🍃सम्पत्सु महतां चित्तं भवत्युत्पलकोमलम्
आपत्सु च महाशैलशिलासङ्घातकर्कशम्।।
~भर्तृहरि:(नीतिशतकम्)
🔆 अनुकूलसमये सम्पत्त्याः वर्धनसमये च महापुरुषाणां मनः कमलपत्रमिव भवति कोमलं किन्तु विपत्तीनाम् आगमने तत् एव चित्तं पाषाणखण्डमिव कठोरं भवति।
⚜सम्पत्ति आने पर महापुरुषों का चरित्र एवं मन कमल-पुष्प की तरह कोमल एवं उदार हो जाता है,,जबकि विपत्तियों में वहीं चित्त विशाल पाषाण खण्डों की तरह अभेद्य एवं कठोर हो जाता है।
#Subhashitam
आपत्सु च महाशैलशिलासङ्घातकर्कशम्।।
~भर्तृहरि:(नीतिशतकम्)
🔆 अनुकूलसमये सम्पत्त्याः वर्धनसमये च महापुरुषाणां मनः कमलपत्रमिव भवति कोमलं किन्तु विपत्तीनाम् आगमने तत् एव चित्तं पाषाणखण्डमिव कठोरं भवति।
⚜सम्पत्ति आने पर महापुरुषों का चरित्र एवं मन कमल-पुष्प की तरह कोमल एवं उदार हो जाता है,,जबकि विपत्तियों में वहीं चित्त विशाल पाषाण खण्डों की तरह अभेद्य एवं कठोर हो जाता है।
#Subhashitam
अव्यय
---------
नहीं तो/अन्यथा------
(१) जल्दी करो नहीं तो गाड़ी छूट जायेगी
= जल्दी करो, नहीं तो गाड़ी छुट जाएगी
••शीघ्रं कुरु/कुरुत नोचेत् यानं निष्क्रमिष्यते।
•• शीघ्रं कुरु नोचेत् त्वं यानं न प्राप्स्यसि ।
(२) यहां से चले जाओ, नहीं तो निकाल दिए जाओगे
= इत: बहिर्गच्छ नोचेत् त्वं निष्कासनं करिष्यसे।
----------------------------
कहीं------न/ऐसा न हो कि
(३)••कड़ी मेहनत करो, कहीं फेल न कर जाओ।
••कड़ी मेहनत करो, ऐसा न हो कि फेल कर जाओ।
= कठोरं परिश्रमं कुरु नोचेत् त्वं अनुत्तीर्णं भवितुं शक्ष्यसि।
-------
(५)बल्कि/इसके विपरीत-----
उसने मेरा नुकसान नहीं किया,बल्कि मेरी मदद की
= स मां न विहिंसितवान् , अपितु मम साहाय्यं कृतवान्।
----
(६)कहीं का----
मूर्ख कहीं का
= अयि मूर्खराज!
--------
(७)तब कहीं----
तब कहीं उसने अपनी जान बचाई
= अन्तत: स स्वप्राणान् रक्षितवान्।
-----
(८)वह कभी मेरा दोस्त था
= कदाचित् स मम मित्रम् आसीत्।
----
(९)कभी भी---
वह कभी भी आ सकता है
= स कदापि आगन्तुं शक्नोति।
------
(१०)कभी भी नहीं----
वह मेरी मदद कभी भी नहीं कर सकता
= स मम साहाय्यं कदापि न कर्तुं शक्नोति।
-----
(११)कभी कभी
वह मेरे यहां कभी कभी आया करता है
= स मम अत्र यदा-कदा आगच्छति।
-----
(१२)कभी-न-कभी/एक-न-एक दिन----
वह कभी-न-कभी पछतायेगा अवश्य
=स कदाचित् अवश्यमेव अनुशोचिष्यति/परितपिष्यति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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नहीं तो/अन्यथा------
(१) जल्दी करो नहीं तो गाड़ी छूट जायेगी
= जल्दी करो, नहीं तो गाड़ी छुट जाएगी
••शीघ्रं कुरु/कुरुत नोचेत् यानं निष्क्रमिष्यते।
•• शीघ्रं कुरु नोचेत् त्वं यानं न प्राप्स्यसि ।
(२) यहां से चले जाओ, नहीं तो निकाल दिए जाओगे
= इत: बहिर्गच्छ नोचेत् त्वं निष्कासनं करिष्यसे।
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कहीं------न/ऐसा न हो कि
(३)••कड़ी मेहनत करो, कहीं फेल न कर जाओ।
••कड़ी मेहनत करो, ऐसा न हो कि फेल कर जाओ।
= कठोरं परिश्रमं कुरु नोचेत् त्वं अनुत्तीर्णं भवितुं शक्ष्यसि।
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(५)बल्कि/इसके विपरीत-----
उसने मेरा नुकसान नहीं किया,बल्कि मेरी मदद की
= स मां न विहिंसितवान् , अपितु मम साहाय्यं कृतवान्।
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(६)कहीं का----
मूर्ख कहीं का
= अयि मूर्खराज!
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(७)तब कहीं----
तब कहीं उसने अपनी जान बचाई
= अन्तत: स स्वप्राणान् रक्षितवान्।
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(८)वह कभी मेरा दोस्त था
= कदाचित् स मम मित्रम् आसीत्।
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(९)कभी भी---
वह कभी भी आ सकता है
= स कदापि आगन्तुं शक्नोति।
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(१०)कभी भी नहीं----
वह मेरी मदद कभी भी नहीं कर सकता
= स मम साहाय्यं कदापि न कर्तुं शक्नोति।
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(११)कभी कभी
वह मेरे यहां कभी कभी आया करता है
= स मम अत्र यदा-कदा आगच्छति।
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(१२)कभी-न-कभी/एक-न-एक दिन----
वह कभी-न-कभी पछतायेगा अवश्य
=स कदाचित् अवश्यमेव अनुशोचिष्यति/परितपिष्यति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
उपपदविभक्तयः (upapadavibhaktayaḥ)
These are words which require a particular case when they are used.
Following are some examples according to the case:
द्वितीया विभक्तिः (dvitīyā vibhaktiḥ) (Second Case): Some indeclinables require this case such as – परितः (paritaḥ). This word means, “On all four sides”. Here, the thing that is surrounded on all four sides requires this case.
आम्रवृक्षं परितः वानराः सन्ति। (āmravṛkṣaṃ paritaḥ vānarāḥ santi।) this means, “The monkeys are on all four sides of the mango tree”. Here, the word, “आम्रवृक्षम्” is in the second case as it signifies the thing on all four sides of which the monkeys are.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
These are words which require a particular case when they are used.
Following are some examples according to the case:
द्वितीया विभक्तिः (dvitīyā vibhaktiḥ) (Second Case): Some indeclinables require this case such as – परितः (paritaḥ). This word means, “On all four sides”. Here, the thing that is surrounded on all four sides requires this case.
आम्रवृक्षं परितः वानराः सन्ति। (āmravṛkṣaṃ paritaḥ vānarāḥ santi।) this means, “The monkeys are on all four sides of the mango tree”. Here, the word, “आम्रवृक्षम्” is in the second case as it signifies the thing on all four sides of which the monkeys are.
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@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - दीपावलिः
🗓१६/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (दीपावल्याः आचरणं कथं भवतां प्रदेशे भवतीति वक्तव्यम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
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🗓१६/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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Super group @Ask_sanskrit
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया दोपहर 12:34 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 16 नवम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा प्रातः 03:01 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - सुकर्मा सुबह 10:00 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - दोपहर 01:47 से 03:10 तक
⛅ सूर्योदय - 06:53
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:10 से 06:02 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया दोपहर 12:34 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 16 नवम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा प्रातः 03:01 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - सुकर्मा सुबह 10:00 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - दोपहर 01:47 से 03:10 तक
⛅ सूर्योदय - 06:53
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:10 से 06:02 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल तृतीया
🍃अभ्युपयुक्ताः सद्भिर्गतागतैरहरहः प्रखिन्दानाः।
कृपणजनसन्निकर्ष प्राप्यार्थाः प्रस्वपन्तीव।।
🔆 निरन्तरं सज्जनैः उपयोगे नीयमानं धनं इतस्ततः गत्वा श्रान्तः भवति किन्तु तदेव कृपणहस्ते गत्वा विश्रामं करोति।
कविः व्यङ्गरूपेण कृपणतां समापयितुं कथयति।
⚜अच्छे लोगों द्वारा नियमित उपयोग किए जाने और प्रतिदिन क्रय-विक्रय में थका हुआ धन, किसी कंजूस के चंगुल में पड़कर आराम यानी सोता हुआ प्रतीत होता है।
#Subhashitam
कृपणजनसन्निकर्ष प्राप्यार्थाः प्रस्वपन्तीव।।
🔆 निरन्तरं सज्जनैः उपयोगे नीयमानं धनं इतस्ततः गत्वा श्रान्तः भवति किन्तु तदेव कृपणहस्ते गत्वा विश्रामं करोति।
कविः व्यङ्गरूपेण कृपणतां समापयितुं कथयति।
⚜अच्छे लोगों द्वारा नियमित उपयोग किए जाने और प्रतिदिन क्रय-विक्रय में थका हुआ धन, किसी कंजूस के चंगुल में पड़कर आराम यानी सोता हुआ प्रतीत होता है।
#Subhashitam
जपतः नास्ति पातकम्। अत्र जपतः इत्यस्य पदस्य वचनं किम्।
Anonymous Quiz
12%
द्विवचनम्
28%
पञ्चमी
21%
षष्ठी
39%
एकवचनम्
(ध्यान आकृष्ट कैसे करें)
----------------------------
(१)क्षमा करें!क्या मैं आपका नाम जान सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतो नाम ज्ञातुं शक्नोमि।
(२)क्षमा करें!क्या मैं आपका मोबाइल उपयोग कर सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतः चलभाषस्य उपयोगं कर्तुं शक्नोमि?
(३)क्षमा करें!क्या आप मुझे राह बता सकते हैं?
→ क्षम्यताम्!अपि भवान् मां मार्गं बोधितुं शक्नोति?
(४)क्षमा करें! क्या मैं आपकी कलम का उपयोग कर सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतः लेखन्याः उपयोगं कर्तुं शक्नोमि?
(५)क्षमा करें!फिर से कहें।
→ क्षम्यताम्! पुनः कथयतु।
------------------------------
(समर्थन और विरोध में नारा कैसे लगाएं)
-------------------------------
(१) समाजवाद जिन्दाबाद।
→ साम्यवादो जयतु/जीवतु।
(२) लोकतंत्र जिन्दाबाद।
→ प्रजातन्त्रं जयतु /जीवतु।
(३) सामाजिक न्याय जिन्दाबाद।
→ सामाजिकन्यायो जयतु /जीवतु।
(४) पूंजीवाद मुर्दाबाद।
→ पूञ्जीतन्त्रं नश्यतु/म्रियताम्।
(५) तानाशाही मुर्दाबाद।
अधिनायकत्वं नश्यतु /म्रियताम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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(१)क्षमा करें!क्या मैं आपका नाम जान सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतो नाम ज्ञातुं शक्नोमि।
(२)क्षमा करें!क्या मैं आपका मोबाइल उपयोग कर सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतः चलभाषस्य उपयोगं कर्तुं शक्नोमि?
(३)क्षमा करें!क्या आप मुझे राह बता सकते हैं?
→ क्षम्यताम्!अपि भवान् मां मार्गं बोधितुं शक्नोति?
(४)क्षमा करें! क्या मैं आपकी कलम का उपयोग कर सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतः लेखन्याः उपयोगं कर्तुं शक्नोमि?
(५)क्षमा करें!फिर से कहें।
→ क्षम्यताम्! पुनः कथयतु।
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(समर्थन और विरोध में नारा कैसे लगाएं)
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(१) समाजवाद जिन्दाबाद।
→ साम्यवादो जयतु/जीवतु।
(२) लोकतंत्र जिन्दाबाद।
→ प्रजातन्त्रं जयतु /जीवतु।
(३) सामाजिक न्याय जिन्दाबाद।
→ सामाजिकन्यायो जयतु /जीवतु।
(४) पूंजीवाद मुर्दाबाद।
→ पूञ्जीतन्त्रं नश्यतु/म्रियताम्।
(५) तानाशाही मुर्दाबाद।
अधिनायकत्वं नश्यतु /म्रियताम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
उपपदविभक्तयः (upapadavibhaktayaḥ) These are words which require a particular case when they are used. Following are some examples according to the case: द्वितीया विभक्तिः (dvitīyā vibhaktiḥ) (Second Case): Some indeclinables require this case such as – परितः…
Some other indeclinables also require this case such as सर्वतः (sarvataḥ), उभयतः (ubhayataḥ), अभितः (abhitaḥ), धिक् (dhik), प्रति (prati), अधोऽधः (adho’dhaḥ), उपर्युपरि (uparyupari), विना (vinā), समया (samayā), निकषा (nikaṣā), विना (vinā), etc.
Some roots also require this case for their verb forms such as – √गम् (√gam) this means, “To go”. The place where we go requires this case e.g. अहं विद्यालयं गच्छामि। (ahaṃ vidyālayaṃ gacchāmi।) this means, “I go to school”. Here, the word, “विद्यालयम्” is in the second case as it signifies the place where I go.
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Some roots also require this case for their verb forms such as – √गम् (√gam) this means, “To go”. The place where we go requires this case e.g. अहं विद्यालयं गच्छामि। (ahaṃ vidyālayaṃ gacchāmi।) this means, “I go to school”. Here, the word, “विद्यालयम्” is in the second case as it signifies the place where I go.
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