छात्र क्या करें ?
1) मै एक छात्र होने के नाते अपनी वेदना किससे कहूँ... कौन सुनेगा मेरी ?
2) मेरा दोष यह है कि मैं अपने बेहतर भविष्य की तलाश में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाला एक आंकडा मात्र हूँ ?
3) जब तक मेरे पास कोई नौकरी नही होती मुझे हेय दृष्टि से देखा जाता है, क्यों ?
4) अपने उम्र के सुनहरे दिनों में मैनें जो रातें किताबों के साथ रखकर काली की हैं उनका सवेरा दिखाई नही देता, आख़िर क्यों ?
केवल यह वर्ष 2023 ही मुझ पर भारी नही गया बल्कि विगत कई वर्षों से अमानक,त्रुटिपूर्ण,अप्रसंगिक,स्तरहीन प्रश्नों ने मेरी मेहनत पर पानी फेर दिया है, मैं इसका दोषी किस को ठहरा सकता हूँ ? यह प्रश्न मैं स्वयं से पूछ रहा हूँ लेकिन जवाब नही मिलता l जवाब कोई देना भी नही चाहता, दोष तंत्र का है,व्यवस्था का है या किसी और का, मै नही जानता लेकिन जवाब देने कोई नही आता l
कुछ प्रयास हुए, न्यायालय की शरण भी गये लेकिन अभी तक कुछ संतोष जनक परिणाम सामने नही आ पाये हैं,विगत वर्ष तंत्र ने त्रुटि सुधार के बाद संशोधित मॉडल उत्तर भी प्रकाशित करने से मना कर दिया है l 'नक्कारखाने में तूति की आवाज़' कौन सुनता है?
आप मेरी वेदना का परिहास कर सकते हैं, मेरी मेहनत पर प्रश्न उठा सकते हैं, मेरी योग्यता को कम आंक सकते हैं लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं उठूंगा और तब तक नही रूकूँगा जब तक मुझे मेरा लक्ष्य प्राप्त नही हो जाता l
मैं यहाँ किसी से लड़ने या किसी को गलत साबित करने नही आया हूँ, मेरा काम अपने बेहतर भविष्य की तलाश में मेहनत कर एक अधिकारी के रूप में अपनी छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करना है l मुझ पर सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक, व्यक्तिगत , मानसिक दबाव होता है l जवाबदेह तंत्र, व्यवस्था, संगठन, समूह, समाज से मेरा करबद्ध निवेदन है कि मेरी व्यथा को समझे और मुझे मेरा जवाब ढूँढने में मदद करें l
निवेदित
प्रतियोगी परीक्षा का परीक्षार्थी
🙏🙏🙏🙏🙏
1) मै एक छात्र होने के नाते अपनी वेदना किससे कहूँ... कौन सुनेगा मेरी ?
2) मेरा दोष यह है कि मैं अपने बेहतर भविष्य की तलाश में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाला एक आंकडा मात्र हूँ ?
3) जब तक मेरे पास कोई नौकरी नही होती मुझे हेय दृष्टि से देखा जाता है, क्यों ?
4) अपने उम्र के सुनहरे दिनों में मैनें जो रातें किताबों के साथ रखकर काली की हैं उनका सवेरा दिखाई नही देता, आख़िर क्यों ?
केवल यह वर्ष 2023 ही मुझ पर भारी नही गया बल्कि विगत कई वर्षों से अमानक,त्रुटिपूर्ण,अप्रसंगिक,स्तरहीन प्रश्नों ने मेरी मेहनत पर पानी फेर दिया है, मैं इसका दोषी किस को ठहरा सकता हूँ ? यह प्रश्न मैं स्वयं से पूछ रहा हूँ लेकिन जवाब नही मिलता l जवाब कोई देना भी नही चाहता, दोष तंत्र का है,व्यवस्था का है या किसी और का, मै नही जानता लेकिन जवाब देने कोई नही आता l
कुछ प्रयास हुए, न्यायालय की शरण भी गये लेकिन अभी तक कुछ संतोष जनक परिणाम सामने नही आ पाये हैं,विगत वर्ष तंत्र ने त्रुटि सुधार के बाद संशोधित मॉडल उत्तर भी प्रकाशित करने से मना कर दिया है l 'नक्कारखाने में तूति की आवाज़' कौन सुनता है?
आप मेरी वेदना का परिहास कर सकते हैं, मेरी मेहनत पर प्रश्न उठा सकते हैं, मेरी योग्यता को कम आंक सकते हैं लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं उठूंगा और तब तक नही रूकूँगा जब तक मुझे मेरा लक्ष्य प्राप्त नही हो जाता l
मैं यहाँ किसी से लड़ने या किसी को गलत साबित करने नही आया हूँ, मेरा काम अपने बेहतर भविष्य की तलाश में मेहनत कर एक अधिकारी के रूप में अपनी छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करना है l मुझ पर सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक, व्यक्तिगत , मानसिक दबाव होता है l जवाबदेह तंत्र, व्यवस्था, संगठन, समूह, समाज से मेरा करबद्ध निवेदन है कि मेरी व्यथा को समझे और मुझे मेरा जवाब ढूँढने में मदद करें l
निवेदित
प्रतियोगी परीक्षा का परीक्षार्थी
🙏🙏🙏🙏🙏
प्राथमिक_कृषि_साख_समिति_पैक्स.pdf
134.5 KB
प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स)
https://cgvyapam.cgstate.gov.in/slcm-web-2020/vyapam/login
CGSI PRE RESULT 👆👆👆
CGSI PRE RESULT 👆👆👆