारधारा के कुछ लोग कहते हैं कि
जो हिंदुस्तान में रहता है वह हिंदू है।
पर ऐसा नहीं है।
ऐसा मानने पर यहां विभिन्न धर्मों के रहने वाले लोग हिंदू कहे जाने लगेंगे।
जो कि उन्हें स्वयं स्वीकार नहीं है और हमारी उपर्युक्त परिभाषा ओं के अंतर्गत भी वे नहीं आते।
इसलिए यह विचार पूर्ण नहीं है।
सारगर्भित परिभाषा
जो वेदादिशास्त्रानुसार वेद शास्त्रोक्त धर्म में विश्वासवान् तथा स्थित है "वह हिंदू है"।
वेदादिशास्त्रों में वेदाध्ययन अग्निहोत्र बाजपेय राजसूय आदि कुछ धर्म ऐसे हैं जिनका अनुष्ठान जन्मना ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य ही कर सकते हैं।
निषादस्थपति याग रथकारेष्टि जैसे कुछ कर्मों का शूद्र ही अनुष्ठान कर सकते हैं।
कुछ सत्य दया क्षमा अहिंसा ईश्वर भक्ति तत्वज्ञान आदि का अनुष्ठान मनुष्य मात्र कर सकते हैं।
किंतु वे सभी वेदादि शास्त्रों का प्रामाण्य मानने वाले तथा अपने अधिकार अनुसार वेदादि शास्त्रोक्त धर्म का अनुष्ठान करने वाले हिंदू हैं।
जन्मना ब्राह्मणआदि का भी सब कर्मों में अधिकार नहीं है।
ब्राह्मण एवं वैश्य का राजसूय यज्ञ में अधिकार नहीं है।
ब्राह्मण क्षत्रिय दोनों का वैश्यस्तोम याग में अधिकार नहीं है।
निषादस्थपतीष्टि में उक्त तीनों का अधिकार नहीं है।
विशेषतः हिंदू शास्त्र अनुसार जिनके पुनर्जन्म विश्वास दाएभाग विवाह अंत्येष्टि मृतक श्राद्धादि कर्म होते हैं
वे सभी हिंदू हैं।
गाय में जिसकी भक्ति हो
प्रणव आदि ईश्वर नामों में यथा अधिकार जिसकी निष्ठा हो
तथा पुनर्जन्म में जिसका विश्वास हो
वह हिंदू है।
लक्षणा वृत्ति से हिंदू शब्द के हिंदू देश यानी हिंदुस्तान और वहां के निवासी हिंदू दोनों अर्थ होते हैं।
हिमालयं समारभ्य यावदिन्दु सरोवरम् |
तं देवनिर्मितं देशं हिंदुस्थानं प्रचक्षते ||
पर ऐसा नहीं है।
ऐसा मानने पर यहां विभिन्न धर्मों के रहने वाले लोग हिंदू कहे जाने लगेंगे।
जो कि उन्हें स्वयं स्वीकार नहीं है और हमारी उपर्युक्त परिभाषा ओं के अंतर्गत भी वे नहीं आते।
इसलिए यह विचार पूर्ण नहीं है।
सारगर्भित परिभाषा
जो वेदादिशास्त्रानुसार वेद शास्त्रोक्त धर्म में विश्वासवान् तथा स्थित है "वह हिंदू है"।
वेदादिशास्त्रों में वेदाध्ययन अग्निहोत्र बाजपेय राजसूय आदि कुछ धर्म ऐसे हैं जिनका अनुष्ठान जन्मना ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य ही कर सकते हैं।
निषादस्थपति याग रथकारेष्टि जैसे कुछ कर्मों का शूद्र ही अनुष्ठान कर सकते हैं।
कुछ सत्य दया क्षमा अहिंसा ईश्वर भक्ति तत्वज्ञान आदि का अनुष्ठान मनुष्य मात्र कर सकते हैं।
किंतु वे सभी वेदादि शास्त्रों का प्रामाण्य मानने वाले तथा अपने अधिकार अनुसार वेदादि शास्त्रोक्त धर्म का अनुष्ठान करने वाले हिंदू हैं।
जन्मना ब्राह्मणआदि का भी सब कर्मों में अधिकार नहीं है।
ब्राह्मण एवं वैश्य का राजसूय यज्ञ में अधिकार नहीं है।
ब्राह्मण क्षत्रिय दोनों का वैश्यस्तोम याग में अधिकार नहीं है।
निषादस्थपतीष्टि में उक्त तीनों का अधिकार नहीं है।
विशेषतः हिंदू शास्त्र अनुसार जिनके पुनर्जन्म विश्वास दाएभाग विवाह अंत्येष्टि मृतक श्राद्धादि कर्म होते हैं
वे सभी हिंदू हैं।
गाय में जिसकी भक्ति हो
प्रणव आदि ईश्वर नामों में यथा अधिकार जिसकी निष्ठा हो
तथा पुनर्जन्म में जिसका विश्वास हो
वह हिंदू है।
लक्षणा वृत्ति से हिंदू शब्द के हिंदू देश यानी हिंदुस्तान और वहां के निवासी हिंदू दोनों अर्थ होते हैं।
हिमालयं समारभ्य यावदिन्दु सरोवरम् |
तं देवनिर्मितं देशं हिंदुस्थानं प्रचक्षते ||
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : शुक्रवार
दिनांक: 25 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:50 प्रात:
सूर्यास्त : 6:34 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : द्वादशी 11:41 पूर्वाह्न तक फिर त्रयोदशी
नक्षत्र : पूर्वा भाद्रपद 8:43 प्रातः तक फिर उत्तरा भाद्रपद
योग : इन्द्र 12:19 अपराह्न तक फिर वैधृति
राहुकाल : 10:36 - 12:12 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
दिन : शुक्रवार
दिनांक: 25 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:50 प्रात:
सूर्यास्त : 6:34 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : द्वादशी 11:41 पूर्वाह्न तक फिर त्रयोदशी
नक्षत्र : पूर्वा भाद्रपद 8:43 प्रातः तक फिर उत्तरा भाद्रपद
योग : इन्द्र 12:19 अपराह्न तक फिर वैधृति
राहुकाल : 10:36 - 12:12 अपराह्न तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम