Crack Exam Online
458 subscribers
190 photos
1 video
405 files
309 links
Crack Exam Online
दोस्तों हमारा यह Telegram channel Education Perpose के लिए हैं। हमारे channel @crackexamonline में आप को Education से संबंधित Daily current affairs , Important Days of Month etc. Videos Link or pdf मिलेंगे।
Download Telegram
राजीव गांधी ओलंपिक खेल
संपूर्ण_राजस्थान_भूगोल_12_पेज.pdf
2 MB
Rajasthan Geography very short notes 12 page
Join telegram
आपको और आपके पूरे परिवार को इस दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं ❤️
🚸 राजस्थान के प्रमुख पशु मेले 🚸

📗 बलदेव पशु मेला - मेड़ता शहर नागौर
📕 वीर तेजाजी पशु मेला - परबतसर नागौर
📘 महाशिवरात्री पशु मेला -  करौली
📒 जसवन्त पशु मेला - भरतपुर
📓 कार्तिक पशु मेला - पुष्कर अजमेर
🔰 गोगामेड़ी पशु मेला - गोगामेड़ी नोहर
🛑 मल्लीनाथ पशु मेला - तिलवाड़ा ( बालोतरा )
📚 गोमती सागर पशु मेला - झालावाड़
📘 चन्द्रभागा पशु मेला -  झालावाड़
📙 रामदेव पशु मेला -  नागौर

╭─❀⊰╯टेलीग्राम पर जुड़े 👇
🥇 @crackexamonline ───────────────────━❥
❤️राजस्थान का एकीकरण ❤️

- राजस्थान के एकीकरण का श्रेय सरदार वल्लभभाई पटेल दिया जाता है। राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में पूरा हुआ राजस्थान का एकीकरण 18 मार्च 1948 से शुरू होकर 1 नवंबर 1956 को पूरा हुआ इसमें 8 वर्ष 7 माह 14 दिन लगे।

- आजादी के समय राजस्थान में 19 रियासते की 3 ठिकाने और 1 केंद्र शासित प्रदेश अजमेर-मेरवाड़ा था।

-ठिकाने – लावा, कुशलगढ़, नीमराना ठिकाना।

- राजस्थान के एकीकरण के चरण
• एकीकरण की प्रक्रिया में शामिल होने वाली पहली रियासत अलवर और अंतिम रियासत सिरोही अजमेर मेरवाड़ा क्षेत्र थे।
• राजस्थान में सबसे पुरानी रियासत मेवाड़ और सबसे नई रियासत झालावाड़ थी।
• क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत जोधपुर और सबसे छोटी शाहपुरा थी राजस्थान की एकमात्र मुस्लिम रियासत टोंक थी।

-प्रथम चरण – मत्स्य संघ

तिथि – 18 मार्च 1948
सम्मिलित रियासतें एवं ठिकाने – अलवर भरतपुर धौलपुर करौली नीमराना ठिकाना।
राजधानी- अलवर
उद्घाटनकर्ता – एन. वी. गाडगिल
प्रधानमंत्री – शोभाराम कुमावत (अलवर से)
राजप्रमुख – उदयभान सिंह (धौलपुर शासक)
नामकरण – के. एम्. मुंशी


- द्वितीय चरण – पूर्व राजस्थान संघ

तिथि – 25 मार्च 1948
सम्मिलित रियासतें एवं ठिकाने – टोंक (ठिकाना—लावा), बूंदी, कोटा, झालावाड़, शाहगढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा (ठिकाना—कुशलगढ़) और किशनगढ़।
उद्घाटनकर्ता – एन. वी. गाडगिल
प्रधानमंत्री – गोकुल लाल ओसवा (शाहपुरा)
राजप्रमुख – भीम सिंह (कोटा)
उपराजप्रमुख – बहादुरसिंह (बूंदी)

- तृतीय चरण – संयुक्त राजस्थान

तिथि – 18 अप्रैल 1948
सम्मिलित रियासत – उदयपुर रियासत
राजधानी – उदयपुर
उद्घाटनकर्ता – पं. जवाहर लाल नेहरु
प्रधानमंत्री – माणिक्यलाल वर्मा (उदयपुर)
राजप्रमुख – भूपाल सिंह (उदयपुर)
उपराजप्रमुख – भीम सिंह (कोटा)


- चतुर्थ चरण – वृहत राजस्थान

तिथि – 30 मार्च 1949
सम्मिलित रियासतें एवं ठिकाने – संयुक्त राजस्थान में जयपुर जोधपुर जैसलमेर बीकानेर रियासतें शामिल।
राजधानी – जयपुर
उद्घाटनकर्ता – सरदार वल्लभ भाई पटेल
प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री (जयपुर)
महाराजप्रमुख – भूपाल सिंह (उदयपुर)
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)
उपराजप्रमुख – भीम सिंह (कोटा)

- पंचम चरण – संयुक्त वृहत राजस्थान

तिथि – 15 मई 1949
सम्मिलित रियासतें एवं ठिकाने – वृहत राजस्थान में मत्स्य संघ शामिल।
राजधानी – जयपुर
सम्मलित रियासतें – वृहद राजस्थान और मत्स्य संघ
प्रथम मुख्यमंत्री – हीरा लाल शास्त्री
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)

-षष्ठम चरण – राजस्थान संघ

तिथि – 26 जनवरी 1950
सम्मिलित रियासतें एवं ठिकाने – संयुक्त वृहद राजस्थान एवं सिरोही राजस्थान में शामिल।
आज ही के दिन इस भौगोलिक क्षेत्र को आधिकारिक राजस्थान नाम मिला।
राजधानी – जयपुर
मुख्यमंत्री – हीरा लाल शास्त्री
राजप्रमुख – मानसिंह दितीय (जयपुर)

- सप्तम चरण – राजस्थान

तिथि – 1 नवम्बर 1956
अजमेर-मेरवाड़ा, आबू-देलवाड़ा व मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले का सुनील टप्पा गाँव राजस्थान में शामिल।
सिरोंज उपखण्ड मध्यप्रदेश को दिया गया।
राजधानी – जयपुर
मुख्यमंत्री – मोहन लाल सुखाडिया
प्रथम राज्यपाल – गुरुमुख निहालसिंह

╭─❀⊰╯टेलीग्राम पर जुड़े 👇
🥇
@crackexamonline ───────────────────━❥
🔰राजस्थान के प्रमुख भौगोलिक संकेतक
(GI Tag )

[वर्तमान अगस्त 2023‌ अपडेट]
🔰


1.बगरू प्रिंट ( हस्तशिल्प) जयपुर

2. बीकानेर भूजिया (खाद्य वस्तु) बीकानेर

3. ब्लू पाॅटरी ( हस्तशिल्प) जयपुर

4. ब्लू पाॅटरी ( लोगो)  ( हस्तशिल्प) जयपुर

5. कठपुतली  ( हस्तशिल्प) राजस्थान

6. कठपुतली (लोगो) ( हस्तशिल्प) राजस्थान

7. कोटा डोरिया  ( हस्तशिल्प) कोटा

8. कोटा डोरिया (लोगो) ( हस्तशिल्प) कोटा

9. मकराना संगमरमर ( प्राकृतिक वस्तु) मकराना नागौर

10. मोलेला मिट्टी कार्य  ( हस्तशिल्प) मोलेला नाथद्वारा, राजसमंद

11. मोलेला मिट्टी कार्य (लोगो) ( हस्तशिल्प) मोलेला नाथद्वारा राजसमंद

12. फुलकारी  ( हस्तशिल्प) राजस्थान, पंजाब , हरियाणा

13. सांगानेरी प्रिंट ( हस्तशिल्प) जयपुर

14. थेवा कला  ( हस्तशिल्प) प्रतापगढ़

15. पोकरण पाॅटरी  ( हस्तशिल्प) पोकरण जैसलमेर (2018)

16. सोजत मेहंदी (मेहंदी) 2021  सोजत पाली

17. पिछवाई :- नाथद्वारा राजसमंद ( अगस्त 2023)

18. जोधपुरी बंधेज - ‌जोधपुर(अगस्त 2023)

19. कोफ्तागिरी :- उदयपुर (अगस्त 2023)


20. कशीदाकारी :- बीकानेर (अगस्त 2023) कशीदाकारी में कपास,रेशम, मखमल पर विभिन्न प्रकार के महीन टांके और दर्पण कार्य किए जाते है

21. उस्ता कला :- बीकानेर (अगस्त 2023) ऊंट की खाल

टेलीग्राम चैनल जोइन👇
@crackexamonline
🟢प्रमुख रियासतों के राजाओं की उपाधियां🟢

♦️मेवाड़ के शासक♦️

🔰बप्पा रावल ➙ हिंदू सूरज, राजगुरु,  चक्कवे

🔰राणा हमीर ➙ मेवाड़ का उद्घारक, विषम का घाटी पंचानन

🔰राणा कुंभा ➙ हिंदू सुरताण, अभिनव भरताचार्य, राणा रासो (साहित्यकारों का आश्रय दाता), हाल गुरु (पहाड़ी किलों को जीतने वाला), दान गुरु, छाप गुरु, छापामार युद्ध प्रणाली

🔰राणा सांगा ➙ हिंदू पथ, सैनिकों का भग्नावशेष

🔰राजसिंह ➙ विजय कटकातू (सेनाओ को जीतने वाला), हाइड्रोलिक रूलर

♦️ मारवाड़ के शासक♦️

🔰मालदेव ➙ हिंदू बादशाह, हसमत वाला राजा (वैभव वाला राजा)

🔰चंद्रसेन ➙ मारवाड़ का प्रताप, प्रताप का अग्रगामी, मारवाड़ का भूला बिसरा राजा

🔰गजसिंह ➙ दल थंबन की उपाधि (जहांगीर) द्वारा

🔰अमर सिंह राठौड़ ➙ कटार का धणी

🔰दुर्गादास राठौड़ ➙ राठौड़ों का यूलीसेज (जेम्स टॉड), राजपूताने का गैरीबाल्डी, मारवाड़ का अणबिंदिओ मोती

♦️बीकानेर के शासक♦️

🔰राव लूणकरण ➙ बिट्टू सुजा ने लूणकरण को कलयुग का कर्ण कहां है

🔰कर्ण सिंह ➙ जांगल धर का बादशाह

🔰रायसिंह ➙ मुंशी देवी प्रसाद ने राजपूताने का कर्ण कहा

♦️चौहान वंश के शासक♦️

🔰विग्रहराज चतुर्थ ➙ बीसलदेव, कवि बंन्धु

🔰पृथ्वीराज चौहान तृतीय ➙ राय पिथौरा दल पुंगल

Join Telegram 👇
@crackexamonline
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड का नया एग्जाम कैलेंडर

CET स्नातक एग्जाम - 21- 24 सितम्बर 2024

▪️CET सीनियर एग्जाम - 23 - 26 अक्टूबर 2024

▪️पशु परिचर एग्जाम - 15 - 18 दिसम्बर 2024
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ।।

मनुष्य जीवन से अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश लाने वाले 'गुरु' को हमारी संस्कृति में देवतुल्य माना गया है।

आप सभी को गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
@crackexamonline