संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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श्रीमद्भगवद्गीता [13.09]
🍃इन्द्रियार्थेषु वैराग्यमनहङ्कार एव च।
जन्ममृत्युजराव्याधिदुःखदोषानुदर्शनम्
।।13.9।।

♦️indriyaartheShu vairaagyamanaha~Nkaara eva cha|
janmamRRityujaraavyaadhiduHkhadoShaanudarshanam

13.9 Indifference to the objects of the senses and also absence of egoism; perception of (or reflection on) the evil in birth, death, old age, sickness and pain.

।।13.9।। इन्द्रियों के विषय के प्रति वैराग्य अहंकार का अभाव जन्म मृत्यु वृद्धवस्था व्याधि और दुख में दोष दर्शन৷৷.।।

#geeta
🗓 11th,may, 2022 (Onwards)
🕡0630-0800 🇮🇳
Zoom - 2617616733
Pin - (1627)
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि

🌥 🚩यगाब्द-५१२४
🌥 🚩विक्रम संवत-२०७९
⛅️ 🚩तिथि - दशमी शाम 07:31 तक तत्पश्चात एकादशी

⛅️दिनांक 11 मई 2022
⛅️दिन - बुधवार
⛅️विक्रम संवत - 2079
⛅️शक संवत - 1944
⛅️अयन - उत्तरायण
⛅️ऋतु - ग्रीष्म
⛅️मास - वैशाख
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️नक्षत्र -पूर्वाफाल्गुनी शाम 07:28 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
⛅️योग - व्याघात रात्रि 07:25 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅️राहुकाल - दोपहर 12:36 से 02:15 तक
⛅️सर्योदय - 06:01
⛅️सर्यास्त - 07:12
⛅️दिशाशूल - उत्तर दिशा में
⛅️बरह्म मुहूर्त- प्रातः 04:34 से 05:17 तक
Forwarded from ॐ पीयूषः
https://youtu.be/zCDo0AHqYlc
Switch to DD News daily at 7:15 AM (Morning) for 15 minutes Sanskrit news.
Live stream scheduled for
🔰चित्रं दृष्ट्वा पञ्चवाक्यानि रचयत।
✍🏼सर्वे टिप्पणीसञ्चिकायां स्वोत्तराणि लेखितुं शक्नुवन्ति अथवा पुस्तिकायां लिखित्वा तस्य चित्रं स्वीकृत्य अपि प्रेषयितुं शक्नुवन्ति।
🗣सहैव तानि वाक्यानि उक्त्वा ध्वनिमाध्यमेन अपि प्रेषयत।

🔰 चित्र देखकर पांच वाक्य बनायें।
✍🏼आप कमेंट बॉक्स में टङ्कण कर सकते हैं या कॉपी पर लिखकर फोटो भी भेज सकते हैं।
🗣 साथ हि वें वाक्य बोलकर भी वाइस नोट भेजें।

🔰Make 5 sentences, Observing the attached image.
✍🏼You can type in the comment box or you can also send a photo by writing on the notebook.
🗣 Also, Send voice message by uttering those sentences.

#chitram
🍃पठन्ति चतुरो वेदान्, धर्मशास्त्राण्यनेकशः ।
आत्मानं नैव जानन्ति, दर्वीपाकरसं यथा

- चाणक्यनीतिः 15.12

They read all the four Vedas and many a dharmaśāstras (scriptures).
However, they do not know the Ātmā (Self), just as the ladle doesn't know the flavor of the food.

🔅ये जनाः सर्वान् वेदान् सर्वाणि शास्त्राणि पठितवन्तः परन्तु यदि स्वं न जानन्ति तेषां स्थितिः तादृशी भवति यथा दर्वी भोजने भूत्वा अपि तस्य रसं ज्ञातुं न शक्नोति।

#Subhashitam
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
संस्कृतं वद आधुनिको भव। वेदान् पठ वैज्ञानिको भव।। पाठ: (37) कृदन्त (4) निष्ठा प्रत्यय (क्त प्रत्यय भाव में। अकर्मक धातुओं से क्त प्रत्यय भाव में होता है। सकर्मक धातुओं में भी जब कर्म की अविवक्षा होती है, तब सकर्मक धातुओं से भी क्त प्रत्यय भाव में हो सकता…
क्तवतु प्रत्यय

(क्तवतु प्रत्यय भी निष्ठासंज्ञक है। इस प्रत्यय का प्रयोग भूतकाल कर्त्ताकारक में होता है। क्तवतु प्रत्ययान्त क्रिया के प्रयोग में कर्त्ता में प्रथमा विभक्ति तथा कर्म में द्वितीया विभक्ति का ही प्रयोग होता है। किन्तु क्रिया कर्त्ता के अनुसार चलती है। अर्थात् जो लिङ्ग वचन विभक्ति कर्त्ता में होती है वही लिङ्ग वचन विभक्ति क्रिया में भी होती है। क्तवतु प्रत्ययान्त शब्द भी क्रियारूप में तथा विशेषणरूप में दोनों ही तरह प्रयुक्त होते हैं।)

रामः ग्रामं गतवान
= राम गांव गया।

वृक्षात् वायुना पत्रं पतितम्
= हवा के कारण पेड़ से पत्ता गिरा।

क्रयार्थं महिला महाऽऽपणं गतवती
= खरीददारी के लिए महिला शॉपिंग-मॉल में गई।

अध्ययनार्थं बाल्यकाले कृष्णसुदामानौ सान्दीपनेर्मुनेराश्रमम् उषितवन्तौ
= पढ़ने के लिए बचपन में कृष्ण और सुदामा सांदीपनि मुनि के आश्रम में रहे।

भुक्तवान् भजेद् भगवन्तं न बुभुक्षितः
= खाली पेट भगवान का भजन नहीं होता।

सदाचाररहिता अधीतवन्तोऽपि अनधीता एव
= सदाचाररहित लोग पढ़े हुए भी अनपढ़ ही हैं।

पै्रषकरी भाण्डानि प्रक्षालितवती
= बाई ने बरतन साफ कर लिए।

अहं शिविरे मोक्षकरीं विद्यां अधीतवती
= मैंने शिविर में मोक्ष देनेवाली विद्या को पढ़ा।

क्रीडितवते पुत्राय माता अपूपान् दत्तवती
= खेल चुके बेटे को माता ने मालपूए दिए।

भुक्तवन्तं मा भोजय
= जो खा चुके उन्हें भोजन मत दो।

विश्रान्तवन्तः छात्राः कार्यार्थमागच्छेयुः
= विश्राम कर चुके छात्र काम करने के लिए आ जाएं।

धावितवत्सु छात्रेभ्यः जम्बीररसं प्राप्स्यते
= दौड़ लेने पर छात्रों को नींबू सरबत मिलेगा।

खादितवतां खादितवत्सु वा एको भोजनं परिवेषयेत्
= जिन्होंने भोजन कर लिया है, उनमें से एक भोजन बांटे।

दुग्धं दत्तवतीः तृणञ्च जग्धवतीः गावो दृष्ट्वा नचिकेता पितरमवोचत्
= जो दूध दे चुकी हैं, चारा खा चुकी हैं, ऐसी बूढी गायों को देखकर नचिकेता ने पिता को कहा।

गुरुकुलात् गृहमागतवतीं पुत्रीं दृष्ट्वा पितरौ मोदितवन्तौ
= गुरुकुल से घर आई हुई बच्ची को देखकर माता-पिता खुश हुए।

अल्पाहारं कृतवती शीतला पुनर् लेखनम् आरब्धवती
= अल्पाहार (नाश्ता) की हुई शीतल ने पुनः लेखन आरम्भ किया।

मुम्बईनगरं गतवती भागिनेयी मदर्थं शाटिकामानीतवती
= मुम्बई गई हुई भानजी मेरे लिए साड़ी लेकर आई।

मृतवतीं भगिनीं दृष्ट्वा मूलशंकरः स्तब्धः सञ्जातवान्
= मृत बहन को देखकर मूलशंकर स्तब्ध रह गया।

यावज्जीवो निवसति देहे कुशलं तावत्पृच्छति गेहे।
गतवति वायौ देहापाये भार्या बिभ्यति तस्मिन्काये।।
= जब तक जीव देहरूपी घर में रहता है तभी तक घर में हर कोई कुशलक्षेम पूछता है। देह नष्ट होने पर प्राणपखेरू उड़ जाते ही उस देह से जीवनसंगिनी भार्या भी भय मानने लगती है।

पौलस्त्यः कथमन्यदारहरणे दोषं न विज्ञातवान्,
रामेणापि कथं न हेमहारिणस्यासम्भवो लक्षितः।
अक्षैश्चापि युधिष्ठिरेण सहसा प्राप्तो ह्यनर्थः कथं,
प्रत्यासन्नविपत्तिमूढमनसां प्रायो मतिः क्षीयते।।
= रावण ने दूसरे की स्त्री का हरण करने में क्यों न बुराई समझी, राम ने भी सोने की हिरण की असम्भवता क्यों न समझी, युधिष्ठिर ने भी जुआ खेलकर अकस्मात् वनवास रूप अनर्थ क्यों पाया, (भविष्य में) शीघ्र आनेवाली विपत्तियों केे कारण जिनका मन भ्रान्त हो गया है ऐसे पुरुषों की बुद्धि प्रायः नष्ट हो जाती है।

#vakyabhyas
@samskrt_samvadah प्रारंभ करता है, संस्कृताश्रमः - संस्कृतशिक्षण की लघु कक्षाऐं

20 मिनट
🕚 09:00 PM 🇮🇳
🔰लिङ्लकारः
🗓11th मई 2022, बुधवासरः

🔴 कक्षाओं की प्रति हमारे युट्युब चैनल पर डाली जायेगी
कृपया अलार्म लगा लें और विलंब से न आयें।

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Job interview in future.
Interviewer - When did you pass Engineering ?
Candidate - Corona affected year, 2021.
Interviewer - Okay. Stay at home and stay safe.

#hasya