Rohit Sir Khortha( Target JSSC CGL )
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पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने लिए बहुत ही अहम फैसले।🔥🔥
जब बंदूक चली,
ना पूछा गया — तुम्हारी जात क्या है?
ना देखा गया — भाषा कौन-सी बोलते हो?
ना परखा गया — उत्तर से हो या दक्षिण से।
बस एक बात तय थी —
तुम हिंदु हो… और यही काफी था।

पर अफ़सोस,
हमने खुद को दीवारों में बाँट रखा है,
नाम, नस्ल और प्रदेश के नाम पर
एक-दूजे से ही जंग लड़ रहे हैं,
जबकि असली दुश्मन छिपकर देख रहा है —
हमारी टूटती एकता।

वो एक हैं — हम बँटे हुए,
वो मारते हैं गोलियों से,
हम कटते हैं शब्दों से।

पहलगाम की घाटियाँ गवाह हैं,
कैसे नफ़रत के सौदागरों ने मासूमों की सांसें छीनीं,
और हम…
अभी भी पूछ रहे हैं —
"तुम किस जात के हो?"

अब तो जागो…
वरना अगली बार जब बंदूक चलेगी,
तो ना तुम्हारी जात बचेगी,
ना तुम्हारी जुबान,
सिर्फ एक लहूलुहान नाम लिखा जाएगा
"हिंदू"
◾️न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी को भारत के 23वें विधि आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया
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विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है। विश्व मलेरिया दिवस 2025 का विषय "मलेरिया हमारे साथ समाप्त होता है: पुनर्निवेश, पुनर्कल्पना, पुनर्जीवन" है।
मणिपुर ने 1891 के एंग्लो-मणिपुरी युद्ध के योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए खोंगजोम दिवस मनाया।

Manipur celebrated Khongjom Day to pay tribute to the warriors of the Anglo-Manipuri War of 1891.
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इसरो के पूर्व अध्यक्ष और भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख निर्माता डॉ. के. कस्तूरीरंगन का आज सुबह बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। इसरो के अध्यक्ष के रूप में डॉ. कस्तूरीरंगन ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो भारत का सबसे विश्वसनीय उपग्रह प्रक्षेपक बन गया। 27 अगस्त, 2003 को पद छोड़ने से पहले उन्होंने नौ साल से अधिक समय तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का नेतृत्व किया। डॉ. कस्तूरीरंगन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया और बेंगलुरु में राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान के निदेशक थे, जहाँ उन्होंने अनुसंधान और शिक्षा का समर्थन किया। वे 2003 से 2009 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे।
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राज्य का पहला हाई सिक्योरिटी जेल का निर्माण हजारीबाग में किया जा रहा है।

यह जेल हार्डकोर उग्रवादियों और अपराधियों को रखने के लिए बनाई जा रही है, जहां उन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। जेल का निर्माण 18.20 एकड़ में किया जा रहा है जिसमें 280 कैदियों को रखा जा सकेगा।
यह झारखंड का पहला हाई सिक्योरिटी जेल होगा।
हार्डकोर उग्रवादियों और अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे। कैदियों के सेल में बिजली का पॉइंट नहीं होगा।
यह प्रदेश की पहली और देश की विशिष्ट जेल होगी।
इस हाई सिक्योरिटी जेल में सेल, बाउण्ड्री वाल, कार्यालय, अस्पताल, अधीक्षक आवास, कारापाल आवास, सहायक कारपाल आवास, चिकित्सक आवास, वार्ड, पाकशाला, बाह्य बाउण्ड्री वाल, पारा चिकित्सा कर्मी आवास, कम्प्यूटर ऑपरेटर / लिपिक आवास, वॉच टावर, 50 शैय्या वाला बैरक, ड्रेन, आन्तरिक एवं बाहरी पथ, उच्च कक्षपाल एवं मुख्य उच्च कक्षपाल आवास, बाह्य विद्युतीकरण कार्य, केन्द्र स्थल, वर्षा जल संचयन,अग्निशामक से युक्त होगा। इसके निर्माण में लागत कुल 87,65,96,000/- की लागत आयेगी।
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