संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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🙏 *2.4.21 वेदवाणी* 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌷

कथा सबाधः शशमानो अस्य नशदभि द्रविणं दीध्यानः।
देवो भुवन्नवेदा म ऋतानां नमो जगृभ्वाँ अभि यज्जुजोषत्॥ ऋग्वेद ४-२३-४॥🙏🌷

प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भी जो उस परमेश्वर की आराधना में आनंद लेता है। वह परमेश्वर की कृपा का पात्र होता है। हे परमेश्वर ! मेरी भी सत्य आराधना को स्वीकार करो।🙏🌷

One who takes pleasure in worshiping that God, even in the face of adverse circumstances. He deserves the grace of God. O God ! Accept my true worship as well. (Rig Veda 4 -23-4)🙏🌷#vedgsawan🙏🌷
🙏 *3.4.21 वेदवाणी* 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा, ऑडियो रिकॉर्डिंग सुकांत आर्य द्वारा🙏💐

कथा कदस्या उषसो व्युष्टौ देवो मर्तस्य सख्यं जुजोष।
कथा कदस्य सख्यं सखिभ्यो ये अस्मिन्कामं सुयुजं ततस्रे॥ ऋग्वेद ४-२३-५॥🙏💐

उषाकाल के उदय होने पर किस प्रकार नश्वर मनुष्यों को इंद्र की मित्रता प्राप्त होगी ? कब और कैसे इंद्र की मित्रता उनके पास पहुंचेगी जो उससे प्रगाढ़ स्नेह करते हैं ? इसका मार्ग खोजने की आवश्यकता है।🙏💐

How will mortal humans get Indra's friendship with the emergence of dawn ? When and how will Indra's friendship reach to those who are deeply affectionate to Him ? There is a need to find its way. (Rig Veda 4-23-5)🙏💐#vedgsawan🙏💐
🙏 *8.4.21 वेदवाणी* 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🏵️

अहं भूमिमददामार्यायाहं वृष्टिं दाशुषे मर्त्याय।
अहमपो अनयं वावशाना मम देवासो अनु केतमायन्॥ ऋग्वेद ४-२६-२॥🙏🏵️

मैं (परमेश्वर) सृष्टि का निर्माता हूं। मैंने ही इस संसार को धारण किया हुआ है। अग्नि, वायु, सूर्य आदि सभी देव मेरी व्यवस्था के अनुरूप जीव हित के लिए अपने-अपने कार्य कर रहे हैं। इस भूमि पर वह आर्य राज करेगा, जिसका गुण और स्वभाव दूसरों के हित करने वाला होगा। मैं सुख की वृष्टि उस मनुष्य पर करता हूं, जो मेरे नियमों का पालन करता है।🙏🏵️

I (God) am the creator of the universe. I am the upholder of this world. All the Devtas like Agni, Vayu, Surya, etc. do their work for the benefit of the living beings according to my law. The one having virtues and nature to work in the benefit of others will rule this land. I shower happiness on a person who obeys my laws. (Rig Veda 4-26 -2)🙏🏵️#vedgsawan🙏🏵️
🙏 11.4.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा, 🙏🌹

न घा स मामप जोषं जभाराभीमास त्वक्षसा वीर्येण।
ईर्मा पुरंधिरजहादरातीरुत वाताँ अतरच्छूशुवानः॥ ऋग्वेद ४-२७-२॥🙏🌹

प्रकृति मुझ जीवात्मा को सदैव नहीं रोक पाएगी। परमेश्वर ने जो सैकड़ों स्वर्ण की दीवारें बना रखी हैं, जिसमें मैं कैद हूं, मैं परमेश्वर की कृपा से अपनी इन विषमताओं पर विजय प्राप्त करके एक बाज़ की तरह उड़ जाऊंगा और मुक्ति को प्राप्त करूंगा।🙏🌹

Nature will not always be able to hold me(soul). I am imprisoned in hundreds of golden walls built by the God. By the grace of God, I will overcome these adversaries and fly away like a falcon and achieve the salvation. (Rig Veda 4-27-2)🙏🌹#vedgsawan🙏🌹
🙏 *12.4.21 वेदवाणी* 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा, ऑडियो रिकॉर्डिंग सुकांत आर्य द्वारा🙏🌺

अहन्निन्द्रो अदहदग्निरिन्दो पुरा दस्यून्मध्यंदिनादभीके।
दुर्गे दुरोणे क्रत्वा न यातां पुरू सहस्रा शर्वा नि बर्हीत्॥ ऋग्वेद ४-२८-३॥🙏🌺

राजा को सूर्य के सदृश्य होना चाहिए। जैसे सूर्य दोपहर को तपाता है। उसी प्रकार राजा को दुष्टों को कष्ट देकर तपाना चाहिए। राजा को हजारों हिंसक कार्यों द्वारा अपराधियों का नाश करना चाहिए।🙏🌺

The king should be like the sun. As the sun burn off in the noon. In the same way, the king should burns off the wicked by suffering. The king must destroy criminals by thousands of violent acts. (Rig Veda 4–28–3)🙏🌺#vedgsawan🙏🌺
🙏 16.4.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा,🙏🌷

उत शुष्णस्य धृष्णुया प्र मृक्षो अभि वेदनम्।
पुरो यदस्य सम्पिणक्॥ ऋग्वेद ३-३०-१३॥🙏🌷

हे राजन् ! लोगों का शोषण करने वाले शत्रुओं के सुदृढ़ दुर्गों को तुम धराशायी कर दो। उनके धन कोषों को अपने अधिकार में ले लो। उनको बलहीन कर दो। उस धनकोष का उपयोग जनहित में करो।🙏🌷

O Ruler ! You should destroy the strong fortifications of the enemies who exploit people.Take their wealth in your possession. Make them powerless. Utilise that wealth in the public interest. (Rig Veda 4-30 -13)🙏🌷#vedgsawan🙏🌷
🙏 17.4.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा,🙏💐

उत दासस्य वर्चिनः सहस्राणि शतावधीः।
अधि पञ्च प्रधीँरिव॥ ऋग्वेद ४-३०-१५॥🙏💐

हे शासक ! आप समाज में उपस्थित हजारों दुष्टों का नाश करो। आप उन दुष्टों का भी नाश करो जो आपके साथ पहिऐं की धुरी में जुड़े पांच अरों की तरह जुड़े हुए हैं। आप श्रेष्ठ मनुष्यों का सत्कार करो।🙏💐

O ruler ! Destroy thousands of evildoers present in society. You should also destroy the demons who are surrounding you like the five spokes attached to the wheel axle.You should respect good human beings. (Rig Veda 4-30 -15)🙏💐#vedgsawan🙏💐
🙏 18.4.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌹

अनु द्वा जहिता नयोऽन्धं श्रोणं च वृत्रहन्।
न तत्ते सुम्नमष्टवे॥ ऋग्वेद ४-३०-१९॥🙏🌹

उस शासक का सुख कभी समाप्त नहीं होता जो अंधे और अपगों का ध्यान रखता है। शासक को समाज में ऐसे लोगों का सम्मान सुनिश्चित करना चाहिए।🙏🌹

The happiness of the ruler who cares for the blind and the handicapped never ends. The ruler has to ensure respect of such people in the society. (Rig Veda 4-30 -19)🙏🌹#vedgsawan🙏🌹
🙏 *19.4.21 वेदवाणी* 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌺

स घेदुतासि वृत्रहन्समान इन्द्र गोपतिः।
यस्ता विश्वानि चिच्युषे॥ ऋग्वेद ४-३०-२२॥🙏🌺

एक शासक को सूर्य के समान सभी के साथ न्यायोचित व्यवहार करना चाहिए। कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। जिस प्रकार सूर्य काले बादलों का नाश करता है, उसी प्रकार दुष्ट व्यक्तियों का नाश भी करना चाहिए।🙏🌺

A ruler should treat all in a justified manner like Sun There should be no discrimination. Just as the sun destroys dark clouds, a ruler should destroy evil forces. (Rig Veda 4-30-22)🙏🌺
#vedgsawan🙏🌺
🙏 27.4.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌸

द्वादश द्यून्यदगोह्यस्यातिथ्ये रणन्नृभवः ससन्तः।
सुक्षेत्राकृण्वन्ननयन्त सिन्धून्धन्वातिष्ठन्नोषधीर्निम्नमापः॥ ऋग्वेद ४-३३-७॥🙏🌸

सूर्य से बारह मासों का निर्माण होता है। सूर्य से जलों का निर्माण होता है, जो नदियों में बह कर खाद्यान्न और समृद्धि प्रदान करते हैं। उसी प्रकार जो अज्ञानी अंधकार में सो रहे हैं, उन्हें विद्वान् जन जगाएं और उत्तम शिक्षा प्रदान करके उन्हें समाज की समृद्धि में लगाएं।🙏🌸

Twelve months are formed by the Sun. Water is created by the sun, which flows in the rivers and provides food and prosperity to people. Similarly, scholars should awaken the ignorant people who are sleeping in darkness and provide them with knowledge for the prosperity of the society. (Rig Veda 4-33-7)🙏🌸#vedgsawan🙏🌸


🙏 28.4.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌼

ऋभुर्विभ्वा वाज इन्द्रो नो अच्छेमं यज्ञं रत्नधेयोप यात।
इदा हि वो धिषणा देव्यह्नामधात्पीतिं सं मदा अग्मता वः॥ ऋग्वेद ४-३४-१॥🙏🌼

हे मनुष्य ! जीवन को उत्तम बनाने के लिए तुम्हें ऋभु (ज्ञानवान्), विभ्वा (दूसरों का हित करने वाला), वाज (बलशाली) और इन्द्र (इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करने वाला) बनना चाहिए। जिससे तुम्हें जीवन का वास्तविक आनंद प्राप्त होगा।🙏🌼

O Man ! To make life perfect you should be Ribhu (knowledgeable)Vibhava (one who works in the interest of others), Vaja (powerful) and Indra (conqueror of the Indriyan). By which you will get the real bliss of life. (Rig Veda 4–34–1)🙏🌼#vedgsawan🙏🌼
🙏 2.5.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌹

प्रातः सुतमपिबो हर्यश्व माध्यंदिनं सवनं केवलं ते।
समृभुभिः पिबस्व रत्नधेभिः सखीँर्याँ इन्द्र चकृषे सुकृत्या॥ ऋग्वेद ४-३५-७॥🙏🌹

जो मनुष्य प्रातःकाल, मध्यकाल और सायंकाल उत्तम कर्म करता है। वह भाग्यशाली होता है। वह विद्वानों का मित्र बन जाता है।🙏🌹

A person who does good work in the morning, midday and evening. He is lucky. He becomes a friend of scholars. (Rig Veda 4–35–7)🙏🌹#vedgsawan🙏🌹
🙏 5.5.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🏵️

उप नो वाजा अध्वरमृभुक्षा देवा यात पथिभिर्देवयानैः।
यथा यज्ञं मनुषो विक्ष्वासु दधिध्वे रण्वाः सुदिनेष्वह्नाम्॥ ऋग्वेद ४-३७-१॥🙏🏵️

हे विज्ञान के विद्वानों ! आप देवयान मार्ग से हमारे पास आओ, आप हमारे दोषरहित अहिंसक यज्ञों को सफल बनाओ, जिससे सभी मनुष्यों का हित हो।🙏🏵️

O scholars of science ! You come to us by the path of divinity. You make our flawless, non-violent Yajana successful so that all human beings are benefited. (Rig Veda 4–37–1)🙏🏵️ #vedgsawan 🙏🏵️


🙏 4.5.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌸

स वाज्यर्वा स ऋषिर्वचस्यया स शूरो अस्ता पृतनासु दुष्टरः।
स रायस्पोषं स सुवीर्यं दधे यं वाजो विभ्वाँ ऋभवो यमाविषुः॥ ऋग्वेद ४-३६-६॥🙏🌸

जिस मनुष्य को माता -पिता और विद्वान आचार्यों का आशीर्वाद और संरक्षण प्राप्त होता है। वह ज्ञानी होता है। वह बलवान होता है। उसको युद्ध में कोई पराजित नहीं कर सकता। वह पराक्रमी और धनवान होता है।🙏🌸

The person who has the blessings and patronage of parents and learned teachers. He is knowledgeable. He is powerful. No one can defeat him in battle. He is a hero and rich in wealth. (Rig Veda 4–36–6)🙏🌸#vedgsawan🙏🌸
🙏 6.5.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा, ऑडियो रिकॉर्डिंग सुकांत आर्य द्वारा🙏🌼

*यं सीमनु प्रवतेव द्रवन्तं विश्वः पूरुर्मदति हर्षमाणः।*
*पड्भिर्गृध्यन्तं मेधयुं न शूरं रथतुरं वातमिव ध्रजन्तम्॥ ऋग्वेद ४-३८-३॥*🙏🌼

जिस प्रकार जल निचले स्थानों की ओर सभी तरफ से तेज गति से दौड़ता है। उसी प्रकार शूरवीर जब तेज गति से राष्ट्र के शत्रुओं की ओर चारों तरफ से उनका नाश करने के लिए दौड़ते हैं। तो सभी मनुष्य आनंदित होते हैं।🙏🌼

Just as water rushes towards lower places from all directions at a high speed. In the same way, when the warriors run at a fast speed towards the enemies of the nation to destroy them from all sides, people become happy. (Rig Veda 4–38 –3)🙏🌼#vedgsawan🙏🌼
🙏 *7.5.21 वेदवाणी* 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌻

*आशुं दधिक्रां तमु नु ष्टवाम दिवस्पृथिव्या उत चर्किराम।*
*उच्छन्तीर्मामुषसः सूदयन्त्वति विश्वानि दुरितानि पर्षन्॥ ऋग्वेद ४-३९-१॥*🙏🌻

जो शासक शत्रुओं और दुष्टों को आकाश और पृथ्वी पर छिन्न-भिन्न कर दे। हमें ऐसे शासक की प्रशंसा करनी चाहिए। चढ़ती हुई उषा हमें प्रेरणा दें कि हम भी पाप और सांसारिक दुर्बलताओं को त्याग करके शुद्ध हो जाएं।🙏🌻

The ruler who scatters enemies and the wicked on the earth and sky.We should praise such a ruler. Ascending dawn may inspire us that we too can be purified by renouncing sin and worldly debilitations. (Rig Veda 4- 39 –1)🙏🌻#vedgsawan🙏🌻
🙏 💐 8.5.21 वेदवाणी 🙏💐
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा प्रचारित 🙏💐

इन्द्रमिवेदुभये वि ह्वयन्त उदीराणा यज्ञमुपप्रयन्तः।
दधिक्रामु सूदनं मर्त्याय ददथुर्मित्रावरुणा नो अश्वम्॥ ऋग्वेद ४-३९-५॥🙏💐

प्राण और उदान के सदृश्य शासक और उसके सहयोगी अनुसंधानकर्ता, विज्ञान से जुड़े लोग आदि जब मिलकर प्रजाहित में ऊर्जा और जल क्षेत्रों में उन्नति के कार्य करते हैं। तो उनकी प्रशंसा सर्वत्र होती है।🙏💐

Like Pran and Udaan, the ruler and his associate researchers, people associated with science, etc., work together in the fields of energy and water in the interest of people. Then, they are praised everywhere. (Rig Veda 4-39-5)


🙏 9.5.21 वेदवाणी🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌹

*दधिक्राव्ण इदु नु चर्किराम विश्वा इन्मामुषसः सूदयन्तु।*
*अपामग्नेरुषसः सूर्यस्य बृहस्पतेराङ्गिरसस्य जिष्णोः॥ ऋग्वेद ४-४०-१॥*🙏🌹

हे आरोही उषा ! हमें प्रेरणा दें कि हम जनता के कल्याण के लिए जल, अग्नि, सूर्य, ब्रहस्पति, प्राण आदि की लौकिक ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं।🙏🌹

O Ascending Usha ! Inspire us that we can utilize the cosmic energies of water, fire, sun, Brahspati, Pran etc. for the welfare of the public. (Rig Veda 4–40–1)🙏🌹#vedgsawan🙏🌹
🙏 10.5.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌺

*इन्द्रा ह यो वरुणा चक्र आपी देवौ मर्तः सख्याय प्रयस्वान्।*
*स हन्ति वृत्रा समिथेषु शत्रूनवोभिर्वा महद्भिः स प्र शृण्वे॥ ऋग्वेद ४-४१-२॥*🙏🌺

जो मनुष्य शिक्षकों और उपदेशको के मित्र बन जाते हैं। वो काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर लेते हैं। वो प्रसिद्ध हो जाते हैं। वो किसी भी बड़े प्रलोभन से अपना रक्षण कर पाते हैं।🙏🌺

People who become friends of teachers and preachers. They conquer enemies such as lust, anger, greed, affectionate, etc. They become famous.They are able to protect themselves from any major temptation.(Rig Veda 4-41-2)


🙏 11.5.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌸

*इन्द्रा ह रत्नं वरुणा धेष्ठेत्था नृभ्यः शशमानेभ्यस्ता।*
*यदी सखाया सख्याय सोमैः सुतेभिः सुप्रयसा मादयैते॥ ऋग्वेद ४-४१-३॥*🙏🌸

हे शासक और उसके मंत्रियों ! तुम जनता का रक्षण करने वाले हो। तुम जनता को उत्तम अन्नादि और रत्न आदि प्रदान करने वाले हो। जनता भी आपसे सहयोग करें तभी तुम एक दूसरे के परस्पर मित्र होंगे और आनंद में रहोंगे।🙏🌸

O ruler and his ministers ! You are the protector of the public. You are to provide the best foods and gems etc. to your people. People will cooperate with you, and you will be mutual friends of each other, and both will be in bliss. (Rig Veda 4–41–3)🙏🌸 #vedgsawan 🙏🌸
🙏 13.5.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🏵️

*मम द्विता राष्ट्रं क्षत्रियस्य विश्वायोर्विश्वे अमृता यथा नः।*
*क्रतुं सचन्ते वरुणस्य देवा राजामि कृष्टेरुपमस्य वव्रेः॥ ऋग्वेद ४-४२-१॥*🙏🏵️

अनन्त परमात्मा इस ब्रह्मांड का स्वामी है और मैं अमरण आत्मा इस शरीर की स्वामी हूं। मुझे क्षत्रिय बनकर इस राष्ट्र और शरीर को शक्तिशाली और ज्ञानपूर्ण बनाने का प्रयत्न करना चाहिए। मैं अपने जीवन में श्रमशील बनूं।🙏🏵️

The eternal God is the lord of this universe; I am the immortal soul, the lord of the body. I should try to make this nation and body powerful and enlightened by becoming a Kshatriya. I should be laborious in my life. (Rig Veda 4 -42-1)🙏🏵️ #vedgsawan 🙏🏵️
🙏 14.5.21 वेदवाणी 🙏
अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जितेंद्र भाटिया द्वारा🙏🌻

*अहमपो अपिन्वमुक्षमाणा धारयं दिवं सदन ऋतस्य।*
*ऋतेन पुत्रो अदितेर्ऋतावोत त्रिधातु प्रथयद्वि भूम॥ ऋग्वेद ४-४२-४॥*🙏🌻

मैं (ईश्वर) जल ऊर्जा आदि की रचना करता हूं। मैंने ही सूर्य आदि को स्थापित किया है। मैंने ही नियमों के अनुसार सृष्टि की रचना सत्, रज् और तम् (मूल प्रकृति) द्वारा की है। मैंने ही इस सृष्टि को धारण किया हुआ है। मैं ही सृष्टि को नियमों के अनुसार चलाता हूं।🙏🌻

I (God) have created water energy, etc. I have established the sun, etc. According to the eternal law, I have created the universe by Sattva, Rajas and Tamas (MOOL PRAKIRITI). I uphold this creation. I run the universe according to the eternal law. (Rig Veda 4-42–4)🙏🌻 #vedgsawan 🙏🌻