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॥बौधायनधर्मसूत्रम्॥
🔅अस्माकम् शरीरम् जलेन स्वच्छं/पवित्रं भवति, अस्माकं बुद्धिः ज्ञानेन शुद्धा भवति, यथा यथा च वयं ज्ञानं प्राप्नुमः, अस्माकं बुद्धिः पवित्रा भवति, मनुष्यस्य आत्मा अहिंसया शुद्धः भवति, सत्यस्य आचरणेन मनः पवित्रम् भवति।
⚜हमारा शरीर जल से स्वच्छ/पवित्र होता है, हमारी बुद्धि ज्ञान से शुद्ध होती है, और जैसे-जैसे हम ज्ञान प्राप्त करते हैं, हमारी बुद्धि पवित्र होती जाती है। मनुष्य की आत्मा अहिंसा से पवित्र (शुद्ध) होती है, सत्य के आचरण से मन पवित्र होता है।
#subhashitam
अद्भिः शुध्यन्ति गात्राणि, बुद्धिः ज्ञानेन शुध्यति।
अहिंसया च भूतात्मा मनः सत्येन शुध्यति॥
॥बौधायनधर्मसूत्रम्॥
🔅अस्माकम् शरीरम् जलेन स्वच्छं/पवित्रं भवति, अस्माकं बुद्धिः ज्ञानेन शुद्धा भवति, यथा यथा च वयं ज्ञानं प्राप्नुमः, अस्माकं बुद्धिः पवित्रा भवति, मनुष्यस्य आत्मा अहिंसया शुद्धः भवति, सत्यस्य आचरणेन मनः पवित्रम् भवति।
⚜हमारा शरीर जल से स्वच्छ/पवित्र होता है, हमारी बुद्धि ज्ञान से शुद्ध होती है, और जैसे-जैसे हम ज्ञान प्राप्त करते हैं, हमारी बुद्धि पवित्र होती जाती है। मनुष्य की आत्मा अहिंसा से पवित्र (शुद्ध) होती है, सत्य के आचरण से मन पवित्र होता है।
#subhashitam
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
गीतायाः महत्वमस्माकं जीवने
#samlapshala
#samlapshala
ध्यान पूर्वक समझिए सनातन संस्कृति की अद्भुत वास्तुकला और शिल्पकला को
•• सनातनसंस्कृते: अद्भुत-वास्तुकलां शिल्पकलां च ध्यानपूर्वकं अवगच्छन्तु।
हजारो वर्ष पुराना यह पूरा मंदिर एक ही चट्टान को काटकर बना है
•• सहस्रवर्षपुराणम् एतत् पूर्णमन्दिरं एकस्यैव शिलाखण्डस्य छेदनेन निर्मितम् अस्ति ।
आदमी कितनी भी मेहनत कर ले परन्तु यह बिना मशीनों के संभव नही है।
•• मनुष्यः कियदपि परिश्रमं कुर्यात्, परन्तु यन्त्रैः विना न सम्भवति।
मोहन जोदड़ो हड़प्पा सभ्यता कैसे समाप्त हुई ?
•• मोहनजोदड़ो हड़प्पा-सभ्यता कथं समाप्ता अभवत्?
आज विज्ञान भी कहता है की ऐसा प्रतीत होता है जैसे यहां कभी परमाणु बम गिरा हो जबकि हमारा वर्तमान विज्ञान परमाणु बम का पहली बार उपयोग दूसरे विश्व युद्ध मे मानता है।
••अद्यत्वे विज्ञानमपि वदति यत् अत्र परमाणुबम्ब: पातितः इव प्रतीयते, यद्यपि अस्माकं वर्तमानविज्ञानं द्वितीयविश्वयुद्धे प्रथमवारं परमाणुबम्बस्य उपयोगं विचारयति।
इन चट्टानों को काटना ही बड़ी बात नही है बल्कि इस तरह का नक्शा तैयार करना भी बड़ी बात है और उससे भी बड़ी बात है ऐसे निर्माण की कल्पना करना।
•• एतेषां शिलाखण्डाणां कर्तनमेव न केवलं महत् कार्यं, अपितु एतादृशस्य मानचित्रस्य सज्जीकरणमपि महत्कार्यमस्ति तथा च तस्मात् अपि महत्त्वपूर्णं यत् एतादृशस्य निर्माणस्य कल्पना अस्ति।
या तो यह माना जा सकता है कि देवताओं के द्वारा इनका निर्माण किया है या हमारे पूर्वज ज्ञान और विज्ञान में हमसे बहुत ज्यादा आगे थे।
••एतानि देवैः निर्मितानि इति वा अस्माकं पूर्वजाः ज्ञानविज्ञाने अस्मभ्यं बहु अग्रे आसन् इति वा कल्पयितुं शक्यते ।
पश्चिम की प्राचीन एलियंस थ्योरी भी ज्यादा गलत नही है।
••पश्चिमस्य प्राचीनः परग्रहसिद्धान्तः अपि बहु दोषो नास्ति।
चाहे वह सनातन इतिहास हो या किसी अन्य किसी पंथ का इतिहास।
•• कामं स सनातन-इतिहासो भवेत् उत् कस्यचिद् अन्यसम्प्रदायस्य इतिहास:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
•• सनातनसंस्कृते: अद्भुत-वास्तुकलां शिल्पकलां च ध्यानपूर्वकं अवगच्छन्तु।
हजारो वर्ष पुराना यह पूरा मंदिर एक ही चट्टान को काटकर बना है
•• सहस्रवर्षपुराणम् एतत् पूर्णमन्दिरं एकस्यैव शिलाखण्डस्य छेदनेन निर्मितम् अस्ति ।
आदमी कितनी भी मेहनत कर ले परन्तु यह बिना मशीनों के संभव नही है।
•• मनुष्यः कियदपि परिश्रमं कुर्यात्, परन्तु यन्त्रैः विना न सम्भवति।
मोहन जोदड़ो हड़प्पा सभ्यता कैसे समाप्त हुई ?
•• मोहनजोदड़ो हड़प्पा-सभ्यता कथं समाप्ता अभवत्?
आज विज्ञान भी कहता है की ऐसा प्रतीत होता है जैसे यहां कभी परमाणु बम गिरा हो जबकि हमारा वर्तमान विज्ञान परमाणु बम का पहली बार उपयोग दूसरे विश्व युद्ध मे मानता है।
••अद्यत्वे विज्ञानमपि वदति यत् अत्र परमाणुबम्ब: पातितः इव प्रतीयते, यद्यपि अस्माकं वर्तमानविज्ञानं द्वितीयविश्वयुद्धे प्रथमवारं परमाणुबम्बस्य उपयोगं विचारयति।
इन चट्टानों को काटना ही बड़ी बात नही है बल्कि इस तरह का नक्शा तैयार करना भी बड़ी बात है और उससे भी बड़ी बात है ऐसे निर्माण की कल्पना करना।
•• एतेषां शिलाखण्डाणां कर्तनमेव न केवलं महत् कार्यं, अपितु एतादृशस्य मानचित्रस्य सज्जीकरणमपि महत्कार्यमस्ति तथा च तस्मात् अपि महत्त्वपूर्णं यत् एतादृशस्य निर्माणस्य कल्पना अस्ति।
या तो यह माना जा सकता है कि देवताओं के द्वारा इनका निर्माण किया है या हमारे पूर्वज ज्ञान और विज्ञान में हमसे बहुत ज्यादा आगे थे।
••एतानि देवैः निर्मितानि इति वा अस्माकं पूर्वजाः ज्ञानविज्ञाने अस्मभ्यं बहु अग्रे आसन् इति वा कल्पयितुं शक्यते ।
पश्चिम की प्राचीन एलियंस थ्योरी भी ज्यादा गलत नही है।
••पश्चिमस्य प्राचीनः परग्रहसिद्धान्तः अपि बहु दोषो नास्ति।
चाहे वह सनातन इतिहास हो या किसी अन्य किसी पंथ का इतिहास।
•• कामं स सनातन-इतिहासो भवेत् उत् कस्यचिद् अन्यसम्प्रदायस्य इतिहास:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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दैवगिरा विज्ञापनम्।
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गीता सुगीता कर्तव्या।
अनौपचारिककेन्द्रेषु गीताजयन्ती।
अनौपचारिककेन्द्रेषु गीताजयन्ती।
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी प्रातः 05:54 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅दिनांक - 24 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - कृत्तिका रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - सिद्ध सुबह 07:18 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - शाम 04:40 से 06:01 तक
⛅ सूर्योदय - 07:17
⛅ सूर्यास्त - 06:01
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:24 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:13 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी प्रातः 05:54 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅दिनांक - 24 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - कृत्तिका रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - सिद्ध सुबह 07:18 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - शाम 04:40 से 06:01 तक
⛅ सूर्योदय - 07:17
⛅ सूर्यास्त - 06:01
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:24 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:13 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - सामान्यं जल्पनम्।
🗓२४/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - सामान्यं जल्पनम्।
🗓२४/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संलापशाला
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