📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। त्रयोदशः सर्गः ।।
🍃सर्व निवेदयन्ति स्प यज्ञे यदुपकलिपतम्।
ततः प्रीतो द्विज श्रेष्ठ स्तान्सर्वानिदमब्रवीत्॥२९॥
⚜️जो कुछ यक्ष सम्बन्धी काम करते वह सब कह दिया करते थे । तब प्रसन्न हो वशिष्ठ जी उन सब से कहते॥२६॥
🍃अवज्ञया न दातव्यं कस्यचिल्लीलयापि वा।
अवज्ञया कृतं हन्यादातारं नात्र संशयः॥३०॥
⚜️देखना, किसी को हसि दिल्लगी में भी कोई वस्तु अनादर करके मत देना क्योंकि अनादर करके देने वाले दाता का निश्चय ही नाश होता है॥३०॥
#ramayan
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। त्रयोदशः सर्गः ।।
🍃सर्व निवेदयन्ति स्प यज्ञे यदुपकलिपतम्।
ततः प्रीतो द्विज श्रेष्ठ स्तान्सर्वानिदमब्रवीत्॥२९॥
⚜️जो कुछ यक्ष सम्बन्धी काम करते वह सब कह दिया करते थे । तब प्रसन्न हो वशिष्ठ जी उन सब से कहते॥२६॥
🍃अवज्ञया न दातव्यं कस्यचिल्लीलयापि वा।
अवज्ञया कृतं हन्यादातारं नात्र संशयः॥३०॥
⚜️देखना, किसी को हसि दिल्लगी में भी कोई वस्तु अनादर करके मत देना क्योंकि अनादर करके देने वाले दाता का निश्चय ही नाश होता है॥३०॥
#ramayan
📙 ऋग्वेद
सूक्त - २३ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०१, देवता - अश्विनीकुमार आदि
🍃तीव्राः सोमास आ गह्याशीर्वन्तः सुता इमे. वायो तान्प्रस्थितान्पिब.. (१)
⚜️हे वायु! यह तीखा और संतोष देने वाला सोमरस तैयार है. तुम आओ और लाए हुए सोमरस का पान करो. (१)
#rgveda
सूक्त - २३ , प्रथम मंडल ,
मंत्र - ०१, देवता - अश्विनीकुमार आदि
🍃तीव्राः सोमास आ गह्याशीर्वन्तः सुता इमे. वायो तान्प्रस्थितान्पिब.. (१)
⚜️हे वायु! यह तीखा और संतोष देने वाला सोमरस तैयार है. तुम आओ और लाए हुए सोमरस का पान करो. (१)
#rgveda
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द - ५१२२
🌥️ 🚩विक्रम संवत - २०७७
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 08:21 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक 26 मार्च 2021
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ विक्रम संवत - 2077
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - उत्तरायन
⛅ ऋतु - वसंत
⛅ मास - फाल्गुन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मघा रात्रि 09:40 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - धृति सुबह 07:46 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहुकाल - सुबह 11:13 से दोपहर 12:44 तक
⛅ सूर्योदय - 06:38
⛅ सूर्यास्त - 18:50
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत, त्रयोदशी क्षय तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द - ५१२२
🌥️ 🚩विक्रम संवत - २०७७
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 08:21 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक 26 मार्च 2021
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ विक्रम संवत - 2077
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - उत्तरायन
⛅ ऋतु - वसंत
⛅ मास - फाल्गुन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मघा रात्रि 09:40 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - धृति सुबह 07:46 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहुकाल - सुबह 11:13 से दोपहर 12:44 तक
⛅ सूर्योदय - 06:38
⛅ सूर्यास्त - 18:50
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत, त्रयोदशी क्षय तिथि
Gramer toolkit NEW 22nd may - CQ (2).pdf
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Forwarded from पुरुषोत्तमः॥ Purushothaman AJ (Bharatam).
हरिःॐ। भानुवासर-सुप्रभातम्।
आकाशवाण्या अद्यतन्यःप्रातःकालवार्ताः।
जयतु संस्कृतम्॥
आकाशवाण्या अद्यतन्यःप्रातःकालवार्ताः।
जयतु संस्कृतम्॥
📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। त्रयोदशः सर्गः ।।
🍃ततः कैश्चिद्डोरातैरुपयाता महीक्षितः।
बहूनि रत्नान्यादाय राज्ञो दशरथस्य हि ॥३१॥
⚜️इसके कुछ ही दिनों बाद अनेक प्रकार के रत्नों की भेंटे ले ले कर राजा लोग महाराज दशरथ की यज्ञशाला में आ पहुँचे॥३१॥
🍃ततो वसिष्ठः सुभीतो राजानमिदमत्रवीत्।
उपयाता नरव्याघ्र राजानस्तव शासनात्॥३२।।
⚜️तब वशिष्ठ जी राजाओं को आये हुए देख, प्रसन्न हो, महाराज दशरथ से वाले आप के आदेशानुसार सब राजा लोग आ गये॥३२॥
#ramayan
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। त्रयोदशः सर्गः ।।
🍃ततः कैश्चिद्डोरातैरुपयाता महीक्षितः।
बहूनि रत्नान्यादाय राज्ञो दशरथस्य हि ॥३१॥
⚜️इसके कुछ ही दिनों बाद अनेक प्रकार के रत्नों की भेंटे ले ले कर राजा लोग महाराज दशरथ की यज्ञशाला में आ पहुँचे॥३१॥
🍃ततो वसिष्ठः सुभीतो राजानमिदमत्रवीत्।
उपयाता नरव्याघ्र राजानस्तव शासनात्॥३२।।
⚜️तब वशिष्ठ जी राजाओं को आये हुए देख, प्रसन्न हो, महाराज दशरथ से वाले आप के आदेशानुसार सब राजा लोग आ गये॥३२॥
#ramayan
📙 ऋग्वेद
सूक्त-२३, प्रथम मंडल,
मंत्र-०२ देवता-वायु आदि
🍃उभा देवा दिविस्पृशेन्द्रवायू हवामहे. अस्य सोमस्य पीतये.. (२)
⚜️मैं आकाश में रहने वाले इंद्र और वायु दोनों देवों को यह सोमरस पीने के लिए बुलाता हूं. (२)
#rgveda
सूक्त-२३, प्रथम मंडल,
मंत्र-०२ देवता-वायु आदि
🍃उभा देवा दिविस्पृशेन्द्रवायू हवामहे. अस्य सोमस्य पीतये.. (२)
⚜️मैं आकाश में रहने वाले इंद्र और वायु दोनों देवों को यह सोमरस पीने के लिए बुलाता हूं. (२)
#rgveda
✊ चाणक्य नीति ⚔️
✒️एकादशः अध्याय
♦️श्लोक : ८
न वेत्ति यो यस्य गुणप्रकर्ष स तं सदा निन्दति नाअ्त्र चित्रम्।
यथा किरती करिकुम्भजाता मुक्ताः परित्यज्य बिभति गुंजाः।।८।।
♦️भावार्थ - जो जिसके गुणों को, गुणों की श्रेष्ठता को नहीं जानता, वह हमेशा उसकी अपेक्षा करता है - इसमें आश्चर्य कैसा? जैसे भीलनी हाथी मस्तक पर स्थित मोती को छोड़कर घुँघची की माला ही पहनती है।
#chanakya
✒️एकादशः अध्याय
♦️श्लोक : ८
न वेत्ति यो यस्य गुणप्रकर्ष स तं सदा निन्दति नाअ्त्र चित्रम्।
यथा किरती करिकुम्भजाता मुक्ताः परित्यज्य बिभति गुंजाः।।८।।
♦️भावार्थ - जो जिसके गुणों को, गुणों की श्रेष्ठता को नहीं जानता, वह हमेशा उसकी अपेक्षा करता है - इसमें आश्चर्य कैसा? जैसे भीलनी हाथी मस्तक पर स्थित मोती को छोड़कर घुँघची की माला ही पहनती है।
#chanakya
📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। त्रयोदशः सर्गः ।।
🍃मया च सत्कृताः सर्वे यथाहं राजसत्तमाः।
यज्ञियं च कृतं राजन्युरुपैः सुसमाहितैः ॥३३॥
⚜️हे महाराज ! मैंने भी उनका यथावित सत्कार कर दिया और यज्ञ की भी सब तैयारी हो चुकी है॥३३॥
🍃निर्यातु च भवान्यर्टुं यज्ञायतनमन्तिकात्।सर्वकामैरुपहुतैरुपेतं वै समन्ततः ॥ ३४॥
द्रष्टुमर्हसि राजेन्द्र मनसेव विनिर्मितम्।
तथा वसिष्ठवचनादृश्यशृङ्गस्य चाभयोः ॥ ३५॥
⚜️अब आप भी यज्ञ करने के लिये यज्ञशाला में पधारिये और यज्ञ की सब सामग्री को देखिये कि, सेवकों ने कैसी उत्तमता और सावधानता से सब सामान सजा कर रखा है। तब वशिष्ठ जी और ऋषि श्रृंग दोनों के कहने से॥३४॥३५॥
#ramayan
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। त्रयोदशः सर्गः ।।
🍃मया च सत्कृताः सर्वे यथाहं राजसत्तमाः।
यज्ञियं च कृतं राजन्युरुपैः सुसमाहितैः ॥३३॥
⚜️हे महाराज ! मैंने भी उनका यथावित सत्कार कर दिया और यज्ञ की भी सब तैयारी हो चुकी है॥३३॥
🍃निर्यातु च भवान्यर्टुं यज्ञायतनमन्तिकात्।सर्वकामैरुपहुतैरुपेतं वै समन्ततः ॥ ३४॥
द्रष्टुमर्हसि राजेन्द्र मनसेव विनिर्मितम्।
तथा वसिष्ठवचनादृश्यशृङ्गस्य चाभयोः ॥ ३५॥
⚜️अब आप भी यज्ञ करने के लिये यज्ञशाला में पधारिये और यज्ञ की सब सामग्री को देखिये कि, सेवकों ने कैसी उत्तमता और सावधानता से सब सामान सजा कर रखा है। तब वशिष्ठ जी और ऋषि श्रृंग दोनों के कहने से॥३४॥३५॥
#ramayan
📙 ऋग्वेद
सूक्त-२३, प्रथम मंडल,
मंत्र-०३ देवता-वायु आदि
🍃इन्द्रवायू मनोजुवा विप्रा हवन्त ऊतये. सहस्तरक्षा धियस्पत.. (३)
⚜️वायु मन के समान गतिशील एवं इंद्र हजार आंखों वाले हैं. बुद्धिमान् लोग इन्हें अपनी रक्षा के लिए बुलाते हैं. (३)
#rgveda
सूक्त-२३, प्रथम मंडल,
मंत्र-०३ देवता-वायु आदि
🍃इन्द्रवायू मनोजुवा विप्रा हवन्त ऊतये. सहस्तरक्षा धियस्पत.. (३)
⚜️वायु मन के समान गतिशील एवं इंद्र हजार आंखों वाले हैं. बुद्धिमान् लोग इन्हें अपनी रक्षा के लिए बुलाते हैं. (३)
#rgveda
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२२
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७७
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा रात्रि 12:17 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक 28 मार्च 2021
⛅ दिन - रविवार
⛅ विक्रम संवत - 2077
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - वसंत
⛅ मास - फाल्गुन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी शाम 05:36 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - वृद्धि रात्रि 09:50 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहुकाल - शाम 05:20 से शाम 06:52 तक
⛅ सूर्योदय - 06:36
⛅ सूर्यास्त - 18:50
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - व्रत पूर्णिमा, हुताशनी पूर्णिमा, होलिका दहन, होलाष्टक समाप्त
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२२
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७७
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा रात्रि 12:17 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक 28 मार्च 2021
⛅ दिन - रविवार
⛅ विक्रम संवत - 2077
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - वसंत
⛅ मास - फाल्गुन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी शाम 05:36 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - वृद्धि रात्रि 09:50 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहुकाल - शाम 05:20 से शाम 06:52 तक
⛅ सूर्योदय - 06:36
⛅ सूर्यास्त - 18:50
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - व्रत पूर्णिमा, हुताशनी पूर्णिमा, होलिका दहन, होलाष्टक समाप्त
✊ चाणक्य नीति ⚔️
✒️एकादशः अध्याय
♦️श्लोक:-९
ये तु संवत्सरं पूर्णं नित्यं मौनेन भुञ्जते।
युगकोटिसहस्त्रन्तु स्वर्गलोक महीयते।।९।।
♦️भावार्थ-- जो व्यक्ति पूरे साल हमेशा मौन होकर, चुपचाप, बिना बोले हुए भोजन करता है, वह अवश्य ही एक हजार करोड़ युगों तक स्वर्ग धाम में गौरव आदर सम्मान पाता है।।
#chanakya
✒️एकादशः अध्याय
♦️श्लोक:-९
ये तु संवत्सरं पूर्णं नित्यं मौनेन भुञ्जते।
युगकोटिसहस्त्रन्तु स्वर्गलोक महीयते।।९।।
♦️भावार्थ-- जो व्यक्ति पूरे साल हमेशा मौन होकर, चुपचाप, बिना बोले हुए भोजन करता है, वह अवश्य ही एक हजार करोड़ युगों तक स्वर्ग धाम में गौरव आदर सम्मान पाता है।।
#chanakya
📚 श्रीमद बाल्मीकि रामायणम 📚
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। त्रयोदशः सर्गः ।।
🍃शुभे दिवसनक्षत्रे निर्याता जगतीपतिः।
ततो वसिष्टपप्रुखाः सर्व एव द्विजोत्तमाः॥३६॥
ऋष्यशृङ्गं पुरस्कृत्य यज्कर्मारभंस्वदा।
यज्ञवाटवताः सर्वे यथाशास्त्रं यथाविधि ।
श्रीमांश्च सहपत्नीभी राजा दीक्षामुपाविशत् ॥३७॥
👉🏻🚩इति त्रयोदशः सर्गः॥
⚜️शुभ दिन और नक्षत्र में महाराज दशरथ यज्ञशाला में गये। तब वशिष्ठ प्रमुख सब ब्राह्मणों ने ऋषि श्रृंग को अपना प्रमुख बना यज्ञशाला में यज्ञकार्य यथा विधि प्रारम्भ किया और महाराज ने रानियों सहित यज्ञ दीक्षा ली॥३६॥३७॥
👉🏻🚩बालकाण्ड का तेरहवां सर्ग पूरा हुआ।
#ramayan
🔥 बालकाण्ड: 🔥
।। त्रयोदशः सर्गः ।।
🍃शुभे दिवसनक्षत्रे निर्याता जगतीपतिः।
ततो वसिष्टपप्रुखाः सर्व एव द्विजोत्तमाः॥३६॥
ऋष्यशृङ्गं पुरस्कृत्य यज्कर्मारभंस्वदा।
यज्ञवाटवताः सर्वे यथाशास्त्रं यथाविधि ।
श्रीमांश्च सहपत्नीभी राजा दीक्षामुपाविशत् ॥३७॥
👉🏻🚩इति त्रयोदशः सर्गः॥
⚜️शुभ दिन और नक्षत्र में महाराज दशरथ यज्ञशाला में गये। तब वशिष्ठ प्रमुख सब ब्राह्मणों ने ऋषि श्रृंग को अपना प्रमुख बना यज्ञशाला में यज्ञकार्य यथा विधि प्रारम्भ किया और महाराज ने रानियों सहित यज्ञ दीक्षा ली॥३६॥३७॥
👉🏻🚩बालकाण्ड का तेरहवां सर्ग पूरा हुआ।
#ramayan
📙 ऋग्वेद
सूक्त-२३, प्रथम मंडल,
मंत्र-०४ देवता-वायु आदि
🍃मित्रं वयं हवामहे वरुणं सोमपीतये, जज्ञाना पूतदक्षसा.. (४)
⚜️मित्र और वरुण यज्ञ में प्रकट होने वाले एवं शुद्धबलसंपन्न हैं. हम उन्हें सोमरस पीने के लिए बुलाते हैं. (४)
#rgveda
सूक्त-२३, प्रथम मंडल,
मंत्र-०४ देवता-वायु आदि
🍃मित्रं वयं हवामहे वरुणं सोमपीतये, जज्ञाना पूतदक्षसा.. (४)
⚜️मित्र और वरुण यज्ञ में प्रकट होने वाले एवं शुद्धबलसंपन्न हैं. हम उन्हें सोमरस पीने के लिए बुलाते हैं. (४)
#rgveda
Forwarded from पुरुषोत्तमः॥ Purushothaman AJ (Bharatam).
हरिःॐ। इन्दुवासर-सुप्रभातम्।
आकाशवाण्या अद्यतन्यःप्रातःकालवार्ताः।
जयतु संस्कृतम्॥
आकाशवाण्या अद्यतन्यःप्रातःकालवार्ताः।
जयतु संस्कृतम्॥