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रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा “आमार सोनार बांग्ला” अमर सोनार बांग्ला, अमी तोमय भालोबाशी, चिरोदिन तोमर आकाश, तोमर बतास, अमर प्राण बाजय बशी।