#RAS Gs paper 1
👇👇👇👇👇
Q. How the World Bank measures corruption?
The World Bank measures corruption on a scale of -2.5 to +2.5 with higher index value meaning lower corruption
The World Bank on the basis of the GNI(Gross National Income) per capita divides world into four income groups: (1) Low income, (2) Lower middle, (3) Upper middle, and (4) High income
This method shows different income groups have different levels of corruption
Low-income economies have the highest corruption while the high-income economies have the lowest
Why are low-income countries are unable to reduce corruption(like India)?
Because the low-income countries do not have resources to build and sustain anti-corruption institutions
And unless anti-corruption institutions are strengthened and supporting infrastructure put in place, an increase in income alone would not help much in the reduction of corruption in India
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Q. How the World Bank measures corruption?
The World Bank measures corruption on a scale of -2.5 to +2.5 with higher index value meaning lower corruption
The World Bank on the basis of the GNI(Gross National Income) per capita divides world into four income groups: (1) Low income, (2) Lower middle, (3) Upper middle, and (4) High income
This method shows different income groups have different levels of corruption
Low-income economies have the highest corruption while the high-income economies have the lowest
Why are low-income countries are unable to reduce corruption(like India)?
Because the low-income countries do not have resources to build and sustain anti-corruption institutions
And unless anti-corruption institutions are strengthened and supporting infrastructure put in place, an increase in income alone would not help much in the reduction of corruption in India
#RAS #Essay
विश्व पर्यावरण दिवस | 5 जून | World Environment Day
_लेखक :- कृष्ण गोपाल 'व्यास’_
सारी दुनिया में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोग स्टाकहोम, हेलसेंकी, लन्दन, विएना, क्योटो जैसे सम्मेलनों और मॉन्ट्रियल प्रोटोकाल, रियो घोषणा पत्र, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम इत्यादि को याद करते हैं। गोष्ठियों में सम्पन्न प्रयासों का लेखाजोखा पेश किया जाता है। अधूरे कामों पर चिन्ता व्यक्त की जाती है। समाज का आह्वान किया जाता है।
लोग कहते हैं कि इतिहास अपने को दोहराता है। कुछ लोगों का मानना है कि इतिहास से सबक लेना चाहिए। इन दोनों वक्तव्यों को ध्यान में रख पर्यावरण दिवस पर धरती के इतिहास के पुराने पन्नों को पर्यावरण की नजर देखना-परखना या पलटना ठीक लगता है। इतिहास के पहले पाठ का सम्बन्ध डायनासोर के विलुप्त होने से है।
वैज्ञानिक बताते हैं कि लगभग साढ़े छह करोड़ साल पहले धरती पर डायनासोरों की बहुतायत थी। वे ही धरती पर सबसे अधिक शक्तिशाली प्राणी थे। फिर अचानक वे अचानक विलुप्त हो गए। अब केवल उनके अवशेष ही मिलते हैं। उनके विलुप्त होने का सबसे अधिक मान्य कारण बताता है कि उनकी सामुहिक मौत आसमान से आई। लगभग साढ़े छह करोड़ साल पहले धरती से एक विशाल धूमकेतु या छुद्र ग्रह टकराया।
उसके धरती से टकराने के कारण वायुमण्डल की हवा में इतनी अधिक धूल और मिट्टी घुल गई कि धरती पर अन्धकार छा गया। सूरज की रोशनी के अभाव में वृक्ष अपना भोजन नहीं बना सके और अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए। भूख के कारण उन पर आश्रित शाकाहार डायनासोर और अन्य जीवजन्तु भी मारे गए। संक्षेप में, सूर्य की रोशनी का अभाव तथा वातावरण में धूल और मिट्टी की अधिकता ने धरती पर महाविनाश की इबारत लिख दी। यह पर्यावरण प्रदूषण का लगभग साढ़े छह करोड़ साल पुराना किस्सा है।
आधुनिक युग में वायु प्रदूषण, जल का प्रदूषण, मिट्टी का प्रदूषण, तापीय प्रदूषण, विकरणीय प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण, समुद्रीय प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण, नगरीय प्रदूषण, प्रदूषित नदियाँ और जलवायु बदलाव तथा ग्लोबल वार्मिंग के खतरे लगातार दस्तक दे रहे हैं। ऐसी हालत में इतिहास की चेतावनी ही पर्यावरण दिवस का सन्देश लगती है।
पिछले कुछ सालों में पर्यावरणीय चेतना बढ़ी है। विकल्पों पर गम्भीर चिन्तन हुआ है तथा कहा जाने लगा है कि पर्यावरण को बिना हानि पहुँचाए या न्यूनतम हानि पहुँचाए टिकाऊ विकास सम्भव है। यही बात प्राकृतिक संसाधनों के सन्दर्भ में कही जाने लगी है।
कुछ लोग उदाहरण देकर बताते हैं कि लगभग 5000 साल तक खेती करने, युद्ध सामग्री निर्माण, धातु शोधन, नगर बसाने तथा जंगलों को काट कर बेवर खेती करने के बावजूद अर्थात विकास और प्राकृतिक संसाधनों के बीच तालमेल बिठाकर उपयोग करने के कारण प्राकृतिक संसाधनों का ह्रास नहीं हुआ था। तो कुछ लोगों का कहना है कि परिस्थितियाँ तथा आवश्यकताओं के बदलने के कारण भारतीय उदाहरण बहुत अधिक प्रासंगिक नहीं है।
फासिल ऊर्जा के विकल्प के तौर स्वच्छ ऊर्जा जैसे अनेक उदाहरण अच्छे भविष्य की उम्मीद जगाते हैं। सम्भवतः इसी कारण विश्वव्यापी चिन्ता इतिहास से सबक लेती प्रतीत होती है।
पर्यावरण को हानि पहुँचाने में औद्योगीकरण तथा जीवनशैली को जिम्मेदार माना जाता है। यह पूरी तरह सच नहीं है। हकीक़त में समाज तथा व्यवस्था की अनदेखी और पर्यावरण के प्रति असम्मान की भावना ने ही संसाधनों तथा पर्यावरण को सर्वाधिक हानि पहुँचाई है। उसके पीछे पर्यावरण लागत तथा सामाजिक पक्ष की चेतना के अभाव की भी भूमिका है। इन पक्षों को ध्यान में रख किया विकास ही अन्ततोगत्वा विश्व पर्यावरण दिवस का अमृत होगा।
डायनासोर यदि आकस्मिक आसमानी आफत के शिकार हुए थे तो हम अपने ही द्वारा पैदा की आफ़त की अनदेखी के शिकार हो सकते है। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह अपेक्षा करना सही होगा कि रेत में सिर छुपाने के स्थान पर अपने अस्तित्व की रक्षा के लिये स्वच्छ तकनीकों को आगे लाया जाना चाहिए, गलत तकनीकों को नकारा जाना चाहिए या सुधार कर सुरक्षित बनाया जाना चाहिए। उम्मीद है, कम-से-कम भारत में ज़मीनी हकीक़त का अर्थशास्त्र उसकी नींव रखेगा। शायद यही इतिहास का भारतीय सबक होगा।
विश्व पर्यावरण दिवस | 5 जून | World Environment Day
_लेखक :- कृष्ण गोपाल 'व्यास’_
सारी दुनिया में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोग स्टाकहोम, हेलसेंकी, लन्दन, विएना, क्योटो जैसे सम्मेलनों और मॉन्ट्रियल प्रोटोकाल, रियो घोषणा पत्र, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम इत्यादि को याद करते हैं। गोष्ठियों में सम्पन्न प्रयासों का लेखाजोखा पेश किया जाता है। अधूरे कामों पर चिन्ता व्यक्त की जाती है। समाज का आह्वान किया जाता है।
लोग कहते हैं कि इतिहास अपने को दोहराता है। कुछ लोगों का मानना है कि इतिहास से सबक लेना चाहिए। इन दोनों वक्तव्यों को ध्यान में रख पर्यावरण दिवस पर धरती के इतिहास के पुराने पन्नों को पर्यावरण की नजर देखना-परखना या पलटना ठीक लगता है। इतिहास के पहले पाठ का सम्बन्ध डायनासोर के विलुप्त होने से है।
वैज्ञानिक बताते हैं कि लगभग साढ़े छह करोड़ साल पहले धरती पर डायनासोरों की बहुतायत थी। वे ही धरती पर सबसे अधिक शक्तिशाली प्राणी थे। फिर अचानक वे अचानक विलुप्त हो गए। अब केवल उनके अवशेष ही मिलते हैं। उनके विलुप्त होने का सबसे अधिक मान्य कारण बताता है कि उनकी सामुहिक मौत आसमान से आई। लगभग साढ़े छह करोड़ साल पहले धरती से एक विशाल धूमकेतु या छुद्र ग्रह टकराया।
उसके धरती से टकराने के कारण वायुमण्डल की हवा में इतनी अधिक धूल और मिट्टी घुल गई कि धरती पर अन्धकार छा गया। सूरज की रोशनी के अभाव में वृक्ष अपना भोजन नहीं बना सके और अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए। भूख के कारण उन पर आश्रित शाकाहार डायनासोर और अन्य जीवजन्तु भी मारे गए। संक्षेप में, सूर्य की रोशनी का अभाव तथा वातावरण में धूल और मिट्टी की अधिकता ने धरती पर महाविनाश की इबारत लिख दी। यह पर्यावरण प्रदूषण का लगभग साढ़े छह करोड़ साल पुराना किस्सा है।
आधुनिक युग में वायु प्रदूषण, जल का प्रदूषण, मिट्टी का प्रदूषण, तापीय प्रदूषण, विकरणीय प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण, समुद्रीय प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण, नगरीय प्रदूषण, प्रदूषित नदियाँ और जलवायु बदलाव तथा ग्लोबल वार्मिंग के खतरे लगातार दस्तक दे रहे हैं। ऐसी हालत में इतिहास की चेतावनी ही पर्यावरण दिवस का सन्देश लगती है।
पिछले कुछ सालों में पर्यावरणीय चेतना बढ़ी है। विकल्पों पर गम्भीर चिन्तन हुआ है तथा कहा जाने लगा है कि पर्यावरण को बिना हानि पहुँचाए या न्यूनतम हानि पहुँचाए टिकाऊ विकास सम्भव है। यही बात प्राकृतिक संसाधनों के सन्दर्भ में कही जाने लगी है।
कुछ लोग उदाहरण देकर बताते हैं कि लगभग 5000 साल तक खेती करने, युद्ध सामग्री निर्माण, धातु शोधन, नगर बसाने तथा जंगलों को काट कर बेवर खेती करने के बावजूद अर्थात विकास और प्राकृतिक संसाधनों के बीच तालमेल बिठाकर उपयोग करने के कारण प्राकृतिक संसाधनों का ह्रास नहीं हुआ था। तो कुछ लोगों का कहना है कि परिस्थितियाँ तथा आवश्यकताओं के बदलने के कारण भारतीय उदाहरण बहुत अधिक प्रासंगिक नहीं है।
फासिल ऊर्जा के विकल्प के तौर स्वच्छ ऊर्जा जैसे अनेक उदाहरण अच्छे भविष्य की उम्मीद जगाते हैं। सम्भवतः इसी कारण विश्वव्यापी चिन्ता इतिहास से सबक लेती प्रतीत होती है।
पर्यावरण को हानि पहुँचाने में औद्योगीकरण तथा जीवनशैली को जिम्मेदार माना जाता है। यह पूरी तरह सच नहीं है। हकीक़त में समाज तथा व्यवस्था की अनदेखी और पर्यावरण के प्रति असम्मान की भावना ने ही संसाधनों तथा पर्यावरण को सर्वाधिक हानि पहुँचाई है। उसके पीछे पर्यावरण लागत तथा सामाजिक पक्ष की चेतना के अभाव की भी भूमिका है। इन पक्षों को ध्यान में रख किया विकास ही अन्ततोगत्वा विश्व पर्यावरण दिवस का अमृत होगा।
डायनासोर यदि आकस्मिक आसमानी आफत के शिकार हुए थे तो हम अपने ही द्वारा पैदा की आफ़त की अनदेखी के शिकार हो सकते है। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह अपेक्षा करना सही होगा कि रेत में सिर छुपाने के स्थान पर अपने अस्तित्व की रक्षा के लिये स्वच्छ तकनीकों को आगे लाया जाना चाहिए, गलत तकनीकों को नकारा जाना चाहिए या सुधार कर सुरक्षित बनाया जाना चाहिए। उम्मीद है, कम-से-कम भारत में ज़मीनी हकीक़त का अर्थशास्त्र उसकी नींव रखेगा। शायद यही इतिहास का भारतीय सबक होगा।
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) पर विशेष
AYUSH
#RAS Gs paper 3 (Yoga and Sports)
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https://youtu.be/IZJ-wkTCtfc
AYUSH
#RAS Gs paper 3 (Yoga and Sports)
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#RAS #Mains
#GS paper 1
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💣 🌸 🚇 काकोरी काण्ड 🚇 🌸 💣
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारियों द्वारा ब्रिटिश राज के विरुद्ध भयंकर युद्ध छेड़ने की खतरनाक मंशा से हथियार खरीदने के लिये ब्रिटिश सरकार का ही खजाना लूट लेने की एक ऐतिहासिक घटना थी जो 9 अगस्त 1925 को घटी।
इस ट्रेन डकैती में जर्मनी के बने चार माउज़र पिस्तौल काम में लाये गये थे।
इन पिस्तौलों की विशेषता यह थी कि इनमें बट के पीछे लकड़ी का बना एक और कुन्दा लगाकर रायफल की तरह उपयोग किया जा सकता था।
हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के केवल दस सदस्यों ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया था।
क्रान्तिकारियों द्वारा चलाए जा रहे आजादी के आन्दोलन को गति देने के लिये धन की तत्काल व्यवस्था की जरूरत के मद्देनजर शाहजहाँपुर में हुई बैठक के दौरान राम प्रसाद बिस्मिल ने अंग्रेजी सरकार का खजाना लूटने की योजना बनायी थी। @ras_mains
इस योजनानुसार दल के ही एक प्रमुख सदस्य राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी ने 9 अगस्त 1925 को लखनऊ जिले के काकोरी रेलवे स्टेशन से छूटी "आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेन्जर ट्रेन" को चेन खींच कर रोका और क्रान्तिकारी पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाक उल्ला खाँ, पण्डित चन्द्रशेखर आज़ाद व 6 अन्य सहयोगियों की मदद से समूची ट्रेन पर धावा बोलते हुए सरकारी खजाना लूट लिया।
बाद में अंग्रेजी हुकूमत ने उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के कुल 40 क्रान्तिकारियों पर सम्राट के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व मुसाफिरों की हत्या करने का मुकदमा चलाया
जिसमें राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा ठाकुर रोशन सिंह को मृत्यु-दण्ड (फाँसी की सजा) सुनायी गयी।
इस मुकदमें में 16 अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम 4 वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम काला पानी (आजीवन कारावास) तक का दण्ड दिया गया था।
#GS paper 1
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💣 🌸 🚇 काकोरी काण्ड 🚇 🌸 💣
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रान्तिकारियों द्वारा ब्रिटिश राज के विरुद्ध भयंकर युद्ध छेड़ने की खतरनाक मंशा से हथियार खरीदने के लिये ब्रिटिश सरकार का ही खजाना लूट लेने की एक ऐतिहासिक घटना थी जो 9 अगस्त 1925 को घटी।
इस ट्रेन डकैती में जर्मनी के बने चार माउज़र पिस्तौल काम में लाये गये थे।
इन पिस्तौलों की विशेषता यह थी कि इनमें बट के पीछे लकड़ी का बना एक और कुन्दा लगाकर रायफल की तरह उपयोग किया जा सकता था।
हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के केवल दस सदस्यों ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया था।
क्रान्तिकारियों द्वारा चलाए जा रहे आजादी के आन्दोलन को गति देने के लिये धन की तत्काल व्यवस्था की जरूरत के मद्देनजर शाहजहाँपुर में हुई बैठक के दौरान राम प्रसाद बिस्मिल ने अंग्रेजी सरकार का खजाना लूटने की योजना बनायी थी। @ras_mains
इस योजनानुसार दल के ही एक प्रमुख सदस्य राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी ने 9 अगस्त 1925 को लखनऊ जिले के काकोरी रेलवे स्टेशन से छूटी "आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेन्जर ट्रेन" को चेन खींच कर रोका और क्रान्तिकारी पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाक उल्ला खाँ, पण्डित चन्द्रशेखर आज़ाद व 6 अन्य सहयोगियों की मदद से समूची ट्रेन पर धावा बोलते हुए सरकारी खजाना लूट लिया।
बाद में अंग्रेजी हुकूमत ने उनकी पार्टी हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के कुल 40 क्रान्तिकारियों पर सम्राट के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने व मुसाफिरों की हत्या करने का मुकदमा चलाया
जिसमें राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ तथा ठाकुर रोशन सिंह को मृत्यु-दण्ड (फाँसी की सजा) सुनायी गयी।
इस मुकदमें में 16 अन्य क्रान्तिकारियों को कम से कम 4 वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम काला पानी (आजीवन कारावास) तक का दण्ड दिया गया था।
#RAS_Mains_series1
Q. Corporate social responsibility makes companies more profitable and sustainable. Analyse. (100 Words)
Q. Corporate social responsibility makes companies more profitable and sustainable. Analyse. (100 Words)
#RAS_Mains_Series2
Q. Critically analyse the measures taken by the government to address the issue of workplace sexual harassment. (100 Words)
Q. Critically analyse the measures taken by the government to address the issue of workplace sexual harassment. (100 Words)
#RAS_Mains_2018
Q1. Relation between fiscal and monetary policy (100 words)
मौद्रिक नीति और राजकोषीय नीति में संबंध।
2. राजस्व प्राप्तियां तथा राजस्व व्यय एवं पूंजीगत प्राप्तियां व पूंजीगत व्यय को समझाइए (100 words)
Explain revenue receipt and revenue expenditure or capital receipt and capital expenditure.
Q1. Relation between fiscal and monetary policy (100 words)
मौद्रिक नीति और राजकोषीय नीति में संबंध।
2. राजस्व प्राप्तियां तथा राजस्व व्यय एवं पूंजीगत प्राप्तियां व पूंजीगत व्यय को समझाइए (100 words)
Explain revenue receipt and revenue expenditure or capital receipt and capital expenditure.
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
🔰सचिवालय से आ रही बड़ी खबर, तय समय पर होंगी #RPSC की आगामी परीक्षाएं, RPSC की आगामी परीक्षाओं में नहीं आचार संहिता की अड़चन, सैकेंड ग्रैड शिक्षक परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं का रास्ता साफ, RPSC चेयरमैन दीपक उप्रेती ने सीएस डीबी गुप्ता से की मुलाकात
🔰राज्य सरकार ने लिया बड़ा नीतिगत निर्णय, #RAS 2016 के अभ्यर्थियों को अभी ज्वॉइनिंग नहीं, सुप्रीम कोर्ट में 1 मामला चल रहा है पेंडिंग, ओबीसी के 189 अभ्यर्थियों के गलत चयन का मामला, इस मामले में जब तक निर्णय न हो, तब तक ज्वॉइनिंग के बारे में फैसला नहीं, सीएस से भी हुई नीतिगत मंत्रणा
🔰#RAS भर्ती 2018 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम इसी सप्ताह, राज्य लोक सेवा आयोग की तैयारियां पूरी, करीब 5 लाख अभ्यर्थी हुए थे परीक्षा में शामिल, #RPSC चेयरमैन दीपक उप्रेती ने दी जानकारी
🔰#Jaipur : आचार संहिता में छूट के मामलों को लेकर बैठक, सीएस की अध्यक्षता में हुई बैठक, आधा दर्जन विभागों के मामलों को लेकर हुआ विचार, तबादले,पदस्थापन,रिलीविंग से जुड़े हैं मामले, कुछ मामलों को भेजा जा रहा ECI को।
🔰सचिवालय से आ रही बड़ी खबर, तय समय पर होंगी #RPSC की आगामी परीक्षाएं, RPSC की आगामी परीक्षाओं में नहीं आचार संहिता की अड़चन, सैकेंड ग्रैड शिक्षक परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं का रास्ता साफ, RPSC चेयरमैन दीपक उप्रेती ने सीएस डीबी गुप्ता से की मुलाकात
🔰राज्य सरकार ने लिया बड़ा नीतिगत निर्णय, #RAS 2016 के अभ्यर्थियों को अभी ज्वॉइनिंग नहीं, सुप्रीम कोर्ट में 1 मामला चल रहा है पेंडिंग, ओबीसी के 189 अभ्यर्थियों के गलत चयन का मामला, इस मामले में जब तक निर्णय न हो, तब तक ज्वॉइनिंग के बारे में फैसला नहीं, सीएस से भी हुई नीतिगत मंत्रणा
🔰#RAS भर्ती 2018 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम इसी सप्ताह, राज्य लोक सेवा आयोग की तैयारियां पूरी, करीब 5 लाख अभ्यर्थी हुए थे परीक्षा में शामिल, #RPSC चेयरमैन दीपक उप्रेती ने दी जानकारी
🔰#Jaipur : आचार संहिता में छूट के मामलों को लेकर बैठक, सीएस की अध्यक्षता में हुई बैठक, आधा दर्जन विभागों के मामलों को लेकर हुआ विचार, तबादले,पदस्थापन,रिलीविंग से जुड़े हैं मामले, कुछ मामलों को भेजा जा रहा ECI को।
First India News Rajasthan
First India News Rajasthan
@1stIndiaNews
#Jaipur #RAS भर्ती 2018
हाईकोर्ट में हुई मामले की सुनवाई, कोर्ट ने सरकार व आरपीएससी से मांगा जवाब, सुरजन सिंह यादव की याचिका पर हुई सुनवाई, याचिका में कहा गया-'प्री के परिणाम में OBC की कट ऑफ है जनरल से ज्यादा, ऐसे में बड़ी संख्या में ओबीसी अभ्यर्थी हो गए बाहर'
...'याचिका में कोर्ट से की गई गुहार, ऐसे में इन अभ्यर्थियों को बुलाया जाए ओपन कैटेगिरी में'
वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर,अधिवक्ता शोवित झाझरिया ने की पैरवी
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First India News Rajasthan
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#Jaipur #RAS भर्ती 2018
हाईकोर्ट में हुई मामले की सुनवाई, कोर्ट ने सरकार व आरपीएससी से मांगा जवाब, सुरजन सिंह यादव की याचिका पर हुई सुनवाई, याचिका में कहा गया-'प्री के परिणाम में OBC की कट ऑफ है जनरल से ज्यादा, ऐसे में बड़ी संख्या में ओबीसी अभ्यर्थी हो गए बाहर'
...'याचिका में कोर्ट से की गई गुहार, ऐसे में इन अभ्यर्थियों को बुलाया जाए ओपन कैटेगिरी में'
वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर,अधिवक्ता शोवित झाझरिया ने की पैरवी
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🌷 अंत स्रावी ग्रंथियां 🌷
#RAS_Paper2
ग्रंथि:- शरीर की ऐसी संरचना जो शारीरिक पदार्थों से कुछ नया निर्मित करें ग्रंथि कहलाती है ग्रंथियों में पसीना सीबम तेल दूध विभिन्न प्रकार के एंजाइम तथा हार्मोन का निर्माण हो सकता है
ग्रंथियां मुख्यतः तीन प्रकार की होती है
1 बहिर स्रावी ग्रंथि
2 अंतः स्रावी ग्रंथि तथा
3 मिश्रित ग्रंथि
बहिर स्रावी ग्रंथियां:- ऐसी ग्रंथियां जिनमें अपना स्राव ले जाने के लिए नलिका जैसी संरचना होती है यह अपना स्राव किसी निश्चित स्थान पर अथवा निश्चित अंग पर ले जाते हैं इसलिए इन्हें नलिका युक्त ग्रंथियां भी कहते हैं
उदाहरण स्वरुप स्वेद ग्रंथियां अपना स्राव त्वचा के ऊपर छोड़ देती हैं
दुग्ध ग्रंथियां अपना स्राव स्तनों में लेकर जाती हैं इनका प्रभाव स्थान विशेष पर पड़ता है
अंतः स्रावी ग्रंथियां :- वे ग्रंथियां जिनमें अपना स्राव ले जाने के लिए नलिका जैसी संरचना नहीं होती यह अपना स्राव सीधे रुधिर में छोड़ देते हैं इसलिए इनका प्रभाव संपूर्ण शरीर पर पड़ता है इनसे निकलने वाले स्राव हारमोंस होते हैं
इन ग्रंथियों को नलिका विहीन ग्रंथि अभी कहते हैं
मिश्रित ग्रंथि यह हमारे शरीर में एक ही होती है पेनक्रियाज / अग्नाशय ग्रंथि यह ग्रंथि अंतः स्रावी तथा बहिर स्रावी दोनों ही कार्य करती है इसलिए इसे मिश्रित ग्रंथि कहते हैं
_____________________
विभिन्न प्रकार के बनने वाले प्रश्न👇
प्रश्न = नलिका विहीन ग्रंथि कौन सी होती है
उत्तर अंतः स्रावी ग्रंथि
प्रश्न :- ग्रंथियों द्वारा संपूर्ण शरीर को प्रभावित किया जाता है
उत्तर अंतः स्रावी ग्रंथि
कथन और कारण प्रकार के प्रश्न👇
कथन:: हमारे शरीर में समय के साथ कुछ लक्षण जैसे गंजापन / पसीना बहुत ज्यादा आना आदि प्रकट हो जाती है
कारण:: हमारे शरीर में अंत स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित हारमोंस के प्रभाव संपूर्ण शरीर पर होते हैं
A कथन और कारण दोनों सही हैं कारण कथन की सही व्याख्या है
B कारण और कथन दोनों सही है परंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है
C कथन सही है कारण गलत है
D कथन गलत है कारण सही है✔
Cr: चित्रकूट त्रिपाठी
#RAS_Paper2
ग्रंथि:- शरीर की ऐसी संरचना जो शारीरिक पदार्थों से कुछ नया निर्मित करें ग्रंथि कहलाती है ग्रंथियों में पसीना सीबम तेल दूध विभिन्न प्रकार के एंजाइम तथा हार्मोन का निर्माण हो सकता है
ग्रंथियां मुख्यतः तीन प्रकार की होती है
1 बहिर स्रावी ग्रंथि
2 अंतः स्रावी ग्रंथि तथा
3 मिश्रित ग्रंथि
बहिर स्रावी ग्रंथियां:- ऐसी ग्रंथियां जिनमें अपना स्राव ले जाने के लिए नलिका जैसी संरचना होती है यह अपना स्राव किसी निश्चित स्थान पर अथवा निश्चित अंग पर ले जाते हैं इसलिए इन्हें नलिका युक्त ग्रंथियां भी कहते हैं
उदाहरण स्वरुप स्वेद ग्रंथियां अपना स्राव त्वचा के ऊपर छोड़ देती हैं
दुग्ध ग्रंथियां अपना स्राव स्तनों में लेकर जाती हैं इनका प्रभाव स्थान विशेष पर पड़ता है
अंतः स्रावी ग्रंथियां :- वे ग्रंथियां जिनमें अपना स्राव ले जाने के लिए नलिका जैसी संरचना नहीं होती यह अपना स्राव सीधे रुधिर में छोड़ देते हैं इसलिए इनका प्रभाव संपूर्ण शरीर पर पड़ता है इनसे निकलने वाले स्राव हारमोंस होते हैं
इन ग्रंथियों को नलिका विहीन ग्रंथि अभी कहते हैं
मिश्रित ग्रंथि यह हमारे शरीर में एक ही होती है पेनक्रियाज / अग्नाशय ग्रंथि यह ग्रंथि अंतः स्रावी तथा बहिर स्रावी दोनों ही कार्य करती है इसलिए इसे मिश्रित ग्रंथि कहते हैं
_____________________
विभिन्न प्रकार के बनने वाले प्रश्न👇
प्रश्न = नलिका विहीन ग्रंथि कौन सी होती है
उत्तर अंतः स्रावी ग्रंथि
प्रश्न :- ग्रंथियों द्वारा संपूर्ण शरीर को प्रभावित किया जाता है
उत्तर अंतः स्रावी ग्रंथि
कथन और कारण प्रकार के प्रश्न👇
कथन:: हमारे शरीर में समय के साथ कुछ लक्षण जैसे गंजापन / पसीना बहुत ज्यादा आना आदि प्रकट हो जाती है
कारण:: हमारे शरीर में अंत स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित हारमोंस के प्रभाव संपूर्ण शरीर पर होते हैं
A कथन और कारण दोनों सही हैं कारण कथन की सही व्याख्या है
B कारण और कथन दोनों सही है परंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है
C कथन सही है कारण गलत है
D कथन गलत है कारण सही है✔
Cr: चित्रकूट त्रिपाठी
Forwarded from RAS Exam™
Forwarded from RAS Exam™
#RAS_Success
#Topper
RAS 2016 की success story के क्रम में प्रेम चौधरी जी का परिचय एवं मार्गदर्शन प्रस्तुत है। आपने लगातार दो बार RAS exam में सफलता प्राप्त कर परिवार समाज और हम सभी को गौरवान्वित किया है।
परिचय- प्रेम चौधरी s/o श्री वीरमाराम चौधरी (शिक्षक)
नाम- प्रेम चौधरी
RAS 2016 rank- 92
रोल नंबर- 216621
उम्र - 25 वर्ष
RAS परीक्षा में प्रयास - 2
परीक्षा रैंक पद
1.RAS 2013 470 SSO
2.RAS 2016 92
परीक्षा का माध्यम - हिंदी
मूल निवासी - महावीर नगर , चौहटन , तहसील - चोहटन , जिला -" बाड़मेर
पूर्व चयन- RAS 2013 , सामाजिक सुरक्षा अधिकारी
कार्य अनुभव - प्रशिक्षु सामाजिक सुरक्षा अधिकारी , पंचायत समिति , पीपाड़ शहर , जोधपुर ।
शैक्षणिक योग्यता-
1. Graduation :B.Tech (Honours): Govt . Engineering College , Bikaner , 2014 ,
2. Post Graduation : MA Geography 2016 , JNVU new campus , Jodhpur , NET/JRF in very first attempt
कोचिंग - RAS 2016 के लिए कोई कोचिंग नहीं , RAS 2013 के लिए Mains की कोचिंग उत्कर्ष , जोधपुर
मार्कशीट - paper1-99
paper2-88
paper3- 81
paper 4- 115
written total -383
interview-63
total-446
@RAS_MAINS
चयन के लिए stratagy-
1. सबसे पहले mains का syllabus लेके , सिलेबस में mentioned topic के अनुसार Matter compile किया ।
2. लगभग पूरा सिलेबस NCERT और RBSE की बुक्स में मिल गया ।
3. यह तय कर लिया कि चयन ही मेरी प्राथमिकता है ना कि ज्ञान प्राप्त करना , इसलिए मुझे वही टॉपिक पढ़ना है , जो सिलेबस में लिख रखा है और उस टॉपिक को जहाँ तक संभव हो NCERT/RBSE की बुक्स में से ही पढ़ना है ।अच्छा मटेरियल आपकी आधी समस्या सुलझा देगा ।
4. जैसे ही तैयारी शुरू की तो तैयारी को गम्भीर बनाने के लिए उसके साथ ही टेस्ट सीरीज जॉइन कर ली और लाइब्रेरी भी जॉइन कर ली (सिविल लाइब्रेरी , जोधपुर )। यह तय कर लिया कि जिस सेक्शन का टेस्ट होगा उसके लिए जितने दिन का गैप मिलेगा उसमें अंतिम 2 दिन revision के होंगे । उससे पहले के सारे दिन अपने हाथ से नोट्स बनाने में लगाये , सारे नोट्स NCERT/ RBSE में से बनाये । पूरे दिन में 2 घण्टे न्यूज़पेपर , करंट अफेयर्स के लिए तय कर दिए ।
5. अब मेरी तैयारी की सबसे मह्त्वपूर्ण बात रही वो है मेरे नोट्स । सारे नोट्स QAF (Question - Answer Format ) में बनाये , बुक्स पढ़ते समय जहाँ भी लगा कि ये question बन सकता है तो वो क्वेश्चन लिखा उसके नीचे उसका आंसर लिखा । इस प्रैक्टिस के 2 फायदे हुए - एक , यह हमारी mains फॉरमेट से मेल खाता है ,तो टॉपिक से यह आईडिया लगने लगे गया कि कितने मार्क्स का क्या क्वेश्चन बन सकता है । दूसरा , revision इतना प्रभावी होता है कि आप क्वेश्चन देखते ही उसका आंसर का फॉरमेट बना देते हो । मतलब Question Answer Forming सरल हो गयी ।
6. पूरे दिन लाइब्रेरी में , सुबह 7 बजे से रात 12 बजे , लाइब्रेरी ही मेरा घर बन गयी थी ।
7. प्रीलिम्स के लिए section वाइज decide कर लें कि इसमें इतने मार्क्स आने चाहिए , जैसे करंट अफेयर्स में इतने पॉलिटी में इतने ।
नए अभ्यर्थियों के लिए संदेश-
1. लक्ष्य (कितनी रैंक तक आना है) तय करें उसके अनुसार मेहनत करें
2. नियमितता बनी रहे , कम से कम 6 घण्टे प्रतिदिन अध्ययन ।
3. एग्जाम होने तक अध्ययन में किसी भी तरह का विराम ना दें।
4. प्रतिदिन 2 घण्टे अध्ययन के अतिरिक्त कोई कार्य करें , इसमें खाना बनाना , आपकी हॉबी , आउटिंग , खेल , गाने सुनने कुछ भी हो सकता है । 6 से 7 घण्टे की नींद अनिवार्य ।
5. Matter प्रॉपर होना चाहिए , कोई भी टॉपिक सही Reference से पढ़ें (मैंने पूरा syllabus NCERT/RBSE से पढ़ा ,नो Reference बुक नो Guide बुक) । टेस्ट सीरीज जरूर लिखें यह आपकी तैयारी में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देगी , अपनी स्ट्रेटेजी दूसरे के साथ शेयर करें ,यह इसलिए जरूरी है क्योंकि हो सकता है वो आपको कोई अच्छी सलाह दे । written प्रैक्टिस अच्छी से अच्छी हो , Answer Wrting का Proper फॉरमेट mind में रहना चाहिए ।
6. और एक बात जो लगभग Universal Truth है , आपका मुख्य उद्देश्य आपका Effort आपका प्रयास होना चाहिए , result क्या रहेगा यह विश्लेषण एग्जाम के बाद करें ।
7. All the Best , उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं ।
#Topper
RAS 2016 की success story के क्रम में प्रेम चौधरी जी का परिचय एवं मार्गदर्शन प्रस्तुत है। आपने लगातार दो बार RAS exam में सफलता प्राप्त कर परिवार समाज और हम सभी को गौरवान्वित किया है।
परिचय- प्रेम चौधरी s/o श्री वीरमाराम चौधरी (शिक्षक)
नाम- प्रेम चौधरी
RAS 2016 rank- 92
रोल नंबर- 216621
उम्र - 25 वर्ष
RAS परीक्षा में प्रयास - 2
परीक्षा रैंक पद
1.RAS 2013 470 SSO
2.RAS 2016 92
परीक्षा का माध्यम - हिंदी
मूल निवासी - महावीर नगर , चौहटन , तहसील - चोहटन , जिला -" बाड़मेर
पूर्व चयन- RAS 2013 , सामाजिक सुरक्षा अधिकारी
कार्य अनुभव - प्रशिक्षु सामाजिक सुरक्षा अधिकारी , पंचायत समिति , पीपाड़ शहर , जोधपुर ।
शैक्षणिक योग्यता-
1. Graduation :B.Tech (Honours): Govt . Engineering College , Bikaner , 2014 ,
2. Post Graduation : MA Geography 2016 , JNVU new campus , Jodhpur , NET/JRF in very first attempt
कोचिंग - RAS 2016 के लिए कोई कोचिंग नहीं , RAS 2013 के लिए Mains की कोचिंग उत्कर्ष , जोधपुर
मार्कशीट - paper1-99
paper2-88
paper3- 81
paper 4- 115
written total -383
interview-63
total-446
@RAS_MAINS
चयन के लिए stratagy-
1. सबसे पहले mains का syllabus लेके , सिलेबस में mentioned topic के अनुसार Matter compile किया ।
2. लगभग पूरा सिलेबस NCERT और RBSE की बुक्स में मिल गया ।
3. यह तय कर लिया कि चयन ही मेरी प्राथमिकता है ना कि ज्ञान प्राप्त करना , इसलिए मुझे वही टॉपिक पढ़ना है , जो सिलेबस में लिख रखा है और उस टॉपिक को जहाँ तक संभव हो NCERT/RBSE की बुक्स में से ही पढ़ना है ।अच्छा मटेरियल आपकी आधी समस्या सुलझा देगा ।
4. जैसे ही तैयारी शुरू की तो तैयारी को गम्भीर बनाने के लिए उसके साथ ही टेस्ट सीरीज जॉइन कर ली और लाइब्रेरी भी जॉइन कर ली (सिविल लाइब्रेरी , जोधपुर )। यह तय कर लिया कि जिस सेक्शन का टेस्ट होगा उसके लिए जितने दिन का गैप मिलेगा उसमें अंतिम 2 दिन revision के होंगे । उससे पहले के सारे दिन अपने हाथ से नोट्स बनाने में लगाये , सारे नोट्स NCERT/ RBSE में से बनाये । पूरे दिन में 2 घण्टे न्यूज़पेपर , करंट अफेयर्स के लिए तय कर दिए ।
5. अब मेरी तैयारी की सबसे मह्त्वपूर्ण बात रही वो है मेरे नोट्स । सारे नोट्स QAF (Question - Answer Format ) में बनाये , बुक्स पढ़ते समय जहाँ भी लगा कि ये question बन सकता है तो वो क्वेश्चन लिखा उसके नीचे उसका आंसर लिखा । इस प्रैक्टिस के 2 फायदे हुए - एक , यह हमारी mains फॉरमेट से मेल खाता है ,तो टॉपिक से यह आईडिया लगने लगे गया कि कितने मार्क्स का क्या क्वेश्चन बन सकता है । दूसरा , revision इतना प्रभावी होता है कि आप क्वेश्चन देखते ही उसका आंसर का फॉरमेट बना देते हो । मतलब Question Answer Forming सरल हो गयी ।
6. पूरे दिन लाइब्रेरी में , सुबह 7 बजे से रात 12 बजे , लाइब्रेरी ही मेरा घर बन गयी थी ।
7. प्रीलिम्स के लिए section वाइज decide कर लें कि इसमें इतने मार्क्स आने चाहिए , जैसे करंट अफेयर्स में इतने पॉलिटी में इतने ।
नए अभ्यर्थियों के लिए संदेश-
1. लक्ष्य (कितनी रैंक तक आना है) तय करें उसके अनुसार मेहनत करें
2. नियमितता बनी रहे , कम से कम 6 घण्टे प्रतिदिन अध्ययन ।
3. एग्जाम होने तक अध्ययन में किसी भी तरह का विराम ना दें।
4. प्रतिदिन 2 घण्टे अध्ययन के अतिरिक्त कोई कार्य करें , इसमें खाना बनाना , आपकी हॉबी , आउटिंग , खेल , गाने सुनने कुछ भी हो सकता है । 6 से 7 घण्टे की नींद अनिवार्य ।
5. Matter प्रॉपर होना चाहिए , कोई भी टॉपिक सही Reference से पढ़ें (मैंने पूरा syllabus NCERT/RBSE से पढ़ा ,नो Reference बुक नो Guide बुक) । टेस्ट सीरीज जरूर लिखें यह आपकी तैयारी में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देगी , अपनी स्ट्रेटेजी दूसरे के साथ शेयर करें ,यह इसलिए जरूरी है क्योंकि हो सकता है वो आपको कोई अच्छी सलाह दे । written प्रैक्टिस अच्छी से अच्छी हो , Answer Wrting का Proper फॉरमेट mind में रहना चाहिए ।
6. और एक बात जो लगभग Universal Truth है , आपका मुख्य उद्देश्य आपका Effort आपका प्रयास होना चाहिए , result क्या रहेगा यह विश्लेषण एग्जाम के बाद करें ।
7. All the Best , उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं ।
🌷 अंत स्रावी ग्रंथियां 🌷
#RAS_Paper2
ग्रंथि:- शरीर की ऐसी संरचना जो शारीरिक पदार्थों से कुछ नया निर्मित करें ग्रंथि कहलाती है ग्रंथियों में पसीना सीबम तेल दूध विभिन्न प्रकार के एंजाइम तथा हार्मोन का निर्माण हो सकता है
ग्रंथियां मुख्यतः तीन प्रकार की होती है
1 बहिर स्रावी ग्रंथि
2 अंतः स्रावी ग्रंथि तथा
3 मिश्रित ग्रंथि
बहिर स्रावी ग्रंथियां:- ऐसी ग्रंथियां जिनमें अपना स्राव ले जाने के लिए नलिका जैसी संरचना होती है यह अपना स्राव किसी निश्चित स्थान पर अथवा निश्चित अंग पर ले जाते हैं इसलिए इन्हें नलिका युक्त ग्रंथियां भी कहते हैं
उदाहरण स्वरुप स्वेद ग्रंथियां अपना स्राव त्वचा के ऊपर छोड़ देती हैं
दुग्ध ग्रंथियां अपना स्राव स्तनों में लेकर जाती हैं इनका प्रभाव स्थान विशेष पर पड़ता है
अंतः स्रावी ग्रंथियां :- वे ग्रंथियां जिनमें अपना स्राव ले जाने के लिए नलिका जैसी संरचना नहीं होती यह अपना स्राव सीधे रुधिर में छोड़ देते हैं इसलिए इनका प्रभाव संपूर्ण शरीर पर पड़ता है इनसे निकलने वाले स्राव हारमोंस होते हैं
इन ग्रंथियों को नलिका विहीन ग्रंथि अभी कहते हैं
मिश्रित ग्रंथि यह हमारे शरीर में एक ही होती है पेनक्रियाज / अग्नाशय ग्रंथि यह ग्रंथि अंतः स्रावी तथा बहिर स्रावी दोनों ही कार्य करती है इसलिए इसे मिश्रित ग्रंथि कहते हैं
_____________________
विभिन्न प्रकार के बनने वाले प्रश्न👇
प्रश्न = नलिका विहीन ग्रंथि कौन सी होती है
उत्तर अंतः स्रावी ग्रंथि
प्रश्न :- ग्रंथियों द्वारा संपूर्ण शरीर को प्रभावित किया जाता है
उत्तर अंतः स्रावी ग्रंथि
कथन और कारण प्रकार के प्रश्न👇
कथन:: हमारे शरीर में समय के साथ कुछ लक्षण जैसे गंजापन / पसीना बहुत ज्यादा आना आदि प्रकट हो जाती है
कारण:: हमारे शरीर में अंत स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित हारमोंस के प्रभाव संपूर्ण शरीर पर होते हैं
A कथन और कारण दोनों सही हैं कारण कथन की सही व्याख्या है
B कारण और कथन दोनों सही है परंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है
C कथन सही है कारण गलत है
D कथन गलत है कारण सही है✔
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@RAS_RPSC_REET_Patwari
#RAS_Paper2
ग्रंथि:- शरीर की ऐसी संरचना जो शारीरिक पदार्थों से कुछ नया निर्मित करें ग्रंथि कहलाती है ग्रंथियों में पसीना सीबम तेल दूध विभिन्न प्रकार के एंजाइम तथा हार्मोन का निर्माण हो सकता है
ग्रंथियां मुख्यतः तीन प्रकार की होती है
1 बहिर स्रावी ग्रंथि
2 अंतः स्रावी ग्रंथि तथा
3 मिश्रित ग्रंथि
बहिर स्रावी ग्रंथियां:- ऐसी ग्रंथियां जिनमें अपना स्राव ले जाने के लिए नलिका जैसी संरचना होती है यह अपना स्राव किसी निश्चित स्थान पर अथवा निश्चित अंग पर ले जाते हैं इसलिए इन्हें नलिका युक्त ग्रंथियां भी कहते हैं
उदाहरण स्वरुप स्वेद ग्रंथियां अपना स्राव त्वचा के ऊपर छोड़ देती हैं
दुग्ध ग्रंथियां अपना स्राव स्तनों में लेकर जाती हैं इनका प्रभाव स्थान विशेष पर पड़ता है
अंतः स्रावी ग्रंथियां :- वे ग्रंथियां जिनमें अपना स्राव ले जाने के लिए नलिका जैसी संरचना नहीं होती यह अपना स्राव सीधे रुधिर में छोड़ देते हैं इसलिए इनका प्रभाव संपूर्ण शरीर पर पड़ता है इनसे निकलने वाले स्राव हारमोंस होते हैं
इन ग्रंथियों को नलिका विहीन ग्रंथि अभी कहते हैं
मिश्रित ग्रंथि यह हमारे शरीर में एक ही होती है पेनक्रियाज / अग्नाशय ग्रंथि यह ग्रंथि अंतः स्रावी तथा बहिर स्रावी दोनों ही कार्य करती है इसलिए इसे मिश्रित ग्रंथि कहते हैं
_____________________
विभिन्न प्रकार के बनने वाले प्रश्न👇
प्रश्न = नलिका विहीन ग्रंथि कौन सी होती है
उत्तर अंतः स्रावी ग्रंथि
प्रश्न :- ग्रंथियों द्वारा संपूर्ण शरीर को प्रभावित किया जाता है
उत्तर अंतः स्रावी ग्रंथि
कथन और कारण प्रकार के प्रश्न👇
कथन:: हमारे शरीर में समय के साथ कुछ लक्षण जैसे गंजापन / पसीना बहुत ज्यादा आना आदि प्रकट हो जाती है
कारण:: हमारे शरीर में अंत स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित हारमोंस के प्रभाव संपूर्ण शरीर पर होते हैं
A कथन और कारण दोनों सही हैं कारण कथन की सही व्याख्या है
B कारण और कथन दोनों सही है परंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है
C कथन सही है कारण गलत है
D कथन गलत है कारण सही है✔
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#ACB की बड़ी कार्रवाई
आरएएस में सलेक्शन होने के बाद अभ्यर्थी से लिए जा रहे थे 20 लाख रुपए
बाड़मेर के एक स्कूल प्रिसिंपल को 20 लाख रुपए के साथ दबोचा, साथ ही दो दलालों को पकड़ा।
#RAS में सिलेक्शन नही होने पर पैसे वापिस देने आ रहे थे जयपुर
DG बीएल सोनी और ADG दिनेश एमएन के निर्देशन में कार्रवाई ।
#8136
आरएएस में सलेक्शन होने के बाद अभ्यर्थी से लिए जा रहे थे 20 लाख रुपए। एसीबी ने जयपुर में बाड़मेर के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और दो दलालों को रंगे हाथों पकड़ा। अब राजस्थान लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का नाम भी सामने आएगा।
आरएएस की इंटरव्यू प्रक्रिया पर फिर उठा सवाल।
=======
29 जुलाई को जयपुर में एसीबी ने 20 लाख रुपए की राशि के साथ बाड़मेर के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और दो दलालों को गिरफ्तार किया है। एसीबी के सूत्रों के अनुसार आरएएस 2018 की भर्ती में सिलेक्शन होने के बाद 20 लाख रुपए की राशि रिश्वत के तौर पर दी जा रही थी। सूत्रों के अनुसार स्कूल प्रिंसिपल राजस्थान लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य के संपर्क में था और आयोग के सदस्य के नाम पर ही रिश्वत ली जा रही थी। हालांकि अभी प्रिंसिपल और आयोग के सदस्य के बीच संपर्क होने के सबूत सामने नहीं आए हैं। लेकिन एसीबी इस मामले में गंभीरता के साथ जांच कर रही है। एसीबी के अधिकारियों का मानना है कि आरएएस में सिलेक्शन हो जाने के बाद किसी अभ्यर्थी से इतनी बड़ी राशि लिया जाना अपने आप में गंभीर बात है। यह प्रकरण आरएएस इंटरव्यू की प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाता है। रिश्वतखोरी का यह मामला इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि आरएएस के इंटरव्यू के दौरान भी एसीबी ने आयोग के ही अकाउंटेंट सज्जन सिंह गुर्जर को 23 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। तब सज्जन सिंह ने एसीबी को बताया था कि यह राशि आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर और उनके पति रिटायर आईपीएस भैरो सिंह गुर्जर के लिए ली जा रही थी। एसीबी अभी 23 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में जांच कर रही है कि आरएएस के परीक्षा परिणाम में 20 लाख रुपए की रिश्वत का दूसरा मामला सामने आ गया है।
पूर्व में जब एसीबी ने अकाउंटेंट को 23 लाख रुपए की राशि के साथ गिरफ्तार किया था, तब आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र यादव का कहना था कि इंटरव्यू की प्रक्रिया फुलप्रूफ है और आयोग के किसी भी सदस्य का रिश्वतखोरी से कोई संबंध नहीं है। यदि कोई व्यक्ति किसी सदस्य के नाम पर राशि ले रहा है तो उससे आयोग का कोई सरोकार नहीं है। लेकिन 29 जुलाई को जिस तरह से स्कूल प्रिंसिपल को 20 लाख रुपए की राशि के साथ गिरफ्तार किया गया है उससे इंटरव्यू प्रक्रिया पर सवाल उठता है। इससे यह भी प्रतीत होता है कि आरएएस में उत्तीर्ण करवाने के लिए अनेक स्तरों पर रिश्वत ली जा रही है। यह रिश्वत सलेक्शन होने के बाद भी अभ्यर्थियों से वसूली जा रही है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के दो निकट रिश्तेदारों का चयन भी आरएएस 2018 की परीक्षा में हुआ है। इसको लेकर भी प्रदेशभर में सवाल उठाए जा रहे हैं।
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आरएएस में सलेक्शन होने के बाद अभ्यर्थी से लिए जा रहे थे 20 लाख रुपए
बाड़मेर के एक स्कूल प्रिसिंपल को 20 लाख रुपए के साथ दबोचा, साथ ही दो दलालों को पकड़ा।
#RAS में सिलेक्शन नही होने पर पैसे वापिस देने आ रहे थे जयपुर
DG बीएल सोनी और ADG दिनेश एमएन के निर्देशन में कार्रवाई ।
#8136
आरएएस में सलेक्शन होने के बाद अभ्यर्थी से लिए जा रहे थे 20 लाख रुपए। एसीबी ने जयपुर में बाड़मेर के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और दो दलालों को रंगे हाथों पकड़ा। अब राजस्थान लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का नाम भी सामने आएगा।
आरएएस की इंटरव्यू प्रक्रिया पर फिर उठा सवाल।
=======
29 जुलाई को जयपुर में एसीबी ने 20 लाख रुपए की राशि के साथ बाड़मेर के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और दो दलालों को गिरफ्तार किया है। एसीबी के सूत्रों के अनुसार आरएएस 2018 की भर्ती में सिलेक्शन होने के बाद 20 लाख रुपए की राशि रिश्वत के तौर पर दी जा रही थी। सूत्रों के अनुसार स्कूल प्रिंसिपल राजस्थान लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य के संपर्क में था और आयोग के सदस्य के नाम पर ही रिश्वत ली जा रही थी। हालांकि अभी प्रिंसिपल और आयोग के सदस्य के बीच संपर्क होने के सबूत सामने नहीं आए हैं। लेकिन एसीबी इस मामले में गंभीरता के साथ जांच कर रही है। एसीबी के अधिकारियों का मानना है कि आरएएस में सिलेक्शन हो जाने के बाद किसी अभ्यर्थी से इतनी बड़ी राशि लिया जाना अपने आप में गंभीर बात है। यह प्रकरण आरएएस इंटरव्यू की प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाता है। रिश्वतखोरी का यह मामला इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि आरएएस के इंटरव्यू के दौरान भी एसीबी ने आयोग के ही अकाउंटेंट सज्जन सिंह गुर्जर को 23 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। तब सज्जन सिंह ने एसीबी को बताया था कि यह राशि आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर और उनके पति रिटायर आईपीएस भैरो सिंह गुर्जर के लिए ली जा रही थी। एसीबी अभी 23 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में जांच कर रही है कि आरएएस के परीक्षा परिणाम में 20 लाख रुपए की रिश्वत का दूसरा मामला सामने आ गया है।
पूर्व में जब एसीबी ने अकाउंटेंट को 23 लाख रुपए की राशि के साथ गिरफ्तार किया था, तब आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र यादव का कहना था कि इंटरव्यू की प्रक्रिया फुलप्रूफ है और आयोग के किसी भी सदस्य का रिश्वतखोरी से कोई संबंध नहीं है। यदि कोई व्यक्ति किसी सदस्य के नाम पर राशि ले रहा है तो उससे आयोग का कोई सरोकार नहीं है। लेकिन 29 जुलाई को जिस तरह से स्कूल प्रिंसिपल को 20 लाख रुपए की राशि के साथ गिरफ्तार किया गया है उससे इंटरव्यू प्रक्रिया पर सवाल उठता है। इससे यह भी प्रतीत होता है कि आरएएस में उत्तीर्ण करवाने के लिए अनेक स्तरों पर रिश्वत ली जा रही है। यह रिश्वत सलेक्शन होने के बाद भी अभ्यर्थियों से वसूली जा रही है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के दो निकट रिश्तेदारों का चयन भी आरएएस 2018 की परीक्षा में हुआ है। इसको लेकर भी प्रदेशभर में सवाल उठाए जा रहे हैं।
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🏆टॉपर्स की कलम से
#RAS_Success
#Topper
RAS 2016 की success story के क्रम में प्रेम चौधरी जी का परिचय एवं मार्गदर्शन प्रस्तुत है। आपने लगातार दो बार RAS exam में सफलता प्राप्त कर परिवार समाज और हम सभी को गौरवान्वित किया है।
परिचय- प्रेम चौधरी s/o श्री वीरमाराम चौधरी (शिक्षक)
नाम- प्रेम चौधरी
RAS 2016 rank- 92
रोल नंबर- 216621
उम्र - 25 वर्ष
RAS परीक्षा में प्रयास - 2
परीक्षा रैंक पद
1.RAS 2013 470 SSO
2.RAS 2016 92
परीक्षा का माध्यम - हिंदी
मूल निवासी - महावीर नगर , चौहटन , तहसील - चोहटन , जिला -" बाड़मेर
पूर्व चयन- RAS 2013 , सामाजिक सुरक्षा अधिकारी
कार्य अनुभव - प्रशिक्षु सामाजिक सुरक्षा अधिकारी , पंचायत समिति , पीपाड़ शहर , जोधपुर ।
शैक्षणिक योग्यता-
1. Graduation :B.Tech (Honours): Govt . Engineering College , Bikaner , 2014 ,
2. Post Graduation : MA Geography 2016 , JNVU new campus , Jodhpur , NET/JRF in very first attempt
कोचिंग - RAS 2016 के लिए कोई कोचिंग नहीं , RAS 2013 के लिए Mains की कोचिंग उत्कर्ष , जोधपुर
मार्कशीट - paper1-99
paper2-88
paper3- 81
paper 4- 115
written total -383
interview-63
total-446
@RAS_MAINS
चयन के लिए stratagy-
1. सबसे पहले mains का syllabus लेके , सिलेबस में mentioned topic के अनुसार Matter compile किया ।
2. लगभग पूरा सिलेबस NCERT और RBSE की बुक्स में मिल गया ।
3. यह तय कर लिया कि चयन ही मेरी प्राथमिकता है ना कि ज्ञान प्राप्त करना , इसलिए मुझे वही टॉपिक पढ़ना है , जो सिलेबस में लिख रखा है और उस टॉपिक को जहाँ तक संभव हो NCERT/RBSE की बुक्स में से ही पढ़ना है ।अच्छा मटेरियल आपकी आधी समस्या सुलझा देगा ।
4. जैसे ही तैयारी शुरू की तो तैयारी को गम्भीर बनाने के लिए उसके साथ ही टेस्ट सीरीज जॉइन कर ली और लाइब्रेरी भी जॉइन कर ली (सिविल लाइब्रेरी , जोधपुर )। यह तय कर लिया कि जिस सेक्शन का टेस्ट होगा उसके लिए जितने दिन का गैप मिलेगा उसमें अंतिम 2 दिन revision के होंगे । उससे पहले के सारे दिन अपने हाथ से नोट्स बनाने में लगाये , सारे नोट्स NCERT/ RBSE में से बनाये । पूरे दिन में 2 घण्टे न्यूज़पेपर , करंट अफेयर्स के लिए तय कर दिए ।
5. अब मेरी तैयारी की सबसे मह्त्वपूर्ण बात रही वो है मेरे नोट्स । सारे नोट्स QAF (Question - Answer Format ) में बनाये , बुक्स पढ़ते समय जहाँ भी लगा कि ये question बन सकता है तो वो क्वेश्चन लिखा उसके नीचे उसका आंसर लिखा । इस प्रैक्टिस के 2 फायदे हुए - एक , यह हमारी mains फॉरमेट से मेल खाता है ,तो टॉपिक से यह आईडिया लगने लगे गया कि कितने मार्क्स का क्या क्वेश्चन बन सकता है । दूसरा , revision इतना प्रभावी होता है कि आप क्वेश्चन देखते ही उसका आंसर का फॉरमेट बना देते हो । मतलब Question Answer Forming सरल हो गयी ।
6. पूरे दिन लाइब्रेरी में , सुबह 7 बजे से रात 12 बजे , लाइब्रेरी ही मेरा घर बन गयी थी ।
7. प्रीलिम्स के लिए section वाइज decide कर लें कि इसमें इतने मार्क्स आने चाहिए , जैसे करंट अफेयर्स में इतने पॉलिटी में इतने ।
नए अभ्यर्थियों के लिए संदेश-
1. लक्ष्य (कितनी रैंक तक आना है) तय करें उसके अनुसार मेहनत करें
2. नियमितता बनी रहे , कम से कम 6 घण्टे प्रतिदिन अध्ययन ।
3. एग्जाम होने तक अध्ययन में किसी भी तरह का विराम ना दें।
4. प्रतिदिन 2 घण्टे अध्ययन के अतिरिक्त कोई कार्य करें , इसमें खाना बनाना , आपकी हॉबी , आउटिंग , खेल , गाने सुनने कुछ भी हो सकता है । 6 से 7 घण्टे की नींद अनिवार्य ।
5. Matter प्रॉपर होना चाहिए , कोई भी टॉपिक सही Reference से पढ़ें (मैंने पूरा syllabus NCERT/RBSE से पढ़ा ,नो Reference बुक नो Guide बुक) । टेस्ट सीरीज जरूर लिखें यह आपकी तैयारी में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देगी , अपनी स्ट्रेटेजी दूसरे के साथ शेयर करें ,यह इसलिए जरूरी है क्योंकि हो सकता है वो आपको कोई अच्छी सलाह दे । written प्रैक्टिस अच्छी से अच्छी हो , Answer Wrting का Proper फॉरमेट mind में रहना चाहिए ।
6. और एक बात जो लगभग Universal Truth है , आपका मुख्य उद्देश्य आपका Effort आपका प्रयास होना चाहिए , result क्या रहेगा यह विश्लेषण एग्जाम के बाद करें ।
7. All the Best , उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं ।
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#Topper
RAS 2016 की success story के क्रम में प्रेम चौधरी जी का परिचय एवं मार्गदर्शन प्रस्तुत है। आपने लगातार दो बार RAS exam में सफलता प्राप्त कर परिवार समाज और हम सभी को गौरवान्वित किया है।
परिचय- प्रेम चौधरी s/o श्री वीरमाराम चौधरी (शिक्षक)
नाम- प्रेम चौधरी
RAS 2016 rank- 92
रोल नंबर- 216621
उम्र - 25 वर्ष
RAS परीक्षा में प्रयास - 2
परीक्षा रैंक पद
1.RAS 2013 470 SSO
2.RAS 2016 92
परीक्षा का माध्यम - हिंदी
मूल निवासी - महावीर नगर , चौहटन , तहसील - चोहटन , जिला -" बाड़मेर
पूर्व चयन- RAS 2013 , सामाजिक सुरक्षा अधिकारी
कार्य अनुभव - प्रशिक्षु सामाजिक सुरक्षा अधिकारी , पंचायत समिति , पीपाड़ शहर , जोधपुर ।
शैक्षणिक योग्यता-
1. Graduation :B.Tech (Honours): Govt . Engineering College , Bikaner , 2014 ,
2. Post Graduation : MA Geography 2016 , JNVU new campus , Jodhpur , NET/JRF in very first attempt
कोचिंग - RAS 2016 के लिए कोई कोचिंग नहीं , RAS 2013 के लिए Mains की कोचिंग उत्कर्ष , जोधपुर
मार्कशीट - paper1-99
paper2-88
paper3- 81
paper 4- 115
written total -383
interview-63
total-446
@RAS_MAINS
चयन के लिए stratagy-
1. सबसे पहले mains का syllabus लेके , सिलेबस में mentioned topic के अनुसार Matter compile किया ।
2. लगभग पूरा सिलेबस NCERT और RBSE की बुक्स में मिल गया ।
3. यह तय कर लिया कि चयन ही मेरी प्राथमिकता है ना कि ज्ञान प्राप्त करना , इसलिए मुझे वही टॉपिक पढ़ना है , जो सिलेबस में लिख रखा है और उस टॉपिक को जहाँ तक संभव हो NCERT/RBSE की बुक्स में से ही पढ़ना है ।अच्छा मटेरियल आपकी आधी समस्या सुलझा देगा ।
4. जैसे ही तैयारी शुरू की तो तैयारी को गम्भीर बनाने के लिए उसके साथ ही टेस्ट सीरीज जॉइन कर ली और लाइब्रेरी भी जॉइन कर ली (सिविल लाइब्रेरी , जोधपुर )। यह तय कर लिया कि जिस सेक्शन का टेस्ट होगा उसके लिए जितने दिन का गैप मिलेगा उसमें अंतिम 2 दिन revision के होंगे । उससे पहले के सारे दिन अपने हाथ से नोट्स बनाने में लगाये , सारे नोट्स NCERT/ RBSE में से बनाये । पूरे दिन में 2 घण्टे न्यूज़पेपर , करंट अफेयर्स के लिए तय कर दिए ।
5. अब मेरी तैयारी की सबसे मह्त्वपूर्ण बात रही वो है मेरे नोट्स । सारे नोट्स QAF (Question - Answer Format ) में बनाये , बुक्स पढ़ते समय जहाँ भी लगा कि ये question बन सकता है तो वो क्वेश्चन लिखा उसके नीचे उसका आंसर लिखा । इस प्रैक्टिस के 2 फायदे हुए - एक , यह हमारी mains फॉरमेट से मेल खाता है ,तो टॉपिक से यह आईडिया लगने लगे गया कि कितने मार्क्स का क्या क्वेश्चन बन सकता है । दूसरा , revision इतना प्रभावी होता है कि आप क्वेश्चन देखते ही उसका आंसर का फॉरमेट बना देते हो । मतलब Question Answer Forming सरल हो गयी ।
6. पूरे दिन लाइब्रेरी में , सुबह 7 बजे से रात 12 बजे , लाइब्रेरी ही मेरा घर बन गयी थी ।
7. प्रीलिम्स के लिए section वाइज decide कर लें कि इसमें इतने मार्क्स आने चाहिए , जैसे करंट अफेयर्स में इतने पॉलिटी में इतने ।
नए अभ्यर्थियों के लिए संदेश-
1. लक्ष्य (कितनी रैंक तक आना है) तय करें उसके अनुसार मेहनत करें
2. नियमितता बनी रहे , कम से कम 6 घण्टे प्रतिदिन अध्ययन ।
3. एग्जाम होने तक अध्ययन में किसी भी तरह का विराम ना दें।
4. प्रतिदिन 2 घण्टे अध्ययन के अतिरिक्त कोई कार्य करें , इसमें खाना बनाना , आपकी हॉबी , आउटिंग , खेल , गाने सुनने कुछ भी हो सकता है । 6 से 7 घण्टे की नींद अनिवार्य ।
5. Matter प्रॉपर होना चाहिए , कोई भी टॉपिक सही Reference से पढ़ें (मैंने पूरा syllabus NCERT/RBSE से पढ़ा ,नो Reference बुक नो Guide बुक) । टेस्ट सीरीज जरूर लिखें यह आपकी तैयारी में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देगी , अपनी स्ट्रेटेजी दूसरे के साथ शेयर करें ,यह इसलिए जरूरी है क्योंकि हो सकता है वो आपको कोई अच्छी सलाह दे । written प्रैक्टिस अच्छी से अच्छी हो , Answer Wrting का Proper फॉरमेट mind में रहना चाहिए ।
6. और एक बात जो लगभग Universal Truth है , आपका मुख्य उद्देश्य आपका Effort आपका प्रयास होना चाहिए , result क्या रहेगा यह विश्लेषण एग्जाम के बाद करें ।
7. All the Best , उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं ।
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राजस्थान का प्रथम प्रजामण्डल : जयपुर प्रजामण्डल (1931) 🔰
(Special RAS MAINS EXAM)
▪️1931 में कर्पूरचन्द पाटनी व जमनालाल बजाज (गाँधीजी का पाँचवाँ पुत्र) के प्रयासों से जयपुर प्रजामण्डल की स्थापना हुई। जमनालाल बजाज स्वयं को गुलाम न. 4 कहते थे।
▪️( पहले 3 थे - हिंदुस्तान , देशी राजा , सीकर ) 1936 में जयपुर प्रजामण्डल का पुनगर्ठन हुआ और चिरंजी लाल मिश्र अध्यक्ष बने।
▪️1942 को प्रजामण्डल के अध्यक्ष हीरालाल शास्त्री व रियासती प्रधानमंत्री मिर्जा इस्माइल के बीच जेन्टलमेट्स समझौता हुआ !
▪️जिसमें प्रजामण्डल को भारत छोड़ो आन्दोलन से अलग रखा गया।
▪️यह राजस्थान का प्रथम प्रजामण्डल था।
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(Special RAS MAINS EXAM)
▪️1931 में कर्पूरचन्द पाटनी व जमनालाल बजाज (गाँधीजी का पाँचवाँ पुत्र) के प्रयासों से जयपुर प्रजामण्डल की स्थापना हुई। जमनालाल बजाज स्वयं को गुलाम न. 4 कहते थे।
▪️( पहले 3 थे - हिंदुस्तान , देशी राजा , सीकर ) 1936 में जयपुर प्रजामण्डल का पुनगर्ठन हुआ और चिरंजी लाल मिश्र अध्यक्ष बने।
▪️1942 को प्रजामण्डल के अध्यक्ष हीरालाल शास्त्री व रियासती प्रधानमंत्री मिर्जा इस्माइल के बीच जेन्टलमेट्स समझौता हुआ !
▪️जिसमें प्रजामण्डल को भारत छोड़ो आन्दोलन से अलग रखा गया।
▪️यह राजस्थान का प्रथम प्रजामण्डल था।
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राज्य मंत्री (MoS in Modi Cabinet) पार्ट- 2 🔰
1. श्रीपद येसो नाइक - बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री; और पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री
2. फग्गनसिंह कुलस्ते - इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री, और ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री
3. प्रहलाद सिंह पटेल - जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री, और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
4. अश्विनी कुमार चौबे - उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री, और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री
5. अर्जुन राम मेघवाल - संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री
6. जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह - सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री, और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री
7. कृष्ण पाल - विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री, और भारी उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
8. दानवे रावसाहेब दादाराव - रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री, कोयला मंत्रालय में राज्य मंत्री, और खान मंत्रालय में राज्य मंत्री
9. रामदास अठावले - सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
10. साध्वी निरंजन ज्योति - उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री, और ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री
11. डॉ. संजीव कुमार बाल्यान - मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री
12. नित्यानंद राय - गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
13. पंकज चौधरी - वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री
14. अनुप्रिया सिंह पटेल - वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री
15. एस. पी. सिंह बघेल - कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री
16. राजीव चंद्रशेखर - कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री
17. शोभा करंदलाजे - कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
18. भानु प्रताप सिंह वर्मा - सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री
19. दर्शन विक्रम जरदोश - कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री, और रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री
20. वी. मुरलीधरन - विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री
21. मीनाक्षी लेखी - विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री
22. सोम प्रकाश - वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
23. रेणुका सिंह सरुता - जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
24. रामेश्वर तेली - पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री, और श्रम और रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री
25. कैलाश चौधरी - कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
26. अन्नपूर्णा देवी - शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
27. ए. नारायणस्वामी - सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
28. कौशल किशोर - आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
29. अजय भट्ट - रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री, और पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री
30. बी एल वर्मा - उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री, और सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
31. अजय कुमार - गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
32. देवुसिंह चौहान - संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री
33. भगवंत खुबा - नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री, और रसायन और उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री
34. कपिल मोरेश्वर पाटिल - पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री
35. प्रतिमा भौमिक - सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
36. डॉ. सुभाष सरकार - शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
37. डॉ. भागवत किशनराव कराड - वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री
38. डॉ. राजकुमार रंजन सिंह - विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
39. डॉ. भारती प्रवीण पवार - स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
40. बिश्वेश्वर टुडू - जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री, और जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री
41. शांतनु ठाकुर - बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री
42. डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई - महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री, और आयुष मंत्रालय में राज्य मंत्री
43. *जॉन बारला - अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
44. डॉ. एल. मुरुगन - मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री, और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री
45. निसिथ प्रमाणिक - गृह मंत्रालय में
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1. श्रीपद येसो नाइक - बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री; और पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री
2. फग्गनसिंह कुलस्ते - इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री, और ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री
3. प्रहलाद सिंह पटेल - जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री, और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
4. अश्विनी कुमार चौबे - उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री, और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री
5. अर्जुन राम मेघवाल - संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री
6. जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह - सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री, और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री
7. कृष्ण पाल - विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री, और भारी उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
8. दानवे रावसाहेब दादाराव - रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री, कोयला मंत्रालय में राज्य मंत्री, और खान मंत्रालय में राज्य मंत्री
9. रामदास अठावले - सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
10. साध्वी निरंजन ज्योति - उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री, और ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री
11. डॉ. संजीव कुमार बाल्यान - मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री
12. नित्यानंद राय - गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
13. पंकज चौधरी - वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री
14. अनुप्रिया सिंह पटेल - वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री
15. एस. पी. सिंह बघेल - कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री
16. राजीव चंद्रशेखर - कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री
17. शोभा करंदलाजे - कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
18. भानु प्रताप सिंह वर्मा - सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री
19. दर्शन विक्रम जरदोश - कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री, और रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री
20. वी. मुरलीधरन - विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री
21. मीनाक्षी लेखी - विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री
22. सोम प्रकाश - वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
23. रेणुका सिंह सरुता - जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
24. रामेश्वर तेली - पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री, और श्रम और रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री
25. कैलाश चौधरी - कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
26. अन्नपूर्णा देवी - शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
27. ए. नारायणस्वामी - सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
28. कौशल किशोर - आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
29. अजय भट्ट - रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री, और पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री
30. बी एल वर्मा - उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री, और सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
31. अजय कुमार - गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
32. देवुसिंह चौहान - संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री
33. भगवंत खुबा - नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री, और रसायन और उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री
34. कपिल मोरेश्वर पाटिल - पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री
35. प्रतिमा भौमिक - सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
36. डॉ. सुभाष सरकार - शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
37. डॉ. भागवत किशनराव कराड - वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री
38. डॉ. राजकुमार रंजन सिंह - विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री, और शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
39. डॉ. भारती प्रवीण पवार - स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
40. बिश्वेश्वर टुडू - जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री, और जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री
41. शांतनु ठाकुर - बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री
42. डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई - महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री, और आयुष मंत्रालय में राज्य मंत्री
43. *जॉन बारला - अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
44. डॉ. एल. मुरुगन - मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री, और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री
45. निसिथ प्रमाणिक - गृह मंत्रालय में
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#RAS_Pre_2023
▪️36वें राष्ट्रीय खेल(2022) - गुजरात
▪️37वें राष्ट्रीय खेल (2023) - गोवा
(शुभंकर - मोगा)
▪️38वें राष्ट्रीय खेल(2024) - उत्तराखंड
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(शुभंकर - मोगा)
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