संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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कौतुकः शिक्षकं पृच्छति। मम पुत्रः कथमस्ति पठने इति।
शिक्षकः। इत्थमवगच्छतु यत् आर्यभट्टेन शून्यस्य आविष्करणम् अस्य कृते एव कृतम्।

#hasya
कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे द्वितीया सूत्र -
से काल और मार्गवाचक शब्दों में यदि क्रिया का अतिशय लगाव या व्याप्ति हो , तो द्वितीया विभक्ति लगती है।अभी मैं मार्गवाचक शब्दों को छोड़कर कालवाचक शब्दों का ही प्रयोग करुंगा।

(१) राम और श्याम आपस में पन्द्रह मिनट से बात कर रहे है
=राम: श्याम: च पञ्चदशनिमेषान् परस्परं वार्त्तालापं कुरुत:।

(२) तुम दोनों तीन घंटे से पढ़ रहे हो
= युवां होरात्रयम् अधीयाथे।

(३) हमदोनों सुबह से पढ़ रहे हैं
= आवां प्रातःकालम् अधीवहे।

(४) मैं इस स्कूल में २०१८ से पढ़ रहा हूं
= अहम् अस्मिन् विद्यालये अष्टादशाधिकानि द्विसहस्राणि वर्षाणि अध्यापये।

(५) हमलोग संस्कृत संभाषण संस्थान में तीन महिनों से संस्कृत सीख रहे हैं
= वयं संस्कृत-संभाषण-संस्थाने मासत्रयं संस्कृतम् अधीमहे।

(६) राधा सोमवार से एक चित्र बना रही है
= राधा सोमवासरम् चित्रणमेकं करोति।

(७) तुम बिना काम के दो घंटे से क्यों घुम रहे हो?
= अकारणम् त्वं होराद्वयं किमर्थं भ्रमसि?

(८) मेरे ससुर पिछले सप्ताह से बीमार है
= मम श्वसुर: गतसप्ताहं रुग्णोऽस्ति।

(९) मैं दो दिनों से व्यस्त हूं
= अहं दिनद्वयं व्यस्तोऽस्मि।

(१०) तुम सब एक घंटे से टी वी देख रहे हो
= यूयं होरैकं दूरदर्शनं पश्यथ।

~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि

🌥️ 🚩 युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८०
🚩 तिथि - अष्टमी रात्रि 10:04 तक तत्पश्चात नवमी


दिनांक - 04 जनवरी 2024
दिन - गुरुवार
अयन - उत्तरायण
ऋतु - शिशिर
मास - पौष
पक्ष - कृष्ण
नक्षत्र - हस्त शाम 05:33 तक तत्पश्चात चित्रा
योग - अतिगण्ड 05 जनवरी सुबह 06:49 तक
राहु काल - दोपहर 02:05 से 03:26 तक
सूर्योदय - 07:21
सूर्यास्त - 06:07
दिशा शूल - दक्षिण
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:28 तक

#panchang
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जानीते। जिज्ञासते।
पठति। पिपठिषति।
गच्छति। _______।
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गिगच्छति
16%
जिगच्छति
7%
जिगमति
65%
जिगमिषति
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे द्वितीया सूत्र - से काल और मार्गवाचक शब्दों में यदि क्रिया का अतिशय लगाव या व्याप्ति हो , तो द्वितीया विभक्ति लगती है।अभी मैं मार्गवाचक शब्दों को छोड़कर कालवाचक शब्दों का ही प्रयोग करुंगा। (१) राम और श्याम आपस में पन्द्रह मिनट से…
(११) वे सब दो वर्षो से यहां नहीं रह रहे हैं
= ते वर्षद्वयम् अत्र न निवसन्ति।

(१२) लॉकडाउन के कारण विद्यार्थी डेढ़ वर्षों से विद्यालय नहीं जा रहे हैं
= राजकीयसंरोधै: छात्रा: सार्धैकं वर्षं विद्यालयं न गच्छन्ति।

(१३) वे लोग चार बजे से इस मैदान में खेल रहे हैं
= ते चतुर्वादनम् अस्मिन् खेलक्षेत्रे खेलन्ति।

(१४) बीमार होने के कारण यह बच्चा सुबह से कुछ नहीं खा रहा है
= एष शिशु: रुग्णपीडितेन प्रात:कालं किमपि न खादति।

(१५) भयंकर गर्मी के कारण हम लोग दो घंटे से पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर आराम कर रहे हैं
=भीषणै: निदाघै: वयं होराद्वयं अश्वथवृक्षस्य अध: उपविश्य विश्रामं कुर्म:।


कमल के फूल का दिवाली पूजा में विशेष महत्त्व (दीपावलीपूजायां पद्मपुष्पस्य विशिष्टं: महत्त्वम्)
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अगर आप माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते है तो इनकी पूजा में कमल के फूल का इस्तेमाल करे।
•• यदि भवान् मातरं लक्ष्मीं प्रसन्नां कर्तुम् इच्छति तर्हि तस्या: पूजायां पद्मपुष्पस्य प्रयोगं कुर्यात्।

ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है और आर्थिक संकट दूर हो जाते है।
•• एवं करणेन गृहे सुखसमृद्धि: आयाति आर्थिकसंकट: च दूरीभवति।

अगर आपके जीवन में हमेशा धन की परेशानी बनी रहती है तो माँ लक्ष्मी की पूजा करते समय कमल के फूल की भी पूजा करें।
•• यदि भवत: जीवने सर्वदा धनसमस्या भवेत् तर्हि भगवत्या: लक्ष्म्या: पूजनं कुर्वन् पद्मपुष्पस्यापि पूजनं कुर्यात्।

अगर सत्ताईस दिन तक रोज एक कमल का फूल लक्ष्मी जी को अर्पित किया जाय तो अखंड राज्य सुख की प्राप्ति होती है।
•• यदि सप्तविंशतिदिनानि यावत् प्रतिदिनं देव्यै लक्ष्म्यै एकस्य पद्मपुष्पस्य अर्पणं कुर्यात् तर्हि अखण्डराज्यसुखस्य प्राप्ति: भवेत्।
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यंहा पर कमल के फूल सस्ते दामों पर उपलब्ध है।
•• अत्र पद्मपुष्पाणि अल्पमूल्येन उपलभ्यन्ते।

~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
Samskrit Bharati Patna Sammelanam.pdf
1.8 MB
स्थान - राजकीय संस्कृत महाविद्यालय सभागर, काजीपुर, राजेन्द्रनगर, पटना बिहार ।

पौषकृष्णपक्षः, एकादशीतिथिः युगाब्द: ५१२५, वि. सं. २०८० दिनांक 7 जनवरी 2024 (रविवासरः)
समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक

1. बुद्धन ओझा - +919334244300
2. सुनील कु. प्रधान:- +916207415215
3. डा. तरुण शर्मा - +918005264664
4. आचार्य गणेश- 7250246925
पतिः पत्न्यै प्रथमवारं भोजनम् निर्माति।

पत्नी। शाकस्य नाम किम्।
पतिः। खाद नाम केवलं नाम्ना किं प्रयोजनम्।
पत्नी। किन्तु यदा चिकित्सकः पृच्छेत् किं खादित्वा रुग्णा जातेति तदा तु नाम वक्तव्यमेव ननु अतः पृच्छामि।

#hasya
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