🍃
(हितोपदेशे)
⚜Full of enthusiasm, absence of delaying tactics, knowledge related to the undertaken work, unconcerned about failures, bold, grateful nature, steadiness in friendship - to people who are endowed with these qualities, Goddess Lakshmi comes on her own accord due to favourable conditions to stay on.
🔅यः उत्साहेन सम्पन्नः भवति, कार्ये विलम्बं न करोति, यत् कार्यं करोति तस्य ज्ञानमपि धरति, असफलताविषये ध्यानं न ददाति, निर्भीकः भवति, अन्यकृतम् उपकारं न विस्मरति, सर्वदा मैत्रीं पालयति, एतादृशं जनं श्रेष्ठनिवासकारणात् लक्ष्मीः कदापि न जहाति(त्यजति) ।
#Subhashitam
उत्साहसम्पन्नमदीर्घसूत्रं क्रियाविधिज्ञं व्यसनेष्वसक्तम्।
शूरं कृतज्ञं दृढसौहृदं च लक्ष्मीः स्वयं याति निवासहेतोः
॥(हितोपदेशे)
⚜Full of enthusiasm, absence of delaying tactics, knowledge related to the undertaken work, unconcerned about failures, bold, grateful nature, steadiness in friendship - to people who are endowed with these qualities, Goddess Lakshmi comes on her own accord due to favourable conditions to stay on.
🔅यः उत्साहेन सम्पन्नः भवति, कार्ये विलम्बं न करोति, यत् कार्यं करोति तस्य ज्ञानमपि धरति, असफलताविषये ध्यानं न ददाति, निर्भीकः भवति, अन्यकृतम् उपकारं न विस्मरति, सर्वदा मैत्रीं पालयति, एतादृशं जनं श्रेष्ठनिवासकारणात् लक्ष्मीः कदापि न जहाति(त्यजति) ।
#Subhashitam
पितामहः भीष्मः _______ ________ वर्तते।
Anonymous Quiz
16%
बाणात् , छिन्नः
50%
बाणैः, छिन्नः
25%
बाणेभ्यः, छिन्दन्
9%
बाणैः, छिनत्ति
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
संस्कृतं वद आधुनिको भव। वेदान् पठ वैज्ञानिको भव।। पाठ: (36) कृदन्त (3) निष्ठा प्रत्यय (क्त प्रत्यय कर्तृवाच्य विशेषणरूप प्रयोग) बाला महाविद्यालयं गता = बालिका कॉलेज गई। महाविद्यालयं गतां बालिकां माता सप्ताहात् प्रतीक्षते, साऽधुनापि न प्रत्यावर्तिता =…
महत्यामपि घनावल्यां देवो न वृष्टः
= बहुत सारे काले बादलों के होने पर भी बारिश नहीं हुई।
अवृष्टे देवे सर्वे व्यापाराः निष्क्रियप्रायाः सञ्जाताः
= वर्षा के अभाव में सभी व्यापारों में मन्दी छा गई।
प्रदूषणकारणाद् अद्यत्वे घर्मः प्रवृद्धः
= प्रदूषण के कारण आज-कल गर्मी बढ़ गई है।
प्रवृद्धेन घर्मेण जना अत्यन्तं त्रस्ताः सन्ति
= बढी हुई गर्मी के कारण लोग अत्यन्त त्रस्त हैं।
पुरा काले ऋषय ईश्वरमुपासिताः
= प्राचीनकाल में ऋषियों ने ईश्वर की उपासना की।
सः तान् उपासितान् ऋषीन् कृतकृत्यानकरोत्
= उसने उन उपासना किए हुए ऋषियों को कृतकृत्य कर दिया।
कुक्कुराणामनुधावनात् भीतो बालोऽपि धावितः
= कुत्तों के पीछे पड़ने से डरा हुआ बच्चा भी भागा।
अतिरभसेन धावितो बालः पाषाणेनाऽऽहत
= हड़बड़ी से भागते बच्चे को पत्थर के कारण ठेस लग गई।
मासद्वयानन्तरं पितरौ दृष्ट्वा छात्रावासे बालिका प्रकोष्ठात् धावित्वा आगता
= होस्टल में दो महिने बाद माता-पिता को देखकर बालिका कमरे से दौड़कर आई।
धावित्वा आगतायाः बालिकायाः प्रसन्नतां दृष्ट्वा पितरौ आर्द्राक्षौ सञ्जातौ
= दौड़कर आई हुई बच्ची की प्रसन्नता को देखकर माता-पिता की आंखे गीली हुईं।
वायुना शोधितानि वस्त्राणि उड्डितानि
= हवा के कारण सुखाए हुए कपड़े उड़ गए।
उड्डितानि तानि वस्त्राणि इतस्ततः भूमौ पतितानि
= उड़े हुए वे कपड़े जहां-तहां भूमि पर गिर गए।
रात्रौ वृष्टिना पद्यायां शायिताः अनिकेताः जनाः क्लिन्नाः
= रात वर्षा के कारण फुटपाथ पर सोए हुए बेघर लोग भीग गए।
तेषु क्लिन्नेषु जनेषु केचन तारवायुना मृताः
= उन भीगे हुओं में से कुछ लोग सनसनाती हवा के कारण मर गए।
तारजाले संलग्नं वस्त्रम् उत्पटितम्
= तार की जाली में उलझा हुआ कपड़ा फट गया।
पश्चात् तदुत्पटितं वस्त्रं मात्रा सूचिकया स्यूतम्
= बाद में वह फटा हुआ कपड़ा मां ने सुई द्वारा सिल दिया।
हस्तात् स्रस्तं काचपात्रं त्रुटितम्
= हाथ से गिरा हुआ काचपात्र टूट गया।
त्रुटितस्य काचपात्रस्य लघुना शकलेन मम पादः विद्धः
= टूटे हुए कांचपात्र के छोटे टुकड़े से मेरा पैर घायल हुआ।
अग्निना सर्वं गृहं ज्वलितम्
= आग से पूरा घर जल गया।
ज्वलितं गृहं पातयित्वा तत्रैव नूतनम् निर्मितम्
= जले हुए घर को गिरा कर वहीं पर नया घर बना दिया।
निर्धनं पुरुषं वेश्या प्रजा भग्नं नृपं त्यजेत्।
खगा वीतफलं वृक्षं भुक्त्वा चाऽभ्यागता गृहम्।।
= वेश्या निर्धन मनुष्य को, प्रजा पराजित राजा को, पक्षी फलरहित पेड़ को और अतिथि भोजन करके घर को छोड़ देते हैं।
#vakyabhyas
= बहुत सारे काले बादलों के होने पर भी बारिश नहीं हुई।
अवृष्टे देवे सर्वे व्यापाराः निष्क्रियप्रायाः सञ्जाताः
= वर्षा के अभाव में सभी व्यापारों में मन्दी छा गई।
प्रदूषणकारणाद् अद्यत्वे घर्मः प्रवृद्धः
= प्रदूषण के कारण आज-कल गर्मी बढ़ गई है।
प्रवृद्धेन घर्मेण जना अत्यन्तं त्रस्ताः सन्ति
= बढी हुई गर्मी के कारण लोग अत्यन्त त्रस्त हैं।
पुरा काले ऋषय ईश्वरमुपासिताः
= प्राचीनकाल में ऋषियों ने ईश्वर की उपासना की।
सः तान् उपासितान् ऋषीन् कृतकृत्यानकरोत्
= उसने उन उपासना किए हुए ऋषियों को कृतकृत्य कर दिया।
कुक्कुराणामनुधावनात् भीतो बालोऽपि धावितः
= कुत्तों के पीछे पड़ने से डरा हुआ बच्चा भी भागा।
अतिरभसेन धावितो बालः पाषाणेनाऽऽहत
= हड़बड़ी से भागते बच्चे को पत्थर के कारण ठेस लग गई।
मासद्वयानन्तरं पितरौ दृष्ट्वा छात्रावासे बालिका प्रकोष्ठात् धावित्वा आगता
= होस्टल में दो महिने बाद माता-पिता को देखकर बालिका कमरे से दौड़कर आई।
धावित्वा आगतायाः बालिकायाः प्रसन्नतां दृष्ट्वा पितरौ आर्द्राक्षौ सञ्जातौ
= दौड़कर आई हुई बच्ची की प्रसन्नता को देखकर माता-पिता की आंखे गीली हुईं।
वायुना शोधितानि वस्त्राणि उड्डितानि
= हवा के कारण सुखाए हुए कपड़े उड़ गए।
उड्डितानि तानि वस्त्राणि इतस्ततः भूमौ पतितानि
= उड़े हुए वे कपड़े जहां-तहां भूमि पर गिर गए।
रात्रौ वृष्टिना पद्यायां शायिताः अनिकेताः जनाः क्लिन्नाः
= रात वर्षा के कारण फुटपाथ पर सोए हुए बेघर लोग भीग गए।
तेषु क्लिन्नेषु जनेषु केचन तारवायुना मृताः
= उन भीगे हुओं में से कुछ लोग सनसनाती हवा के कारण मर गए।
तारजाले संलग्नं वस्त्रम् उत्पटितम्
= तार की जाली में उलझा हुआ कपड़ा फट गया।
पश्चात् तदुत्पटितं वस्त्रं मात्रा सूचिकया स्यूतम्
= बाद में वह फटा हुआ कपड़ा मां ने सुई द्वारा सिल दिया।
हस्तात् स्रस्तं काचपात्रं त्रुटितम्
= हाथ से गिरा हुआ काचपात्र टूट गया।
त्रुटितस्य काचपात्रस्य लघुना शकलेन मम पादः विद्धः
= टूटे हुए कांचपात्र के छोटे टुकड़े से मेरा पैर घायल हुआ।
अग्निना सर्वं गृहं ज्वलितम्
= आग से पूरा घर जल गया।
ज्वलितं गृहं पातयित्वा तत्रैव नूतनम् निर्मितम्
= जले हुए घर को गिरा कर वहीं पर नया घर बना दिया।
निर्धनं पुरुषं वेश्या प्रजा भग्नं नृपं त्यजेत्।
खगा वीतफलं वृक्षं भुक्त्वा चाऽभ्यागता गृहम्।।
= वेश्या निर्धन मनुष्य को, प्रजा पराजित राजा को, पक्षी फलरहित पेड़ को और अतिथि भोजन करके घर को छोड़ देते हैं।
#vakyabhyas
@samskrt_samvadah प्रारंभ करता है, संस्कृताश्रमः - संस्कृतशिक्षण की लघु कक्षाऐं
⏳20 मिनट
🕚 09:00 PM 🇮🇳
🔰भविष्यकालः (अभ्यासः)
🗓06th मई 2022, शुक्रवासरः
🔴 कक्षाओं की प्रति हमारे युट्युब चैनल पर डाली जायेगी
कृपया अलार्म लगा लें और विलंब से न आयें।
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
⏳20 मिनट
🕚 09:00 PM 🇮🇳
🔰भविष्यकालः (अभ्यासः)
🗓06th मई 2022, शुक्रवासरः
🔴 कक्षाओं की प्रति हमारे युट्युब चैनल पर डाली जायेगी
कृपया अलार्म लगा लें और विलंब से न आयें।
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
Wife - Now you are married no ? Why don't you ask for a salary hike ?
Husband - I have already asked for it. But they denied it telling that they are not responsible for accidents, outside the office.
#hasya
Husband - I have already asked for it. But they denied it telling that they are not responsible for accidents, outside the office.
#hasya
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰संस्कृतकथा,सुभाषितम्, हास्यकणिका इत्यादयः
🗓07th may 2022, शनिवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं ,प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) । चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳45 निमेषाः
🕚 IST 11:00 AM
🔰संस्कृतकथा,सुभाषितम्, हास्यकणिका इत्यादयः
🗓07th may 2022, शनिवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं ,प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) । चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼
https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
🍃
♦️ye tu dharmyaamRRitamidaM yathoktaM paryupaasate|
shraddadhaanaa matparamaa bhaktaaste'tiiva me priyaaH
⚜But those devotees who have faith and sincerely try to develop the above mentioned immortal virtues, and set Me as their supreme goal; are very dear to Me. (12.20)
⚜जो भक्त श्रद्धावान् तथा मुझे ही परम लक्ष्य समझने वाले हैं और इस यथोक्त धर्ममय अमृत का अर्थात् धर्ममय जीवन का पालन करते हैं वे मुझे अतिशय प्रिय हैं।।12.20।।
#geeta
ये तु धर्म्यामृतमिदं यथोक्तं पर्युपासते।
श्रद्दधाना मत्परमा भक्तास्तेऽतीव मे प्रियाः
।।12.20।।♦️ye tu dharmyaamRRitamidaM yathoktaM paryupaasate|
shraddadhaanaa matparamaa bhaktaaste'tiiva me priyaaH
⚜But those devotees who have faith and sincerely try to develop the above mentioned immortal virtues, and set Me as their supreme goal; are very dear to Me. (12.20)
⚜जो भक्त श्रद्धावान् तथा मुझे ही परम लक्ष्य समझने वाले हैं और इस यथोक्त धर्ममय अमृत का अर्थात् धर्ममय जीवन का पालन करते हैं वे मुझे अतिशय प्रिय हैं।।12.20।।
#geeta
🍃
♦️arjuna uvaacha
prakRRitiM puruShaM chaiva kShetraM kShetraj~nameva cha|
etadveditumichChaami j~naanaM j~neyaM cha keshava
⚜Arjuna said -
I wish to learn about Nature (matter) and the Spirit (soul), the field and the knower of the field, knowledge and that which ought to be known, O Kesava. (13.1)
⚜अर्जुन ने कहा --
हे केशव मैं प्रकृति और पुरुष क्षेत्र और क्षेत्रज्ञ तथा ज्ञान और ज्ञेय को जानना चाहता हूँ।।13.1।।
#geeta
अर्जुन उवाच
प्रकृतिं पुरुषं चैव क्षेत्रं क्षेत्रज्ञमेव च।
एतद्वेदितुमिच्छामि ज्ञानं ज्ञेयं च केशव
।।13.1।।♦️arjuna uvaacha
prakRRitiM puruShaM chaiva kShetraM kShetraj~nameva cha|
etadveditumichChaami j~naanaM j~neyaM cha keshava
⚜Arjuna said -
I wish to learn about Nature (matter) and the Spirit (soul), the field and the knower of the field, knowledge and that which ought to be known, O Kesava. (13.1)
⚜अर्जुन ने कहा --
हे केशव मैं प्रकृति और पुरुष क्षेत्र और क्षेत्रज्ञ तथा ज्ञान और ज्ञेय को जानना चाहता हूँ।।13.1।।
#geeta
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२४
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७९
⛅ 🚩तिथि - षष्टी अपरान्ह 02:56 बजे तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅दिनांक 07 मई 2022
⛅दिन - शनिवार
⛅विक्रम संवत - 2079
⛅शक संवत - 1944
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - वैशाख
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - पुनर्वसु दोपहर 12:18 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅योग - शूल रात्रि 07:59 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅राहुकाल - सुबह 09:20 से 10:58 तक
⛅सूर्योदय - 06:03
⛅सूर्यास्त - 07:10
⛅दिशाशूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:36 से 05:19 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२४
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७९
⛅ 🚩तिथि - षष्टी अपरान्ह 02:56 बजे तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅दिनांक 07 मई 2022
⛅दिन - शनिवार
⛅विक्रम संवत - 2079
⛅शक संवत - 1944
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - वैशाख
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - पुनर्वसु दोपहर 12:18 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅योग - शूल रात्रि 07:59 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅राहुकाल - सुबह 09:20 से 10:58 तक
⛅सूर्योदय - 06:03
⛅सूर्यास्त - 07:10
⛅दिशाशूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:36 से 05:19 तक