प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) का अध्यक्ष किसे नियुक्त किया गया?
Anonymous Quiz
32%
आर. प्रवीन कुमार
53%
एस. महेंद्र देव
12%
मनोज शर्मा
2%
नरेंद्र प्रताप सिंह
किस नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2025 में किया?
Anonymous Quiz
60%
चिनाब
26%
सतलज
11%
सिंधु
3%
झेलम
– प्रधानमंत्री नेरंद्र मोदी ने 6 जून 2025 को चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का उद्घाटन किया।
– केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में स्थित चिनाब ब्रिज पेरिस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है।
– चिनाब ब्रिज यूएसबीआरएल (उधमपुरा श्रीनगर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट ) परियोजना के तहत जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब ब्रिज की एक घाटी पर बनाया गया है।
चिनाब रेलवे पुल के बारे में
– यह स्टील आर्च पुल है। यह पुल भूकंपीय और वायु संबंधी परिस्थितियों को झेल सकता है। यह पुल स्टील और कंक्रीट से बना है।
– चिनाब आर्च ब्रिज रियासी जिले में बक्कल और कौड़ी के बीच बना है।
– यह ब्रिज, उधमपुरा श्रीनगर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट (यूएसबीआरएल) का एक हिस्सा है।
– ऊंचाई : नदी तल से 359 मीटर (लगभग 1178 फीट)
– लंबाई : 1315 मीटर (लगभग 4,314 फीट)
– लागत : 1486 करोड़
– अनुमानित उम्र : 120 साल
– भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर ने पुल की नींव की सुरक्षा के अध्ययन में मदद की।
किस प्रोजेक्ट के तहत निर्माण
– प्रोजेक्ट नाम : उधमपुरा श्रीनगर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट (यूएसबीआरएल)
– लागत : करीब 43,780 करोड़ रुपये
– कितनी लंबी : 272 किमी लंबी परियोजना
– सुरंग : 36 (119 KM तक)
– पुल : 943
– प्रोजेक्ट की देखरेख : कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन
– डिजाइन और निर्माण : एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, दक्षिण कोरिया स्थित अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग कंपनी और वीएसएल इंडिया के संयुक्त उद्यम द्वारा किया गया था।
कितने समय में ब्रिज का निर्माण
– मंजूरी : 2003 (तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी)
– कार्य शुरू : 2004
– ब्रिज का नींव या बेस बनाने का काम 2017 में पूरा हुआ।
– ब्रिज का मुख्य आर्च तैयार : 2021
– प्रोजेक्ट का 90% काम : जून 2022
– ट्रेक बिछाने का काम : फरवरी 2023
– संगलदान-रियासी ट्रेन का पहला ट्रायल : 16 जून 2024
– पुल का उद्घाटन : 6 जून 2025 को (PM नरेंद्र मोदी)
– इस स्थिरता को संभव बनाने वाले डिजाइन की संकल्पना का श्रेय भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में सिविल इंजीनियरिंग की प्रोफेसर जी. माधवी लता को जाता है; वे कहती हैं कि चुनौती यह सुनिश्चित करना था कि पुल की नींव बेहद मजबूत हो
जम्मू-कश्मीर
राजधानी: जम्मू (शीतकालीन), श्रीनगर (ग्रीष्मकालीन)
राज्यपाल: मनोज सिन्हा (लेफ्टिनेंट गवर्नर)
भाषा: कश्मीरी (कोशुर)
जनसंख्या: 12,267,013 (2011)
पड़ोसी राज्य: लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और पंजाब।
– केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में स्थित चिनाब ब्रिज पेरिस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है।
– चिनाब ब्रिज यूएसबीआरएल (उधमपुरा श्रीनगर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट ) परियोजना के तहत जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब ब्रिज की एक घाटी पर बनाया गया है।
चिनाब रेलवे पुल के बारे में
– यह स्टील आर्च पुल है। यह पुल भूकंपीय और वायु संबंधी परिस्थितियों को झेल सकता है। यह पुल स्टील और कंक्रीट से बना है।
– चिनाब आर्च ब्रिज रियासी जिले में बक्कल और कौड़ी के बीच बना है।
– यह ब्रिज, उधमपुरा श्रीनगर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट (यूएसबीआरएल) का एक हिस्सा है।
– ऊंचाई : नदी तल से 359 मीटर (लगभग 1178 फीट)
– लंबाई : 1315 मीटर (लगभग 4,314 फीट)
– लागत : 1486 करोड़
– अनुमानित उम्र : 120 साल
– भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर ने पुल की नींव की सुरक्षा के अध्ययन में मदद की।
किस प्रोजेक्ट के तहत निर्माण
– प्रोजेक्ट नाम : उधमपुरा श्रीनगर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट (यूएसबीआरएल)
– लागत : करीब 43,780 करोड़ रुपये
– कितनी लंबी : 272 किमी लंबी परियोजना
– सुरंग : 36 (119 KM तक)
– पुल : 943
– प्रोजेक्ट की देखरेख : कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन
– डिजाइन और निर्माण : एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, दक्षिण कोरिया स्थित अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग कंपनी और वीएसएल इंडिया के संयुक्त उद्यम द्वारा किया गया था।
कितने समय में ब्रिज का निर्माण
– मंजूरी : 2003 (तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी)
– कार्य शुरू : 2004
– ब्रिज का नींव या बेस बनाने का काम 2017 में पूरा हुआ।
– ब्रिज का मुख्य आर्च तैयार : 2021
– प्रोजेक्ट का 90% काम : जून 2022
– ट्रेक बिछाने का काम : फरवरी 2023
– संगलदान-रियासी ट्रेन का पहला ट्रायल : 16 जून 2024
– पुल का उद्घाटन : 6 जून 2025 को (PM नरेंद्र मोदी)
– इस स्थिरता को संभव बनाने वाले डिजाइन की संकल्पना का श्रेय भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में सिविल इंजीनियरिंग की प्रोफेसर जी. माधवी लता को जाता है; वे कहती हैं कि चुनौती यह सुनिश्चित करना था कि पुल की नींव बेहद मजबूत हो
जम्मू-कश्मीर
राजधानी: जम्मू (शीतकालीन), श्रीनगर (ग्रीष्मकालीन)
राज्यपाल: मनोज सिन्हा (लेफ्टिनेंट गवर्नर)
भाषा: कश्मीरी (कोशुर)
जनसंख्या: 12,267,013 (2011)
पड़ोसी राज्य: लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और पंजाब।
चिनाब पुल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किस नदी पर बने भारत के पहले केबल-स्टेड रेल ब्रिज का उद्घाटन किया?
Anonymous Quiz
49%
चिनाब नदी
34%
सतलज नदी
8%
सिंधु नदी
8%
अंजी नदी
– चिनाब नदी पर बने आर्च पुल के बाद यह दूसरा सबसे ऊंचा पुल है।
– और भारत का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज है।
– अक्टूबर 2016 में अंजी खड्ड पुल (केबल-स्टेड रेल ब्रिज) बनाने का निर्णय लिया गया।
अंजी खड्ड पुल (केबल-स्टेड रेल ब्रिज) के बारे में
– यह ब्रिज, उधमपुरा श्रीनगर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट (यूएसबीआरएल) का एक हिस्सा है।
– यह जम्मू – बारामुल्ला लाइन पर कटरा और रियासी स्टेशनों के बीच में है।
– द हिन्दू न्यूज पेपर के अनुसार इस ब्रिज को 82 मीटर से लेकर 295 मीटर तक की 96 केबलों पर सहारा दिया गया है।
– ब्रिज की ऊंचाई नदी तल से 331 मीटर (लगभग 1086 फीट) है।
– ब्रिज की कुल लंबाई 725 मीटर (लगभग 2380 फीट) है।
– ब्रिज की कुल डेक चौड़ाई 15 मीटर (लगभग 49 फीट) है।
– इसका निर्माण हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया।
– काम 2017 में शुरू हुआ और 2023 में पूरा हुआ।
– ट्रायल रन 2024 में किए गए और जून 2025 में इस पुल को यातायात के लिए ओपन कर दिया गया।
इस पुल का बनाना कितना चुनौतीपूर्ण
– यह ब्रिज अंजी की गहरी घाटियों को पार करता है।
– यह क्षेत्र हिमालय के युवा वलित पर्वतों में स्थित है।
– यहाँ की भूवैज्ञानिक संरचना (Geological structure) बहुत जटिल और नाजुक है।
– इसमें भ्रंश (Faults), वलय (Folds) और उभार (Uplifts) जैसे भू-आकृतिक तत्व पाए जाते हैं।
– इस क्षेत्र में भूकंप आने की संभावना ज्यादा होती है।
– और भारत का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज है।
– अक्टूबर 2016 में अंजी खड्ड पुल (केबल-स्टेड रेल ब्रिज) बनाने का निर्णय लिया गया।
अंजी खड्ड पुल (केबल-स्टेड रेल ब्रिज) के बारे में
– यह ब्रिज, उधमपुरा श्रीनगर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट (यूएसबीआरएल) का एक हिस्सा है।
– यह जम्मू – बारामुल्ला लाइन पर कटरा और रियासी स्टेशनों के बीच में है।
– द हिन्दू न्यूज पेपर के अनुसार इस ब्रिज को 82 मीटर से लेकर 295 मीटर तक की 96 केबलों पर सहारा दिया गया है।
– ब्रिज की ऊंचाई नदी तल से 331 मीटर (लगभग 1086 फीट) है।
– ब्रिज की कुल लंबाई 725 मीटर (लगभग 2380 फीट) है।
– ब्रिज की कुल डेक चौड़ाई 15 मीटर (लगभग 49 फीट) है।
– इसका निर्माण हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया।
– काम 2017 में शुरू हुआ और 2023 में पूरा हुआ।
– ट्रायल रन 2024 में किए गए और जून 2025 में इस पुल को यातायात के लिए ओपन कर दिया गया।
इस पुल का बनाना कितना चुनौतीपूर्ण
– यह ब्रिज अंजी की गहरी घाटियों को पार करता है।
– यह क्षेत्र हिमालय के युवा वलित पर्वतों में स्थित है।
– यहाँ की भूवैज्ञानिक संरचना (Geological structure) बहुत जटिल और नाजुक है।
– इसमें भ्रंश (Faults), वलय (Folds) और उभार (Uplifts) जैसे भू-आकृतिक तत्व पाए जाते हैं।
– इस क्षेत्र में भूकंप आने की संभावना ज्यादा होती है।
किस राज्य सरकार ने रामनाथपुरम जिले के धनुषकोडी में ग्रेटर फ्लेमिंगो पक्षी अभयारण्य को अधिसूचित किया?
Anonymous Quiz
6%
केरल
39%
आंध्र प्रदेश
51%
तमिलनाडु
5%
सिक्किम
– तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 5 जून 2025 को इस अभयारण्य का उद्घाटन वर्चुअली किया।
– यह नया अभयारण्य करीब 524.7 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
– यह रामेश्वरम तालुका में आता है और इसमें राजस्व (सरकारी) जमीन और जंगल की जमीन दोनों शामिल हैं।
– यह इलाका मन्नार बायोस्फीयर रिजर्व की खाड़ी का हिस्सा है, जो पारिस्थितिकी के लिहाज से बहुत अहम है।
– यहाँ 2023 से 2024 के बीच हुई एक पक्षी गणना में 128 तरह की प्रजातियों के 10,700 से ज्यादा पक्षी दर्ज किए गए थे।
तमिलनाडु
– राजधानी: चेन्नई
– मुख्यमंत्री: एम के स्टालिन
– राज्यपाल: आरएन रवि
– आबादी: 7.21 करोड़ (2011)
– भाषा: तमिल
– राज्य नृत्य: भरतनाट्यम
– पड़ोसी राज्य: आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक
– यह नया अभयारण्य करीब 524.7 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
– यह रामेश्वरम तालुका में आता है और इसमें राजस्व (सरकारी) जमीन और जंगल की जमीन दोनों शामिल हैं।
– यह इलाका मन्नार बायोस्फीयर रिजर्व की खाड़ी का हिस्सा है, जो पारिस्थितिकी के लिहाज से बहुत अहम है।
– यहाँ 2023 से 2024 के बीच हुई एक पक्षी गणना में 128 तरह की प्रजातियों के 10,700 से ज्यादा पक्षी दर्ज किए गए थे।
तमिलनाडु
– राजधानी: चेन्नई
– मुख्यमंत्री: एम के स्टालिन
– राज्यपाल: आरएन रवि
– आबादी: 7.21 करोड़ (2011)
– भाषा: तमिल
– राज्य नृत्य: भरतनाट्यम
– पड़ोसी राज्य: आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक
किस राज्य सरकार ने राज्य में कवाल टाइगर रिजर्व को महाराष्ट्र में ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व से जोड़ने वाले बाघ गलियारे क्षेत्र को ‘कुमराम भीम संरक्षण रिजर्व’ घोषित किया?
Anonymous Quiz
5%
केरल
34%
आंध्र प्रदेश
38%
तमिलनाडु
23%
तेलंगाना
– तेलंगाना सरकार ने मई 2025 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 36A के अनुसार कवाल टाइगर रिजर्व को ‘कुमराम भीम संरक्षण रिजर्व’ के रूप में अधिसूचित किया।
कुमराम भीम संरक्षण रिजर्व
– वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 36 (A) के अनुसार राज्य सरकार यह अधिकार है कि वह अपने पास मौजूद किसी भी जमीन को संरक्षित क्षेत्र (जैसे: राष्ट्रीय उद्यान या अभयारण्य) घोषित कर सकती है।
– विशेष रूप से वह क्षेत्र जो राष्ट्रीय उद्यानों या अभयारण्यों के पास हों और जो दो संरक्षित इलाकों को आपस में जोड़ते हों।
नोट : वर्तमान में देश में 58 टाइगर रिजर्व है।
कुमराम भीम संरक्षण रिजर्व
– कुमराम भीम कंजर्वेशन रिजर्व का प्रस्तावित क्षेत्र 1,492.88 वर्ग किलोमीटर है।
– यह कागजनगर और आसिफाबाद वन क्षेत्रों और 78 आरक्षित वन खंडों में फैला हुआ है।
– यह रिजर्व महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के वन्यजीव गलियारे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
– यह कवाल टीआर को ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर), कन्हारगांव, तिप्पेश्वर, चपराला और इंद्रावती टीआर से जोड़ता है।
– बाघों के अलावा, यह क्षेत्र तेंदुआ, जंगली कुत्ता, भालू, भेड़िया, लकड़बग्घा जैसे मांसाहारी और गौर, सांभर, नीलगाय, चीतल जैसे शाकाहारी जानवरों का प्राकृतिक घर है।
– यहां पक्षियों की 240 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।
कुमराम भीम संरक्षण रिजर्व
– वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 36 (A) के अनुसार राज्य सरकार यह अधिकार है कि वह अपने पास मौजूद किसी भी जमीन को संरक्षित क्षेत्र (जैसे: राष्ट्रीय उद्यान या अभयारण्य) घोषित कर सकती है।
– विशेष रूप से वह क्षेत्र जो राष्ट्रीय उद्यानों या अभयारण्यों के पास हों और जो दो संरक्षित इलाकों को आपस में जोड़ते हों।
नोट : वर्तमान में देश में 58 टाइगर रिजर्व है।
कुमराम भीम संरक्षण रिजर्व
– कुमराम भीम कंजर्वेशन रिजर्व का प्रस्तावित क्षेत्र 1,492.88 वर्ग किलोमीटर है।
– यह कागजनगर और आसिफाबाद वन क्षेत्रों और 78 आरक्षित वन खंडों में फैला हुआ है।
– यह रिजर्व महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के वन्यजीव गलियारे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
– यह कवाल टीआर को ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर), कन्हारगांव, तिप्पेश्वर, चपराला और इंद्रावती टीआर से जोड़ता है।
– बाघों के अलावा, यह क्षेत्र तेंदुआ, जंगली कुत्ता, भालू, भेड़िया, लकड़बग्घा जैसे मांसाहारी और गौर, सांभर, नीलगाय, चीतल जैसे शाकाहारी जानवरों का प्राकृतिक घर है।
– यहां पक्षियों की 240 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।
निम्न में से किस संगठन के सदस्य देशों ने दुनिया की पहली वैश्विक महामारी संधि को अपनाया?
Anonymous Quiz
49%
WHO
40%
WTO
9%
IMF
2%
IMO
– 20 मई 2025 को जिनेवा में आयोजित विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की बैठक में पहली वैश्विक महामारी संधि को अपनाया।
– इस महत्वपूर्ण समझौते को WHO संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अपनाया गया।
– इस संधि को संयुक्त राज्य अमेरिकी की भागीदारी के बिना अपनाया गया।
– इसका मकसद देशों, WHO जैसे इंटरनेशनल संगठनों, नागरिक समाज, प्राइवेट क्षेत्र और अन्य हितधारकों के मध्य सहयोग को बढ़ावा देना है, जिससे महामारी को रोकने में मदद मिलेगी।
– इस संधि के पक्ष में 124 देशों ने वोट किया, 11 देशों ने मतदान नही किया।
दूसरी बाध्यकारी संधि
– WHO के 75 साल के इतिहास में यह संधि दूसरी कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि है।
– कानूनी रूप से पहली बाध्यकारी संधि 2003 में तंबाकू नियंत्रण संधि थी।
महामारी संधि की जरूरत क्यों थी?
– WHO की वैश्विक महामारी संधि पर बातचीत दिसंबर 2021 में शुरू हुई, जब ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण कोविड-19 वायरस तेजी से फैल रहा था।
– अमीर देशों ने वैक्सीन की लाखों खुराकें अपने पास जमा कर लीं, जिससे गरीब देशों को टीका नहीं मिल पाया।
– नेचर जर्नल के अनुसार, अगर टीके बराबरी से बाँटे गए होते, तो 10 लाख से अधिक लोगों की जानें बच सकती थीं। कोविड-19 से अब तक 70 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
– वर्ष 2021 की एक रिपोर्ट ने वैश्विक असमानता, रणनीतिक चूक और सहयोग की कमी को महामारी के बड़े संकट में बदलने की वजह बताया।
– इन्हीं कारणों से WHO के सदस्य देशों ने मिलकर एक संधि पर काम शुरू किया, जिसे बनाने में साढ़े तीन साल और 13 दौर की बैठकें लगीं।
WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन)
– स्थापना : अप्रैल 7, 1948
– मुख्यालय : जिनेवा, स्विट्जरलैंड
– महानिदेशक : टेड्रोस एडहानॉम (इथियोपिया)
– इस महत्वपूर्ण समझौते को WHO संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अपनाया गया।
– इस संधि को संयुक्त राज्य अमेरिकी की भागीदारी के बिना अपनाया गया।
– इसका मकसद देशों, WHO जैसे इंटरनेशनल संगठनों, नागरिक समाज, प्राइवेट क्षेत्र और अन्य हितधारकों के मध्य सहयोग को बढ़ावा देना है, जिससे महामारी को रोकने में मदद मिलेगी।
– इस संधि के पक्ष में 124 देशों ने वोट किया, 11 देशों ने मतदान नही किया।
दूसरी बाध्यकारी संधि
– WHO के 75 साल के इतिहास में यह संधि दूसरी कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि है।
– कानूनी रूप से पहली बाध्यकारी संधि 2003 में तंबाकू नियंत्रण संधि थी।
महामारी संधि की जरूरत क्यों थी?
– WHO की वैश्विक महामारी संधि पर बातचीत दिसंबर 2021 में शुरू हुई, जब ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण कोविड-19 वायरस तेजी से फैल रहा था।
– अमीर देशों ने वैक्सीन की लाखों खुराकें अपने पास जमा कर लीं, जिससे गरीब देशों को टीका नहीं मिल पाया।
– नेचर जर्नल के अनुसार, अगर टीके बराबरी से बाँटे गए होते, तो 10 लाख से अधिक लोगों की जानें बच सकती थीं। कोविड-19 से अब तक 70 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
– वर्ष 2021 की एक रिपोर्ट ने वैश्विक असमानता, रणनीतिक चूक और सहयोग की कमी को महामारी के बड़े संकट में बदलने की वजह बताया।
– इन्हीं कारणों से WHO के सदस्य देशों ने मिलकर एक संधि पर काम शुरू किया, जिसे बनाने में साढ़े तीन साल और 13 दौर की बैठकें लगीं।
WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन)
– स्थापना : अप्रैल 7, 1948
– मुख्यालय : जिनेवा, स्विट्जरलैंड
– महानिदेशक : टेड्रोस एडहानॉम (इथियोपिया)
भारत के किस पड़ोसी देश ने अपने पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान के नाम और फोटो को करेंसी नोटों से हटा दिया?
Anonymous Quiz
5%
पाकिस्तान
69%
बांग्लादेश
24%
अफगानिस्तान
2%
मालदीव
– बांग्लादेश ने पांच दशक से भी अधिक समय से करेंसी नोटों पर लगी शेख मुजीबुर रहमान की फोटो को नए नोटों में से हटा दिया।
– यह जानकार 1 जून 2025 को मिली जब बांग्लादेश सरकार ने नए नोट जारी किए।
– अब नए नोटों पर हिंदू और बौद्ध मंदिरों की फोटो छापी गई हैं।
– बता दें कि पुराने नोट और सिक्के भी चलन में रहेंगे।
– यह जानकार 1 जून 2025 को मिली जब बांग्लादेश सरकार ने नए नोट जारी किए।
– अब नए नोटों पर हिंदू और बौद्ध मंदिरों की फोटो छापी गई हैं।
– बता दें कि पुराने नोट और सिक्के भी चलन में रहेंगे।
बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति का नाम बताएं, जिनकी ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि का हटाई?
Anonymous Quiz
5%
अबू सइद चौधरी
78%
शेख मुजीबुर रहमान
14%
इयाजुद्दीन अहमद
4%
मोहम्मद अब्दुल हामिद
– बांग्लादेश सरकार ने 3 जून 2025 को पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की ‘राष्ट्रपिता’ उपाधि हटा दी। वे पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता थे।
– सरकार ने एक अध्यादश जारी करके कानून से ‘राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान’ शब्द को हटा दिया है।
– साथ ही 1971 के स्वतंत्रता सेनानी और संग्राम की परिभाषा को भी बदल दिया है।
– इसके अलावा सरकार ने 1 जून को नई करेंसी नोटों से शेख मुजीबुर रहमान की फोटो को भी हटा दिया था।
– इसके बदले में नए नोटों पर हिंदू और बौद्ध मंदिरों की फोटो छापी गई हैं। सबाल होता है, कि पुराने नोटों और सिक्कों का क्या होगा, तो बता दें कि पुराने नोट और सिक्के भी चलन में रहेंगे।
शेख मुजीबुर रहमान से जुड़ी कई पहचानों पर हमला
– अगस्त 2024 में बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से लगातार शेख मुजीबुर से जुड़ी पहचान को खत्म किया गया।
– बांग्लादेश की राजधानी ढाका में उनकी प्रतिमा को तोड़ दिया और कई स्थानों पर उनकी नेमप्लेट को भी हटा दिया गया।
– अब नोटों से उनके नाम और फोटो को हटा दिया गया।
– इसके अलावा उनकी ‘राष्ट्रपिता’ उपाधि भी हटा दी गई है।
– स्वतंत्रता संग्राम की परिभाषा में चेज करके इसे एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक राष्ट्र की स्थापना के लिए सशस्त्र संघर्ष के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें शेख मुजीबुर का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
– सरकार ने एक अध्यादश जारी करके कानून से ‘राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान’ शब्द को हटा दिया है।
– साथ ही 1971 के स्वतंत्रता सेनानी और संग्राम की परिभाषा को भी बदल दिया है।
– इसके अलावा सरकार ने 1 जून को नई करेंसी नोटों से शेख मुजीबुर रहमान की फोटो को भी हटा दिया था।
– इसके बदले में नए नोटों पर हिंदू और बौद्ध मंदिरों की फोटो छापी गई हैं। सबाल होता है, कि पुराने नोटों और सिक्कों का क्या होगा, तो बता दें कि पुराने नोट और सिक्के भी चलन में रहेंगे।
शेख मुजीबुर रहमान से जुड़ी कई पहचानों पर हमला
– अगस्त 2024 में बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से लगातार शेख मुजीबुर से जुड़ी पहचान को खत्म किया गया।
– बांग्लादेश की राजधानी ढाका में उनकी प्रतिमा को तोड़ दिया और कई स्थानों पर उनकी नेमप्लेट को भी हटा दिया गया।
– अब नोटों से उनके नाम और फोटो को हटा दिया गया।
– इसके अलावा उनकी ‘राष्ट्रपिता’ उपाधि भी हटा दी गई है।
– स्वतंत्रता संग्राम की परिभाषा में चेज करके इसे एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक राष्ट्र की स्थापना के लिए सशस्त्र संघर्ष के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें शेख मुजीबुर का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
उलानबटार ओपन 2025 कुश्ती में भारत 21 मेडल के साथ कौन सा स्थान हासिल किया?
Anonymous Quiz
21%
पहला
47%
दूसरा
32%
तीसरा
0%
चौथा
– उलानबटार ओपन 2025 कुश्ती का आयोजन 29 मई से 1 जून 2025 तक मंगोलिया में हुआ।
– भारत ने 6 गोल्ड, 7 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज मेडल सहित कुल 21 मेडल जीते।
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उलानबटोर ओपन 2025 में तीसरी रैंकिंग सीरीज में अपने अभूतपूर्व प्रदर्शन के लिए पहलवानों को बधाई दी
– कुछ न्यूजों के अनुसार मंगोलिया ने 29 मेडल जीतकर शीर्ष स्थान हासिल किया।
मंगोलिया
– मंगोलिया पूर्वी एशिया में एक स्थल-रुद्ध देश है।
– राष्ट्रपति : उखनागीन खुरेलसुख
– राजधानी : उलानबाटार
– जनसंख्या : 3.5 मिलियन (करीब 35 लाख)
– भाषा : मंगोलियन
– मुद्रा : टोग्रॉग
– भारत ने 6 गोल्ड, 7 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज मेडल सहित कुल 21 मेडल जीते।
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उलानबटोर ओपन 2025 में तीसरी रैंकिंग सीरीज में अपने अभूतपूर्व प्रदर्शन के लिए पहलवानों को बधाई दी
– कुछ न्यूजों के अनुसार मंगोलिया ने 29 मेडल जीतकर शीर्ष स्थान हासिल किया।
मंगोलिया
– मंगोलिया पूर्वी एशिया में एक स्थल-रुद्ध देश है।
– राष्ट्रपति : उखनागीन खुरेलसुख
– राजधानी : उलानबाटार
– जनसंख्या : 3.5 मिलियन (करीब 35 लाख)
– भाषा : मंगोलियन
– मुद्रा : टोग्रॉग
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) 2025 में भारत किस स्थान पर रहा?
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13%
छह
41%
सात
23%
आठ
24%
दस
– भारत इस बार दो पायदान नीचे खिसककर 10वें स्थान पर आ गया है।
– भारत GHG उत्सर्जन और ऊर्जा उपयोग श्रेणियों में उच्च स्थान पर है, जलवायु नीति में मध्यम स्थान पर है, तथा नवीकरणीय ऊर्जा में निम्न स्थान पर है।
किसने रिपोर्ट जारी की
– जर्मनवाच, न्यू क्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क ने इस रिपोर्ट को जून 2025 में जारी किया।
क्या है यह सूचकांक
– जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) एक तरीका है जो देशों के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन को मापता है।
– प्रदूषण फैलने को रोकने के लिए उठाए गए कदम और उसके नतीजे पर यह सूचकांक तैयार होता है।
जलवायु संरक्षण प्रदर्शन का मूल्यांकन
– जलवायु संरक्षण प्रदर्शन का मूल्यांकन चार श्रेणियों में किया जाता है:
1- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (कुल स्कोर का 40%)
2- नवीकरणीय ऊर्जा (20%)
3- ऊर्जा उपयोग (20%)
4- जलवायु नीति (20%)
भारत उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर
– भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देशों में से एक है, यहां प्रति व्यक्ति उत्सर्जन अपेक्षाकृत कम है।
– द इंडियन एक्प्रेस के अनुसार भारत दो डिग्री सेल्सियस से नीचे के बेंचमार्क के लिए बेहतर कार्य कर रहा है। वह 2030 तक अपने उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर है।
– हालाँकि यह नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी में थोड़ा पॉजिटिव ट्रेंड दिखाता है, लेकिन यह ट्रेंड बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रही है।
रैंकिंग का आधार
– किस देश ने वर्ष 2030 तक अपने उत्सर्जन को कम करने के लिए कितना अच्छा काम किया है।
– किस देश ने खतरनाक जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए क्या कदम उठाए।
– किस देश ने तापमान परिवर्तन को रोकने में क्या योगदान दिया है।
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) 2025
– इस रिपोर्ट में पहले तीन स्थान खाली रखे गये है।
– क्योंकि किसी भी देश ने सूचकांक की सभी श्रेणियों में इतना बेहतर प्रदर्शन नहीं किया, कि उन्हें पहले तीन स्थान पर जगह दी जाए।
रैंकिंग में टॉप देश
1 से 3 : कोई नहीं
4. डेनमार्क
5. नीदरलैंड
6. यूनाइटेड किंगडम
7. फिलीपींस
8. मॉरक्को
9. नॉर्वे
10. स्वीडन, भारत
कुछ महत्वपूर्ण देश की रैंक
20. मिस्र (Egypt)
31. पाकिस्तान
37. फिनलैंड
55. चीन
57. अमेरिका
58. जापान
65. यूएई
66. सऊदी अरब
67. ईरान
– भारत GHG उत्सर्जन और ऊर्जा उपयोग श्रेणियों में उच्च स्थान पर है, जलवायु नीति में मध्यम स्थान पर है, तथा नवीकरणीय ऊर्जा में निम्न स्थान पर है।
किसने रिपोर्ट जारी की
– जर्मनवाच, न्यू क्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क ने इस रिपोर्ट को जून 2025 में जारी किया।
क्या है यह सूचकांक
– जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) एक तरीका है जो देशों के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन को मापता है।
– प्रदूषण फैलने को रोकने के लिए उठाए गए कदम और उसके नतीजे पर यह सूचकांक तैयार होता है।
जलवायु संरक्षण प्रदर्शन का मूल्यांकन
– जलवायु संरक्षण प्रदर्शन का मूल्यांकन चार श्रेणियों में किया जाता है:
1- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (कुल स्कोर का 40%)
2- नवीकरणीय ऊर्जा (20%)
3- ऊर्जा उपयोग (20%)
4- जलवायु नीति (20%)
भारत उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर
– भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देशों में से एक है, यहां प्रति व्यक्ति उत्सर्जन अपेक्षाकृत कम है।
– द इंडियन एक्प्रेस के अनुसार भारत दो डिग्री सेल्सियस से नीचे के बेंचमार्क के लिए बेहतर कार्य कर रहा है। वह 2030 तक अपने उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर है।
– हालाँकि यह नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी में थोड़ा पॉजिटिव ट्रेंड दिखाता है, लेकिन यह ट्रेंड बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रही है।
रैंकिंग का आधार
– किस देश ने वर्ष 2030 तक अपने उत्सर्जन को कम करने के लिए कितना अच्छा काम किया है।
– किस देश ने खतरनाक जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए क्या कदम उठाए।
– किस देश ने तापमान परिवर्तन को रोकने में क्या योगदान दिया है।
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) 2025
– इस रिपोर्ट में पहले तीन स्थान खाली रखे गये है।
– क्योंकि किसी भी देश ने सूचकांक की सभी श्रेणियों में इतना बेहतर प्रदर्शन नहीं किया, कि उन्हें पहले तीन स्थान पर जगह दी जाए।
रैंकिंग में टॉप देश
1 से 3 : कोई नहीं
4. डेनमार्क
5. नीदरलैंड
6. यूनाइटेड किंगडम
7. फिलीपींस
8. मॉरक्को
9. नॉर्वे
10. स्वीडन, भारत
कुछ महत्वपूर्ण देश की रैंक
20. मिस्र (Egypt)
31. पाकिस्तान
37. फिनलैंड
55. चीन
57. अमेरिका
58. जापान
65. यूएई
66. सऊदी अरब
67. ईरान