Forwarded from ॐ पीयूषः
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि 🚩
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२६
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८१
⛅ 🚩 तिथि - प्रतिपदा प्रातः 06:21 तक तत्पश्चात द्वितीया प्रातः 04:17 मई 10 तक
⛅ दिनांक - 09 मई 2024
⛅ दिन - गुरूवार
⛅ विक्रम संवत् - 2081
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - ग्रीष्म
⛅ मास - वैशाख
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - कृतिका प्रातः 11:55 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग- शोभना दोपहर 14:42 मई 09 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - दोपहर 02:12 से दोपहर 03:49 तक
⛅ सूर्योदय - 06:06
⛅ सूर्यास्त - 07:04
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:22 तक*
⛅ अभिजीत मुहूर्त -दोपहर 12:09 से दोपहर 01:01 तक
⛅ निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:13 मई 10 से रात्रि 12:57 मई 10 तक
🚩आज की हिंदी तिथि 🚩
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२६
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८१
⛅ 🚩 तिथि - प्रतिपदा प्रातः 06:21 तक तत्पश्चात द्वितीया प्रातः 04:17 मई 10 तक
⛅ दिनांक - 09 मई 2024
⛅ दिन - गुरूवार
⛅ विक्रम संवत् - 2081
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - ग्रीष्म
⛅ मास - वैशाख
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - कृतिका प्रातः 11:55 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग- शोभना दोपहर 14:42 मई 09 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - दोपहर 02:12 से दोपहर 03:49 तक
⛅ सूर्योदय - 06:06
⛅ सूर्यास्त - 07:04
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:22 तक*
⛅ अभिजीत मुहूर्त -दोपहर 12:09 से दोपहर 01:01 तक
⛅ निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:13 मई 10 से रात्रि 12:57 मई 10 तक
संलापशाला
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
नूतनभाषाध्ययनम्
#samlapshala
#samlapshala
🌿
🌞 धनं जीवनं यौवनम् इत्यादिकं सर्वं नश्वरमस्ति अतः एतेषाम् उपयोगः यथाशक्ति परहितायैव कर्तव्यः।
🌷संसार में धन,जीवन इत्यादि सब कुछ नश्वर है,,अत: जब सबकुछ स्वत: नष्ट होने वाला है तो किसी श्रेष्ठ प्रयोजन के लिए उनका त्याग करना अच्छा है।
🌹In the world, wealth, life, etc., everything is mortal, so when everything is going to be destroyed automatically, it is good to sacrifice them for a better purpose.
📍 हितोपदेशः । २।४४॥ #Subhashitam
धनानि जीवितं चैव परार्थे प्राज्ञ उत्सृजेद्।
सन्निमित्ते वरं त्यागो विनाशे नियते सति॥
🌞 धनं जीवनं यौवनम् इत्यादिकं सर्वं नश्वरमस्ति अतः एतेषाम् उपयोगः यथाशक्ति परहितायैव कर्तव्यः।
🌷संसार में धन,जीवन इत्यादि सब कुछ नश्वर है,,अत: जब सबकुछ स्वत: नष्ट होने वाला है तो किसी श्रेष्ठ प्रयोजन के लिए उनका त्याग करना अच्छा है।
🌹In the world, wealth, life, etc., everything is mortal, so when everything is going to be destroyed automatically, it is good to sacrifice them for a better purpose.
📍 हितोपदेशः । २।४४॥ #Subhashitam
अहमपि सैनिकः भवितुमिच्छामि।
भवितुमिच्छामि इत्यस्य स्थाने किं पदं भवितुं शक्नोति।
भवितुमिच्छामि इत्यस्य स्थाने किं पदं भवितुं शक्नोति।
Anonymous Quiz
32%
बुभूषामि
22%
चिकीर्षामि
34%
जिगमिषामि
11%
विवक्षामि
१। आतपः तीव्रः अस्ति बहिः।
• The sun is scorching hot outside.
• बाहर सूर्य की गर्मी तीव्र है।
२। शिरस्त्राणं धृत्वैव गच्छ।
• Take your hat and go
• अपनी टोपी लेकर जाओ।
३। सः ऊष्णीषं विक्रीणीते वा।
• Does he sell turbans?
• वह पगड़ी बेच रहा है क्या।
४। कूपे जलाकर्षाणाय स्थापिता रज्जुः क्षयति।
• The rope installed for drawing water from the well is wearing out.
• कूप से पानी निकालने के लिए लगाई गई रस्सी का क्षरण हो रहा है।
५। क्षेत्रभूमिः मेघाच्छादिता अस्ति।
•The field is covered with clouds.
• खेत मेघों से ढ़का हुआ है।
६। तस्मिन् उद्याने रमामहे वयम्।
• We are enjoying in that park.
• हम उस उद्यान में आनन्द कर रहे हैं।
७। दूरवाणीं पश्यन् तेन गर्तः न दृष्टः।
• While watching the mobile, he didn’t notice the ditch.
• दूरवाणी देखते हुए उसे गड्ढा नहीं दिखा।
८। नखकृन्तनीं स्वीकुरु भोः।
• Take the nail cutter, my friend.
• मित्र, नखकृन्तनी स्वीकार करो।
९। तरणसमये नौकावत् शरीरं कुरु।
• Make your body like a boat while swimming
• तैरते समय शरीर को नाव की तरह बना लो।
१०। सः घटः मृत्तिकया निर्मितः किल।
• That pot is made of clay, isn’t it?
• वह मिट्टी से बना हुआ घड़ा है ना।
@samvadah #vakyabhyas
• The sun is scorching hot outside.
• बाहर सूर्य की गर्मी तीव्र है।
२। शिरस्त्राणं धृत्वैव गच्छ।
• Take your hat and go
• अपनी टोपी लेकर जाओ।
३। सः ऊष्णीषं विक्रीणीते वा।
• Does he sell turbans?
• वह पगड़ी बेच रहा है क्या।
४। कूपे जलाकर्षाणाय स्थापिता रज्जुः क्षयति।
• The rope installed for drawing water from the well is wearing out.
• कूप से पानी निकालने के लिए लगाई गई रस्सी का क्षरण हो रहा है।
५। क्षेत्रभूमिः मेघाच्छादिता अस्ति।
•The field is covered with clouds.
• खेत मेघों से ढ़का हुआ है।
६। तस्मिन् उद्याने रमामहे वयम्।
• We are enjoying in that park.
• हम उस उद्यान में आनन्द कर रहे हैं।
७। दूरवाणीं पश्यन् तेन गर्तः न दृष्टः।
• While watching the mobile, he didn’t notice the ditch.
• दूरवाणी देखते हुए उसे गड्ढा नहीं दिखा।
८। नखकृन्तनीं स्वीकुरु भोः।
• Take the nail cutter, my friend.
• मित्र, नखकृन्तनी स्वीकार करो।
९। तरणसमये नौकावत् शरीरं कुरु।
• Make your body like a boat while swimming
• तैरते समय शरीर को नाव की तरह बना लो।
१०। सः घटः मृत्तिकया निर्मितः किल।
• That pot is made of clay, isn’t it?
• वह मिट्टी से बना हुआ घड़ा है ना।
@samvadah #vakyabhyas
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः सुभाषितादीनि
🗓१०/०५/२०२४ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं (यं कमपि संस्कृतसम्बद्धं विषयं वदतु)एतद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः सुभाषितादीनि
🗓१०/०५/२०२४ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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अक्षयतृतीया सर्वमङ्गलकारिणी स्यात् #special
🌿
🌞यदि मनुष्यः स्वहितं वाञ्छति तर्हि तेन विषयाणां त्यागः सर्वथा करणीयः इन्द्रियजन्यविषयाः विषवदुक्ताः यैः मनुष्यस्य नाशः क्रियते।
🌷विद्वान् यदि सुख चाहता है तो उसे विषयों का विधिपूर्वक त्याग कर देना चाहिए। विषयों को विष के समान बताया गया है, जिनके द्वारा मनुष्य मारा जाता है।
🌹If a learned person wants happiness, he should renounce subjects according to the ritual. The objects are described as like poisons by which a man is killed.
📍शिवपुराणम् । २।३।२४।६४॥ #Subhashitam
सुखमिच्छति चेत् प्राज्ञो विधिवद् विषयांस्त्यजेत्।
विषवद् विषयानाहुः विषयैः यैर्निहन्यते॥
🌞यदि मनुष्यः स्वहितं वाञ्छति तर्हि तेन विषयाणां त्यागः सर्वथा करणीयः इन्द्रियजन्यविषयाः विषवदुक्ताः यैः मनुष्यस्य नाशः क्रियते।
🌷विद्वान् यदि सुख चाहता है तो उसे विषयों का विधिपूर्वक त्याग कर देना चाहिए। विषयों को विष के समान बताया गया है, जिनके द्वारा मनुष्य मारा जाता है।
🌹If a learned person wants happiness, he should renounce subjects according to the ritual. The objects are described as like poisons by which a man is killed.
📍शिवपुराणम् । २।३।२४।६४॥ #Subhashitam