संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚

🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। नवमः सर्गः ।।

🍃 अथ हृष्टो दशरथः सुमन्त्रं प्रत्यथाषत। यथश्यभृङ्गस्त्वानीतो विस्तरेण त्वयेच्यताम्॥१९॥

👉🏻 🚩इति नवमः सर्गः॥

⚜️ यह सुन महाराज दशरथ प्रसन्न हुए और सुमंत्र से वाले कि जिस प्रकार रोमपाद ने ऋष्यश्रृंग को बुलाया वह हाल हमसे व्योरे बार कहे ॥ १९ ॥

👉🏻🚩बालकाण्ड का नवा सर्ग समाप्त हुआ।

#ramayan
📙 ऋग्वेद

सूक्त - १८ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०३ , देवता - ब्रह्मणस्पति आदि।

🍃 मा नः शंसो अररुषो धूर्तिः प्रणङ् मर्त्यस्य. रक्षा णो ब्रह्मणस्पते.. (३)

⚜️ उपद्रव करने वाले एवं द्वेषपूर्ण निंदा के शब्द बोलने वाले शत्रु हमसे दूर रहें। हे ब्रह्मणस्पति! उनसे हमारी रक्षा करो (३)

#rgveda
चाणक्य नीति ⚔️
✒️ अष्टमः अध्याय

♦️श्लोक :- ११

काष्ठपाषाण धातूनां कृत्वा भावेन सेवनम्।
श्रद्धया च तथा सिद्धिस्तस्य विष्णोः प्रसादतः ॥११॥

♦️भावार्थ - काष्ठ, पाषाण व धातु की मूर्तियों की भावना से सेवा करनी चाहिए। श्रद्धा से उनकी सेवा करने पर साक्षात् भगवान विष्णु सिद्धि देते हैं।

#chanakya
हितोपदेशः - HITOPADESHAH

प्रस्तावसदृशं वाक्यं
सद्भावसदृशं प्रियम् ।।
आत्मशक्तिसमं कोपं
यो जानाति स पण्डितः ।। 295/048

अर्थः:

जो व्यक्ति स्थिति के अनुसार उपयुक्त बातें करना जानता है, उत्तम स्वभाव वाले मित्र को पहचानता है, और अपनी शक्ति के अनुसार क्रोध को नियंत्रित करता है, वही पण्डित कहलाता है।

MEANING:

A scholar is one who knows how to speak appropriately according to the situation, can identify and value a friend with good qualities, and manages his anger according to his own capacity.

ॐ नमो भगवते हयास्याय।

#Subhashitam
📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚

🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। दशमः सर्गः ।।

सुमन्त्रश्चोदितो राज्ञा मोवाचेदं वचस्तदा ।
यथर्यशृङ्गस्त्वानीतः भृणु मे मन्त्रिभिः सह॥१॥

महाराज दशरथ के इस प्रकार पूछने पर सुमंत्र ने विस्तार पूर्वक वृत्तान्त कहना आरम्भ किया । सुमंत्र बोले, हे महाराज ! जिस उपाय से रोमपाद के मंत्रिवर्ग ऋष्यशृङ्ग को लाये सो मैं कहता हूँ। उसे आप मंत्रियों सहित सुनिये ॥१॥

🍃 रोमपादमुवाचेदं सहामात्यः पुरोहितः।
उपायोनिरपायोऽयमस्माभिरभिगन्त्रितः ॥ २ ॥

⚜️ मंत्री और पुरोहित रोमपाद से बोले कि हमने निर्विघ्न कृतकार्य होने का एक उपाय सोचा है॥२॥

#ramayan
हितोपदेशः - HITOPADESHAH

किमप्यस्ति स्वभानेन
सुन्दरं वाप्यसुन्दरम् ।।
यदेव रोचते यस्मै
भवेत्तत्तस्य सुन्दरम् ।। 297/050

अर्थः:

कोई भी वस्तु अपने स्वभाव के अनुसार सुंदर या असुंदर होती है। जो वस्तु किसी को पसंद आती है, वही वस्तु उसके लिए सुंदर होती है।

MEANING:

A substance may be beautiful or ugly depending on its nature. The person who likes a particular thing finds it beautiful.

ॐ नमो भगवते हयास्याय।

©Sanju GN #Subhashitam
हरिःॐ। बुधवासर-सायङ्कालशुभेच्छाः।

आकाशवाण्या अद्यतनसायङ्कालवार्ताः।

जयतु संस्कृतम्॥
📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚

🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। दशमः सर्गः ।।

🍃 ऋश्यशृङ्गो वनंचरस्तपःस्वाध्यायने रतः।
अनभिज्ञः स नारीणां विषयाणां सुखस्य च ॥३॥

⚜️ ऋष्यश्रृंग वन के रहने वाले और सदा तप और स्वाध्याय में निरत रहते हैं। उनको स्त्री सुख और अन्य विषयों का सुख बिल्कुल नहीं मालूम है॥३॥

🍃 इन्द्रियार्थैरभिमतैर्नर चित्तप्रमाथिभिः।
पुरमानाययिष्यामः क्षिप्रं चाध्यवसीयताम्॥४॥

⚜️ अतः मनुष्यों को मुग्ध करने वाली इन्द्रियों के विषयों द्वारा उनको शीघ्र नगर में ले पायेंगे। बस अब इसका शीघ निश्चय करना चाहिये॥४॥

#ramayan
📙 ऋग्वेद

सूक्त - १८ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०५ , देवता - ब्रह्मणस्पति आदि।

🍃 त्वं तं ब्रह्मणस्पते सोम इन्द्रश्च मर्त्यम्. दक्षिणा पात्वंहसः.. (५)

⚜️ हे ब्रह्मणस्पति! तुम, सोम, इंद्र एवं दक्षिणा नामक देवी उस यजमान की पाप से रक्षा करो (५)

#rgveda
हरिःॐ। बृहस्पतिवासर-सुप्रभातम्।

आकाशवाण्या अद्यतनप्रातःकालवार्ताः।

जयतु संस्कृतम्॥
हितोपदेशः - HITOPADESHAH

कोऽत्रेत्यहमिति ब्रूया-
त्सम्यगादेशयेति च ।।
आज्ञामवितथां कुर्या-
द्यथाशक्ति महीपतेः ।। 299/052

अर्थः:

जब राजा पूछे "यहाँ कौन है?" तो उत्तर दें "मैं हूँ" और "कृपया आदेश दें" कहकर राजा के आदेश का पालन अपने सामर्थ्य के अनुसार करें।

MEANING:

When the king asks "Who is here?", the servant should respond "I am here" and "Please give your orders", and then follow the king's orders to the best of his ability.

ॐ नमो भगवते हयास्याय।

©Sanju GN #Subhashitam
हितोपदेशः - HITOPADESHAH

अल्पेच्छुर्धृतिमान्प्राज्ञ-
श्छायेवानुगतः सदा ।।
आदिष्टो न विकल्पेत
स राजवसतौ वसेत् ।। 300/053

अर्थः:

ऐसे व्यक्ति को राजा के आश्रय में रहना चाहिए जो कम इच्छाएँ रखता हो, धैर्यवान हो, पंडित हो, छाया की तरह अनुसरण करता हो, और राजा के आदेश को बिना विकल्प किए पालन करता हो।

MEANING:

The person who has minimal desires, is steadfast, wise, follows like a shadow, and adheres to orders without hesitation should live in the king's abode.

ॐ नमो भगवते हयास्याय।

©Sanju GN #Subhashitam
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। दशमः सर्गः ।।

🍃 गणिकास्तत्र गच्छन्तु रूपंवत्यः खलंकृताः।
मलाभ्य विविधापायैरानेप्यन्तीह सत्कृता:॥

⚜️ रूपवति और अलङ्कार युक्त देवदाशिया सत्कार पूर्वक भेजी जायँ वे मुनि को तरह तरह के प्रलोभनं दिखा यहां लाएंगी ॥५॥

🍃 श्रुत्वा तथेति राजा च मत्युवाच पुरोहितम्।
पुरोहितो मन्त्रिणश्च तथा चक्रुश्च ते तदा ।।६॥

⚜️ यह सुन राजा ने पुरोहित को और पुरोहित ने मंत्रियों को तदनुसार करने को कहा ॥६॥

#ramayan