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राजस्थान का सबसे बड़ा व सबसे पुराना चैनल


नाम ही काफी है । ☑️


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का समाचार पाते ही उसके कुछ साथियों के कलेजे पर साँप लोटने लगे।
33. कलेजे पर पत्थर रखना-जी कड़ा करना, विपत्ति में धीरज रखना।
पति की मृत्यु का समाचार पाकर भी राधा कलेजे पर पत्थर रखकर अपने बच्चे की देखभाल में लगी रही।
34. काँटे बिछाना-बाधा उपस्थित करना।
दूर्जनों का काम ही सदैव सज्जनों के मार्ग में काँटे बिछाना है।
35. कान पर जूँ न रेंगना-बार-बार कहने पर भी कोई असर न होना।
नगर की गन्दगी के बारे में कई बार लिखा गया, पर नगर-पालिका के कर्मचारियों के कान पर जूँ नहीं रेंगतीं।
36. काल के गाल में चले जाना-स्वर्गवास होना।
हमारे देश में आज भी पुष्ट आहार न मिलने से कई बच्चे असमय में ही काल के गाल में चले जाते हैं।
37. खटाई में पड़ना-अनिश्चय की दशा में पड़ना, अधूरा रह जाना।
परीक्षा की लिए पर्याप्त सामग्री न मिलने पर मेरी तैयारी खटाई में पड़ गई।
38. ख्याली पुलाव पकाना-असंभव बातें सोच-सोचकर खुश होना।
बेकारी के कारण रमेश घर में बैठा-बैठा ख्याली पुलाव पकाता रहता है, कर के कुछ नहीं दिखाता।
39. गढें मुर्दे उखाड़ना-बीती हुई बातों को व्यर्थ दुहराना।
बहुत से लोगों को मित्रों के सामने गढ़े मुर्दे उखाड़ने में ही मज़ा आता है।
40. गागर में सागर भरना-थोड़े में बहुत कहना।
बिहारी ने अपने प्रत्येक दोहे के अन्दर गागर में सागर भर दिया है।
41. गुड़ गोबर कर देना-बना-बनाया काम बिगाड़ देना।
शशांक ने तो अपनी बहन की शादी तय कर दी थी, पर उसके सम्बन्धियों ने बीच में पडकर सारा गुड़ गोबर कर दिया।
42. घड़ों पानी पड़ना-अत्यंत लज्जित होना।
कॉलेज की सभा में अध्यक्ष की कलई खुलते ही उसपर घड़ों पानी पड़ गया।
43. घाट-घाट का पानी पीना-विविध प्रकार का अनुभव होना।
शैलेन्द्र अमरीका में बसने से पहले भी घाट-घाट का पानी पी चुका है।
44. घी के दिए जलाना-खुशी मनाना।
लाटरी का रुपया मिलते ही मयंक ने अपने घर में घी के दिए जलाए।
45. घोड़े बेचकर सोना-गहरी नींद में निश्चिन्त सोना।
दरवाज़ा खटकाते-खटकाते मैं तो थक गया, लगता है इस घर के सभी लोग घोड़े बेचकर सो रहे है।
46. घर फूँक तमाशा देखना-मस्ती में सब कुछ नष्ट कर देना।
शराब और जुए में सारी सम्पत्ति चौपट करके घर फूँक तमाशा देखने वाले बाद में बहुत पछताते हैं।
47. चाँदी का जूता मारना-धन के बल पर वश में करना।
आज वो समय है जब चाँदी का जूता मारकर इंस्पैक्टर से काम करा लिया जाता है।
48. चुल्लू भर पानी में डूब मरना-बेहद शर्मिदा होना।
राधा को तो चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए, क्योंकि उसक परीक्षा में नकल करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
49. चोली-दामन का साथ होना-अधिक घनिष्ठता होना।
भारत रूस का तो चोली-दामन का साथ रहा ही है।
50. छक्के छुड़ाना-(मुठभेड़ में) दुर्दशा करना, हरा देना।
खाड़ी युद्ध में संयुक्त राष्ट्र की सेनाओं ने ईराक की सेना के छक्के छुड़ा दिए।
51. छठी का दूध याद आना-अत्यन्त दुर्गति होना या परेशान होना।
लोक सेवा आयोग की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के लिए छठी का दूध याद आ जाता है।
52. छप्पड़ फाड़कर देना-अनायास भरपूर प्राप्त होना।
भाग्यशाली व्यक्ति को परमात्मा छप्पड़ फाड़कर देता है।
53. छाती पर साँप लोटना-ईर्ष्या या डाह से अत्यधिक दुःखी होना।
हमारे कॉलेज का परीक्षाफल अस्सी प्रतिशत रहा है, यह खबर सुनते ही नगर के अन्य कॉलेजों के प्राचार्यों की छाती पर साँप लोट गया।
54. जले पर नमक छिड़कना-दुःखी को और कष्ट देना।
परीक्षा में असफल हो जाने से राधा पहले ही दुःखी थी, अब आगे पढ़ाई छोड़ देने की बात कहकर माता-पिता ने जैसे जले पर नमक छिड़क दिया।
55. जान हथेली पर रखना-मृत्यु की चिन्ता न करना।
वीर योद्धा अपनी जान हथेली पर रखकर ही चलते हैं।
56. जी तोड़कर काम करना-परिश्रमपूर्वक कार्य करना।
सभी मज़दूरों ने जी तोड़कर काम किया और भरपूर पैसा कमाया।
57. झंडा गाड़ना-धाक जमाना।
निंरतर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होकर योगेन्द्र ने महाविद्यालय में झंडा गाड़ दिया।
58. टका-सा जवाब देना-साफ़ इन्कार करना।
राजू पूरी आशा से मालिक के पास गया था, पर मालिक ने तो टका-सा जवाब देकर उसे लौटा दिया।
59. डींग मारना-बढ़-बढ़कर बातें करना।
बहुत-से लोग प्रायः अपने बड़प्पन की बड़ी डींग मारा करतें हैं।
60. तलवार की धार पर चलना-जोखिम उठाकर कार्य करना।
युद्ध-नीति की साधना करना तलवार की धार पर चलने से कम नहीं है।
61. तिल का ताड़ बनाना-छोटी-सी बात को बहुत बड़ी बना देना।
मुकद्दमे मे वकील हमेशा तिल का ताड़ बना देते हैं।
62. थाली का बैंगन होना-किसी सिद्धांत का न होना।
आजकल के नेता तो थाली के बैंगन हैं, कभी इस दल में कभी उस दल में।
63. दाँत खट्टे करना-बुरी तरह हरा देना।
भारत की क्रिकेट टीम ने मैच में इंग्लैण्ड की टीम के दाँत खट्टे कर दिए।
64. दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करना-खूब उन्नति करना।
रक्षाबधंन पर बहन ने भाई से कहा कि ईश्वर करे तुम्हारी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की हो।


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RAS Exam
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#Makar Sankranti Gift 👍

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✍🏻 उत्तर लिखने के अभ्यास के लिए प्रश्न_ 📝

प्रश्न – “भारत छोड़ो आंदोलन” सही मायने में एक जनान्दोलन था। सिद्ध कीजिए। (200 शब्द)_

_Question – “Quit India Movement” was a Mass Movement in an actual sense. Prove it. (200 words)

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अभयसिंह* था ।
अभयसिंह के आदेश पर *गिरधर दास के द्वारा 363* लोगों की हत्या की गई ।
खेजड़ली दिवस प्रत्येक वर्ष *12 सितंबर* को मनाया जाता है ।
*अमृता देवी वन्य जीव पुरस्कार की शुरुआत 1994* में की गई ।
खेजड़ली आंदोलन *चिपको आंदोलन* का प्रेरणा स्त्रोत रहा है ।



🔰 *राज्य खेल - बास्केटबाल*🔰

*दर्जा :- 1948 में*
*खिलाड़ियों की संख्या :- 5*
बास्केटबाल *अकादमी जैसलमेर* में प्रस्तावित है ।

🔰 *राज्य गीत ' केसरिया बालम '* 🔰

इस गीत को सर्वप्रथम *उदयपुर* की *मांगी बाई* के द्वारा गया गया ।
इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने का श्रेय *बीकानेर* की *अल्लाजिल्ला बाई* को है ।
*अल्लाजिल्ला बाई* को *राजस्थान की मरू कोकिला* कहा जाता है ।
यह गीत *माण्ड गायिकी* शैली में गाया जाता है ।

🔰 *राज्य का शास्त्रीय ' कत्थक '* 🔰

कत्थक *उत्तरी भारत* का प्रमुख नृत्य है ।
दक्षिणी भारत का प्रमुख नृत्य *भरतनाट्यम* है ।
कत्थक का भारत में प्रमुख *घराना लखनऊ* है ।
कत्थक के राजस्थान में प्रमुख *घराना जयपुर* है ।
कत्थक के *जन्मदाता भानू जी महाराज* को मन जाता है



🔰 *राज्य की राजधानी ' जयपुर '* 🔰

जयपुर की स्थापना सवाई जयसिंह द्वितीय के द्वारा *18 नवम्बर 1927* में की गई ।
जयपुर के वास्तुकार *विद्याधर भट्टाचार्य* को माना जाता है ।
जयपुर के निर्माण के बारे में *बुद्धि विलास नामक ग्रंथ* से जानकारी मिलती है ।
जयपुर जा निर्माण *जर्मनी के शहर द एल्ट स्टड एर्लग* के आधार पर करवाया गया है ।
जयपुर का निर्माण *चौपड़ पैटर्न* के आधार पर किया गया है ।
जयपुर को राजधानी *30 मार्च 1949* को बनाया गया ।
जयपुर को राजधानी *श्री पी सत्यनारायण राव समिति* की सिफारिश पर बनाया गया ।
जयपुर को गुलाबी रंग में रंगवाने का श्रेय *रामसिंह द्वितीय* को है ।
🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰🔰


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RAS 2016 Topper's Marks 👆

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भाग 2 👇👇👇

इस संदर्भ में इंटरव्यू से एक महीने पहले तक का घटनाक्रम और उससे जुड़े मुद्दे अति महत्वपूर्ण होते हैं। आपसे इन मुद्दों पर आपकी राय पूछी जा सकती है। अतः इस खंड की तैयारी के लिए मेरी सलाह है कि एक डायरी बनाकर उस दौरान के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के बहुत संक्षिप्त नोट्स तैयार कर लें।
यूपीएससी परीक्षा के इंटरव्यू की तैयारी के दौरान आस- पास के माहौल के प्रति अवेयर रहना बेहद जरूरी है। इसके लिए आप रेडियो, टीवी, न्यूजपेपर, पत्रिकाएँ और इंटरनेट की मदद ले सकते हैं। सभी माध्यमों का प्रयोग करके उन्हें एकीकृत करने की कोशिश करें।

-आपसे कुछ विवादास्पद मुद्दों पर भी आपकी राय पूछी सकती है। जैसे-शराबबंदी की नीति उचित है या नहीं? क्या समलैंगिकता अनैतिक है? क्या पिछले दिनों भारत में असहिष्णुता बढ़ी है? आदि। ऐसे मुद्दों के पक्ष-विपक्ष दोनों नोट कर लें और फिर एक निष्कर्ष सोचें। निष्कर्ष जो भी हो, मेरी समझ में प्रगतिशील, सकारात्मक हो और अतिवादी प्रतीत नहीं हो, तो बेहतर है।

-कोशिश करें कि इंटरव्यू देने से पहले कुछ मॉक इंटरव्यू जरूर दे दें, क्योंकि इससे आपकी वे कमियां सामने आ जाती हैं, जो आपको खुद भी पता नहीं होतीं। बेहतर होगा कि आप अपनी जिंदगी का पहला इंटरव्यू यूपीएससी में ही फेस ना करें। यद्यपि ऐसे भी कुछ अभ्यर्थियों में इंटरव्यू में अच्छे अंक हासिल किए हैं जिन्होंने एक भी मॉक इंटरव्यू नहीं दिया।

-मॉक इंटरव्यू देने का एक और बढ़िया तरीक़ा है कि आप तीन-चार दोस्त एक ग्रुप बनाएँ और दो-तीन साथी मिलकर चौथे साथी का इंटरव्यू लें। इस तरह इंटरव्यू की तैयारी बंद कमरे तक न रखकर ग्रुप डिस्कशन और मॉक इंटरव्यू का भरपूर अभ्यास करते हुए करें।

-इस बात का भी ख्याल रखें कि अगर मॉक इंटरव्यू लेने वाले ने आपमें कोई बड़ी कमी बता देता है, तो उसे बहुत ज्यादा दिल पर लेकर अपना कॉन्फिडेंस लूज ना करें और उसमें सुधार करने की कोशिश करें। हो सकता है मॉक इंटरव्यू लेने वाले की दृष्टि में आपकी कमी बड़ी हो, पर UPSC इंटरव्यू बोर्ड उस कमी को महत्व न दे।

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113 636
Computers / IT
Adrenalin - 1800 444 445
AMD -1800 425 6664
Apple Computers-1800 444 683
Canon -1800 333 366
Cisco Systems- 1800 221 777
Compaq - HP -1800 444 999
Data One Broadband - 1800 424
1800
Dell -1800 444 026
Epson - 1800 44 0011
eSys - 3970 0011
Genesis Tally Academy - 1800 444
888
HCL - 1800 180 8080
IBM - 1800 443 333
Lexmark - 1800 22 4477
Marshal's Point -1800 33 4488
Microsoft - 1800 111 100
Microsoft Virus Update - 1901 333
334
Seagate - 1800 180 1104
Symantec - 1800 44 5533
TVS Electronics-1800 444 566
WeP Peripherals-1800 44 6446
Wipro - 1800 333 312
Xerox - 1800 180 1225
Zenith - 1800 222 004

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@RAS_MAINS
** **

भारत के प्रमुख पदाधिकारी
●●●●●●●●●●●●●●●●
💕 * राष्ट्रपति
श्री रामनाथ कोविन्द
💕 * उप राष्ट्रपति
श्री वैंकैया नायडू
💕 * प्रधान मंत्री
श्री नरेंद्र मोदी
💕 * लोकसभा अध्यक्ष
श्रीमती सुमित्रा महाजन
💕 * सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश
जस्टिस Dipak Misra
💕 * राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष
श्री एच.एल.दत्तू
💕 * राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष
श्रीमती ललिता कुमार मंगलम
💕 * मुख्य चुनाव आयुक्त
Achal Kumar Jyoti
💕 * अटार्नी जनरल
श्री K.K. Venugopal
💕 * सोलिसिटर जनरल
श्री रनजीत कुमार
💕 * राष्ट्रीय विधि आयोग के अध्यक्ष
श्री बलबीर सिंह चौहान
💕 * राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
श्री अजीत कुमार डोभाल

[राज्य] [मुख्यमंत्री] {Updated }
-------------------------------------
[1] महाराष्ट्र-- देवेंद्र फड़नवीस
[2] हरियाणा--मनोहरलाल खट्टर
[3] झारखण्ड —-श्री रघुवर दास
[4] जम्मू और कश्मीर —– महबूबा मुफ्ती
[5] हिमाचल प्रदेश —–वीरभद्र सिंह
[6] कर्नाटक —–के. सिद्धारमैया
[7] केरल —— पिनारायी विजयन
[8] मध्य प्रदेश -- शिवराज सिंह चौहान
[9] तेलंगाना -- चंद्रशेखर राव
[10] सीमांध्र - - चन्द्रबाबू नायडू
[11] अरुणाचल प्रदेश —-पेमा खांडु
[12] असम —- सरबानंद सोनवाल
[13] बिहार —– नीतीश कुमार
[14] छत्तीसगढ़ —-डॉ.रमन सिंह
[15] दिल्ली —arvind kejrival
[16] गोआ —– Manohar Parirkar.
[17] पॉण्डिचेरी - - वी. नारायनस्वामी
[18] पंजाब- -captain Amrindar Singh
[19] राजस्थान -वसुंधरा राजेसिंधिया
[20] सिक्किम - पवन कुमार चामलिंग
[21] तमिलनाडु- के. पलानीस्वामी
[22] त्रिपुरा- - - माणिक सरकार
[23] उत्तराखण्ड —— Trivendra Singh Rawat
[24] उत्तर प्रदेश- आदित्यनाथ योगी
[25] पश्चिम बंगाल ——ममता बनर्जी,
[26] गुजरात —–विजय रुपानी
[27] मणिपुर —– Nongthombam Biren Singh
[28] मेघालय —– मुकुल संगमा
[29] मिज़ोरम -- श्री लाल थानवाला
[30] नागालैण्ड —– T. R. Zeliang
[31] ओडिशा —– नवीन पटनायक
#प्रमुख_उत्पादन_क्रान्तियां

🌸👇👇👇👇🌸

हरित क्रांति –खाद्यान्न उत्पादन
श्वेत क्रांति – दुग्ध उत्पादन
नीली क्रांति – मत्स्य उत्पादन
भूरी क्रांति – उर्वरक उत्पादन
रजत क्रांति – अंडा उत्पादन
पीली क्रांति – तिलहन उत्पादन
कृष्ण क्रांति – बायोडीजल उत्पादन
लाल क्रांति – टमाटर/मांस उत्पादन
गुलाबी क्रांति – झींगा मछली उत्पादन
बादामी क्रांति – मासाला उत्पादन
सुनहरी क्रांति – फल उत्पादन
अमृत क्रांति – नदी जोड़ो परियोजनाएं
धुसर/स्लेटी क्रांति– सीमेंट
गोल क्रांति– आलु
इंद्रधनुषीय क्रांति– सभी क्रांतियो पर निगरानी रखने हेतु
सनराइज/सुर्योदय क्रांति– इलेक्ट्रॉनिक उधोग के विकास के हेतु
गंगा क्रांति– भ्रष्टाचार के खिलाफ सदाचार पैदा करने हेतु वाटर मैन ऑफ इंडिया राजेन्द्र सिंह द्वारा
सदाबहार क्रांति– जैव तकनीकी
सेफ्रॉन क्रांति– केसर उत्पादन से
स्लेटी/ग्रे क्रांति–उर्वरको के उत्पादन से
हरित सोना क्रांति– – बाँस उतपादन से
मूक क्रांति– मोटे अनाजों के उत्पादन से
परामनी क्रांति– भिन्डी उत्पादन से
ग्रीन गॉल्ड क्रांति– चाय उत्पादन से
खाद्द श्रंखला क्रांति– भारतीय कृषकों की 2020 तक आमदनी को दुगुना करने से
खाकी क्रांति– चमड़ा उत्पादन से
व्हाइट गॉल्ड क्रांति– कपास उत्पादन सेs
N.H.क्रान्ति- स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से


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#RAS #Gs1

National Bank for Agriculture and Rural

Development (NABARD) is an apex development financial institution in India, headquartered at Mumbai with branches all over India. The Bank has been entrusted with "matters concerning policy, planning and operations in the field of credit for agricultureand other economic activities in rural areas in India". NABARD is active in developing financial inclusion policy and is a member of the Alliance for Financial Inclusion.

NABARD is an Apex Development Financial Institution in Agriculture in India.

NABARD was established on the recommendations of B.Sivaraman Committee, (by Act 61, 1981 of Parliament) on 12 July 1982 to implement the National Bank for Agriculture and Rural Development Act 1981. It replaced the Agricultural Credit Department (ACD) and Rural Planning and Credit Cell (RPCC) of Reserve Bank of India, and Agricultural Refinance and Development Corporation (ARDC). It is one of the premier agencies providing developmental credit in rural areas. NABARD is India's specialised bank for Agriculture and Rural Development in India.

The initial corpus of NABARD was Rs.100 crores. Consequent to the revision in the composition of share capital between Government of India and RBI, the paid up capital as on 31 May 2017, stood at Rs.6,700 crore with Government of India holding Rs.6,700 crore (100% share). The authorized share capital is Rs.30,000 crore.
International associates of NABARD include World Bank-affiliated organizations and global developmental agencies working in the field of agriculture and rural development. These organizations help NABARD by advising and giving monetary aid for the upliftment of the people in the rural areas and optimizing the agricultural process.  #Copied
*मैं किस भर्ती परीक्षा की तैयारी करूँ?*

एक साथ कई विज्ञप्तियों के जारी होने के कारण अभ्यर्थी वर्ग संशय में हैं कि आख़िर वो किस परीक्षा की तैयारी करें? कुछ बिंदु आपके सामने रखूंगा। जो सम्भवतः आपके निर्णय लेने में मददगार होंगे। वैसे आपके सबसे बड़े निर्णयकर्ता आप स्वयं हैं लेकिन निर्णय लेने में कई कारकों को केंद्र में अवश्य रखना चाहिए-

१. पद संख्या देखकर निर्णय मत करना कि इसमें कम है या इसमें ज्यादा पोस्ट। पोस्ट कितनी भी हो आपका चयन आपकी तैयारी पर निर्भर करेगा।

२. ग्रैड देखकर निर्णय मत करना। की में बेरोजगार हूँ तो पहले सेकंड ग्रैड की करूँ ,फर्स्ट ग्रेड बाद में कुरुंगा। यह सबसे गलत धारणा हैं। वैसे बता दूं जैसे जैसे ग्रैड नीचे होता जाता हैं प्रतिस्पर्धा बढ़ती जाती हैं। अतः सेकंड ग्रैड का मतलब यह कतई नहीं हैं कि उसमें चयन आसान हैं और फर्स्ट ग्रैड का मतलब भी यह नहीं है कि उसमें चयन मुश्किल हैं।

३.पाठ्यक्रम ज्यादा हैं या कम है यह देखकर भी निर्णय मत करना। क्योंकि जो पाठ्यक्रम हैं वह सभी अभ्यर्थियों के लिए समान हैं। अतः आपके निर्णयन में यह कारक महत्वपूर्ण नहीं होना चाहिए।

निर्णयन में जो ध्यान रखना है वह है-
१. किस भर्ती प्रक्रिया का पाठ्यक्रम आपके लिए रुचिकर हैं, जिसे आप 4-5 बार बिना थके और ऊबे दुहरा सके।

२.आपने पहले अगर किसी परीक्षा की तैयारी की हैं और उसमें कम अंतराल से सफलता से चूक गए हैं। तो आपको चाहिए कि आप उसी परीक्षा को पुनः टारगेट करें, अपनी पिछली गलतियों को दूर करते हुए,तैयारियों को नवीन रूप दे।

३. आप जिस पाठ्यक्रम को करने में समर्थ है, अर्थात आपको जो पाठ्यक्रम आपकी क्षमताओ के दायरे में लगे, आपको उसी भर्ती प्रक्रिया की गम्भीर तैयारी करनी चाहिए।

एक बार निर्णय लेने के उपरांत फिर पीछे मुड़कर नहीं देखना हैं,राह भटकाने वाले कई मिलेंगे,मगर आप अपने लक्ष्य की और डटे रहना,सफलता आपकी होगी। जहाँ जहाँ आप योग्य हो फॉर्म अवश्य भरना,मगर आपकी तैयारी का केंद्र बिंदु एक ही होना चाहिये,इस केंद्र बिंदु का निर्णय जितना जल्दी हो कर लो, क्योंकि दुबारा ऐसे मौके इतने जल्दी नहीं आएंगे।

सरकार के पास सितंबर औऱ अक्टूबर के महीने हैं,इनमे सभी परीक्षाओं का आयोजन सम्भवतः होगा।

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#Mains_Strategy

प्रिय दोस्तों, आप सभी को प्रीलिम्स पास करने पर फिर से हार्दिक बधाई ...जो दोस्त, ओबीसी केटेगरी से है और सरकारी कारणों के चलते कटऑफ क्लियर नहीं हुआ है वो धैर्य बनाये रखे एवं सकारात्मक सोचे, न्याय उनकी तरफ ही होगा..तैयारी को जारी रखे...और जिन दोस्तों का किसी कारणवश कटऑफ क्लियर नहीं हुआ है ...वो भी ज्यादा तनाव ना ले और थोड़ा अपने आप को संभाले एवं खंगाले...क्योंकि जैसा की मेरा मानना है .. असफलता और सफलता में अंतर बुद्धिमानी का नहीं ...प्रयास का नहीं ...बल्कि हमारी रणनीति का होता है..भाग्य और समय का अनुपात भी नहीं नकार सकते ..सिविल सेवा में उतार-चढ़ाव काफी और इन्हीं उतार-चढ़ावों को ध्यान में रखते हुए ही शायद हमने यह रास्ता चुना ...यहाँ प्रायिकता भी कुछ अनुमान नहीं लगा सकती...
खैर जो भी है ...कहने का अर्थ है तैयारी में ज्यादा अंतराल न आने दे...
वैसे तो सब की रणनीति अलग-अलग है और सब अपने हिसाब से तैयारी कर रहे हैं फिर मेरी तरफ से कुछ..
1.पहला काम पढ़ाई सामग्री को समेकित कर ले ..हर एक छोटे-मोटे टॉपिक्स का मैटेरियल एक जगह कर ले...
2.ज्यादा इक्कट्ठा ना करे...एक टॉपिक के लिए एक ही स्रोत ...ताकि मुख्य परीक्षा से पहले २-३ बार आसानी से दोहराया जा सके ...
3. पहले एकाग्र होकर पूरे पाठ्यक्रम को पढ़ें और साथ में नोट्स भी बना ले..पहली बार ज्यादा टाइम लग सकता है तनाव न ले ...इससे दोहराने में आसानी व कम समय लगेगा.
4.अब एक बार अच्छे से पढ़ने के साथ या फिर जो -जो टॉपिक्स पढ़ लिए है उनके हिसाब से टेस्ट सीरीज ज्वाइन करे और ज्यादा से ज्यादा लेखन अभ्यास करें
5. मुख्य परीक्षा का सबसे महत्वपूर्ण अंग है लेखन कौशल विकसित करना...प्रश्न की तह तक पहुँचना एवं उसके सारे आयामों को महत्व देना...एक उचित ढांचे में उत्तर लिखने का प्रयास करे ..
6.अपनी गलतियों को सुधारते रहे और लिखते रहे ..
7. हमारा साक्षात्कार के अंकों पर ज्यादा अधिकार नहीं...हम जितना ज्यादा मुख्य परीक्षा में अंक बटोर सकते है उतना ज्यादा फायदा होगा...अगर हम अपने लेखन कौशल से आधा-आधा..सवा-सवा अंक भी अपने प्रतिद्वंदी से ज्यादा लाते है तो एक बहुत बड़ा फर्क पड़ता है...
स्टडी-लेखन-दोहरना-.... यह एक व्यवस्थित क्रम है जो अपने सपनो को साकार करने में मदद कर सकता है ...बाकि सबकी अपनी-अपनी रणनीति है इसमें कोई दोराय नहीं....

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यः उस राय के आधार पर ही हो रहा होता है। अगर आपके बारे में पहले ही अच्छी राय बन गई है तो अंतिम कुछ प्रश्नों में डायग्राम या सिर्फ बिंदु देखकर भी परीक्षक अच्छे अंक दे देगा क्योंकि वह आपके पक्ष में सकारात्मक अभिवृत्ति बना चुका होता है।  लेकिन अगर आप कुछ प्रश्न पूरी तरह छोड़ देंगे तो वह चाहकर भी आपको अंक नहीं दे सकेगा क्योंकि आपने उसे अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करने का मौका ही नहीं दिया। सार यह है कि कोशिश करनी चाहिये कि एक भी प्रश्न छूटे नहीं। हाँ, जो प्रश्न अभ्यर्थी को आता ही नहीं है, वह तो उसे छोड़ना ही होगा।अगर आप उपरोक्त सभी बिन्दुओं को ध्यान रखते हुए उत्तर लिखते हैं तो निश्चित रुप से आपका उत्तर श्रेष्ठ होगा और आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकेंगे, जिससे आपकी सफलता की संभावना बढ़ जाएगी!



धन्यवाद 🙏💐

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