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"जगद्गुरु शंकराचार्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान" का आधिकारिक चैनल। ☎️ 8439945762, 🌐https://jsaps.org.in
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ब्रह्म जानाति इति ब्राह्मण गलत श्लोक है | ब्रह्म को जानने वाला ब्राह्मण नही ब्रह्मज्ञ कहलाता है।
*देखिए व्याकरण शास्त्र से प्रमाण*

https://youtu.be/0hnPWecihis

*सभी समूहों में शेयर करें*

#MohanBhagwat #vedicknowledge #जाती #जातिवाद #जातिप्रथा #जाति #वर्ण #jati #varna #RSSCHIEFMohanBhagwat
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Forwarded from Jsaps Official
1. शास्त्रों ने ब्राह्मणों को विद्या अध्ययन के क्या कारण बताये हैं?
2. ब्राह्मणों की जिम्मेदारी क्या है?
3. ब्राह्मणों का खजाना क्या है?
4. स्वयं भगवती विद्या देवी ब्राह्मणों के पास आकर क्या कहती हैं?

https://youtu.be/D-WMljBXZtA

#Brahman #Brahmins #ब्राह्मण
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1. पशुओं, पक्षियों, वृक्षों, भूमि एवं अक्षरों में वर्ण व्यवस्था
2. क्या वर्ण व्यवस्था केवल मनुष्यों में होता है?
3. वर्ण व्यवस्था कैसे तय होता है?
4. वर्ण व्यवस्था किसने बनाई?

https://youtu.be/sz6JbcqBVaQ

जिज्ञासा समाधानकर्ता - आचार्य राजेश राजौरिया वैदिक

#वर्ण #varna #जाती #जातिवाद #जाति #जातिप्रथा #jati #brahman #brahmins #ब्राह्मण #क्षत्रिय #वैश्य #शुद्र
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हर हर महादेव

यह समूह *जगद्गुरु शंकराचार्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान* की ओर से महत्वपूर्ण सूचना, धार्मिक विषयों से संबंधित आवश्यक संदेश प्रसारित करने के लिए बनाया गया है।
इस समूह के द्वारा आपको संस्थान के ओर से नित्य धर्म संबंधित विचार भेजें जायेंगे जिससे आप लाभांवित होते रहेंगे। इसे आप अन्य लोगों से साझा भी कर सकते हैं। इस प्रकार निरंतर धर्म प्रचार कर आप भी अथाह पुण्य के भागी बन सकते हैं।
संस्थान से जुड़ने के लिए इस व्हाट्सएप समूह में जुडें।
https://chat.whatsapp.com/BIc1iRir0MZBuoysX3pA2z

★यदि आपको संस्थान से कोई जानकारी या विचार साझा करना हो तो आप संस्थान को व्हाट्सएप संदेश भेज सकते हैं।
★संस्थान के आधिकारिक यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए चैनल http://www.youtube.com/jsaps_org को अवश्य सब्सक्राइब करें।
★आचार्य जी से प्रश्न पूछने के लिए अपना नाम, वर्ण आदि बताते हुए संस्थान के आधिकारिक टेलीग्राम समूह https://t.me/jsaps_org में प्रश्न करें।

धन्यवाद
मीडिया संचालक
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*इस संदेश को फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि के द्वारा अधिक से अधिक शेयर करना न भूलें।*
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कृपया सभी लोग इसे ध्यान से पढ़ें
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Forwarded from Jsaps Official
हम देंगे आपके सभी प्रश्नों का उत्तर | क्या आपके मन में भी कोई प्रश्न है जो आप पूछना चाहते हैं?

★★धर्म से संबंधित कोई भी निजी प्रश्न पूछने के लिए आप हमारे टेलीग्राम समूह में जुडें। इसके लिए टेलीग्राम एप पर "जिज्ञासा समाधान समूह" अथवा @jsaps_org लिखकर सर्च करें।★★

★★प्रश्न पूछने से पहले टेलीग्राम समूह में पिन मैसेज पढ़कर नियमानुसार प्रश्न करें ★★

अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप करें +91 84399 45762

मीडिया संचालक
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कृपया इस संदेश सभी हिंदुओं तक शेयर करें।
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कृपया इस संदेश सभी हिंदुओं तक शेयर करें।

हम देंगे आपके सभी प्रश्नों का उत्तर | क्या आपके मन में भी कोई प्रश्न है जो आप पूछना चाहते हैं?

★★धर्म से संबंधित कोई भी निजी प्रश्न पूछने के लिए आप हमारे टेलीग्राम समूह में जुडें। इसके लिए टेलीग्राम एप पर "जिज्ञासा समाधान समूह" अथवा @jsaps_org लिखकर सर्च करें।★★

आप हमारे टेलीग्राम समूह में इस लिंक से भी जुड़ सकते हैं। https://t.me/jsaps_org

★★प्रश्न पूछने से पहले टेलीग्राम समूह में पिन मैसेज पढ़कर नियमानुसार प्रश्न करें ★★

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मीडिया संचालक
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हर हर महादेव
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हर हर महादेव

बड़े ध्यान से पढ़कर जरा विचार करिए और सही लगे तो इसे अन्य समूहों में आगे भेजिए।

हम वैदिक गुरुकुल, धर्मशास्त्रों का पुस्तकालय, धर्म प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान आदि के लिए आपसब से सहयोग चाहते हैं। हम चाहते हैं कि भारत में हजारों छोटे बड़े गुरुकुल संस्कृत पाठशालाएं आदि निर्मित किए जाएं। इसके लिए भारत की जनता आगे आए और अपने अपने क्षेत्र में इस प्रयास को आगे बढ़ाए।
ये वो स्थान हैं जो एक बार बन गया तो सैकड़ों वर्षों तक वैदिक शास्त्रों की शिक्षा देता रहेगा और वैदिक विद्वानों का निर्माण करता रहेगा। ये वो विद्वान होंगे जो सदा धर्म का कार्य करते रहेंगे और इनके होने से ही धर्म बचा रहेगा।
आप यदि किसी वैदिक विद्यालय में 1 ईट भी लगवा देते हैं तो आपके उस एक ईट का पुण्य आपको और आपके वंशजों को तबतक मिलता रहेगा जबतक उस विद्यालय से वर्षों वर्ष वैदिक छात्र अध्ययन करके निकलते रहेंगे और अपने धर्म की, ईश्वर की सेवा करते रहेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि हर वर्ष पढ़ने वाले हजारों छात्रों को विद्यालय का जो छांव मिलेगा उसमे आपके एक ईट का भी योगदान होगा।
विद्यालय का निर्माण करना माने एक ऐसा वृक्ष लगाना जो आपके जाने के बाद भी सैकड़ों वर्षों तक आपके वंशजों को मीठा फल देता ही रहेगा।

आपलोग अनेक लोगों को दान करते हैं पर इनसब दानों को धर्म बताने वाले धर्मशास्त्र की रक्षा और विस्तार के लिए दान नही करते हैं।
सोचिए जिस दिन धर्मशास्त्र विलुप्त हो जायेंगे तो आपको कौन बताएगा कि धर्म क्या है अधर्म क्या है? कौन आपको कथा, भगवान् की सेवा, गौसेवा, राष्ट्रसेवा, वृद्ध सेवा, संत सेवा, प्रकृति सेवा आदि की महिमा बताएगा और आपको कैसे पता चलेगा कि क्या करना धर्म है और क्या अधर्म है?
अतः आपसब से निवेदन है कि किसी कार्य में दान करें या न करें पर परंपरा से जहां वैदिक सनातन शास्त्रों की शिक्षा दी जा रही हैं वहां अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग अवश्य करें क्योंकि जब भारत में वैदिक विद्वानों की संख्या बढ़ जाएगी तो भारत की सारी समस्या अपने आप समाप्त हो जायेगी।

एक समय भारत सोने की चिड़िया था इसलिए नही था कि लोग बहुत दान करते थें बल्कि भारत इसलिए संपन्न था क्योंकि भारत के प्रत्येक नागरिक को निःशुल्क गुरुकुलों से उनके कल्याण के लिए आवश्यक सभी शिक्षाएं प्राप्त होती थी और इसकी व्यवस्था समाज स्वयं करता था। समाज सही कार्यों के लिए अपने पवित्र धन का दान करता था।

आज जहां धर्म के लिए तरह तरह के आडंबर करके लोग लाखों करोड़ों लूटा रहे हैं वही आज सच्चे वैदिक शास्त्रज्ञ विद्वानों को बड़ी मुश्किल से जीवन निर्वाह करना पड़ रहा है। गुरुकुल धन के अभाव में बंद हो रहे हैं।

ध्यान रहे जो समाज अपने वैदिक शास्त्रीय विद्वानों की रक्षा नहीं कर पाता उस समाज की रक्षा स्वयं ईश्वर भी नही करते।

हमारा कहना है कि धर्म के नाम पर, भक्ति के नाम पर, कथा के नाम पर पाखंड को बढ़ावा मत दीजिए। आप शिक्षा को बढ़ावा दीजिए, समस्त विद्याओं, कलाओं और विदधाओं की शिक्षा देने के लिए समाज को जागरूक करिए और परम्परा प्राप्त वैदिक आचार्यों को आर्थिक सहयोग करिए।

जगद्गुरु शंकराचार्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान एक ऐसा प्रकल्प है जो वैदिक शास्त्रों के अनुसार धर्म और धर्म संबंधित समस्त विषयों के विद्वान तैयार करने में लगा है।
आप सब आगे आकर हमारे संस्थान का सहयोग करें।

वर्तमान में वृंदावन में 500 छात्रों के निःशुल्क शिक्षा के लिए हमारी संस्था वैदिक विद्यालय का निर्माण कर चुकी है जो आज से इस गुरुपूर्णिमा से आरम्भ हो जाएया। अब हमारी संस्था पुस्तकालय, छात्रावास, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण करने में लगी है। भविष्य में इसे बढ़ाने का लक्ष्य होगा।

विद्यालय के संचालन और अन्य सहयोग के लिए हम सार्वजनिक तौर पर सदस्यों का फेसबुक समूह बना चुके हैं।
इस समूह में गुरुकुल के लिए जब जो आवश्यकता होगी तब वो आवश्यकताएं आम हिंदुओं को बता दी जायेगी। जो भी इच्छुक होगा वो स्वयं समूह में सहयोग देने की घोषणा कर देगा।
कृपया आपसब नीचे दिए गए इस समूह में अवश्य जुड़ जाएं।
https://www.facebook.com/groups/209490951823610/?ref=share_group_link

यदि इस पुण्य कार्य में आप भी अपना सहयोग देना चाहते हैं तो हमें 8439945763 पर फोन पे, गुगल पे अथवा पेटीएम कर के नीचे दिए व्हाट्सएप नंबर पर संदेश भेजकर सूचित करें।

अन्य किसी जानकारी के लिए भी अवश्य संदेश भेजें।

जगदगुरू शंकराचार्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, वृंदावन
+91 84399 45762

धन्यवाद
सचिव
जगद्गुरु शंकराचार्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, वृंदावन मथुरा
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हर हर महादेव
*कृपया सभी हिंदू इस लेख को कृपया एक बार अवश्य पढ़कर शेयर कर दें*

*वैदिक सनातन हिंदूधर्म के मानने वालों के लिए यह स्पष्ट घोषणा है।*

आप सभी हिन्दुओं को बताना चाहते हैं कि भारत में वैदिक सनातन संस्कृति और धर्म के शुद्ध स्वरूप को स्थापित एवं व्यवस्थित करने के लिए "जगद्गुरु शङ्कराचार्य अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण संस्थान" ने वैदिक शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्ति लाने की तैयारी कर रखी है जिसमें प्रत्येक हिन्दू से उसकी क्षमता अनुसार सहयोग चाहिए। *हिन्दुओं को यदि अपनी संस्कृति अपना धर्म अपने अस्तित्व की रक्षा करनी है तो अपने बच्चो को शास्त्रों की शिक्षा देनी ही होगी।* वो शिक्षा जो आपके बच्चों को पुरुषार्थ करना तो सिखाएं ही साथ में बच्चों को नैतिक मानवीय और चारित्रिक मूल्य भी सिखाए वो शिक्षा जो आपके बच्चों को धर्म सिखाए। वो शिक्षा जो हमारे वेदों ने ऋषियों महर्षियों ने बताएं हैं वो शिक्षा जिसमे मानव मात्र के सर्वांगीण विकास और कल्याण की सुदृढ़ परिकल्पना है।

जगद्गुरु शङ्कराचार्य अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण संस्थान ने यह तय किया है कि आगामी 7 से 10 वर्ष में भारत के 1 करोड़ बच्चों को वैदिक शास्त्रों से शिक्षित करेंगे साथ ही 1 करोड़ परिवारों को भी शुद्ध वैदिक वर्णाश्रम धर्म में शिक्षित प्रशिक्षित करके उन्हे शुद्ध रूप से वैदिक धर्म का पालन करना सिखाएंगे जिससे देश में एक करोड़ वैदिक हिंदू परिवार हो सके । ध्यान रहे धर्म की रक्षा धर्म के नाम पर भीड़ एकत्रित करने से नही होता बल्कि धर्म का पालन करने से होता है। इसके लिए हमने तय किया है कि आगामी 7 से 10 वर्ष के भीतर हमें 10 हजार वैदिक गुरुकुल और 10 वैदिक विश्वविद्यालय स्थापित करने हैं। जिसके लिए हमें बहुत बड़ी धनराशि की आवश्यकता होगी। यह धनराशि हिंदू समाज के पास जाकर मांगी जाएगी। प्रत्येक हिन्दू का कर्तव्य है कि वो वैदिक शिक्षा के लिए अपनी क्षमता अनुसार अधिक से अधिक सहयोग करे। यदि हिंदू समाज धार्मिक शिक्षा पर धन खर्च न करके धर्म के नाम पर अन्य किसी ऐसे कार्य में धन खर्च करता है जो शिक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण नही है तो वो धर्म के नाम पर मात्र पाखण्ड ही करता है।

*आपको बताना चाहते हैं कि हमारे संस्थान के द्वारा इस वर्ष कम से कम 10 हजार लोगों को वैदिक शिक्षा की इस क्रान्ति से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त आप यदि चाहें तो संस्थान की सशुल्क सदस्यता भी ले सकते हैं और सदस्य बनकर वैदिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निरंतर सहयोग कर सकते हैं।* सदस्यता से प्राप्त राशि गुरुकुल पुस्तकालय एवं धर्मप्रशिक्षण भवन निर्माण और संचालन में लगा दी जायेगी।

*ध्यान रहे यदि आपको अपने बच्चों को सुरक्षित सुसंस्कृत और धार्मिक बनाएं रखना है तो उन्हें अपने धर्म, संस्कृति, परंपरा और शास्त्रों की शिक्षा देनी ही होगी अन्यथा वो दिन दूर नही जब कुछ पीढ़ी बाद वो घोषित रूप से पूर्णतः ईसाई बन जायेंगे।* अभी भी वक्त है साथ आइए जुड़िए और लोगों को जोड़िए फिर मत कहना कि धर्म के लिए कोई कार्य नहीं करता क्योंकि कार्य करने वाले का साथ आप नही दे सकते तो आपको कहने का भी अधिकार नही है।

*शीघ्र ही हमारे संस्थान द्वारा प्रत्येक सनातनी हिंदू को मुख्य रूप से मानव धर्म, वर्णधर्म (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र), आश्रमधर्म ( ब्रह्मचर्य, गृहस्थ और सन्यास), स्त्रीधर्म, पुरुषधर्म, संबंधों ( पति, पत्नी, माता, पिता, पुत्र, पुत्री आदि), गुरु और शिष्य के धर्म तथा राजधर्म एवं नागरिक के धर्म का शिक्षण एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा।*

इसके अतिरिक्त मानव को उसके जीवन में जो भी कुछ करना आवश्यक है उन सबकी शास्त्रीय विधि बताई जाएगी। जैसे दिनचर्या, मासकृत्य, वर्षकृत्य एवं जीवनचर्या आदि।

*हमारे संस्थान का उद्देश्य, लक्ष्य और योजना को अधिक जानने के लिए अथवा संस्थान का सदस्य बनने अथवा अन्य किसी भी जानकारी के लिए हमें +91 8439945762 पर व्हाट्सएप संदेश भेजें।*

*आप संस्थान के आधिकारिक सूचना एवं प्रसारण समूह में जुड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें*
https://chat.whatsapp.com/JuFANTDfsBrCdevpNqVed4

सचिव
जगद्गुरु शंकराचार्य अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान
वृंदावन मथुरा
8439945762( व्हाट्सएप करें)
Forwarded from Jsaps Official
*इस समूह के सभी हिंदू ध्यान दें आप इस संदेश को एकबार ठीक से पढ़कर अपने परिचित सभी लोगों को शेयर कर दें इसके अलावा आपका कोई विचार हो तो नीचे दिए नंबर पर हमे बताए।*

*हजारों वर्षों की परम्परा से शिक्षित वैदिक आचार्यों के द्वारा 500 वैदिक छात्रों को पूर्णतः समस्त वैदिक शास्त्रों में शिक्षित प्रशिक्षित कर देने के लिए वृंदावन मथुरा में गुरुकुल, छात्रावास, पुस्तकालय एवं प्रशिक्षण भवन आदि का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।*

*यहां हिंदूधर्म के सभी शास्त्रों का अध्ययन, अध्यापन, भी चल रहा है। आगे प्रकल्प पूर्ण होने पर शोध अनुसंधान एवं प्रशिक्षण कार्य भी होगा।* इस महत्वपूर्ण धर्मकार्य में कोई समृद्ध धार्मिक हिंदू भाई सहयोग करना चाहता है तो शीघ्र संपर्क करें। *एक गुरुकुल के बाद भारत में हमलोग सैकड़ों हजारों गुरुकुलों का निर्माण करके भारत में पुनः वैदिक शिक्षा व्यवस्था स्थापित कर देंगे।*

*सम्पूर्ण गुरुकुल प्रोजेक्ट कई करोड़ का हैं। आप अपनी क्षमता अनुसार कुछ बड़ी धनराशि का सहयोग कर सकते हैं अथवा किसी परिचित समृद्ध उद्योगपति अथवा धन से सम्पन्न व्यक्ति से सहयोग भी करवा सकते हैं तो हमसे संपर्क करें।*

*कोई अगर थोड़ा सा भी सहयोग करना चाहता है तो कर सकता है हमलोग बूंद बूंद एकत्र करने में भी विश्वास रखते हैं। इसके लिए हमें व्हाट्सएप कर सकते हैं*

*संस्था को CSR फंड से भी सहयोग करवा सकते हैं और 80जी के तहत इनकम टैक्स छूट के लिए भी सहयोग कर सकते हैं।*

*ध्यान रहे आप कितना भी दान कर लीजिए पर यदि धर्म के शिक्षण केंद्रों को सहयोग नहीं करते तो आपके द्वारा अन्य स्थानों पर किया गया दान धर्मस्थापना की दृष्टि से कोई महत्व नहीं रखता।*

*जो कुछ नहीं कर सकते वो कम से कम इस संदेश को संपन्न लोगों तक भेजे। भगवान को जिससे सहयोग करवाना होगा उससे करवा ही देंगे। आप बस मेसेज सभी तक पहुंचा दें।*

*इस योजन को पूर्णतः जानने के लिए अथवा संस्था से संबंधित कोई भी जानकारी लेने के लिए संस्था को फोन या मेसेज करें।*
धन्यवाद
सचिव
जगद्गुरु शंकराचार्य सनातनधर्म संरक्षण न्यास
वृंदावन मथुरा
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