🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२३
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७८
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या शाम 07:19 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 08 अगस्त 2021
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत - 1943
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य सुबह 09:19 तक तत्पश्चात अश्लेशा
⛅ योग - व्यतिपात रात्रि 11:39 तक तत्पश्चात वरीयान्
⛅ राहुकाल - शाम 05:36 से शाम 07:14 तक
⛅ सूर्योदय - 06:16
⛅ सूर्यास्त - 19:12
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२३
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७८
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⛅ दिनांक - 08 अगस्त 2021
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⛅ शक संवत - 1943
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य सुबह 09:19 तक तत्पश्चात अश्लेशा
⛅ योग - व्यतिपात रात्रि 11:39 तक तत्पश्चात वरीयान्
⛅ राहुकाल - शाम 05:36 से शाम 07:14 तक
⛅ सूर्योदय - 06:16
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Vaarta: Catch news and updates in Sanskrit | 8.8.2021
✊ चाणक्य नीति ⚔️
✒️ सप्तदशः अध्याय:
♦️श्लोक :- ०९
पत्युराज्ञां विना नारी उपोष्य व्रतचारिणी।
आयुष्यं हरते भर्तुः सा नारी नरकं व्रजेत्।
♦️भावार्थ : पति की आज्ञा के बिना जो स्त्री उपवास रुपी व्रत करती है, वह अपने पति की आयु को कम करने वाली होती है। वह स्त्री नरक में जाती है, उसे महान कष्ट भोगने पड़ते हैं।
♦️श्लोक :- १०
न दानैः शुध्यते नारी नोपवासशतैरपि।
न तीर्थसेवया तद्वद् भर्तुः पादोदकैर्यथा।।
♦️भावार्थ - स्त्री अनेक प्रकार के दान करने से शुद्ध नहीं होती अर्थात् मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकती, सैकड़ों उपवास करने से भी वह शुद्ध नहीं होती, अनेक तीर्थों की यात्रा करने के बाद भी वह शुद्ध नहीं होती, वह तो केवल पति चरणों की सेवा से ही शुद्ध हो सकती है अर्थात मोक्ष प्राप्त कर सकती है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्री का सबसे प्रथम कर्तव्य अपने पति की सेवा है। जो स्त्री अपने पति की सेवा न करती हो तथा अन्य धार्मिक कार्यों में अपना समय व्यतीत करने का प्रयत्न करती है, उसे कोई विशेष लाभ नहीं होता। उसका सर्वप्रथम कर्तव्य पति की सेवा करना है, उसी से उसे मोक्ष मिलता है। परोक्ष रूप से संदेश यह है कि स्त्री पहले अपने पारिवारिक कर्तव्यों का निर्वाह करे। सेवा ही उसकी मुक्ति का साधन है।
#chanakya
✒️ सप्तदशः अध्याय:
♦️श्लोक :- ०९
पत्युराज्ञां विना नारी उपोष्य व्रतचारिणी।
आयुष्यं हरते भर्तुः सा नारी नरकं व्रजेत्।
♦️भावार्थ : पति की आज्ञा के बिना जो स्त्री उपवास रुपी व्रत करती है, वह अपने पति की आयु को कम करने वाली होती है। वह स्त्री नरक में जाती है, उसे महान कष्ट भोगने पड़ते हैं।
♦️श्लोक :- १०
न दानैः शुध्यते नारी नोपवासशतैरपि।
न तीर्थसेवया तद्वद् भर्तुः पादोदकैर्यथा।।
♦️भावार्थ - स्त्री अनेक प्रकार के दान करने से शुद्ध नहीं होती अर्थात् मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकती, सैकड़ों उपवास करने से भी वह शुद्ध नहीं होती, अनेक तीर्थों की यात्रा करने के बाद भी वह शुद्ध नहीं होती, वह तो केवल पति चरणों की सेवा से ही शुद्ध हो सकती है अर्थात मोक्ष प्राप्त कर सकती है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्री का सबसे प्रथम कर्तव्य अपने पति की सेवा है। जो स्त्री अपने पति की सेवा न करती हो तथा अन्य धार्मिक कार्यों में अपना समय व्यतीत करने का प्रयत्न करती है, उसे कोई विशेष लाभ नहीं होता। उसका सर्वप्रथम कर्तव्य पति की सेवा करना है, उसी से उसे मोक्ष मिलता है। परोक्ष रूप से संदेश यह है कि स्त्री पहले अपने पारिवारिक कर्तव्यों का निर्वाह करे। सेवा ही उसकी मुक्ति का साधन है।
#chanakya
ओ३म्
595. संस्कृत वाक्याभ्यासः
तस्य मुखम् अशुष्यत्।
= उसका मुँह सूख गया है।
मुखे आर्द्रता नास्ति।
= मुख में गीलापन नहीं है।
चिकित्सकः तस्मै प्रतिजैविकम् औषधं दत्तवान्।
= चिकित्सक ने उसे एंटीबायोटिक दवाई दी है।
सः वारं वारं जलं याचते।
= वह बार पानी माँगता है।
तस्य माता तस्मै जलं ददाति।
= उसकी माँ उसे पानी देती है।
सः वदति – “अम्ब ! मुखं बहु शुष्कम् अभवत्”
= वह कहता है – “माँ मुँह बहुत सूख गया है”
माता – “शनैः शनैः जलं पिब वत्स !”
= धीरे धीरे पानी पीओ बेटा !
पुत्रः – “किमपि न सुमनस्यते ।”
= कुछ अच्छा नहीं लग रहा है।
माता – तव कृते मधु आनयामि।
= तुम्हारे लिये शहद लाती हूँ।
त्वं लीढि
= तुम चाटो
मुखं रसमयं भविष्यति।
= मुँह रसदार हो जाएगा।
ओ३म्
596. संस्कृत वाक्याभ्यासः
सा स्मरति।
सा नित्यं स्मरति।
सा सर्वदा स्मरति।
सा तं स्मरति।
सा तं सर्वत्र स्मरति।
सा तं प्रातः स्मरति।
सा तं सायं स्मरति।
सा तं भोजन समये स्मरति।
सा तस्य स्मरणं विना भोजनं न करोति।
सा तस्य स्मरणं विना किमपि न करोति।
सा ईश्वरभक्ता अस्ति।
ओ३म्
597. संस्कृत वाक्याभ्यासः
अद्य पुनः हिमादासम् अभिवादये अहम्।
= आज मैं पुनः हिमा दास को अभिवादन करता हूँ।
चेकगणराज्ये धावनस्पर्धा चलन् अस्ति।
= चेक गणराज्य में दौड़ स्पर्धा चल रही है।
हिमादासः ह्यः चतुर्थं स्वर्णपदकं विजितवती।
= हिमदास ने कल चौथा स्वर्णपदक जीता।
प्रायः वयं सर्वे क्रिकेटविषये एव चर्चां कुर्मः।
= प्रायः हम क्रिकेट के बारे में ही बात करते हैं।
भारतीयानां क्रीड़ानां विषये न वदामः।
= भारतीय खेलों के बारे में बात नहीं करते हैं।
अपरं च धनिकानाम् एव यशोगानं क्रियते।
= दूसरा धनिकों का ही यशोगान किया जाता है।
हिमादासः निर्धनपरिवारस्य पुत्री अस्ति।
= हिमदास निर्धन परिवार की पुत्री है
अधुना आसामराज्ये जनाः जलप्लावनेन ग्रसिताः सन्ति।
= इस समय आसाम राज्य में लोग बाढ़ से ग्रसित हैं।
हिमादासः सम्पूर्णम् अर्जितं धनं लोकहिताय समर्पितवती।
= हिमदास ने पूरा कमाया हुआ धन लोकहित में समर्पित कर दिया।
विदेशीयाः धाविकाः अपि तया पराजिताः।
विदेशी धाविकाएँ भी उससे पराजित हो गईं।
वयं सर्वे हिमदासम् अभिवादयामहे।
= हम सभी हिमदास का अभिवादन करते हैं।
ओ३म्
598. संस्कृत वाक्याभ्यासः
आचार्यः देवव्रतः गुजरातस्य नूतनः राज्यपालः नियुक्तः जातः।
= आचार्य देवव्रत जी गुजरात के नए राज्यपाल नियुक्त हुए।
श्रीमन्तः देवव्रतः महाभागाः कुरुक्षेत्रविद्यालयस्य आचार्याः आसन्।
= श्रीमान देवव्रत जी कुरुक्षेत्र विद्यालय के आचार्य थे।
पञ्चत्रिंशत वर्षाणि पर्यन्तं ते तत्र आचार्यपदे आसीनाः आसन्।
= पैंतीस वर्ष तक वे वहाँ आचार्य पद पर आसीन थे।
ते वेदानाम् अध्ययनं कृतवन्तः।
= उन्होंने वेदों का अध्ययन किया है।
पञ्चवर्षेभ्यः पूर्वं ते हिमाचलप्रदेशस्य राज्यपालः नियुक्तः जातः।
= पाँच वर्ष पहले वे हिमाचलप्रदेश के राज्यपाल नियुक्त हुए।
आचार्यमहाभागाः संस्कृतं जानन्ति।
= आचार्य जी संस्कृत जानते हैं।
हिमाचलस्य राजभवने ते प्रतिदिनं यज्ञं कुर्वन्ति स्म।
= हिमाचलप्रदेश के राजभवन में वे प्रतिदिन यज्ञ करते थे।
अधुना गुजरातस्य राजभवने ते यज्ञं करिष्यन्ति।
= अब गुजरात के राजभवन में वे यज्ञ करेंगे।
आचार्यमहोदयाः अध्ययनशीलाः सन्ति।
= आचार्य महोदय अध्ययनशील हैं।
तेषां सात्विकः स्वभावः सर्वेभ्यः रोचते।
= उनका सात्विक स्वभाव सबको पसंद आता है।
वयं सर्वे आचार्यदेवव्रत-महाभागानां गुजराते स्वागतं कुर्मः।
= हम सभी आचार्य देवव्रत जी का गुजरात में स्वागत करते हैं।
#vakyabhyas
595. संस्कृत वाक्याभ्यासः
तस्य मुखम् अशुष्यत्।
= उसका मुँह सूख गया है।
मुखे आर्द्रता नास्ति।
= मुख में गीलापन नहीं है।
चिकित्सकः तस्मै प्रतिजैविकम् औषधं दत्तवान्।
= चिकित्सक ने उसे एंटीबायोटिक दवाई दी है।
सः वारं वारं जलं याचते।
= वह बार पानी माँगता है।
तस्य माता तस्मै जलं ददाति।
= उसकी माँ उसे पानी देती है।
सः वदति – “अम्ब ! मुखं बहु शुष्कम् अभवत्”
= वह कहता है – “माँ मुँह बहुत सूख गया है”
माता – “शनैः शनैः जलं पिब वत्स !”
= धीरे धीरे पानी पीओ बेटा !
पुत्रः – “किमपि न सुमनस्यते ।”
= कुछ अच्छा नहीं लग रहा है।
माता – तव कृते मधु आनयामि।
= तुम्हारे लिये शहद लाती हूँ।
त्वं लीढि
= तुम चाटो
मुखं रसमयं भविष्यति।
= मुँह रसदार हो जाएगा।
ओ३म्
596. संस्कृत वाक्याभ्यासः
सा स्मरति।
सा नित्यं स्मरति।
सा सर्वदा स्मरति।
सा तं स्मरति।
सा तं सर्वत्र स्मरति।
सा तं प्रातः स्मरति।
सा तं सायं स्मरति।
सा तं भोजन समये स्मरति।
सा तस्य स्मरणं विना भोजनं न करोति।
सा तस्य स्मरणं विना किमपि न करोति।
सा ईश्वरभक्ता अस्ति।
ओ३म्
597. संस्कृत वाक्याभ्यासः
अद्य पुनः हिमादासम् अभिवादये अहम्।
= आज मैं पुनः हिमा दास को अभिवादन करता हूँ।
चेकगणराज्ये धावनस्पर्धा चलन् अस्ति।
= चेक गणराज्य में दौड़ स्पर्धा चल रही है।
हिमादासः ह्यः चतुर्थं स्वर्णपदकं विजितवती।
= हिमदास ने कल चौथा स्वर्णपदक जीता।
प्रायः वयं सर्वे क्रिकेटविषये एव चर्चां कुर्मः।
= प्रायः हम क्रिकेट के बारे में ही बात करते हैं।
भारतीयानां क्रीड़ानां विषये न वदामः।
= भारतीय खेलों के बारे में बात नहीं करते हैं।
अपरं च धनिकानाम् एव यशोगानं क्रियते।
= दूसरा धनिकों का ही यशोगान किया जाता है।
हिमादासः निर्धनपरिवारस्य पुत्री अस्ति।
= हिमदास निर्धन परिवार की पुत्री है
अधुना आसामराज्ये जनाः जलप्लावनेन ग्रसिताः सन्ति।
= इस समय आसाम राज्य में लोग बाढ़ से ग्रसित हैं।
हिमादासः सम्पूर्णम् अर्जितं धनं लोकहिताय समर्पितवती।
= हिमदास ने पूरा कमाया हुआ धन लोकहित में समर्पित कर दिया।
विदेशीयाः धाविकाः अपि तया पराजिताः।
विदेशी धाविकाएँ भी उससे पराजित हो गईं।
वयं सर्वे हिमदासम् अभिवादयामहे।
= हम सभी हिमदास का अभिवादन करते हैं।
ओ३म्
598. संस्कृत वाक्याभ्यासः
आचार्यः देवव्रतः गुजरातस्य नूतनः राज्यपालः नियुक्तः जातः।
= आचार्य देवव्रत जी गुजरात के नए राज्यपाल नियुक्त हुए।
श्रीमन्तः देवव्रतः महाभागाः कुरुक्षेत्रविद्यालयस्य आचार्याः आसन्।
= श्रीमान देवव्रत जी कुरुक्षेत्र विद्यालय के आचार्य थे।
पञ्चत्रिंशत वर्षाणि पर्यन्तं ते तत्र आचार्यपदे आसीनाः आसन्।
= पैंतीस वर्ष तक वे वहाँ आचार्य पद पर आसीन थे।
ते वेदानाम् अध्ययनं कृतवन्तः।
= उन्होंने वेदों का अध्ययन किया है।
पञ्चवर्षेभ्यः पूर्वं ते हिमाचलप्रदेशस्य राज्यपालः नियुक्तः जातः।
= पाँच वर्ष पहले वे हिमाचलप्रदेश के राज्यपाल नियुक्त हुए।
आचार्यमहाभागाः संस्कृतं जानन्ति।
= आचार्य जी संस्कृत जानते हैं।
हिमाचलस्य राजभवने ते प्रतिदिनं यज्ञं कुर्वन्ति स्म।
= हिमाचलप्रदेश के राजभवन में वे प्रतिदिन यज्ञ करते थे।
अधुना गुजरातस्य राजभवने ते यज्ञं करिष्यन्ति।
= अब गुजरात के राजभवन में वे यज्ञ करेंगे।
आचार्यमहोदयाः अध्ययनशीलाः सन्ति।
= आचार्य महोदय अध्ययनशील हैं।
तेषां सात्विकः स्वभावः सर्वेभ्यः रोचते।
= उनका सात्विक स्वभाव सबको पसंद आता है।
वयं सर्वे आचार्यदेवव्रत-महाभागानां गुजराते स्वागतं कुर्मः।
= हम सभी आचार्य देवव्रत जी का गुजरात में स्वागत करते हैं।
#vakyabhyas
अद्य तस्य जन्मजयंती 🙏🏼
भीष्मसाहनी (१९१५-२००३) पाकिस्तानदेशे रावलपिंडीप्रदेशे जातः। सः हिन्दीभाषासयाः महान् लेखकः आसीत्।
अद्य अमावस्या अपि🌚🌑
भारतीयकालगणनानुगुणं प्रत्येकं मासस्य अन्तिमदिनम् अमावास्या भवति । कृष्णपक्षस्य चतुर्दश्याः अनन्तरदिवसः पूर्णिमातिथिः भवति । यस्मिन् दिवसे चन्द्रः रात्रौ अदृश्यः भवति सा आमावास्या भवति । भारतीयानाम् इयं तिथिः तावती पवित्रा न । तथापि कानिचन पर्वाणि अस्यां तिथौ भवन्ति । आश्विणमासस्य कार्तिकमासस्य भाद्रपदमासस्य च अमावास्याः पुण्यप्रदाः भवन्ति ।
भीष्मसाहनी (१९१५-२००३) पाकिस्तानदेशे रावलपिंडीप्रदेशे जातः। सः हिन्दीभाषासयाः महान् लेखकः आसीत्।
अद्य अमावस्या अपि🌚🌑
भारतीयकालगणनानुगुणं प्रत्येकं मासस्य अन्तिमदिनम् अमावास्या भवति । कृष्णपक्षस्य चतुर्दश्याः अनन्तरदिवसः पूर्णिमातिथिः भवति । यस्मिन् दिवसे चन्द्रः रात्रौ अदृश्यः भवति सा आमावास्या भवति । भारतीयानाम् इयं तिथिः तावती पवित्रा न । तथापि कानिचन पर्वाणि अस्यां तिथौ भवन्ति । आश्विणमासस्य कार्तिकमासस्य भाद्रपदमासस्य च अमावास्याः पुण्यप्रदाः भवन्ति ।
Hari Om
Namaste
May Pujyasri Swamiji’s Gracious Blessings be always with you.
Already we have announced that the Regular Classes of Atmavidya - 3 will start from the Vijayadasami 15th October 2021. Before that the Preparatory Classes are going on.
The First Preparatory Class will be Published by 7 am IST on 24th July 2021. After that, Every Monday and Friday we will Publish the Classes by 7 am. You can attend this class at this time, or you can attend at your Convenient time. These Classes will follow up to the End of September 2021. After that we will send the Detailed notification about further Classes.
The Preparatory Classes will be Published on the Website www.atmavidya.info
There is no need of User ID and Password for these Preparatory classes. You can go to https://atmavidya.info website, click on AV3 Calendar menu and choose the classes for that day. Open the calendar entry and within the calendar entry, you will find the link for that day's class."
You can download the Class Materials, Moolam of the Text from the Website.
PLEASE NOTE THAT THESE DETAILS are ONLY FOR PREPARATORY CLASSES. In October First Week we will send you the USER ID PASSWORD and Other Details for the Regular Classes.
IF You are any doubts Please mail to atmavidya2021@gmail.com
Pranams
Ever in Guruseva,
Gurusevak || Atma vidya Team ||
"संस्कृतेनैव संस्कृतिः - पूज्यश्री ओङ्कारानन्द महास्वामिनः".
http://bhashyamsikshanakendram.blogspot.com/2021/01/blog-post_21.html
Namaste
May Pujyasri Swamiji’s Gracious Blessings be always with you.
Already we have announced that the Regular Classes of Atmavidya - 3 will start from the Vijayadasami 15th October 2021. Before that the Preparatory Classes are going on.
The First Preparatory Class will be Published by 7 am IST on 24th July 2021. After that, Every Monday and Friday we will Publish the Classes by 7 am. You can attend this class at this time, or you can attend at your Convenient time. These Classes will follow up to the End of September 2021. After that we will send the Detailed notification about further Classes.
The Preparatory Classes will be Published on the Website www.atmavidya.info
There is no need of User ID and Password for these Preparatory classes. You can go to https://atmavidya.info website, click on AV3 Calendar menu and choose the classes for that day. Open the calendar entry and within the calendar entry, you will find the link for that day's class."
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IF You are any doubts Please mail to atmavidya2021@gmail.com
Pranams
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ॐ
भारत-देशस्य नीरज-चोपडा इति एतेन क्रीडकेन टोकियो-ऑलिम्पिक-स्पर्धायां तोमर-क्षेपणम् इति एतस्मिन् क्रीडाविधौ सुवर्ण-जयचिह्ममुद्रा विजिता ।
न केवलम् एतत् सुवर्ण-चिह्नं ,
भारतस्य कृते तु सुवर्ण-युगम् ।
येन नीरज-योधेन तत् आनीतं ,
तस्य भूरिशः हार्दम् अभिनन्दनम् ।।
------- संस्कृतानन्दः ।
भारत-देशस्य नीरज-चोपडा इति एतेन क्रीडकेन टोकियो-ऑलिम्पिक-स्पर्धायां तोमर-क्षेपणम् इति एतस्मिन् क्रीडाविधौ सुवर्ण-जयचिह्ममुद्रा विजिता ।
न केवलम् एतत् सुवर्ण-चिह्नं ,
भारतस्य कृते तु सुवर्ण-युगम् ।
येन नीरज-योधेन तत् आनीतं ,
तस्य भूरिशः हार्दम् अभिनन्दनम् ।।
------- संस्कृतानन्दः ।
Sanskrit-1820-1830
AIR Sanskrit News (Evening)
Sunday, August 8, 2021
जोण्सण् आन्ट् जोण्सण् संस्थायाः एकमात्रामितकोविड्वाक्सिनाय राष्ट्रे अनुमतिः प्रदत्तः।
नवदिल्ली> जोण्सण् आन्ट् जोण्सण् संस्थायाः एकमात्रामित -कोविड्वाक्सिनस्य आपत्कालोपयोगार्थं राष्ट्रे अनुमतिः प्रदत्ता। आगस्त् मासस्य पञ्चमे दिने एव संस्थया एतदर्थं प्रार्थनापत्रं समर्पितम्। भारतस्य स्वास्थ्यमन्त्रिणा मन्सूख् माण्डव्येन एव कार्यमिदं ट्विट्टर् द्वारा प्रतिवेदितम्। राष्ट्रे बयोलजिक्कल् इ नाम भारतीयसंस्थायाः साह्यकरणेन वाक्सिनमिदं वितरिष्यति। प्रार्थनापत्रं विशदरीत्या परिशोधनान्तरमेव एषः प्रक्रमः भविष्यति। एकस्मिन् दिने एककोटिमितं वाक्सिनम् इति क्रमेण वाक्सिनीकरणं शीघ्रातिशीघ्रं कर्तुं एषः प्रक्रमः प्रभवति इति भारतसर्वकारसंघैः प्रतिवेदितम्। ~ संप्रति वार्ता
जोण्सण् आन्ट् जोण्सण् संस्थायाः एकमात्रामितकोविड्वाक्सिनाय राष्ट्रे अनुमतिः प्रदत्तः।
नवदिल्ली> जोण्सण् आन्ट् जोण्सण् संस्थायाः एकमात्रामित -कोविड्वाक्सिनस्य आपत्कालोपयोगार्थं राष्ट्रे अनुमतिः प्रदत्ता। आगस्त् मासस्य पञ्चमे दिने एव संस्थया एतदर्थं प्रार्थनापत्रं समर्पितम्। भारतस्य स्वास्थ्यमन्त्रिणा मन्सूख् माण्डव्येन एव कार्यमिदं ट्विट्टर् द्वारा प्रतिवेदितम्। राष्ट्रे बयोलजिक्कल् इ नाम भारतीयसंस्थायाः साह्यकरणेन वाक्सिनमिदं वितरिष्यति। प्रार्थनापत्रं विशदरीत्या परिशोधनान्तरमेव एषः प्रक्रमः भविष्यति। एकस्मिन् दिने एककोटिमितं वाक्सिनम् इति क्रमेण वाक्सिनीकरणं शीघ्रातिशीघ्रं कर्तुं एषः प्रक्रमः प्रभवति इति भारतसर्वकारसंघैः प्रतिवेदितम्। ~ संप्रति वार्ता
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩यगाब्द-५१२३
🌥 🚩विक्रम संवत-२०७८
⛅️ 🚩तिथि - प्रतिपदा शाम 06:56 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅️ दिनांक - 09 अगस्त 2021
⛅️ दिन - सोमवार
⛅️ शक संवत - 1943
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - वर्षा
⛅️ मास - श्रावण
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - अश्लेशा सुबह 09:50 तक तत्पश्चात मघा
⛅️ योग - वरीयान् रात्रि 10:15 तक तत्पश्चात परिघ
⛅️ राहुकाल - सुबह 07:52 से सुबह 09:30 तक
⛅️ सर्योदय - 06:16
⛅️ सर्यास्त - 19:11
⛅️ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
🌥 🚩यगाब्द-५१२३
🌥 🚩विक्रम संवत-२०७८
⛅️ 🚩तिथि - प्रतिपदा शाम 06:56 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅️ दिनांक - 09 अगस्त 2021
⛅️ दिन - सोमवार
⛅️ शक संवत - 1943
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - वर्षा
⛅️ मास - श्रावण
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - अश्लेशा सुबह 09:50 तक तत्पश्चात मघा
⛅️ योग - वरीयान् रात्रि 10:15 तक तत्पश्चात परिघ
⛅️ राहुकाल - सुबह 07:52 से सुबह 09:30 तक
⛅️ सर्योदय - 06:16
⛅️ सर्यास्त - 19:11
⛅️ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
Switch to DD News daily at 7:15 AM (Morning) for 15 minutes Sanskrit news. https://youtu.be/y8pqtQsWE3k
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Vaarta: Track major news highlights in Sanskrit | 9.8.2021