धर्म ज्ञान : जय श्री राम
1.09K subscribers
1.28K photos
18 videos
41 files
12.8K links
सत्य पंथ का करी प्रचारा॥
देश धर्म का करि विस्तारा ||
Download Telegram
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : रविवार
दिनांक: 20 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:54 प्रात:
सूर्यास्त : 6:40 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : सप्तमी 6:56 सांय तक फिर अष्टमी
नक्षत्र : पूर्वाषाढ़ा 11:37 पूर्वाह्न तक फिर उत्तराषाढा
योग : सिद्ध 12:54 रात्रि तक फिर साध्य
राहुकाल : 4:57 - 6:32 सांय तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
अप्रैल 20, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय  हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
अति सर्वनाशहेतुर्ह्यतोऽत्यन्तं विवर्जयेत्।
अति सर्वनाश का कारण है।
इसलिये अति का सर्वथा परिहार करे।
जय श्री सूर्यदेव
जय श्री राम
अप्रैल 20, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
धृतिः शमो दमः शौचं कारुण्यं वागनिष्ठुरा।
मित्राणाम् चानभिद्रोहः सप्तैताः समिधः श्रियः।।
धैर्य, मन पर अंकुश, इन्द्रियसंयम, पवित्रता, दया, मधुर वाणी और मित्र से द्रोह न करना ये सात चीजें लक्ष्मी को बढ़ाने वाली हैं।
जय श्री सूर्य देव
जय श्री राम
*..सब माने हुए हैं, कोई अपना नहीं..*

एक वस्तु अपनी होती है और एक वस्तु अपनी मानी हुई होती है। शरीर आदि अपने नहीं हैं, प्रत्युत अपने माने हुए हैं। जैसे कोई खेल होता है तो उस खेलमें कोई राजा बनता है, कोई रानी बनती है, कोई सिपाही बनते हैं तो वे सब माने हुए होते हैं, असली नहीं होते। इसी तरह संसारमें व्यक्ति और पदार्थ केवल व्यवहारके लिये अपने माने हुए होते हैं। वे वास्तवमें अपने नहीं होते।

अपना न स्थूलशरीर है, न सूक्ष्मशरीर है, न कारणशरीर है। जब अपना कुछ है ही नहीं तो फिर हमें क्या चाहिये ? अपने तो केवल भगवान् ही हैं। हम उन्हींके अंश हैं। भगवान् के सिवाय और कोई भी अपना नहीं है। भगवान्‌के सिवाय जो कुछ है, सब मिला हुआ है और छूटनेवाला है।

विचार करें, आप आये तो कोई वस्तु साथ लाये क्या ? और जाते हुए कोई वस्तु साथ ले जाओगे क्या? सब कुछ यहीं पड़ा रहेगा। परन्तु उनको अपने काममें लेते रहनेसे आदत पड़ गयी, जिससे उसकी ममता छोड़ना कठिन हो रहा है।
साभार...
मित्रों,चलिए हमारे न्याय प्रणाली की सुन्दरता के कुछ पंखुड़ियाँ आप लोगों के सामने बिखेरता हुँ.इसे पढ़ते पढ़ते अपना सर का बाल नोचियेगा मत.

• वर्ष 2000 में पाकिस्तान पोषित आतंकवादी संगठन #लश्कर_ए_तैयबा के आतंकवादियों ने दिल्ली के लाल किले में तैनात भारतीय सेना की 7-RR 7 राजपूताना राइफल्स पर हमला किया था!उस हमले में 3 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे.दिल्ली पुलिस ने आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड पाकिस्तानी इस्लामिक आतंकी मोहम्मद #आरिफ उर्फ #अशफाक को 4 दिन के भीतर गिरफ्तार कर लिया...!!

इसके बाद हमारी न्याय प्रणाली की सुन्दरता का आनंद लीजिए...

1 = इतने गंभीर मामले में दिल्ली की #ट्रायल_कोर्ट ने उसे मौत की सज़ा सुनाने में 5 साल लगा दिए (2005)...

2 = दिल्ली की ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले की पुष्टि करने में दिल्ली #हाई_कोर्ट को 2 साल और लग गए (2007)...

3 = दिल्ली हाई कोर्ट के उसी आदेश को बरकरार रखने में #सुप्रीम_कोर्ट को 4 साल और लगे (2011)...

4 = मोहम्मद आरिफ़ की #समीक्षा_याचिका को खारिज करने में #सुप्रीम_कोर्ट को 1 साल और लगे (2012)...

5 = उसके बाद सुप्रीम कोर्ट को आरिफ की #क्यूरेटिव_याचिका खारिज करने में 2 साल और लग गए (2014)...

6 = सितंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट की #संविधान_पीठ ने फैसला सुनाया कि जिन मामलों में हाई कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है,उन्हें 3 जजों की बेंच के सामने सूचीबद्ध किया जाना चाहिए...

7 = इस तरह,पाकिस्तान पोषित आतंकवादी मोहम्मद आरिफ अपनी दायर समीक्षा याचिका पर फिर से सुनवाई के लिए योग्य हो गया..!!...

8 = उसके बाद मोहम्मद आरिफ की #पुनर्विचार_याचिका को सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों द्वारा खारिज करने में 8 साल और लग गए (2022)...

9 = फिर मोहम्मद आरिफ ने राष्ट्रपति के समक्ष याचिका दायर की,जिसे #राष्ट्रपति ने 13 जून 2024 (2024) को खारिज कर दिया...

• इस प्रकार 3 भारतीय सैनिकों का हत्यारा पिछले 24 सालों से भारतीय करदाताओं के पैसे पर जिंदा है...! और जेल में मुर्गी टांग मरोड़ रहा है....

• अरे भाईयों,आप लोग जा कहा रहे हैं, क्यों कि यह कहानी यानी यह मामला अभी खत्म ही नहीं हुआ है...

भारत के माननीय न्यायाधीशों और कुशल न्याय प्रणाली को देखते हुए,राष्ट्रपति द्वारा #दया_याचिका खारिज किए जाने के बाद भी,सजा पर अमल में कितना समय लगेगा,इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.!!और हां,अभिषेक मनु सिंघवी,कपिल सिब्बल,सलमान खुर्शीद और प्रशांत भूषण जैसे कानून विशेषज्ञों का मानना है कि आरिफ संविधान के #अनुच्छेद_32 (संवैधानिक उपचार का अधिकार) के तहत सजा में रियायत की मांग कर सकता है !!वह मौत की सजा के क्रियान्वयन में अत्यधिक देरी के आधार पर याचिका दायर कर सकता है...!! यानी फिर से हमारे माननीय अदालत इस मसले को और 25 साल चलाने वाले हैं,क्यों कि इस तरह के मलाई (मामले) अब रोज रोज आते थोड़ी न हैं...!!परंतु विडंबना का विषय यह है कि अब वही न्यायालय आज कह रहा है कि #राज्यपाल एवं #राष्ट्रपति को समय नहीं लेना चाहिए.!तो फिर बोलिए वींर भोग्य वसुंधरा की जयभारतीय संविधान की जय और उस पर डांडा लेकर बैठे हमारे राजा हरिश्चंद्र जी के माफिक न्यायालय की जय हो जय हो जय हो .....

बोलो #भारत_माता की जय
हेलो @JPNadda

आपकी औकात यह है कि आप अपने दम पर एक चुनाव न जीत सकते हैं ना जीता सकते हैं

आपके राज्य हिमाचल में आपने बीजेपी का बंटाधार कर दिया है
अपने खुद के राज्य में तो आप बीजेपी को जीता नहीं सके

केवल मोदी के नाम पर सत्ता की मलाई चाट रहे हैं और बिना किसी जनाधार के कभी केंद्रीय मंत्री तो कभी पार्टी अध्यक्ष बना दिए जाते हैं

आपको अपने ही सांसद Dr #Nishikant_Dubey जी से लेना देना नहीं है,आपको अपने ही सांसद #Dinesh_Sharma जी से लेनादेना नहीं है

आपको अपने ही राष्ट्रीय प्रवक्ता #Shehzad_Poonawalla जी से लेनादेना नहीं है
आपको अपने ही महिला राष्ट्रीय प्रवक्ता #नूपुरशर्मा जी से लेना देना नहीं था।
आपको अपनी ही नव निर्वाचित सांसद #Kangana_Ranaut पर पंजाब में हुए हमले से लेना देना नहीं था।
आपको #बंगाल #केरल में मर रहे अपने ही #कार्यकर्ताओं से लेना देना नहीं होता है ।

और विपक्ष के नेता की तरफ देखिए कैसे राणा सांगा को अपशब्द बोलने वाले रामजीलाल सुमन के साथ खड़े हैं
कैसे पूरा विपक्ष हत्-या-रिन ममता बनर्जी के साथ खड़ा है
कैसे एक जज के घर से करोड़ो का बेहिसाब रुपया मिलने के बाद भी पूरा विपक्ष और उनके प्यादे एक दूसरे के साथ खड़े हैं।

" एक लकड़ी और लकड़ी का गट्ठर " वाली शिक्षा केवल जनता के लिए नहीं है महोदय..#भाजपा परिवार पर भी लागू कीजिये।

उपरोक्त्त दोनों सांसदों ने उसी जनता के मन की बात की है जिस जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है।।ये उनके निजीविचार न होकर 2 लोकसभाओं के लाखों लोगों के,और उनसे सहमत करोड़ों देशवासियों के विचार हैं।
देश की जनता इनके के साथ है

जय श्री राम
साभार बड़के भईया...
सांसद #निशिकांत दुबे और #उपराष्ट्रपति_धनखड़ महोदय ने सुप्रीम कोठे पर मोर्चा खोला ही था कि नड्डा जी की पतलून गीली हो गई.
सोचिए,अगर #कल्याण_सिंह जी ने कोर्ट की अवमानना का इतना ख्याल रखा होता तो आज हम कहां होते.

ठीक है,निशिकांत दुबे ने जो कहा है वह भाजपा का आधिकारिक बयान नहीं है. लेकिन भाजपा का आधिकारिक बयान क्या है यह भी बताते चलिए... हम न्यायालय का सम्मान करते हैं,सुप्रीम कोर्ट निष्पक्ष होता है?
अगर आप इतना जोड़ दें कि यह भाजपा का आधिकारिक बयान नहीं है,लेकिन व्यक्तिगत रूप से मुझे उनकी बात में तथ्य दिखाई देता है... तो आपको जेल हो जाएगी? सचमुच?आप देश की सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं जो सरकार चला रही है.आप इतने बड़े फट्टू हैं तो कैसे चलाएंगे पार्टी और कैसे साहस देंगे अपने कार्यकर्ताओं को जो आपसे अधिक खतरे उठा कर यह लड़ाई लड़ रहा है?

यह #फट्टूपना भाजपा का चरित्र है. भाजपा ऐसे फट्टूपने को रिवॉर्ड करती है.यह पार्टी के साथ मेरा व्यक्तिगत अनुभव है.सच तो यह है कि हर स्तर पर हर नेता अपने से नीचे वाले के साहस से सबसे पहले स्वयं डरता है.उसे #थ्रेट की तरह लेता है.व्यक्तिगत साहस और #बोल्डनेस को पार्टी एक #लायबिलिटी की तरह लेती है.

यह समय था कि पार्टी का हर नेता हर स्तर पर कम से कम जनता का मूड पढ़कर उसका फायदा उठाने के लिए ही सही,कोर्ट पर सवाल उठाता.उसका क्या बिगड़ता?अगर किसी पर अवमानना का केस बनता तो और अच्छा अवसर होता कि आप कोर्ट में खड़े होकर वह सब कहते जो पूरा देश सोचता है और सुनना चाहता है.आप जो #प्राइस चुकानी हो वह चुकाते और बदले में पार्टी से यह अपेक्षा होती कि आपको इस साहस का पुरस्कार मिलेगा.यह सरल सी बात समझना रॉकेट साइंस नहीं है.अगर कुछ करने में बाधा है तब भी करने का इरादा है,इतना कहने का दम तो होना चाहिए जिससे कि कम से कम हम जान सकें कि आप आज नहीं तो कल यह करने की सोचते हैं.

लेकिन यह भाजपा है,और कुल मिला कर यह ऐसी ही है.ऐसी ही बीस साल पहले भी थी.यह परिवर्तन कैसे और किस स्तर पर आ सकता है यह उत्तर मुझे नहीं मालूम.अपेक्षा करता हूँ शायद भविष्य में मुझे कभी मेरे प्रश्नों का उत्तर मिल सकेगा। राम राम रहेगी सभी को!
अयोध्या पञ्चाङ्ग
दिन : सोमवार
दिनांक: 21 अप्रैल 2025
सूर्योदय : 5:53 प्रात:
सूर्यास्त : 6:32 सांय
विक्रम संवत : 2082
मास : वैशाख
पक्ष : कृष्ण
तिथि : अष्टमी 6:53 सांय तक फिर नवमी
नक्षत्र : उत्तराषाढ़ा 12:25 अपराह्न तक फिर श्रवण
योग : साध्य 10:49 रात्रि तक फिर शुभ
राहुकाल : 7:28 - 9:03 सांय तक
श्री अयोध्या नगरी
जय श्री राम
सर्गस्थित्यन्तकर्तारौ भक्तिगम्यावगोचरौ उमामहेश्वरौ वन्दे सत्कृपासरिदर्णवौ॥
सृष्ट्वाऽखिलं विश्वमिदं विचित्रम् स्थूलञ्च सूक्ष्मञ्च चराचरञ्च।
तथापि नित्यं निरुपाधिको यः तस्मै महेशाय नमोऽस्तु शश्वत्॥
मौलो यो बिभृते शुभां सुरधुनीं भाले कलामैन्दवीम् नेत्रे मन्मथदाहकानलशिखां कण्ठे विषं भीषणम्।
वामाङ्के गिरिजां वपुष्युपचितं भस्म स्मशानोद्भवम् तं वन्दे शिरसा भुजङ्गरशनं सर्वैरलिप्तं शिवम्॥
ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमः
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु
सादर अभिनन्दम्
जयतु भारत राष्ट्रम्
प्रभात मङ्गलम्
आज 21 अप्रैल को वैशाख कृष्णपक्ष की अष्टमी और सोमवार है अष्टमी आज शाम 6:59 तक रहेगी तथा रात 11 बजे तक साध्य योग रहेगा साथ ही दोपहर 12:37 तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा उसके बाद श्रवण नक्षत्र लग जाएगा आज कालाष्टमी का व श्री शीतलाष्टमी का व्रत भी किया जाएगा।
🌳🐍🙏🙏🐍🌳
अप्रैल 21, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो।
।। ॐ सुभाषित ॐ ।।
ध्यायतो विषयान् पुंस: संगस्तेषूपजायते ।
संगात् संजायते काम: कामात् क्रोधोऽभिजायते ॥
विषयों का ध्यान करने से उनके प्रति आसक्ति हो जाती है यह आसक्ति ही कामना को जन्म देती है और कामना ही क्रोध को जन्म देती है ।
जय श्री शिव शंकर
जय श्री राम
महादेव महादेव महादेवेत
जो "शिव" शब्द का
उच्चारण करके प्राणों का त्याग करता है
वह कोटि जन्मों के पापों से छूटकर मुक्ति को प्राप्त करता है ।
"शिव" शब्द कल्याणवाची है।
और "कल्याण" शब्द मुक्तिवाचक है।
वह "मुक्ति" भगवन् शंकर से ही प्राप्त होती है इसलिए वे "शिव" कहलाते है ।
धन तथा बान्धवो के नाश हो जाने के कारण शोक सागर मे मग्न हुआ मनुष्य "शिव" शब्द का उच्चारण करके सब प्रकार के कल्याण को प्राप्त करता है।
"शि" का अर्थ है पापोंका नाश करने वाला
और "व" कहते है मुक्ति देनेवाला।
भगवान् शंकर मे
ये दोनों गुण है इसीलिये वे "शिव" कहलाते है।
"शिव" यह मङ्गलमय नाम
जिसकी वाणी मे रहता है उसके करोड़ जन्मों के पाप नष्ट हो जाते है।
"शि" का अर्थ है मङ्गल
और "व" कहते है दाता को।
इसलिये जो मङ्गलदाता है वही "शिव" है।
भगवान् शिव
विश्वभर के मनुष्योंका सदा "शं" कल्याण करते है और "कल्याण" "मोक्ष" को कहते है।
इसी से वे "शंकर" कहलाते है।
ब्रह्मादि देवता तथा वेद का उपदेश करनेवाले जो कोई भी संसार मे महान कहलाते हैं।
उन सबके "देव" अर्थात् उपास्य होने से वे ऋषि "महादेव" कहे जाते है।
अथवा महती अर्थात् विश्वभर में पूजित जो मूल प्रकृति ईश्वरी है।
उस प्रकृति द्वारा पूजित देव "महादेव" कहलाते हैं।
संसार मे स्थित सारी आत्माओ के ईश्वर स्वामी होने से वे "महेश्वर" है।
महादेव महादेव महादेवेति यो वदेत् |
एकेन मुक्तिमाप्नोति द्वाभ्यां शम्मू ऋणी जय भोलेनाथ
अब राजनीति में हैं तो कुछ तो बोलेंगे ही निशिकांत दुबे ? बढ़िया वक्ता हैं , हमेशा तथ्यों पर बोलते हैं , बीजेपी के प्रखर वक्ता हैं । जो देश राहुल और अखिलेश की करकरी बातों बेसुरे विचारों को मजबूरी में सुनता है वह देश निशिकांत जैसे नेताओं की बारी की बेसब्री से प्रतीक्षा करता है ।

कोर्ट पर तो संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सभापति और देश के उपराष्ट्रपति भी बोल रहे हैं तो निशिकांत क्यों न बोलें ? वे सांसद हैं , सदन के बाहर विचार रख रहे हैं । लेकिन जगदीप धनखड़ तो सदन के भीतर हों या बाहर दोनों ही जगह उपराष्ट्रपति और सभापति के संवैधानिक पद पर हैं ?

पता नहीं अपने मुखर नेताओं को ठिकाने लगाने की आदत बीजेपी को क्यों पड़ गई है ? कांग्रेस तो मणिशंकर अय्यर , दिग्विजय सिंह , सुप्रिया श्रीनेत , पवन खेड़ा जैसे "महान" पनेताओं को प्रमोट करती है । इसके विपरीत बीजेपी निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के बयानों से पार्टी को अलग कर रही है । ऐसा ही बर्ताव नूपुर शर्मा के साथ किया गया । बीजेपी ने बड़ी बेशर्मी से उनसे ऐसा मुंह मोड़ा मानों उन्होंने राष्ट्रद्रोह कर दिया हो ।

कईं बार बीजेपी का दोहरा चरित्र सामने आता है । न्यायपालिका को आईना दिखाना यदि अपराध है तो सरकार पहली कार्रवाई उपराष्ट्रपति के खिलाफ करे ? उन्होंने तो समूचे न्यायतंत्र की धज्जियां ही उड़ा दी थी ? तो क्या अपने मुखर नेताओं को अलग थलग कर अपना सेक्यूलर चेहरा दिखाना चाहती है बीजेपी ? इस तरह सुर्खरू होना पार्टी को कब भारी पड़ गया , पता भी नहीं चलेगा ?

विधायिका , कार्यपालिका और न्यायपालिका के रिश्तों पर खुली बहस की आवश्यकता लबे समय से की जा रही है । संविधान की रक्षा और कोर्ट की गरिमा बनाए रखने का पहला सवाल 1975 में तब खड़ा हुआ था जब इलाहाबाद उच्चन्यालय के आदेश की धज्जियाँ उड़ाते हुए इंदिरा गांधी ने आपातकाल देश पर थोपा था । तब विपरीत फैसला देने वाले न्यायाधीश , वादी राजनारायण और उनके वकील की क्या दुर्गत बनाई गई , वह एक इतिहास है ।

तब कांग्रेस पार्टी अपनी नेता के गलत काम के साथ खड़ी हुई , आज बीजेपी अपने निशिकांत जैसे मुखर नेता के खिलाफ खड़ी हो गई है । तथापि इंदिरा ने जो किया वह भी गलत था और अब जेपी नड्डा ने जो किया वह भी गलत है । ऐसे तो बीजेपी अपना ही तमाशा बनाएगी । नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ जनता इसलिए खड़ी हुई चूंकि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी कार्यकाल की नकल नहीं की ।

मोदी के नेतृत्व में सॉफ्ट राष्ट्रवाद से निकलकर बीजेपी हार्ड राष्ट्रवाद की तरफ बढ़ी । उसी की देन है कि धनकड़ और निशिकांत जैसे नेता सामने आते हैं । प्रश्न भाजपा तय करे कि वह सॉफ्ट और हार्ड राजनीति से किसे चुनती है ? अन्यथा कभी रविशंकर प्रसाद , कभी नूपुर शर्मा और अब निशिकांत दुबे तथा दिनेश शर्मा के खिलाफ खड़ा होना भारी पड़ेगा । राष्ट्रवाद , हिन्दुत्व और सत्ता को इकट्ठा चुनना बीजेपी की जीत है । उसका भविष्य भी इन्हीं तीन पर टिका है , वरना सेक्युलर पार्टियों की तो पहले ही देश में भरमार है । बीजेपी को निशिकांत दुबे के इस सवाल का जवाब देना ही पड़ेगा कि कानून संसद बनाती है या कोर्ट ? ठीक तो कहा यदि न्यायपालिका बनाती है तो बंद करो संसद ?
जो यह समझ रहा कि अनुराग कैचफ केवल ब्राह्मणों पर पेशाब करने की बात कर रहा है वह अपनी समझ बढ़ाए।वह #हिंदुत्व पर पेशाब करने की बात कर रहा है..ठीक उसी तरह जो यह समझ रहा था कि केवल राणा सांगा का कोई अपमान कर क्षत्रियों का अपमान कर रहा था तो अपनी समझ बढ़ाइए,इस बहाने ये लोग समूचे हिंदुत्व का अपमान कर रहे थे।

वामपंथी समय समय पर हिंदुओं का अपमान करके उनकी सहनशक्ति को टेस्ट करते रहते हैं।बहुत बार हिंदू अपमानित होने के बाद अपनी सहनशक्ति बढ़ाकर घर बैठ जाता है।इस दौरान किसी जगह कुछ प्रदर्शन हो गए तो लगता है हिंदू जाग गया लेकिन वे प्रदर्शन हिंदुत्व एकता की बजाय कुछ जातियों में सीमित हो जाते हैं और फिर सब अपने अपने घर।

कोई ब्राह्मण है तो केवल इसलिए कि वह हिंदू है,यादव है,हरिजन है,कुर्मी,मौर्या,पटेल,मुंडा,कोल,किरात,खासी,मैतेई है तो केवल इसलिए कि हिंदू हैं ठाकुर इसलिए कि वह हिंदू है,जाटव है तो इसलिए कि हिंदू है,बनिया,महतो,जाट,भूमिहार,कायस्थ,लिंगायत,शाक्त,नाथ,वैष्णव,शैव,साधु,नागा,इसलिए है क्योंकि वह हिंदू है।

जातियां हिंदू वट के पुष्प,डाली,जड़,तना,पत्ते,छाल हैं।पत्ता नुचेगा,पुष्प तोड़ा जाएगा,तना काटा जाएगा,जड़ उखाड़ी जायेगी तो इसमें एक का नहीं सब यानी पूरे पेड़ जो सबको आधार देता है का नुकसान है।

आपस की छोटी मोटी लड़ाई चलती रहेगी लेकिन जब बात सामूहिक पहचान की आए तो सभी लोग साथ खड़े हों।
राम राम रहेगी सभी को!
बंगाल में हिंसा हो रही है हिन्दू मौन है. कुछ समय बाद फिर कोई अनुपम खैर,विशाल अग्निहोत्री आयेगा बंगाल फाइल बनाएगा.
हिन्दू सिनेमा घरों में बढ़ चढ़ कर जाएंगे. Movie super hit होगी भाजपा सरकार अपने राज्यों में टैक्स फ्री करेगी.

हिन्दू जनता मूवी देखकर आंसु बहाएगी. सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा फिल्म को देखने की अपील करेगी. फिल्म 500 crode कमा लेगी और हिन्दू जनता इसी को अपनी जीत समझेगी.

इन सब बातों को लिखने का ये मकसद है कि हम हिन्दू 1050 से लेकर आजतक अत्याचार से सिर्फ भाग रहें हैं सिर्फ भाग रहें हैं इसी भाग दौड़ ने #अखंड_भारत को #संकुचित_भारत बना दिया है.

आने बाले समय मे झारखंड,केरल महाराष्ट्र और अंत में पूरे भारत में जिहाद का नारा जोरों से गूंज रहा होगा.

आपसी फुट बढ़ता जातिवाद घिनौनी राजनीति पूरे #सनातन_धर्म(बौद्ध धर्म,जैन धर्म,सिख धर्म) सबको एक साथ धीरे धीरे निगल जाएगा सिर्फ एक ही आवाज गूंजेगा जिहाद जिहाद जिहाद.विचार अवश्य करिएगा..राम राम रहेगी सभी को!
पत्रं पुष्पं फलं तो़यं यो मे भक्त्या प्रयच्छति |
तदहं भक्त्युपह्रतमश्नामि प्रयात्मन: ||
व्यस्त आपाधापी मे
साधनाभाव या समयाभाव के कारण
यदि विस्तृत पूजन न कर पायें
तो आद्यगुरु श्री शँकराचार्य जी ने अति सुन्दर मानसिक पूजा का विधान बताया है।
जो कि अति भावपूर्ण होते हुये श्रुतिपरक भी है जिसमे आप को कुछ भी नही करना है।
सिर्फ मानसिक रूप से भावना ही करनी है।
क्योंकि भगवान
तो प्रेम की भावना के आधीन हैं
न कि व्यर्थ के आडम्बर के
उन्हें तो प्रेम से अर्पित किया गया
एक फूल भी स्वीकार है।
हर हर शम्भु
त्रिलोकपति भगवान भोलेनाथ ने किसी की भक्ति से प्रसन्न होकर उसे वरदान दे दिया था कि तुम जिस पर भी हांथ रख दोगे वह भस्म हो जाएगा। इस वरदान से भस्मासुर के पास असीमित ताकत हो गई थी और उसने भगवान शिव को ही भस्म करने के लिए दौड़ा लिया... संविधान का अनुच्छेद 142 कुछ उसी तरह का #भस्मासुर हो चुका है... संविधान निर्माता ने यह अनुच्छेद जोड़ते समय जिस विवेक की अपेक्षा की थी न्यायपालिका से, उसका लोप यदि समय समय पर नजर आता है, तो इसमें अदूरदर्शिता किसकी है?
भस्मासुर का इलाज करने के लिए भगवान विष्णु को मोहनी रूप धारण करना पड़ा था, भारतीय संविधान मे छिपे बैठे इस भस्मासुर का इलाज भी कुछ उसी तरह से हो पाएगा।
आज रात
9 बजकर 9 मिनट पर क्या करें?

यदि आप 9:09 पर आसमान की तरफ देखते रहें और अपनी आंखें खुली रखें। हाथ जोड़कर अपनी इच्छा बार-बार बोलें तो वह पूरी हो सकती है। लेकिन आपको वह विश किसी को नहीं बतानी है। ये प्रक्रिया ब्रह्मांड की ऊर्जा को आकर्षित कर आपकी इच्छा को पूरा कर सकती है।