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मुझे लगा  तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया  में झूठी आस में हु।  तुम भले ही बदल जाओ मगर  इतना याद रखना  कही पछतावा ना बन जाये हमसे  बेरुखी इतनी।  तेरी बेरुखी ही सही सुकून  ए दिल को नसीब  हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेंगा  चाहे वो फासला ही सही।  इस दिल की तड़प को काश वो समझते  तो यु हमें रुसवा न किया होता  उनकी ये बेरुखी भी मंजूर थी हमें  बस एक बार हमें समझ लिया होता।