Forwarded from पुरुषोत्तमः॥ Purushothaman AJ (Bharatam).
हरिःॐ। बृहस्पतिवासर-सुप्रभातम्।
आकाशवाण्या अद्यतनप्रातःकालवार्ताः।
जयतु संस्कृतम्॥
आकाशवाण्या अद्यतनप्रातःकालवार्ताः।
जयतु संस्कृतम्॥
हितोपदेशः - HITOPADESHAH
कोऽत्रेत्यहमिति ब्रूया-
त्सम्यगादेशयेति च ।।
आज्ञामवितथां कुर्या-
द्यथाशक्ति महीपतेः ।। 299/052
अर्थः:
जब राजा पूछे "यहाँ कौन है?" तो उत्तर दें "मैं हूँ" और "कृपया आदेश दें" कहकर राजा के आदेश का पालन अपने सामर्थ्य के अनुसार करें।
MEANING:
When the king asks "Who is here?", the servant should respond "I am here" and "Please give your orders", and then follow the king's orders to the best of his ability.
ॐ नमो भगवते हयास्याय।
©Sanju GN #Subhashitam
कोऽत्रेत्यहमिति ब्रूया-
त्सम्यगादेशयेति च ।।
आज्ञामवितथां कुर्या-
द्यथाशक्ति महीपतेः ।। 299/052
अर्थः:
जब राजा पूछे "यहाँ कौन है?" तो उत्तर दें "मैं हूँ" और "कृपया आदेश दें" कहकर राजा के आदेश का पालन अपने सामर्थ्य के अनुसार करें।
MEANING:
When the king asks "Who is here?", the servant should respond "I am here" and "Please give your orders", and then follow the king's orders to the best of his ability.
ॐ नमो भगवते हयास्याय।
©Sanju GN #Subhashitam
हितोपदेशः - HITOPADESHAH
अल्पेच्छुर्धृतिमान्प्राज्ञ-
श्छायेवानुगतः सदा ।।
आदिष्टो न विकल्पेत
स राजवसतौ वसेत् ।। 300/053
अर्थः:
ऐसे व्यक्ति को राजा के आश्रय में रहना चाहिए जो कम इच्छाएँ रखता हो, धैर्यवान हो, पंडित हो, छाया की तरह अनुसरण करता हो, और राजा के आदेश को बिना विकल्प किए पालन करता हो।
MEANING:
The person who has minimal desires, is steadfast, wise, follows like a shadow, and adheres to orders without hesitation should live in the king's abode.
ॐ नमो भगवते हयास्याय।
©Sanju GN #Subhashitam
अल्पेच्छुर्धृतिमान्प्राज्ञ-
श्छायेवानुगतः सदा ।।
आदिष्टो न विकल्पेत
स राजवसतौ वसेत् ।। 300/053
अर्थः:
ऐसे व्यक्ति को राजा के आश्रय में रहना चाहिए जो कम इच्छाएँ रखता हो, धैर्यवान हो, पंडित हो, छाया की तरह अनुसरण करता हो, और राजा के आदेश को बिना विकल्प किए पालन करता हो।
MEANING:
The person who has minimal desires, is steadfast, wise, follows like a shadow, and adheres to orders without hesitation should live in the king's abode.
ॐ नमो भगवते हयास्याय।
©Sanju GN #Subhashitam
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। दशमः सर्गः ।।
🍃 गणिकास्तत्र गच्छन्तु रूपंवत्यः खलंकृताः।
मलाभ्य विविधापायैरानेप्यन्तीह सत्कृता:॥
⚜️ रूपवति और अलङ्कार युक्त देवदाशिया सत्कार पूर्वक भेजी जायँ वे मुनि को तरह तरह के प्रलोभनं दिखा यहां लाएंगी ॥५॥
🍃 श्रुत्वा तथेति राजा च मत्युवाच पुरोहितम्।
पुरोहितो मन्त्रिणश्च तथा चक्रुश्च ते तदा ।।६॥
⚜️ यह सुन राजा ने पुरोहित को और पुरोहित ने मंत्रियों को तदनुसार करने को कहा ॥६॥
#ramayan
।। दशमः सर्गः ।।
🍃 गणिकास्तत्र गच्छन्तु रूपंवत्यः खलंकृताः।
मलाभ्य विविधापायैरानेप्यन्तीह सत्कृता:॥
⚜️ रूपवति और अलङ्कार युक्त देवदाशिया सत्कार पूर्वक भेजी जायँ वे मुनि को तरह तरह के प्रलोभनं दिखा यहां लाएंगी ॥५॥
🍃 श्रुत्वा तथेति राजा च मत्युवाच पुरोहितम्।
पुरोहितो मन्त्रिणश्च तथा चक्रुश्च ते तदा ।।६॥
⚜️ यह सुन राजा ने पुरोहित को और पुरोहित ने मंत्रियों को तदनुसार करने को कहा ॥६॥
#ramayan
📚 वेदपाठन - आओ वेद पढ़ें
📙 ऋग्वेद
सूक्त - १८ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०६ , देवता - ब्रह्मणस्पति आदि।
🍃 सदसस्पतिमद्भुतं प्रियमिन्द्रस्य काम्यम्, सनि मेधामयासिषम्.. (६)
⚜️ आश्चर्यजनक कर्म करने वाले, इंद्र के प्रिय, परम सुंदर एवं धनप्रदाता सदसस्पति (अग्नि) नामक देव के सामने हम बुद्धि की याचना करने आए हैं (६)
#rgveda
📙 ऋग्वेद
सूक्त - १८ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०६ , देवता - ब्रह्मणस्पति आदि।
🍃 सदसस्पतिमद्भुतं प्रियमिन्द्रस्य काम्यम्, सनि मेधामयासिषम्.. (६)
⚜️ आश्चर्यजनक कर्म करने वाले, इंद्र के प्रिय, परम सुंदर एवं धनप्रदाता सदसस्पति (अग्नि) नामक देव के सामने हम बुद्धि की याचना करने आए हैं (६)
#rgveda
📚 वेदपाठन - आओ वेद पढ़ें
📙 ऋग्वेद
सूक्त - १८ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०८ , देवता - ब्रह्मणस्पति आदि।
🍃 आदृध्नोति हविष्कृतिं प्राञ्चं कृणोत्यध्वरम्, होत्रा देवेषु गच्छति (८)
⚜️ इसके बाद वही सदसस्पति (अग्नि) हविसंपादन करने वाले यजमान की उन्नति करते हैं एवं यज्ञ को निर्विघ्नतापूर्वक समाप्त करते हैं, उन्हीं की कृपा से हमारी स्तुतियां देवों के पास जाएं (८)
#rgveda
📙 ऋग्वेद
सूक्त - १८ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०८ , देवता - ब्रह्मणस्पति आदि।
🍃 आदृध्नोति हविष्कृतिं प्राञ्चं कृणोत्यध्वरम्, होत्रा देवेषु गच्छति (८)
⚜️ इसके बाद वही सदसस्पति (अग्नि) हविसंपादन करने वाले यजमान की उन्नति करते हैं एवं यज्ञ को निर्विघ्नतापूर्वक समाप्त करते हैं, उन्हीं की कृपा से हमारी स्तुतियां देवों के पास जाएं (८)
#rgveda
✊ चाणक्य नीति ⚔️
✒️ अष्टमः अध्याय
♦️श्लोक :- १६
निर्गुणस्य हतं रूपं दुःशीलस्य हतं कुलम्।
असिद्धस्य हता विद्या अभोगस्य हतं धनम् ॥१६॥
♦️भावार्थ - गुणहीन इंसान का रूप नष्ट हो जाता है। शीलहीन का कुल निन्दित होता है। मूर्ख की विद्या व्यर्थ है और भोग के बिना धन बेकार है।
#chanakya
✒️ अष्टमः अध्याय
♦️श्लोक :- १६
निर्गुणस्य हतं रूपं दुःशीलस्य हतं कुलम्।
असिद्धस्य हता विद्या अभोगस्य हतं धनम् ॥१६॥
♦️भावार्थ - गुणहीन इंसान का रूप नष्ट हो जाता है। शीलहीन का कुल निन्दित होता है। मूर्ख की विद्या व्यर्थ है और भोग के बिना धन बेकार है।
#chanakya
📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। दशमः सर्गः ।।
🍃 अदृष्टरूपास्तास्तेन काम्यरूपा वने स्त्रियः।
हार्दाचस्य मतिर्जाता ह्याख्यातुं पितरं स्वकम्॥१३॥
⚜️ ऋषि श्रृंग ने तो इसके पूर्व कभी (कमनीय कान्ति वाली ) स्त्रियां ( वन में) देखी ही न थीं-उनको बुद्धि मोहित हो गयी और वे हृदय से अपने पिता का नाम बतलाने को तैयार हो गये ॥ १३॥
🍃 पिता विभण्डकोऽस्माकं तस्याहं सुत औरसः ।
ऋश्यशृङ्ग इति ख्यातं नाम कर्म च में भुवि ॥१४॥
⚜️ मेरे पिता विभण्डक हैं और मैं उनका औरस पुत्र हूँ। मेरा नाम ऋष्यशृङ्ग है। मैं जो यहाँ करता हूँ वह सब को विदित है॥१४॥
#ramayan
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। दशमः सर्गः ।।
🍃 अदृष्टरूपास्तास्तेन काम्यरूपा वने स्त्रियः।
हार्दाचस्य मतिर्जाता ह्याख्यातुं पितरं स्वकम्॥१३॥
⚜️ ऋषि श्रृंग ने तो इसके पूर्व कभी (कमनीय कान्ति वाली ) स्त्रियां ( वन में) देखी ही न थीं-उनको बुद्धि मोहित हो गयी और वे हृदय से अपने पिता का नाम बतलाने को तैयार हो गये ॥ १३॥
🍃 पिता विभण्डकोऽस्माकं तस्याहं सुत औरसः ।
ऋश्यशृङ्ग इति ख्यातं नाम कर्म च में भुवि ॥१४॥
⚜️ मेरे पिता विभण्डक हैं और मैं उनका औरस पुत्र हूँ। मेरा नाम ऋष्यशृङ्ग है। मैं जो यहाँ करता हूँ वह सब को विदित है॥१४॥
#ramayan
📙 ऋग्वेद
सूक्त - १९ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०१, देवता - अग्नि एवं मरुद्गण
🍃 प्रति त्यं चारुमध्वरं गोपीथाय प्र हुयसे, मरुद्धिरग्न आ गहि.. ( १ )
⚜️ हे अग्नि! तुम इस सुंदर यज्ञ में सोमपान करने के लिए बुलाए जा रहे हो, इसलिए तु मरुद्गणों के साथ आओ (१)
#rgveda
सूक्त - १९ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०१, देवता - अग्नि एवं मरुद्गण
🍃 प्रति त्यं चारुमध्वरं गोपीथाय प्र हुयसे, मरुद्धिरग्न आ गहि.. ( १ )
⚜️ हे अग्नि! तुम इस सुंदर यज्ञ में सोमपान करने के लिए बुलाए जा रहे हो, इसलिए तु मरुद्गणों के साथ आओ (१)
#rgveda
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द - ५१२२
🌥️ 🚩विक्रम संवत - २०७७
⛅ तिथि - त्रयोदशी 10 फरवरी प्रातः 02:05 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 09 फरवरी 2021
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ विक्रम संवत - 2077
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - माघ
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढा दोपहर 02:39 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
⛅ योग - वज्र सुबह 09:11 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहुकाल - शाम 03:43 से शाम 05:08 तक
⛅ सूर्योदय - 07:14
⛅ सूर्यास्त - 18:32
⛅ दिशाशूल - उत्तर दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - भौमप्रदोष व्रत
🌥️ 🚩युगाब्द - ५१२२
🌥️ 🚩विक्रम संवत - २०७७
⛅ तिथि - त्रयोदशी 10 फरवरी प्रातः 02:05 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 09 फरवरी 2021
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ विक्रम संवत - 2077
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - माघ
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढा दोपहर 02:39 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
⛅ योग - वज्र सुबह 09:11 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहुकाल - शाम 03:43 से शाम 05:08 तक
⛅ सूर्योदय - 07:14
⛅ सूर्यास्त - 18:32
⛅ दिशाशूल - उत्तर दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - भौमप्रदोष व्रत
✊ चाणक्य नीति ⚔️
✒️ अष्टमः अध्याय
♦️श्लोक :- १८
असन्तुष्टा द्विजा नष्टाः सन्तुष्टाश्च महीभूतः।
सलञ्जा गणिका नष्टानिर्लज्जाश्च कुलांगनाः ॥१८॥
भावार्थ - असंतोषी ब्राह्मण, संतोषी राजा, लज्जाशील वेश्याएँ तथा लज्जाहीन कुलीन स्त्रियाँ जल्दी ही नष्ट हो जाती हैं।
#chanakya
✒️ अष्टमः अध्याय
♦️श्लोक :- १८
असन्तुष्टा द्विजा नष्टाः सन्तुष्टाश्च महीभूतः।
सलञ्जा गणिका नष्टानिर्लज्जाश्च कुलांगनाः ॥१८॥
भावार्थ - असंतोषी ब्राह्मण, संतोषी राजा, लज्जाशील वेश्याएँ तथा लज्जाहीन कुलीन स्त्रियाँ जल्दी ही नष्ट हो जाती हैं।
#chanakya
📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। दशमः सर्गः ।।
🍃 इहाश्रमपदेऽस्माकं समीपे शुभदर्शनाः।
करिष्ये वोज पूजां वै सर्वेषां विधिपूर्वकम्॥१५॥
हे शुभानना ! यहाँ से समीप ही मेरा आश्रम है। वहाँ चलिये, मैं विधि पूर्वक आपका सत्कार करूँगा॥१५॥
🍃 ऋषिपुत्रवचः श्रुत्वा सर्वासां मतिरास वै।
तदाश्रमपदं द्रष्टुं जग्मुः सर्वाश्च तेन ताः॥१६॥
⚜️ मुनि के यह वचन सुनकर और उनके आश्रम को देखने की इच्छा से वें देवदासियाँ, मुनि से साथ उनके आश्रम में गयीं॥१६॥
#ramayan
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। दशमः सर्गः ।।
🍃 इहाश्रमपदेऽस्माकं समीपे शुभदर्शनाः।
करिष्ये वोज पूजां वै सर्वेषां विधिपूर्वकम्॥१५॥
हे शुभानना ! यहाँ से समीप ही मेरा आश्रम है। वहाँ चलिये, मैं विधि पूर्वक आपका सत्कार करूँगा॥१५॥
🍃 ऋषिपुत्रवचः श्रुत्वा सर्वासां मतिरास वै।
तदाश्रमपदं द्रष्टुं जग्मुः सर्वाश्च तेन ताः॥१६॥
⚜️ मुनि के यह वचन सुनकर और उनके आश्रम को देखने की इच्छा से वें देवदासियाँ, मुनि से साथ उनके आश्रम में गयीं॥१६॥
#ramayan
📚 वेदपाठन - आओ वेद पढ़ें
📙 ऋग्वेद
सूक्त - १९ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०२, देवता - अग्नि एवं मरुद्गण
🍃 नहि देवो न मत्त्यों महस्तव क्रतुं परः. मरुद्धिरग्न आ गहि.. (२)
⚜️ हे महान् अग्नि देव! तुम्हारा यज्ञ और उसे करने वाले मनुष्य सर्वश्रेष्ठ है, उनसे बढ़कर कोई नहीं है। तुम मरुद्गणों के साथ आओ (२)
#rgveda
📙 ऋग्वेद
सूक्त - १९ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०२, देवता - अग्नि एवं मरुद्गण
🍃 नहि देवो न मत्त्यों महस्तव क्रतुं परः. मरुद्धिरग्न आ गहि.. (२)
⚜️ हे महान् अग्नि देव! तुम्हारा यज्ञ और उसे करने वाले मनुष्य सर्वश्रेष्ठ है, उनसे बढ़कर कोई नहीं है। तुम मरुद्गणों के साथ आओ (२)
#rgveda
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द - ५१२२
🌥️ 🚩विक्रम संवत - २०७७
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी 11 फरवरी रात्रि 01:08 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 10 फरवरी 2021
⛅ दिन - बुधवार
⛅ विक्रम संवत - 2077
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - माघ
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढा दोपहर 02:12 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - व्यतिपात 11 फरवरी प्रातः 05:09 तक तत्पश्चात वरीयान्
⛅ राहुकाल - दोपहर 12:53 से दोपहर 02:18 तक
⛅ सूर्योदय - 07:13
⛅ सूर्यास्त - 18:32
⛅ दिशाशूल - उत्तर दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि
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🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द - ५१२२
🌥️ 🚩विक्रम संवत - २०७७
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी 11 फरवरी रात्रि 01:08 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 10 फरवरी 2021
⛅ दिन - बुधवार
⛅ विक्रम संवत - 2077
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - माघ
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढा दोपहर 02:12 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - व्यतिपात 11 फरवरी प्रातः 05:09 तक तत्पश्चात वरीयान्
⛅ राहुकाल - दोपहर 12:53 से दोपहर 02:18 तक
⛅ सूर्योदय - 07:13
⛅ सूर्यास्त - 18:32
⛅ दिशाशूल - उत्तर दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि
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