भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण(FSSAI):–
०इसकी स्थापना ’खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006’ के तहत 2008 में की गई है।
०यह ’स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय’ के अन्तर्गत एक ’वैधानिक निकाय’ है।
०इसमें एक अध्यक्ष(3/65 years) तथा
22 अन्य सदस्य(3/62 years) होते हैं (जिनमें से एक तिहाई महिलाएँ होनी चाहिए)
०कार्य:–खाद्य पदार्थों के लिए मानक निर्धारित करना और मानव
उपभोग के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उनके निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को विनियमित करना है।
०मुख्यालय–नई दिल्ली
#Prelims Facts
#Organisation"
०इसकी स्थापना ’खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006’ के तहत 2008 में की गई है।
०यह ’स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय’ के अन्तर्गत एक ’वैधानिक निकाय’ है।
०इसमें एक अध्यक्ष(3/65 years) तथा
22 अन्य सदस्य(3/62 years) होते हैं (जिनमें से एक तिहाई महिलाएँ होनी चाहिए)
०कार्य:–खाद्य पदार्थों के लिए मानक निर्धारित करना और मानव
उपभोग के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उनके निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को विनियमित करना है।
०मुख्यालय–नई दिल्ली
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राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग(NCM):
०1978 में गृह मंत्रालय द्वारा पारित एक संकल्प द्वारा स्थापित।
०NCM Act,1992 के तहत वैधानिक दर्जा।
०पहला राष्ट्रीय आयोग 17 मई 1993 को गठित।
०अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधीन।
०संरचना–एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पाँच सदस्य।
०केंद्र द्वारा नियुक्ति।
०पदावधि–तीन वर्ष।
०प्रथम अध्यक्ष न्यायमूर्ति “मोहम्मद सरदार अली खान“।
०कार्य–अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण।
#Prelims Facts"
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०1978 में गृह मंत्रालय द्वारा पारित एक संकल्प द्वारा स्थापित।
०NCM Act,1992 के तहत वैधानिक दर्जा।
०पहला राष्ट्रीय आयोग 17 मई 1993 को गठित।
०अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधीन।
०संरचना–एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पाँच सदस्य।
०केंद्र द्वारा नियुक्ति।
०पदावधि–तीन वर्ष।
०प्रथम अध्यक्ष न्यायमूर्ति “मोहम्मद सरदार अली खान“।
०कार्य–अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण।
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