🍃
♦️rajastamascabhibhuya sattvaṅ bhavati bharata.
rajah sattvan tamascaiva tamah sattvan rajastatha৷৷14.10৷৷
⚜Now Sattva arises (prevails), O Arjuna, having overpowered Rajas and Tamas; nor Rajas, having overpowered Sattva and Tamas; and now Tamas, having overpowered Sattva and Rajas.(14.10)
⚜हे भारत कभी रज और तम को अभिभूत (दबा) करके सत्त्वगुण की वृद्धि होती है कभी रज और सत्त्व को दबाकर तमोगुण की वृद्धि होती है तो कभी तम और सत्त्व को अभिभूत कर रजोगुण की वृद्धि होती है।।14.10।।
#geeta
रजस्तमश्चाभिभूय सत्त्वं भवति भारत।
रजः सत्त्वं तमश्चैव तमः सत्त्वं रजस्तथा
।।14.10।।♦️rajastamascabhibhuya sattvaṅ bhavati bharata.
rajah sattvan tamascaiva tamah sattvan rajastatha৷৷14.10৷৷
⚜Now Sattva arises (prevails), O Arjuna, having overpowered Rajas and Tamas; nor Rajas, having overpowered Sattva and Tamas; and now Tamas, having overpowered Sattva and Rajas.(14.10)
⚜हे भारत कभी रज और तम को अभिभूत (दबा) करके सत्त्वगुण की वृद्धि होती है कभी रज और सत्त्व को दबाकर तमोगुण की वृद्धि होती है तो कभी तम और सत्त्व को अभिभूत कर रजोगुण की वृद्धि होती है।।14.10।।
#geeta
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द - ५१२४
🌥 🚩शक संवत - १९४४
🌥 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅️ 🚩तिथि - चतुर्दशी अपरान्ह 02:54 तक अमावस्या
⛅️ दिनांक - 29 मई 2022
⛅️ दिन - रविवार
⛅️ अयन - उत्तरायण
⛅️ ऋतु - ग्रीष्म
⛅️ मास - ज्येष्ठ
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - कृत्तिका पूर्ण रात्रि तक
⛅️ योग - अतिगण्ड रात्रि 10:54 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅️ राहुकाल - शाम 05:39 से 07:20 तक
⛅️ सर्योदय - 05:54
⛅️ सर्यास्त - 07:20
⛅️ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
⛅️ बरह्म मुहूर्त- प्रातः 04:30 से 05:12 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द - ५१२४
🌥 🚩शक संवत - १९४४
🌥 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅️ 🚩तिथि - चतुर्दशी अपरान्ह 02:54 तक अमावस्या
⛅️ दिनांक - 29 मई 2022
⛅️ दिन - रविवार
⛅️ अयन - उत्तरायण
⛅️ ऋतु - ग्रीष्म
⛅️ मास - ज्येष्ठ
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - कृत्तिका पूर्ण रात्रि तक
⛅️ योग - अतिगण्ड रात्रि 10:54 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅️ राहुकाल - शाम 05:39 से 07:20 तक
⛅️ सर्योदय - 05:54
⛅️ सर्यास्त - 07:20
⛅️ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
⛅️ बरह्म मुहूर्त- प्रातः 04:30 से 05:12 तक
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/ocOoRZe3080
https://youtu.be/ocOoRZe3080
YouTube
वार्ता: संस्कृत भाषा में मुख़्य समाचार
🔰चित्रं दृष्ट्वा पञ्चवाक्यानि रचयत।
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।
Read in English
हिन्दी में पढें
#chitram
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।
Read in English
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#chitram
level-3 https://www.adhyapanam.in/level-3
Samskrit Speaking Skill Development Program
Level 3 : Samskrit Reading and Writing Skills
Course details :
Specially designed for Samskrit Teachers (1 batch every three months).
Online classes in the evening for 3 months (Wednesday & Thursday).
Class time: 7:00- 8:00 PM
Self-study Period 49 lessons / 52 Videos / 14 hours of viewing time.
Clearing the doubts through WhatsApp chat.
Classes will be conducted in Samskrit.
Online examination through.
Assignment (Hand Written): 50 marks
Conversation mode : 50 marks
Learning Material:
Abhyasa-sarini / Practice Book (Grammar)
Videos
Online classes for 3 months (Wednesday & Thursday).
Who can join the course?
Samskrit Teachers who want to acquire 'Reading & Writing Skills in Samskrit'
Those who teach Samskrit
Those who teach other subjects in Samskrit
Students of Education (B.Ed & M.Ed) (Samskrit)
Those who work in Samskrit Institutions in management positions and those who have completed second level.
Course Fee:
Rs 3000/- (Rupees Three Thousand Only)
Participants need to adhere to the rules and regulations of the course.
90% attendance and submission of assignments is mandatory for course completion
To Enrol Click here
#SanskritEducation
Samskrit Speaking Skill Development Program
Level 3 : Samskrit Reading and Writing Skills
Course details :
Specially designed for Samskrit Teachers (1 batch every three months).
Online classes in the evening for 3 months (Wednesday & Thursday).
Class time: 7:00- 8:00 PM
Self-study Period 49 lessons / 52 Videos / 14 hours of viewing time.
Clearing the doubts through WhatsApp chat.
Classes will be conducted in Samskrit.
Online examination through.
Assignment (Hand Written): 50 marks
Conversation mode : 50 marks
Learning Material:
Abhyasa-sarini / Practice Book (Grammar)
Videos
Online classes for 3 months (Wednesday & Thursday).
Who can join the course?
Samskrit Teachers who want to acquire 'Reading & Writing Skills in Samskrit'
Those who teach Samskrit
Those who teach other subjects in Samskrit
Students of Education (B.Ed & M.Ed) (Samskrit)
Those who work in Samskrit Institutions in management positions and those who have completed second level.
Course Fee:
Rs 3000/- (Rupees Three Thousand Only)
Participants need to adhere to the rules and regulations of the course.
90% attendance and submission of assignments is mandatory for course completion
To Enrol Click here
#SanskritEducation
www.adhyapanam.in/level-3
Samskrit Reading and Writing Skill | Samskrita Sambhashanam | Adhyapanam
This is a custom-built course for Samskrit Teachers to improve the Samskrit Reading and Writing Skill.
🍃चित्ते प्रसन्ने भुवनं प्रसन्नं चित्ते विषण्णे भुवनं विषण्णम्।
अतोऽभिलाषो यदि ते सुखे स्यात् चित्तप्रसादे प्रथमं यतस्व॥
⚜मन प्रसन्न है तो सारा संसार सुखी है। मन दुखी है तो सारा संसार दुखी है। इसलिए यदि आप सुख चाहते हैं तो पहले मन को सुखी रखने का प्रयास करें।
🔅मनसः प्रसन्नताकारणेन सर्वत्र सुखम् अस्ति इति दृश्यते, मनसः दुःखकारणेन सर्वत्र दुःखं दृश्यते, अतः यदि सुखं वाञ्छति चेत् मनसः सौख्यं कल्पयतु।
#Subhashitam
अतोऽभिलाषो यदि ते सुखे स्यात् चित्तप्रसादे प्रथमं यतस्व॥
⚜मन प्रसन्न है तो सारा संसार सुखी है। मन दुखी है तो सारा संसार दुखी है। इसलिए यदि आप सुख चाहते हैं तो पहले मन को सुखी रखने का प्रयास करें।
🔅मनसः प्रसन्नताकारणेन सर्वत्र सुखम् अस्ति इति दृश्यते, मनसः दुःखकारणेन सर्वत्र दुःखं दृश्यते, अतः यदि सुखं वाञ्छति चेत् मनसः सौख्यं कल्पयतु।
#Subhashitam
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
पूर्व भाग 🌷ओ३म्🌷 🌺 संस्कृत स्वयं शिक्षक 🌺 - श्रीपाद दामोदर सातवलेकर पाठ ४ ख विभक्तयः अब कुछ विभक्तियों के रूप देते हैं, जिनको स्मरण करने से पाठकों की योग्यता बहुत बढ़ सकती है। संस्कृत में सात विभक्तियाँ होती हैं (यह हिन्दी में भी हैं)। 'देव' शब्द…
🌷ओ३म्🌷
🌺 संस्कृत स्वयं शिक्षक 🌺 - श्रीपाद दामोदर सातवलेकर
पाठ ५
नीचे लिखे हुए शब्द याद कीजिए -
नक्तम् - रात्रि में ।
नयति - वह ले जाता है।
नयसि - तू ले जाता है।
नयामि - मैं ले जाता हूँ।
नेष्यति - वह ले जाएगा।
नेष्यसि - तू ले जाएगा।
नेष्यामि - मैं ले जाऊँगा ।
सर्वम् - सब।
आनयति - वह लाता है।
आनयसि - तू लाता है।
आनयामि- मैं लाता हूँ।
आनेष्यति- वह लाएगा।
आनेष्यामि - मैं लाऊँगा ।
नवीनम् - नया।
पुराणम् - पुराना ।
वाक्यानि
1. सः फलं नयति-वह फल ले जाता है।
2. अहम् आम्रम् आनयामि - मैं आम लाता हूँ।
3. त्वम् अन्नम् आनेष्यसि किं - तू अन्न लाएगा क्या ?
4. अहं तत्र गमिष्यामि - मैं वहाँ जाऊँगा।
5. फलं च आनेष्यामि - और फल लाऊँगा।
6. त्वं श्वः कुत्र गन्तासि/गमिष्यसि - तू कल कहाँ जाएगा ?
7. त्वं कदा आगमिष्यसि - तू कब आएगा ?
शब्दाः
जलम् - जल । पुष्पम् - फूल। अपूपम् - पूड़ा। सूपम् - दाल । पुस्तकम् - पुस्तक । किमर्थम् - किसलिए । लेखनी– कलम। मसी - स्याही । मसीपात्रम् - दवात। वस्त्रम् - कपड़ा । उत्तरीयम् - दुपट्टा। व्यर्थम् - व्यर्थ ।
वाक्यानि
1. अहं जलम् आनयामि - मैं जल लाता हूँ।
2. त्वं पुष्पम् आनयसि - तू फूल लाता है।
3. सः वस्त्रं तत्र नयति - वह वस्त्र वहाँ ले जाता है।
4. सः सदा नगरं गच्छति, पुस्तकं च आनयति - वह हमेशा शहर जाता है और पुस्तक लाता है।
5. सः अद्य आगमिष्यति, वस्त्रं च नेष्यति - वह आज आएगा और कपड़ा ले जाएगा।
6. अहम् आम्रम् आनयामि - मैं आम लाता हूँ।
7. त्वम् अपूपम् आनयसि - तू पूड़ा लाता है।
8. सः उत्तरीयं नयति- वह दुपट्टा ले जाता है।
9. कदा सः मसीपात्रं पुस्तकं च तत्र नेष्यति?- वह दवात और पुस्तक वहाँ कब ले जाएगा?
10. सः सायं तत्र मसीपात्रं लेखनीं च नेष्यति - वह शाम को वहाँ दवात और कलम ले जाएगा।
11. त्वं रात्रौ हरिद्वारं गमिष्यसि किम् - तू रात्रि में हरिद्वार जाएगा क्या ?
12. नहि, अहं श्वः मध्याहे तत्र गन्तास्मि/गमिष्यामि - नहीं, मैं कल दोपहर को वहाँ जाऊँगा।
13. अहं गृहं गमिष्यामि सूपं च भक्षयिष्यामि - मैं घर जाऊँगा और दाल खाऊँगा ।
व्यवहारिक-धातवः
१. अनुमोदन/मण्डन करना
मण्ड् - मण्डयति
२. आलिङ्गन करना
श्लिष् - श्लिष्यति
आ + श्लिष् - आश्लिष्यति
३. आशा करना
आ + शंस् - आशंसते
४. आना
आ + गम् - आगच्छति
सम् + आ - समागच्छति
आ + या - आयाति
५. आज्ञा देना (अनुमोदन करना)
अनु + मन् - अनुमन्यते
६. आदेश देना
आ + दिश् - आदिशति
७. आक्रमण करना
अभि + द्रु - अभिद्रोग्धि
व्यवहारिक-शब्दाः
अँगोछा/तौलिया -> अंगप्रोक्षणम्, उपवस्त्रम्, अङ्गोक्षम्, गात्रमार्जनी
अचार -> उपदंशः
अँजली -> अञ्जलि: (स्त्री.)
अंकुरित -> अङ्कुराः
अंकोल -> अकोलः (पुँ.)
अंग -> अङ्गम् (नपुं.), अवयव:, प्रतीकः (नपुं.)
अंगूर -> द्राक्षाफलम् (नपुं.), मृद्वीका, स्वाद्बी (स्त्री.)
अंगूरपेंड़ > द्राक्षा, मृद्वीका वृक्षः
अंजीर -> अंजीर:, अंजीरम्
©आर्य विजय चौहान #vakyabhyas #sanskritlessons
🌺 संस्कृत स्वयं शिक्षक 🌺 - श्रीपाद दामोदर सातवलेकर
पाठ ५
नीचे लिखे हुए शब्द याद कीजिए -
नक्तम् - रात्रि में ।
नयति - वह ले जाता है।
नयसि - तू ले जाता है।
नयामि - मैं ले जाता हूँ।
नेष्यति - वह ले जाएगा।
नेष्यसि - तू ले जाएगा।
नेष्यामि - मैं ले जाऊँगा ।
सर्वम् - सब।
आनयति - वह लाता है।
आनयसि - तू लाता है।
आनयामि- मैं लाता हूँ।
आनेष्यति- वह लाएगा।
आनेष्यामि - मैं लाऊँगा ।
नवीनम् - नया।
पुराणम् - पुराना ।
वाक्यानि
1. सः फलं नयति-वह फल ले जाता है।
2. अहम् आम्रम् आनयामि - मैं आम लाता हूँ।
3. त्वम् अन्नम् आनेष्यसि किं - तू अन्न लाएगा क्या ?
4. अहं तत्र गमिष्यामि - मैं वहाँ जाऊँगा।
5. फलं च आनेष्यामि - और फल लाऊँगा।
6. त्वं श्वः कुत्र गन्तासि/गमिष्यसि - तू कल कहाँ जाएगा ?
7. त्वं कदा आगमिष्यसि - तू कब आएगा ?
शब्दाः
जलम् - जल । पुष्पम् - फूल। अपूपम् - पूड़ा। सूपम् - दाल । पुस्तकम् - पुस्तक । किमर्थम् - किसलिए । लेखनी– कलम। मसी - स्याही । मसीपात्रम् - दवात। वस्त्रम् - कपड़ा । उत्तरीयम् - दुपट्टा। व्यर्थम् - व्यर्थ ।
वाक्यानि
1. अहं जलम् आनयामि - मैं जल लाता हूँ।
2. त्वं पुष्पम् आनयसि - तू फूल लाता है।
3. सः वस्त्रं तत्र नयति - वह वस्त्र वहाँ ले जाता है।
4. सः सदा नगरं गच्छति, पुस्तकं च आनयति - वह हमेशा शहर जाता है और पुस्तक लाता है।
5. सः अद्य आगमिष्यति, वस्त्रं च नेष्यति - वह आज आएगा और कपड़ा ले जाएगा।
6. अहम् आम्रम् आनयामि - मैं आम लाता हूँ।
7. त्वम् अपूपम् आनयसि - तू पूड़ा लाता है।
8. सः उत्तरीयं नयति- वह दुपट्टा ले जाता है।
9. कदा सः मसीपात्रं पुस्तकं च तत्र नेष्यति?- वह दवात और पुस्तक वहाँ कब ले जाएगा?
10. सः सायं तत्र मसीपात्रं लेखनीं च नेष्यति - वह शाम को वहाँ दवात और कलम ले जाएगा।
11. त्वं रात्रौ हरिद्वारं गमिष्यसि किम् - तू रात्रि में हरिद्वार जाएगा क्या ?
12. नहि, अहं श्वः मध्याहे तत्र गन्तास्मि/गमिष्यामि - नहीं, मैं कल दोपहर को वहाँ जाऊँगा।
13. अहं गृहं गमिष्यामि सूपं च भक्षयिष्यामि - मैं घर जाऊँगा और दाल खाऊँगा ।
व्यवहारिक-धातवः
१. अनुमोदन/मण्डन करना
मण्ड् - मण्डयति
२. आलिङ्गन करना
श्लिष् - श्लिष्यति
आ + श्लिष् - आश्लिष्यति
३. आशा करना
आ + शंस् - आशंसते
४. आना
आ + गम् - आगच्छति
सम् + आ - समागच्छति
आ + या - आयाति
५. आज्ञा देना (अनुमोदन करना)
अनु + मन् - अनुमन्यते
६. आदेश देना
आ + दिश् - आदिशति
७. आक्रमण करना
अभि + द्रु - अभिद्रोग्धि
व्यवहारिक-शब्दाः
अँगोछा/तौलिया -> अंगप्रोक्षणम्, उपवस्त्रम्, अङ्गोक्षम्, गात्रमार्जनी
अचार -> उपदंशः
अँजली -> अञ्जलि: (स्त्री.)
अंकुरित -> अङ्कुराः
अंकोल -> अकोलः (पुँ.)
अंग -> अङ्गम् (नपुं.), अवयव:, प्रतीकः (नपुं.)
अंगूर -> द्राक्षाफलम् (नपुं.), मृद्वीका, स्वाद्बी (स्त्री.)
अंगूरपेंड़ > द्राक्षा, मृद्वीका वृक्षः
अंजीर -> अंजीर:, अंजीरम्
©आर्य विजय चौहान #vakyabhyas #sanskritlessons
🍃
♦️sarvadvaresu dehesminprakasa upajayate.
jnanan yada tada vidyadvivṛddhan sattvamityuta৷৷14.11৷৷
⚜When through every gate (sense) in this body, the wisdom-light shines, then it may be known that Sattva is predominant.(14.11)
⚜जब इस देह के द्वारों अर्थात् समस्त इन्द्रियों में ज्ञानरूप प्रकाश उत्पन्न होता है तब सत्त्वगुण को प्रवृद्ध हुआ जानो।।14.11।।
#geeta
सर्वद्वारेषु देहेऽस्मिन्प्रकाश उपजायते।
ज्ञानं यदा तदा विद्याद्विवृद्धं सत्त्वमित्युत
।।14.11।।♦️sarvadvaresu dehesminprakasa upajayate.
jnanan yada tada vidyadvivṛddhan sattvamityuta৷৷14.11৷৷
⚜When through every gate (sense) in this body, the wisdom-light shines, then it may be known that Sattva is predominant.(14.11)
⚜जब इस देह के द्वारों अर्थात् समस्त इन्द्रियों में ज्ञानरूप प्रकाश उत्पन्न होता है तब सत्त्वगुण को प्रवृद्ध हुआ जानो।।14.11।।
#geeta
🍃
♦️lobhah pravrttirarambhah karmanamasamah sprha.
rajasyetani jayante vivrddhe bharatarsabha৷৷14.12৷৷
⚜Greed, activity, the undertaking of actions, restlessness, longing these arise when Rajas is predominant, O Arjuna.(14.12)
⚜हे भरतश्रेष्ठ रजोगुण के प्रवृद्ध होने पर लोभ प्रवृत्ति (सामान्य चेष्टा) कर्मों का आरम्भ शम का अभाव तथा स्पृहा ये सब उत्पन्न होते हैं।।14.12।।
#geeta
लोभः प्रवृत्तिरारम्भः कर्मणामशमः स्पृहा।
रजस्येतानि जायन्ते विवृद्धे भरतर्षभ
।।14.12।।♦️lobhah pravrttirarambhah karmanamasamah sprha.
rajasyetani jayante vivrddhe bharatarsabha৷৷14.12৷৷
⚜Greed, activity, the undertaking of actions, restlessness, longing these arise when Rajas is predominant, O Arjuna.(14.12)
⚜हे भरतश्रेष्ठ रजोगुण के प्रवृद्ध होने पर लोभ प्रवृत्ति (सामान्य चेष्टा) कर्मों का आरम्भ शम का अभाव तथा स्पृहा ये सब उत्पन्न होते हैं।।14.12।।
#geeta
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द - ५१२४
🌥 🚩शक संवत - १९४४
🌥 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅️ 🚩तिथि - अमावस्या शाम 05:00 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅️ दिनांक - 30 मई 2022
⛅️ दिन - सोमवार
⛅️ अयन - उत्तरायण
⛅️ ऋतु - ग्रीष्म
⛅️ मास - ज्येष्ठ
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - कृत्तिका सुबह 07:12 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅️ योग - सुकर्मा रात्रि 11:39 तक तत्पश्चात धृति
⛅️ राहुकाल - सुबह 07:35 से 09:16 तक
⛅️ सर्योदय - 05:54
⛅️ सर्यास्त - 07:20
⛅️ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
⛅️ बरह्म मुहूर्त- प्रातः 04:30 से 05:12 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द - ५१२४
🌥 🚩शक संवत - १९४४
🌥 🚩विक्रम संवत - २०७९
⛅️ 🚩तिथि - अमावस्या शाम 05:00 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅️ दिनांक - 30 मई 2022
⛅️ दिन - सोमवार
⛅️ अयन - उत्तरायण
⛅️ ऋतु - ग्रीष्म
⛅️ मास - ज्येष्ठ
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - कृत्तिका सुबह 07:12 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅️ योग - सुकर्मा रात्रि 11:39 तक तत्पश्चात धृति
⛅️ राहुकाल - सुबह 07:35 से 09:16 तक
⛅️ सर्योदय - 05:54
⛅️ सर्यास्त - 07:20
⛅️ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
⛅️ बरह्म मुहूर्त- प्रातः 04:30 से 05:12 तक
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/qOvd-kXzz6g
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
YouTube
वार्ता: संस्कृत में समाचार | उपराष्ट्रपति आज से तीन देशों की यात्रा पर
🔰चित्रं दृष्ट्वा पञ्चवाक्यानि रचयत।
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।
Read in English
हिन्दी में पढें
#chitram
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।
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हिन्दी में पढें
#chitram