*🚩जय सत्य सनातन🚩*
*🚩आज की हिंदी तिथि*
🌥️ *🚩युगाब्द-५१२३*
🌥️ *🚩विक्रम संवत-२०७८*
⛅ *🚩तिथि - चतुर्थी दोपहर १२:२९ तक तत्पश्चात पंचमी*
⛅ *दिनांक - ०६ जनवरी २०२२*
⛅ *दिन - गुरुवार*
⛅ *शक संवत -१९४३*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - पौस*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *नक्षत्र - शतभिषा ०७ जनवरी सुबह ०६:२१ तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
⛅ *योग - सिद्धि शाम ०३:२५ तक तत्पश्चात व्यतिपात*
⛅ *राहुकाल - दोपहर ०२:०६ से शाम ०३:२८ तक*
⛅ *सूर्योदय - ०७:१८*
⛅ *सूर्यास्त - १८:१०*
⛅ *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*
*🚩आज की हिंदी तिथि*
🌥️ *🚩युगाब्द-५१२३*
🌥️ *🚩विक्रम संवत-२०७८*
⛅ *🚩तिथि - चतुर्थी दोपहर १२:२९ तक तत्पश्चात पंचमी*
⛅ *दिनांक - ०६ जनवरी २०२२*
⛅ *दिन - गुरुवार*
⛅ *शक संवत -१९४३*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - शिशिर*
⛅ *मास - पौस*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *नक्षत्र - शतभिषा ०७ जनवरी सुबह ०६:२१ तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
⛅ *योग - सिद्धि शाम ०३:२५ तक तत्पश्चात व्यतिपात*
⛅ *राहुकाल - दोपहर ०२:०६ से शाम ०३:२८ तक*
⛅ *सूर्योदय - ०७:१८*
⛅ *सूर्यास्त - १८:१०*
⛅ *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*
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वार्ता: संस्कृत में समाचार | देश में ओमीक्रॉन के कुल मामलों की संख्या 2,135 हुई
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सपादपञ्चवादनम्
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
फणी फणति।
• सांप फुत्कारता है।
वीणा क्वणति।
• वीणा बज रही है।
कोऽपि ध्वनति।
• कोई बोल रहा है।
शब्दः प्रतिध्वनति।
• शब्द प्रतिध्वनित (इको) हो रहा है।
मनुष्यः वदति।
• आदमी बोल रहा है।
वक्ता वक्ति।
• वक्ता बोलता है।
प्रवक्त्री प्रवक्ति।
• प्रवाचिका प्रवचन करती है।
उपदेशकः उपदिशति।
• उपदेशक उपदेश कर रहा है।
मोजी मोजति।
• मनमौजी मौज कर रहा है / गुनगुना रहा है।
परिहासी परिहसति।
• मजाकिया मजाक कर रहा है।
जल्पी जल्पति।
• गप्पी गपशप कर रहा है।
वावदूकः वावदीति।
• बातूनी खूब बातें बना रहा है।
वाचालः लपति / लालपीति।
• बकवादी बकवास कर रहा है।
भक्तः जपति।
• भक्त ईश्वरनाम का जप कर रहा है।
अन्तेवासिनी रटति।
• छात्रा रट रही है / कण्ठस्थ कर रही है।
हठिनी रटति।
• जिद्दी बालिका किसी बात पर जिद कर रही है।
गायिका गायति।
• गायिका गा रही है।
गाथिका गाथयति।
• कथावाचिका कथा सुना रही है।
कथाकारः कथयति।
• कथाकार कथा सुना रहा है।
छिन्नसंशयः कायति।
• जिसका संशय दूर हो गया है, वह व्यक्ति (संशय दूर करने वाले की) प्रशंसा करता है।
स्तोता स्तौति।
• स्तुति करने वाला स्तुति करता है।
प्रशंसकः प्रशंसते।
• प्रशंसा करने वाला प्रशंसा कर रहा है।
कविः कवते।
• कवि कविता करता है।
लेखकः लिखति।
• लेखक लिखता है।
सभाध्यक्षः उद्गिरति।
• सभाध्यक्ष अपने उद्गार व्यक्त करता है।
बहुभोजी / घस्मरः उद्गिरति।
• खाऊराम डकार दे रहा है।
तेकः तेकते।
• डकारने वाला डकार रहा है।
स्थूलः नासते।
• मोटा व्यक्ति खर्राटे भरता है।
बालः हिक्कति।
• बच्चा हिचकी ले रहा है।
नूपुरः निनदति।
• पायल बज रही है।
नदी नदति।
• नदी कल-कल आवाज करती बहती है।
घण्टिका घण्टयति।
• घण्टिका बज रही है।
माणवकः पटपटायते / पटपटायति।
• बालक किसी वस्तु से पटपट ऐसी ध्वनि करता है।
जलं टपटपायते / टपटपायति।
• पानी की टपटप ध्वनि सुनाई दे रही है।
घटी / घटिका टनटनायते / टनटनायति।
• घड़ी टनटन बज रही है।
आसन्दिका ठकठकायते / ठकठकायति।
• कुर्सी ठकठक बज रही है।
ज्वलत् काष्ठं चटचटायते / चटचटायति।
• जलती लकड़ी चटचट आवाज कर रही है।
मूषिका खटपटायते / खटपटायति।
• चुहिया खटपट कर रही है।
आगन्तुकः खटखटायते / खटखटायति।
• आगन्तुक दरवाजा खटखटा रहा है।
बकः / वरटः बकबकायते / बकबकायति।
• बगुला / बत्तख बकबक ऐसी आवाज करता है।
काकः काकायते / काकायति।
• कौआ कांव-कांव करता है।
घोटकः हिनहिनायति / हिनहिनायते।
• घोड़ा हिनहिनाता है।
मक्षिका भिनभिनायते / भिनभिनायति।
• मक्खी भिनभिना रही है।
मशकः गुनगुनायते / गुनगुनायति।
• मच्छर गुनगुना रहा है।
कुक्कटः कुक्कायते / कुक्कायति।
• मुर्गा बांग दे रहा है।
चटका चींचायते / चींचायति।
• चिड़िया चीं-चीं कर रही है।
मूषकः चूंचायते / चूंचायति।
• चूहा चूं-चूं कर रहा है।
कोकिलः कूजति।
• कोयल बोलती है।
वयांसि वाश्यन्ते।
• पक्षी कलरव कर रहे हैं।
खगाः कलन्ते।
• पक्षी कलरव कर रहे हैं।
वाशिः वाश्यन्ते।
• अग्नि धू-धू कर जल रही है।
#vakyabhyas
• सांप फुत्कारता है।
वीणा क्वणति।
• वीणा बज रही है।
कोऽपि ध्वनति।
• कोई बोल रहा है।
शब्दः प्रतिध्वनति।
• शब्द प्रतिध्वनित (इको) हो रहा है।
मनुष्यः वदति।
• आदमी बोल रहा है।
वक्ता वक्ति।
• वक्ता बोलता है।
प्रवक्त्री प्रवक्ति।
• प्रवाचिका प्रवचन करती है।
उपदेशकः उपदिशति।
• उपदेशक उपदेश कर रहा है।
मोजी मोजति।
• मनमौजी मौज कर रहा है / गुनगुना रहा है।
परिहासी परिहसति।
• मजाकिया मजाक कर रहा है।
जल्पी जल्पति।
• गप्पी गपशप कर रहा है।
वावदूकः वावदीति।
• बातूनी खूब बातें बना रहा है।
वाचालः लपति / लालपीति।
• बकवादी बकवास कर रहा है।
भक्तः जपति।
• भक्त ईश्वरनाम का जप कर रहा है।
अन्तेवासिनी रटति।
• छात्रा रट रही है / कण्ठस्थ कर रही है।
हठिनी रटति।
• जिद्दी बालिका किसी बात पर जिद कर रही है।
गायिका गायति।
• गायिका गा रही है।
गाथिका गाथयति।
• कथावाचिका कथा सुना रही है।
कथाकारः कथयति।
• कथाकार कथा सुना रहा है।
छिन्नसंशयः कायति।
• जिसका संशय दूर हो गया है, वह व्यक्ति (संशय दूर करने वाले की) प्रशंसा करता है।
स्तोता स्तौति।
• स्तुति करने वाला स्तुति करता है।
प्रशंसकः प्रशंसते।
• प्रशंसा करने वाला प्रशंसा कर रहा है।
कविः कवते।
• कवि कविता करता है।
लेखकः लिखति।
• लेखक लिखता है।
सभाध्यक्षः उद्गिरति।
• सभाध्यक्ष अपने उद्गार व्यक्त करता है।
बहुभोजी / घस्मरः उद्गिरति।
• खाऊराम डकार दे रहा है।
तेकः तेकते।
• डकारने वाला डकार रहा है।
स्थूलः नासते।
• मोटा व्यक्ति खर्राटे भरता है।
बालः हिक्कति।
• बच्चा हिचकी ले रहा है।
नूपुरः निनदति।
• पायल बज रही है।
नदी नदति।
• नदी कल-कल आवाज करती बहती है।
घण्टिका घण्टयति।
• घण्टिका बज रही है।
माणवकः पटपटायते / पटपटायति।
• बालक किसी वस्तु से पटपट ऐसी ध्वनि करता है।
जलं टपटपायते / टपटपायति।
• पानी की टपटप ध्वनि सुनाई दे रही है।
घटी / घटिका टनटनायते / टनटनायति।
• घड़ी टनटन बज रही है।
आसन्दिका ठकठकायते / ठकठकायति।
• कुर्सी ठकठक बज रही है।
ज्वलत् काष्ठं चटचटायते / चटचटायति।
• जलती लकड़ी चटचट आवाज कर रही है।
मूषिका खटपटायते / खटपटायति।
• चुहिया खटपट कर रही है।
आगन्तुकः खटखटायते / खटखटायति।
• आगन्तुक दरवाजा खटखटा रहा है।
बकः / वरटः बकबकायते / बकबकायति।
• बगुला / बत्तख बकबक ऐसी आवाज करता है।
काकः काकायते / काकायति।
• कौआ कांव-कांव करता है।
घोटकः हिनहिनायति / हिनहिनायते।
• घोड़ा हिनहिनाता है।
मक्षिका भिनभिनायते / भिनभिनायति।
• मक्खी भिनभिना रही है।
मशकः गुनगुनायते / गुनगुनायति।
• मच्छर गुनगुना रहा है।
कुक्कटः कुक्कायते / कुक्कायति।
• मुर्गा बांग दे रहा है।
चटका चींचायते / चींचायति।
• चिड़िया चीं-चीं कर रही है।
मूषकः चूंचायते / चूंचायति।
• चूहा चूं-चूं कर रहा है।
कोकिलः कूजति।
• कोयल बोलती है।
वयांसि वाश्यन्ते।
• पक्षी कलरव कर रहे हैं।
खगाः कलन्ते।
• पक्षी कलरव कर रहे हैं।
वाशिः वाश्यन्ते।
• अग्नि धू-धू कर जल रही है।
#vakyabhyas
"शिरस्त्राणस्य अनिवार्यता कारणेन घटिता घटना"
एकदा कश्चन गृहं प्रत्यागतवान् तस्य शिरस्त्राणस्य काचः रक्तवर्णीयः आसीत् युतकमपि रक्तवर्णीयमासीत् तदा तादृशं तं दृष्ट्वा गृहसदस्याः भीताः जाताः पृष्टवन्तः च - किमभवत् भोः अपघातः जातः अथवा पतितः कुत्रचित्।
सः - न , तथा किमपि नास्ति, तत्तु शिरस्त्राणं धारणस्य अभ्यासः नास्ति खलु तस्मात् ताम्बूलं ष्ठीवनसमये विस्मृतवान् यत् शिरस्त्राणं धृतवान् अस्मि। 😂😁
" सर्वदा शिरस्त्राणं धरन्तु धारयन्तु च"
#hasya
एकदा कश्चन गृहं प्रत्यागतवान् तस्य शिरस्त्राणस्य काचः रक्तवर्णीयः आसीत् युतकमपि रक्तवर्णीयमासीत् तदा तादृशं तं दृष्ट्वा गृहसदस्याः भीताः जाताः पृष्टवन्तः च - किमभवत् भोः अपघातः जातः अथवा पतितः कुत्रचित्।
सः - न , तथा किमपि नास्ति, तत्तु शिरस्त्राणं धारणस्य अभ्यासः नास्ति खलु तस्मात् ताम्बूलं ष्ठीवनसमये विस्मृतवान् यत् शिरस्त्राणं धृतवान् अस्मि। 😂😁
" सर्वदा शिरस्त्राणं धरन्तु धारयन्तु च"
#hasya
सङ्क्षेपरामायणम्
(महर्षिवाल्मीकिप्रणीत-रामायण-बालकाण्ड-प्रथमसर्ग-रूपम्)
मूलश्लोकः-71
स च सर्वान् समानीय वानरान् वानरर्षभ:।
दिश: प्रस्थापयामास दिदृक्षुर्जनकात्मजाम्।।71।
श्लोकान्वयः -
स: च वानरर्षभ: जनकात्मजां दिदृक्षु:
सर्वान् वानरान् समानीय दिश: प्रस्थापयामास।।71।।
हिन्दी-अनुवाद -
अपने राज्याभिषेक के अनन्तर कपिश्रेष्ठ सुग्रीव ने जानकी कहाँ है इसका पता लगाने के लिए
विभिन्न दिशाओं में स्थित बन्दरों को बुलाकर चारों तरफ भेज दिया।।71।।
English Meaning
स: वानरर्षभ: च the best of monkeys, Sugriva, जनकात्मजाम् Janaka's daughter, Sita, दिदृक्षु: desirous of seeing, सर्वान् all, वानरान् monkey forces, समानीय after summoning, दिश: in various directions, प्रस्थापयामास despatched.
The best of monkeys (Sugriva) gathered his monkey forces and despatched them in various directions in search of Janaka's daughter (Sita).
#SankshepaRamayanam
(महर्षिवाल्मीकिप्रणीत-रामायण-बालकाण्ड-प्रथमसर्ग-रूपम्)
मूलश्लोकः-71
स च सर्वान् समानीय वानरान् वानरर्षभ:।
दिश: प्रस्थापयामास दिदृक्षुर्जनकात्मजाम्।।71।
श्लोकान्वयः -
स: च वानरर्षभ: जनकात्मजां दिदृक्षु:
सर्वान् वानरान् समानीय दिश: प्रस्थापयामास।।71।।
हिन्दी-अनुवाद -
अपने राज्याभिषेक के अनन्तर कपिश्रेष्ठ सुग्रीव ने जानकी कहाँ है इसका पता लगाने के लिए
विभिन्न दिशाओं में स्थित बन्दरों को बुलाकर चारों तरफ भेज दिया।।71।।
English Meaning
स: वानरर्षभ: च the best of monkeys, Sugriva, जनकात्मजाम् Janaka's daughter, Sita, दिदृक्षु: desirous of seeing, सर्वान् all, वानरान् monkey forces, समानीय after summoning, दिश: in various directions, प्रस्थापयामास despatched.
The best of monkeys (Sugriva) gathered his monkey forces and despatched them in various directions in search of Janaka's daughter (Sita).
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@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
Duration : 30 minutes only
Time : IST 11:00 AM 🕚
Topic : Favorite stotra.
(प्रियं स्तोत्रम्)
Date : 7thJanuary 2022,
Friday.
Please Join the voicechat on time.
😇 Please come prepared to discuss (प्रियं स्तोत्रं किम् अस्ति तथा किमर्थम् अस्ति, तस्य भावं वदन्तु। )in Sanskrit , If possible.
We are waiting for you.😇
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(प्रियं स्तोत्रम्)
Date : 7thJanuary 2022,
Friday.
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🍃
♦️yuktaahaaravihaarasya yuktacheShTasya karmasu|
yuktasvapnaavabodhasya yogo bhavati duHkhahaa||6.17||
⚜6.17 Yoga becomes the destroyer of pain for him who is moderate in eating and recreation (such as walking, etc.), who is moderate in exertion in actions, who is moderate in sleep and wakefulness.
⚜।।6.17।। उस पुरुष के लिए योग दुखनाशक होता है जो युक्त आहार और विहार करने वाला है यथायोग्य चेष्टा करने वाला है और परिमित शयन और जागरण करने वाला है।।
#geeta
युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु।
युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दुःखहा
।।6.17।। ♦️yuktaahaaravihaarasya yuktacheShTasya karmasu|
yuktasvapnaavabodhasya yogo bhavati duHkhahaa||6.17||
⚜6.17 Yoga becomes the destroyer of pain for him who is moderate in eating and recreation (such as walking, etc.), who is moderate in exertion in actions, who is moderate in sleep and wakefulness.
⚜।।6.17।। उस पुरुष के लिए योग दुखनाशक होता है जो युक्त आहार और विहार करने वाला है यथायोग्य चेष्टा करने वाला है और परिमित शयन और जागरण करने वाला है।।
#geeta
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२३
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७८
⛅ 🚩तिथि - पंचमी सुबह 11:10 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 07 जनवरी 2022
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत -1943
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौस
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्व्र भाद्रपद 08 जनवरी सुबह 06:20 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅ योग - व्यतिपात दोपहर 01:12 तक तत्पश्चात वरीयान
⛅ राहुकाल - सुबह 11:23 से दोपहर 12:45 तक
⛅ सूर्योदय - 07:18
⛅ सूर्यास्त - 18:11
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२३
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७८
⛅ 🚩तिथि - पंचमी सुबह 11:10 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 07 जनवरी 2022
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत -1943
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौस
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्व्र भाद्रपद 08 जनवरी सुबह 06:20 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅ योग - व्यतिपात दोपहर 01:12 तक तत्पश्चात वरीयान
⛅ राहुकाल - सुबह 11:23 से दोपहर 12:45 तक
⛅ सूर्योदय - 07:18
⛅ सूर्यास्त - 18:11
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
🍃
♦️yadaa viniyataM chittamaatmanyevaavatiShThate|
niHspRRihaH sarvakaamebhyo yukta ityuchyate tadaa||6.18||
⚜6.18 When the perfectly controlled mind rests in the Self only, free from longing for all the objects of desires, then it is said, 'He is united'.
⚜।।6.18।। जब पूर्ण रूप से वश में किया हुआ चित्त आत्मा में ही स्थित होता है तब समस्त विषयों से स्पृहारहित हुआ पुरुष युक्त कहा जाता है।।
#geeta
यदा विनियतं चित्तमात्मन्येवावतिष्ठते।
निःस्पृहः सर्वकामेभ्यो युक्त इत्युच्यते तदा
।।6.18।। ♦️yadaa viniyataM chittamaatmanyevaavatiShThate|
niHspRRihaH sarvakaamebhyo yukta ityuchyate tadaa||6.18||
⚜6.18 When the perfectly controlled mind rests in the Self only, free from longing for all the objects of desires, then it is said, 'He is united'.
⚜।।6.18।। जब पूर्ण रूप से वश में किया हुआ चित्त आत्मा में ही स्थित होता है तब समस्त विषयों से स्पृहारहित हुआ पुरुष युक्त कहा जाता है।।
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(प्रियं स्तोत्रम्)
Date : 7thJanuary 2022,
Friday.
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वार्ता: संस्कृत में समाचार | पीएम की सुरक्षा में हुई चूक पर जांच कमेटी तीन दिन में रिपोर्ट देगी
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News Channel. Launched in 2003, DD News has made a name for itself to…