#डॉ_वीरेंद्र_कुमार_17वीं_लोकसभा_के_प्रोटेम_स्पीकर_चयनित-
भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार 17वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के पद के लिए चयनित किया गया है।
जब भी कोई नई लोकसभा गठित होती है तो संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में सबसे अधिक समय गुजारने वाले सदस्य या निर्वाचित सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। संसदीय मामलों के मंत्रालय के माध्यम से सत्तारूढ़ पार्टी या गठबंधन प्रोटेम स्पीकर का नाम राष्ट्रपति के पास भेजता है। इसके बाद राष्ट्रपति प्रोटेम स्पीकर को नियुक्त करते हैं, जो नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाता है।
प्रोटेम स्पीकर सामान्य चुनाव के बाद संसद के निचले सदन की पहली बैठक की अध्यक्षता करता है, इसके अलावा बैठक में अध्यक्ष और उपसभापति का चुनाव होता है।
प्रोटेम शब्द लैटिन भाषा के शब्द प्रो टैम्पोर का संक्षिप्त रूप है। इसका अर्थ होता है- 'कुछ समय के लिए'। इसकी नियुक्ति आमतौर पर तब तक के लिए होती है जब तक लोकसभा या विधानसभा अपना स्थायी विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) नहीं चुन लेती।
◆ प्रोटेम स्पीकर के पदका उल्लेख संविधान में कहीं नहीं है।
◆ प्रोटेम स्पीकर के पास लोक सभा के स्पीकर के समान शक्तियां होती हैं
भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार 17वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के पद के लिए चयनित किया गया है।
जब भी कोई नई लोकसभा गठित होती है तो संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में सबसे अधिक समय गुजारने वाले सदस्य या निर्वाचित सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। संसदीय मामलों के मंत्रालय के माध्यम से सत्तारूढ़ पार्टी या गठबंधन प्रोटेम स्पीकर का नाम राष्ट्रपति के पास भेजता है। इसके बाद राष्ट्रपति प्रोटेम स्पीकर को नियुक्त करते हैं, जो नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाता है।
प्रोटेम स्पीकर सामान्य चुनाव के बाद संसद के निचले सदन की पहली बैठक की अध्यक्षता करता है, इसके अलावा बैठक में अध्यक्ष और उपसभापति का चुनाव होता है।
प्रोटेम शब्द लैटिन भाषा के शब्द प्रो टैम्पोर का संक्षिप्त रूप है। इसका अर्थ होता है- 'कुछ समय के लिए'। इसकी नियुक्ति आमतौर पर तब तक के लिए होती है जब तक लोकसभा या विधानसभा अपना स्थायी विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) नहीं चुन लेती।
◆ प्रोटेम स्पीकर के पदका उल्लेख संविधान में कहीं नहीं है।
◆ प्रोटेम स्पीकर के पास लोक सभा के स्पीकर के समान शक्तियां होती हैं