मदान्धः पुरुषः ।
'मदान्धस्य' विग्रहं कुर्वन्तु।
'मदान्धस्य' विग्रहं कुर्वन्तु।
Anonymous Quiz
30%
मदात् अन्धः
16%
मदस्य अन्धः
6%
मदम् अन्धः
44%
मदेन अन्धः
3%
मदे अन्धः
[युध् धातुः (लड़ना) दिवादिगण]
युध्यते युध्येते युध्यन्ते
युध्यसे युध्येथे युध्वध्वे
युध्ये युध्यावहे युध्यामहे
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
१) सा युध्यते ।
(वह लड़ती है ।)
२) सिंहौ युध्येते ।
( दो शेर लड़ते हैं ।)
३) दुर्जनाः मिथः युध्यन्ते ।
( बुरे लोग आपस में लड़ते हैं ।)
🌴🌴
४) त्वं न युध्यसे ।
(तुम नहीं लड़ते हो ।)
५) युवां कथं युध्येथे ?
(तुम दोनों क्यों लड़ते हो ?)
६) यूयम् अकारणमेव युध्यध्वे ।
(तुम सब अकारण ही लड़ते हो।)
🌴🌴
७) अहम् अकारणं न युध्ये ।
( मैं बिना कारण के नहीं लड़ता हूँ ।)
८) आवां यदा-कदा युध्यावहे अपि ।
(हम दोनों कभी-कभी लड़ते भी हैं।)
९) वयं देशहिताय युध्यामहे ।
(हम सब देशहित के लिये लड़ते हैं ।)
प्रश्नवाचकानि सप्तमीविभक्तेः
पञ्चवाक्यानि
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌻कस्मिन् माता स्निह्यति?
=मां किस से स्नेह करती है?
🌻कस्मिन् श्रीरामः स्निह्यति?
=श्रीराम किससे स्नेह करते हैं ?
🌻कस्मिन् काले भवान् आगतः?
=किस समय आप आए?
🌻कस्मिन् स्यूते फलानि सन्ति?
= किस थैले में फल हैं ?
🌻कस्मिन् विद्यालये पठसि?
तुम किस विद्यालय में पढ़ते हो?
👇क्त प्रत्यय👇
★अधि+इ--अधीतः★
•रामेण पुस्तकम् अधीतम्।
(राम के द्वारा पुस्तक पढ़ी गयी)
•कृष्णेन ग्रन्थः अधीतः।
(कृष्ण के द्वारा ग्रन्थ पढ़ा गया)
•मया भगवद्गीता अधीता।
(मेरे द्वारा भगवद्गीता पढ़ी गयी)
★अर्च्--अर्चितः★
•मात्रा भगवान् अर्चितः।
(माँ के द्वारा भगवान् की अर्चना की गयी)
•श्रीरामेण भगवती दुर्गा अर्चिता।
(श्रीराम के द्वारा भगवती दुर्गाजी की अर्चना की गयी)
•तेन शिवलिङ्गम् अर्चितम्।
(उसके द्वारा शिवलिङ्ग की अर्चना की गयी)
#vakyabhyas
युध्यते युध्येते युध्यन्ते
युध्यसे युध्येथे युध्वध्वे
युध्ये युध्यावहे युध्यामहे
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
१) सा युध्यते ।
(वह लड़ती है ।)
२) सिंहौ युध्येते ।
( दो शेर लड़ते हैं ।)
३) दुर्जनाः मिथः युध्यन्ते ।
( बुरे लोग आपस में लड़ते हैं ।)
🌴🌴
४) त्वं न युध्यसे ।
(तुम नहीं लड़ते हो ।)
५) युवां कथं युध्येथे ?
(तुम दोनों क्यों लड़ते हो ?)
६) यूयम् अकारणमेव युध्यध्वे ।
(तुम सब अकारण ही लड़ते हो।)
🌴🌴
७) अहम् अकारणं न युध्ये ।
( मैं बिना कारण के नहीं लड़ता हूँ ।)
८) आवां यदा-कदा युध्यावहे अपि ।
(हम दोनों कभी-कभी लड़ते भी हैं।)
९) वयं देशहिताय युध्यामहे ।
(हम सब देशहित के लिये लड़ते हैं ।)
प्रश्नवाचकानि सप्तमीविभक्तेः
पञ्चवाक्यानि
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌻कस्मिन् माता स्निह्यति?
=मां किस से स्नेह करती है?
🌻कस्मिन् श्रीरामः स्निह्यति?
=श्रीराम किससे स्नेह करते हैं ?
🌻कस्मिन् काले भवान् आगतः?
=किस समय आप आए?
🌻कस्मिन् स्यूते फलानि सन्ति?
= किस थैले में फल हैं ?
🌻कस्मिन् विद्यालये पठसि?
तुम किस विद्यालय में पढ़ते हो?
👇क्त प्रत्यय👇
★अधि+इ--अधीतः★
•रामेण पुस्तकम् अधीतम्।
(राम के द्वारा पुस्तक पढ़ी गयी)
•कृष्णेन ग्रन्थः अधीतः।
(कृष्ण के द्वारा ग्रन्थ पढ़ा गया)
•मया भगवद्गीता अधीता।
(मेरे द्वारा भगवद्गीता पढ़ी गयी)
★अर्च्--अर्चितः★
•मात्रा भगवान् अर्चितः।
(माँ के द्वारा भगवान् की अर्चना की गयी)
•श्रीरामेण भगवती दुर्गा अर्चिता।
(श्रीराम के द्वारा भगवती दुर्गाजी की अर्चना की गयी)
•तेन शिवलिङ्गम् अर्चितम्।
(उसके द्वारा शिवलिङ्ग की अर्चना की गयी)
#vakyabhyas
सङ्क्षेपरामायणम्
(महर्षिवाल्मीकिप्रणीत-रामायण-बालकाण्ड-प्रथमसर्ग-रूपम्)
मूलश्लोकः-67
तत: प्रीतमनास्ते न विश्वस्त: स: महाकपि:।
किष्किन्धां रामसहितो जगाम च गुहां तदा।। 67।।
श्लोकान्वयः -
तत: स महाकपि: तेन प्रीतमना: विश्वस्त:
च तदा रामसहित: किष्किधां गुहां जगाम।।67।।
हिन्दी-अनुवाद -
तब राम के बल से प्रसन्न तथा विश्वस्त सुग्रीव राम के साथ
अपनी राजधानी किष्किन्धा गुफा पर गया।।67।।
English Meaning
तत: thereafter, तेन by that act, प्रीतमना: well pleased, स महाकपि: that mighty monkey Sugriva, विश्वस्त: च was convinced, रामसहित: together with Rama, तदा then, गुहाम् a cave, किष्किन्धाम् city of Kishkindha, जगाम approached.
Pleased with Rama's action and convinced of his prowess he left thereafter with Rama he left for Kishkindha which was like a cave.
#SankshepaRamayanam
(महर्षिवाल्मीकिप्रणीत-रामायण-बालकाण्ड-प्रथमसर्ग-रूपम्)
मूलश्लोकः-67
तत: प्रीतमनास्ते न विश्वस्त: स: महाकपि:।
किष्किन्धां रामसहितो जगाम च गुहां तदा।। 67।।
श्लोकान्वयः -
तत: स महाकपि: तेन प्रीतमना: विश्वस्त:
च तदा रामसहित: किष्किधां गुहां जगाम।।67।।
हिन्दी-अनुवाद -
तब राम के बल से प्रसन्न तथा विश्वस्त सुग्रीव राम के साथ
अपनी राजधानी किष्किन्धा गुफा पर गया।।67।।
English Meaning
तत: thereafter, तेन by that act, प्रीतमना: well pleased, स महाकपि: that mighty monkey Sugriva, विश्वस्त: च was convinced, रामसहित: together with Rama, तदा then, गुहाम् a cave, किष्किन्धाम् city of Kishkindha, जगाम approached.
Pleased with Rama's action and convinced of his prowess he left thereafter with Rama he left for Kishkindha which was like a cave.
#SankshepaRamayanam
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
Duration : 30 minutes only
Time : IST 11:00 AM 🕚
Topic : Truth.
(सत्यम्)
Date :3rd January 2022,
Monday
Please Join the voicechat on time.
😇 Please come prepared to discuss(कदा सत्यं वक्तव्यं कदा न वक्तव्यं, स्वस्य अनुभवः ,सत्येन कः लाभः हानि वा) in Sanskrit , If possible.
We are waiting for you.😇
Set a reminder.
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https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
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🍃
♦️suhRRinmitraaryudaasiinamadhyasthadveShyabandhuShu|
saadhuShvapi cha paapeShu samabuddhirvishiShyate||6.9||
⚜6.9 He who is of the same mind to the good-hearted, friends, enemies, the indifferent, the neutral, the hateful, the relatives, the righteous and the unrighteous, excels.
⚜।।6.9।। जो पुरुष सुहृद् मित्र शत्रु उदासीन मध्यस्थ द्वेषी और बान्धवों में तथा धर्मात्माओं में और पापियों में भी समान भाव वाला है वह श्रेष्ठ है।।
#geeta
सुहृन्मित्रार्युदासीनमध्यस्थद्वेष्यबन्धुषु।साधुष्वपि
च पापेषु समबुद्धिर्विशिष्यते
।।6.9।।♦️suhRRinmitraaryudaasiinamadhyasthadveShyabandhuShu|
saadhuShvapi cha paapeShu samabuddhirvishiShyate||6.9||
⚜6.9 He who is of the same mind to the good-hearted, friends, enemies, the indifferent, the neutral, the hateful, the relatives, the righteous and the unrighteous, excels.
⚜।।6.9।। जो पुरुष सुहृद् मित्र शत्रु उदासीन मध्यस्थ द्वेषी और बान्धवों में तथा धर्मात्माओं में और पापियों में भी समान भाव वाला है वह श्रेष्ठ है।।
#geeta
🍃
♦️yogii yu~njiita satatamaatmaanaM rahasi sthitaH|
ekaakii yatachittaatmaa niraashiiraparigrahaH||6.10||
⚜6.10 Let the Yogi try constantly to keep the mind steady, remaining in solitude, alone, with the mind and the body controlled, and free from hope and covetousness.
⚜।।6.10।। शरीर और मन को संयमित किया हुआ योगी एकान्त स्थान पर अकेला रहता हुआ आशा और परिग्रह से मुक्त होकर निरन्तर मन को आत्मा में स्थिर करे।।
#geeta
योगी युञ्जीत सततमात्मानं रहसि स्थितः।
एकाकी यतचित्तात्मा निराशीरपरिग्रहः
।।6.10।।♦️yogii yu~njiita satatamaatmaanaM rahasi sthitaH|
ekaakii yatachittaatmaa niraashiiraparigrahaH||6.10||
⚜6.10 Let the Yogi try constantly to keep the mind steady, remaining in solitude, alone, with the mind and the body controlled, and free from hope and covetousness.
⚜।।6.10।। शरीर और मन को संयमित किया हुआ योगी एकान्त स्थान पर अकेला रहता हुआ आशा और परिग्रह से मुक्त होकर निरन्तर मन को आत्मा में स्थिर करे।।
#geeta
https://youtu.be/U3Oyk-RWrH4
#VedicChanting
About the mantra:
The Ghosha Shanti mantra is usually recited in Soma Yagna and meant for world peace. It appeals for peace among all living beings and remedy for our mistakes committed knowingly or unknowingly in our life.
It is also recited during all auspicious occasions before starting the main ceremony.
You can feel the synchronisation of 3 voices, clarity of letters (Aksharas) and intonations (Swaras) as per the script, which is very pleasing to the ears. We are sure that this will leave you with goosebumps.
A small correction in the text at 7:33. It should be श्श॒त ञ्जी
#VedicChanting
About the mantra:
The Ghosha Shanti mantra is usually recited in Soma Yagna and meant for world peace. It appeals for peace among all living beings and remedy for our mistakes committed knowingly or unknowingly in our life.
It is also recited during all auspicious occasions before starting the main ceremony.
You can feel the synchronisation of 3 voices, clarity of letters (Aksharas) and intonations (Swaras) as per the script, which is very pleasing to the ears. We are sure that this will leave you with goosebumps.
A small correction in the text at 7:33. It should be श्श॒त ञ्जी
YouTube
Vedic Chant for World Peace | Ghosha Shanti | Shanti Mantra | Yajur Veda | Sri K. Suresh
The Ghosha Shanti is a popular Shanti mantra from Krishna Yajur Veda; Taittiriya Aranyaka 7.42.1 and it is rendered by Sri Govind Prakash Ghanapati, Sri Satyanarayana Bhat & Sri K. Suresh.
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🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द-५१२३
🌥 🚩विक्रम संवत-२०७८
⛅️ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि ०८:३१ तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅️ दिनांक - ०३ जनवरी २०२२
⛅️ दिन - सोमवार
⛅️ शक संवत -१९४३
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शिशिर
⛅️ मास - पौस
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - पूर्वाषढा दोपहर ०१:३३ तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
⛅️ योग - व्याघात ०४ जनवरी रात्रि ०१:२५ तक तत्पश्चात हर्षण
⛅️ राहुकाल - सुबह ०८:३८ से सुबह १०:०० तक
⛅️ सर्योदय - ०७:१७
⛅️ सर्यास्त - १८:०८
⛅️ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द-५१२३
🌥 🚩विक्रम संवत-२०७८
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⛅️ दिनांक - ०३ जनवरी २०२२
⛅️ दिन - सोमवार
⛅️ शक संवत -१९४३
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शिशिर
⛅️ मास - पौस
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - पूर्वाषढा दोपहर ०१:३३ तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
⛅️ योग - व्याघात ०४ जनवरी रात्रि ०१:२५ तक तत्पश्चात हर्षण
⛅️ राहुकाल - सुबह ०८:३८ से सुबह १०:०० तक
⛅️ सर्योदय - ०७:१७
⛅️ सर्यास्त - १८:०८
⛅️ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
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Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform
Switch to DD News daily at 7:15 AM (Morning) for 15 minutes Sanskrit news.
https://youtu.be/0TJ_YIF-9Gw
https://youtu.be/0TJ_YIF-9Gw
YouTube
वार्ता: 15-18 आयुवर्ग के लिए टीकाकरण आज से शुरु | संस्कृत में समाचार
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News Channel. Launched in 2003, DD News has made a name for itself to…
((जॄ ४प वृद्ध होना))
१ •वृषभः अधुना जीर्यति।
(बैल अब वृद्ध हो रहा है)
२ •भवान् शीघ्रं न जीर्यतु ।
(आप जल्दी वृद्ध न हों)
३ •एषः तु अजीर्यत् ।
(यह तो वृद्ध हो गया)
४ •सा नैव जीर्येत् ।
(उसे वृद्ध नहीं होना चाहिये)
५ •कः कदापि न जरिष्यति?
(कौन कभी वृद्ध नहीं होगा?)
■कर्मवाच्य■
❁विद्यया न जीर्यते।
(विद्या के द्वारा वृद्ध नहीं हुआ जाता है)
श्रीमद्भगवद्गीतायाः
विभक्ति-वाक्यप्रयोगाः
"""""""""""""""""""""""""""""
१-)श्रीमद्भगवद्गीता एकः उत्तमग्रन्थः अस्ति ।
श्रीमद्भगवद्गीता नितरां ज्ञानदायिनी अस्ति।
२-)श्रीमद्भगवद्गीतां वयं पठाम ।
श्रीमद्भगवद्गीतां क्रीत्वा सः मित्राय अददात्।
३-)श्रीमद्भगवद्गीतया जीवनस्य समस्याः निवारयितुं शक्नुमः ।
श्रीमद्भगवद्गीतया हि अर्जुनः युद्धाय प्रेरितः अभवत्।
४-)श्रीमद्भगवद्गीतायै नमो नमः ।
श्रीमद्भगवद्गीतायै सः आपणं गतवान्।
५-)श्रीमद्भगवद्गीतायाः वयं बहूपयोगि ज्ञानं शिक्षामहे ।
श्रीमद्भगवद्गीतायाः अधिकं ज्ञानदायकं शास्त्रं किमस्ति?
६-)श्रीमद्भगवद्गीतायाः पठनं श्रवणं च द्वयमेव हितकरं भवति ।
श्रीमद्भगवद्गीतायाः ज्ञानं सुखेन जीवितुं शिक्षयति।
७-)श्रीमद्भगवद्गीतायां प्रमुखतः श्रीकृष्णार्जनयोः सम्वादाः सन्ति।
श्रीमद्भगवद्गीतायाम् अस्माकं महती श्रद्धा अस्ति ।
८-)हे श्रीमद्भगवद्गीते ! अस्मभ्यं सद्ज्ञानं प्रददातु!
हे श्रीमद्भगवद्गीते ! वयं सुखिनः भवाम।
प्रश्नवाचकानि सप्तमीविभक्तेः
पञ्चवाक्यानि
🥕🥕🥕🥕🥕🥕🥕🥕🥕🥕
🌻कस्मिन् समये भवती जागर्ति?
= किस समय आप जागती हैं ?
🌻कस्मिन् काले भवान् खादति?
= किस समय आप खाते हैं?
🌻कस्मिन् कार्ये भवान् कुशलः?
= किस कार्य में आप कुशल है ?
🌻कस्मिन् शास्त्रे राहुलः पण्डितः?
= किस शास्त्र में राहुल विद्वान् है?
🌻कस्मिन् स्थाने जलकूपी अस्ति?
= किस स्थान पर पानी का बोतल है?
#vakyabhyas
१ •वृषभः अधुना जीर्यति।
(बैल अब वृद्ध हो रहा है)
२ •भवान् शीघ्रं न जीर्यतु ।
(आप जल्दी वृद्ध न हों)
३ •एषः तु अजीर्यत् ।
(यह तो वृद्ध हो गया)
४ •सा नैव जीर्येत् ।
(उसे वृद्ध नहीं होना चाहिये)
५ •कः कदापि न जरिष्यति?
(कौन कभी वृद्ध नहीं होगा?)
■कर्मवाच्य■
❁विद्यया न जीर्यते।
(विद्या के द्वारा वृद्ध नहीं हुआ जाता है)
श्रीमद्भगवद्गीतायाः
विभक्ति-वाक्यप्रयोगाः
"""""""""""""""""""""""""""""
१-)श्रीमद्भगवद्गीता एकः उत्तमग्रन्थः अस्ति ।
श्रीमद्भगवद्गीता नितरां ज्ञानदायिनी अस्ति।
२-)श्रीमद्भगवद्गीतां वयं पठाम ।
श्रीमद्भगवद्गीतां क्रीत्वा सः मित्राय अददात्।
३-)श्रीमद्भगवद्गीतया जीवनस्य समस्याः निवारयितुं शक्नुमः ।
श्रीमद्भगवद्गीतया हि अर्जुनः युद्धाय प्रेरितः अभवत्।
४-)श्रीमद्भगवद्गीतायै नमो नमः ।
श्रीमद्भगवद्गीतायै सः आपणं गतवान्।
५-)श्रीमद्भगवद्गीतायाः वयं बहूपयोगि ज्ञानं शिक्षामहे ।
श्रीमद्भगवद्गीतायाः अधिकं ज्ञानदायकं शास्त्रं किमस्ति?
६-)श्रीमद्भगवद्गीतायाः पठनं श्रवणं च द्वयमेव हितकरं भवति ।
श्रीमद्भगवद्गीतायाः ज्ञानं सुखेन जीवितुं शिक्षयति।
७-)श्रीमद्भगवद्गीतायां प्रमुखतः श्रीकृष्णार्जनयोः सम्वादाः सन्ति।
श्रीमद्भगवद्गीतायाम् अस्माकं महती श्रद्धा अस्ति ।
८-)हे श्रीमद्भगवद्गीते ! अस्मभ्यं सद्ज्ञानं प्रददातु!
हे श्रीमद्भगवद्गीते ! वयं सुखिनः भवाम।
प्रश्नवाचकानि सप्तमीविभक्तेः
पञ्चवाक्यानि
🥕🥕🥕🥕🥕🥕🥕🥕🥕🥕
🌻कस्मिन् समये भवती जागर्ति?
= किस समय आप जागती हैं ?
🌻कस्मिन् काले भवान् खादति?
= किस समय आप खाते हैं?
🌻कस्मिन् कार्ये भवान् कुशलः?
= किस कार्य में आप कुशल है ?
🌻कस्मिन् शास्त्रे राहुलः पण्डितः?
= किस शास्त्र में राहुल विद्वान् है?
🌻कस्मिन् स्थाने जलकूपी अस्ति?
= किस स्थान पर पानी का बोतल है?
#vakyabhyas