रीट मुख्य परीक्षा के लिए चैनल पर GK महत्वपूर्ण क्वीज और पोस्ट प्रतिदिन भेजनी चाहिए -
Anonymous Poll
81%
हाँ ,सर हमे उपयोगी लगती है
8%
नहीं ,सर ,समय व्यर्थ में खराब होता है
5%
आप जानो आपका काम जाने सर
7%
केवल महत्वपूर्ण न्यूज दीजिए
✅✅राजस्थान में कुल 20 संरक्षित क्षेत्र Conservation Reserve
( 11 जनवरी 2023 तक)
✅19वां वाघदर्रा क्रोकोडाइल संरक्षित क्षेत्र (Conservation reserve), उदयपुर
✅अधिसूचना - 30 नवंबर 2022
✅20 वां - वाडाखेड़ा संरक्षित क्षेत्र (Conservation Reserve ), सिरोही
✅अधिसूचना - 27 दिसंबर 2022
स्त्रोत
( 11 जनवरी 2023 तक)
✅19वां वाघदर्रा क्रोकोडाइल संरक्षित क्षेत्र (Conservation reserve), उदयपुर
✅अधिसूचना - 30 नवंबर 2022
✅20 वां - वाडाखेड़ा संरक्षित क्षेत्र (Conservation Reserve ), सिरोही
✅अधिसूचना - 27 दिसंबर 2022
स्त्रोत
- वन
विभाग विभागीय वेबसाइट राजस्थान सरकार
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स्कूल व्याख्याता हिन्दी अभ्यर्थियों. की सूची किसी विद्वान साथी के द्वारा तैयार 👆👆
उम्मीद और विश्वास का छोटा सा बीज,
खुशियों के विशाल फलों से बेहतर और शक्तिशाली है ।
Good night🌻🌌
खुशियों के विशाल फलों से बेहतर और शक्तिशाली है ।
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'बातां री फुलवारी ' नामक ग्रन्थ के रचयिता कौन हैं ?
Anonymous Quiz
12%
विजय सिंह पथिक
2%
शिवचंद भरतिया
84%
विजयदान देथा (बिज्जी )
1%
माणिक्य लाल वर्मा
💯✔️विजयदान देथा 👇
👉विजयदान देथा का जन्म बोरुंदा ( जोधपुर ) में 1926 में हुआ ।
👉 देथा ' बिज्जी ' नाम से लोकप्रिय | राजस्थानी भाषा के साहित्यकार हैं ।
👉 उनकी राजस्थानी में 14 | खण्डों में प्रकाशित ' बाताँ री फुलवारी ' ( कहानियों का बगीचा ) के 10 वें खण्ड को केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला था ।
👉 इन्होंने राजस्थानी शोध पत्रिका ' परम्परा , लोकगीत , गोरा हट जा , राजस्थान के प्रचलित प्रेमाख्यान का विवेचन , जैठवै रा सोहठा ' और कोमल कोठारी के साथ संयुक्त रूप से ' वाणी ' और ' लोक संस्कृति ' का सम्पादन किया ।
👉 इन्हें 2002 में बिहारी पुरस्कार , 2011 में राव सीहा अवार्ड से एवं 2007 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है ।
👉 ' माँ रो बदलो , तीडौराव ' देथा के दो प्रमुख लोक उपन्यास हैं , जिनमें लोक कथाओं को आधार बनाकर समाज व्यवस्था पर तीखा व्यंग्य किया गया है ।
👉 ' तीडौराव ' प्रतीक है उन व्यक्तियों का , जो अयोग्य होते हुए भी अपनी तिकड़म और छल प्रपंच से जीवन में आगे बढ़ जाते हैं ।
👉 ' माँ रो बदलो ' उपन्यास सामन्ती व्यवस्था की विकृतियों पर कड़ा प्रहार है ।
👉 प्रिय मृणाल , रूंख , उलझन , चौधराइन की चतुराई , अनोखा पेड़ , सपनप्रिया , बापू के तीन हत्यारे , केंचुली , द डिलेमा , अलेखूँ हिटलर इनकी अन्य प्रसिद्ध रचनाएँ है ।
👉 उनकी कृतियों पर दुविधा ( 1973 ) , परिणति ( 1989 ) एवं चरणदास चोर ( 1975 ) , पहेली | ( 2005 ) आदि फिल्म बन चुकी हैं ।
👉इन्हें 2012 में प्रथम | राजस्थान रत्न ' से नवाजा गया है ।
👉बिज्जी कोमल कोठारी के । ' रूपायन संस्थान ' के सह संस्थापक थे ।
पोस्ट तैयारकर्ता
हरलालसिंह गोदारा व.अध्यापक
🙏🙏 शेयर 🙏🙏
👉विजयदान देथा का जन्म बोरुंदा ( जोधपुर ) में 1926 में हुआ ।
👉 देथा ' बिज्जी ' नाम से लोकप्रिय | राजस्थानी भाषा के साहित्यकार हैं ।
👉 उनकी राजस्थानी में 14 | खण्डों में प्रकाशित ' बाताँ री फुलवारी ' ( कहानियों का बगीचा ) के 10 वें खण्ड को केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला था ।
👉 इन्होंने राजस्थानी शोध पत्रिका ' परम्परा , लोकगीत , गोरा हट जा , राजस्थान के प्रचलित प्रेमाख्यान का विवेचन , जैठवै रा सोहठा ' और कोमल कोठारी के साथ संयुक्त रूप से ' वाणी ' और ' लोक संस्कृति ' का सम्पादन किया ।
👉 इन्हें 2002 में बिहारी पुरस्कार , 2011 में राव सीहा अवार्ड से एवं 2007 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है ।
👉 ' माँ रो बदलो , तीडौराव ' देथा के दो प्रमुख लोक उपन्यास हैं , जिनमें लोक कथाओं को आधार बनाकर समाज व्यवस्था पर तीखा व्यंग्य किया गया है ।
👉 ' तीडौराव ' प्रतीक है उन व्यक्तियों का , जो अयोग्य होते हुए भी अपनी तिकड़म और छल प्रपंच से जीवन में आगे बढ़ जाते हैं ।
👉 ' माँ रो बदलो ' उपन्यास सामन्ती व्यवस्था की विकृतियों पर कड़ा प्रहार है ।
👉 प्रिय मृणाल , रूंख , उलझन , चौधराइन की चतुराई , अनोखा पेड़ , सपनप्रिया , बापू के तीन हत्यारे , केंचुली , द डिलेमा , अलेखूँ हिटलर इनकी अन्य प्रसिद्ध रचनाएँ है ।
👉 उनकी कृतियों पर दुविधा ( 1973 ) , परिणति ( 1989 ) एवं चरणदास चोर ( 1975 ) , पहेली | ( 2005 ) आदि फिल्म बन चुकी हैं ।
👉इन्हें 2012 में प्रथम | राजस्थान रत्न ' से नवाजा गया है ।
👉बिज्जी कोमल कोठारी के । ' रूपायन संस्थान ' के सह संस्थापक थे ।
पोस्ट तैयारकर्ता
हरलालसिंह गोदारा व.अध्यापक
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✍️राजस्थान पर्यटन परिपथ 🌹
👉 - राजस्थान को 4 पर्यटन संभाग ( जोधपुर , उदयपुर , अजेमर , कोटा ) तथा 7 पुरातात्विक पर्यटन सर्किट ( जयपुर , जोधपुर , कोटा , उदयपुर , बीकानेर , अजमेर एवं भरतपुर ) तथा 10 पर्यटन सर्किटों में बाँटा गया है । डिपार्टमेंट ऑफ ट्यूरिज्म मिनिस्ट्री ऑफ इण्डिया ने राजस्थान को 9 पर्यटन सर्किटों में बांटा है -
👉 1. ब्रज मेवात सर्किट - अलवर , भरतपुर , सवाई माधोपुर , टोंक
👉2. ढूँढाड़ सर्किट - जयपुर , आमेर , सांभर , आभानेरी ( दौसा )
👉3. मेरवाड़ा - मारवाड़ सर्किट- नागौर , मेड़ता , पुष्कर , अजमेर
👉4. हाड़ौती सर्किट कोटा , बूँदी , झालावाड़ , बारां
👉5. शेखावाटी सर्किट- सीकर , झुंझुनूँ , चूरू
👉6. डेजर्ट सर्किट - बीकानेर , जैसलमेर , बाड़मेर , जोधपुर
👉7. मेवाड़ सर्किट- उदयपुर , भीलवाड़ा , नाथद्वारा , कुम्भलगढ़ ( राजसमंद ) , चित्तौड़गढ़ ।
👉8. गौडवाड़ सर्किट - पाली , सिरोही , जालौर , बाड़मेर
👉9. वागड़ सर्किट - डूंगरपुर , बाँसवाड़ा
तैयारकर्ता
आपका साथी
🙏🙏🙏🙏
👉 - राजस्थान को 4 पर्यटन संभाग ( जोधपुर , उदयपुर , अजेमर , कोटा ) तथा 7 पुरातात्विक पर्यटन सर्किट ( जयपुर , जोधपुर , कोटा , उदयपुर , बीकानेर , अजमेर एवं भरतपुर ) तथा 10 पर्यटन सर्किटों में बाँटा गया है । डिपार्टमेंट ऑफ ट्यूरिज्म मिनिस्ट्री ऑफ इण्डिया ने राजस्थान को 9 पर्यटन सर्किटों में बांटा है -
👉 1. ब्रज मेवात सर्किट - अलवर , भरतपुर , सवाई माधोपुर , टोंक
👉2. ढूँढाड़ सर्किट - जयपुर , आमेर , सांभर , आभानेरी ( दौसा )
👉3. मेरवाड़ा - मारवाड़ सर्किट- नागौर , मेड़ता , पुष्कर , अजमेर
👉4. हाड़ौती सर्किट कोटा , बूँदी , झालावाड़ , बारां
👉5. शेखावाटी सर्किट- सीकर , झुंझुनूँ , चूरू
👉6. डेजर्ट सर्किट - बीकानेर , जैसलमेर , बाड़मेर , जोधपुर
👉7. मेवाड़ सर्किट- उदयपुर , भीलवाड़ा , नाथद्वारा , कुम्भलगढ़ ( राजसमंद ) , चित्तौड़गढ़ ।
👉8. गौडवाड़ सर्किट - पाली , सिरोही , जालौर , बाड़मेर
👉9. वागड़ सर्किट - डूंगरपुर , बाँसवाड़ा
तैयारकर्ता
आपका साथी
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असफल कौन होता ?
इस प्रश्न का साधारण सा उत्तर है ।
आत्मविश्वास का जिसमें अभाव होता है वह प्राणी असफल कहलाता है ।
👉 हम ' जय हिन्द " माँ भारती की लाडली को बधाई हो ....इस प्रकार के ना जाने कितने अव्यक्त शब्दों को व्यक्त कर देते है ...व्यापार फल है तो फल का व्यापार क्या है ?....इस पर कभी भी नहीं सोचते है ...ये पोस्टें आपके हृदय में सदैव धधकती रहे वो आग पैदा करने के लिए शेयर की जाती है...वह आग निर्विवाद आपको अकल्पनीय सफलता की ओर दौड़ने के मजबूर करेंगी... किन्तु भैया समय किसके पास है...यह सोचें कि यह पुरूष प्रधान समाज में महिला होते हुए कितने संघर्षों के बाद इस मुकाम पर पहुंची है..हमे तो रोना है समय कम है...मैं कमजोर हूँ... मुझे अच्छी कोचिंग नहीं मिली... मेरे से पुस्तकों का चुनाव गलत हो गया... मेरे याद तो बहुत था किन्तु परीक्षा हॉल में ना जाने क्या हो जाता है....परीक्षा में फर्जीवाड़ा हो गया...
ना जाने टाल मटोल वाले हमारे पास कितने नुख्से है...
मैं क्या कहना चाहता हूँ शायद आप समझ गयें होगें... इसलिए आपको सफलता का चुम्बन नहीं करना है अपितु सफलता को आपके चुम्बन के लिए मजबूर कर दो...
आपका साथी
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इस प्रश्न का साधारण सा उत्तर है ।
आत्मविश्वास का जिसमें अभाव होता है वह प्राणी असफल कहलाता है ।
👉 हम ' जय हिन्द " माँ भारती की लाडली को बधाई हो ....इस प्रकार के ना जाने कितने अव्यक्त शब्दों को व्यक्त कर देते है ...व्यापार फल है तो फल का व्यापार क्या है ?....इस पर कभी भी नहीं सोचते है ...ये पोस्टें आपके हृदय में सदैव धधकती रहे वो आग पैदा करने के लिए शेयर की जाती है...वह आग निर्विवाद आपको अकल्पनीय सफलता की ओर दौड़ने के मजबूर करेंगी... किन्तु भैया समय किसके पास है...यह सोचें कि यह पुरूष प्रधान समाज में महिला होते हुए कितने संघर्षों के बाद इस मुकाम पर पहुंची है..हमे तो रोना है समय कम है...मैं कमजोर हूँ... मुझे अच्छी कोचिंग नहीं मिली... मेरे से पुस्तकों का चुनाव गलत हो गया... मेरे याद तो बहुत था किन्तु परीक्षा हॉल में ना जाने क्या हो जाता है....परीक्षा में फर्जीवाड़ा हो गया...
ना जाने टाल मटोल वाले हमारे पास कितने नुख्से है...
मैं क्या कहना चाहता हूँ शायद आप समझ गयें होगें... इसलिए आपको सफलता का चुम्बन नहीं करना है अपितु सफलता को आपके चुम्बन के लिए मजबूर कर दो...
आपका साथी
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