हितोपदेशः - HITOPADESHAH
सुहृदामुपकारकारणात्
द्विषतामप्यपकारकारणात् ।।
नृपसंश्रय इष्यते बुधैः
जठरं को न बिभर्ति केवलम् ।। 279/032
अर्थः:
होनहार व्यक्ति अपने मित्रों और परिवारवालों पर उपकार करने के लिए और अपने शत्रुओं को अपकार करने के कारण राजा का आश्रय लेता है। केवल अपना पेट कौन नहीं पालता..? अर्थात् सभी केवल खुद के पेट पालने के लिए काम करते हैं।
MEANING:
A wise person seeks the shelter of the king to benefit his friends and family and to harm his enemies. Who doesn’t feed their own stomach? Everyone works primarily to satisfy their own needs.
ॐ नमो भगवते हयास्याय।
©Sanju GN #Subhashitam
सुहृदामुपकारकारणात्
द्विषतामप्यपकारकारणात् ।।
नृपसंश्रय इष्यते बुधैः
जठरं को न बिभर्ति केवलम् ।। 279/032
अर्थः:
होनहार व्यक्ति अपने मित्रों और परिवारवालों पर उपकार करने के लिए और अपने शत्रुओं को अपकार करने के कारण राजा का आश्रय लेता है। केवल अपना पेट कौन नहीं पालता..? अर्थात् सभी केवल खुद के पेट पालने के लिए काम करते हैं।
MEANING:
A wise person seeks the shelter of the king to benefit his friends and family and to harm his enemies. Who doesn’t feed their own stomach? Everyone works primarily to satisfy their own needs.
ॐ नमो भगवते हयास्याय।
©Sanju GN #Subhashitam
हितोपदेशः - HITOPADESHAH
जीविते यस्य जीवन्ति
विप्रा मित्राणि बान्धवाः ।।
सफलं जीवितं तस्य
आत्मार्थे को नु जीवति ।। 280/033
अर्थः:
जिसके जीने से ब्राह्मण, मित्र तथा उसके बंधु रिश्तेदार जीवन बिताते हैं, उसका जीवन ही सफल है। स्वार्थ के लिए कौन नहीं जीता..? अर्थात् स्वयं के लिए सभी जीते हैं; दूसरों के लिए जीनेवाले का जीवन ही सफल जीवन है।
MEANING:
A person whose life supports Brahmins, friends, and relatives has a truly successful life. Everyone lives for their own benefit; however, a life dedicated to others is truly successful.
ॐ नमो भगवते हयास्याय।
©Sanju GN #Subhashitam
जीविते यस्य जीवन्ति
विप्रा मित्राणि बान्धवाः ।।
सफलं जीवितं तस्य
आत्मार्थे को नु जीवति ।। 280/033
अर्थः:
जिसके जीने से ब्राह्मण, मित्र तथा उसके बंधु रिश्तेदार जीवन बिताते हैं, उसका जीवन ही सफल है। स्वार्थ के लिए कौन नहीं जीता..? अर्थात् स्वयं के लिए सभी जीते हैं; दूसरों के लिए जीनेवाले का जीवन ही सफल जीवन है।
MEANING:
A person whose life supports Brahmins, friends, and relatives has a truly successful life. Everyone lives for their own benefit; however, a life dedicated to others is truly successful.
ॐ नमो भगवते हयास्याय।
©Sanju GN #Subhashitam
Forwarded from पुरुषोत्तमः॥ Purushothaman AJ (Bharatam).
हरिःॐ। बृहस्पतिवासर-सुप्रभातम्।
आकाशवाण्या अद्यतनप्रातःकालवार्ताः।
जयतु संस्कृतम्॥
आकाशवाण्या अद्यतनप्रातःकालवार्ताः।
जयतु संस्कृतम्॥
Forwarded from पुरुषोत्तमः॥ Purushothaman AJ (Bharatam).
writereaddata_Bulletins_Text_NSD_2021_Jan_NSD_Sanskrit_Sanskrit.pdf
48.5 KB
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Forwarded from 🌺 सूक्तिसिन्धु 🌺
oॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
सभी सुखी होवें,
सभी रोगमुक्त रहें,
सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।
ॐ शांति शांति शांति॥
May all sentient beings be at peace,
may no one suffer from illness,
May all see what is auspicious, may no one suffer.
Om peace, peace, peace.
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
सभी सुखी होवें,
सभी रोगमुक्त रहें,
सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।
ॐ शांति शांति शांति॥
May all sentient beings be at peace,
may no one suffer from illness,
May all see what is auspicious, may no one suffer.
Om peace, peace, peace.
✊ चाणक्य नीति ⚔️
✒️ सप्तम अध्याय
♦️श्लोक :- १९
शुनः पुच्छमिद व्यर्थ जीवितं विद्यया विना।
न गुह्यगोपने शक्तं न च दंशनिवारणे।।१९।।
♦️भावार्थ - विद्या के बिना इंसान का जीवन कुत्ते की पूँछ की तरह बेकार है, क्योंकि कुत्ते की पूँछ न तो गुप्त-इन्द्रियों को ढँकने के काम आती है और न ही मच्छर आदि को उडा़ने में सक्षम होती है।।
#chanakya
✒️ सप्तम अध्याय
♦️श्लोक :- १९
शुनः पुच्छमिद व्यर्थ जीवितं विद्यया विना।
न गुह्यगोपने शक्तं न च दंशनिवारणे।।१९।।
♦️भावार्थ - विद्या के बिना इंसान का जीवन कुत्ते की पूँछ की तरह बेकार है, क्योंकि कुत्ते की पूँछ न तो गुप्त-इन्द्रियों को ढँकने के काम आती है और न ही मच्छर आदि को उडा़ने में सक्षम होती है।।
#chanakya
✊ चाणक्य नीति ⚔️
✒️ सप्तम अध्याय
♦️श्लोक :- २०
वाचां शौचं च मनसः शौचमि
सर्वभूतदयाशौचमेतच्छौचं परार्थिनाम् ॥
♦️भावार्थ - यदि आप दिव्यता चाहते है तो आपके वाचा, मन और इन्द्रियों में शुद्धता होनी चाहिए. उसी प्रकार आपके ह्रदय में करुणा होनी चाहिए.
#chanakya
✒️ सप्तम अध्याय
♦️श्लोक :- २०
वाचां शौचं च मनसः शौचमि
सर्वभूतदयाशौचमेतच्छौचं परार्थिनाम् ॥
♦️भावार्थ - यदि आप दिव्यता चाहते है तो आपके वाचा, मन और इन्द्रियों में शुद्धता होनी चाहिए. उसी प्रकार आपके ह्रदय में करुणा होनी चाहिए.
#chanakya
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द - ५१२२
🌥️ 🚩विक्रम संवत - २०७७
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी शाम 03:50 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 21 जनवरी 2021
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ विक्रम संवत - 2077
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अश्विनी शाम 03:37 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - साध्य रात्रि 08:25 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहुकाल - दोपहर 02:13 से शाम 03:36 तक
⛅ सूर्योदय - 07:19
⛅ सूर्यास्त - 18:20
⛅ दिशाशूल - दक्षिण दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण -
💥 विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
💥 अष्टमी तिथि के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🌷 Diabetes( मधुमेह) नियंत्रित करने के लिए 🌷
👉🏻 Diabetes नियंत्रित करने के लिए सुबह १/२ किलो कच्चा करेला टुकड़े - टुकड़े करके तसले में डाल दें और अपने पैरों से १/२ से ३/४ घंटे तक तक कुचलें जब तक जीभ में कड़वाहट का अहसास ना हो l ७-१० दिन तक ये प्रयोग करें। इससे Diabetes नियंत्रित होती है।
👉🏻 हो सके तो इन दिनों में मेथी की सब्जी खाए या मेथी के दाने रात को भिगा दे और सुबह खाए | इससे लाभ होगा।
🌷 होंठ फटने पर 🌷
➡ नाभि में सरसों के तेल की २-४ बूंदे डालें तथा जरा से मक्खन में नमक मिलाकर होंठों पर लगायें इससे लाभ होता है।
🌷 राग और ताल की महिमा 🌷
👉🏻 राग और ताल सुनने से बहुत सी बीमारियाँ दूर होती हैं
🎼 राग मारवा और राग भोपाली से आंतों की बीमारियाँ दूर होती हैं l
🎼 राग आसारी से मस्तक के रोग दूर होते हैं l
🎼 राग भैरवी से सिरदर्द ठीक होने लगता है।
🎼 राग सोहनी से सिरदर्द और मरुरज्जू (रीड़ की हड्डी में जो मनके घिस गए, वो ठीक होने लगते हैं।)
🎼 राग वसंत और राग सोरट से नपुंसकता दूर हो जाती है।
🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द - ५१२२
🌥️ 🚩विक्रम संवत - २०७७
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी शाम 03:50 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 21 जनवरी 2021
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ विक्रम संवत - 2077
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अश्विनी शाम 03:37 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - साध्य रात्रि 08:25 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहुकाल - दोपहर 02:13 से शाम 03:36 तक
⛅ सूर्योदय - 07:19
⛅ सूर्यास्त - 18:20
⛅ दिशाशूल - दक्षिण दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण -
💥 विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
💥 अष्टमी तिथि के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🌷 Diabetes( मधुमेह) नियंत्रित करने के लिए 🌷
👉🏻 Diabetes नियंत्रित करने के लिए सुबह १/२ किलो कच्चा करेला टुकड़े - टुकड़े करके तसले में डाल दें और अपने पैरों से १/२ से ३/४ घंटे तक तक कुचलें जब तक जीभ में कड़वाहट का अहसास ना हो l ७-१० दिन तक ये प्रयोग करें। इससे Diabetes नियंत्रित होती है।
👉🏻 हो सके तो इन दिनों में मेथी की सब्जी खाए या मेथी के दाने रात को भिगा दे और सुबह खाए | इससे लाभ होगा।
🌷 होंठ फटने पर 🌷
➡ नाभि में सरसों के तेल की २-४ बूंदे डालें तथा जरा से मक्खन में नमक मिलाकर होंठों पर लगायें इससे लाभ होता है।
🌷 राग और ताल की महिमा 🌷
👉🏻 राग और ताल सुनने से बहुत सी बीमारियाँ दूर होती हैं
🎼 राग मारवा और राग भोपाली से आंतों की बीमारियाँ दूर होती हैं l
🎼 राग आसारी से मस्तक के रोग दूर होते हैं l
🎼 राग भैरवी से सिरदर्द ठीक होने लगता है।
🎼 राग सोहनी से सिरदर्द और मरुरज्जू (रीड़ की हड्डी में जो मनके घिस गए, वो ठीक होने लगते हैं।)
🎼 राग वसंत और राग सोरट से नपुंसकता दूर हो जाती है।
🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️
📚 वेदपाठन - आओ वेद पढ़ें
📙 ऋग्वेद
सूक्त - १६ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ८ , देवता - इन्द्र
🍃 विश्वमित्सवनं सुतमिन्द्रो मदाय गच्छति. वृत्रहा सोमपीतये... (८)
⚜️ वृत्रनाशक इंद्र प्रसन्नता प्राप्ति के निमित्त सोमरस पीने के लिए ऐसे सभी यज्ञों में जाते हैं, जहां सोमरस तैयार हो (८)
#rgveda
📙 ऋग्वेद
सूक्त - १६ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ८ , देवता - इन्द्र
🍃 विश्वमित्सवनं सुतमिन्द्रो मदाय गच्छति. वृत्रहा सोमपीतये... (८)
⚜️ वृत्रनाशक इंद्र प्रसन्नता प्राप्ति के निमित्त सोमरस पीने के लिए ऐसे सभी यज्ञों में जाते हैं, जहां सोमरस तैयार हो (८)
#rgveda
📒📒📒 वेदपाठन 📒📒📒
📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। अष्टम सर्गः ।।
🍃 यथा विधानं क्रियतां समर्थाः करणेष्विह।
तथेति चाब्रुवन्सर्वे मनत्रिणः मत्यपूजयन् ॥१९॥
⚜️ आप लोग ऐसा प्रयत्न करें जिससे यह यज्ञ यथाविधि हो। यह कार्य आप ही लोगों पर निर्भर है। महाराज के इन वचनों को सुन सब मंत्री लोगों ने कहा -" जो आज्ञा,"॥१९॥
🍃 पार्थिवेन्द्रस्य तद्वाक्यं यथाज्ञप्तं निशम्य ते ।
तथा द्विजास्ते धर्मज्ञा वर्धयन्तो नृपोत्तमम् ॥२०॥
⚜️ ब्राह्मणगण भी महाराज को आशीर्वाद दे और महाराज से विदा मांग अपने अपने घरों को लौट गये।
#ramayan
📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। अष्टम सर्गः ।।
🍃 यथा विधानं क्रियतां समर्थाः करणेष्विह।
तथेति चाब्रुवन्सर्वे मनत्रिणः मत्यपूजयन् ॥१९॥
⚜️ आप लोग ऐसा प्रयत्न करें जिससे यह यज्ञ यथाविधि हो। यह कार्य आप ही लोगों पर निर्भर है। महाराज के इन वचनों को सुन सब मंत्री लोगों ने कहा -" जो आज्ञा,"॥१९॥
🍃 पार्थिवेन्द्रस्य तद्वाक्यं यथाज्ञप्तं निशम्य ते ।
तथा द्विजास्ते धर्मज्ञा वर्धयन्तो नृपोत्तमम् ॥२०॥
⚜️ ब्राह्मणगण भी महाराज को आशीर्वाद दे और महाराज से विदा मांग अपने अपने घरों को लौट गये।
#ramayan
📚 वेदपाठन - आओ वेद पढ़ें
📙 ऋग्वेद
सूक्त - १६ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ९ , देवता - इन्द्र
🍃 सेमं नः काममा पृण गोभिरश्चैः शतक्रतो. स्तवाम त्वा स्वाध्य.. (९)
⚜️ हे शतक्रतु! गाएं और अश्व देकर हमारी सभी अभिलाषाएं पूरी करो। हम भली प्रकार ध्यान करते हुए तुम्हारी स्तुति करते हैं। (९)
👉 🚩सूक्त 16 समाप्त 🚩
#rgveda
📙 ऋग्वेद
सूक्त - १६ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ९ , देवता - इन्द्र
🍃 सेमं नः काममा पृण गोभिरश्चैः शतक्रतो. स्तवाम त्वा स्वाध्य.. (९)
⚜️ हे शतक्रतु! गाएं और अश्व देकर हमारी सभी अभिलाषाएं पूरी करो। हम भली प्रकार ध्यान करते हुए तुम्हारी स्तुति करते हैं। (९)
👉 🚩सूक्त 16 समाप्त 🚩
#rgveda