संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🍃ऊर्ध्वं गच्छन्ति सत्त्वस्था मध्ये तिष्ठन्ति राजसाः।
जघन्यगुणवृत्तिस्था अधो गच्छन्ति तामसाः
।।14.18।।

♦️Urdhvan gacchanti sattvastha madhye tisthanti rajasah.
jaghanyagunavrttistha adho gacchanti tamasah৷৷14.18৷৷

Those who are seated in Sattva go upwards; the Rajasic dwell in the middle; and the Tamasic, abiding in the function of the lowest Guna, go downwards.(14,18)

सत्त्वगुण में स्थित पुरुष उच्च (लोकों को) जाते हैं राजस पुरुष मध्य (मनुष्य लोक) में रहते हैं और तमोगुण की अत्यन्त हीन प्रवृत्तियों में स्थित तामस लोग अधोगति को प्राप्त होते हैं।।14.18।।

#geeta
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🚩जय सत्य सनातन
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥 🚩यगाब्द - ५१२४
🌥 🚩शक संवत - १९४४
🌥 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅️ 🚩तिथि - तृतिया रात्रि 12:17 तक तत्पश्चात चतुर्थी

⛅️ दिनांक - 02 जून 2022
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ अयन - उत्तरायण
⛅️ ऋतु - ग्रीष्म
⛅️ मास - ज्येष्ठ
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - आर्द्रा अपरान्ह 04:04 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅️ योग - गण्ड रात्रि 02:37 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅️ राहुकाल - अपरान्ह 02:19 से 04:00 तक
⛅️ सर्योदय - 05:54
⛅️ सर्यास्त - 07:22
⛅️ दिशाशूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ बरह्म मुहूर्त- प्रातः 04:29 से 05:12 तक
🔰चित्रं दृष्ट्वा पञ्चवाक्यानि रचयत।
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।

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हिन्दी में पढें


#chitram
🍃स्वगृहे पूज्यते मूर्खः स्वग्रामे पूज्यते प्रभुः। स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान सर्वत्र पूज्यते


एक बेवकूफ अपने ही घर में मनाया जाता है; एक स्वामी का अपने ही शहर में सम्मान किया जाता है; एक राजा को उसके ही देश में पूजा जाता है; एक विद्वान व्यक्ति को हर जगह सम्मानित किया जाता है।

An idiot is celebrated in his own home; a lord is respected in his own town: a king is worshipped in his own country: a learned man is honored everywhere.

🔅मूर्खस्य पूजनं स्वगृहे भवति न अन्यत्र, नगरस्वामिनः सम्मानं स्वग्रामे एव न अन्यत्र, नृपस्य पूजनीदिकं स्वदेशे एव न अन्यत्र परन्तु विद्वान् व्यक्तिः यः भवति तस्य पूजनं सर्वत्र भवति।

#Subhashitam
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यजावहे
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
🌷ओ३म्🌷

🌺 संस्कृत स्वयं शिक्षक 🌺 - श्रीपाद दामोदर सातवलेकर

पाठ ७

शब्दानि
कथय - कह । पश्य - देख । दर्शय - दिखा । अस्ति - वह है । अस्मि - मैं हूँ । असि - तू है । सत्य - सच्चाई । दयाम् - दया को । सन्ध्याम् - सन्ध्या को । आगच्छ - आ। ब्रूहि - बोल । शृणु - सुन । वद - कह । पश्य- देख । खाद - खा । उत्तिष्ठ - उठ । कर्म - काम, कार्य । पाठम् - पाठ को । श्रावय - सुना । पाठय - पढ़ा । आह्वय - बुला । खादय/आदय - खिला । उत्थापय/उन्नय - उठा । उत्खन/उन्मूलय - उखाड़ । उड्डायय/उत्पातय - उड़ा । अवतर/अवरोह - उतर । अवतारय/अवरोहय - उतार। रोहय/आरोहय - उगा, चढ़ा । वप - बीज बो । उपरिष्टात् - ऊपर से । नीचैः/अधः - नीचे ।

वाक्यानि

१. सत्यं ब्रूहि।
• सत्य बोल।

२. उद्यानं पश्य।
• बाग़ को देख।

३. दयां कुरु।
• दया कर।

४. सन्ध्यां कुरु।
• सन्ध्या कर।

५. सत्यकामः तत्र अस्ति।
• सत्यकाम वहाँ है।

६. हरिश्चंद्रः अत्र अस्ति।
• हरिश्चन्द्र यहाँ है।

७. अहम् अस्मि।
• मैं हूँ।

८. त्वम् असि।
• तू है।

९. सः अस्ति।
• वह है।

१०. विष्णुमित्रः कुत्र अस्ति।
• विष्णुमित्र कहाँ है?

११. पश्य सः तत्र अस्ति।
• देख वह वहाँ है।

१२. नहि सः तत्र नास्ति।
• नहीं वह वहाँ नहीं है।

१३. पुस्तकं दर्शय।
• पुस्तक दिखा।

१४. वेदवचनानि शृणु।
• वेद वचनों को सुन।

१५. अत्र आगच्छ कथां श्रावय च।
• यहाँ आ और कथा सुना।

१६. बालकं आह्वय पाठय च।
• बालक को बुला और पढ़ा।

१७. सेवफलम् उत्थापय खाद च।
• सेब उठा और खा।

१८. क्षुधार्तम् अपि खादय।
• भूखे को भी खिला।

१९. उत्तिष्ठ स्वकर्म कुरु।
• उठ अपना कार्य कर।

२०. तृणम् उत्खन/उन्मूलय।
• घास को उखाड़।

२१. खगः डयते/उड्डीयते/उत्पतति।
• पक्षी उड़ता है।

२२. वाताटम् उड्डायय/उत्पातय।
• पतंग उड़ा।

२३. पादपः रोहति।
• पौधा उगता है।

२४. सः वक्षं आरोहति।
• वह वृक्ष को चढ़ता है।

२५. वृक्षस्य उपरिष्टात् नीचैः अवतर/अवरोह।
• वृक्ष के ऊपर से नीचे उतर।

२६. अट्टात् मञ्जूषां अवतारय।
• अटारी से संदूक को उतार।

२७. उपरिष्टात् पेटिकां अधः अवरोहय।
• ऊपर से पेटी/बक्से को नीचे उतार।

२८. पादपं रोहय रोपय वा।
• पौधा उगा वा लगा।

२९. बालकं वृक्षं आरोहय।
• बालक को वृक्ष को चढ़ा।

३०. बीजानि वप।
• बीज बो।

©आर्य विजय चौहान #vakyabhyas
1) Husband and wife during their first wedding anniversary.
2) During their 25th wedding anniversary.

#hasya
🍃नान्यं गुणेभ्यः कर्तारं यदा द्रष्टानुपश्यति।
गुणेभ्यश्च परं वेत्ति मद्भावं सोऽधिगच्छति
।।14.19।।

♦️nanyan gunebhyah kartaran yada drastanupasyati.
gunebhyasca paraṅ vetti madbhavan sodhigacchati৷৷14.19৷৷

When the seer beholds no agent other than the Gunas and knows That which is higher than they, he attains to My Being.(14.19)

जब द्रष्टा (साधक) पुरुष तीनों गुणों के अतिरिक्त किसी अन्य को कर्ता नहीं देखता अर्थात् नहीं समझता है और तीनों गुणों से परे मेरे तत्व को जानता है तब वह मेरे स्वरूप को प्राप्त होता है।।14.19।।

#geeta
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@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.

यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा। 
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।। 

45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰जल्पनम्
🗓03rd june 2022, शुक्रवासरः

🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.

📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (सामान्याः वार्ताः कुर्मः) । चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।

वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु

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Live stream scheduled for
🍃गुणानेतानतीत्य त्रीन्देही देहसमुद्भवान्।
जन्ममृत्युजरादुःखैर्विमुक्तोऽमृतमश्नुते
।।14.20।।

♦️gunanetanatitya trindehi dehasamudbhavan.
janmamrtyujaraduhkhairvimuktomrtamasnute৷৷14.20৷৷

The embodied one having crossed beyond these three Gunas out of which the body is evolved, is freed from birth, death, decay and pain, and attains to immortality.(14.20)

यह देही पुरुष शरीर की उत्पत्ति के कारणरूप तीनों गुणों से अतीत होकर जन्म मृत्यु जरा और दुखों से विमुक्त हुआ अमृतत्व को प्राप्त होता है।।14.20।।

#geeta
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥 🚩यगाब्द - ५१२४
🌥 🚩विक्रम संवत - १९४४
🌥 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅️ 🚩तिथि - चतुर्थी रात्रि 02:41 तक तत्पश्चात पंचमी

⛅️ दिनांक - 03 जून 2022
⛅️ दिन - शुक्रवार
⛅️ अयन - उत्तरायण
⛅️ ऋतु - ग्रीष्म
⛅️ मास - ज्येष्ठ
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - पुनर्वसु शाम 07:05 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅️ योग - वृद्धि रात्रि 03:34 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅️ राहुकाल - सुबह 10:57 से दोपहर 12:38 तक
⛅️ सर्योदय - 05:54
⛅️ सर्यास्त - 07:22
⛅️ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
⛅️ बरह्म मुहूर्त- प्रातः 04:29 से 05:12 तक
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यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।

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🔰जल्पनम्
🗓03rd june 2022, शुक्रवासरः

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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (सामान्याः वार्ताः कुर्मः) । चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।

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