संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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सुविचार - 15/01/2021

@PrashasakSamitiOfficial
प्रशासक समिति 🚩

🚩जय सत्य सनातन 🚩

🚩आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩युगाब्द - ५१२२
🌥️ 🚩विक्रम संवत - २०७७
🚩 तिथि - द्वितीया सुबह 08:04 तक तत्पश्चात तृतीया
https://www.instagram.com/p/CKCFay0g2Rr/?igshid=kf65fagxh7kz

दिनांक - 15 जनवरी 2021
दिन - शुक्रवार
विक्रम संवत - 2077
शक संवत - 1942
अयन - उत्तरायण
ऋतु - शिशिर
मास - पौष
पक्ष - शुक्ल
नक्षत्र - धनिष्ठा 16 जनवरी प्रातः 05:17 तक तत्पश्चात शतभिषा
योग - सिद्धि रात्रि 08:23 तक तत्पश्चात व्यतिपात
राहुकाल - सुबह 11:26 से दोपहर 12:48 तक
सूर्योदय - 07:19
सूर्यास्त - 18:15
दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण -
💥 विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा वैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

🌷 सर्दी सहन न होने पर 🌷
👉🏻 कुछ लोगों को सर्दी सहन नहीं होती.. थरथराते हैं, दांत आपस में टकराते हैं, हाथ कांपते हैं।
👉🏻 वे लोग कड़ाही में थोड़ा सा घी डाल दें और फिर उसमे गुड़ गला दें। जितना गुड़ उतना सौंठ डाल दें। थोड़े से घी में गला के सेंक दिया। एक-एक चम्मच खाने से सर्दी झेलने की ताकत आ जाएगी। सुबह शाम चाट लें।
👉🏻 राई पीस के शहद के साथ पैरों के तलवों में लगादें तो भी सर्दी में ठिठुरना बंद हो जायेगा।

🌷 व्यतिपात योग 🌷
🙏🏻 व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।

🙏🏻 वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।
🙏🏻 व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुए नाराज हुए, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्यदेव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नहीं दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसू बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।

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🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️
प्रशासक समिति 🚩

चाणक्य नीति ⚔️
✒️ सप्तम अध्याय

♦️श्लोक :- १४


उपार्जितानां वित्तानां त्याग एव हि रक्षणम्।
तडा़गोदरसंस्थानां परिदाह इदम्मससाम्।।

भावार्थ - कमाई हुई सम्पत्ति का त्याग (सत्कार्यो में उसका उपयोग) करना ही उसकी रक्षा करना है। जैसे तालाब मे भरे पानी को निकालने से ही उसकी रक्षा होती है।

क्रमशः ...

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🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️
हरिःॐ। भृगुवासर-सुप्रभातम्।

आकाशवाण्या अद्यतनप्रातःकालवार्ताः।

जयतु संस्कृतम्॥
हरिःॐ। २०२१-०१-१५ शुक्रवासरः।

https://youtu.be/CjfZrP7hCM4

जयतु संस्कृतम्॥
हरिःॐ। शुक्रवासर-सायङ्कालशुभेच्छाः।

आकाशवाण्या अद्यतनसायङ्कालवार्ताः।

जयतु संस्कृतम्॥
प्रशासक समिति 🚩

📒📒📒 वेदपाठन 📒📒📒

📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚

🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। अष्टम सर्गः ।।


🍃 तदहं यण्टुमिच्छामि शास्त्रदृष्टेन कर्मणा ।
कथं प्राप्स्याम्यहं कामं बुद्धिरत्र विचार्यताम् ॥९॥

⚜️ किन्तु मैं शास्त्र की विधि के अनुसार यज्ञ करना चाहता हूँ। आप लोग सोच विचार कर वतलावें कि हमारी इष्टसिद्धि किस प्रकार हो सकती है ॥ ९॥

🍃 ततः साध्विति तद्वाक्यं ब्राह्मणाः प्रत्यपूजयन्।
वसिष्ठममुखाः सर्वे पार्थिवस्य सुखेरितम्॥१०॥

⚜️ महाराज के यह वचन सुन कर, सब उपस्थित ब्राह्मणों ने महाराज के विचार की प्रशंसा की, और वशिष्ठादि बोले कि, आपने बहुत अच्छा कार्य करना विचारा है ॥१०॥

क्रमशः ...

⚜️ अहिंसा परमोधर्मः धर्म हिंसातथैव च: ⚜️
👉 अहिंसा मनुष्य का परम धर्म है, और धर्म की रक्षा के लिए हिंसा करना उससे भी श्रेष्ठ है..!!

🤺 जब जब धर्म (सत्य) पर संकट आये तब तब तुम शस्त्र उठाना ⚔️

जय श्री राम 🏹

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नमोनमः
दिनाङ्कः -१६.१.२०२१
___________________________________
अद्यतनं‌ पञ्चाङ्गम्
शार्वरी-संवत्सरः उत्तरायणम् हेमन्त-ऋतुः
पुष्य-मासः शुक्ल-पक्षः तृतीया-तिथिः
शतभिषा-नक्षत्रम् शनिवासरः
व्यातीपात-योगः गर-करणम्
सौर : मकर-मासः : दिनम्-3 उत्तराषाढ़-नक्षत्रम् : तृतीयः-पादः
ग्रेगोरियन् : जनवरी-16
__________________________________
६३५ . ।। आभाति ।।
निजाशयवदाभाति
पुंसां चित्ते पराशयः ।
प्रतिमा मुखचन्द्रस्य
कृपाणे याति दीर्घताम् ।।
~मनुष्य के स्वयं के चित्त में जैसा भाव होता है , वैसा ही भाव उसे दुसरों में दिखाई देता हैं । चंद्र के सुंदर मुख का प्रतिबिंब भी तलवार में लंबा दिखता हैं ।
~The longing of others is reflected in the consciousness of an individual according to his own mind . The reflection of the face in sword is but lengthwise .
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संस्कृत वार्ताः
मुख्यवार्ताः
●प्रधानमन्त्री श्रीनरेन्द्र मोदी विश्वस्य बृहत्तमं-कोविडमसूरणा-ऽभियानम् अद्य प्रातः दृश्यप्रणाल्या प्रारभते।-श्रव्य- • देशे कोविडपरिमिता -त्रि-पञ्च-दशमलव-महामारीतः अद्यावधि स्वस्थतामुपगतानां जनानां प्रतिशतता प्रव्ध्य सम्प्रति संवृत्ताऽस्ति।
●केन्द्रप्रशासनस्य चक्रीयं-कृषकसंघटनस्य च मध्ये नवम ,सम्भाषणं गतदिवसे नवदिल्ल्यां सम्पन्नम्। अग्रिमचक्रीयं सम्भाषणं - मासस्यास्य उनविंशे दिनांके पुनरायोजयिष्यते।
●भारतक्षेत्रेषु विमर्श विहितवन्तौ।-सहयोग-समेतेषु नैकेषु पारस्परिक सुरक्षा-अर्थव्यवस्था-देशौ सम्पर्क-नेपाल-
__________________________________
कोविडोपनिंग्
प्रियाः पाठकाः कोविड् नाइन्टीन् इति वैश्विक संक्रमणं विरुध्य राष्ट्रं ऐक्यभावनया युध्यते। भवन्तोऽपि संक्रमण इदं परास्तुं सन्नद्धाः भवन्तु। मुखनासिकाच्छादकं, सामाजिकदौर्यानुपालनं, पाणिपाद-प्रक्षालनञ्च इति उपायत्रयं सर्वदैव अवधारयन्तु। यतोहि यावन्न औषधं तावन्न शैथिल्यम्।
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कोविड्-स्वस्थजनप्रतिशतता
देशे कोविड-महामारीतः अद्यावधि स्वस्थतामुपगतानां जनानां प्रतिशतता प्रवध्ध्य सम्प्रति षण्णवति-दशमलब-पञ्च-त्रि- परिमिता संवृत्ताऽस्ति। भारतं कोविड्-महामार्याः प्रशमनाभियानस्य दिशि तीव्रगत्या पदं धत्ते। विगतासु चतुर्विंशति-होरासु देशे कोविड- संक्रमणस्य नृतन-प्रकरणानि सार्ध-पञ्च-सहस्र-प्रायाणि समक्षमायातानि, केवलम् एकनवत्यधिकाः शतं जनाश्च मृत्युमुपगताः।
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कोविड्-स्वस्थजनप्रतिशतता
देशे कोविड-महामारीतः अद्यावधि स्वस्थतामुपगतानां जनानां प्रतिशतता प्रवध्ध्य सम्प्रति षण्णवति-दशमलब-पञ्च-त्रि- परिमिता संवृत्ताऽस्ति। भारतं कोविड्-महामार्याः प्रशमनाभियानस्य दिशि तीव्रगत्या पदं धत्ते। विगतासु चतुर्विंशति-होरासु देशे कोविड- संक्रमणस्य नृतन-प्रकरणानि सार्ध-पञ्च-सहस्र-प्रायाणि समक्षमायातानि, केवलम् एकनवत्यधिकाः शतं जनाश्च मृत्युमुपगताः।
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भारतम्-नपालः
भारत-नेपाल-देशौ सम्पर्क-अर्थव्यवस्था-सुरक्षा-समेतेषु नैकेषु पारस्परिक सहयोग-क्षेत्रेषु विमर्श विहितवन्तौ। भारत-नेपाल- संयुक्तायोगस्य गतदिने नवदिल्ल्यां संपन्ने षष्ठे मन्त्रणोपवेशने विदेशमन्त्री डॉ. एस्. जयशंकरः, नेपालस्थः तत्समकक्षः प्रदीप कुमार श्याबली च संयुक्तरूपेण आध्यक्ष्यं निर्व्यढबन्तौ। उपवेशने देशद्वय-मध्ये बहूद्देश्यीय-सहयोगस्य सकलेष्वपि पक्षेषु विचारणा-पुरस्सरं पारस्परिक-मैत्री-सम्बन्धस्य भूयोऽपि प्रगाढता-सम्पादनार्थं सम्भावितोपायानां सविस्तरं चर्चा संजाता।
__________________________________
||इति वार्ताः||
सुविचार - 16/01/2021

पञ्चाङ्ग पढ़ें -
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चाणक्य नीति ⚔️
✒️ सप्तम अध्याय

♦️श्लोक :- १५

यस्याअ्र्थस्तस्य मित्राणि अस्याअ्र्थाः बान्धवाः।
यस्याअ्र्थाः स पुमांल्लोकेयस्याअ्र्थाः स च पण्डितः।।१५।।

♦️भावार्थ - जिसके पास धन है, लोग स्वयं ही उसके दोस्त बन जाते हैं। बन्धु-बान्धव भी उसके सगे होते हैं। जिसके पास सम्पत्ति है वही विद्वान और यशस्वी माना जाता है। धनी को ही लोग पण्डित भी मानते हैं।

#chanakya
हरिःॐ। स्थिरवासर-सुप्रभातम्।

आकाशवाण्या अद्यतनप्रातःकालवार्ताः।

जयतु संस्कृतम्॥
हरिःॐ। २०२१-०१-१६ शनिवासरः।

https://youtu.be/IeAh0U7hHtc

जयतु संस्कृतम्॥
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16.1.21आज का वेदमंत्र, अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा, ऑडियो रिकॉर्डिंग सुकांत आर्य द्वारा🙏💐

किं ते कृण्वन्ति कीकटेषु गावो नाशिरं दुह्रे न तपन्ति घर्मम्।
आ नो भर प्रमगन्दस्य वेदो नैचाशाखं मघवन्रन्धया नः॥ ऋग्वेद ३-५३-१४॥🙏💐

यज्ञ आदि से भला क्या लाभ है ? ऐसा सोचने वालों के पास गायें भला क्या करेंगी ? यदि मनुष्य यज्ञनिक कार्य नहीं करते, तो उनके लिए दूध और घी व्यर्थ है। लोगों का खून चूस कर धन कमाने वाले नीचों का धन चला जाए। राजा को ऐसे नीच धन वालों से धन छीन लेना चाहिए।🙏💐

The people who think that What is the benefit from Yajana etc. (working for the benefit of others) ? What will the cows do to those who think like this ? If humans do not do Yajnaic work, then Milk and Ghee are of no use to them. Let the wealth of the despicers who earn money by sucking the blood of people go away. The king should take away wealth from such lowly people. (Rig Veda 3-53-14)🙏💐#rgveda🙏💐