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शायराना – जहाँ आपको मिलेगी ग़ालिब, मीर, दाग़, मोमिन, फ़राज़, गुलज़ार, फैज़ और सैकड़ो शायर की खूबसूरत ग़ज़ल और शेर
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हथेलियों पर मेहँदी का ज़ोर ना डालिये,
दब के मर जाएँगी मेरे नाम कि लकीरें…
नज़र के सागर में उतर गया है कोई,
मेरे दिल में घर कर गया है कोई
उसकी याद यादगार बन गई है
जो दिल में दो पल ठहर गया है कोई..
मिल जाओ , तुम हसीन मोड़ पर कभी
तुम्हें हमसे , हमें तुमसे मुहब्बत हो जाए

कोई मोड़ ना आए , राह ए इश्क़ में फिर
तुम धड़कन बनो , हम तेरी साँसे हो जाए

दो क़दम चाहे मिले संग चलने की दुआ
तीसरे क़दम पर , तेरे बाँहों में फ़ना हो जाए ।
तुम्हे क्या खबर हमारी मोहब्बत की इंतेहा,

हमने ख्वाबों मैं भी तुम्हारी महक पाई है।
रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
कितने पन्नों में रोशनी कर दी,
लिख के तेरा नाम चांदनी भर दी,,

मैं मुकम्मल भी अधूरा ही रहा,
जब से तेरे नाम ज़िन्दगी कर दी,,

कितने गुमसुम से अल्फाज़ दबे बैठे थे,
एक तेरी याद ने खलबली कर दी ll
मोहब्बत का सदा नशा रखिये
सबसे जुदा अपनी अदा रखिये |

जिन्हें अपना मानते हो दिल से
होंठों पे उनके लिए दुआ रखिये |

मत भागो हर किसी के पीछे
अपना बस एक ही खुदा रखिये |
एक हसरत थी तुम्हें दिल में बसाने की,
फिर हसरत हुई तुझे अपना बनाने की,
हर सांस तुम बसते गए रूह में मेरी,
अब हसरत है तेरे साथ जीवन बिताने की...
#GoodMorning❤️
मेरी आंखों में तुम दबी दबी सी रहती हो ;
मेरे अश्कों में तुम छुपी छुपी सी रहती हो !

कहां तुम मुझसे एक पल भी दूर रहती हो ;
तुम मेरे हर अहसास में बसी हुई रहती हो !

दूर होकर भी तुम'से कहां दूर रह पाता हूं मैं ;
तुम तो मेरे दिल की हर धड़कन में रहती हो !!
दो घड़ी के साथी को हमसफ़र समझते हैं
किस क़दर पुराने हैं , हम नए ज़माने में,

एहतियात रखने की कोई हद भी होती है
भेद हम ने खोले हैं , भेद को छुपाने में,

तेरे पास आने में आधी उम्र गुजरी है
आधी उम्र गुज़रेगी तुझ से दूर जाने में।
हर किसी के लिए कहां दिल में,
अहसास होते हैं..!

फिक्र उन्हीं की होती है,
जो हमारे खास होते हैं..!!
अपनी बातों मे मेरे नाम के हवाले रखना
मुझ से दूर होकर ख़ुद को संभाले रखना

ना खोने देना मेरे साथ बिताए लम्हों को
मेरी बातों को,मेरी यादों को संभाले रखना

आज खफ़ा हों तो क्या? कभी चाहा था हमें
मेरे लिए अपने अंदाज़ वह हीं पुराने रखना..!!
मैं अधूरा शायर तुम ग़ज़ल पूरी हो,
कैसे कह दूँ कि तुम मेरी मज़बूरी हो,

मैं तुम्हे हर पल याद करता हूँ लेकिन तुम मुझे,
उतना ही याद करना जितना जीने के लिए जरूरी हो,

हर बार मोहब्बत मिलने का नाम नहीं होता कभी कभी,
मोहब्बत सच्ची तब होती है जब आपस में दुरी हो।
आखिर कैसे बताएं हम तुम्हें
कि तुम में  क्या क्या  बात है
तुमसे ही  दिल में  शायरी  है
तुमसे ही इश्क़ की सौगात है…
कोई नहीं पढ़ता बेवजह की शायरियों को,

हर कोई इनमें अपना इश्क़...या..अपना दर्द ढूंढता है!
चमकती धूप में सुकून ए रुखसार लगती हो,
चंद आने की नोकरी में तनख्वाह हजार लगती हो,

यूँ तो हर पल लड़ाई है खुद की खुद से,
तुम मशरूफ ज़िन्दगी का मीठा इतवार लगती हो।

#HappySunday🥰
कोई काँटा न हो गुलाबों में,
ऐसा मुमकिन है सिर्फ़ ख़्वाबों में,

दिल को कैसे क़रार आता है,
ये लिखा ही नहीं किताबों में ।